होली पर पड़ोसन भाभी की चुदाई

हेलो दोस्तों मैं इशांक हूँ और आज आपको मैं बहुत बढ़िया कहानी सुनाने जा रहा हूँ!

सबसे पहले आप सभी को होली मुबारक और ये कहानी आज की शाम की हैं! मतलब अभी से कुछ घंटे पहले की तो मुझे बहुत अच्छा लगा तो सोचा अपनी कहानी आपसे शेयर करू!

तो कहानी पर आते हैं जिसका नाम है पड़ोसन भाभी की चुदाई! दोस्तों आज छोटी होली हैं और हमारे पड़ोस में एक सुंदर भाभी रहती हैं!

मैं अपनी गली में सबसे शरीफ लड़का माना जाता हूँ! इन गली वालो को सबसे बड़ी गलत फेमि हैं ये तो! मैं सबसे अच्छे से बात करता हूँ तो गली की औरतो का काम होता है सबकी खबर इधर से उधर करना!

तो ऐसे ही मेरी तारीफ पड़ोसन भाभी ने गली की औरतो से सुनली तो वो मुझे देखती थी और मैं उन्हें! एक तो मैं दिखने मैं मासूम दिखता हूँ तो शायद उनके दिल में मेरी अच्छी जगह बन गयी थी!

उनका पति बड़ा खड़ूस था बहुत काम बहार निकलने देता था भाभी को! तो आज होली पर उनके पतिदेव अपने दोस्तों के साथ पीने गए थे! शाम के 5 बज रहे थे मैं छत पर टहल रहा था और उस समय भाभी भी छत पर टहलती थी!

हम दोनों एक दूसरे को देख रहे थे अचानक भैया भाभी के पति निचे गेट पर आये पुरे नशे में! वो ठीक से चल भी नहीं पा रहे थे गली में कोई था भी नहीं तो मैं उन्हें उठाने के लिए चला गया!

मैंने भैया को सहारा दिया और उन्हें उनके कमरे तक ले जाने में हेल्प करने लगा! भैया को थोड़ा बहुत ही समझ में आ रहा था क्योंकि वह पूरे नशे में थे! कुछ देर के बाद भाभी भी वहीं पर थी और उनके जूते वगैरा उतार रही थी! भाभी बहुत गुस्से में थी कह रही थी कि एक तो मुझे मेरी सहेली के घर जाने नहीं दिया मैंने होली भी नहीं बनाई आज और ऊपर से ये पीकर आ रहे हैं!

मतलब खुद मस्ती करते हैं और मुझे घर में रखते हैं और गुस्सा होकर ऊपर चली गई! तो मैंने भैया को बेड पर लिटा दिया और वह तो भंड होकर सो गए थे!

मैं ऊपर वाले कमरे में भाभी को समझाने गया तो भाभी बोली कि मेरा मन कर रहा था अभी खेलने का नहीं खेल पाई! तो मैंने भाभी को मनाने के लिए वहां पर रखे रंग को उठाया और भाभी के गालों पर लगा दिया!

जिसे देखकर भाभी बहुत ज्यादा खुश हो गई भाभी ने फिर थोड़ा रंग पर मुझ पर लगाया और फिर मैंने उनके हाथों को रंग लगाया और उन्होंने भी मेरे हाथों पर रंग लगाया!

फिर हम दोनों शर्मा से गए और मुंह नीचे करके मुस्कुरा रहे थे उस दिन के बाद कुछ देर बाद भाभी ने मेरे गालों पर किस तरह करा और मुझे धन्यवाद कहा और नीचे करके शर्म आने लगी! तो मैंने भी उनके गालों पर किस कर दिया और कहा कोई बात नहीं !उन्होंने मुझे गले से लगा लिया कहा मुझे बहुत अकेला-अकेला सा महसूस हो रहा है आज तो वो मुझसे लिपट गयी!

उनके बड़े बूब्स मेरी छाती को छू रहे थे और उनकी नयी साड़ी से नए कपड़ो वाली खुसबू ऊपर से उनसे प्यारी सी महक आ रही थी! मैंने उन्हें कस कर जकड लिया और कुछ देर बाद उनके होंठ चुम लिए!

हम चुप चाप शांत को एक दूसरे के होंठ चूमने लगे और पुरे कमरे में पुचक पुचक की आवाजे आ रही थी! फिर मैंने भाभी को साड़ी उतारने के लिए कहा और मैं निचे भैया को देखने चला गया! भैया तो भंड थे और सो रखे थे!

फिर मैं भागकर ऊपर गया और धीरे से कमरे में देखने लगा! भाभी अपनी साड़ी उतार रही थी पर शर्मा रही थी उन्होंने ब्लाउज आधा खोल दिया था जिसमे से थोड़े से गोरे बूब्स दिख रहे थे!

फिर मैं कमरे में आया तो वो मुझे देखकर खुश हो गयी पर वो घबरा रही थी! मैं उनके पास आया और मैंने कहा घबराओ मत आपको जो दिल कर रहा है करो मैं किसी से कहूंगा नहीं!

भाभी ने फिरसे मेरे होंठ चुम लिए और फिर एक लंबी किस चली! मैंने भाभी का ब्लाउज ऊपर को सरका दिया जिससे उनके बड़े बूब्स गोरे गोरे मेरे सामने आ गए!

यकीन नहीं हो रहा था इतनी सुंदर भाभी मेरे सामने बूब्स निकाल कर खड़ी थी! समय ज्यादा नहीं था इससे पहले भैया को होश आता मैंने उनके बूब्स को चूसना शुरू किया और उन्होंने मेरे सर को सहलाना शुरू कर दिया!

वो तो आंखे बंद करके पुरे मजे ले रही थी और मैं उनके बूब्स दबा रहा था और काटने लगा तो भाभी ने मना करदिया ये कहकर की भैया देखते हैं! फिर मैंने थोड़ा सा रंग भाभी बूब्स पर लगा दिया और पेट पर भी!

उसके बाद मैंने भाभी की साड़ी उठायी निचे से और उनकी कमर तक ले आया! भाभी ने काली पैंटी पहनी थी और उनकी गांड गोल और गोरी थी! मैंने उनकी गांड पर काटा और कहा यंहा तो नहीं देखेंगे भैया? भाभी हसने लगी और कहा नहीं!

मैंने भाभी की गांड पर हाथो पर कलर लगाकर चांटा मारा और मेरी पांचो उंगलिया गुलाल वाली गांड पर छप गयी! उन्होंने कहा क्या कर रहे हो ये मैंने कहा इनके साथ भी होली खेल रहा हूँ वो हसने लगी!

फिर मैंने भाभी की पैंटी उतार दी और अपना लंड भाभी की चूत में डाला! भाभी ने थोड़ी से आवाज निकाली और फिर चुदाई शुरू हो गयी! भाभी के दोनों बूब्स मेरे हाथो में थे और मैं बार बार उनकी गोरी कमर चुम रहा था!

कुछ देर चुदाई चलती रही कमरे में सिसकारियां और पच पच की आवाजे आ रही थी! मैं चरम सीमा पर आ रहा था तो भाभी बोली तुम जब कोई न हो तब आ जाया करो! तुम मेरा अकेलापन दूर करोगे न इशांक मैंने कहा हां पूरा करूँगा! कुछ देर बाद मस्त चुदाई हुई और मैंने चूत में सारा माल झाड़ दिया!

फिर भाभी ने झटके से मुझे गले से लगा लिया वो बहुत ज्यादा खुश थी और संतुष्ट भी! भाभी के बूब्स बहार निकले हुए थे और वो मुझसे बात करे जा रही थी!

उन्होंने मुझसे नंबर माँगा और फिर एक जोरदार किस करदी! फिर कमरे से बहार जाने लगी तो मैंने उन्हें रोका उनके बूब्स अंदर करे और ब्लाउज का हुक लगा! वो और ज्यादा इम्प्रेस हो गयी मुझसे! तो दोस्तों ये थी मेरी आज की चुदाई की कहानी उम्मीद हैं आपको पसंद आयी होगी!

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