मेरे अंतरंग हमसफ़र 010

द्वितीय अध्याय

परिवार से मेलजोल

भाग -3

जेन,  रूबी और रोजी  से प्रेम

जब में जेन को चूम रहा था तो वही एक पेड़ के झुके हुए तने पर दोनों बैठ कर चुम्बन करने लगेl जेन भी चुम्बन में मेरा साथ देने लगी थीl उसके बाद जेन ने मुझे पकड़ कर वापिस मेरे होंठो को किस कियाl और मैंने उसके सर को जकड़ के उसके मुंह से अपना मुंह लगा दियाl और वह उसके ओंठ चूसने लगा और वो मेरे ओंठ चूसने लगाl थोड़ी देर बाद वह मेरा निचला होंठ चूसने लगी और मैं उसका ऊपर का ओंठ चूसने लगा lफिर उसने अपना मुंह थोड़ा सा खोला और मेरी जीभ जेन के मुंह में चली गयीl

और जेन ने भी अपने झीभ मेरे मुँह में डाल दी मैं उसकी जीब चूसने लगा, फिर मैं जेन की झीब से खेलने लगाl वह मेरे साथ लिपट गयी, उसका बदन मेरे बदन से चिपक गयाl उसके बड़े बड़े गोल स्तन मेरी छाती में दब गए थेl हम दोनों एक दुसरे को बेकरारी से चूमने लगे और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट हम एक दुसरे के लबों को चूमते रहे, फिर रुक कर सांस लेती हुई बोली अब बस कीजिये ये बहुत हो गयाl

मैंने उसकी ओर देखा और कहा: “ठीक है। बस एक बार, और केवल एक बार! मैं चाहता हूं कि आप यह जान लें कि मैं आपसे प्यार करता हूं और मैं यह कर रहा हूं क्योंकि मैं आपसे और आपसे बहुत प्यार करता हूंl

मैंने उससे कहा कि वह अपने सिर को थोड़ा सा दाईं ओर झुकाए और बस थोड़ा सा मुंह खोले। मैंने अपने हाथ उसके चेहरे के हर तरफ रख दिए और उसे अपने पास खींचने लगा। जैसे ही हम अपने होंठों के मिलन के करीब आए, उसका पूरा शरीर हिल गया। उसी के साथ उसके संपर्क में मेरे होंठ आये , मेरे होंठ उसके होंठ की मालिश करने लगेl वह धीमी गति से और बहुत नरम चुंबन, महसूस कर रही इस युवा किशोरी के साथ होंठो का मिलान बहुत रोमांचक था। मुझे उसके होंठ इतने जवान और इतने मस्त लग रहे थे की मुझे बहुत अच्छा लगा। मैं अपनी जीभ बाहर लाया और उसके साथ उसके नरम गुलाब की पंखुरियों जैसे होंठों को छुआ और जब मैंने उन्हें बाहर को सहलाया, तो उसने अपने होंठ खुले रखे। जल्द ही उसने अपनी जीभ को वापस वही काम किया। हम एक दूसरे के मुंह, बाहर चुंबन, जीभ को चूमते रहेl

भावनाओं के रोमांच , उत्तेजना के कारण हमारे बदन तप रहे थे और कई क्षणों तक वह मेरी बाहों में लगभग स्थिर थी l उसका एक हाथ मेरी जांघ पर आराम कर रहा था। मेरा लंड जाग गया था और अभिसार के लिए तैयार था, लेकिन उसने अचानक खुद को हिलाते हुए और चुम्बन तोड़ते हुए कहा, “हमें अब यहां और नहीं रुकना चाहिए, हमें तुरंत चलना चाहिए ,कही कोई हम ढूंढ़ता हुआ न आ जाए तो हमें यहाँ इन हालत में देख लेगा या देर होने पर वे कुछ संदेह करेंगे।”

“हम कब फिर से अकेले होंगे, डार्लिंग? हमें वापिस अंदर जाने से पहले उसे व्यवस्थित करना होगा,”मैंने जल्दी से कहा।

अब उसे उस पेड़ पर रोके रखना असंभव था, हमने दुबारा चलना शुरू किया l उसने कहा, “हम कल सुबह-सुबह दोपहर के भोजन से पहले टहलने जा सकते हैं, मां पापा किसी से मिलने जाने वाले हैं बॉब पुस्तक पढ़ रहा है और मुझे लगता है वह कल तक उसे समाप्त नहीं कर पायेगा टॉम बिस्तर पर ही रहता है , और मेरी बहनें सुबह TVl देखने में व्यस्त रहती हैं और मुझे कल कोई ख़ास काम नहीं है। “

मैं उसे गले लगाया और एक और चुंबन दे दिया, फिर मैंने कहा, “ये तो बहुत रमणीय हो जाएगा; प्रिय जेन , आप अत्यंत खूबसूरत होने के साथ विचारशील और समझदार भी हैं ।”

फिर वह बोली “मगर ध्यान दीजियेगा कल आपका व्यवहार संयत होl कल इतना चुम्बन नहीं होगा lनहीं तो मैं आगे से आपके साथ घूमने नहीं आऊँगी”और फिर हम वापिस घर पहुँच गए हमने चाय पि और अपने कमरे में चला गया l”

अपने कमरे में वापिस आया तो रोजी मुझसे पूछने लगी बहुत देर लग गयी आपको आप जेन के साथ lतो मैंने कहा में उसे बाग़ बगीचा दिखाने ले गया थाlतो वह शरारत भरी मुस्कराहट के साथ बोली कुछ ज्यादा ही लम्बा चक्कर लगाने चले गए या कोई और चक्कर चला रहे थे l बताइये तो क्या चक्कर है तो मैं बोला इधर आओ बताता हूँ क्या कर रहा थाl उसके साथ ll जेन के साथ हुए प्यारे चुम्बन को याद करते ही मैं फिर उत्तेजित हो गया और रोजी को पकड़ने उसके पीछे दौड़ा, तो वह बचने के लिए उपक्रम करते हुए पीछे हुई, और कमरे में दाहिने हिस्से में रखे एक मूर्ति से टकराई, तो मूर्ति घूम गयी और मेरे बिस्तर के साथ की अलमारी की साइड में एक गुप्त दरवाजा खुल गया शायद इसी गुप्त दरवाजे का जिक्र दादाजी की डायरी में था l

अब इसमें आगे क्या था l ये जानने के लिए हमारा उसके अंदर जाना जरूरी था पर दरवाजे के अंदर अँधेरा था तो रोजी बोली आप रुकिए मैं टोर्च ले कर आती हूँ तो मैंने कहा रुको मैं मोबाइल में से टोर्च जलाता हूँ lतो हमने मूर्ति को वापिस घुमाया तो दरवाजा बंद हो गया और फिर उसे दूसरी दिशा में घुमाया तो दरवाजा फिर खुल गया l पर दोनों का एक साथ अंदर जाना ठीक नहीं रहेगा मैं अंदर जाता हूँ तुम बाहर रुको अगर अंदर दरवाजा खोलने का रास्ता नहीं मिला तो तुम 5 मिनट बाद दुबारा मूर्ति हिला कर दरवाजा खोल देना l

हमने मोबाइल से टोर्च जला कर अंदर देखा तो वहां लाइट के स्विच नज़र आये उन्हें दबाया तो वहां रौशनी हो गयी और नीचे उतरने की सीढिया नज़र आयी मैं नीचे उतर गया आगे दीवार थी ।

वहां एक हैंडल भी था मैंने उसे घुमाया तो कमरे वाला दरवाजा बंद हो गया और सीढ़ियों के अंत में एक दरवाजा खुल गया मैंने उस हैंडल को उल्टा घुमाया तो कमरे का दरवाजा खुल गया और सीढ़ियों के अंत में खुला दरवाजा बंद हो गया ।

रोजी ने पुछा क्या वह आ जाए तो मुझे लगा चुकी ये एक गुप्त रास्ता है और इसका जिक्र दादाजी की डायरी में है तो सुरक्षित ही होगा मैंने कहा वह डायरी जो तुमने संभल कर रखी है वह ले कर आ जाओ तो रोजी वह डायरी ले कर आ गयी और फिर बोली इसे पढ़ेंगे कैसे शीशा तो मैं लायी नहीं l तो मैंने कहा आगे देखते हैं नहीं तो कोई शीशा ले कर आ जाना और मैंने हैंडल घुमा कर कमरे का दरवाजा बंद किया और आगे का दरवाजा खुल गया l हम उस दरवाजे के अंदर गए तो वहां एक शानदार हाल था l जिसमे बहुत सुन्दर सुन्दर लड़कियों की बहुत कामुक मुर्तिया और कामुक अंतरंग चित्र कलाकृतिया लगी हुई थी l और कमरे के अंदर एक शानदार बिस्तर जिसपर आठ से दस लोग आराम से सो सकते थे ।

किनारो पर शानदार आरामदायक सोफे लगे हुए थे l और हाल में एक बड़ा शानदार बाथरूम भी था ।

मेरे मुँह से अनायास निकला?बहुत शानदार”दादा जी भी पूरे रसिक थे ।

तभी मुझे वहां एक शीशा नज़र आया तो मैं उस पास गया तो उसके पास एक दूसरी डायरी और एक चाबी रखी हुई थी उसमे लिखा था इस कमरे में ऊपर के कमरे जैसी तीन मूतिया रखी हैं जिनको घूमाने से तीन अलग अलग रास्ते खुलेंगे l उनमे से एक से वो दरवाजा खुलेगा जिससे हम कमरे से इस तहखाने वाले हाल में आये थे l दुसरे से रास्ता पहले मुख्या भवन के हाल में खुलता है तीसरे से रास्ता से तीसरे भवन के पास खुलता है और उसी से आगे एक रास्ता मैदान के पास बड़े बरगद का पास पेड़ो के झुण्ड में खुलता हैl बड़ा बरगद उसे पेड़ के पास था जिस पेड़ के पास आज मैंने अपनी कजिन जेन को किश किया था l और चाबी ऊपर रखी अलमारी की थी ।

पूरा हॉल साउंड प्रूफ था उसमे एक बहुत बड़ी टीवी स्क्रीन लगी थी और बाकी भी सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस था l उस डायरी में ये भी लिखा था की इस हाल और मुख्या भवन से रास्ते का राज घर का ध्यान रखने वाली आशा अम्मा को भी मालूम था और वह ही इसकी सफाई और रख रखाव करती थीl उस डायरी में ये भी लिखा था के किस प्रकार से सब दरवाजो कोलॉक किया जा सकता था, जिससे कोई भी दरवाजा खोल न सके और साथ ही ये हिदायत भी थी के सुरक्षा की दृष्टि से ये राज गुप्त ही रखा जाए।

हम दोनों हाल की सब लाइट इत्यादि बंद करते हुए और डायरी में बताये गए तरीके से दरवाजे लॉक करके वापिस मेरे कमरे में आ गए ।

मैंने वापिस आ कर कमरे में देखा तो वहां ऐसी ही दो मूर्तिया और थी l एक मुख्या भवन की और एक बायीं और थी जो की एक गुप्त रास्ता था जो घर के बाहर ले जाता था मैंने दोनों को घुमाया तो दो दरवाजे खुले ।

कमरे के दायी और जो अलमारी थी नीचे जो चाबी मिली थी वो चाबी अलमारी में एक लॉकर की थी और डायरी में लिखा था की दोनों डायरी को उसी लाकर में सुरक्षित रखा जाए जब मैंने अलमारी खोल कर चाबी से लाकर खोला तो उसके अंदर एक इलेक्ट्रॉनिक लाकर था और सके पास ही एक पर्ची पर उसका पास वर्ड लिखा था और साथ ही पससवर्ड बदलने की जरूरी हिफ़ायते थी और साथ ही लिखा था के पासवर्ड बदलने के बाद चबा कर इस पर्ची को खा जाना ।

अलमारी के लाकर में कुछ नहीं था l बस केवल लक्ष्मी जी की एक मूर्ति थी l मुझे समझ नहीं आया इसके लिए इतना झमेला क्यों किया दादा जी ने तो रोजी बोली “आप उस अंदर की मूर्ति को छु कर देखिये जरूर उसमे कोई राज है”l मैंने मूर्ति के चरण छुए तो मूर्ति घूम गयी और अलमारी में एक और गुप्त रास्ता खुल गया और वह रास्ता एक और तहखाने में ले गया जहाँ पर क्या मिला उसे मैं यहाँ गोपनीय रख रहा हूँ और प्रीती को भी एकांत में संक्षेप में बता दिया था ।

दादाजी ने ये भी लिखा था इन गुप्त रास्तो के बारे में घर के सभी सदस्यों को मालूम था केवल अलमारी वाले रास्ते और तहखाने का राज उन्हें और मुझे ही मालूम थाl चुकी मैं पहले पढाई में व्यस्य था तो इन रास्तो के राज को कभी नहीं बताया गया थाl अब चुकी मैं व्यस्क भी हो गया था और मेरी स्कूल की पढाई भी पूरी हो गयी थी तो दादाजी अपने आखिरी समय में सब लिख दिया था ताकि ये राज मुझे भी ठीक समय पर मालूम हो जाए ।

तो हम वापिस कमरे में आ गए और रात का खाना खाने के बाद आपमें कमरे में वापिस आ रहा था तो रास्ते में मुझे रोजी मिली और वह बोली आज रात को रूबी भी उसके साथ सोना चाहती है l जब सब लोग रात में अपने कमरों में चले गए तो मोना चुपके से बॉब के कमरे में और टीना टॉम के कमरे में चली गयी l और आधी रात में रूबी जब मेरे कमरे में आयी तो उससे पहले रोजी और मैं टेलीविजन देख रहे हैं, लेकिन हम ऊब गए थे।

– मैंने नग्न होते हुए कहा हमें साथ में कुछ मस्ती करनी चाहिए? – मैंने रोजी से कहा।

रोजी कहती हैं – रूबी के आने में थोड़ा समय लगेगा और रोजी ने भी अपने सभी कपडे उतार डाले मैं कुछ अच्छे सेक्स का मन नहीं बनाऊँगी, वह मुस्कुराते हुए कहती है। फिर बोली रूबी ने सुझाव दिया है कि आज हम दोनों को तुम्हें चोदना चाहिए। “

रोजी द्वारा मुझे उसके और रूबी को एकसाथ चोदने के लिए कहा गया विचार पूरी तरह से आश्चर्यचकित कर गया। मैंने रोजी से पूछा कि क्या उसकी और रूबी दोनों की एकसाथ चुदाई का विचार किसी तरह का मजाक तो नहीं था । रोजी ने कहा “नहीं, यह मजाक नहीं है।”उसने कहा कि रूबी उन दोनों के साथ मेरे साथ एक थ्रीसम के बारे में बात कर रही थी। रूबी मुझे और रोजी दोनों को अपने बिस्तर पर चाहती थी, और रोजी की भी ये इच्छा थी की मैं एक ही समय में उन दोनों को चोदू।

मेरा मानना है कि लगभग हर पुरुष की दो महिलाओं के साथ थ्रीसम करने की गुप्त इच्छा होती है; मैं कोई अपवाद नहीं था और हां में जवाब देने में संकोच नहीं किया। मैं यह जानकर रोमांचित और उत्साहित दोनों था कि मैं जल्द ही वह पूरा करूंगा जो मेरी सबसे बड़ी यौन फंतासी थी। मेरे दिमाग में मैं उन सभी अलग-अलग चीजों के बारे में सोच रहा था जो मैं दो महिलाओं के साथ कर सकता था।

मैं एक पल भी संकोच नहीं करता, क्योंकि मैं हमेशा सेक्स के लिए तैयार रहता हूं। तो मैं रोजी को पकड़ कर चूमता हूँ फिर हम गर्म पानी में स्नान करके खुद को तैयार करने के लिए दोनों नग्न ही बाथरूम में जाते हैं। उसे नग्न देख एक दूसरे को छूने नहलाने सहलाने और दूसरे के शरीर को चूमने से मेरा लिंग सर उठाना शुरू कर देता हैं।

हम एक दुसरे को चूमते हुए बेडरूम में जाते हैं। जब रोजी और मैंने बेडरूम में प्रवेश किया, रूबी पर रोशनी थी और वो बिस्तर पर लेती हुई थी पूरी तरह से नंगी हमारा इंतजार कर रही थी । उसने मान लिया होगा कि ऐसा कोई कारण नहीं था कि मैं इस तरह के प्रस्ताव को ठुकरा दूं। पूरे समय जब तक हम कमरे में रहे किसी ने भी लाइट बंद करने का कोई प्रयास नहीं किया ।

मैं अपने बिस्तर पर पीठ के बल लेट गया और मेरी अपने ऊपरी बांह रूबी के स्तनों को दबा रही थी और फिर रोजी भी अपने शरीर को मेरे साथ लता की तरह लिपट कर दूसरी तरफ लेट गई। तो दूसरी तरफ रूबी भी मुझ से लिपट गयी मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन मैं वास्तव में दो महिलाओं जो मुझे बहुत ज्यादा पसंद थी के नग्न शरीर के बीच नग्न और सैंडविच की तरह रहूंगा।

मैंने कहा आप दोनों ने आज मुझे एक बहुत बड़ा सरप्राइज दिया है मेरा लंड तब तक पूरा उग्र हो चूका था और पूरे ९० डिग्री पर तन गया था रूबी ने जवाब दिया, “शायद आपका मुंह ऐसा कह रहा है, लेकिन कोई और कुछ और कह रहा है कि आप कुछ और करना चाहते हैं।”ये कहते हुए उसने नीचे की और मेरे खड़े लंड को देखा।

तो रोजी ने ये जानने के लिए की रूबी किसके बारे में बात कर रही है नीचे देखा और उसने देखा कि मेरा लंड एकदम सीधा था और हम तीनों हँसने लगे, मुझे थोड़ी शर्मिंदगी हुई।

“क्या तुम उस चीज़ को नियंत्रित नहीं कर सकते,”हँसते हुए रोजी ने कहा।

“क्षमा करें, आप जानते हैं कि इसका खुद का दिमाग है। यह आप दोनों के आसपास होने से अब बिलकुल बेकाबू है।”मैंने जवाब दिया, मैं अपनी असहज भावना को छिपाने की कोशिश कर रहा था।

आगे क्या हुआ … ये कहानी जारी रहेगी l

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