राजमहल 1 पार्ट 13

लेखक – सीमा सिंह

आगे की कहानी

सीमा की दर्द भरी कामुक सिसकारियां कक्ष में गूँजने लगी थी आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह आई आह आई ओह धीरे धीरे आई मर गई रे।

जुबेर बोला एक बार चूत में लंड जाने के बाद कौन धीरे धीरे चोदता है ? सीमा को सब कुछ पता होते हुए भी वो धीरे धीरे चोदने के लिए कह रही थी।

जुबेर तो सीमा की चूत में लंड को जोर जोर से डाल रहा था, उसके लंड के हर एक झटके के साथ ही सीमा के स्तन ज़ोर ज़ोर से हिल रहे थे।

सीमा बार बार तेज तेज सिसकारियां लेते हुए बोली आईई आह्ह आह्ह आह्ह सिअस्स उँह आह्ह आह्ह सिसस्स ओह जुबेर बहुत दर्द हो रहा है।

जुबेर बोला मेरी सीमा चुदाई में तो थोड़ा दर्द तो होता ही है कुछ देर बाद उसका बदन अकड़ने लगा और कुछ ही पलों में उसकी चूत में हरकत सी हुई।

उसकी चूत से गर्मागर्म पानी बाहर फूट पड़ा, सुबह की ठण्डी हवा में भी वो पसीने से तरबतर हो चुके थे।

उसका लंड सीमा के गर्मागर्म पानी में सन गया और लंड और भी अधिक उत्तेजना करने लगा, अब सीमा की चूत के फटे हुए ज्वालामुखी में उसका लंड घमासान मचाने लगा।

अब जुबेर ने अपने लंड को सीमा की चूत से बाहर निकाला और उठ कर पलंग के नीचे आकर खड़ा हो गया और सीमा को अपनी ओर आने का इशारा किया।

फिर जब वो पास में आई तो उसे पलंग के किनारे पर घोड़ी बना दिया और अपना लंड उसकी चूत में डालकर चोदना शुरू कर दिया।

इस बार जुबेर बहुत तेजी से लंड से चूत पर झटके मार रहा था जिससे उसके आगे का हिस्सा जब सीमा के नितंबों से टकराता तो पंच पंच पंच फच फच फच की आवाज पूरे कक्ष में गूंज रही थी।

और साथ ही सीमा के मुंह से सिसकारियां भी निकल रही थी यह दोनों ध्वनि मिलकर उस वातावरण में एक अजीब सा माहौल बना रही थी।

चोदते हुए सीमा बोली तुम तो हर बार ऐसे चोदते हो जैसे अगली बार मैं तुम्हें चोदने नहीं दूंगी यह तुम्हारी आखिरी चुदाई है।

जुबेर हंसते हुए उसके दोनों नितंबों पर एक एक चपत लगाते हुए बोला मेरे प्रिय पत्नी पति का धर्म होता है कि वह पत्नी को संभोग में पूर्ण तरह संतुष्ट कर दे।

काफी देर करने के पश्चात वह फिर से सीमा को लिटा कर उसके ऊपर आ गया और सीमा ने भी जुबेर को अपनी बांहों में कस लिया ।

और जुबेर उसके पसीने से गीले जिस्म से चिपक कर उनकी गीली चूत में लंड ठोकने लगा और बोला सीमा बहुत मस्त हो आ आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है।

ये सुनकर सीमा भी बोली  कि आईई आईईईईई आईईईईई आईईईई आई सिसस्स आह उन्ह बस ऐसे ही चोदते रहिए मुझे आह्ह मुझे बहुत आराम मिल रहा है।

जुबेर कूल्हे हिला हिलाकर उसकी चूत को गुफा बनाने में लगा हुआ था, उसका मोटा लंबा लंड सीमा की चूत की बखिया उधेड़ रहा था।

सीमा लगातार काम की भावनाओं में बहती जा रही थी, और खुद ही नीचे से अपने कुल्हों को उठा उठा कर उसका लंड अपनी चूत में ठुकवा रही थी।

सीमा बोली ओह मेरे राजकुमार ऊँह ओह सिससस्स आह्ह ज़ोर ज़ोर से चोदो अपनी नई रानी को आह्ह उँह अब रुकना मत ईस्सस्स।

अब जुबेर को और जोश चढ़ने लगा था अपनी पूरी ताकत लगा कर इस राज्य की नई रानी की चूत का भोसड़ा बनाने में लगा हुआ था।

ओह मर गईईई मैं तो, कहते हुए सीमा ने जोर से जुबेर की पीठ पर नाख़ून गाड़ दिए और कुछ ही पलों में सीमा फिर से पानी पानी हो गई थी।

उसकी चूत फिर से सफ़ेद गाढ़े माल से भर चुकी थी, वो अब भी उसकी चूत में ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था, अब तो उसका लंड रोके से भी नहीं रुक रहा था।

जुबेर उसको ताबड़तोड़ चोदे जा रहा था, उसके लंड की चुदाई से उसकी हालत खराब हो चुकी थी, वो कसी चूत की चाहा में उसको जमकर चोद रहा था।

सीमा बोली ओह मेरी पति देव रुक जाइए, आपको क्या हो गया है, आह क्या मज़ा मिल रहा है जरा सांस तो लेने दो मुझे, आह आप तो मेरी चूत को ढोलक सी बजाए जा रहे हो।

जुबेर बोला आज मत रोको मेरी सीमा आज तो तुम्हारी चूत की खैर नही है, उसके लंड की लगातार पड़ती चोटों से सीमा की चूत फिर से लंड का सामना करने लगी।

सीमा बोली हां मेरे राजकुमार खूब चोदो अपनी रानी को, सीमा की चूत की आग उसे और ज्यादा उकसा रही थी।

ज़ोरदार चुदाई के साथ उसकी चूत की आग और ज्यादा बढ़ती जा रही थी, फिर बहुत देर की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद उसका लंड हिचकोले खाने लगा।

जुबेर समझ गया था कि अब उसका पानी निकलने वाला है, तभी उसने सीमा की चूत को चोदते हुई अपने लंड को रोक दिया और उसको ज़ोर से भींच लिया।

अगले कुछ ही पलों में उसके लंड के उबालते पानी से उसकी चूत लबालब भर गई,ओह जुबेर कहते हुए सीमा ने उसको सीने से चिपका लिया।

इस जबरदस्त सीमा की चूत चुदाई के बाद थोड़ी देर तक वो दोनों ऐसे ही चिपके हुए पड़े रहे, इस चुदाई के बाद वो बहुत ज्यादा थक चुके थे।

वो दोनों नींद के अगोस में चले गए, जब सीमा फिर से जागी तो उसने उठकर अपने कपड़े पहन लिए और अपने कक्ष में जाने लगी।

तो जुबेर ने उसके हाथ पकड़ कर रोका और अपने पास खींच लिया, और उसके होठों को चूमने लगा, कुछ पल बाद उसने जुबेर को धक्का देकर मुस्कुराते हुए।

उस कक्ष से बाहर चली गई जुबेर भी उसे इस तरह जाते हुए मुस्कुराने लगा, पहले की तरह वह स्नान कर कर आराम कर रही थी।

तो उसके कक्ष में बड़ी रानी शकुंतला और पहली और दूसरी रानी आ गई उनके आते ही सीमा ने बारी बारी से तीनों के चरण स्पर्श किए।

इसके बाद पहले की ही तरह शकुंतला ने सीमा की कल रात की पूरी चुदाई का किस्सा सुनाओ कहा, तो सीमा ने भी उसे बताया कैसे कल जुबेर ने उसकी दो बार गांड़ और एक बार सुबह चूत मारी।

इसके बाद रानी शकुंतला बोली आप कोई समस्या नहीं है तुम जब चाहो तब राजकुमार वरुण के साथ संभोग कर सकती हो।

और चाहो तो उन दोनों के साथ एक साथ संभोग कर सकती हो यह सुनकर सीमा शर्मा गई और उसने अपनी गर्दन को नीचे कर लिया।

तीनों रानियां भी उसे देखकर समझ गई कि सीमा भी शर्मा रही है अब वो तीनों ही उसके कक्ष से बाहर चली गई।

दोपहर के समय राजकुमार जुबेर ने संदेश भिजवाया कि वह अपनी नई टुकड़ी और अपने दोनों सेना नायक के साथ रण में तलवार का अभ्यास करेंगे।

इसलिए वह सात दिन तक महल नहीं आएंगे, और इसी बीच राजकुमार वरुण ने भी संदेश भिजवाया क्यों दो-तीन दिन राज्य में गुमनाम तरीके से भ्रमण करेंगे।

ठीक ऐसा ही हुआ इस सब के अगले दिन जब वरुण लोट कर महल आए तो छोटी रानी ने उसे अपने पास बुलाया और बोला कि आज रात तुम दासी के साथ नही सोना।

बल्के अपनी पत्नी सीमा के साथ सुहागरात मनाना, ये कहकर वह चली गई, रात में वरुण कक्ष में पहुंचे तो सीमा पलंग पर बैठी हुई थी।

जुबेर, वरुण और सीमा दोपहर में कई बार बाते कर चुके थे तो उन दोनों के बीच कोई झिझक नही थी, और वरुण तो कई बार सीमा के होठों का रस पान कर चुका था।

वरुण कक्ष को बंद करके सीधा सीमा के पास आ गया और प्यार से उसके गुलाबी होंठों पर अपने होठों को रखकर चूमने और चूसने लगा।

ऑउच्च पुच्च पुच्च ऑउच्च की मधुर आवाजें पूरे कक्ष में गूँजने लगी, इससे कक्ष में उन दोनों के बीच में माहौल गर्म होने लगा था।

वरुण रगड़ कर सीमा के होंठों को चूम और चूस रहा था, अब वो नीचे को सरका और उसके चिकने गले पर टूट पड़ा, वो उसके गले पर ताबड़तोड़ चुम्बन करने लगा।

इस तरह के चुम्बन करने से सीमा के पूरे शरीर में काम की आग भड़कने लगी थी, और इसलिए सीमा भी उसे अपनी बांहों में जकड़ने लगी।

कुछ पल बाद वरुण ने उसके हाथों को हटा कर उसके स्तनों की ओर गया और उसने दोनों वक्ष को अपनी मुट्ठियों में भींचकर प्यार से मसलने लगा।

फिर भी सीमा दर्द से बोली ओह मेरे राजकुमार थोड़े आराम से, ये कहीं भागकर नहीं जा रहे हैं, यहीं तो है, वरुण बोला हां मेरी सीमा लेकिन मैं क्या करूं, मुझसे रुका ही नहीं जा रहा है।

सीमा बार बार उसे स्तनों को धीरे धीरे दबाने के लिए बोल रही थीं लेकिन वो तो अब अपनी पूरी ताकत से सीमा के वक्ष को निचोड़ रहा था।

सीमा बोली आप तो आज मेरे स्तनों को तोड़कर ही मानोगे, वरुण ने सीमा के वक्ष को मसल मसल कर बुरी तरह से लाल रंग का कर डाला।

कुछ पल बाद उसके स्तनों को पिलपिला करने के बाद उसने सीमा के ब्लाउज और चोली को खोलकर उनके गोरे बदन से निकाल कर फेंक दिया।

सीमा ऊपर से पूरी नंगी हो चुकी थी, वो उसके आम जैसे रसीले वक्षों पर टूट पड़ा और उसके एक चुचक को अपने मुँह में डालने के बाद चूसने लगा।

सीमा वरुण के बालों को सहलाती हुई अपने दोनों वक्षों का स्वाद बारी बारी से उसे पिला रही थी, वो भी रगड़ रगड़ कर उसके चुचको को चूस रहा था।

सीमा बोली ओह वरुण, चूस लो आज जितनी आपकी मर्ज़ी हो, वरुण ने बहुत देर तक उसके चुचक को चूसा और उसके बाद उसने उसकी साड़ी में हाथ डाल कर पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया।

सीमा उसका पूरा इरादा समझ चुकी थी कि वो उसे पूरी नंगी करना चाहता हैं, तो उसने भी अपने कूल्हे और पैर को ऊपर उठा दिया और बोली निकाल दो।

वरुण ने भी देर न करते हुई सीमा की साड़ी, पेटीकोट और कच्छी सब को निकाल फेंका, अब सीमा उसके सामने पूरी नंगी हो चुकी थी।

वो उसकी गोरी गोरी पतली पतली चिकनी जांघों को चूमने लगा था, उसकी दूध के जैसे गोरी और बहुत ही मलाईदार जांघें थी सीमा की।

वरुण तो सीमा की खूबसूरती देखकर पागल सा होने लगा, उसने थोड़ी देर तक सीमा की चिकनी जांघों पर चुम्बन किए और उसके कूल्हे के नीचे एक सिरहाना लगा दिया।

फिर उसकी टांगों को फैलाकर उसकी चूत के पास मुंह ले आया, उसकी मादक चूत की कामुक गंध उसे मदहोश किए जा रही थी, वो मदांध (पागल) होकर सीमा की चूत चाटने लगा।

सीमा की चूत की भीनी भीनी खुशबू उसकी उत्तेजना को और ज्यादा बड़ा रही थी जिससे उसकी गर्मागर्म चूत चाटने में उसे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।

सीमा भी धीरे धीरे अपने कूल्हे हिलाती हुई कामुक सिसकारियां ले रही थीं ईसस्स ओह आह्ह ईस्स उन्ह ओह मेरे राजकुमार आह्ह मज़ा आ रहा है और दबाकर चाट मेरी चूत ईस्स।

वरुण बुरी तरह से उसकी चूत पर अपने मुँह की जीभ को  अंदर बाहर कर रहा था, सीमा को भी अपनी गुलाबी चूत को चटवाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।

सीमा संभोग की कामातुर होकर पलंग की चादर को अपनी मुट्ठियों में भींच रही थी, जल्दी ही वरुण की जीभ चूत के ग़ुलाबी दाने को कुरेद ने लगी।

सीमा बोली उन्हहः हः स्वामी वहां मत चाटो मेरा पानी निकल जाएगा आह्ह, सीमा अब उसे अपनी चूत से दूर हटाने की कोशिश करने लगी।

लेकिन वरुण उसकी चूत पर वही रुका और अपनी जीभ से सबड़ सबड़ कर चूत चाट रहा था, वो अपनी टांगों को इधर उधर फेंक रही थी।

तभी सीमा ने उसके सर को अपने हाथों से पकड़ लिया और ज़ोर से अपनी चूत पर दबा दिया, कुछ ही पलों में उसका पानी निकल गया।

वो उसकी चूत से निकलने वाले नमकीन और गर्मागर्म पानी को चाटने लगा, उसने थोड़ी ही देर में चूत को चाटकर साफ कर दिया।

आप मेरे साथ बने रहिए और इस राजमहल कहानी पर किसी भी प्रकार की राय देने के लिए आप मेल पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं.

seema.singh2003@proton.me

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