हेलो दोस्तों मैं रवि आपका स्वागत करता हूँ हमारी लोकप्रिय वेबसाइट पर जिसका नाम antarvasnastory हैं!
तो दोस्तों आज मैं आपको अपनी कहानी सुनाने जा रहा हूँ!
तो शुरू करते हैं, मेरे एक दूर के भाई की शादी थी, जो की साकेत की और थी! तो हमारे सारे रिस्तेदार साकेत के एक होटल में रुके हुए थे!
मैं अपने बारे में आपको बता दूँ मैं दिखने में ज्यादा हूँ पर पता नहीं अच्छी किस्मत कहलो या कुछ भी!
मुझसे लड़किया बहुत जल्दी आकर्षित हो जाती हैं! तो जैसे हमारे फॅमिली पार्टी में पहुंची सबका हेलो, नमस्ते शुरू हो गया!
इस भीड़ में मेरी नजर पड़ी एक बहुत ही आकर्षित लड़की पर, जो सुन्दर भी थी और उसका चेहरा कामुकता से भरा हुआ लग रहा था! उन्हें देखते ही मेरे दिल की दड़कन बढ़ गयी और मेरी इच्छा उन्हें जानने की हुई!
जबसे मैं पार्टी में आया था मेरी निगाहे उन्हें देख रही थी और उनकी भी मुझे देख रही थी!
उनके चेहरे पर एक अलग ही मुस्कान थी, पिली रंग की साड़ी, खुल्ले बाल और उनकी पतली कमर जो साफ़ दिख रही थी!
उसे देखकर मैं उनकी तरफ बढ़ा और वो मेरी तरफ और जैसे ही हम पास आये मेरी मम्मी सामने आ गयी और वो लड़की उनके पैर छू रही थी!
मम्मी ने हमे मिलवाया और कहा बेटा ये तेरी दूर की मौसी लगेगी! तो मैंने उन्हें हेलो कहा और उन्होंने भी और मेरी मम्मी वंहा से चली गयी!
उन्होंने मुझसे पूछा तुम दूर के रिश्ते को मानते हो, मैंने उन्हें ऊपर से निचे तक देखा और कहा बिलकुल भी नहीं!
फिर हम हसने लग गए, पता नहीं क्या था जो हम दोनों को आकर्षित कर रहा था!
कुछ देर बात करने के बाद उन्हें किसीने बुला लिया तो उन्होंने मेरे कंधे पर हाथ रखा और कहा फिर मिलते हैं!
फिर पार्टी में हम दोनों अलग अलग हो गए, लेकिन जंहा भी गए एक दूसरे को बार बार देखते रहे!
मैं उसे देखकर बाल पीछे करता और वो मुझे देखकर अपने बाल कानो के पीछे से ले जाती!
मुझे नहीं पता था वो क्या चाह रही हैं, बस जैसा आप लोगो को कहानी से लग रहा हैं , मुझे भी ऐसा ही लग रहा था!
उसके बाद रात हो चुकी थी और ज़्यदातर रिस्तेदार खा पीकर अपने अपने घर या होटल रूम पर चले गए थे!
मैं सबसे ऊपर छत थी जंहा खाने पीने वाले लोग थे, मैं वंहा जाकर कोने में ड्रिंक करने लगा!
पीछे से आवाज आयी अकेले अकेले, मैंने मुड़कर देखा तो हमारी पिली साड़ी वाली मौसी जी खड़ी थी!
छत पर अब कम लोग थे और गाना चल रहा था, तो मौसी और मैं एक दूसरे के करीब आकर चिल्ला कर बात करनी पड़ रही थी!
उन्होंने मेरे कान के पास आकर बोलै मेरा भी पेग बनाओ, मैंने उनका भी पेग बनाया और करीब दो गिलास पिए!
गाने की आवाज बहुत थी तो हम एक दूसरे के इतने करीब आकर बाते कर रहे थे की हमे एक दूसरे की सांसे महसूस हो रही थी!
मैंने उन्हें कहा पिली साड़ी में कमल की दिख रही हैं, उन्होंने कहा थैंक्स कहा! हमारे चेहरे बहुत करीब थे और फिर उन्होंने मुझसे पूछा तुम करते क्या हो?
और जैसे ही मने बोलना शुरू किया उन्होंने मेरे होंठो पर अपने होंठ रख दिए! सब कुछ शांत हो गया एकदम से, मैं हिला भी नहीं अपनी जगह से, पीछे गाने चल रहे थे, सब स्लो मोशन में हो रहा था!
मैंने अपने हाथ से गिलास निचे गिरा दिया और मैंने एक हाथ उनकी कमर पर रखा और दूसरे से उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा हुआ था!
हम लगातार एक दूसरे के होंठो का सारा रस चूस रहे थे, और थोड़ी देर बाद हम दोनों हलके से पीछे हुए और एक दूसरे की आँखों में देखा! मेरे तो होश उड़े हुए थे और उनकी आँखों में वही कामुकता थी!
कुछ देर देखने के बाद मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने उनका हाथ पकड़ा और उन्हें उल्टा करके उनकी गर्दन चूमने लगा!
चूमते चूमते मैं उनके ब्लाउज तक पहुंचा और मैंने वो धीरे से खोला, मुझे लगा वो मना करेंगी लेकिन अब हम कामुक हो चुके थे!
मने उनके ब्लाउज के हुक खोल दिए और उनकी ब्रा मुझे साफ़ दिख रही थी!
मने उनकी ब्रा भी खोल दी और उनकी गोरी नंगी पीठ पर चूमा! जिस वक़्त हम ये सब कर रहे थे , छत पर और भी लोग थे, होटल की छत बहुत बड़ी थी !
हम ऐसे कोने में थे जंहा देख नहीं सकता था कोई, फिर भी रिस्क था पर रिस्क में ही मजा था!
मैंने उन्हें सीधा किया और उनके ब्लाउज और ब्रा को एक साथ ऊपर की और सरका दिया और उनके बड़े बूब्स निकल कर मेरे सामने आ गए!
वो मुझे देखकर घेरि सांसे ले रही थी और मैंने उनके बूब्स चूसना शुरू कर दिया!
मैंने बूब्स को चूसा और थोड़ी देर में उनके निप्पल खड़े हो गए !
समय कम था, डर था कोई आ न जाये और मजा भी उतना आ रहा था!
फिर उन्होंने मुझे पीछे हटाया और अपनी साड़ी ऊपर करके अंदर अपनी पैंटी(कच्छी) उतार दी!
मैंने थोड़ी देर उनके होंठ चूमे और फिर उन्हें घुमाकर थोड़ा सा झुकाया!
पीछे से मैंने उनकी साड़ी उठायी और अब मेरे सामने उनकी मोटी गांड थी, मने उनकी गांड पर एक किस किया और फिर अपना लंड निकाल लिया!
मैंने पीछे से लंड उनकी चूत में डाला और मैं उन्हें चोदने लगा, सामने एक दीवार थी उन्होंने दोनों हाथ दीवार पर रखे हुए थे!
जिस तरह चोदने के लिए मैं आगे पीछे हो रहा था वो भी चुदने के लिए आगे पीछे हो रही थी!
बहुत मजा आ रहा था, मैं दोनों हाथो से कभी उनकी गांड सहलाता, तो कभी उनके बूब्स पकड़ कर दबाता !
कुछ देर बाद मैं चरम सीमा पर आने लगा और मैंने उन्हें अपनी बाहो में लेकर थोड़ा सा निचे झुकाया और खुद भी उनके साथ साथ झुक गया!
अब पीछे से चुदाई मने जोर जोर से करनी शुरू करदी थी और कुछ देर बाद मेरा झड़ गया और मैंने सारा माल चूत में निकाल दिया!
अब जाकर हम दोनों को शांति मिली और कुछ देर हमने एक दूसरे को गले लगा ही रखा था, फिर उन्होंने अपनी ब्रा और ब्लाउज हुक मुझसे बंद करवाया!
मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए थे और आखिर में उन्होंने अपनी पैंटी से अपनी चूत साफ़ करी और वोंही कोने में कूड़ेदान में फेंक दी!
कुछ देर बाद हमने एक दूसरे के नंबर लेलिए और रात बहुत हो गयी थी तो हम अपने अपने कमरे में जाकर सो गए!
तो दोसतो ये थी मेरी कहानी मौसी की चुदाई, उम्मीद हैं आप सभी को पसंद आयी होगी!