राजमहल 1 पार्ट 2 Antarvasnastory2.in

लेखक – सीमा सिंह

आगे की कहानी

हमें सूचना देने की कोई जरूरत नहीं है जब तुम्हारे राजकुमार 3 वर्ष के हो जाएंगे तो हम स्वयं वहां आ जाएंगे।

कुलगुरू अपने राज्य लौट आए वहां उन्होंने अपने राजा संतोष और रानी शकुंतला से मिले और उन्होंने बताया उन्हें अपने राज्य को बचाने का तरीका मिल गया है।

कुलगुरु में पहले तरीका ना बताते हुए राजा संतोष और रानी शकुंतला को वह सारी बातें बताई जो उसने उन दोनों से की थी।

यह सब सुनकर रानी और राजा बहुत खुश हुए और कुलगुरू से बोले तरीका पूछने लगे और कुल गुरु ने एक मोती अपनी हाथ में लिया।

और फिर रानी और राजा को बताया कि यह मोती अभी लाल है जिस कन्या के हाथ में यह मोती लाल से सफेद हो जाए, बस वही कन्या हमारे राज्य को  राजकुमार दे सकती  है और कोई नही।

राजा ने पूछा उसके बाद क्या होगा तो कुलगुरु ने बताया कि राजकुमार उसकी चूत मार कर अपना वीरे उसकी चूत में छोड़ देंगे और दूसरे रात को राजा जी आप जाएंगे।

और आप उस की चूत में अपना वीरे छोड़ देगे, इसके 9 माह बाद आपको दो राजकुमार प्राप्त होंगे।

यह सुनकर रानी शकुंतला बोली अगर यह नहीं हुआ तो आप क्या करोगे, तो कुलगुरू ने बोला मैं उसी समय अपना सर कटवा दूंगा।

रानी शकुंतला बोली कुलगुरू आप ही उस लड़की को ढूंढ कर लाएंगे हम उसकी शादी राजकुमार से करवा देंगे, और जैसा आप कहोगे वही सब होगा।

चार माह बाद कुलगुरू एक दूसरे राज्य से एक लड़की को ले आए लड़की का रंग ज्यादा सामला था, और शरीर भी काफी भरा हुआ था।

राजकुमार में उस से शादी कर ली, और वो लड़की तीसरी नई रानी बन गई, कुलगुरू ने एक एक कर अलग से तीनों को समझाया कि उने क्या क्या करना है और कैसे करना है।

राजकुमार कैलाश अंदर कक्ष में गए, कैलाश तीसरी नई रानी के पास गया और उसे अपनी बांहों में भर लिया, रानी ने अपनी आंखें बंद कर लीं और उसका शरीर कांपने लगा।

कैलाश उसके होंठों को चूमने लगा, रानी ने भी जिझक छोड़ के कैलाश का पूरा साथ दिया, वो दोनों बिल्कुल खो गए थे, कैलाश को उसके साथ चूमने में  ऐसा लग ही नहीं रहा था, कि वो दोनों अभी कल ही तो मिले हैं।

कोई कुछ देर तक चूमने के बाद कैलाश अपने हाथ उसके ऊपर के कपड़ो के पीछे ले गया, उसकी कपड़ो की गांठ को पीछे से खोल दिया।

कैलाश ने चूमना खत्म करने के बाद रानी को पलंग पे लिटा दिया और खुद अपने ऊपर के कपड़े उतार कर उसके ऊपर आ गया। 

जब कैलाश ने उसकी आंखों में देखा तो उसे रानी की नजरों में वासना दिखी, ये देख कर कैलाश ने रानी के ऊपर के कपड़े  उतारने लगा, रानी ने भी हाथ ऊपर कर के कैलाश का साथ दिया।

कैलाश रानी की चुचियों को मुँह में लेके चूसने लगा, कैलाश को  इस काम में बहुत मज़ा आ रहा था।

रानी भी धीरे धीरे आवाज़ कर रही थी- अहहाह … अयाया और करो राजकुमार  क क म म ह ह ह  ह ब क मी।

फिर रानी भी मस्ती में आ गई और अपने हाथ को कैलाश की पीठ पे फेरने लगी, वो दोनों ही किसी और दुनिया में आ चुके थे।

कैलाश धीरे धीरे अपना हाथ नीचे ले जाने लगा और उसकी साड़ी के अन्दर हाथ डालने लगा, मगर साड़ी  बहुत कसी हुई थी।

कैलाश ने रानी की मदद से उसकी साड़ी और पेटीकोट उसके बदन से अलग कर दी, 

कैलाश के  होंठ  रानी की कमर के नीचे चल रहे थे और उसका एक हाथ रानी की चुचियां दबाने में लग गया।

थोड़ी देर बाद कैलाश फिर से ऊपर आकर उसके होंठों को चूमने लगा, अब रानी का एक हाथ भी कैलाश की धोती पे आ गया था और रानी  ऊपर से कैलाश के लंड को पकड़ने की कोशिश कर रही थी।

जब रानी से सही से नहीं हुआ, तो धीरे से बोली- अपनी धोती भी उतार दो न,तो कैलाश रानी को छेड़ते  हुए बोला- खुद ही उतार लो न।

रानी नीचे हो गई और कैलाश की धोती उतारने लगी, रानी ने धोती के साथ साथ कैलाश का लंगोट भी उतार दिया , अब रानी कैलाश की तरफ देखते हुए धीरे से उसका लंड हिलाने लगी।

कैलाश उसकी आंखों में वासना से देखते हुए बोला- एक बार मुँह में भी लेके देखो तुम्हें और भी मज़ा आएगा।

उसने मुस्कुरा के सर हां में हिला कर कैलाश को जवाब दिया और लंड के सुपारे पर अपनी जीभ को फिरा दिया, और अगले दो पलों के बाद कैलाश का लंड रानी के मुँह में था।

कैलाश बोला आह कसम से बहुत मज़ा आ रहा था, वो कैलाश का आधा लंड अपनी जुबान में दबा कर चूस रही थी, लंड चुसाई की मस्ती से जोश में आकर कैलाश उसके सिर को अपने लंड पे दबाने लगा।

रानी ने लंड को मुँह में लेने के कुछ देर तक चूसने के बाद उसने लंड को मुँह  से बाहर निकाला, और कैलाश के  बगल में लेट कर टांगें खोलते हुए बोली- अब आपकी बारी।

कैलाश ने नीचे जाके तीसरी रानी की दोनों टांगों को पकड़ा और उसकी चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी, कैलाश अपनी ज़ुबान से उससे चाटने लगा।

कैलाश रानी की चूत चाट रहा था और वो ऊपर मस्ती से चिल्ला रही थी- आह्ह  आह्ह ओह्ह  स्स्स  आह्ह  आईई आह्ह आह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है  आआह  आआह  बस करते रहो आह रुकना नहीं।

थोड़ी देर चाटने के बाद कैलाश ने एक उंगली रानी की चूत के दाने को रगड़ते हुए अन्दर डालने लगा, इससे वो और गर्म हो गई। 

उसके मुँह से और भी तेज सीत्कार निकलने लगीं- आआआ आआआ कैलाश और रानी दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था।

तभी रानी एकदम से अकड़कर कैलाश के मुँह पर अपनी चूत उठाने लगी, कैलाश समझ गया और तेज तेज से रानी की चूत को चाटना शुरू कर दिया।

एक तेज आवाज ‘उम्म्ह अहह हय याह  करती हुई रानी कैलाश के मुंह पर ही झड़ गई।

कैलाश ने रानी की चूत से मुँह नहीं हटाया, कैलाश  उसकी चूत का सारा पानी पी गया, उसका नमकीन और खट्टा शहद उसे जबदस्त मदहोशी दे रहा था। 

कैलाश ने रानी की चूत से निकला एक एक कतरा चाट कर उसे साफ़ कर दिया, उसके होंठ, नाक सब पर रानी की चूत के रस से सन गए थे। 

कैलाश अपनी जीभ से अपनी नाक पर लगे रानी के चूत रस को बड़े स्वाद ले ले कर चाट रहा था और रानी को वासना से देखे जा रहा था।

रानी अपनी आंख बंद किए हुए एकदम शिथिल अवस्था में पड़ी हुई थी, इसके बाद कैलाश उसके पास में जाकर लेट गया, वो दोनों पलंग पे नंगे लेटे हुए थे।

कैलाश उसकी चुचियों को धीरे धीरे सहलाए जा रहा था, एक दो पल बाद रानी भी कैलाश का  लंड हिलाने लगी, कुछ ही पलों बाद रानी  खुद उठ कर लंड मुँह में लेने लगी।

और देखते ही देखते कैलाश का  लंड कठोर हो गया, अब कैलाश से भी रहा नहीं जा रहा था और रानी से भी, कैलाश उसको लेटा कर रानी के ऊपर आ गया और अपना लंड धीरे धीरे उसकी चूत की फांकों पर फेरने लगा।

रानी भी कामुकता के नशे में दोनों टांगों को इस तरह फैला कर  कैलाश को दिखाने लगी कि अपना लंड मेरी चूत में डाल दो।

इतना इसारा मिलने के बाद कैलाश ने धीरे से रानी की चूत पर लंड रख के एक झटका मारा,  लंड थोड़ा अन्दर चला गया, उसे दर्द तो हुआ मगर वो ज्यादा चिल्लाई नहीं।

रानी ने बस अपने होंठों को दांत से दबा लिया, कैलाश समझ गया कि कन्या अभी कुंवारी है ,  जबकि लंड चुसाई के समय तो कैलाश  सोच रहा था कि ये चूस हुआ आम है।

कैलाश  लंड डाले हुए रानी की चूत पर धीरे धीरे हिलने लगा, जब उसको थोड़ा सामान्य लगा, तब रानी ने अपनी बाँहें कैलाश की पीठ पर कस दीं।

कैलाश ने  इसे रानी का इशारा समझा और दुबारा से एक झटका दे मारा, इस बार कैलाश ने  अपना पूरा लंड रानी की चूत  में उतार दिया।

रानी बहुत तेजी से चिल्लाई, मगर कैलाश ने  रानी के मुँह पे अपने होंठ रख दिए थे, रानी ने अपने हाथों से कैलाश की पीठ में नोंचना शुरू कर दिया।

रानी तड़फ कर कहने लगी- आह पति देव निकाल लो, में मर गई, अभी मुझे बहुत दर्द हो रहा है,  अभी नहीं करना मुझे।

मगर कैलाश अब कहां रुकने वाला था, उसने धीरे धीरे लंड को हिलाना शुरू कर दिया,  शुरू में तो रानी दर्द से तड़फ रही थी, मगर बाद में जब लंड ने अपना काम शुरू कर दिया, तो रानी भी मज़े लेने लगी।

रानी काम वासना में कूल्हे उठाते हुए बोलने लगी कि आह राजकुमार मजा आ रहा है,  तुम करते रहो,  रुकना नहीं, मैं इसी दिन का कब से इंतजार कर रही थी।

रानी बोली की मुझे कहां मालूम था कि मेरी चूत पे एक राजा का नाम लिखा था,  बहुत मज़ा आ रहा हाईईईई,  रुकना नहींयाअ, आआहह आआहह।

थोड़ी देर उसी अवस्था में चुदाई करने के बाद कैलाश ने रानी से ऊपर आने को बोला,  वो बिना वक़्त गंवाए झट से कैलाश के ऊपर आ गई।

अब रानी कूल्हे और चूचे उछाल उछाल कर कैलाश के  लंड पर मचल रही थी, कैलाश नीचे से कमर उठा कर रानी की  ठोकरों से अपना साथ मिलाकर ठोकर मर रहा था।

कक्ष में उन दोनों की कामुक आवाजें गूँज रही थीं, सच में इस चुदाई में दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था।

रानी का शरीर अकड़ने लगा और थोड़ी देर बाद वो झड़ गई, फिर कैलाश ने अपने लंड से गर्म गर्म वीरे रानी की  चूत में छोड़ दी और फिर वो दोनों निढाल होकर बिस्तर पर पड़े रहे ।

वो दोनों बिस्तर पर थोड़ी देर तक ऐसे ही लेटे रहे, कैलाश की सांसें काफी तेज तेज़ चल रही थी और उन दोनों का  पूरा शरीर पसीने से तरबतर हो गया था।

रानी ने अपने दाहिने हाथ को कैलाश के सर के बालों में घुमाने लगी, शायद रानी को अच्छा लग रहा था और रानी  अपनी आंखें बंद करके थोड़ी देर ऐसे ही लेटी रही।

थोड़ी देर बाद कैलाश ने रानी के  माथे पर चुम्बन किया जो रानी को अच्छा लगा और कैलाश ने अपनी दोनों बांहों में रानी को अपने सीने से लगा लिया ।

जब उन दोनों की सांसे थमी तो वो रुके और कुछ देर आराम किया फिर एक दूसरे को चूमने लगे इस से कुछ ही  पल बाद कैलाश का लंड खड़ा हो गया।

तभी रानी  उठ कर कैलाश के  ऊपर आ गई और लंड को हाथ से पकड़ कर अपनी चूत  पर सेट करते एक बार में ही बैठ गई।

‘आअह उफ फ्फ ’ की आवाज़ रानी के  मुँह से निकल गई, और रानी  जोर जोर से कैलाश के लंड पर कूद रही थी, आह राजकुमार  आआह्ह उफ्फ फ्फ्फ़  उफ्फ आअह  हह ह उआह उउईई।

कैलाश भी रानी की  रिदम में आकर नीचे से झटके लगाने शुरू किये, ताल से ताल लंड से चूत का मिलन होना शुरू हो गया।

फिर रानी ने अपने कूल्हों को गोल गोल घुमा कर लंड की चक्की चलाई और फिर ऊपर नीचे हो कर चुदाई के मज़े लूटने लगी।

कैलाश भी अपने कूल्हे ऊपर उछाल उछाल कर रानी के धक्कों का जवाब देने लगा, रानी की चुची मस्ती में उछल रही थी और उसके चेहरे पर एक मादक मुस्कान थी।

कैलाश ने देर न करते हुए रानी की चुची को मुँह में भर लिया और चूसने लगा, रानी को बहुत मजा आ रहा था, वह कहे जा रही थी- और ज़ोर से! और ज़ोर से और जोर से आह आह ।

शायद ये सब पास रखे उस मोती का असर हो रहा है, जिससे ये दोनों बेकाबू हो गए थे, इने खुद एहसास नहीं था कि वो दोनों इसने बेकाबू क्यों हो रहे है।

रानी मजे से अहहहा अहहह हहा हायय हाययय कर रही थी, कैलाश रानी की चूत का पूरा मजा ले रहा था, रानी के कई बार झड़ने के कारण रानी की चुत बिल्कुल गीली थी। antarvasna

लंड बड़े आराम से अंदर बाहर हो रहा था, तीसरी रानी पागल हो गई थी, बाल बिखर चुके थे, चेहरे पर पसीना और कक्ष में मादक सी सिसकारी आअह ह्ह आह्ह ऊह्ह ह्हह आआआअह ऊऊऊओह्ह आआऊऔऊऊ उस्सह्हह, आआआअह्ह ऊओह आअह्हह ऊऊऊओह्ह आऊऊ औऊऊउस्स।

कक्ष में चुदाई की आवाज़ और आआआअह्ह ऊओह्हह्ह की आवाज़ भर गई, वो पागल सी हो गई और कैलाश भी,  रानी जो जोर से लंड को अंदर बाहर करने लगी आआअह ह्हह्ह आहह उउऊहह आआह उऊओओ ओहहह।

हम दोनों की गति बढ़ गई थी, पूरे कक्ष में फच्च-फच्च की मधुर आवाज़ें आ रहीं थीं, रानी चीखती जा रही थी और तेज़ आआ आ इइईई उउउऊ ऊऊ मररर गईईई मैं तो । https://www.antarvasnastory2.in/

कैलाश की उत्तेजना बढ़ गई और वो उसे तेज़ी के साथ नीचे से चोदता रहा, कुछ ही देर में रानी चिल्लाई मैं अब झड़ने वाली हूँ।

आप मेरे साथ बने रहिए और इस राजमहल कहानी पर किसी भी प्रकार की राय देने के लिए आप मेल पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं.

seema.singh2003@proton.me

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