सुनीता जी बेड पर थी और मैं नीचे था।अब मै कपडे खोलकर पूरा नंगा हो गया।सुनीता जी मेरे मोटे काले लण्ड को निहार रही थी। तभी मैं बेड पर चढ़ गया और सुनीता जी की चड्डी खोल फेंकी।
अब मैने सुनीता जी की टाँगे फैला दी और उनकी की चमचमाती हुई चूत में लण्ड सेट करने लगा। सुनीता जी बिलकुल चुप थी। वो आने वाले तूफान को भांप चुकी थी।
तभी मैने ज़ोर का झटका दिया और मेरा लण्ड सुनीता जी की चूत के परखच्चे उडाता हुआ पूरा अंदर घुस गया। मेरा लंड सुनीता जी चूत के पेंदे में जा बैठा।चूत में लंड ठुकते ही सुनीता जी बुरी तरह से चिल्ला पड़ी।
“आईईईईई आईईईई ओह आह मर गई।आईईईईई।”, ओह रोहित बहुत दर्द हो रहा है। प्लीज बाहर निकाल ।मैं मर जाऊंगी।”
” अरे सुनीता जी कुछ नहीं होगा।”
तभी मैंने लण्ड बाहर निकाला और फिर से सुनीता जी की चूत में ठोक दिया। सुनीता जी बुरी तरह से बिलबिला उठी।अब मैं सुनीता जी की चूत में ताबड़तोड़ तरीके से लंड ठोकने लगा।मुझे सुनीता जी को चोदने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। ।मैं ज़ोर ज़ोर से सुनीता जी की चूत में लण्ड पेले जा रहा था। सुनीता जी चीखें पुरे कमरे में गूँज रही थी।
” आह आह आईईईई आईईईई ओह रोहित जी धीरे धीरे चोदो।आह आह आह आईईईई मम्मी मर गई।आहः आह आईईईई बहुत दर्द हो रहा है।आईईईई आईईईई ओह आह आह आईईईईई आईईईई।”
मै झमाझम सुनीता जी की ठुकाई कर रहा था।आज मैं फुल जोश में था। सुनीता जी धुआंधार ठुकाई करने में मुझे बहुत मजा आ रहा था। सुनीता जी मेरे लन्ड से अच्छी तरह से ठुक रही थी।
” आहा आहा आईईईई ओह्ह्ह्ह मम्मी मर गैइई आहा आहा आराम से चोद यार। आहा आईईईई ओह्ह्ह्ह धीरे…. धीरे।
” मैं तो जोर जोर से ही बजाऊंगा सुनीता जी। आहा।”
तभी थोड़ी देर के झमाझम धक्कों के बाद सुनीता जी की चूत पानी पानी हो गई। सुनीता जी जी बुरी तरह से झड़ चुकी थी । मेरे लन्ड के झटकों के साथ सुनीता जी का।पानी नीचे गिर रहा था।।अब मेरे लण्ड के हर एक शॉट के साथ पच्छ पच्छ पच्छ पच्छ की ज़ोर ज़ोर से आवाज़े गूंजने लगी।
” ओह सुनीता जी बहुत मज़ा आ रहा है।एकदम बिंदास माल हो आप।”
“आह आह आईईईई मेरी जान निकल रही हैं रोहित जी धीरे धीरे चोदो।”
” थोड़ा दर्द तो होगा ही सुनीता जी।”
मैं सुनीता जी की चूत के परखच्चे उड़ा रहा था।तभी सुनीता जी जी एकबार फिर से पानी पानी हो गई अब तो सुनीता जी चुदकर पसीने से लथपथ हो चुकी थी।फिर मैंने सुनीता जी को बहुत देर तक बजाया।
ज़ोरदार ठुकाई से सुनीता जी बुरी तरह से नसते नाबुत हो चुकी थी। उनकी चूत के परखचे उड चुके थे। तभी मैने सुनीता जी को फोल्ड कर दिया और अब मैं खड़ा होकर सुनीता जी की चूत में दे दना दन लण्ड पेल रहा था।
” आह्ह आहा ओह सिसस्स आह्ह मरर्रर्र गईईई।”
” ओह सुनीता जी बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है। आह्ह।”
सुनीता जी की टाँगे उनके सिर की ओर मुड़ी हुई थी।सुनीता जी ने खुद टाँगे पकड़ रखी थी। मै ताबड़तोड़ सुनीता की को बजा रहा था। मेरा लंड एकदम सीधा सुनीता जी की चूत के पर्दे फाड़ रहा था।
” ओह सिससस्स धीरेरे धीरेरेरे रोहित। आह्ह मेरी चूत फट जायेगी।”
” चूत क्या आज तो मै आपकी गांड भी फडुंगा सुनीता जी।”
तभी सुनीता जी चुप हो गई।वो समझ चुकी थी कि आज मुझे रोकना उनके बस की बात नहीं है। मै सुनीता जी की ज़ोरदार ठुकाई कर रहा था।सुनीता जी की चूत और मेरे लण्ड के घमासान से बेड चुड चुड करने लगा था।
तभी सुनीता जी की चूत में तूफान आ गया और वो पानी पानी हो गई।अब मेरा लण्ड सुनीता जी की झील में डुबकी लगा रहा था।सुनीता जी फिर से पसीने से नहा चुकी थी।
” आह्ह आह्ह सिसस्स आह्ह ओह रोहित।”
फिर मैने सुनीता जी को बहुत देर तक ऐसे ही फोल्ड करके बजाया। अब मै बेड से नीचे उतर आया और सुनीता जी की टाँगे खींचकर उन्हें बेड के किनारे खीच लिया।
” रोहित जी थोड़ा आराम से।”
” आराम से ही कर रहा हूं सुनीता जी।”
अब मैने सुनीता जी की चूत में लण्ड डाला और फिर सुनीता जी की टाँगे पकड़कर उन्हें फिर से झमाझम बजाने लगा।
” आह्ह आह्ह सिसस् ओह मरर्रर्र।गईईईई। आह्ह आह्ह। ओह रोहित। आह्ह आह्ह।”
मेरे लंड के।धक्कों से बेड फिर से चुड।चुड करने लगा था। मैं गांड हिला हिलाकर झमाझम सुनीता जी को बजा रहा था। अब सुनीता जी भी आंनद के सागर में गोते लगाने लगी।
” ओह रोहित बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह। जमकर चोद मुझे। उन्ह। आह्हा आह्हा। “
” हां सुनीता जी।”
” आह्हा आह्हा ओह्ह्ह् तेरा लंड मुझे रातभर से परेशान कर रहा है। आह्हा आह्हा खूब बजा मुझे। आह्हाआह्हा। फाड़ दे मेरी चूत। आह्हा “
” ओह्ह्ह् सुनीता जी। “
मैं सुनीता जी की चूत में जमकर झटके मार रहा था। मेरे लण्ड के झटकों से सुनीता जी बुरी तरह से हिल रही थी। तभी सुनीता जी का पानी निकल गया। फिर मैंने सुनीता जी को बहुत देर तक बजाया।
मेरा लण्ड सुनीता जी की ज़ोरदार ठुकाई कर चुका था लेकिन मेरा लण्ड सुनीता जी को अभी मौका देने के मूड़ में नहीं था। अब मै वापस बेड पर आ गया और फिर से सुनीता जी की टाँगे उठाकर उनकी चूत में लण्ड जा फंसाया।
अब मै फिर से सुनीता जी की जमकर बजाने लगा।
“आह आह आईईईई आईईईई आह आह आईईईई आईईईई उन्ह आह ओह आईईईई ओह।”
मैं सुनीता जी को कसकर बजा रहा था। तभी मैने सुनीता जी को बाहों में कस लिया और मैं सुनीता जी को मुझसे चिपकाकर बजाने लगा।
” उन्ह आहः आह आईईईई आह आह आह ओह उन्ह आह आह आईईईई आईईईई आईईईई।”
अब मेरा लंड झड़ने वाला था तभी मेने सुनीता जी की चूत में लंड रोक।दिया और फिर सुनीता जी की चूत को मेरे लण्ड में लबालब भर दिया। तभी सुनीता जी ने मुझे सम्हाल लिया और सीने से चिपका।लिया।
” ओह्ह्ह् सुनीता जी मज़ा आ गया आह्हा। बहुत ही मस्त माल हो आप। “
” बहुत ही मस्त हथियार रोहित तेरा। “
” हाँ सुनीता जी। “
फिर थोड़ी देर बाद मैं सम्हला और फिर से सुनीता जी को रगडने लगा। अब मैं सुनीता जी के गले पर ज़ोरदार किस रहा था। तभी सुनीता जी आतुर होकर मुझे बाहो में कस रही थी।
मैं सुनीता जी को जमकर रगड़ रहा था।अब मै सुनीता जी के बोबो पर आ गया और उनका का बलाउज खोल फेंका। सुनीता जी बलाउज को देखती ही रह गई। अब मैने सुनीता जी की ब्रा को ऊपर सरकाया और उनके के मस्त बोबो को बाहर निकाल लिया।
तभी सुनीता जी के रसीले बोबो को देखकर मेरा लण्ड कुलाचे मारने लगा। अब मैने सुनीता जी के बोबो को मुट्ठियों में कस लिया और ज़ोर ज़ोर से उनके के बोबो को निचोडने लगा। तभी सुनीता जी दर्द से कसमसाने।लगी।
” आईईईई सिससस्स आह्ह उन्ह ओह सिसस्स।”
” ओह सुनीता जी क्या चुचे है आपके आह्ह मज़ा आ गया।”
मैं ताबड़तोड़ तरीके से सुनीता जी के बूब्स को दबा रहा था।मुझे सुनीता जी के रसीले बूब्स को दबाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।सुनीता जी के बूब्स बड़ी मुश्किल से मेरे हाथो में आ रहे थे। मैं ज़ोर ज़ोर से सुनीता जी के बूब्स को कस रहा था।
” ओह धीरे धीरे दबा रोहित। बहुत दर्द हो रहा है यार।”
ओह सुनीता जी मज़ा लेने दो। आहा।”
सुनीता जी दर्द से बुरी तरह से तड़प रही थी। वो हाथ पैरों को इधर उधर फेंक रही थी।।फिर मैंने।थोडी देर में ही सुनीता जी के बोबो को बुरी तरह से रगड़ डाला।
अब मैंने सुनीता जी के बूब्स को मुंह में दबा लिया और भूखे कुत्ते की तरह उनके रसीले बूब्स को चूसने लगा।आह! क्या मस्त स्वाद था सुनीता जी के बूब्स के।आह मज़ा आ गया था यारो।
मै बड़ी शिद्दत से सुनीता जी के बूब्स को चूस रहा था। अब सुनीता जी मेरे बालो को संवार रही थी। मैं सुनीता जी के बूब्स चूसने में पागल हो गया था।
” आह आहा ऊंह सुनीता जी,बहुत शानदार बूब्स है आपके।आह आह मज़ा आ गया।”
मैं सुनीता जी के बोबो को झमाझम चुस रहा था।बीच बीच में मै सुनीता जी के बूब्स को काटने भी लगा।तभी सुनीता जी एकदम से चिहुंक उठी।
” आईईईई ऐसे मत करो रोहित।”
मैं सुनीता जी के बूब्स चूसने में बहुत ज्यादा खुश हो रहा था।मुझे सुनीता जी के जिस्म का पूरा खजाना मिल चुका था।फिर मैंने बहुत देर तक सुनीता जी के बूब्स को चूस चूस कर रगड़ डाला।
अब मैने सुनीता जी के पेटिकोट का नाडा खोला और उनकी की साड़ी पेटिकोट को खोल फेंका। अब सुनीता जी मेरे सामने नंगी पूरी नंगी थी। तभी सुनीता जी के गोरे चिकने जिस्म, गजराई जवानी को देखकर मेरा लण्ड फुफकार मारने लगा।
अब मैने सुनीता जी की गांड के नीचे तकिया लगाया और फिर सुनीता जी की चूत पर हमला बोल दिया और उनकी टांगो को ऊपर उठा कर उनकी चूत में उंगलियां पेल दी। अब मैं सुनीता जी की चूत में दे दना दना उंगलियां घुसाने लगा। अब सुनीता जी दर्द से बुरी तरह से तड़पने लगी।
” ऊंह आह आईईईई आईईईई ओह आईईईई ओह ओह ओह रोहित।”
“आह आह सुनीता जी बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है।अहा आह आह आह। बहुत आग लगी है आपकी चूत मे। “
” आह्हा आह्हा ओह्ह्ह् सिसस। “
मेरी उंगलियां सुनीता जी की चूत में अंदर तक घुसकर बुरी तरह से वार कर रही थी। मुझे सुनीता जी की चूत को सहलाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।सुनीता जी की दर्द के मारे गांड़ फट रही थी।फिर मैंने बहुत देर तक सुनीता जी की चूत की गहराई को नापा।
अब मै फिर से सुनीता जी के ऊपर चढ़ गया और उनके के रसीले बोबो को चूसने लगा।सुनीता जी के रसीले बोबो को मै खूब रगड़ रगड़ कर चुस रहा था। सुनीता जी चुपचाप मुझे बोबे चूस्वा रही थी। फिर मैंने खूब देर तक सुनीता जी के बोबो को रगड़ रगड़ चुसा।
अब मैने सुनीता जी को पलट दिया और मैं झट से सुनीता जी के ऊपर चढ़ गया और उनके बालों को एक तरफ हटाकर सुनीता जी के कंधो पर ज़ोरदार किस करने लगा। अब मेरा लण्ड अब सुनीता जी की गांड में घुसने के लिए दबाव बनाने लगा। सुनीता जी बुरी तरह से मेरे नीचे दबी हुई थी। मैं सुनीता जी कंधो पर किस करते हुए उनके कानो को चूमने लगा। तभी सुनीता जी बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी।
” ओह सिससस्स उँह रोहित।”
सुनीता जी बेचने होती जा रही थी। अब मै सुनीता जी की मखमली पीठ पर किस करने लगा। तभी सुनीता जी गद्दे को मुट्ठियों में कसने लगी। मुझे सुनीता जी की शानदार मख़मली पीठ पर किस करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मेरे थुक से सुनीता जी की पीठ पूरी गीली हो चुकी थी। फिर मैं तुरंत सुनीता जी की गांड पर आ गया और उनकी की गांड मसलने लगा।
” ओह सुनीता जी बहुत ही मस्त शानदार गांड है। आह्ह मज़ा आ जायेगा।”
अब मै सुनीता जी के मस्त सेक्सी चुतडो पर ताबड़तोड़ किस करने लगा। तभी सुनीता जी को गुदगुदी होने लगी। और सुनीता जी गांड को इधर उधर हिलाने लगी। लेकिन मैं तो सुनीता जी के ऊपर बुरी तरह से टूट पड़ा था।
सुनीता जी के चुतड़ो पर किस करने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। सुनीता जी के चिकने और गोल गोल चूतड़।मुझे बहुत ज्यादा मज़ा दे रहे थे। इधर मेरा लण्ड सुनीता जी की गांड में घुसने के लिए तड़पने लगा था।
अब मैने सुनीता जी को घोड़ी बनने के लिए कहा। तभी सुनीता जी बिना कोई नखरे किये घोड़ी बन गई। अब मै सुनीता जी के चूत के छेद में लण्ड सेट करने लगा। अब मैने ज़ोर से धक्का लगाया और मेरा लंड फिर से सुनीता जी की चूत फाड़ता हुआ पूरा अंदर घुसस्स गया।
” आईईईई मम्मी। मरर्रर्र गईईईई।बहुत दर्द हो रहा है यार। उन्हह।”
“कोई बात नहीं सुनीता जी।”
अब मै मामीजी की दीदी की कमर पकड़ कर उनको दे दना दन बजाने लगा। सुनीता जी को अब घोड़ी बनाकर पेलने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। सुनीता जी जमकर लंड ले रही थी।
” आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह आह्ह। धीरेरे,,,, धीरेरेरे।
“ओह मेरी घोड़ी,, आहहह आह्ह बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है तुझे बजाने में। बहुत मस्त माल है तू।”
मेरा लंड झमाझम सुनीता जी की चूत की सैर कर रहा था। सुनीता जी घोड़ी बनकर मेरा लंड ले रही थी। मै भी घोडा बनकर सुनीता जी की चूत में जमकर लंड पेल रहा था। सुनीता जी को घोड़ी बनाकर पेलने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। मेरे लंड के हर एक झटके से सुनीता जी बहुत बुरी तरह से हिल रही थी। तभी सुनीता जी का पानी निकल गया और उनका का चिकना जिस्म पसीने में भीग गया।
“आह्ह आहाः अहह आहाहा सिसस्ससस्स उन्ह आह्ह आहाहाह आहाहा आह्ह ओह………उन्ह।”
” ओह सुनीता जी आह्ह बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है।”
अब मेने सुनीता जी की कमर को छोड़ दिया और उनके बालो को पकड़ लिया। अब मैं सुनीता जी के बाल पकडकर जमकर बजाने लगा।
” ओह आह्ह आहाः आह्ह आईईईई सिससस्स।”
सुनीता जी को भी चूत आग बुझाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मैं सुनीता जी की चूत में झमाझम लण्ड ठोके जा रहा था। सुनीता जी भी घोड़ी बनकर बुरी तरह से चुद रही थी। तभी एकबार फिर से सुनीता जी का पानी निकल गया।
” आह्ह आह्ह आह्ह ओह रोहित अब थोड़ी देर रुक जा यार। बहुत थक गई हूं।”
“हां सुनीता जी बससस्स।”
सुनीता जी को घोड़ी बनाकर बजाने के बाद मेने उनको को वापस बेड पर पटक दिया।अब मैने फिर से सुनीता जी की चूत में लण्ड ठोक दिया। अब मै सुनीता जी को फिर से दे दना दन बजाने लगा।
” आह्ह आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह ओह सिससस्स आह्ह ओह।”
” ओह सुनीता जी, आह्ह मज़ा आ रहा है। खूब बजाऊंगा आज तो आपको।”
” बजा ले यार जितनी तेरी मर्ज़ी हो।”
फिर मैंने सुनीता जी को खूब देर तक बजाया। अब मैने सुनीता जी को ऐसे के ऐसे ही उठाया और उन्हें मेरे ऊपर ले लिया।अब सुनीता जी मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरे ऊपर टूट पड़ी।
अब सुनीता जी मेरी चेस्ट पर दे दना दन किस करने लगी। वो भूखी शेरनी की तरह ताबड़तोड़ वार कर रही थी। मै सुनीता जी के घने बालो को संवार रहा था।
फिर थोड़ी देर में ही सुनीता जी मेरे लण्ड पर पहुँच गई। अब वो मेरे लंड के खेंलने लगी और लण्ड को मसलने लगी।
“बहुत तगड़ा हथियार है रोहित तेरा तो। तू इसे कैसे सम्हालता होगा?”
” इसको सम्हालना बहुत मुश्किल है सुनीता जी तभी तो मै आपसे चूत मांग रहा था।अब मेरे लण्ड को थोड़ा तो आराम मिलेगा।”
” तू चिंता मत कर आज मैं तेरे लण्ड को तृप्त कर दूँगी।”
अब सुनीता जी ने मेरे लंड को मुँह में भरा और फिर लॉलीपॉप की तरह चूसने लग गई।मामीजी बहुत ही गज़ब तरीके से मेरा लण्ड चुस रही थी।
” ओह सुनीता जी आप तो कमाल कर रही हो। आह्ह बहुत अच्छा लग रहा है।आह्ह।”,
सुनीता जी लपालप मेरे लण्ड को चुस रही थी। उन्हें मेरा लण्ड चूसने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। तभी मैने सुनीता जी के कंधों पर मेरी टाँगे रख दी और फिर उनकी को मैने टांगो में फंसा लिया।
” ओह सुनीता जी बहुत अच्छा लग रहा है। आह्ह बसस्स ऐसी ही चुस्ती रहो।”,
सुनीता जी मेरे लण्ड को चुस चूसकर उसे लोलिपोप बना चुकी थी।फिर सुनीता जी ने बहुत ने बहुत देर तक मेरे लण्ड का स्वाद चखा।
अब मैने सुनीता जी को उठाया और उन्हें बेड से नीचे ले आया।अब मैने फिर से सुनीता जी को घोड़ी बनने के लिए कहा। तभी सुनीता जी बेड को पकड़कर घोड़ी बन गई।
अब मैने वापस सुनीता जी की चूत में लण्ड सेट किया और फिर सुनीता जी की कमर पकड़कर उन्हें झमाझम चोदने लगा। सुनीता जी की दर्द भरी चीखे फिर से कमरे में गूँजने लगी।
” आह्ह आह्ह ओह सिसस्स आह्ह आह्ह उँह ओह सिससस्स।”
मैं सुनीता जी की कमर पकड़कर उन्हें जमकर बजा रहा था। तभी सुनीता जी का एकबार फिर से पानी निकल गया। अब मै सुनीता जी की गांड में लण्ड सेट करने लगा तभी सुनीता जी कसमसाने लगी।
” सुनीता जी ऐसे हिलो मत।”
” अब यार मेरी गांड भी मारेगा क्या?” अब जब शुरुआत हो ही गई है तो फिर काम तो पूरा ही करूँगा सुनीता जी।”
” यार गांड मरवाने में बहुत दर्द होगा।मुझे गांड मरवाये हुए भी बहुत टाइम हो गया है।और ऊपर से ये तेरा मोटा तगड़ा लण्ड मेरी तो गांड ही फाड़ देगा।”
” हां तो मै तो आपकी गांड ही फाडना चाहता हूं सुनीता जी।”
” यार ऐसा मत कर।मेरी जान निकल जाएगी।”
” कुछ नहीं सुनीता जी आप डरो मत। बसस्स हिम्मत रखो।”
अब मैने सुनीता जी की कमर पकड़ी और अब मैने सुनीता जी की गांड में लण्ड सेट किया । अब मैंने ज़ोर का झटका देकर सुनीता जी की गांड में लंड पेल दिया। मेरा लण्ड एक ही झटके में सुनीता जी की गांड फाड़ता हुआ पूरा अंदर घुस गया। तभी सुनीता जी ज़ोर से चिल्ला पड़ी।
” आईईई मम्मी मर्रर्रर्रर्र गाईईई। आईईईईई आईईईईई मम्मी। आईईईईई आईईईईई।”
मेरा लण्ड सुनीता जी की गांड में बुरी तरह से फंस गया था। तभी मैने लण्ड बाहर निकाला और फिर से सुनीता जी की गांड में लंड ठोक दिया। अबकि बार मेरा मोटा तगड़ा लण्ड सुनीता जी की गांड में पूरा अंदर तक घुस चूका था। तभी सुनीता जी फिर ज़ोर से चीख पड़ी।
” आईईईईई मम्मी मर गईईईई।”
अब मै सुनीता जी की कमर पकड़ कर उनकी गांड में झमाझम लण्ड ठोकने लगा। आहाः! सुनीता जी की गांड मारने में मुझे बहुत ही ज़्यादा मज़ा आ रहा था। मेरा लण्ड फूल स्पीड में सुनीता जी की गांड नाप रहा था। सुनीता जी घोड़ी बनकर गांड मरवा रही थी।
” आहाहाह आह्ह आहाहा आईईईई आईईईई। बहुत दर्द हो रहा है यार। आईईईईई आईईईई धीरे धीरे डाल। आह्ह आहहह।”
” ओह डालने दो। सुनीता जी आहा क्या मस्त गांड है आपकी। । आज तो मै आपकी खूब गांड मारूँगा।”
मैं सुनीता जी की गांड में फूल स्पीड में लण्ड पेल रहा था। सुनीता जी बहुत बुरी तरह से करहा रही थी। सुनीता जी का हाल बेहाल हो रहा था।
“आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह सिसस्ससस्स आह्ह आह्ह ओह रोहित। धीरे धीरे……..आईईईईई आईईईई ओह मम्मी।”
तब ही सुनीता जी का।जिस्म अकड़ने लगा और फिर सुनीता जी का पानी निकल गया। अब सुनीता जी का पानी चूत से होते हुए बेड पर पड़ने लगा।
“आह्ह आह्ह आह्ह ओह आईईईईई आईईईई अआहः आह्ह आह्ह ओह मर्रर्रर्रर्र गईईईई मम्मी। आईईईईई आईईईईई।”
फिर मैंने सुनीता जी की बहूत देर तक गांड मारी।
गांड मरवाने के बाद सुनीता जी का हाल बेहाल हो गया था। अब तो सुनीता जी का जिस्म पसीने पसीने हो चूका था। फिर मैंने सुनीता जी को उठाकर वापस बेड पर पटक दिया।
अब मैने सुनीता जी की फिर से टाँगे खोली और उसमें लंड फिट कर दिया।अब मै फिर से सुनीता जी की दर्द भरी निकालने लगा।
” आह्ह आह्ह सिसस्स आह्ह ओह सिसस्स आह्ह आह्ह आहा।”
अब तो सुनीता जी सिर्फ सिस्कारिया ही भर रही थी।बाकि इसके अलावा उनके बस का कुछ नहीं था।मैं सुनीता जी को जमकर बजा रहा था।
” ओह सुनीता जी। आज तो मुझे जन्नत मिल गई।”
” आह्ह सिसस्स आह्ह ओह मज़ा ले।ले तो फिर जन्नत का।”
” हां सुनीता जी।”
मेरा लंड सुनीता जी के जिस्म का पुर्ज़ा पुर्ज़ा हिला चूका था लेकिन सुनीता जी अभी भी फूल लंड ठुकवा रही थी। उनको चूत बजवाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मै भी सुनीता जी की चूत बजाने में कोई कमी नहीं छोड़ रहा था।
” आहा आईईईई ऊंह उह्ह्ह्ह आहा।”
तभी सुनीता जी का पानी निकल गया। मैं सुनीता जी को ताबड़तोड़ ठोके जा रहा था।फिर लास्ट में मेरा लण्ड भी रुकने लगा और फिर मैंने सुनीता जी को कसकर दबोच लिया। फिर कुछ ही पलों में सुनीता जी की चूत मेरे लंड के पानी से भर गई।
तभी सुनीता जी ने मुझे बाहो में भर लिया।फिर बहुत देर तक हम दोनों ऐसे ही नंगे एकदूसरे से लिपटे रहे। फिर बहुत देर बाद हम अलग हुए।
देखा तो पूरे कमरे में हमारे कपडे बिखरे पड़े थे। फिर सुनीता जी उठी और उनके कपडे ढूंढकर पहनने लगी।
“तू भी कपडे पहनने ले अब।अनीता आने वाली है।” हां सुनीता जी।
मैं मन ही मन सोचने लगा कि अब इन्हें कैसे बताऊँ कि जिससे इन्हें डर लग रहा है उनको तो मैं पहले से ही बजा चूका हूँ।
खैर अब मै भी कपडे पहनने लगा।फिर सुनीता जी साड़ी पहनकर बाहर आ गई।अब मै भी बाहर निकल आया। सुनीता जी अब नहाने के लिए कपडे निकाल रही थी।
” बहुत बुरी तरह से बजाया यार तूने। मेरी तो जान ही निकाली होती।”
” आप हो ही इतनी रिपचिक माल तो जमकर तो बजाना ही था। वैसे आपको बजाने में मुझे बहुत मज़ा आया।”
” मज़ा तो मुझे भी बहुत आया यार। मेरी चूत को पूरी हिला डाला तेरे लण्ड ने।”
” हां सुनीता जी मेरा लण्ड ऐसे ही पेलता है।”
“चल अच्छा है। अब मै नहा लेती हूँ।”
” चलो ठीक है।”
अब मैं सुनीता जी को बजाकर कमरे में पड गया। तभी थोड़ी देर बाद अनीता मामीजी खेत से वापस आ गई। अब सुनीता जी अनीता मामीजी से ऐसे बात कर रही थी जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो।जबकि थोड़ी देर पहले उन्होंने जमकर लंड ठुकवाया था।
फिर मामीजी मेरे पास आई और मेरी ख़ुशी को देखकर वो सबकुछ समझ गई।
” आज तो तूने मेरी दीदी को बजा ही दिया।” हां मामीजी।
” ज्यादा जोर जबरदस्ती तो नहीं करनी पड़ी ना।?”
” नहीं, उन्होंने तो आराम से चूत दे दी थी।” चल फिर तो अच्छा है।
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