ऐसी भाभी सबको मिले – Bhabhi Sex Story

यह कहानी आपको किसी भी तरह से किसी के साथ गैर समभंद बनाने को नहीं कहती और न बढ़ावा देती ! ऐसा करना गलत और गैरकानूनी हैं! कहानी पढ़कर आपकी मानसिकता पर असर पढता हैं तो ये वेबसाइट छोड़ दे! अगर कहानी को सिर्फ मजे के लिए पढ़ रहे हैं तो पूरा मजा लेकर कहानी पढ़े!

धन्यवाद

दोस्तों आज की कहानी का नाम ऐसी भाभी सबको मिले हैं और ये कहानी मेरी और मेरी भाभी की हैं!

मेरा नाम सोहन हैं और मेरी उम्र 22 साल हैं, हाइट और शक्ल से ठीक ठाक हूँ!

मेरी भाभी नाम रूपा हैं. उम्र 28 साल हैं, दिखने में खूबसूरत, शरीर भरा हुआ हैं. बूब्स बड़े कमर मस्त और गांड उबरी हुई!

अब सीधा कहानी पर आते हैं, मेरे घर में मम्मी पापा, भैया भाभी और मैं हम 5 रहते हैं!

मैं एक पढ़ाकू लड़का हूँ जिसकी पूरी जिंदगी अच्छे नंबर लाने में निकल गयी!

सेक्स तो बहुत दूर की बात यंहा आज तक गर्लफ्रेंड तक नहीं बनाई, पढ़ाई के चक्क्र में लड़कीओ से दूर रहता था!

मैं अपनी उम्र से बहुत छोटा लगता हूँ, दाढ़ी मुछे भी अभी तक नहीं आयी हैं!

सब मुझे पढ़ाकू और भोला समझते हैं और मैं भी यही समझता था जबतक वो रात नहीं आयी!

दोस्तों लड़कियों से दूर तो मैं रहता थी अश्लील वेबसाइट से भी दूर ही रहता था ये समझ लो जाने अनजाने में मुझे किसी ने फोटो दिखा दी होगी बिना कपड़ो की लड़की की!

इससे ज्यादा मैंने कुछ देखा भी नहीं रियल लाइफ में तो बिलकुल भी नहीं!

तो बहार तो लड़कीओ से दूर रहे लूंगा जब घर में ऐसी खूबसूरत भाभी हो तो दूर कहा जा सकता था!

ये कहानी कुछ साल पहले की हैं उस समय उम्र कम थी !

सब घर में मुझे छोटा बच्चा समझते थे, बहुत प्यार करते थे!

भाभी भी मुझे अच्छे नंबर और अच्छे काम के लिए गले से लगा लेती थी और कभी कभी हाउ क्यूट बोलकर गाल पर किस!

ये सब से मैं घबरा जाता था पर कुछ बोलता तो वो समझते की इसके दिमाग में गंदगी भरी हैं!

एक दिन हम सब शादी में जा रहे थे तो सब कपड़े बदल रहे थे भैया ने कहा जा भाभी से मेरी टाई लेकर आ जल्दी!

मैं भागकर गया तो भाभी के कमरे में घुस गया, हलाकि वो साड़ी पहन चुकी थी पर ब्लाउज के हुक बंद नहीं थे!

उनके आधे से ज्यादा बूब्स दिख रहे थे एक दम दूद की तरह सफ़ेद!

ये सब देखकर मेरा खड़ा हो गया और चेहरा लाल!

भाभी को फर्क नहीं पड़ता था क्युकी उन सब के लिए मैं बच्चा था!

पर मुझे तो बहुत फरक पढ़ा जैसे तैसे मैं वो सब भूल गया लेकिन ऐसे किस्से बार बार होते रहते थे!

एक बार घर पर कोई नहीं था भाभी अपने कपड़े अंदर ले गयी थी लेकिन उनका सलवार बहार ही रह गया!

मैं घर आया तो भाभी ने पूछा कोन हैं ? मैंने कहा भाभी मैं आया हूँ !

भाभी ने कहा मेरा सलवार देखना बहार गिर गया हैं क्या ?

मैंने कहा हां भाभी ने कहा लाओ मुझे पकड़ा दो, मैंने कहा लीजिये तो भाभी ने बजाये दरवाजे के ऊपर से लेने के दरवाजा हल्का सा खोल दिया!

हल्का सा बहार निकली और बोला लाओ दो, मेरा ध्यान उनके गोरे भीगे चेहरे पर था उनके गोरे भीगे कंधे पर!

उन्हें सलवार पकड़वाया तो सलवार गिर गया तो भाभी ने तुरंत उसे पकड़ लिए इसी बीच भाभी का एक पैर दरवाजे से बहार दिख गया!

वो सलवार संभाल कर खड़ी हुई और बोला थैंक यू, जब खड़ी हुई तो उनकी नंगी गोरी जाँघे दिखी और हलकी शसि चूत के बाल!

और दरवाजा डक कर कपड़े बदलने लगी!

ये सीन तो दिमाग से जा ही नहीं रहा था तो मजबूरी में मुझे भाभी के नाम की मुठ मारनी पड़ी ताकि दिमाग में वो सब ना रहे!

ऐसा मुझे दो बार करना पढ़ा क्युकी वो दिमाग से नहीं जा रही थी, उनका भीगा बदन, भीगी गोरी जाँघे और वो हलके चूत के बाल!

एक दिन भैया और भाभी के बिच कुछ अनबन हो गयी तो भैया गुस्से में दूसरे कमरे में आ गए!

घर छोटा था दो कमरे थे एक मैं हम सब दूसरे में भैया भाभी, तो भैया ने बोला इधर जगह नहीं हो पायेगी!

तू जाकर भाभी के कमरे में सोजा और मैं इधर सो रहा हूँ!

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