चूत और लण्ड के सभी खिलाड़ियों को मेरा प्रणाम।मैं रोहित 25 साल का नौजवान लोंडा हूं। मेरा 6 इन्च का मोटा तगड़ा हथियार है जो किसी भी चूत को दिन में तारे दिखाने की ताकत रखता है।
मेरी ये कहानी मेरे कॉलेज टाइम की है जब मुझे मेरे मामाजी के यहां जाने का मौका मिला। मामाजी के यहां आने के बाद टीना दीदी ने मुझे चूत का स्वाद चखाया था। इसके बाद तो फिर मैंने मेरी छोटी मामीजी और उनकी सहेली को भी मेरे लण्ड के नीचे ला दिया था।
मुझे टाइम टाइम से अनीता मामीजी और कभी कभी उनकी सहेली रवीना मामीजी की चूत मिल रही थी। मेरा लंड बहुत ज्यादा खुश था। फिर एक दिन मामीजी को खेत में निराई गुड़ाई का काम।करना था। तो मामीजी उनकी पड़ोसन यानि रीना मामीजी को ले गई।
मुझे भी घर पर कुछ काम नहीं था तो मै भी मामीजी के साथ खेत पर चला गया। अब मामीजी और रीना मामीजी खेत में निराई गुड़ाई का काम कर रही थी। अब मै भी उनके साथ साथ काम करने की कोशिश कर रहा था।।
तभी मेरी नज़र रीना मामीजी पर पड़ी। उनके गोरे चिकने भरे भरे जिस्म को देखकर मेरा लण्ड पागल सा होने लगा। मामीजी की फुली हुई गाँड़ को देखकर मेरा लण्ड कांड करने की सोचने लगा।
रीना मामीजी लगभग 40 साल की है। उनका गौरा चिट्टा रंग किसी को भी लंड मसलने पर मजबूर कर सकता है। रीना मामीजी एकदम गजराई हुई सी है। मामीजी के बोबे लगभग 32 साइज के है। उनके टाइट बोबो का उभार मेरे लंड को बार बार उकसा रहा था।
मामीजी की चिकनी कमर लगभग 32 साइज की है। कमर के नीचे मामीजी की मदमस्त गांड लगभग 34 साइज की है। उनकी गांड की कसावट साड़ी में साफ साफ झलकती है। मामीजी की गाँड़ को देख देखकर मेरा लण्ड पागल हो उठा था।
अब मै मामीजी की पड़ोसन को प्यासी भरी नज़रो से देखने लगा। मामीजी मेरी नज़रो को समझ चुकी थी। अब मै मामीजी से उनकी पड़ोसन को पटाने के लिए इशारा कर रहा था। तभी मामीजी ने बात छेड़ दी।
” और भाभीजी बताओ कैसे काम चला रही हो आजकल? भाईसाहब मज़ा देते या नहीं?”
तभी रीना मामीजी शरमाने लगी।
” अरे यार तू भी क्या पूछ रही है? रोहित यही है शर्म नहीं आ रही तुझे?”
” इसमें शर्म की कोई बात नहीं भाभीजी। रोहित तो हमारा अपना ही है।उससे शर्म कैसी?” ” अरे लेकिन फिर भी।”
” अरे भाभीजी आप शरमाओ मत और बताओ।”
तभी रीना मामीजी ने शरमाते हुए कहा– ” हां कभी कभी कर लेते हैं लेकिन मज़ा नहीं आता है।मै तो प्यासी ही रह जाती हूँ।”
” हां भाभीजी, अब भाईसाहब की बस की बात नहीं है। अब तो आप कहीं और ही जुगाड़ ढूंढो।”
” अब बाहर कहाँ जुगाड़ ढूंढू यार।बाहर बदनामी होने का डर लगता है। अब जो मिल रहा है उससे ही काम चला रही हूं।”
” भाभीजी मैं आपको एक जुगाड़ बता सकती हूँ जिससे आपकी प्यास बुझ सकती है और बदनामी का डर भी नहीं रहेगा।”
“अच्छा?” हां भाभीजी।
” ये रोहित रहा। आपकी पूरी प्यास बुझा देगा। आपकी सारी गर्मी निकाल देगा।”
“क्या?” हाँ भाभीजी।
” ये तू क्या कह रही है? ये तो तेरा भानेज लगता है यार।’
” तो लगने दो ना भाभीजी। आपको तो लण्ड से काम है। और रोहित तो खुद आपको बजाने के लिए तैयार है।”
तभी रीना मामीजी मेरी तरफ देखने लगी। उनकी आँखों में मुझे लण्ड की भूख साफ साफ नज़र आ रही थी।
” मामीजी सही कह रही है। मै खुद ही आपको बजाने के लिए तैयार हूँ।आपकी बहुत शानदार सर्विस करूँगा मामीजी।”
” नहीं यार मुझे ये सब नहीं करना। मैने जिंदगी में ऐसा काम कभी नहीं किया है।”
” अरे मामीजी जिंदगी में किसी भी काम की कभी तो शुरुआत करनी ही पड़ती है।फिर आप इतना क्यों डर रही हो ?”
” हां भाभीजी इतना मत डरो। यहां अपने अलावा किसी और को कुछ पता नहीं चलेगा।आप इस बारे में बेफिक्र रहो।”
” हाँ मामीजी। चलो आ जाओ।”
” नहीं यार मुझे नहीं करवाना।”
मैं और मामीजी उनकी पड़ोसन को पटाने की खूब कोशिश कर रहे थे लेकिन वो लाइन पर आ नहीं रही थी। हम निराई गुड़ाई करते हुए आग बढ़ते जा रहे थे। तभी मैने रीना मामीजी की गाँड़ पर चिकोटी काट ली। तभी वो एकदम से उछल पड़ी।
” इतने शानदार अमरुद की तरह गाजराये जिस्म का क्या करोगी मामीजी? किसी को तो रगडने का मौका दो इसे।”
” मैं बस तेरे मामाजी को मौका दे रही हो और किसी को नहीं।”
” मामाजी तो पुराने खिलाडी हो चुके है। अब उनके बस की बात नहीं है। किसी नए खिलाडी को मौका दो मामीजी। वो ही आपके जिस्म की रगड़ निकाल सकता है।”
” मैं ये सब ही तो नहीं चाहती यार।”
” अरे मामीजी करवा लो यार।” नहीं।
तभी वापस मामीजी में मोर्चा संभाल लिया। ” भाभीजी बेचारे लड़के की इच्छा पूरी कर दो। बहुत तड़प रहा है आपके लिए। नहीं तो ये आपसे कहता ही रहेगा। यही चल जाओ इधर पास के खेत में।”
” अरे यार अनीता लेकिन……..
“अब आप ज्यादा मत सोचो भाभीजी और मज़े ले लो। मैं कह रही हूँ ना। आप रोहित की दीवानी हो जाओगी।”
अब मामीजी बार बार रीना मामीजी को चुदाई का ज्ञान दे रही थी लेकिन मामीजी की पड़ोसन मान नही रही थी।
” अरे भाभीजी।कब तक ऐसे प्यासी रहोगी।आज मौका है आपकी प्यास बुझाने की। बुझा लो।”
” अरे यार अनिता नही।”
” भाभीजी ना मत बोलो।ले लो मज़ा।”
तभी मामीजी की पड़ोसन चुप हो गई।अब मामीजी ने फिर कहा।तभी रीना मामीजी ने कहा
” लेकिन यार किसी को कुछ पता नहीं चलना चाहिये। ” अरे नहीं चलेगा।”
तभी मामीजी खड़ी हो गई और मुस्कुराने लगी। ” ये अनीता आज मुझसे पाप करवाकर मानेगी”
” कोई पाप नहीं है मामीजी। ये तो काम है।”
” चल अब।”
अब मामीजी मेरे साथ साथ चल रही थी। पास में ही सरसो का बहुत बड़ा खेत था। अब मेने मामीजी को सरसों के खेत में घुसा लिया। अब हम दोनों सरसो की बड़ी बड़ी फसल को दूर हटाते हुए आगे बढ़ रहे थे।
सरसो के गीले पौधे हमें बहुत ज्यादा परेशान कर रहे थे। फिर हम सरसो के खेत में बीचोबीच पहुँच गए।
” यही ठीक है रोहित अब।”
” हां मामीजी।”
अब मैं मामीजी के ऊपर टूट पड़ा और मामीजी के मस्त रसीले होंठो को चूसने लगा। तभी मामीजी नीचे झुकने लगी और सरसों के पौधे मामीजी के लिए बिस्तर बन बैठे।
तभी मैने मामीजी को सरसों के बिस्तर पर पटक दिया और मै मामीजी के ऊपर चढ़ गया। अब मै मामीजी के होंठो को धुआंधार तरीके से चूसने लगा। तभी सरसो के खेत में ऑउच्च पुच ऑउच्च पुच्च की ज़ोर ज़ोर से आवाज़े गूँजने लगी।
सरसो के पौधे और भंवरो के साथ साथ आस पास चहचहाने वाले पक्षी हमारी काम वासना को देख रहे थे।
तभी मैं मामीजी के बोबो को रगडने लगा। अब मुझे मामीजी के होठ और बोबे रगडने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। तभी कुछ देर में ही मामीजी गर्म हो गई।
अब मेने मामीजी की साड़ी को एक तरफ किया और फिर मामीजी के बलाउज के हुक खोलकर, ब्रा हटाकर उनके टाइट चुचो आज़ाद कर दिया। तभी मामीजी के चुचे उछल कर बाहर आ गए।
मामीजी के चुचो को देखते ही मेरे लण्ड की बांछे खिल उठी और मैं मामीजी के चूचो पर टूट पड़ा। अब मै उन्हें मुट्ठी में नींबू की तरह निचोडने लगा। तभी दर्द के मारे मामीजी की गांड फटने लगी।
” ओह आह्ह सिसस्स आह्ह उन्ह ओह रोहित धीरेरे,,, धीरेरेरे। आईईईई बहुत दर्द हो रहा है।”
” ओह मामीजी दबाने दो। आह्ह क्या मस्त टाइट चुचे है। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है।”
मामीजी दर्द के मारे सरसो के पौधों को मुट्ठियों में कस रही थी। वो उनके चेहरे को इधर उधर पटक रही थी।
” आईईईई मम्मी। सिससस्स आह्ह मर्रर्रर्र गाईईई।”
फिर थोड़ी देर में ही मैने मामीजी के बोबो को बुरी तरह से निचोड डाला। अब मेने मामीजी के बूब्स को मुंह में भर लिया।आह! क्या गजब का स्वाद था मामीजी के बूब्स में! आह मज़ा आ गया था यारो।
अब मैं लपक लपककर मामीजी के बूब्स को चूसने लगा।मुझे मामीजी के बूब्स को चूसने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।मामीजी चुपचाप सरसो के खेत में मुझे बूब्स का मज़ा दे रही थी।वो मेरे बालो को सहलाती हुई मुझे प्यार कर रही थी।
सरसो के खेत में बीचोबीच पक्षी कलरव करते हुए मामीजी भानेज के वासना देख थे। मामीजी कसमसा रही थी।
“ऊंह आह आईईईई ऊंह ऊंह सिससस्स।”
अब मामीजी ने आतुर होकर मुझे उनकी गौरी चिकनी बाहों में कस लिया और उनके नाखून मेरी पीठ पर गड़ाने लगी। अब हमारे बीच बहुत ही ज्यादा कामुक माहौल बन चुका था।फिर मैंने थोड़ी देर में ही मामीजी के बूब्स को चूस चूस कर लाल पीला कर दिया।
अब मेरा लण्ड खुली हवा में लहराने के लिए तड़प रहा था। तभी मैने मेरा पाजामा खोलकर लण्ड बाहर निकाल लिया। मामीजी मेरा लण्ड देखकर चौक रही थी।
” बहुत ही मस्त लंड है तेरा।”
” अब ये लंड बहुत मजा देगा आपको।”
अब मेरा लन्ड मामीजी की चूत में तोड़ फोड़ करने के लिए तैयार था।अब मैंने मामीजी की चड्डी उतार फेंकी।अब मैंने मामीजी की दोनो टांगो को मेरे कंधो पर रखा और लंड को मामीजी की चूत के छेद में सेट कर दिया। अब मेरा लन्ड आज मामीजी की चूत के किले को भेदने के लिए तैयार था।
तभी मैंने एक जोरदार धक्का लगाया और मेरा लन्ड दन दनाता हुआ मामीजी की चूत के पेंदे तक का टकरा गया।लंड की चूत में ठुकाई होते हुए मामीजी दर्द से बुरी तरह से तड़पने लगी।
“आईईईई आईईईई, ओह रोहित। मरर्रर्र गईईई। आह्ह बहुत दर्द हो रहा है यार।आईई।”
” पहली बार में तो दर्द होगा ही मामीजी।”
अब मैंने लंड को बाहर निकाला और फिर ज़ोरदार धक्कों की झड़ी लगा दी।मुझे मामीजी को सरसो के खेत में चोदने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।आज पूरा नज़ारा मेरी आंखो के सामने था। मैं गांड़ हिला हिलाकर मामीजी को चोद रहा था।मामीजी दर्द से बिलखती हुई चेहरे को इधर उधर पटक रही थी।
” आईईईई आईईईई आऊ आईईईई आईईईई ओह आईईईई धीरे धीरे डाल रोहित।”
” ओह मामीजी ज़ोर ज़ोर से ही चोदने दो। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है।”
मैं दे दना दन फूल स्पीड में मामीजी की ज़ोरदार ठुकाई कर रहा था।मेरा लन्ड मामीजी की चूत को बुरी तरह से बिखेर रहा था। सभी पक्षी, भंवरे और सरसों के पौधे हमारी ज़ोरदार ठुकाई के साक्षी बन रहे थे।
तभी मामीजी की चूत में ज़ोरदार तूफान आ गया और मामीजी की चूत सफ़ेद गाढ़े माल से भर गई। मैं मामीजी को बुरी तरह से बजाये जा रहा था।
“ओह सिसस्स आह्ह उन्ह ओह सिससस्स मर्रर्रर्र गईईई।”
” ओह मामीजी बहुत मज़ा आ रहा है आपको बजाने में। आह्ह।”
मैं मामीजी को झमाझम चोदे जा रहा था।मामीजी भरी सर्दी में पसीने से तर बतर हो रही थी। मेरे लंड के झटकों से मामीजी के टाइट बोबे बुरी तरह से हिल रहे थे। तभी एकबार फिर से मामीजी का पानी निकल गया। फिर मेने मामीजी को बहुत देर तक बजाया।
अब मैने मामीजी की साड़ी और पेटीकोट को भी खोल फेंका।अब मामीजी नीचे से नंगी हो चुकी थी।
अब मेने मामीजी को फोल्ड कर दिया। अब मामीजी की टाँगे उनके सिर के ऊपर से होती हुई पूरी पीछे मुड़ चुकी थी। अब मैं मामीजी को फोल्ड करके ताबड़तोड़ बजाने लगा।मामीजी की दर्द भरी सिस्कारिया फिर से सरसो के खेत में गूँजने लगी।
” आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह उन्ह ओह आह्ह आह्ह ओह रोहित।”
” ओह मामीजी ,,खूब बजाऊंगा आज तो आपको। आह्ह।”,
“बजा ले यार।जैसी तेरी इच्छा हो।मैं खुद ही बजने के लिए तैयार हूँ।
मैं मामीजी को फोल्ड कर जमकर चोद रहा था। मामीजी की दोनो टांगे उनके सिर के ऊपर थी।मेरा मोटा तगड़ा लंड मामीजी की चूत में भयंकर घमासान मचा रहा था।
” आईईईई आईईईई उन्ह्ह्ह सिस्सस्स।”
” ओह्ह्ह्ह मेरी रानी। आहा बहुत मजा आ रहा है।”
” आईईईई आईईईई उन्ह्ह्ह सिस्स्स।”
तभी मामीजी का एकबार फिर से पानी निकल गया। वो फिर से पसीने में नहा चुकी थी। मै मामीजी को दे दना दन बजाये जा रहा था।फिर मेने बहुत देर तक मामीजी को।फोल्ड करके बजाया।
अब तक मामीजी बहुत बुरी तरह से थक चुकी थी।मामीजी की चूत का गुलाबी हिस्सा बाहर दिखने लगा था।अब मै मामीजी की चिकनी जांघो को चूमने लगा। आह्ह मामीजी की जांघे चूमने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।मामीजी कसमसा रही थी।
” ओह सिससस्स आह्ह उन्ह सिससस्स आह्ह।””
मामीजी सरसो के पौधों को मुट्ठियों में कसकर उन्हें तोड़ रही थी।मै मामीजी की गोरी गोरी जांघों को चूम चूमकर गीला कर रहा था। फिर मै मामीजी की चूत तक पहुँच गया। अब मेने फिर से मामीजी की चूत में लण्ड सेट कर दिया और मामीजी को बाहों में कसकर मामीजी को झमाझम चोदने लगा।
” आह्ह आह्ह सिसस्स आहाहा उन्ह सिसस्स आह्ह आह्ह ओह।”
मैं गाँड़ हिला हिलाकर मामीजी को बजा रहा था। मामीजी मेरे नीचे दबकर उनकी चूत की खुजली मिटा रही थी। मै मामीजी को जमकर चोद रहा था।
” आह्ह आह्ह ओह सिसस्स आहाहा मरर्रर्र गईईईई। आह्ह आह्ह।”
फिर मैंने बहुत देर तक मामीजी को ऐसे ही बजाया। अब मैंने मामीजी की टांगो को फैला दिया और फिर मैं मामीजी की चूत पर जम गया। अब मै मामीजी की चूत को चाटने लगा। आहा! बहुत ही शानदार टेस्ट था मामीजी की चूत का! आहा । तभी मामीजी कसमसाने लगी।
” उन्ह्ह्ह सिससस आहा उन्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह।”
अब मैं मामीजी की टांगे पकड़कर उनकी चूत को भूखे कुत्ते की तरह चाट रहा था।मामीजी सरसो के पोधो को हाथो में कसकर मरोड़ रही थी। मुझे तो मामीजी की चूत को चाटने में अलग ही मज़ा मिल रहा था।
“उन्ह ओह आह्ह आहा ओह सिससस्स आह्ह ओह आह्ह आह्ह सिसस्सस् आहा।”
अब मामीजी बेचैनी के कारण टांगो और गांड को इधर उधर हिला रही थी। उनकी चूत में मैं तगडी हलचल मचा रहा था। अब मामीजी से रहा नहीं गया और वो मेरे बालो को पकड़कर भिचने लगी।
“उँह आह ओह सिसस्ससस्स आह्ह ओह रोहित मत कर अब्ब्ब्ब्ब आहा आह्ह नहीईईईई…”..
सरसो के पौधे मामीजी की चूत चाटने का लाइव टेलीकास्ट देख रहे थे। लेकिन आज मैं रुकने वाला नहीं था। मै तो मामीजी की चूत का पूरा मज़ा ले रहा था। अब तो मामीजी मेरे मुंह को उनकी चुत पर से हटाने की कोशिश करने लगी लेकिन उनकी कोशिश सफल नहीं हो रही थी।मैं पूजा मामीजी की चूत पर कब्ज़ा करकर बैठ चूका था।
” ओह्ह्ह्ह सिसस्सस उन्ह्ह्ह आहा आईईईई मम्मी।”
मामीजी बहुत ज्यादा बेचैन हो रही थी। तभी कुछ देर बाद मामीजी की चूत में ज्वालामुखी फुट पड़ी और उनकी चूत से गरमा गरम लावा बहने लगा।
” ओह रोहित मर्रर्रर्र गईईई मैं तो।”
अब मै मामीजी के उबलते हुए लावे को पीने लगा। मामीजी के नमकीन लावे को पीने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। मामीजी तो बुरी तरह से पानी पानी हो चुकी थी। फिर मैंने बहुत देर तक मामीजी की चूत का पानी पिया।
अब मैने मामीजी की चूत में फिर से लंड रखा और उन्हे फिर से बजाने लगा।अब मामीजी फिर से मेरे लंड के तूफान में उड़ने लगीं।मै उन्हे जमकर चोद रहा था।
” आईईईई मम्मी उन्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह आईईईई।”
” ओह्ह्ह्ह्ह मामीजी आहा बहुत मस्त लग रहा है। आहा।”
” चोद ले रोहित। आहा आईईईई उन्ह्ह्ह।इसे घर का माल ही समझ।”
” हां मामीजी।आप घर का माल ही तो हैं।”
मै मामीजी को बजाए जा रहा था।फिर ताबड़तोड़ ठुकाई के बाद मेरा लण्ड पिघलने लगा और मैंने मामीजी को ज़ोर से कस लिया। तभी मामीजी लंड का पानी बाहर निकालने की कोशिश करने लगी लेकिन मैंने मामीजी की चूत में ही लण्ड का पानी निकाल दिया।
अब मामीजी बेचारी क्या करती! उन्होंने मुझे बाहो में भर लिया। फिर मै बहुत देर तक मामीजी को कसकर पड़ा रहा।
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