ट्यूशन वाली दीदी की चुत चाट कर आया !! 😛

दीदी मुझे हसकर देखने लगी तो मैं उनकी पजामी खींच कर उतार दिया। मेरा नाम अभिषेक है और मैं 11 क्लास में पढ़ता हूँ  मेरी उम्र 21 साल है और मैं करीब 3 बार स्कूल में फ़ैल हो चूका हूँ। इसलिए अगर मेरी hindi sex kahani में आपको गलतिया मिले तो माफ़ करना।  

मैं अक्सर अपने माँ बाप से मार खाया करता था क्यों की मैं पढाई में कुछ खास अच्छा नहीं था। इसलिए मेरे माप ने मुझे जबरदस्त छोटे बच्चों के ट्यूशन में डाल दिया ताकि मुझे शर्म के मारे अपनी लापरवाही का एहसास हो। 

मैं 3 दिन तक ट्यूशन गया जहा एक 25 साल की सेक्सी लड़की छोटे स्कूल के बच्चों को पढ़ाया करती। ऐसी मजेदार शरीर वाली लड़की को तो मैं कभी दीदी न बोलू पर पापा की वजह से मुझे बोलना पड़ा। दीदी को टाइट कपड़े और जीन्स पहना पसंद था। दीदी अपनी मोटी गांड किसी तरह टाइट जीन्स में फसा कर हमे पढ़ाया करती। टाइट टशीट से उभरते थान मुझे हर दिन कामुक कर देते। उनकी आधी दिखती स्तनों की दरार देख मैं रोज ट्यूशन के बाद मुठ मारता। 

रोज रोज दीदी की याद में लंड हिला हिला कर मैं कमजोर होने लगा और मुझे हार मानकर कोई न कोई फैसला लेना पड़ा। या तो मैं ट्यूशन जाना छोड़ देता और या तो मैं दीदी को चोद देता इसके अलावा मेरे पास कोई चारा नहीं था। दीदी को चोदने जैसा काम तो मैं अपने सपनो में ही कर सकता था इसलिए मैं ट्यूशन जाना ही छोड़ दिया।  

अब जब पापा को पता लगा तो उन्होंने मेरा मार मार कर भरता बना दिया और अगले दिन मुझे फिर ट्यूशन जाना पड़ा। अब दोस्तों 2 दिन जाने के बाद मैंने हिमत जुटा कर दीदी को अपने दी की बात लिख कर दे दी। 

मैं कागज पर लिखा “दीदी मैं जब आपको पहली बार देखा था तभी मैं आपसे प्रेम कर बैठा था !! मुझे आप काफी पसंद हो क्या आप मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी ?”

दीदी ने मेरी दिल की बात पढ़कर हसने लगी और मुझव देखने लगी। मुझे लगा दीदी ने हाँ करदी पर ऐसा नहीं था। सबके जाने के बाद मैं दीदी के पास गया और उसने कहा “तो अपने क्या सोचा ?”

दीदी – देखो अभिषेक यहाँ मैं बस ट्यूशन पढ़ती और इसके अलावा मुझ से और कुछ उम्मीद मत रखना वरना मैं तुम्हारी पापा को सब बता दूगी।   

उसके बाद दीदी चली गई और मैं भी उदास होकर घर चला गया। अगले दिन दीदी ने सेक्सी पजामी और सूट पहना था। उनका देसी रूप देख मैं फिर ऊके लिए गंदा सोचने लगा। उस दिन दीदी का मूड कुछ अलग था। हम नीचे चटाई पर बैठ कर पढ़ते थे और दीदी ऊपर सोफे पर बैठ कर हमे पढ़ती। उस दिन दीदी तक फ़ोन में कुछ देखती रही। 

उन्होंने फ़ोन टेढ़ा करके पकड़ा था जिस से साफ पता लग रहा था की वो कोई वीडियो देख रही है। इसी दौरान मैं सबसे पीछे बैठा अपना लंड पजामे के ऊपर से ही सहलाने उनकी सेक्सी फिगर को देकता रहा। 

देखते ही देखते दीदी अपनी जाँघे आपस में धीरे धीरे रगड़ने लगी। जिस तरह से वो फ़ोन में देख रही थी मुझे ऐसा लगा जैसे वो कोई गन्दी फिल्म देख रही हो। उस दिन दीदी सभी बच्चो को टेस्ट दिया था। जैसे जैसे बच्चे अपना टेस्ट पूरा करते गए वो एक एक करके वहा से जाने लगे। 

अंत में मैं बच्चा। मुझे पता था की दीदी क्या देख रही है इसलिए सब बच्चो के जाने के बाद मैं भी अपनी टांगे खोल कर बैठ गया और दीदी को मेरा खड़ा लिंग दिखने लगा। 

दीदी मेरे लंड को देख मुस्कुराई और मैं उसे हाँ समज लिया। मैं जल्दी से आगे गया और दीदी की पजामी खींच पर उतार दिया। दीदी हैरानी से मुझे देखने लगी और मैं  चुत देख हकाबका रह गया। 

दीदी शर्म से अपना मुँह परे कर के बैठी रही और मैं उनकी कच्छी के अंदर अपना हाथ गुसा लिया।    

अंदर हाथ घुसा कर मुझे उनकी झांटे महसूस होने लगी जो काफी बड़ी बड़ी थी। मैं अपने ठन्डे हाथो से दीदी की गर्म चुत को सहलाने लगा और मेरा लंड टोपे से गीला हो गया। दीदी की बुर पहले से ही गीली थी। 

मैं धीरे धीरे उनकी जाँघे अंदर से चूमे लगा और दीदी को और गीला करने लगा। 

दीदी पहले तो शर्म से मुझ से आंखे नहीं मिला रही थी पर जैसे ही मैं उन्हें कुश करने लगा वो अपनी प्यारी आँखों से मुझे गन्दा काम करते देखने लगी। 

मैं अपने हाथो से उनकी टांगे पकड़ा और उन्हें धीरे से सहलाता रहा। दीदी की टांगे काफी मोटी और सेक्सी थी। 

मैं इसी तरह दीदी को छूने के बाद और दीदी ने अपनी कच्छी खुद उतारी और मेरे सामने अपना भोसड़ा खोल कर बैठ गई। दीदी ने अपनी दो उंगलियों से अपनी चुत खोली और मुझे देखने लगी। 

चुत देख कर मेरा उसे चाटने का दिल करने लगा। 

दीदी ने अपनी ऊँगली से सारी झांटे अगल बगल की और मेरी जुबान के लिए रास्ता साफ कर दिया। मैं आगे पढ़कर अपनी जुबान निकाला और धीरे धीरे दीदी की गर्म चुत को अपनी लार टपकाती जुबान से चाटने लगा। 

देखते ही देखते दीदी की सासे तेज हो गई और वो अपनी फूली हुई छाती को और फुला कर कर गहरी सासे लेने लगी। 

उनका सेक्सी रूप देख मैं भी पागल सा होने लगा और अगले ही पल मैं उसके सूट में हाथ घुसाया और उनके दोनों दूध पकड़ कर अंदर ही अंदर दबाने लगा। 

चुत चाट चाट कर मैं पूरा मजा लेने लगा और दीदी को भी अपने जालिम हाथो से जकड़ लिया। 

उसके बाद मैं अपना लंड बाहर निकाला और दीदी के सामने खड़ा हो गया। दीदी मेरा लंड देखने लगी और ऐसा बर्ताव करने लगी जैसे उन्होंने लंड कभी देखा ही नहीं था। 

उसी वक्त मेरी नजर उनके बगल में पड़े फ़ोन पर गई जिसमे सेक्सी पोर्न वीडियो चल रही थी। उसमे एक अंग्रेज अपने बड़े से लंड को एक लड़की में मुँह में डाल कर धके लगा रहा था और लड़की के मुँह से थूक ही थूक निकल रहा था। 

तो मैं दीदी की झाटो भरी चुत चाटने के बाद अपना लंड निकाल कर उनके सामने खड़ा हो गया। दीदी जो गन्दी वीडियो अपने फ़ोन में देख रही थी उस से साफ पता लग रहा था की उनके लंड चूसने का कितना मन करता है। इसलिए उसके सामने मैं अपना लंड लटका कर खड़ा हो गया। 

दीदी ने कुछ देर अपनी आंखे बड़ी बड़ी की और मेरे लंड को देखा उसके बाद वो अपने मुँह से थूक अंदर गटकी और आगे आकर मेरे लंड को हाथ लगाने लगी। उन्होंने पहले तो मेरे लिंग को हल्के हाथ से पकड़ा और उसे धीरे धीरे हिलाते हुए देखती रही। 

वो कभी मेरे टोपे को बाहर निकाल कर देखती तो कभी नीचे झूलती गोटियों को। उनका चूसने का काफी मन था और मैंने उस वक्त वहा के बाल भी काट रखे थे। पर पता नहीं क्यों वो क्या सोच रही थी। 

कुछ देर बाद मैंने दीदी का हाथ हटाया और अचानक से अपना टोपा उनके होठो पर चिपका दिया। दीदी हैरान होकर मुझे देखने लगी पर जब होठो पर गर्म लंड का एहसास हुआ तो बिना सोचे समझे मेरे टोपे को चूसने लगी। 

उन्होंने अपना मुँह खोला और मेरे लंड के ऊपरी हिसे को चूसना शुरू कर दिया। वो धीरे धीरे उसे चूसने लगी तो मैंने कहा “अरे दीदी ऐसी थोड़ी करते है !!”

दीदी – मतलब ?? ये मेरा पहला ब्लोजॉब है !

मैंने कहा – रुको ऐसे नहीं !! अपना मुँह पूरा खोलो !!

दीदी ने अपना मुँह जैसे ही पूरा खोला मैं अपनी कमर हिला कर उसके मुँह में अपना पूरा लिंग घुसा दिया।   

लंड घुसा कर मैंने दीदी के गले की घंटी बजा डाली और उनके मुँह को चोदना शुरू कर दिया। मैं जोर जोर से अपनी गोटिया हिला हिला कर उनके मुँह को चोदने में लग गया। 

तभी दीदी ने मेरी जांघ पर हाथ मारना शुरू कर दिया पर लंड पर जो गर्म गर्म एहसास हो रहा था मैं बस उसी के मजे लेने लगा। 

तभी अचानक दीदी खांसने लगी और मेरे पुरे लंड पर थूक ही थूक लग गया। मैंने धीरे से लंड बाहर निकाला और दीदी सास लेने के बस हसने लगी। 

मैंने पीछा – अहह अहह  क्या हुआ ?

दीदी – नहीं कुछ नहीं। रुका क्यों है मेरे मुँह में दाल !!

उसके बाद मैं अपने लंड को नीचे से दबा कर पकड़ा और उसे पूरा फुला कर दीदी के सामने कर दिया। नसों से भरा लंड देख दीदी की चुत से पानी टपकने लगा तो वो उसमे उनलगी करते हुए मेरे पुरे लने को अपने होठो से चूसने लगी। 

कभी वो उसे ऊपर से चुस्ती तो कभी साइड से। वो पूरा आनंद ले रही थी और मेरे लंड का कोना कोना चाट चूस रही थी। 

वो इस तरह चाटती रहती तो मेरा जल्द ही झाड़ जाता इसलिए मैंने दीदी को रोका और उन्हें वापस सोफे पर बिठा कर अपना लंड उनकी चुत पर रखने लगा। 

मैंने दीदी को बिना पूछे अचानक उनकी चुत पर लंड रखा और उसे धका लगा कर अंदर घुसा दिया। 

दीदी – नहीं !! क्या कर रहा है बाहर निकाल !!

पे मैं रुका नहीं और लंड को अंदर बाहर करके रगड़ने लगा। दीदी की आंखे नशीली होने लगी और उनकी एक जांघ कापने लगी। 

लंड का पूरा मजा उन्हें चुत में आ रहा था। मेरा नसों से भरा लंड और बड़ा सा टोपा दीदी की चुत को जोरदार तरीके से चोद रहा था। 

इसी तरह मैं चुदाई करते हुए उनकी चाती बाहर निकाला और दोनों काली चुचिया चूसने लगा। 

दीदी – उह्ह्ह अहह ममम मम !!

दीदी हल्की हल्की कोमल और सुरीली आवाज करने लगी और मैं उनकी चुदाई करता रहा। 

उनका प्यारा चेहरा देख मुझे उनपर प्यार आने लगा और उनका भारी रसीला शरीर देख मेरे दिल दिमाग में बस हवस ही हवस थी। मैं आगे झुक कर उनके लाल होठो को चूमने लगा और उनपर से लिपस्टिक खराब करने लगा। 

दीदी भी अपने होठो को बाहर निकल कर लेती रही और मैं उनकी टांगो के बीच चुदाई करता हुआ उनके बड़े बड़े थन दबाता रहा और होठो को चूसता रहा। 

उनके मुँह पर मेरे लंड का पानी लगा था और मैं उन्हें चुम कर अपने ही लंड का स्वाद ले रहा था। देखते ही देकते चुस्त से सफ़ेद मलाई बाहर निकलनी शुरू हो गई। साथ ही दीदी भी पागल होने लगी मैं जोर जोर से बस चुदाई में लगा रहा और दीदी की चुत चोद चोद कर उसे बड़ा करने लगा। 

तभी दीदी अपनी छाती फुला फुला कर तेज सासे लेने लगी और उन्होंने अपनी चुत से सफ़ेद मलाई छोड़ डाली। 

मेरा पूरा लिंग उनकी मलाई से चिकना हो गया और चिकनी चुत चोद चोद कर मेरा भी झड़ने लगा। मैं जोर दार थपेड़ो के साथ चुदाई करता रहा और सेक्सी आनंद लेता रहा। 

उसके बाद लंड से पानी निकल जाने की वजह से मैं वही रुक गया और अपना लटका लंड चुत से पूरा अंदर घुसा दिया और आगे झुक कर दीदी को धीरे धीरे चूमता रहा। 

दीदी – रुक क्यों गए तुम ??

मैं बोला – दीदी मेरा झाड़ गया। 

दीदी (चीला कर) – क्या !!!

दीदी ने मुझे धका दिया और पास पड़े अपने रुमाल से पानी चुत रगड़ कर साफ करने लगी। मैं उस वक्त डर गया की दीदी को अचानक ये क्या हुआ। 

दीदी – अरे बेवकूफ तुझे अंदर नहीं झाड़ना था अब हो गई न मुसीबत !!

अब दोस्तों उसके बाद जो हुआ मैं आपको बताना नहीं चाहता बस यही कहुगा की जब भी सेक्स करो कंडोम लगा के करो अगर वो लड़की तुम्हारी बीबी नहीं हटी तो। 

उसके बाद जो भी हुआ उसमे दीदी ने सारा इंजाम मेरे सर डाल दिया और मेरे पापा को बता दिया की मैं उन्हें किस नजर से देखता हूँ और उनके साथ क्या करके आया हूँ। उसके बाद पापा ने मुझे खूब पीटा और मुझे कूट कूट कर लाला कर दिया। मुझे मारते हुए वो बस यही पूछते रहे क्या करके आया है तू !! अपनी दीदी के साथ केसा अश्लील काम किया है तूने !! और उनके इस सवाल का जवाब मैंने दिया ये बोलकर “मैं ट्यूशन वाली दीदी की चुत चाट कर आया हूँ !!” उसके बाद बस लाठी डंडे और पता नहीं किन किन चीज़ो से मुझे पीटा गया।

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