राजमहल 1 पार्ट 6 – Hindi Sex Kahani

लेखक – सीमा सिंह

आगे की कहानी

वरुण ने एक दो जोरदार धक्के लगाए और अपना पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया, अब वो दासी के स्तनों को भी सहलाने लगा, उसके होंठों को अपने होंठों में ले लिया और नीचे से तेज-तेज धक्के लगाने लगा।

अब दासी का शरीर अकड़ने लगा, वरुण ने उसे कस कर पकड़ लिया और अपना लंड थोड़ा बाहर करके अन्दर को एक जोरदार झटका लगाया।

वरुण के झटका लगाते ही दासी के मुँह से बस कामुक सिसकारियाँ और अस्पष्ट शब्द निकलने लगे आओ ओ आआ आ सी उउउ अआ आअह् ह्ह्ह्ह्ह आआ औउउउउ ह्ह्ह्ह्ह।

यह कहते ही वो अकड़ उठी और उसकी चूत से पानी वरुण के लंड पर गिरने लगा, उसका गरम पानी उसके लंड की गोटियों को भी भिगोने लगा।

उसकी चूत में वरुण ने एक और जोर से झटका लगाया और उसे उठाकर उसके स्तनों को अपनी छाती से लगा लिया, दासी की जवानी का रस फूटकर लंड को भिगोता हुए नीचे गिर रहा था।

पीछे खड़ा जुबेर हट गया था, दासी बस सिसकार रही थी, उसके मुंह से  मादक सिसकियाँ ही निकल रही थीं ओह्ह आह आह आह।

ऐसे ही दासी का माल छूटने की सिसकारीयों में वरुण बस चुदाई के उन पलों का मज़ा ले रहा था, अब तो उसके लंड ने भी दासी की जवान चूत को न झेलते हुए अपना रस छोड़ने की तैयारी कर ली।

तभी वरुण ने एक और जोर से झटका लगाया और वरुण ने चरम पर पहुँचते हुए चीख मारी उई आह आह उई सी सी, उसके लंड की धार उसके अन्दर गिरने लगी।

इसी के साथ वो दोनों ने एक-दूसरे को कस लिया, अब वो दोनों एक-दूसरे की आगोश में आँखें बंद करके वरुण के झड़ने का मज़ा ले रहे थे, वो दोनों कुछ देर तक ऐसे ही रहे।

इसके बाद उन दोनों ने एक-एक करके कक्ष में ही बने स्नान ग्रह में अपने आप को साफ किया और वापस से कक्ष में आकर लेट गए।

जुबेर भी नंगा हो चुका था, कुछ देर बाद जुबेर ने दासी के होंठों को अपने होंठों में लिया और उसके मुँह में जीभ डाल कर अन्दर-बाहर करने लगा।

उसी तरह दासी भी कभी अपनी जीभ जुबेर के मुँह के अन्दर डाल कर अन्दर-बाहर कर रही थी जिससे उसे बहुत मज़ा आ रहा था।

पीछे से वरुण दासी की पीठ को सहला रहा था और उसने उसको कामुक कर दिया था, दासी के मुंह में मुंह होने के बाद भी कामुक सिसकारियाँ निकल रही थी।

और उसके हाथ अपने आप जुबेर के लंड तक पहुँच चुके थे, उसने भी दासी के होंठों को छोड़ा और उसके स्तनों को हाथ में पकड़ा और उसे दबाकर उसके चूचको को अपने मुँह में डाल लिया ।

जुबेर के एसा करने से दासी और गर्म हो गई और कामुकता से सिसकारती हुई बोली उन्ह आह उम्म्ह  अहह  हय आ आऔ उउउउह्ह् ह्ह्ह।

जुबेर ने वरुण को इशारा किया तो उसने दासी के होंठों को चूसने लगा, और जुबेर दासी के स्तनों को चूसने में लगा था ।

पहले जुबेर ने दासी के चुचक को खूब चूसा और जब दासी की आहें फिर निकलने लग गईं और दासी कामुक सिसकारियाँ लेने लग गई।

तो जुबेर ने दासी के चुचको को छोड़ उसके स्तनों को भी चूसा, फिर उसका जिस्म चूसता हुआ उसके नीचे की तरफ जाने लगा।

ऊपर वरुण उसके होंठों के साथ साथ कभी कान, कभी गालों को और कभी उसके कन्धों को चूस रहा था, दासी उन दोनों मर्दों की चुसाई से काफी गर्म हो चुकी थी।

जुबेर दासी को चूसता हुआ उसके पेट तक आ गया, वो उसकी नाभि को चूस रहा था और उस पर किस कर रहा था, दासी लगातार आहें भर रही थी।

वरुण ने दासी को उल्टा कर दिया और अब उसके नितम्ब और पीठ उनकी तरफ थी, वरुण उसके आगे बैठ गया और जुबेर उसके पैरो की तरफ बैठ गया।

वरुण दासी की पीठ और गर्दन को चूसने लगा और कभी-कभी आगे से उसके मुँह को ऊपर उठा कर उसके होंठ चूस लेता।

इधर जुबेर दासी की चूत तक पहुँच चुका था, तभी दासी की साँसें तेज हो गईं  उन्ह उन्ह आआ औउउ उउह्ह्ह्ह्ह वो बहुत गर्म होगई थी।

दासी की चूत बिल्कुल गीली थी, जुबेर ने उसकी गीली चूत पर अपनी जीभ लगाई और उसकी चूत का गीला सा रस चाटना शुरू कर दिया।

जैसे ही उसने उसकी चूत को अपनी जीभ से टच किया तो दासी सिसकार पड़ी और जैसे ही उसकी चूत से थोड़ा सा पानी निकला तो जुबेर ने अपनी जीभ से चाट लिया।

अब दासी को सीधा कर जुबेर ने उसका एक चुचक अपने हाथ में ले लिया और दूसरा चुचक वरुण के होंठों में दबा था और वो उसे चूस रहा था।

दासी के मुंह से सिसकारियां निकल रही थी उ उ आ उ आ आआ ह्हह्ह आउउ उउह्ह ह्ह, कुछ देर की चुसाई के बाद वो दोनों ने चुचक छोड़ दिए।

अब वो दोनों दासी के नीचे की ओर आ गए, वरुण दासी की गांड़, और चूत और गांड की बीच की दरार, नीचे की चूत को चाट और चूस रहा था।

और जुबेर दासी की चुत और उसकी चूत के ऊपर उसके चूत के दाने को चाट और चूस रहा था, दासी बहुत जोर – जोर से सिसकार रही थी।

आआ आह्ह् ह्ह्ह्ह आआआआ ह्ह्ह्ह्ह् उ उ आ उ आ आआ ह्हह्ह आउउउ उह्हह्ह आखिर दो मर्दों से उसकी चुसाई हो रही थी तो वो सिसकारे भी क्यों न।

जुबेर ने पलंग पर लेटकर दासी को अपने ऊपर आने को कहा, अब जुबेर का लंड दासी के मुँह में था और दासी की चूत उसके मुँह के पास थी ।

दासी की एक चूत और दो तरफ़ से चूत की चटाई, नीचे से उसकी Hindi Sex Kahani गांड के ऊपर और चूत के पास वरुण चूस रहा था और वो दासी की चूत में भी जीभ डाल रहा था।

जुबेर ने दासी की चूत के अन्दर अपनी जीभ जैसे ही डाली तो उन दोनों राजकुमारों की जीभ दासी की चूत के अन्दर हो गई और दासी झड़ गई।

उन दोनों ने उसके चूत का पानी को पीना शुरू कर दिया,

और साथ में उसकी चूत को खूब चूसा, वो सिस्कारियां लेकर झड़ती रही।

उसे आस-पास की कोई खबर नहीं थी, दासी का ये झड़ना बहुत कमाल का था, उसने जुबेर का लंड मुँह से निकाल दिया और वो अपनी चूत के झड़ने का ही मज़ा ले रही थी।

उई आह सी सी उई आह मरर गई बस बस उई आहह आह उम्म्ह अहह हय याह आह ई ई उई उओ आआ ह्हह्ह आउउउ उह्हह्ह झड़ गई आह आह उई।

यह कहते हुए वो अपनी चूत से ऐसे रस छोड़ रही थी मानो मूत्र विसर्जन कर रही हो, इस बार दासी का रस बहुत ज्यादा निकल रहा था।

कुछ देर बाद दासी सामान्य हुई तो बोली उफ्फ्फ आज बहुत मज़ा आया, जुबेर ने कहा अभी मज़ा आया कहाँ है, अभी तो आएगा।

जुबेर ने दासी के होठों को चूमा और उसे इस बार घोड़ी बनने को कहा, वरुण ने जुबेर को बोला भाई अब आप दासी की चूदाई शुरू करो।

जुबेर ने हाथ से अपना लंड पकड़ा और कुछ देर दासी के पीछे उसके गांड़ के छेद पर रगड़ने के बाद अपना लंड उसकी गांड के ऊपर रख दिया।

दासी एकदम से चिहुंक कर बोली आराम से करना और उसने अपनी गांड को पीछे करते हुए जुबेर को गांड़ के अंदर लंड डालने का इशारा कर दिया।

जुबेर ने दासी की गांड में एक झटका लगा दिया , उसका आधा लंड उसकी गांड में जा चुका था, कुछ ही धक्कों के साथ जुबेर का पूरा लंड दासी की गांड़ में था।

जुबेर उसकी गांड़ को मारने में लग गया, वरुण ने पहले तो दासी के होंठों को अपने होंठों में लेकर थोड़ा चूसा और फिर चुम्बन करने लगा।

जुबेर उसे घोड़ी बनाकर मजे से चोद रहा था, तो वरुण ने जुबेर को वहीं रुकने का इशारा किया और वरुण दासी के नीचे आ गया।

उसने दासी को बोला तुम अभी गांड में ले और में साथ में तेरी चूत मैं डाल देता हूँ, दासी बोली उई माँ आप दोनों एक साथ करोगे नहीं मैं मर जाऊँगी नहीं करो।

दोनों हंसने लगे और जुबेर ने कहा दासी दो लंड एक साथ लेकर तो देख, तुझे स्वर्ग का मज़ा आ जाएगा, अगर दिक्कत हुई तो हम निकाल लेंगे।

और दासी की गर्दन पर चूम लिया, उसने भी वरुण को चूमा और सहमति का इशारा कर दिया, वरुण ने दासी के स्तनों को सहलाया ।

और फिर अपना लंड पकड़ कर दासी की चूत पर रख दिया, दासी की गांड में पहले ही जुबेर का लंड था, अब उसको उन दोनों ने सही अवस्था में किया।

दासी की चूत के मुँह पर वरुण ने अपने लंड की सूपड़ा रखा हुआ था तो उसने थोड़ा सा झटका लगाकर और अपने लंड को दासी की चूत में थोड़ा सा फंसा दिया ताकि वो झटका लगाने की वजह से इधर-उधर न खिसक जाए।

वरुण ने दासी के दोनों हाथ अपने कंधे पर रखवा दिए और उसकी कमर पकड़ कर एक झटका लगाया तो उसका थोड़ा सा लंड दासी की चूत में और घुसता चला गया।

फिर उसने लगातार 4-5 झटके लगाए और अपना लौड़ा दासी की चूत में जड़ तक उतार दिया, उधर जुबेर भी दासी की गांड में फिर से झटके मारना शुरू कर दिए।

अब वो दोनों बराबर झटके लगा रहे थे, कभी एक साथ, कभी रुक-रुक कर, अब दासी को भी बहुत मज़ा आ रहा था।

दासी की गांड और चूत में एक साथ दो राजकुमारों के दो लंड घुसे थे, दासी तो जैसे स्वर्ग में थी और जोर-जोर से चिल्ला कर मज़ा ले रही थी।

आ ओ ओ आआ आ सी उउउ अ आआ अह्ह्ह् ह्ह्ह आआऔ उउउउह्ह् ह्ह्हउउ उउह्ह्ह आआआ ह्ह्ह्ह्ह्ह आआ आआ ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह मर गईईईईई।

दासी की चूत में जब वरुण का लंड जाता तो जुबेर उसकी गांड से अपना लंड थोड़ा बाहर निकाल देता और जब जुबेर उसकी गांड में लंड डालता तो वरुण अपना लौड़ा उसकी चूत से थोड़ा पीछे खींच लेता।

कभी-कभी एक साथ दोनों लंड उसके अन्दर धकेल देते और बाहर निकल लेते, जब दासी के अन्दर उन दोनों के लंड एक साथ जाते तो वो जोर से चिल्लाती आआ ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह मर गईईईईई।

ऐसे वो तीनों चुदाई का मज़ा ले रहे थे तो दासी ने वरुण को कस कर पकड़ लिया, वरुण ने जुबेर को ऊपर से पकड़ लिया और जुबेर ने दासी के ऊपर से अपनी बाजू निकाल कर वरुण को पकड़ लिया।

इस तरह वो तीनों गुत्थम-गुत्था हो गए और वो दोनों के लंड एकदम दासी की चूत और गांड के अन्दर हो गए।

दासी की चूत और गांड तो पहले भी जुबेर और वरुण ने चोदी थी, परन्तु आज एक साथ चोदना उनका ये पहला तजुर्बा था, सो इसमें मज़ा भी आ रहा था।

उई आह आह उई सी  चूत चुद गई फट गई गांड मेरे राजकुमार मेरी चूत फाड़ दी आह उई मर दिया अपने आह आह मेरी गांड आज फट गई।

बकरी समझ लिया है आज तुम दोनों ने मुझे आह आह मास फाड़ दिया  आह उई उई आह आह फाड़ कर रख दी आह आह उई उई गई गई उई।

ऐसे सिसकती हुई दासी झड़ने के बहुत करीब थी, इधर उन दोनों का भी यही हाल था, जुबेर पीछे से उसके गाल और गर्दन को चूम रहा था।

वरुण ने दासी के होंठों को अपने होंठों में लिया और उसके स्तनों को अपनी छातियों में दबा लिया।

इस तरह वो सभी झड़ने के करीब थे, अब दासी तो झड़ने भी लगी थी, उसकी चूत से फिर से नदिया बहने लगी थी, जुबेर के एक ही झटके से वो वरुण के लंड को अपनी चूत में रखे रुक गई थी।

जैसे उसने वरुण का लंड को एक ही जगह पर अपनी चूत में कस लिया था तो वो भी उसकी चूत में से लंड को आगे-पीछे करना बंद कर दिया ।

क्योंकि अब हर झटका जोश से जुबेर दासी की गांड में लगा रहा था, जिससे उसका लंड उसकी चूत में मजे से उतना ही हिल-डुल रहा था।

वरुण ने दासी के होंठों को अपने होंठों में ले लिया और उसके मुँह में कभी अपनी जीभ डाल देता, तो कभी वो वरुण के मुँह में अपनी जीभ डाल देती।

आप मेरे साथ बने रहिए और इस राजमहल कहानी पर किसी भी प्रकार की राय देने के लिए आप मेल पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं.

seema.singh2003@proton.me

Leave a Comment