मामीजी और उनकी दीदी को एक ही बिस्तर पर बजाया-1

चूत और लण्ड के सभी खिलाड़ियों को मेरा प्रणाम।मैं रोहित 25 साल का नौजवान लोंडा हूं। मेरा 6 इन्च का मोटा तगड़ा हथियार है जो किसी भी चूत को दिन में तारे दिखाने की ताकत रखता है।
                         मेरी ये कहानी मेरे कॉलेज टाइम की है जब मुझे मेरे मामाजी के यहां जाने का मौका मिला। मामाजी के यहां आने के बाद टीना दीदी ने मुझे चूत का स्वाद चखाया था। फिर दीदी ने मेरा सेटिंग मामीजी से करवा दिया। जिसके बाद मेने अनीता मामीजी को खूब बजाया।
                        अब मामाजी के यहाँ रहकर मैं टाइम टाइम से मामीजी और उनकी सहेली को बजा रहा था।मेरा लण्ड फूल मज़े में था।
                             तभी एक दिन मामीजी की बड़ी बहिन यानि सुनीता मामीजी घर आई। वो बच्चों के साथ कुछ दिनों के लिए मामीजी से मिलने आई थी। अब मेने अनीता मामीजी की दीदी को पटा लिया और फिर उनकी शानदार ठुकाई कर दी। अनीता मामीजी की दीदी मेरा लंड ठुकवा कर बहुत ज्यादा खुश हुई।
                   मैं अनीता मामीजी और उनकी दीदी यानि सुनीता मामीजी को बजा चूका था।  अब दोनों बहिनों को अच्छी तरह से पता था कि मै उन दोनों को बजा रहा हूँ। फिर एक दिन मैंने मामीजी की दीदी को उनके सामने ही चोद दिया जिसके बारे में मेंने ” मामीजी की दीदी को जमकर बजाया” कहानी में बताया था 
                    मेरी अनिता मामीजी लगभग 36 साल की है। वो गौरे चिकने जिस्म की मालकिन है। मामीजी अमरुद की तरह एकदम गजराई हुई सी है। मामीजी की मोटी मोटी गौरी कलाइयां, मस्त कड़क गांड और बड़े बड़े बोबे किसी भी लंड में आग लगाने के लिए काफी है।
                          मामीजी के बड़े बड़े बोबे लगभग 34 साइज के है। मामीजी के बोबो को देखकर मैं तड़प उठा था। फिर मेने मामीजी के बोबो को खूब रगड़ कर चुसा था।  मामीजी की चिकनी कमर लगभग 32 साइज की है और कमर के नीचे मामीजी की मस्त सेक्सी 34 साइज की गांड किसी के लण्ड में भी आग लगा सकती हैं। मैने मोका मिलने पर मामीजी की गांड में जमकर लण्ड पेला था।
                        मामीजी की दीदी यानि  सुनीता जी लगभग 38 साल की है। सुनीता मामीजी भी एकदम गोरे चिकने जिस्म की मालकिन है। उनका पूरा जिस्म एकदम गजराया हुआ है। वो एकदम पके हुए आम की तरह रिपचिक है।
                  सुनीता जी के बोबे लगभग 34 साइज के है। सुनीता जी के बोबो का उभार उनके बलाउज में से अच्छे से नज़र आता है।  मेने सुनीता जी के बोबो को जमकर चुसा था। सुनीता जी के बोबो के नीचे उनका गोरा चिकना पेट और 32 साइज की कमर किसी को लण्ड मसलने पर मजबूर कर दे।
                         सुनीता जी की मस्त बिंदास गांड लगभग 34 साइज की है। सुनीता जी की गांड की कसावट उनकी साड़ी में अच्छी तरह से नज़र आती है। मेने सुनीता जी की टाइट गाँड़ में खूब लंड पेला था।       
अनीता मामीजी और उनकी दीदी दोनों को मैं अच्छी तरह से बजा चूका था। दोनों बहिने मेरे लंड से बहुत ज्यादा खुश थी। मै दोनों बहिनों को बहुत बढ़िया तरीके से चोद रहा था। तभी मुझे मेरी बात याद आ गई। मेने मामीजी की दीदी को चोदने से पहले सोचा था कि अगर कैसे भी करके मैं मामीजी की दीदी को चोद लेता हूँ तो फिर एकदिन दोनो बहिनों को एक ही बिस्तर पर बजाऊंगा।
                      अब मै मेरे प्लान में लग गया। अब मै सही मौके का इंतज़ार कर रहा था। एक दिन मामीजी और उनकी दीदी दोनों फ्री थी। अब घर में हम तीनों के अलावा कोई और नहीं था।
                मामीजी और उनकी दीदी दोनों नहा धोकर सिलाई कर रही थी। तभी मेरा लण्ड दोनों बहिनों को एकसाथ चोदने के लिए उतावला होने लगा। लेकिन ये इतना आसान भी नहीं था। वो दोनों कोई जवान लड़कियां नहीं बल्कि परिपक्व औरते है इसलिये दोनों बहिनों को एकसाथ बजाना थोड़ा मुश्किल था। लेकिन फिर भी मै काम पर लग ही गया।
                   अब मै जाकर मामीजी के पास बैठ गया।
              ” और रोहित कहाँ निकल गया था आज?”
          ” अरे वो मामाजी को थोड़ा काम था इसलिये खेत पर गया था।”
                 ” अच्छा!”    हां मामीजी।
               मामीजी बलाउज सिल रही थी और मामीजी की दीदी उनकी हेल्प कर रही थी। तभी मैंने मामीजी से कहा ” मामीजी ये काम तो होता रहेगा।आप तो पहले अंदर चलिये।”
                  ” रोहित पागल है क्या तू! दीदी के सामने ही ऐसी बाते कर रहा है।”
                ” तो इसमें कौनसी शर्म की बात है मामीजी? आपकी दीदी को तो वैसे भी सबकुछ पता है।”
           ” लेकिन यार फिर भी!”    
        ” सो चूहे खाकर बिल्ली हज को चली वाली बात मत करो मामीजी।”
              तभी मामीजी की बोलती बंद हो गई और वो चुप हो गई।  ” चलो ना मामीजी।”
             ” यार मुझे सीमा चाचीजी का बलाउज तैयार कर देना है।कल उन्हें कहीं बहार जाना है। तू एक काम कर दीदी को ले जा।”    
              दीदी का नाम लेते ही सुनीता जी शरमाने लगी ”  मैं मैं नही। अनीता तू भी तेरी टोपी मेरे ऊपर डाल रही हैं।”
                ” कोई बात नहीं दीदी। आज आप रोहित को और मज़े कराओ।”
            तभी मामीजी की दीदी मुस्कुराने लगी ” अनीता यार तू भी……………….
                ” रोहित जा तू दीदी को ले जा। ये फ्री भी है।”
                ” चलो सुनीता जी। मैं आपको ही मज़े देता हूँ। ये तो बिज़ी है।”
                  तभी मैं सुनीता जी का हाथ पकड़कर उन्हें अंदर ले जाने लगा तभी सुनीता जी मुस्कुराती हुई मेरे साथ अंदर चलने लगी ” अभी देखना मेरी हालत ख़राब कर देगा ये।”
                   अब मैंने सुनीता जी को अंदर ले लिया और फिर गेट लगाकर उन पर बरस पड़ा और सुनीता जी के होठो की लिपस्टिक् को ज़ोरदार तरीके से चूसने लगा। आज तो सुनीता जी के जिस्म से शानदार खुशबु आ रही थी।
                  तभी कमरे में ऑउच्च ऑउच्च ऑउच्च आउच पुच्च पुच्च की ज़ोर ज़ोर से आवाज़ें गूँजने लगी। हम दोनों धुआंधार किस करते हुए काम वासना में डूब रहे थे। मैं सुनीता जी के होठो को बुरी तरह से चुस रहा था।
                   इधर मेरे हाथ सुनीता जी की गाँड़ पर पहुँच चुके थे। मैं सुनीता जी की सेक्सी बिंदास गाँड़ को बुरी तरह से मसल रहा था। अब सुनीता जी धीरे धीरे गर्म हो रही थी।
                    मेने किस करते हुए सुनीता जी की साड़ी को ऊपर तक उठा दिया था। थोड़ी देर में ही सुनीता जी की हालत खराब होने लगी थी।
                    तभी मैंने सुनीता जी को दिवार के सहारे चिपका दिया और मैंने झट से उनके के बलाउज के हुक खोल दिए। अब मै सुनीता जी के बोबो पर टूट पड़ा और उनके लबालब चूसने लगा।
              ” आह्ह रोहित। सिससस्स तू तो पागल ही कर देता है। आह्ह।”
                  मैं सुनीता जी के चूचो को जल्दी जल्दी चुस रहा था। मुझे सुनीता जी के चुचे चूसने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। इधर नीचे से मेरा लण्ड आग लगा रहा था। वो सुनीता जी की चूत की सैर करने के लिए उतावला हो रहा था।
                   ” उन्हह सुनीता जी आह्ह मज़ा आ गया। बहुत ही टेस्टी लग रहे हैं ।”
                ” चुस ले रोहित। आह्ह बहुत अच्छा लग रहा है। अहाहः।”
                    सुनीता जी मुझे उनकी बाहों में भरकर चुचे चुस्वा रही थी। मै लपक लपक कर सुनीता जी के बोबो को चुस रहा था। फिर मै नीचे बैठ गया और सुनीता जी की साड़ी को ऊपर कर उनकी चड्डी को खोल लिया।
                     तभी सुनीता जी ने टाँगे ऊपर उठाकर चड्डी निकाल दी। अब मैं सुनीता जी की टांगो में बैठकर उनकी चूत चाटने लगा। अब सुनीता जी आतुर होने लगी। वो मेरे बालो को भिचने लगी।
              “युन्ह सिससस्स आह्ह आह्ह ओह सिससस्स।”
                मैं सुनीता जी की चूत को लबालब चाट रहा था। सुनीता जी की चूत से भीनी भीनी खुशबु आ रही थी। मै तो सुनीता जी की चुत चाटने में पागल सा हो रहा था। तभी सुनीता जी ने एक टांग।मेरे कंधे पर रख दी।
              ” ओह कुत्ते आह्ह। बस और मत तड़पा। आह्ह डाल दे तेरा लण्ड।आह्ह।”
                 सुनीता जी की काम वासना थोड़ी देर में ही भड़क चुकी थी। मै सुनीता जी की चूत चाटे जा रहा था। सुनीता जी बार बार मेरे बालो को नोच रही थी। तभी सुनीता जी का पानी निकल गया।
                 ” ओह सिसस्ससस्स ओह कुत्ते। आह्ह।”
                 अब मै सुनीता जी के नमकीन पानी को पीने लगा। आहा! सुनीता जी का पानी पीने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। फिर मैंने थोड़ी देर में ही सुनीता जी की चूत चाटकर साफ कर डाली।
                  अब मैनें सुनीता जी को उठाया और उन्हें पलंग पर पटक दिया। अब मैनें मेरे कपडे खोल फेंके और मेरा लंड शोर मचाता हुआ बाहर आ गया। अब मैंने सुनीता जी की टाँगे खोलकर मेरे कंधों पर रख ली और फिर ज़ोर से सुनीता जी की चूत में लंड उतार दिया।
                 ” आईईईईई सिसस्ससस्स।”
                अब मै सुनीता जी को दे दना दन चोदने लगा। 
                 “आईईईईई आईईईई ओह आह मर गई।आईईईईई।”, ओह रोहित बहुत दर्द हो रहा है। आह्ह आह्ह आह्ह सिसस्सस्।”
                       ” अब इतना दर्द तो होगा ही मेरी रानी।”
               मुझे सुनीता जी को चोदने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। ।मैं ज़ोर ज़ोर से सुनीता जी की चूत में लण्ड पेले जा रहा था। सुनीता जी की चीखें पुरे कमरे में गूँज रही थी।
                ” आह आह आईईईई आईईईई ओह रोहित जी धीरे धीरे चोदो।आह आह आह आईईईई मम्मी मर गई। आहह आहा।”

                ” ओह्ह्ह्ह सुनीता जी। आहा बहुत मजा आ रहा है। आह्ह्ह्ह।”

                             मै झमाझम सुनीता जी की ठुकाई कर रहा था।आज मैं फुल जोश में था। मैं मामीजी की दीदी की जमकर खबर ले रहा था। सुनीता जी बुरी तरह से दर्द से झल्ला रही थी।  तभी थोड़ी देर के झमाझम धक्कों के बाद सुनीता जी की चूत पानी पानी हो गई। 

                   ” ओह मेरे सैया आईईईईई गईईई मैं तो। आह्ह सिसस्ससस्स।”

                  सुनीता जी जी बुरी तरह से झड़ चुकी थी । मेरे लण्ड के झटकों के साथ सुनीता जी का पानी चूत में से उछल उछल कर बाहर आ रहा था।अब मेरे लण्ड के हर एक शॉट के साथ पच्छ पच्छ पच्छ पच्छ की ज़ोर ज़ोर से आवाज़े गूंजने लगी।

                          ” ओह सुनीता जी बहुत ही कमाल की चीज़ हो आप।।आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है।”

                          “आह आह आईईईई आह्ह और तेरे पास तो घोड़े जैसा हथियार है रोहित। जो भी तुझसे चुदती होगी वो तेरी दीवानी हो जाती होगी।”

               ” हां सुनीता जी ये तो होता है ही।”

                             मैं सुनीता जी की चूत के परखच्चे उड़ा रहा था।तभी सुनीता जी जी एकबार फिर से पानी पानी हो गई ।अब तो सुनीता जी चुदकर पसीने से लथपथ हो चुकी थी।फिर मैंने मामीजी को बहुत देर तक बजाया।

                     अब मैंने सुनीता जी के पेटीकोट का नाडा खोल दिया और फिर उनकी साड़ी पेटीकोट को खोल फेंका।अब सुनीता जी नीचे से नंगी हो चुकी थी।

                  ज़ोरदार ठुकाई से सुनीता जी बुरी तरह से नसते नाबुत हो चुकी थी। उनकी चूत के परखचे उड चुके थे। तभी मैने सुनीता जी को फोल्ड कर दिया और अब मैं खड़ा होकर सुनीता जी की चूत में दे दना दन लण्ड पेल रहा था।

                  ” आह्ह आहा ओह सिसस्स आह्ह मरर्रर्र गईईई।”

              ” ओह सुनीता जी बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है। आह्ह।”

         ” आईईईई आईईईई ऊंह ओह्ह्ह्ह सिस्स्स।”

          सुनीता जी की टाँगे उनके सिर की ओर मुड़ी हुई थी। चूत में अच्छी तरह से लंड ठुकवाने के लिए उन्होंने ने खुद टाँगे पकड़ रखी थी। मै ताबड़तोड़ सुनीता जी को बजा रहा था। मेरा लंड एकदम सीधा सुनीता जी की चूत के पर्दे फाड़ रहा था।

                      ” ओह सिससस्स  धीरेरे धीरेरेरे रोहित। आह्ह मेरी चूत फट जायेगी।”

                 ” फटने दो सुनीता जी। ये फाडने के लिए ही तो होती है।”

                          तभी सुनीता जी चुप हो गई।वो समझ चुकी थी कि आज मुझे रोकना उनके बस की बात नहीं है। मै सुनीता जी की ज़ोरदार ठुकाई कर रहा था। सुनीता जी की चूत और मेरे लण्ड के घमासान से बेड चुड चुड करने लगा था।

                  ” आह्ह्ह ओह्ह सिस्सस आईईईई आईईईई ऊंह ओह्ह्ह्ह।”

                        तभी सुनीता जी की चूत में तूफान आ गया और वो पानी पानी हो गई।अब मेरा लण्ड सुनीता जी की झील में डुबकी लगा रहा था। सुनीता जी फिर से पसीने से नहा चुकी थी।
              ” आह्ह आह्ह सिसस्स आह्ह ओह रोहित।”
                   फिर मैने सुनीता जी को बहुत देर तक ऐसे ही फोल्ड करके बजाया। 
                    सुनीता जी का पानी निकलने से उनकी हालात पतली हो चुकी थी। अब मै वो करने जा रहा था जिसका मैं कई दिनों से इंतज़ार कर रहा था। अब मै कमरे से बाहर आया और  मामीजी को पकड़कर उन्हें भी कमरे के अंदर ले जाने लगा।
                ” रोहित ये क्या है यार।”  
          ” वो ही है मामीजी जो आप देख रही हो।”
         ” अरे लेकिन मुझे काम करना है।”
    ” काम तो बाद में भी होता रहेगा। पहले ये काम ज़रूरी है।”
                ” अरे यार लेकिन……………..
            ” अब कुछ नहीं मामीजी।
               तभी मैंने अनीता मामीजी को  भी कमरे के अंदर ले लिया और फिर गेट बंद कर दिया। तभी मामीजी को देखते ही सुनीता जी ने झट से साड़ी से खुद को ढक लिया।

                  अब मैं मामीजी को लपेटने लगा।

          ” रोहित यार………..

                तभी मैं अनीता मामीजी पर टूट पड़ा और होठो की गुलाबी लिपस्टिक को चाटने लगा। तभी मामीजी मुझे दूर हटाने की कोशिश करने लगी लेकिन मेंने मामीजी पर बुरी तरह से हमला बोल दिया था।
                    तभी मेने मामीजी की साड़ी के पल्लु को खीच डाला और फिर मामीजी के बोबो को मसलने लगा। इधर मैं मामीजी के होंठो की लंका लूट रहा था। सुनीता जी बेड पर बैठी हुई उनकी बहिन की रगड़ाई देख रही थी।
                   मैं  मामीजी के चुचो को बुरी तरह से कस रहा था। मामीजी बार बार मुझे उनके चुचे दबाने से रोक रही थी।
                     तभी मामीजी की गरमा गरम सांसे चलने लगी। अब उनकी काम वासना भड़क चुकी थी। तभी मेने  मामीजी को उठाकर पलंग पर पटक दिया और मैं झट से मामीजी के ऊपर चढ़ गया और फिर से मामीजी के होठों को चूसने लगा।

                        अब मामीजी मुझे उनके ऊपर से हटाने की कोशिश करने लगी लेकीन मैने उनके होठों को अच्छी तरह से कस लिया। अब मैं मामीजी के होठों को बुरी तरह से चूस रहा था। सुनीता जी पास में बैठकर सबकुछ देख रही थी।

                     अब मैं मामीजी के ब्लाउज को खोलने लगा तभी मामीजी मुझे रोकने लगी।

              ” रोहित यार रुक जा। दीदी के सामने नहीं।”

        ” अरे यार मामीजी अब शर्म उतार फेंको।”

                ” नही यार रोहित।”

         ” नही मामीजी।आज तो मैं आपकी शर्म उतार कर ही रहूंगा।”

                  अब मैं मामीजी के ब्लाउज के हुक खोलने लगा। मामीजी मुझे रोकने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैं मामीजी की नही सुन रहा था।

                     तभी मेने मामीजी के बलाउज के हुक खोल उनके टाइट चुचो को बाहर निकाल लिया। बसस्स फिर क्या था! मै मामीजी के चूचो पर बरस पड़ा और फिर बुरी तरह से तोड़ने मरोड़ने लगा।
              “आह्ह सिससस्स आह्ह आईईईईई बहुत दर्द हो रहा है कमीने धिरेरेरे,,,, धिरेरेरे।”
             ” ओह मामीजी आह्ह मसलने दो। आह्ह उन्ह बहुत ही मज़ा आ रहा है।”
                   अब सुनीता जी उनकी बहिन के चूचो की रगड़ाई देख रही थी। आज तो सुनीता जी की बहिन मेरे लंड के नीचे फंस चुकी थी। तभी मेने मामीजी के टाइट चूचो को बुरी तरह से मसल डाला।
                 अब मै मामीजी के चूचो को चूसने लग गया।  ” आह्ह मामीजी बहुत ही शानदार माल है। आह्ह।”
                 ” चुस ले कमीने। आज तो तू मेरी दीदी के सामने ही मेरे खजाने को लूट रहा है। आह्ह।”

               ” हां मामीजी।”

                      मैं झमाझम मामीजी के बोबे चुस रहा था। आज तो मामीजी के बोबे रगड़कर चूसने में मुझे अलग ही मज़ा आ रहा था। मै मामीजी के बोबो की लंका लूट रहा था।
                ” ओह साले कुत्ते। उन्ह बहुत कमीना है तू। आह्ह।”
                    फिर मैंने थोड़ी देर में ही मामीजी के बोबो को बुरी तरह से रगड़ डाला।अब मै फ़टाफ़ट से मामीजी की टांगो में आ गया और मामीजी की साड़ी निकाल उनके पेटिकोट का नाडा खोलने लगा।
               ” यार रोहित अब दीदी के सामने मुझे पूरी नंगी तो मत कर।”
              ” मामीजी आज तो मै दोनों बहिनों को ही नंगी करके बजाऊंगा।”
                ” यार मैं तो शर्म के मारे ही मर जाऊंगी।”
             तभी मामीजी की दीदी मुस्कुराने लगी ” अनीता अब ज्यादा शरमाने की ज़रूरत नहीं है। और रोहित जो मज़ा देना चाहता है उसे ले।”
              ” लेकिन दीदी…………..
         ” करवा ले यार……….
              तभी मामीजी में नाडा छोड़ दिया और मैने झट से मामीजी का पेटिकोट खोल मामीजी को नीचे से पूरी नांगी कर दिया। नीचे से नंगी होते ही मामीजी शर्म से पानी पानी हो गई।
                अब मैंने मामीजी की टाँगे फैला दी और फिर उनके भोसड़े के मुहाने पर लण्ड घिसने लगा। फिर मेंने मामीजी की टाँगे पकड़कर ज़ोर से मामीजी के भोसड़े में लण्ड पेल दिया। तभी मामीजी सिरसिरा उठी।
               ” आईईईईई मम्मी। मर्रर्रर्रर्र गईईई। सिसस्ससस्स।”
                      मेरा लण्ड एक ही झटके में मामीजी के भोसड़े में पूरा अंदर घुस चूका था। अब मै मामीजी की टाँगे पकड़कर उन्हें झमाझम चोदने लगा। 
               मेरा लण्ड मामीजी के भोसड़े के परखच्चे उड़ा रहा था। आज तो मामीजी को उनकी दीदी के सामने  चोदने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मामीजी दर्द से करहा रही थी। 
                   ” आह्ह आह्ह सिसस्स आह्ह ओह आहा आह्ह आह्ह ओह मम्मी मर्रर्रर्रर्र गैईईईई। धीरेरेरे,,,, धिरेरेरे।”
                  ” साली आज तो मै तेरे भोसड़े को फाड़ दुंगा। आह्ह बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है तुझे बजाने में।आह्ह।”
                      मामीजी बहुत बुरी तरह से ठुक रही थी। जिस बेड पर मैं मामीजी को मै न जाने कितनी बार बजा चूका था आज उसी बेड पर मै दोनो बहिनों को जमकर बजा रहा था। सुनीता जी उनकी बहिन की ताबड़तोड़ ठुकाई देख रही थी।

           ” आहा आईईईई आईईईई ओह्ह्ह सिस्स्स।”

                        मामीजी को चोदने में मुझे आज अलग ही जोश चढ़ा हुआ था। मेरा लण्ड मामीजी के भोसड़े में जमकर घमासान मचा रहा था। तभी मामीजी का पानी निकल गया और मामीजी पसीने से भीग गई।
                 ” आह्ह आह्ह ओह साले हारामी। आह्ह आह्ह सिससस्स ओह आह्ह आह्ह।”
                         अब मेरे लण्ड का हर एक झटका मामीजी को जमकर मज़ा दे रहा था। वो बुरी तरह से पानी पानी हो चुकी थी।
             ” ओह साले  आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह तेरा लण्ड तो कमाल का है। आह्ह ज़ोर ज़ोर से चोद मुझे। आह्ह।”
                    ” हां साली पहले तो बहुत नखरे कर रही थी तू। अब ज़ोर ज़ोर से चोदो। वाह।”
                        ” पहले दीदी के सामने चुदाने में मुझे शर्म आ रही थी। अब बहुत मज़ा आ रहा है।”
                      तभी मेने फिर से मामीजी को बजाने की स्पीड बढ़ा दी। अब फूल स्पीड में मामीजी को बजा रहा था। मामीजी अब दर्द भूलकर मस्ती में डूब चुकी थी।
               ” आईईईई आईईईई सिससस्स आह्ह आह्ह सिसस्ससस्स आह्ह उन्ह ओह आह्ह आह्ह। ओह मज़ा आ रहा है आह्ह आह्ह चोद मुझे आह्ह आह्ह ज़ोर ज़ोर से……..
                        मामीजी भोसड़े में जमकर लण्ड ले रही थी। मेरा लण्ड मामीजी  के भोसड़े के परखच्चे उड़ा रहा था। तभी मामीजी का भोसड़ा फिर से गरमा गरम पानी से भर गया।
                          मामीजी के भोसड़े को मै बहुत बुरी तरह से ठोक चूका था। ताबड़तोड़ ठुकाई से मामीजी की हालत खराब हो चुकी थी। मामीजी दीदी उनकी बहिन की ताबड़तोड़ ठुकाई से चौंक गई थी। मैंने मामीजी को जोश ही जोश में बहुत बुरी तरह से बजा दिया था।
कहानी जारी रहेगी…………

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