पड़ोसी से मन मचल गया

हेलो दोस्तों मेरा नाम दिव्या है और मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ ! मेरी उम्र 26 साल हैं, रंग गोरा और शरीर स्लिम है. जॉब दूर होने की वजह से मैंने ऑफिस के पास में ही एक कमरा किराये पर लेलिया था! कमरे लेने के दो दिन बाद मैंने एक लड़के को सामने वाले घर में देखा जो की बहुत स्मार्ट था !

उसे देखते ही मेरा मन मचल गया था और मन किया की उसे कसकर बाहो में लेलु ! दोस्तों अपने बारे में बता दूँ की मेरे सेक्स हार्मोन्स कुछ ज्यादा ही बनते है शायद !

क्यूंकि मैं बहुत जल्दी गरम हो जाती हो और मेरा सम्भोग करने का मन करने लगता हैं ! मुझे पता चला उस लड़के का नाम दिव्यांग हैं और वो शरीर से एवरेज था !

अब मुझे बस उसे लुभाना था और कैसे भी करके उसके साथ सम्भोग करना था ! पहले दूसरे दिन तो मैंने उसे स्माइल पास करे ताकि मुझे नोटिस करे ! पर वो थोड़ा अकड़ू था और भाव खा रहा था !

लड़के चाहे कितना भी ऐटिटूड दिखा ले पर हमेशा एक चीज के आगे झुक जाते है और वो आपको भी पता है! उसके कमरे की खिड़की के सामने मेरा बैडरूम था और बैडरूम में बाथरूम जॉइंट था !

कहने का मतलब सिर्फ वो ही मुझे देख सकता था और कोई नहीं ! तो मैंने छोटे कपडे पहनना स्टार्ट कर दिया और जान कर घर में इधर उधर गुमने लग गयी !

मैंने ऊपर टाइट पारदर्शी टॉप पहना था और निचे शॉर्ट्स और उस पारदर्शी टॉप में से मेरे वक्ष साफ दिख रहे थे ! तो जैसा की मैंने ऊपर लिखा था की लड़के एक चीज के आगे जरूर पिघल जाते है और उस लड़के ने मुझे उन कपड़ो में देख लिया!

वो चुपके से मुझे देख रहा था उसे लग रहा था जैसे मैंने उसे देखा ही नहीं ! ऐसा मैंने हर दिन करना स्टार्ट करदिया फिक्स टाइम पर ताकि वो रोज मुझे देखने आये और उसे मेरी आदत लग जाए! तो ऐसा मैंने एक हफ्ते तक किया कभी मैंने ब्रा और पैंटी पहनी , कभी पारदर्शी सूट बिना ब्रा के और आखिरी दिन तो मैंने बिना कपड़ो के उसे खुदको दिखा दिया !

पर मुझे समज नहीं आया अबतक उसने मुझे कुछ बोला क्यों नहीं ! फिर कुछ दिन मेरी तबियत खराब थी और मैं कमरे से बहार नहीं आ पायी ! करीब एक हफ्ते बाद मैं घर से बहार ऑफिस के लिए निकली थी!

जब मैं ऑफिस के लिए जा रही थी तो दिव्यांग मुझे ऐसे देख रहा था जैसे बहुत दिनों बाद परी देखि हो ! रात को मैं घर आयी तो वो पहले से वंहा गम रहा था मानो मेरा ही इन्तजार कर रहा हो! उसने मुझे ही कहा और मुझसे बात करने की कोशिश करि बदले में मैंने भी उससे ही हेलो कर लिया!

पता नहीं कहाँ से रात को उसे मेरा नंबर मिल गया और वो वंहा मैसेज करने लग गया ! फिर हमने रातो रात भर बाते करी और मैं उसकी बातो से समज गयी थी की उसे मुझे रोज कम कपड़ो में देखने की आदत पड़ चुकी थी !

अब मैं समज गयी थी की लोहा गरम है हथोड़ा मारने का टाइम आ गया है! चूँकि वो मुझसे बड़ा था और जिस विषय में मैं पड़ रही थी उसमे बहुत अच्छा था तो मैंने उसे अपने घर पढ़ाई के सिलसिले में बुला लिया !

वो घर आया पहले हम चुपचाप बैठ कर पढ़ाई कर रहे थे ! कुछ देर बाद मैंने उसे कहा मुझे गर्मी लग रही है मैं अभी आती हूँ. मैं रूम में जाके पारदर्शी वाला टॉप पहन लिया और चुप चाप दिव्यांग के बगल में आकर बैठ गयी !

दिव्यांग के होश उड़ गए क्यूंकि उसे मेरे वक्ष साफ़ दिख रहे थे वो पागल हो रहा था हम दोनों बहुत करीब बैठे थे! मैं बार बार अपने होंठ काट रही थी और उसे संकेत दे रही थी !

अब दिव्यांग का पारा गरम हो चूका था और वो कुछ भी करने को त्यार था ! थोड़ी देर उसने उलटी गिनती गिनना स्टार्ट कर दिया 10, 9, 8 …..और आखिर में एक गिनते ही वो मुझपर टूट पड़ा ! उसने सीधा मेरे वक्ष दबा दिए और मेरी आह की आवाज जोर से निकल गयी!

उसने मेरे होंठो पर अपने होंठ रख दिए और ऐसे चूसा जैसे मेरे होंठो से अमृत निकल रहा हो! उसका एक हाथ मेरी पूरी कमर को सेहला रहा था और दूसरा मेरे वक्ष को जोर से दबा रहा था !

कुछ देर सब खामोश था बस कमरे में चुम्मी चाटी की और उह्ह्ह आह्हः की आवाजे आ रही थी! कुछ देर ऐसा ही चलता रहा और फिर उसने अपने कपड़े उतारे और मैंने अपने !

टॉप उतरी, जीन्स उतारी और आखिर में अपनी कच्छी उतर फेंकी ! वो पूरा नंगा मेरे सामने खड़ा था और उसका लिंग बहुत बड़ा और मोटा था मेरी तो आंखे बड़ी हो गयी उसका देखकर !

अब हम दोनों बिना कपड़ो के थे और फिरसे हम टूट पड़े एक दूसरे पर और किस किया जइब से उसके शरीर को चाटा और धीरे धीरे निचे उसके प्राइवेट पार्ट पर चली गयी और उसे चूमने और चाटने लगी !

थोड़ी देर बाद मैंने उसे चूसना भी स्टार्ट करदिया और बहुत देर तक उसे चुस्ती रही मुझे बहुत मजा आ रहा था और दिव्यांग तो मदहोश हो रखा था !

अब उसका लिंग बिलकुल टाइट हो रखा था तो हमने समय बर्बाद ना करते हुए गपागप स्टार्ट कर दिया ! उसने इतनी जोर जोर से झटके मारे मेरी तो जान निकल गयी पर बड़ा मजा आया!

मेरी चीख निकल रही थी मैं सिसकारियां भर रही थी ! कुछ देर जोर जोर से जटके मरने के बाद हमने फिर पोजीशन चेंज करि कभी मैं उसके ऊपर और कभी वो मेरे ऊपर. बहुत देर सम्भोग करने के बाद जब दिव्यांग का झड़ने वाला था तो मैंने उसे बोला की अपना माल मेरे मुँह पर गिरना और उसने वैसा ही किया! उसके बाद हम बिस्तर पर काफी देर पड़े रहे !

तो दोस्तों यह थी मेरी कहानी उम्मीद है आपको पसंद आयी होगी काफी !

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