चूत और लण्ड के सभी खिलाड़ियों को मेरा प्रणाम।मैं रोहित आप सबके लिए एक नई कहानी लेकर फिर से हाज़िर हूँ। मै 21 साल का नोजवान लोंडा हूं। मेरा लंड 6 इंच लंबा है। Antarvasna story मुझे चुदाई का बहुत ज्यादा शौक है। जब भी मुझे चूत बजाने का मौका मिलता है तो मै जमकर चूत बजा देता हूँ।
अभी दो साल पहले , जब मै मेरे मामाजी के यहां गया था तो मुझे चुदाई करने का कोई अनुभव नहीं था। हां, बहुत बार पोर्न वीडियो ज़रूर देखे है लेकिन मेरे लण्ड ने चूत का स्वाद नहीं चखा था।
उस टाइम मामाजी की लड़की यानि टीना दीदी भी वहाँ आई हुई थी। फिर दीदी और मेरी काम वासना भड़की और फिर मैंने दीदी की जमकर बजा दिया। अब मै मामाजी के यहां दीदी को खूब बजा रहा था। दीदी भी मेरे लण्ड का खूब मज़ा ले रही थी। इसके बारे मे मैंने मेरी पिछली कहानी ” दीदी को गर्लफ्रेंड बनाकर बजाया ” मे बताया था।
तभी एक दिन दोपहर के टाइम छोटी मामीजी ने मुझे चाय पीने के लिए बुलाया। उस टाइम मामीजी घर पर अकेली ही थी। मामीजी मेरे सामने बैठकर चाय बना रही थी और मुझसे बाते कर रही थी।
तभी मेरी नजर मामीजी की फुली हुई गांड पड़ी। आह्ह! क्या मस्त गांड लग रही थी मामीजी। तभी मामीजी की गांड मेरे लण्ड को भा गई।अब मैने मामीजी के बोबो पर नज़र डाली तो इधर भी मामला जबरदस्त था।
बलाउज में मामीजी के बोबो का उभार मेरे लंड की आग भड़काने लगा था। तभी मामीजी ने मेरी नज़रो को पकड़ लिया और फिर उन्होंने साड़ी के पल्लु से बोबो को अच्छी तरह से ढक लिया। अब मै चाय पीते हुए मामीजी के जिस्म को ताड़ रहा था।
मामीजी मुझसे बाते करने में बिजी हो रही थी। फिर वो अपने काम में लग गई और मैं लंड मसलता हुआ वापस बड़े मामाजी के यहां आ गया। दीदी अकेली ही थी। तभी मैने दीदी को चारपाई पर पटका और फिर दीदी को जमकर रगड़ने लगा। आज दीदी को चोदने का मेरे ऊपर अलग ही जोश चढ़ा हुआ था। फिर मैंने दीदी को खूब बजाया।
मेरी अनिता मामीजी लगभग 35 साल की है। वो गौरे चिकने जिस्म की मालकिन है। मामीजी अमरुद की तरह एकदम गजराई हुई सी है। मामीजी की मोटी मोटी गौरी कलाइयां, मस्त कड़क गांड और बड़े बड़े बोबे किसी भी लंड में आग लगाने के लिए काफी है।
मामीजी के बड़े बड़े बोबे लगभग 34 साइज के है। मामीजी के बोबो को देखकर मुझे मामीजी के बोबे चूसने की बहुत ज्यादा इच्छा होने लगी थी। वही मामीजी की कमर लगभग 32 साइज की है और कमर के नीचे मामीजी की मस्त सेक्सी 34 साइज की गांड किसी के लण्ड में भी आग लगा सकती हैं।
अब मै रोजाना मामीजी के घर आने जाने लगा और मामीजी के करीब होने की कोशिश करने लगा लेकिन दिक्कत ये थी कि मामीजी अभी भी मुझे बच्चा समझ रही थी। इधर मेरा लण्ड मामीजी की चूत मांग रहा था।
अब धीरे धीरे टीना दीदी भी मेरी हवस भरी नज़रो को समझ रही थी। एक दिन दोपहर में, मैं दीदी की चूत में जमकर लण्ड पेल रहा था। दीदी बुरी तरह से चुद रही थी। उनका तीन चार बार पानी निकल चुका था। मेरा लण्ड खचाखच दीदी की चूत में घुसस्स रहा था। तभी दीदी मुझसे पूछने लगी
” आजकल तू चाची से कुछ ज्यादा ही चिपकने की कोशिश कर रहा है।”
“हां यार दीदी, बात ही कुछ ऐसी है।”
” ऐसी क्या बात है बता मुझे। “
” अरे रहने दो आप तो। वैसे भी आप मेरा काम नहीं कर पाओगी।”
अरे बता तो सही, बात क्या है?
” अरे नहीं दीदी।”
दीदी चुद चुदकर पसीने से लथपथ हो चुकी थी। दीदी बार बार मुझसे पुछ रही थी। तभी मेने दीदी से कहा
” दीदी , अनीता मामीजी भी बड़ी मस्त है।
मामीजी को बजाने का बहुत मन कर रहा है। “
इतना सुनते ही वो एकदम से चौक गई। ” ये क्या कह रहा है यार तू। वो तेरी मामीजी है।”
“होने में तो आप भी मेरी दीदी हो लेकिन फिर भी मै आपको चोद रहा हूं ना। बताइये आपको चुदाने में कोई दिक्कत हो रही है क्या।”
तभी दीदी चुप हो गई।वो मेरी बात का जवाब नहीं दे पाई।
” दीदी लंड और चुत में रिश्ता अहमियत नहीं रखता। सिर्फ इच्छाएं प्रबल होती है।”
तभी दीदी का पानी निकल गया।
” बहुत कमीना बन गया है तू। मेरी तो समझ से बाहर है। तु तेरी ही मामीजी को बजाना चाहता है।”
” हां दीदी, और इस काम में आप ही मेरी हेल्प कर सकती हो।”
” मैं, मैं कैसे हेल्प करू तेरी।”
” दीदी, आप ही अब मामीजी से बातचीत करो और उन्हें मेरे लिए सेट करो।”
“यार ये काम मुझसे नहीं हो सकता। वो मेरी चाची है। उनसे मैं कैसे कहूं?”
“अरे दीदी आप डरो मत।आपके साथ में रहूँगा। आप तो सिर्फ बात छेड़ देना। बससस्स फिर तो मै सम्हाल लूंगा।
” अरे यार। ये काम बहुत मुश्किल है।” “कोई मुश्किल नहीं है। अब ये काम तो आपको ही पड़ेगा।”
तभी मेने मामीजी को चोदने की ख़ुशी में दीदी को बुरी तरह से पेल दिया और फिर उनकी चूत को मेरे लण्ड के पानी से भर दिया।
अब अगले दिन दोपहर में मामीजी ने हम दोनों को चाय पीने के लिए बुलाया। दीदी बच्चे को लेकर मामीजी से बातचीत कर रही थी और मामीजी गैस पर चाय बना रही थी। मैं मामीजी के सामने कुर्सी पर बैठा हुआ था।
मेरी नज़रे मामीजी के बोबो पर टिकी हुई थी लेकिन आज मामीजी ने अच्छी तरह से बोबो को ढक रखा था। अब मै दीदी से मामीजी से पूछने के लिए इशारा कर रहा था।
दीदी की बहुत बुरी तरह गांड फट रही थी। उनकी मामीजी से पूछने की हीम्मत नहीं हो रही थी। फिर बड़ी मुश्किल से दीदी ने मामीजी से कहा ” चाची अगर आप बुरा नहीं मानो तो एक बात कहूं।” हां कहो ना।
” कैसे कहूँ चाची कुछ समझ में नहीं आ रहा है।” अरे कहो ना टीना, क्यों इतना शरमा रही हो।
तभी दीदी ने हिम्मत दिखाई ” चाची, रोहित आपको बजाना चाहता है।” लेकिन मामीजी ज्यादा कुछ समझ नहीं पाई। ” मतलब।”
” मतलब ये कि रोहित आपको चोदना चाहता है।” ये सुनते ही मामीजी चौक गई।
“क्या! “
“हां चाची।” अब मामीजी की सिट्टी पिट्टी गुल हो गई। उनके चेहरे की रौनक गायब हो गई। वो एकदम से पसीने पसीने हो गई। फिर मामीजी ने खुद को सम्हाला ” टीना ये तू क्या बोल रही है।?”
” वो बोल रही हूँ चाची जो रोहित कहना चाहता है।” तभी मामीजी मेरी तरफ देखने लगी।
तभी दीदी ने फिर से मोर्चा सम्हाल लिया। ” रोहित बहुत दिनों से पीछे पड रहा था लेकिन मेरी आपसे कहने की हिम्मत नहीं हो रही थी।ये तो आज ही मै आपसे कह पाई हूं।”
तभी मामीजी ने कहा ” यार टीना ये सब क्या है। रोहित तो बच्चा है तू भी उसकी बातों में आ गई।”
” चाची बच्चा नहीं है ये। बहुत तगड़ा हथियार है इसके पास। आप तो इसका हथियार लेने के बारे में सोचों।”
” वो सब तो ठीक है लेकिन मैं ये सब नहीं कर सकती। मैने कभी भी ऐसे काम नहीं किये है। और जहाँ तक रोहित का सवाल है तो हम दोनों का रिश्ता ऐसा है कि जिसमे ये सब जायज़ नहीं है।”
” अरे चाची, आप ये सब क्यों सोच रही हो? यहाँ किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। आप घर की हो और ये बात घर में ही रहेगी। किसी को कुछ पता नहीं चलेगा।”
” नहीं यार टीना ये सब अच्छा नहीं है।इससे रिश्ते ख़राब होते है और बदनामी भी।”
“अरे चाची आप भी पता नहीं कहाँ कहाँ दिमाग लगा रही हो। ये काम इतना दिमाग लगाने का नहीं है। वैसे भी मै तो रोहित का ले रही हूं ना। बहुत मस्त चोदता है चाची।एकदम मस्त हो जायेगी आप।”
” बहुत आगे निकली टीना तू तो। इतनी जल्दी तूने रोहित का ले भी लिया!” हां चाची।
” टीना तूने तो चुदवा लिया लेकिन यार मेरे लिए ये सब करना बहुत मुश्किल है। मै नहीं कर सकती ये सब। लो आप तो ये चाय पीओ।”
फिर हम सब चाय पीने लगे। तभी।मैने मोर्चा सम्हाला ” मामीजी, दीदी भी मेरा ले रही है और आज दिन तक किसी को कुछ नहीं पता। आप तो बसस्स तैयार हो जाओ। घर की बात घर में ही रहेगी।”
“नहीं यार रोहित,मुझे बहुत कुछ सोचना पड़ता है।” तो इतना मत सोचों मामीजी।
तभी दीदी ने तीर छोड़ा ” खैर अब हम तो कह ही सकते हैं।बाकि फिर आपकी इच्छा।”
अब हम तीनों चुपचाप चाय पी रहे थे।हमारे बीच खामोशी छा चुकी थी।
तभी मामाजी ने कहा ” अब चुप क्या हो गए ,कुछ तो बोलो।”
” अब हम क्या बोले चाची। आप तो कुछ कह ही नही रही हो।”
” अभी तो कुछ दिन रोहित यही है। तब तक मैं सोचकर बताती हूं।”
तभी मामीजी कप उठाकर धोने लग गई। मामीजी के चेहरे की हवाइयां उडी हुई थी। मै मामीजी को हवस भरी नज़रो से देख रहा था। दीदी मामीजी को उकसा रही थी।
अब मुझे मामीजी की आंखो में काम वासना नज़र आ रही थी।
यारो! अगर किसी औरत को आप मौका दो तो फिर वो औरत मौका भुनाने में पीछे नहीं रहती हैं और मामीजी भी अब मौका भुनाने की फ़िराक में लग रही थी।
तभी मामीजी कप धोकर वापस आई “क्या सोचा मामीजी।” यार मैं नहीं कर पाऊँगी।
तभी दीदी ने कहा रोहित, चाची तैयार है। अब तू तेरा काम कर ले। ” लेकिन मामीजी तो मना कर रही है।”
“मै कह रही हूं ना। जा ले जा तेरी मामीजी को अंदर और कर ले तेरी इच्छा पूरी।”
तभी मामीजी मुस्कुरा पड़ी ” टीना ज्यादा शैतानी मत दिखा।”
“अब इसमें क्या शैतानी दिखाना चाची। कर दो बेचारी की इच्छा पूरी। इसका भी मन तृप्त हो जायेगा। “
तभी मैंने मामीजी का हाथ पकड़ कर उन्हें खीच लिया और फिर मै मामीजी को कमरे के अंदर ले जाने लगा।
” रोहित, यार रहने दे ना।”
नहीं मामीजी। नहीं रहा जा रहा है मुझसे। आज तो आपको बजाकर ही मानूँगा।”
” ये टीना पाप करवाएगी मुझसे।” “कोई पाप नहीं ये मामीजी। आप तो बसस्स मजे लो।
“रोहित अच्छी तरह से बजाना तेरी मामीजी को। बहुत मुश्किल से मानी है। पूरी कसर निकाल लेना।” हां दीदी।
तभी मेने गेट बंद किया और फिर मै मामीजी पर टूट पड़ा। अब मैं मामीजी के रसीले होठो को बुरी तरह से खाने लगा। मामीजी को तो समझ में ही नहीं आ रहा था कि वो क्या करे!
तभी मामीजी पीछे सरकती सरकती दिवार से जा सटी। अब मै मामीजी के बोबो को ढूंढने लगा। अब मै मामीजी के बड़े बड़े बोबो को बुरी तरह से मसलने लगा। मामीजी तो बस मेरे लण्ड के तूफान में उडी जा रही थी।
मैं मामीजी के जिस्म को बुरी तरह से रगड़ रहा था। फिर मै मामीजी की मस्त गांड को मसलने लगा।तभी मामीजी की गर्म गर्म सांसे चलने लगी। तभी मुझे लगा कि मामीजी को चारपाई की ज़रूरत है।
तभी मैने मामीजी को चारपाई पर पटक दिया। अब मैं फटाफट से मामीजी के ऊपर चढ़ गया और मेने फिर से मामीजी के मस्त रसीले होंठो पर हमला कर दिया। अब मैं ताबड़तोड मामीजी के होठ चूसने लगा। ऑउच्च पुच्च पुच्च पुच्च की आवाज़ों से घर में शोर होने लगा।
इधर मेरा लंड मामीजी की चूत नापने के लिए बेताब हो रहा था। तभी मैं मामीजी के बोबो को छेड़ने लगा।अब मैं मामीजी के बोबो को भी मसलने लगा। अब मुझे चारपाई पर मामीजी के साथ मस्ती करने में बहुत मज़ा आ रहा था।
मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था। तभी थोड़ी देर की धुआंधार किसिंग के बाद मैने मामीजी की साड़ी के पल्लु को एक तरफ हटाकर उनके बोबो को बलाउज के ऊपर से ही मसलने लगा।
” हाय! क्या बोबे है मामीजी।एकदम मस्त। उन्ह मज़ा आ गया। बहुत मस्त खजाना है।”
” ओह्ह सिससस्स उन्ह ओह रोहित। आईई आराम से। “
” ओह्ह्ह् मामीजी दबाने दो। आह्हा बहुत मज़ा आ रहा है। “
मै मामीजी के बोबो को जमकर मसल रहा था।मामीजी दर्द से तड़प रही थी। मुझे मामीजी के बड़े बड़े बोबो को मसलने मे बहुत मज़ा आ रहा था।
” आईई ओह्ह्ह् सिसस आह्हा। “
अब मुझसे रहा नहीं गया और मेने झट से मामीजी का बलाउज खोल दिया और फिर तुरंत मामीजी की ब्रा को एक तरफ हटाकर मामीजी के बोबो को नंगा कर दिया। तभी मामीजी शर्म से पानी पानी होंनें लगी।
मामीजी के बोबो को देखते ही मेरी आँखों में चमक आ गई और मैं मामीजी के बोबो पर टूट पड़ा। मैं मामीजी के बोबो को नींबू की तरह निचोडने लगा। तभी दर्द के मारे मामीजी की गांड फटने लगी।
” आह्ह सिससस्स आह्ह उन्ह ओह रोहित, धीरेरेरे,,, धीरेरेरे।” “ओह मामीजी दबाने दो। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है। बहुत ही शानदार माल है।”
मैं मामीजी के रसभरे चूचो को मसले जा रहा था। मामीजी दर्द से कराहती हुई होंठो को दांतो में दबा रही थी। मामीजी के बोबे बड़ी मुश्किल से मेरे हाथों में आ रहे थे। फिर मैंने थोड़ी देर में ही मामीजी के बोबो को बुरी तरह से मसल डाला।
अब मैं मामीजी के बोबो को चूसना चाहता था। तभी मैंने मामीजी के बोबो को मुंह मे दबा लिया और मामीजी के रसभरे चूचो को पीने लगा।
” आह्ह बहुत ही गज़ब का टेस्ट था मामीजी के चूचो का।” मैं तो मामीजी के चूचो को पीने में पागल सा होने लगा।
इधर मामीजी बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी। उनकी चूत अब लौड़ा खाने को तैयार थी। मै मामीजी के चुचो को जमकर चुस रहा था। मामीजी बड़े आराम से चूचो में मुझे चूस्वा रही थी।
” उन्ह मामीजी , बहुत ही मज़ा आ रहा है।”
मामीजी शर्म से पानी पानी हो रही थी। मै झटके दे देकर मामीजी के बोबो को चुस् रहा था। मामीजी के बोबो को चूसने मे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
” ओह्ह्ह् रोहित आह्हा सियस उन्ह ओह्ह्ह्। “
” ओह्ह्ह् मामीजी बहुत ही मस्त बोबे है आपके। आह्हा। “
मै मामीजी के बोबो को जमकर निचोड़ रहा था। फिर मैंने थोड़ी देर में ही मामीजी के चूचो को बुरी तरह से चुस डाला। अब मै फटाफट से मामीजी की टांगो में आ गया और मामीजी की चड्डी खोलने लगा। तभी मामीजी ने मेरा हाथ पकड़ लिया।
” नही रोहित आगे कुछ मत कर। “
” करने दो मामीजी। अब रुकने का टाइम नही है। “
” रुक जा यार रोहित। ” नही मामीजी। तभी मैंने मामीजी के पेटिकोट में हाथ डालकर उनकी चड्डी खोल फेंकी।
अब मैने मेरा लोवर और चड्डी खोलकर लण्ड को बाहर निकाल लिया। अब मैं मामीजी की टांगो को ऊपर उठाकर उनकी चूत में लण्ड सेट करने लगा। मामीजी आँखे बंद कर चुकी थी। मामीजी की चूत बहुत ज्यादा गीली हो रही थी। उनकी चूत से भीनी भीनी सी महक आ रही थी।
तभी मैने जोर से मामीजी की चूत में लण्ड ठोक दिया। एक ही शॉट में मेरा लण्ड मामीजी की चूत को फाड़ता हुआ पूरा अंदर घुस गया। मामीजी की चूत में मेरा मोटा तगड़ा लण्ड घुसते ही मामीजी बुरी तरह से चिल्ला पड़ी।
आईईईईई मम्मी। मर्रर्रर्रर्र गईईई ,,, आईईईईई ओह रोहित। बहुत दर्द हो रहा है।”
तभी मैने मामीजी की चूत में फिर से ज़ोर का झटका दे मारा। मेरे लण्ड के दूसरे झटके से ही मामीजी के चेहरे की हवाइयां उड़ गई थी। अब मै मामीजी को झमाझम चोदने लगा। मामीजी मेरे लण्ड के कहर से पानी मांगने लगी।
” आह्ह आह्ह आह्ह आईईईईई धीरे धीरे चोद रोहित। आह्ह आह्ह आह्ह।
” ओह मामीजी चोदने दो। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है।”
मैं मामीजी की टाँगे पकड़कर ज़ोर ज़ोर से उन्हें बजा रहा था। जोरदार ठुकाई से चारपाई चुड चुड़ चुड़ करने लगी थी। मेरे लण्ड के ज़ोरदार धक्कों से मामीजी बुरी तरह से हिलने लगी थी।
” आह्ह आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आह्ह आह्ह ओह सिससस्स “
मेरा लण्ड मामीजी की चूत में तगड़ा घमासान मचा रहा था। मामीजी बुरी तरह से चुद रही थी। घर में मामीजी की दर्द भरी चीखो के साथ साथ चारपाई की चरमराने की आवाज़ भी गूंज रही थी।
” आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आह्ह ओह उँह ओह आह्ह आहा आह्ह आह्ह”
मेरे लण्ड के हर एक झटके के साथ ही मामीजी के चेहरे की भाव भंगिमाएं बदल रही थी।उन्हें मेरा भारी भरकम लण्ड बहुत भारी पड़ रहा था। तभी मामीजी मेरे लण्ड के कहर को ज्यादा देर तक नहीं झेल पाई और मामीजी की चूत से गरमा गरम पानी निकल गया।
” आह्हा आह्हा ओह्ह्ह् मम्मी मर् गईई। “
तभी मामीजी बुरी तरह से पसीने से लथपथ हो गई। उनका बलाउज पसीने से पूरा गीला हो गया। मैं अभी भी मामीजी की ताबड़तोड़ ठुकाई कर रहा था। मामीजी पानी निकलते ही बुरी तरह से नसते नाबुत हो गई थी।
” आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह ओह सिसस्स आह्ह आहा ओह सिसस्स आहा ओह रोहित।”
” ओह मामीजी, आज तो मेरे लण्ड को जन्नत ही मिल गई। आज तो आपको खूब बजाऊंगा।”
मैं मामीजी को दे दना दन बजाये जा रहा था। तभी मामीजी का एकबार फिर से पानी निकल गया। मेरा लण्ड मामीजी के पानी में नहा चूका था। फिर मैंने मामीजी की टांगो को छोड़ा और मामीजी को बाहों में कसकर गांड हिला हिलाकर मामीजी को बजाने लगा।
“आह्ह आहा आह्ह आह्ह ओह सिससस्स उन्ह ओह सिससस्स आहा आह्ह।”
मैं मामीजी को धक्कमपेल करके ताबड़तोड़ बजा रहा था। मामीजी को दबाकर चोदने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मामीजी टांगो को हवा में लहरा कर मस्ती से चुद रही थी।
” आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आहा आह्ह ओह उँह ओह सिससस्स।”
” ओह्ह्ह् मामीजी बहुत मज़ा आ रहा है। आह्हा। “
” ओह्ह्ह् रोहित आह्हा आह्हा ओह्ह्ह्। “
मै गांड हिला हिलाकर मामीजी को बुरी तरह से चोद रहा था। मेरा लंड मामीजी की मामीजी की जमकर खबर ले रहा था। मामीजी की हालत खराब हो रही थी।
” आह्हा आह्हा ओह्ह्ह्ह् आह्हा आईई। “
फिर बहुत देर की खचाखच ठुकाई के बाद मेरा लण्ड उफान पर आ गया और फिर मैंने मामीजी की चूत में तगड़ा घमासान मचा दिया।
” आईई आईई ओह्ह्ह्ह् मम्मी आह्हा आईई धीरे,,,, धीरे रोहित आह्हा आह्हा आईई। “
तभी मामीजी ने मुझे सम्हाल लिया और मैं मामीजी की चूत को लबालब भरकर मामीजी से लिपट गया।
कहानी जारी रहेगी………….
आपको मेरी कहानी कैसी लगी मुझे मेल करके ज़रूर बताए– कोई भी आंटी भाभी, लड़की दोस्ती करे। ajaywriter21@gmail.com