राजमहल 1 पार्ट 9

लेखक – सीमा सिंह

आगे की कहानी

सीमा कैसे में तुम्हारे लिए कुछ करूँगा, आप तो जानती हो कि एक पति का काम ही है अपने जीवन संगनी को अच्छे से खुश रखना।

सीमा ने थोड़ा झिझकते हुए कहा जब आपने नीचे चुम्बन किया, तो मुझे समझ में ही नहीं आया कि क्या हुआ मुझे, इतना अच्छा मुझे कभी नहीं लगा था।

वो अहसास मैं कैसे बताऊं आपको, मेरी समझ में नहीं आ रहा है, तो जुबेर बोला ये सब तो शादी के बाद हर नारी को करना पड़ता है।

और इन सब में अगर संकोच करोगी तो जीवन का हसीन पलों को खो बैठोगी, में चहता हूं कि तुम भी संभोग में मेरा साथ दो।

अब जुबेर उसके गालों पर, गले पर, बांहों में और पीठ पर चुम्बनों की बरसात करने लगा, तभी सीमा ने तिरछी निगाहें बार बार उसके फूले हुए लंगोट की तरफ जा रही थी।

कुछ देर और चाटने के बाद वो हटा और अपनी लंगोट को खोलने लगा, लंगोट खुलने के बाद जुबेर पूरा नंगा हो गया, उसने लंगोट को नीचे फेंक दिया।

जुबेर की जांघों के बीच में फन उठा कर फुंफकारता हुआ काला नाग पहली बार सीमा की आंखों के सामने आया,जिसे देख कर उसकी सांसें जैसे थमने लगी थी।

उसका लंड बिल्कुल काला था और उसकी नसें पूरी तनी हुई थी, उसके काले लंड का मोटा काला सुपारा देख कर सीमा को पहली बार डर लगा।

कि ये इतना मोटा लंड मेरी छोटी सी चूत में जायेगा कैसे, लंड के नीचे झूलते हुए बड़े से अंडकोष और भी ज्यादा भयानक दिख रहे थे ।

फिर जुबेर ने लंड को हाथ में थाम लिया और वो अपने हाथों से लंड को आगे पीछे करने लगा, उसका सुपारा उंगलियों से बाहर आकर जैसे सीमा को नमस्कार कर रहा था।

जुबेर को भी इस बात का अहसास हो गया था कि उसकी चूत उसके लंड के हिसाब से काफी छोटी है और जुबेर का मूसल लंड देख कर सीमा की हवाइयां उड़ गईं थी।

बिना कुछ बोले एकटक वो उसके लंड को देखे जा रही थी, अब जुबेर पलंग से नीचे खड़ा हो गया, सीमा को लंड को पकड़ने को कहा।

सीमा नीचे बैठ कर उसकी तरफ देखते हुए धीरे से जुबेर के लंड को हिलाने लगी, वो उसकी आंखों में वासना से देखते हुए बोला एक बार मुँह में भी लेके देखो।

तुम्हें और भी मज़ा आएगा, पहले तो सीमा ने मना किया पर जुबेर के बार-बार कहने पर उसने मुस्कुरा के सर हां में हिला कर उसे जवाब दिया।

और लंड के सुपारे पर अपनी जीभ फिरा दी, कुछ पलों के बाद जुबेर के लंड का सुपारा उसके मुँह में था।

जुबेर को बहुत मज़ा आ रहा था, वो उसके लंड का सुपारा अपनी जुबान में दबा कर चूस रही थी, लंड चुसाई की मस्ती से जोश में आकर जुबेर ने उसके सिर को अपने लंड पे दबाने लगा।

जुबेर का लंड उसके मुंह में एक दम से कुछ अंदर गया कि उसे बहुत दर्द हुआ और वो उससे अलग होकर खांसते हुए बोली स्वामी क्या जान से मारना है मुझे?

तुम्हारा लंड बहुत मोटा है मैं धीरे धीरे ही ले पाऊंगी, जुबेर ने उससे कहा मुझे छमा करे, अब जुबेर लेट कर दुबारा अपना लंड उसके मुँह में देने लगा।

और साथ में ही सीमा को गुमाकर उसकी चूत को अपने मुंह के पास ले आया, वो उसका लंड मुँह में लेकर चूस और चाट रही थी।

तो जुबेर उसकी चूत में अपनी जुबान से चुसाई और चटाई कर रहा था, इस चूत चटाई से सीमा बहुत गर्म हो चुकी थी और जोश में आकर लंड के ऊपर बार-बार अपना मुंह मार रही थी।

जुबेर समझ गया कि अब उसने कुछ और देर इसकी चूत चाटी तो यह अपना पानी छोड़ देगी और फिर शांत हो जाएगी, तो उसने उसकी चूत को चाटना छोड़ दिया।

अब जुबेर ने उसे हटाया और सीमा के ऊपर आ गया और अपने होंठों को उसके होंठ पर रखने लगा, उसके मुंह से सीमा को उसके चूत के पानी की भी महक आ रही थी।

सीमा के होंठों को चूमते हुए जुबेर बोला तैयार हो न ? डर तो नहीं लग रहा ? सीमा बोली स्वामी लग तो रहा है पर आप आराम से करना।

ये सब मेरा पहला अनुभव है इससे पहले मैंने कभी किसी मर्द को बिना कपड़ों के देखा तक नहीं है, मन में घबराहट हो रही है बहुत।

तो जुबेर बोला कुछ नहीं होगा, तुम मुझ पर विश्वास रखो,   थोड़ा सा दर्द सहन कर लेना बाकी सब ठीक हो जाएगा, शादी के बाद सभी नारी की चुदाई होती है।

जुबेर जानता था कि उसके इतना कहने के बाद भी सीमा का मन का डर खत्म नहीं हुआ क्योंकि वो जान गई थी कि इतना मोटा लंड इतनी आसानी से अंदर नहीं जाने वाला है।

इस डर से उसका शरीर कांपने लगा जुबेर समझ गया कि वो डर रही है तो उसने उसको अपनी बांहों में जकड़ लिया और एक हाथ से लंड को चूत पर रगड़ने लगा।

थूक लगा होने के कारण लंड चूत पर काफी फिसल रहा था जिससे जुबेर को अलग ही तरह का मजा मिल रहा था।

जुबेर सीमा की चूत पर अपने लंड का सुपारा घिसता जा रहा था और वो उस रगड़न का मजा अपनी आंखें बंद करके लिये जा रही थी।

ऐसा करते हुए जुबेर ने लंड को चूत के छेद पर टिका दिया और जोर देते हुए अंदर डालने का प्रयास करने लगा, मगर लंड इतना मोटा था कि आसानी से अंदर नहीं जा रहा था।

अब जुबेर ने फिर से तेज़ी से चुम्बन शुरू कर दिया और सीमा के दोनों हाथों को जोर से पकड़ लिया और अचानक से एक धक्का लगा दिया।

फच्च की आवाज़ के साथ उसका लंड का सुपाड़ा उसकी चूत में घुस गया, पहले झटके में ही उसकी जोर से चीख निकली आईई ममम अआई ईई नहींईईई  मर गयी मां आआ आह्ससस  नहीं  आआआ हे भगवान आ ह्ह्ह्ह् ह् ह्ह्ह्ह मर गईईई ईई।

जब जुबेर सीमा की चूत पर लंड रगड़वाने में उसे जितना मजा मिल रहा था अब उससे कई गुना ज्यादा दर्द उसकी चूत में होने लगा था।

इतना भयानक दर्द भी सीमा ने कभी अपनी जिन्दगी में महसूस नहीं किया था, उसकी आंखों के सामने अंधेरा सा छाने लगा था।

सीमा जुबेर को अपने ऊपर से धक्का देकर उतारने लगी, जोर जोर से अपने पैर पटकने लगी, मगर उसकी हर कोशिश नाकाम रही।

जुबेर ने अपने चूतड़ों को आगे करते हुए जोर देते रहे और लंड फिसलता हुआ चूत की गहराइयों में उतरता चला गया।

सीमा जोर जोर से रोने लगी निकाल लो स्वामी निकाल लो मैं नहीं सह सकती निकाल लो मेरे प्राण निकल रहे है में मर जाऊंगी मुझे छोड़ दो।

जुबेर बोला बस कुछ देर रुको कुछ नहीं होगा, सीमा बोली नहीं स्वामी, निकाल लो, मगर वो नहीं माना और हल्के हल्के लंड आगे पीछे करने लगा।

उनके हर धक्के पर हर बार सीमा की आँखें जैसे बाहर निकल आती और मुँह फटा का फटा रह जाता, शायद उसे इतना दर्द हो रहा था कि शब्दों में बयां करना मुश्किल है।

कुछ देर तक जुबेर ने उसे हल्के हल्के चोदता रहा, पर उसके दर्द में कोई फर्क नहीं पड़ा, अब उसने सीमा के हाथ छोड़ कर उसके पैरों को फैला दिया और हाथों में पैरों को फंसा लिया।

अब उसने अपनी रफ़्तार तेज़ करनी शुरू कर दी, सीमा चिल्लाती और रोती रही मगर जुबेर ने उसकी  आवाज़ को अनसुना करते हुए उसे चोदता रहा।

सीमा की गर्दन और गालों को लगातार चूमते हुए अपने सीने से उसके स्तनों को दबाता रहा, ऐसा लग रहा था जैसे सीमा की तड़प से उसको और भी ज्यादा मजा आ रहा था।

धीरे धीरे वो अपने पूरे जोश में आ गया और बहुत जालिम तरीके से वो सीमा की चूत को चोदना शुरू कर दिया।

सीमा की आँख से आंसू बहते हुए वो चिल्लाए जा रही थी आह्ह आई आआआह आईमा आह्ह बस करो रुको ऊह्ह मर गयी मा आईईई  उफ्फ ओह्ह।

वो अपने दर्द को कम करने की कोशिश करती रही लेकिन जुबेर का लंड किसी घोड़े की तरह उसके चूत में बहुत तेजी से अंदर बाहर होता रहा।

थोड़ी देर तक जोर जोर से चोदने के बाद वो चुपचाप उसके ऊपर लेट गया और हल्के हल्के लंड अंदर बाहर करता रहा।

उसके ऐसा करने से सीमा को कुछ आराम मिला, उसकी सांसे धीमी हो गई, जुबेर काफी देर तक ऐसा ही करता रहा और आहिस्ते आहिस्ते चोदता रहा।

अब उसका दर्द काफी कम हो गया और पहली बार उसे भी अपनी चूत में लंड का मजा आना शुरू हो गया, वो भी अपनी चूत से लंड को छोड़ना नही चाहती थी।

लंड से चुदने का मजा लेते हुए अब सीमा की चीखें आहों में बदल गई आआ आआह स्वामी आआह ओऊऊ ओऊ आआह बस्स आह्हा ओह्हो उम्म आह्ह स्वामी।

जुबेर बोला कैसा लग रहा है सीमा ? सीमा बोली बहुत अच्छा लग रहा है स्वामी, जुबेर बोला मजा आ रहा है? सीमा बोली हां बहुत, जुबेर बोला और करूं?

सीमा बोली हां करो ना स्वामी करो रुकना नही, जुबेर बोला अब जोर से करूं ? सीमा बोली हां, जोर से कर दो,  उसके कहते ही उसने अपनी गति तेज कर दी।

मगर अब सीमा को दर्द तो हो रहा था लेकिन बहुत कम हो गया था, कुछ देर पहले जो लंड उसे नर्क जैसा दर्द दे रहा था अब उसी लंड के धक्के उसकी चूत में स्वर्ग का सा आनंद पैदा कर रहे थे।

अब उसे चुदाई का असली मजा मिलने लगा था, अब उसे समझ में आया और सोचने लगी कि स्वामी ने पहले तेज़ क्यों चोदा होगा, ताकि मेरी चूत अच्छी तरह से फैल जाए।

सीमा की चूत तो फैल गई थी लेकिन अभी भी जुबेर का लंड काफी टाइट जा रहा था, उसमें से कानों को सुनने वाली प्यारी और मधुर सी आवाज़ आना शुरू हो गई थी फच्च फच्च फच्च फुच्च करके अजीब सी आवाजें पैदा हो रही थी।

जल्द ही जुबेर ने अपनी पूरी रफ्तार पकड़ ली और दनादन सीमा की चुदाई शुरू कर दी, वो आँखें बंद किये हुए लंड से चुदने का पूरा मजा ले रही थी।

जुबेर की चुदाई वो ज्यादा समय तक सह नहीं पाई और जल्दी ही झड़ गई, उसे पहली बार झड़ने का असली मजा मिला, उसकी चूत लबालब पानी से भर गई।

सीमा के गर्म गर्म पानी से जुबेर का धैर्य भी जवाब दे गया और वो भी झड़ गया, उसने अपना पूरा माल उसके अंदर ही उड़ेल दिया।

सीमा के जीवन का वो सबसे सुखद अहसास था जब जुबेर का गर्म गर्म पानी उसकी चूत के अंदर गिरा, वो आँखें बंद करके उस पल का मजा लेती रही।

सीमा सोचने लगी कि मेरी पहली चुदाई हो चुकी थी जिस पल का इंतजार में कुछ वर्षो से कर रही थी, मेरी चूत अब कुँवारी नहीं रह गई थी।

जुबेर अभी भी यूं ही लंड को उसकी चूत में डाले उसके ऊपर लेटा रहा और सीमा के दोनों हाथ उसकी पीठ पर कसे हुए थे।

उन दोनों की तेज तेज सांसे अब धीमी होने लगी थी, काफी देर तक वो दोनों यूं ही एक दूसरे की बाहों में लेटे रहे, पता नहीं कब जुबेर का लंड उसकी चूत से फिसल कर बाहर निकल गया।

फिर वो दोनों अलग हुए और जुबेर सीमा के बगल में लेट गया, दोनों ही लेटे हुए थे मगर एक दूसरे से किसी की कोई बात नहीं हो रही थी।

पहली जबरदस्त चुदाई के बाद सीमा पूर्ण रूप से संतुष्ट थी, उसका शरीर बहुत थक चुका था, पर मन ने द्वारा करने के तिब्र इच्छा हो रही थी।

और शायद जुबेर का भी यही हाल था, सीमा अपने मन से ये बात निकाल ही नहीं पर रही थी वो तो यही सोच रही थी कि मेरी और चुदाई हो।

वो जानती थी कि अभी जुबेर जरूर उसे दुवारा चोदेगा, मगर वो खुद अपने से कुछ पहल नहीं कर रही थी, तिरछी निगाहों से बस उसके काले लंड को देख रही थी ।

जो कि पूरा मुरझा चुका था, जुबेर का लंड मुरझाने के बाद भी अभी भी काफी मोटा लग रहा था, उसे देखकर सीमा सोच रही थी।

कि इतना मोटा लंड मैंने अपनी चूत में ले कैसे लिया? शायद यही चुदाई की भूख होती है जो मोटा, पतला, बड़ा या छोटा कुछ नहीं देखती।

आप मेरे साथ बने रहिए और इस राजमहल कहानी पर किसी भी प्रकार की राय देने के लिए आप मेल पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं.

seema.singh2003@proton.me

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