चूत और लण्ड के सभी खिलाड़ियों को मेरा प्रणाम। मैं रोहित आप सबके बीच में एक नई कहानी लेकर हाज़िर हूँ। मैं रोहित 21 साल का नोजवान लोंडा हूं। मेरा मोटा तगड़ा लण्ड 6 इंच लंबा है जो किसी भी चूत की गहराई में उतर सकता है।
मैं कॉलेज में पढाई कर रहा था। कुछ दिनों के लिए मैं फ्री था तभी मैं मेरे मामाजी के यहाँ चला गया और वहां मेरी मुलाकात मेरी मामीजी की लड़की यानि टीना दीदी से हुई। टीना 28 साल की शादीशुदा मस्त बिंदास लड़की है। बसस्स तभी टीना और मेरे बीच संबंध बन गए और मैने टीना को बजा दिया।
फिर टीना दीदी ने मेरी छोटी मामीजी की चूत मुझे दिलवाई जिसके बारे में मैंने ” दीदी ने मामीजी को ठुकवा दिया” में बताया था।
मेरी अनिता मामीजी लगभग 37 साल की है। वो गौरे चिकने जिस्म की मालकिन है। मामीजी अमरुद की तरह एकदम गजराई हुई सी है। मामीजी की मोटी मोटी गौरी कलाइयां, मस्त कड़क गांड और बड़े बड़े बोबे किसी भी लंड में आग लगाने के लिए काफी है।
मामीजी के बड़े बड़े बोबे लगभग 34 साइज के है। मामीजी के बोबो को देखकर मैं तड़प उठा था। फिर मेने मामीजी के बोबो को खूब रगड़ कर चुसा था। मामीजी की चिकनी कमर लगभग 32 साइज की है और कमर के नीचे मामीजी की मस्त सेक्सी 34 साइज की गांड किसी के लण्ड में भी आग लगा सकती हैं। मैने मोका मिलने पर मामीजी की गांड में जमकर लण्ड पेला था।
मामीजी को बजाकर मैं बहुत ज्यादा खुश था। मामीजी को चोदना मेरे लिए बड़े सौभाग्य की बात थी। लेकिन लण्ड तो लण्ड होता है यारो। वो कहाँ एकबार चूत लेने के बाद मानता है।मेरा लण्ड फिर से मामीजी की लेने की ज़िद करने लगा।
अब बच्चो के स्कूल जाने के बाद मैं मामीजी के घर चला गया। मामीजी खाना बनाने के बाद झाड़ू पोछा करने में लगी हुई थी। मामीजी को देखते ही मेरा लण्ड ठनक पड़ा। फिर मामीजी ने मुझे खाना खाने के लिए कहा लेकिन मैंने मना कर दिया।
मैं चुपचाप बैठकर मामीजी के फ्री होने का इंतज़ार करने लगा। फिर मामीजी झाड़ू लगाने के बाद बर्तन साफ करने लगी। तभी मामीजी की फुली हुई गांड को देखकर मेरा लण्ड आग बबूला हो उठा। अब मुझसे रहा नहीं गया।मैंने मामीजी से बोल ही दिया।
” मामीजी जल्दी से फ्री होओ ना।”
“क्यों? तुझे मुझसे क्या काम है?”
तभी मैने मामीजी को दिया- ” अब मामीजी इतना भी मत तड़पाओ। “
” मै कहाँ तड़पा रही हूँ। मै तो कुछ कर ही नही रही। “
” सबकुछ आप ही तो कर रही हो। “
” मै तो कुछ मेरा काम् कर रही हूं। “
” अरे यार मामीजी अब इतनी भी मत इतराओ। मै आपको चोदने के लिए तड़प रहा हूं। “
चोदने का नाम ही मामीजी की हवा टाइट हो गई। उनके चेहरे का रंग उड चूका था।फिर बड़ी मुश्किल से मामीजी में जवाब दिया।
” रोहित, ये क्या तरीका है यार। तू और तरीके से भी तो कह सकता था।”
“तो मामीजी इसमें क्या गलत है।जो मुझे करना है वो ही तो कहा है मैने।हां वो अलग बात है कि मैने सीधे सीधे ही बोल दिया। लेकिन अब तो आप कमरे में चलो। आपको बाजना है।”
तभी मामीजी हंस पड़ी। ” बहुत कमीना है तू। फिर से वही बात।”
फिर थोड़ी देर बाद मामीजी बर्तन साफ करके फ्री हुई।अब मै मामीजी को बजाने के लिए कमरे में ले जाने लगा लेकिन तभी मामीजी ने चुदाने से मना कर दिया।
” देख रोहित, ये रोज रोज अच्छी बात नहीं है। किसी दिन अगर किसी को कुछ पता चल गया ना तो बहुत बदनामी होगी।”
मामीजी, आप इन सबके बारे में क्यों सोच रही हो? किसी को कुछ पता नहीं चलेगा।
” देख रोहित, तू अभी बच्चा है। कल जो हुआ वो बस एक संयोग था जिसका तूने बहुत मज़ा भी लिया लेकिन अब मै आगे कुछ नहीं करुँगी।”
” मामीजी मै नही रुक सकता। “
” रोहित ये अच्छी बात नही है। “
मामीजी मान नही रही थी। मै मामीजी को बजाने के लिए बेताब हो रहा था। अब मामीजी घर का काम खत्म करके खेत पर जाने लगी।
अब मै घर पर क्या करता! मैं भी मामीजी के साथ साथ चल पड़ा। अब रास्ते में मैं मामीजी को पटाने की कोशिश कर रहा था लेकिन मामीजी मेरे लण्ड के नीचे आने को तैयार नहीं हो रही थी। फिर मै और मामीजी खेत पहुँच गए।
” मामीजी बहुत मस्त माहौल है। “
” हाँ मस्त माहौल है तो लेकिन जो तू करना चाह रहा है वो नही होगा। “
” कोशिश करने वाले की कभी हार नही होती मामीजी। “
” कर ले तु तेरी कोशिश। “
अब मामीजी भैंसों के लिए चारा काटने लगी। वो सरसो के खेत के बीच बीच पर मेड़ पर चारा काट रही थी। मै मामीजी चारा काटने में हेल्प कर रहा था।लेकिन मामीजी को खेत मे देखकर मेरा लण्ड मामीजी की चूत फाडने के लिए बेताब हो रहा था। तभी मैं मामीजी को फिर से छेडने लगा।
” मामीजी, बस एकबार और मौका दे दो।फिर मै आपसे नहीं कहूंगा।”
नहीं रोहित यार,मैं अब कोई मौका नहीं देना चाहती।
” मामीजी , इतना जुल्म मत करो मेरे लण्ड पर। बहुत तड़प रहा है वो आपको बजाने के लिए।”
तू फिर से शुरु हो गया ना। ” आप शुरू ही कहाँ करने दे रही हो मामीजी। आप तो चूत को ढककर बैठी हुई हो। खोल दो ना आपकी टाँगे।”
“अरे यार, तू नहीं मानेगा। अब क्या करूँ मैं।”
” कुछ मत करो और खेत के अंदर चलो।”
तभी मामीजी ने मेरी तरफ घुरकर देखा। फिर वो वापस चारा काटने लग गई।
” अभी तो मामीजी, मामीजी कर रहा है फिर खेत के अंदर ले जाकर मामीजी को बुरी तरह से रगड़ेगा।”
” अरे आप चिंता मत करो। ज्यादा नही रगडुंगा। “
” नही, मुझे नही खानी रगड। “
” अगर आपको रगड नही खानी है तो आप घर पर ही चुद लेती। “
” मेरी चुदने की कोई इच्छा नही है। वो तो उस दिन टिना ने मुझे फंसा दिया। “
” टीना दीदी ने आपको फंसाया नही बल्कि आपको मज़ा दिलवाया है। आप तो बहुत प्यासी थी। याद नही आपको मैंने कितना पानी निकाला था आपका? “
तभी मामीजी चुप हो गई। उनसे मेरी बात का जवाब नही दिया गया। तभी मुझे लग गया कि मै मामीजी को खेत मे बजा सकता हूं। तभी मैंने मामीजी से फिर कहा।
“बोलो ना मामीजी। चुप क्यो हो गई? “
लेकिन मामीजी के मुँह से शब्द नही निकल रहे थे। तभी मैने मामीजी का हाथ पकड लिया।
” चलो तो फिर अब आप रगड़ खाने के लिए तैयार हो जाओ।”
अब मैंने मामीजी का हाथ पकड़ कर खड़ी कर लिया और उन्हें खेत में ले जाने लगा। तभी मामीजी फिर से मना करने लगी।
” रोहित यार रहने दे ना। “
” नही मामीजी, अब नही। ऐसा मौका फिर नही मिलेगा। “
” ऐसा मत कर यार , मुझे बहुत डर लग रहा है। किसी को कुछ………….
“अरे मामीजी,किसी को कुछ पता नहीं चलेगा।”
अब मामीजी के कदम खेत की तरफ बढ़ने लगे। मै मामीजी को सरसों के खेत के बीच में ले जा रहा था।बड़ी बड़ी सरसो के बीच में हम दो जिस्म अपनी प्यास बुझाने के लिए जा रहे थे। मामीजी अभी भी डर रही थी लेकिन मै मामीजी को बजाने के लिए पूरी तरह से तैयार था।
मेरा लंड मामीजी की चूत के लिए फड़फड़ा रहा था। तभी मामीजी को सरसों के खेत में बीचोबीच मेने पटक दिया। तभी सरसो के पौधे मामीजी के लिए बिस्तर बन गए।
अब मै मामीजी के ऊपर चढ़ गया और मामीजी पर बुरी तरह से टूट पड़ा।अब मै मामीजी के रसीले होठो को बुरी तरह से खाने लगा। तभी सरसो के खेत में ऑउच्च पुच्च ऑउच्च की ज़ोर ज़ोर से आवाज़े गूँजने लगी।
मैं मामीजी के होंठो को कसकर छुस रहा था। सरसो के पौधे और आस पास के पक्षी के नज़ारा देख रहे थे। मैं मामीजी को ताबड़तोड़ किस कर रहा था। तभी मैने मामीजी के बोबो को जा पकड़ा और उन्हें भी मसलने लगा।
अब तो मुझे मामीजी को सरसों के खेत में रगडने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।मामीजी मेरे जोश का कोई जवाब नहीं दे पा रही थी।फिर मेने मामीजी के गले पर किस की झड़ी लगाने लगा।
अब मामीजी बेचारी क्या करती! वो पिघल कर पानी होने लगी।तभी मामीजी ने मुझे बाहो के हार में फंसा लिया। इधर मेरा लण्ड मामीजी का भोसड़ा खाने के लिए बेताब हो रहा था।
अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था।मैं मामीजी के बोबो को आज़ाद करना चाहता था। तभी मैने मामीजी के बलाउज के हुक जा खोले और मामीजी की ब्रा को ऊपर सरकाकर मामीजी के बोबो को आज़ाद कर दिया।
मामीजी के बोबो को देखते ही मेरी आंखो में चमक आ गई और मैं मामीजी के बोबो पर टूट पड़ा। मैं मामीजी के बोबो को ज़ोर ज़ोर से मुट्ठियों में कसने लगा।
” ओह साले कमीने। आह्ह धीरेरे,,,, धीरेरे।”
” ओह्ह, मामीजी। आह्ह मसलने दो। बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है। आहा! क्या मस्त बोबे है आपके। आज तो मै इन्हें तोड़ फेंकूँगा।”
” आह्हा ओह्ह्ह् धीरे,,,,,, धीरे आह्हा। “
मामीजी के बोबो को मसलने का मेरे ऊपर गज़ब का जोश चढ़ा हुआ था।मामीजी दर्द के मारे कसमसा रही थी।
” आह्ह,,, सिसस्ससस्स ओह आह्ह ओह साले हारामी,,, ऊँहमरर्रर्र गाईईई।”
दर्द के मारे मामीजी सरसो के पौधों को मुट्ठियों में कस रही थी।वो बहुत सारे सरसो के पत्तों को तोड़ चुकी थी। मुझे तो मामीजी के बोबो को मसलने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
फिर मैंने मामीजी के बोबो को मसलकर उनकी हालात खराब कर दी। अब मेने मामीजी के बोबो को मुंह में भर लिया और फिर झमाझम उन्हें चूसने लगा।
” ओह साली कमीनी,, आह्ह बहुत टेस्टी है तेरे आम। आह्ह ,, मैं तो कब से इन्हें चूसने के लिए तड़प रहा था। आह्ह।”
” चुस ले साले हारामी,,जीतने चूसने हो। तूने तो मुझे लूट ही लिया।”
अब मै रगड़ रगड़ कर मामीजी के बोबे चुस रहा था। मामीजी के बोबे चूसने में मुझे अलग ही मज़ा आ रहा था।मामीजी जोर से मेरी पीठ को रगड़ रही थी। मैं झमाझम मामीजी के बोबो को लूट रहा था।
” ओह मेरी जान। आह्ह,,, गजब का आम है तेरे। आह्ह।”
मैं मामीजी के आमो को ताबड़तोड चूसे जा रहा था।मामीजी तड़प कर मुझे बोबे चुस्वा रही थी। सरसो के खेत में मामीजी के बोबो को पीने में मुझे अलग ही मज़ा आ रहा था।
सरसो के पौधे और आस पास कलरव करने वाले पक्षी ये नज़ारा देख रहे थे।फिर मेने मामीजी के बोबो को चुस चूसकर बुरी तरह से रगड़ डाला।
अब मै नीचे सरका और मामीजी की चड्डी खोल फेंकी तभी मामीजी की चड्ढी सरसो के पौधे में जा अटकी। अब मैने मेरा मोटा काला लण्ड बाहर निकाल लिया। अब मै मेरे लण्ड को मामीजी के भोसड़े में सेट करने लग।
” अभी तो कल का ही दर्द नहीं मिटा है कुत्ते। अब तू फिर से मेरी जान निकाल देगा।”
” अरे कुछ नहीं होगा मामीजी। आप नोटेंशन रहो।”
” वो तो सब पता है मुझे। अभी एकबार लण्ड पेलते ही तू फिर चूत को भोसड़ा बना देगा।”
तभी मैं मुस्कुरा पड़ा। अब मेरा मोटा तगड़ा लण्ड मामीजी के भोसड़े में सेट हो चूका था। अब मैने मामीजी की गोरी चिकनी टांगो को पकड़ा और ज़ोर से मामीजी के भोसड़े में लण्ड ठोक दिया। मामीजी के भोसड़े में लण्ड घुसते ही मामीजी बुरी तरह से झल्ला पड़ी।
” आईईईई मम्मी। मर्रर्रर्र गईईईई।”
मेरा लण्ड मामीजी के गीले भोसड़े में फंस चुका था।तभी मेने मामीजी के भोसड़े में से लण्ड बाहर निकाला और फिर से मामीजी के भोसड़े में लण्ड पेल दिया। अब मै मामीजी को झमाझम बजाने लगा।
” आईईईई आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आह्ह मर्रर्रर्र गईईई ओह सिसस्ससस्स उँह ओह कुत्ते,,, धीरे धीरे चोद। आहा बहुत दर्द हो रहा है।”
” ओह जान। आह्ह चोदने दे। बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है। आह्ह।”
” आईईईई आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आह्ह आह्ह ओह मम्मी।”,
मेरा मोटा तगड़ा लण्ड मामीजी के भोसड़े में बुरी तरह से खालबली मचा रहा था। दर्द के मारे मामीजी की गांड फटकर हाथ में आ रही थी।मामीजी की चीखे सरसो के पौधे और पक्षी सुन रहे थे।
” आईईईई आईईईई सिससस्स आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह ओह सिससस्स।”
” ओह रानी,, आज तो खूब बजाऊंगा तुझे। ओह बहुत आराम मिल रहा है मेरे लण्ड को आह्ह।”
” ओह साले । आह्ह आह्ह थोड़ा धीरे धीरे बजा ,,तेरा लण्ड मेरी जान निकाल रहा है। आईएईई आईईई।”
” कोई बात नहीं जान।”
मैं मामीजी को झमाझम बजाये जा रहा था।मामीजी को सरसों के खेत में बजाने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मेरा लण्ड मामीजी के भोसड़े में तगड़ा दहन मचा रहा था।
मेरे लण्ड के धक्कों से मामीजी के बोबे बुरी तरह से हिल रहे थे। तभी मामीजी खुद को रोक नहीं पाई और मामीजी के भोसड़े से गरमा गरम लावा फुट पड़ा। भोसड़े से लावा निकलते ही मामीजी पसीने से लथपथ हो गई।
मैं मामीजी को झमाझम चोद रहा था।
” आह्ह आह्ह आह्ह सिससस्स ओह साले हारामी। आईईईई मेरा पानी निकाल दिया। आह्ह आहा।”
” हां मेरी रानी, वो तो निकालना ही था।”
मै मामीजी को सरसों के खेत मे जमकर बजा रहा था। अब मामीजी भी भोसडे मे अच्छी तरह से लंड ठुकवा रही थी।
“आह्ह आह्ह उन्ह ओह सिसस्ससस्स और जोर ज़ोर से चोद मुझे। बहुत मज़ा आ रहा है अब।”
“ले तो ले मेरी रानी”
तभी मैं फिर से मामीजी के भोसड़े में तगड़ा घमासान मचाने लगा। अब मेरे लण्ड के धक्कों से मामीजी उछल उछल कर पड़ने लगी। मैं मामीजी को ताबड़तोड तरीके से झटके दे रहा था।
” आईईईईई आईईईई अआईईई,,आह्ह आह्ह आह्ह आईएईई आईईईई। बहुत अच्छा लग रहा है। आह्हा। “
” मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा है मेरी रानी। “
मामीजी बुरी तरह से ठुक रही थी।हालाँकि मामीजी को बहुत ज्यादा दर्द भी हो रहा था लेकिन मामीजी अब लण्ड ठुकवाने के लिए बेताब हो रही थी। वो लबालब मेरा लण्ड ले रही थी।
” आईईईई आईईईईई ओह कमीने,, आह्ह और ज़ोर ज़ोर से।”
“और ज़ोर ज़ोर से? जान।” “हां कुत्ते। मेरे भोसड़े को फाड़ डाल आज।”
” हां मेरी रानी। आज तो तेरे भोसड़े को फाड़ ही डालूंगा।”
तभी मेने मेरे लण्ड की और ज्यादा स्पीड बढ़ा दी। अब मै बुरी तरह से मामीजी को बजा रहा था। मामीजी झमाझम चुद रही थी। उन्हें आज चुदाने का बहुत ज्यादा जोश चढ़ा हुआ था।
” आईईईई आईईईईई आह्ह आह्ह सिससस्स आहाहा आईईईई आईईई मज़ा आ गया कमीने। बससस्स ऐसे ही बजा।”
” हां मेरी रानी।”
सरसो के खेत में मैं मामीजी की ज़ोरदार ठुकाई कर रहा था।मामीजी मेरे लण्ड के नीचे पानी पानी हो रही थी। तभी मामीजी का फिर से पानी निकल गया। मामीजी फिर से पसीने में भीग गई।
” आह्ह आह्ह आह्ह ओह कमीने।”
अब मामीजी का जोश ठंडा पड़ चुका था। उनका भोसड़ा गरमा गरम पानी से भर चूका था।मैं भी पसीने में भीग चूका था। अब मैने मामीजी की साड़ी और पेटीकोट खोल फेंका। तभी मेने मामीजी को बाहों में कस लिया और फिर मामीजी को दबोचकर उन्हें फिर से झमाझम बजाने लगा।
” आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह आह्ह आह्ह ओह साले कुत्ते। आह्ह आह्ह ओह।”
“ओह साली कमीनी आज तो तेरे भोसड़े की खैर नहीं। आह्ह।”
मैं जमकर मामीजी के भोसड़े में लण्ड पेल रहा था। मामीजी टाँगे हवा में लहरा कर ताबड़तोड़ चुद रही थी। सरसो के खेत में मामीजी को बजाने में मुझे अलग ही मज़ा आ रहा था।
” ओह साले कमीने। आहा आह्ह आह्ह सिससस्स उन्ह सिसस्स”
मेरे लण्ड के ताबड़तोड़ झटकों के साथ मामीजी की चीखे सरसो के खेत में गूंज रही थी।मै बुरी तरह से मामीजी को बजा रहा था।
” ओह साले गईईईई मैं तो।”
तभी मामीजी का भोसड़ा फिर से गरमा गरम पानी से लबालब भर गया। मेरा काला मोटा लण्ड फिर से मामीजी के पानी में नहा गया। मामीजी के भोसड़े में मेरे लण्ड के झटके लगातार जारी थे।
फिर मैंने बहुत देर तक मामीजी को कसकर बजाया। फिर मैंने मामीजी को पलटकर मेरे ऊपर ले लिया। तभी मामीजी समझ चुकी थी कि उन्हें क्या करना है। अब मामीजी जी ने चूत मे लंड सेट कर लिया और फिर मामीजी गांड उठा उठाकर चुदने लगी।
” ओह साले आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है।”
” ओह मेरी रानी,,, तो खूब मज़ा ले।”
मामीजी जमकर मेरा लण्ड भोसड़े में ले रही थी। उनके हर एक झटके से मामीजी के बोबे ज़ोर ज़ोर से हिल रहे थे। मामीजी को मेरे ऊपर चढ़कर चुदने में अलग ही मज़ा आ रहा था।
” ओह सिससस्स आह्ह आह्ह आह्ह ओह सिसस्ससस्स।”
” आह्हा बहुत मजा आ रहा है। मामीजी। आह्हा। “
सरसो के खेत मे मामीजी मेरे लंड की सवारी कर रही थी। सरसो के पौधे मामीजी की ठुकाई देख रहे थे। मामीजी जोर जोर से झटके मार रही थी।
” आह्हा आह्हा आईई आह्हा आह्हा। “
तभी मामीजी हाफने लगी और उनका एकबार फिर से पानी निकल गया।अबकि बार मामीजी के भोसड़े से गरमा गरम रस नीचे टपक रहा था। फिर मैंने मामीजी को वापस नीचे पटक दिया और मैं फिर से मामीजी के ऊपर सवार हो गया। अब मै मामीजी की टाँगे पकड़कर उन्हें फिर से झमाझम चोदने लगा।
” आह्ह आह्ह ओह भेन्न के लौड़े। आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आह्ह आह्ह।”
“ओह मेरी रानी, आज तो तुझे जमकर रागडूंगा।”
” हां कुत्ते रगड़ ले। जितनी तेरी मर्ज़ी हो।”
मैं सरसो के खेत में मामीजी की बखिया उदेड रहा था।मेरा लण्ड लगातार मामीजी को पानी पानी कर रहा था। फिर ताबड़तोड़ ठुकाई के बाद मेरा लण्ड रुकने सा लगा। तभी मैं समझ गया।
अब मैने फिर से मामीजी के भोसड़े में तूफान मचा दिया। मामीजी फिर से चीखने लगी।
” आईईईईई आईईईई ओह कुत्ते,, आईईईई आह्ह आह्ह आह्ह।”
तभी मैने मामीजी के भोसड़े में लण्ड रोक दिया और मामीजी को ज़ोर से कस लिया। कुछ ही पलों में मेरे लण्ड ने मामीजी के भोसड़े को लबालब भर दिया।
कहानी जारी रहेगी……………..
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