मम्मी पड़ोस के पहलवान अंकल से चुदवाती थी

उस दिन मुझे पता लगा कि मेरी मम्मी कितनी बड़ी रंडी है और मम्मी पड़ोस के पहलवान अंकल से चुदवाती थी। वह हर रोज पड़ोस के अंकल के घर जाती थी और मैं यही सोचता था आखिर उनको काम क्या होता है।

लेकिन उस दिन मुझे सब पता लग गया कि मम्मी परोस के अंकल के घर क्यों जाती थी।

जय मेरी अंतर्वासना मां की चुदाई कहानी है जो मैं आप सभी लोगों के साथ साझा कर रहा हूं। आजकल किसी को भी कुछ भी नहीं समझ में आता है बस उसे अपनी वासना पूरी करनी है।

मेरे पापा हमेशा काम से बाहर ही रहते थे। वह सउदिया में काम करते थे तो वह साल साल भर इंडिया आते ही नहीं थे।

मैं अपनी मम्मी के साथ हम अपने दिल्ली वाले घर में रहते थे। एक दो महीने से मम्मी का बर्ताव कुछ बदल सा गया था और वह रोज दोपहर को गायब हो जाती थी और रात को आती थी।

कई बार तो भर रात भर घर नहीं आती थी और मैं यही सोचता रहता था कि आखिर मम्मी चली कहां गई। एक दिन मैंने यह सोचा मैं अपनी मां का पीछा करूंगा और देखूंगा आखिर वह जाति कहां है।

मैं घर पर वीडियो गेम खेल रहा था और ठीक मम्मी के जाने के टाइम पर वहीं बैठा हुआ था। मम्मी जैसे ही घर से बाहर निकली मैंने उनका पीछा किया और यह देखा कि वह पड़ोस के अंकल के घर में चली गई है।

पड़ोस के अंकल पहलवान रह चुके थे और मैं अकेले ही रहते थे। उनका पूरा परिवार गांव में रहता था और वह यहां पर पहलवानी करते थे दिल्ली में।

उन्हें भी एक दो महीने हुए थे हमारे पड़ोस में आए हुए और तभी से मम्मी का भी बर्ताव चेंज हुआ था। मैं यह सोचने लगा आखिर उनको काम ही क्या है पड़ोस के पहलवान अंकल से।

फिर मेरा खुराफाती दिमाग चला क्योंकि मैं बहुत ही ज्यादा Antarvasna kahani पढ़ता था। और जब अगले दिन फिर से मम्मी पड़ोस के अंकल के घर जाने के लिए निकली तो मैं भी उनके पीछा करने लगा।

मम्मी के पास भी पड़ोस के अंकल के घर की चाबी थी जो मुझे पता था कहां रखी है। मैंने उस चाबी की रातों-रात डुप्लीकेट चाभी बनवा कर अपने पास रख ले।

और जैसे ही मम्मी पड़ोस के अंकल के घर में गई मैं अभी पीछे से वह नकली चाबी इस्तेमाल कर कर उनके घर में घुस गया।

मैंने यह देखा मम्मी आते ही पड़ोस के अंकल के चिपक गई और उन्हें किस करने लगी दोनों में चुम्मा चाटी चालू हो गई।

यह देख कर मेरे मुंह से बस यही निकला ओ!!! माधर्चोद!!! क्या हो रहा है।?!

मुझे कहीं ना कहीं शर्म भी आ रही थी लेकिन मेरा हरामि दिमाग था कि मेरा लंड भी खड़ा होने लग गया था।

मम्मी और अंकल में बहुत ही जबरदस्त चुम्मा चाटी चल रही थी और दोनों बहुत ही ज्यादा रोमांटिक मूड में थे। यह देख कर मुझे मुंह फेर लेना चाहिए था लेकिन पता नहीं क्यों मुझे बहुत मजा आ रहा था यह देखकर मेरा लैंड खड़ा था जिसमें पानी टपक रहा था।

फिर अंकल ने मम्मी को बिस्तर पर लिटा दिया और उनको पूरा नंगा कर दिया और उनके ऊपर कूद पड़ा।

अपनी मम्मी को इस तरह पूरा नंगा देखकर मुझे बहुत ही मजा आ रहा था वह मेरा लंड पूरा खड़ा था। फिर पहलवान अंकल ने अपना लंबा मोटा लंड निकाला जिसे देखकर मैं बहुत ही हैरान रह गया।

मम्मी बोल रही थी – अब चलो भी जल्दी करो बाबू!!

मैंने मन में ही सोचा – यह बाबू है यह तो साला सांड का बाबू है!!!

मम्मी – तुम्हारे इसमें लंड पर तो मैं मर मिटी हूं मुझे इसी से तो इतना प्यार हो गया है!!

पहलवान अंकल – इतनी भी जल्दी क्या है जानेमन अभी धीरे-धीरे मजा तो लेने दो।

और अंकल ने मेरी मम्मी की चूत को चाट ना चालू कर दिया जिसमें मम्मी को बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था।

वह मेरी मम्मी को खूब चाट रहा था और मेरी मम्मी आवाजें निकाल रही थी – आ आ अहह मज़ा आ रहा है!!

और जब उस पहलवान ने मम्मी की चूत को पूरा गीला कर दिया फिर उसने अपने लंड पर थूका और मम्मी की चूत में पूरा लंड घुसा दिया।

मम्मी – आ आ अहह अज्ज ऊह

उस पहलवान में अपने मोटे लंड से मम्मी की चूत की चुदाई करना चालू कर दिया जिसमें मां को बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था।

अपनी आंखों के सामने अपनी मां को चिंता हुआ देखकर मुझे एक अलग ही मजा आ रहा था।

और मैंने भी अपने पजामे में हाथ डालकर अपने लंड से मुठ मारने चालू कर दिया। जितनी जोर जोर से वह पहलवान अंकल मेरे मां को चोद रहा था इतनी जोर जोर से मैं अपने लंड से मुट्ठ मार रहा था।

फिर उसने मेरी मां को घोड़ी बनाकर चोदना चालू कर दिया मैं उनकी गांड पर थप्पड़ भी मार रहा था और चोद रहा था।

मम्मी – हां हां ऐसे ही चोदो मुझे!!

अंकल -हां हां हां हां, ऐसे ही जो दूंगा मैं तुमको जानेमन तुम मेरी रंडी रखैल जो हो!!

और वह मम्मी को और भी समझ तरीके से चोदने लगा। उसने मम्मी का दोनों हाथों को पीछे कर कर पकड़ा और उन की जबरदस्त चुदाई करनी चालू कर दी।

वह मम्मी को घचाघच खूब चोद रहा था दबा दबा कर उनकी चोट की पिटाई कर रहा था अपने मजबूत लोड़े से।

और फिर हम तीनों का झड़ने वाला था जैसे ही अंकल का झाड़ा वैसे ही मैंने अपना झाड़ दिया।

उस दिन हम तीनों को एक साथ चरम सुख की प्राप्ति हुई बस फर्क यह मैंने वह प्राप्ति मुट्ठ मार कर करी।

इसके बाद से मुझे मम्मी के अफेयर के बारे में पता चल गया लेकिन मैंने कुछ भी नहीं कहा और मैं चुप चुप कर इनकी र्चुदाई देखता था और मुठ मारता था।

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