कुंवारी साली की चूत गांड चोदी ससुराल में पार्ट 2 – Hindi Sex Stories

नमस्कार दोस्तों मैं गिरीश हाजिर हूँ अपनी कहानी कुंवारी साली की चूत गांड चोदी ससुराल में का अगला पार्ट लेकर 

अब तक आपने पढ़ा कि कैसे मेरी बीवी मायके चली गई तो उसे वहाँ जाकर तीसरे दिन ही चुदाई का हवस चढ़ गया और मुझे बुलाई वो

अब आगे…… 

दोस्तों असली कहानी अब शुरू होती है। मैं न जाने कब सो गया जब मेरी नींद खुली तो रचना मेरी तरफ गांड करके लेटी थी। मैंने पूछा कि कब आई हो ? रीना सो गई कि नहीं? उसने तुरन्त मझे चुप रहने का इशारा कर दिया मेरे होंठों पर अपनी उंगली रखकर। 

अब मैं रचना की चूचियों को उसकी नाइटी में हाथ डालकर मसलने लगा। 

मैनें रचना से पूछा- आज तो तुम्हारी चूचियां बहुत सख्त लग रही हैं लग रहा है तीन दिन में ही दुबारा सख्त हो गई हैं क्या? 

उसने कोई उत्तर नहीं दिया बल्कि उसे न जाने क्या सूझा कि वो चद्दर के अंदर चली गई और मेरा अंडरवियर उतार दिया उसने। 

दोस्तों मैं केवल अंडरवियर ही पहन कर सोता हूँ। अब मैं एकदम नंगा था और कमरे में घना अंधेरा था, लाइट बंद थी। एक चद्दर में हम पति पत्नी और उसी बिस्तर पर थोड़ी दूर पर दूसरे चद्दर में रीना सो रही थी। रचना ने मेरा लंड जो कि एकदम कड़क 8 इंच का हो चुका था उसे पकड़ कर अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी। मेरे आनंद की सीमा न रही दोस्तों। 

आज तो जैसे अलग ही मजा आ रहा था। जिस बिस्तर पर एक कुंवारी सेक्सी कली सोई हो उसी बिस्तर पर हम पति पत्नी चुदाई का रंगारंग कार्यक्रम कर रहे थे। रचना पुरे शबाब से मेरा लंड चूस रही थी। 

आज तो मुझे और दिन से ज्यादा मजा आ रहा था। आज रचना कुछ अलग अंदाज में ही लंड चूस रही थी। वो कभी लंड चूसती तो कभी मेरे गोटे मुंह में लेती कभी जांघों के आसपास की छोटी छोटी झांटों से खेलती। कभी तो जीभ से लंड का सुपाड़ा चाटती फिर जब लंड सूख जाता तो उस पर थूक कर फिर गीला करके उसे फिर से मुंह में लेकर चूसती। 

अचानक मुझे मस्ती सूझी और मैंने रचना का मुंह पकड़कर अपने लंड पर दबाकर उसके मुंह को चोदने लगा। रचना इस हमले के लिए तैयार नहीं थी। मेरा लंड उसके गले तक जा रहा था और उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। वो खांसने लगी तो मैंने अपनी पकड़ थोड़ी ढीली कर दी। फिर उसने मेरे लंड से अपना मुंह हटाया और थोड़ी सी सांस भरी फिर जब मैंने दोबारा चाहा कि वो मेरे लंड को मुंह में ले तो वो नहीं ले रही थी पर एक दो बार कोशिश के बाद फिर से उसने मेरा लंड चूसना शुरु कर दिया। 

मुझे थोडा़ अजीब लगा क्योंकि ऐसा पहली बार नहीं है जब मैंने अपना लंड उसके गले तक उतारा हो पर जब भी ऐसा होता रचना फिर सांस भरकर फिर से लंड चूसने लगती। कभी जबरदस्ती Hindi Sex Stories नहीं करना पड़ा पर आज मुझे लगा कि हो सकता है रीना बगल में सोई है वो खांसने से जाग न जाए इसलिए मना कर रही थी।

खैर कुछ देर बाद वो फिर से लंड मुंह में भरकर चूसने लगी। रचना का गर्म मुंह मुझे ऐसा लग रहा था जैसे किसी गर्म चीज के भीतर मैंने अपना लंड डाल रखा हो। उसके गर्म थूक से मेरा लंड एकदम गीला और टाइट हो चुका था। मानो अब फटा कि तब फटा। कमरे में एकदम घुप्प अंधेरा और जहाँ पति पत्नी चुदाई का कार्यक्रम कर रहे हैं उससे महज 2 फीट की दूरी पर रीना सो रही थी। हालांकि कुछ दिखाई तो नहीं दे रहा था पर हाथ से पकड़ कर इशारा करके मैंने रचना को अपने ऊपर 69 पोजीशन में आने को कहा पहले तो उसे कोई फर्क नहीं पड़ा और वो लगातार मेरा लंड चूसती रही पर जब दोबारा वही मैंने थोड़ा जोर देकर दोहराया तो वो कुछ देर बाद मेरे ऊपर उल्टा होकर अपनी चूत को मेरे मुंह पर रखकर मेरे शरीर पर अपना शरीर रखकर लेट गई। तब मुझे मालूम हुआ कि रचना लेटे लेटे ही अपना सारा कपड़ा निकाल रही थी। 

दोस्तों अब हम दोनों एकदम नंगे होकर एक दूसरे के शरीर से चिपके थे। मैंने रचना की चूत को मुंह लगाया तो वो कूदने लगी मानो उसे गुदगुदी हो रही हो, और वो मेरा लंड चूसना छोड़ अपनी चूत को बचाने में लग गई। मुझे लगा आज आखिर रचना को हो क्या गया है। दोबारा मैंने अपने हाथों से उसकी गांड पकड़कर उसकी चूत को अपने मुंह पर लगाया और उसकी चूत की दरारों के बीच अपनी जीभ घुसाकर रचना की चूत चाटने लगा। आज रचना की चूत मुझे कुछ ज्यादा ही नमकीन लग रही थी। और आज उसकी चूत कुछ सिकुड़ी व छोटी लग रही थी। मुझे लगा तीन दिन से न चुदवाने के कारण चूत कुछ सिकुड़ गई होगी। पर आज रचना की चूत एकदम कुंवारी चूत के जैसे लग रही थी। उधर रचना ने लंड चूसना तेज कर दिया था। इतने देर की लंड चुसाई के बाद मुझे लगा कि मेरा पानी निकलने वाला है तो मैंने रचना का सिर दबाकर उसे रुकने का इशारा किया लेकिन वो रुकी नहीं और कुछ ही देर बाद मेरे लंड का पानी बंदूक से निकली गोली की रफ्तार से उसके गले और मुंह में भरता चला गया। रचना को मेरा वीर्य पीने का बड़ा शौक है। वो रोजाना मेरा वीर्य पीती थी लेकिन आज तो उसने जब मेरा पानी गिरने लगा तो अपना मुंह हटाने लगी लेकिन शायद बिस्तर खराब न हो जाए इसलिए उसने लंड पूरा निकलने के पहले ही दोबारा अपने मुंह में डाल लिया और मेरा वीर्य गटागट पी गई।

 कुछ देर के बाद उसने मेरा लंड फिर से चाटना शुरु कर दिया। धीरे धीरे मेरा लंड फिर से सख्त होने लगा। जब मेरा लंड पूरी तरह सख्त हो गया तब मैंने उसे इशारे से मेरे बगल में आकर सो जाने को कहा तो रचना वहाँ से उठकर मेरे और रीना के बीच में आकर रीना की ओर मुंह और मेरी तरफ गांड करके लेट गई। मैंने रचना के पैरों को इस तरह सेट किया कि दोनों पैरों के बीच गैप बन जाए और उसकी चूत बाहर की ओर हो जाए।

फिर मैंने रचना की चूत पर ढेर सारा थूक लगाया और अपने लंड को उसकी चूत के छेद पर सेट किया। अब दोस्तों मुझे जो भी करना था आराम से करना था क्योंकि अगर आवाज होती तो रीना जाग सकती थी और हम लोगों का बना बनाया काम बिगड़ सकता था। 

मैंने रचना का एक पैर थोड़ा सा मोड़कर चूत को और खोला और लंड को हल्के से दबाया पर वो चूत में जाने के बजाय फिसल गया। मैंने दोबारा वही किया पर फिर से मेरा लंड फिसल गया। 

दोस्तों आज मेरे साथ बहुत अजीब हो रहा था। अब मुझे कुछ शक भी होने लगा कि ऐसा तो नहीं कि रचना समझकर मैं किसी और के साथ हूँ लेकिन चूत की हवस ने दिमाग पर ज्यादा जोर नहीं डालने दिया।

तीसरी बार मैंने फिर से थोड़ा सा थूक लगाया और फिर छेद पर लंड करके जोर से धक्का दिया अबकी बार मेरा लंड लगभग आधे से कुछ कम ही चूत में घुसा और रचना के मुंह से एक जोरदार चीख निकल गई। 

उई माँ!!!!मर गई!!!!! बहुत दर्द हो रहा है!!!!! ये लंड है या लोहे का सरिया!!! निकालिए वरना मैं तो मर जाऊंगी!!!!! 

दोस्तों ये सुनते ही मेरी तो हालत खराब होने लगी। जिसका शक था वही हुआ।। ये रचना नहीं बल्कि रीना की आवाज थी। मैं घबराकर बोला- रीना तुम मेरे बिस्तर पर कब आई हो और तुम्हारी दीदी कहाँ है? 

रीना- दीदी तो मम्मी के पास गईं और आई नहीं। वहीं सो गई। 

मैंने पूछा- फिर यहाँ कौन कौन है? 

रीना (हंसते हुए मादक आवाज में) – यहाँ सिर्फ मैं और मेरे सेक्सी जीजा जी हैं। 

मैं- अच्छा तो इसका मतलब तुमने जानबूझकर मेरे साथ ऐसा किया?? 

रीना- जब मेरे जीजा जी चूत लेने ससुराल आए थे और दीदी नहीं हैं तो साली का फर्ज बनता है कि वो अपने जीजा जी को खुश करे। 

अब दोस्तों मैं भी फिर से पूरे जोश में आ गया और रीना को नीचे करके मैं उसके ऊपर आ गया और फिर से अपना लंड रीना की चूत पर सेट करके जोर से धक्का मारा। 

अबकी बार मेरा लंड किसी तीर की तरह रीना की चूत को चीरता हुआ आधे से ज्यादा घुस गया था और रीना फिर से दर्द से बिलबिला उठी।

रीना- हाय जीजा जी मार डालोगे क्या? आज तो मैं मर ही जाउंगी। ओह!!!!! आह!!!!! आह!!! जीजा जी!!!! 

धीरे से जीजा जी!!!!!! आह!!!!!

 मैंने रीना के मुंह पर अपना मुंह रख दिया ताकि वो और न बोल सके और फिर धीरे धीरे उसकी चूत चोदने लगा। 

अब मुझे अलग नशा चढ़ गया। और मैं धीरे धीरे रीना की चूत में धक्के मार कर अपना लंड आगे पीछे कर रहा हूँ। 

कुछ देर के बाद जब रीना का दर्द शांत हुआ तो वो भी सेक्सी आवाजें निकालने लगी। रीना- आह!!!!! ओह!!!!!! आह!!!!!! जीजा जी!!!!!! आह!!!!!!! आह!!!!!! 

मैंने मौका देखकर एक बार फिर से जोर का धक्का लगाया । अबकी बार मेरा पूरा लंड रीना की चूत में सरसराता हुआ घुस गया। 

रीना फिर से दर्द से कराह उठी और मुझे पीछे धकेलने लगी जिससे कि मेरा लंड निकल जाए लेकिन मैनें उसे जोर से पकड़ कर अपनी मजबूत बाहों में जकड़ लिया और धक्के मारना बन्द कर दिया। कुछ देर के बाद जब रीना शांत हुई तो मैं फिर से धक्के मारना शुरू किया। 

रीना- वाह जीजाजी!!!! आह!!!!!!! 

आह जीजा जी!!!!! आह !!!! और जोर से। और जोर से चोदिए!!!! आज अपनी साली की चूत फाड़ डालिए!!! आज मुझे कुवारी से चुदक्कड़ साली बवा दीजिये जीजा जी!!!! आज मेरी कुंवारी चूत का भोसड़ा बना दीजिये!!!! 

आह!!!!!! ओह!!!!!! 

रीना जितना आवाज करती मेरा लंड उतना ही सख्त और स्पीड पकड़ता।। 

लगभग 25 मिनट की जोरदार चुदाई के बाद मुझे लगा कि मेरा निकलने वाला है तो मैंने पूछा- रीना डार्लिंग कहाँ लोगी मेरे लंड का पानी??? 

वो बोली- जहाँ आपका दिल करे जीजा जी। 

मैंने कहा कि मैं तो तुम्हारी गांड में अपने लंड का पानी गिराउंगा। इतना सुनते ही रीना डर गई। बोली- नहीं नहीं जीजा जी!!! जब चूत में इतना दर्द होता है तो दीदी बताती हैं कि इससे ज्यादा तो गांड में लेते वक्त दर्द होता है। 

मैनें हंसकर कहा कोई बात नहीं मेरी जान लेकिन आज तो मैं तुम्हारी गांड दोबारा मारूंगा पहले मेरे लंड का पानी कहाँ लेना है वो बताओ?? 

वो बोली- मेरे प्यारे प्यारे सेक्सी चुदक्कड़ जीजा जी!!! आप अपने लंड का पानी मेरी चूत में ही छोड़ दीजिये।। आज मैं आपके पानी से ठंडी होना चाहती हूँ!!! 

मैंने कहा- अगर तुम्हें गर्भ ठहर गया तो?? 

तो रीना ने कहा- मैं कल मेरे कॉलेज जाते वक्त अपनी सहेली से अनवांटेड मगा कर खा लूंगी क्योंकि अभी मुझे मौसी बनना है माँ नहीं मेरे प्यारे जीजा जी!!!!! 

तब तक रीना दो बार झड़ चुकी थी और तीसरी बार मेरे साथ ही उसकी चूत ने भी अपना रस छोड़ दिया। 

अब हम दोनों नंगे बिस्तर पर निढाल होकर पड़े थे। रीना उठी और उसके चूत रस और मेरे वीर्य के मिक्स से सने मेरे लंड को चाटकर साफ करने लगी। रीना मेरे लंड को पूरी तरह साफ करके चाट गई और फिर से मेरा लंड अपने मुंह में भरकर चूसने लगी!!! 

आह!!!!!!! रीना मेरी जान!!!!!!! मेरी सेक्सी साली!!!!!!! चूसो मेरे लंड को चूसो!!!!!! जी भरकर चूसो मेरी जान!!!!!!!! आज मेरा लंड जबतक फट न जाए तब तक चूसो तुम। 

थोड़ी देर में मेंरा लंड फिर से खड़ा होकर रीना को सलामी देने लगा तो रीना बोली- अब क्या करना है जीजा जी???? 

मैंने कहा- मुझे तुम्हारी गांड लेनी है!!!! वो फिर से गांड की बात सुनकर डर गई और बोली नहीं मैं मर जाउंगी। 

मैंने कहा- कुछ नहीं होगा, मैं इस तरह तुम्हारी गांड लूंगा कि तुम्हें जरा सा भी दर्द नहीं होगा। बस एक बार अपनी गांड मरवा लो प्लीज!!!! मैं रीना के आगे हाथ जोड़ने लगा तो वो बोली- अरे जीजा जी आप हाथ मत जोड़िए। अब तो चाहे मैं मर ही जाऊँ पर अपने जीजा जी की चाहत पूरी करके रहूंगी।। (दोस्तों ये मेरा ट्रिक था गांड लेने का मैं जानता था कि अगर मैं रीना के सामने हाथ जोड़ लूं तो वो गांड क्या सबकुछ मरवा लेगी) मैंने रीना को कुतिया की तरह उल्टा झुकाया और उसकी गांड चाटने लगा। रीना मजे लेकर गांड चटवाने लगी और मैं उसके गांड की छेद में अपनी जीभ घुसेड़ कर उसकी गांड चटाई कर रहा था। 

कुछ देर की गांड चटाई के बाद मैंने उसकी गांड में एक उंगली भी डाल दी। उसे थोड़ा दर्द हुआ पर वो कुछ नहीं बोली। आह जीजा जी!!!!! आप कितना अच्छा गांड चाटते हो!!!! आह!!!!!

फिर कुछ देर बाद दूसरी फिर तीसरी करके धीरे धीरे चार उगलियां उसकी गांड में डाल कर उसके गांड को ढीला करने लगा।

कुछ देर बाद रीना को उसी कुतिया वाले पोज में रहने को बोला और खूब ढेर सारा थूक उसकी गांड पर थूक कर फिर गांड पर मला और जब लगा की रीना की गांड एकदम ढीली हो गई है तो मैंने अपने लंड को गांड पर सेट करके धीरे धीरे रीना की गांड में डालना शुरू किया। लगभग तीन इंच जाने के बाद रीना को थोड़ा दर्द महसूस हुआ तो मैं वहीं रूक कर धीरे धीरे रीना की गांड मारने लगा। गांड मारते वक्त मैं उसकी कमर को पकड़े हुए धक्के लगाते हुए धीरे धीरे अपने लंड को रीना की गांड की गहराइयों में उतारने लगा। जब उसे दर्द होता तो वो चीखती और मैं अंदर धकेलना रोककर चुदाई करने लगता। करीब 5 मिनट ऐसा करते करते मेरा पूरा लंड रीना की गांड में जा चुका था तो मैंने कहा कि रीना अब तो मेरा पूरा लंड तुम्हारी गांड में जा चुका है बताओ कितना दर्द हुआ। तो वो बोली सच कहूं जीजा जी तो मुझे जितना चूत दुखा है उतना गांड नहीं। तब मैंने कहा कि अगर तुमने पहले ही बता दिया होता कि तुम रचना नहीं रीना हो तो शायद तुम्हारी चूत भी उतनी नहीं दुखती क्योंकि मेरे चोदने का स्टाइल सबसे अलग रहता है। रीना बोली- अगर मैंने पहले ही अपना नाम बता दिया होता तो शायद आज हमारी ये चुदाई ही न हो पाती। 

मैंने हंसते हुए कहा कि आज तो मैं किसी न किसी की चुदाई जरूर करता। चाहे सामने कोई भी आ जाता। इसी तरह लगभग आधे घंटे की गांड चुदाई के बाद मैंने कहा की रीना अबकी बार कहाँ लोगी मेरे लंड का पानी तो वो बोली जीजा जी मेरी गांड में ही डाल दीजिए अपने लंड का पानी 💧💦💦💦💦

तभी मैेने धक्कों की स्पीड तेज करके और तेजी से रीना की गांड चोदने लगा। दस पन्द्रह धक्कों के बाद मेरे लंड ने अपना पानी रीना की गांड में छोड़ दिया। 

फिर मैंने अपना लंड निकाल कर रीना को साफ करने को दिया तो अबकी बार उसने अपने मुंह में लेने से मना कर दिया क्योंकि उसके गांड की गहराइयों का संडास भी मेरे लंड पर लग गया था।

वो उठी और मेरे लंड को कपड़े से साफ की। फिर मैंने लाइट जलाने को बोला तो रीना ने लाइट तो जलाया लेकिन उजाले में मुझे और अपने आपको जन्मजात नंगी पाकर शरमाने लगी। उजाले में मैंने देखा कि पूरा चद्दर खून और रीना के चूत की पानी से सना हुआ था। आज ही रीना के चूत की सील टूटी थी और चुदाई होने के बीच बीच में उसकी चूत ने कई बार पानी छोड़ा था। 

दोस्तों पूरी रात भर में मैंने दो तीन बार उसकी चूत मारी। दो बार गांड ली और दो बार उसके मुंह को चोदकर अपने लंड का पानी उसे पिलाया एक बार तो उसने मेरे लंड के पानी को अपने मुंह में से थोड़ा सा अपनी चूचियों पर गिरा लिया और चूचियों को मसल दिया। 

उसके बाद रीना ने वो चद्दर बदल दिया और साफ चद्दर बिछा कर हम दोनों अलग अलग चद्दर में सो गए। 

सुबह मेरी नींद रचना के जगाने से खुली। वो चाय लेकर मेरे पास खड़ी थी और रीना बिस्तर छोड़ कर जा चुकी थी। मैंने उसके हाथ से चाय लिया और मैं कुछ कहता उससे पहले ही वो बोल उठी- जानू रात को मम्मी की तबीयत कुछ खराब थी तो चाची उनका पैर हाथ दबा रही थीं और मैं वहीं सोफे पर बैठे बैठे ही सो गई। रात को आपको चुदाई करने का मौका नहीं मिल पाया इसके लिए सॉरी पर आज जरूर चुदवाउंगी। आज तो मुझे अपनी गांड मरवानी है आपसे। मैंने तुरंत रचना को पकड़ कर बिस्तर पर गिराया और उसे अपना लंड चूसने को बोला। रचना बोली कि कहीं कोई आ गया तो। मैं उठकर गया और कमरे की कुंडी लगा दिया। फिर बिस्तर पर आकर रचना से बोला अब कोई नहीं आएगा यहाँ।

रचना ने मेरा लंड तुरंत अपने मुंह में भरकर चूसना शुरू किया। फिर मैंने उसको उल्टा लिटाकर कर उसकी गांड पर थूक लगाकर एक बार में ही पूरा लंड रचना की गांड में डाल दिया।वो लगभग चीखकर बोली- आराम से डालो राजा जी दर्द होता है। मैनें कहा कोई बात नहीं, होने दो दर्द के साथ मजा भी तो आता है जानेमन। इधर मैं रचना की गांड मार ही रहा था कि अचानक से मेरी नजर खिड़की पर पड़ी मेरी चाची सास वहाँ खड़ी होकर अपनी चूत रगड़ रही थीं।मैं तो डर गया था लेकिन रीना की बात अचानक याद आ गई तो मैंने रचना की गांड मारना जारी रखा। लगभग 30 मिनट की गांड चुदाई के बाद मैं छूटने को हुआ तो रचना सीधी हो गई और मैंने अपने लंड का पूरा पानी रचना के मुंह में छोड़ दिया। और मन ही मन सोचने लगा कि अच्छा हुआ रात को तुम नहीं थी क्योंकि रचना के न रहने से रात को रीना की गुलाबी चूत मखमली गांड मिली, सुबह अपनी खेती रचना की चुदक्कड़ गांड मिली और अब लग रहा है जल्द ही एक और खेली खाई चूत और गांड (चाची सास की) मिलने वाली है। 

तो दोस्तों इसी के साथ ये मेरी और मेरी कुंवारी साली के बीच की चुदाई समाप्त होती है। ये एक सच्ची घटना है बस मैंने सबके नाम बदल दिए हैं।ये मेरी और मेरी साली रीना को बीच हुई चुदाई की सच्ची कहानी थी। आगे मैं बताउँगा कि कैसे मैने अपनी चाची सास को अपनी हवस का शिकार बनाकर उनकी चूत का भोसड़ा और गांड का गुब्बारा बनाया। तब तक के लिए नमस्कार। 

कहानी आपको कैसी लगी ये आप मेरे पर्सनल मेल gg248425@gmail.com पर बता सकते हैं। किसी आंटी, भाभी, लड़की को सेक्स करना हो तो मुझे मेल कर सकती है। फुल सिक्योरिटी के साथ।

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