मेरी बेहेन की सहेली सुस्मिता का चूत फाड़ दी

हेल्लो  ,दोस्तों,मेरा नाम विशाल है .आज का कहानी एक अन्तर्वासना में लिपटी हुई सच्ची प्रेम गाथा है ।ये घटना कुछ 6 महीने पहेले घटी .मेरे घर में हर समय बोहुत फॅमिली और फ्रेंड्स का आना जाना रहेता है ,क्यू की हम जोइंट फॅमिली में रहेते थे .और मेरी बेहेन की एक सहेली थी जिसका नाम सुस्मिता था ,देखने में वोह मस्त थी ,उसे मई किसी भी तरीके से पाना चाहता था.तो हुआ ये के एक दिन  मैं अपने कंप्यूटर पर बैठा पोर्न फिल्म देख रहा था, तभी कुछ देर में मेरे मम्मी आ गये, मैने सब बंद कर दिया। बोले के चलो सबको आज घुमा कर लाते हैं। मैने सोचा अगर मैं गया तो सारा मज़ा बेकार हो जायेगा, इसलिये मैने जाने से मना कर दिया। सब चले गये। मैं घर में अकेला था। मैने फिर से अपना लापटोप में ब्लू फिल्म स्टार्ट कर दी। तभी मेरी बहन की सहेली सुस्मिता मुझे पूछने आ गयी के मेरी सिस कहां है। मैने कहा के सब बाहर गये हैं। तो उसने मुझसे पूछा के तुम क्या कर रहे हो। मैने कहा के कंप्यूटर पर बैठा था। तो बोली के मैं अपना इ-मेल चेक कर लूं। मैने हां कह दिया।

मैने कहा के मैं ज़रा बाथरूम से आता हूं। जब मैं आया तो देखता हूं के मैने रियल प्लेयर बंद नहीं किया था और सुस्मिता सब कुछ देख रही थी। मैं उसे खिड़की से देखता रहा। उसका चेहरा कंप्यूटर की तरफ़ होने से उसने पीछे नहीं देखा के मैं खड़ा हूं। वो सब कुछ देख रही थी और बहुत गरम हो चुकी थी। इतने में उसने अपने मम्मे ऊपर से दबाने शुरु कर दिये। मेरा लंड खड़ा हो चुका था और मैं तो पक्का फ़ैसला कर चुका था के हो ना हो, ये आज मुझसे चुद कर ही जायेगी। फिर मैं थोड़ा और पीछे चला गया और हल्की सी आवाज़ निकली। वो समझ गयी के मैं आ रहा हूं। उसने प्लेयर बंद कर दिया। मैं आया तो उससे कहा के इ-मेल चेक कर लिये तो बोली के हां कर लिये। फिर मैने हिम्मत बांध कर उससे कह ही दिया के रजनी तुम जो देख रही थी वो मैं पीछे खिड़की के पास खड़ा होकर देख रहा था। तो वो शरमा गयी और कुछ नहीं बोली। मैं समझ गया के मामला फ़िट हो गया। मैने दोबारा BF स्टार्ट कर दी। अब हम दोनो देखने लगे। वो तो गरम हो ही चुकी थी।

तभी मैने कहा के देखती ही रहोगी या फिर। तो वो हल्की सी मुस्कुराहट लायी। मैने तभी बिना टाइम बर्बाद किये उसके जांघ पर हाथ रख दिया। उसने मेरे हाथ को पकड़ लिया। फिर मैं अपने हाथ को धीरे धीरे उसके ऊपर की तरफ़ लाने लगा। उसके मम्मे को दबाना शुरु किया। फिर उसे किस करने लगा। फिर मैने उसका एक हाथ अपने लंड पर रख दिया। वो उसके साथ खेलने लगी। करीब 5 मिनट तक हम किस करते रहे। फिर मैं उसे बेड पर ले आया और धीरे-धीरे उसके कपड़े उतारने लगा। पहले उसका सूट उतारा तो उसके ब्रा दिखने लगी। मैने उसकी ब्रा भी उतार दी। उसके मुंह से अजीब अजीब आवाज़ें निकलने लगी मानो कह रही हो के मेरी चूत को जल्दी शांत करो। उसके दूध से भरे मम्मे देख कर मैं दंग रह गया। मैने उसको चाटना शुरु कर दिया। तो बोली के पहले कपड़े तो उतार लो। फिर मैने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और सलवार उतार दी। उसने काले रंग की पैंटी पहनी थी। फिर मैने उसे मेरे कपड़े उतारने को कहा तो उसने पहले मेरी पैंट फिर कच्छा उतारा।

फिर मैंने सुस्मिता के लेफ्ट बूब्स को अपने मुँह में पूरा भर लिया था और उस के राईट बूब्स को एक हाथ से मसलने लगा और उसके निप्पल को अपनी दो उँगलियों के बीच में लेकर मसल दिया तो वो जोर से चीख पड़ी. अब वो सातवें आसमान पर थी, क्योंकि अब में उनकी चूत को रगड़ रहा था और उनके बूब्स को मसल रहा था और ज़ोर जोर से चूस रहा था. अब वो ज़ोर-ज़ोर से मौन कर रही थी और मेरे सर को अपने बूब्स पर दबा रही थी. उस की साँवली सी चूत पर बहुत बाल थे. फिर मैंने कहा कि सुस्मिता,”तेरी चूत तो बोहोत मस्त है .”तोह उसने कहा ,”फिर देर क्यों कर रहे हो अपना लंड राजा तो इसमें डालो ना .”मैंने कहा अभी नहीं ,पहेले इसका स्वाद तो थोडा सा चख लू . में तेरे चूत चाटने के लिए तरस रहा था. फिर वो बोली कि चिंता मत करो अब में तुम्हारी हूँ जो चाहो चाटो. 

फिर मैंने सुस्मिता की पूरी चूत को अपने मुँह में लेकर ज़ोर से चूसा और अपना मुँह पीछे कर लिया. अब सुस्मिता तो पागल ही हो गयी थी और उस की बॉडी में जैसे करंट दौड़ गया हो. फिर मैंने उस की चूत को अपने लिप्स से पकड़कर ज़ोर से चूसा और अपनी जीभ से नीचे से ऊपर तक चाटा और फिर दुबारा से यही किया. अब वो अपनी गांड को ऊपर उठाने लगी और अपनी चूत मेरे मुँह में घुसाने लगी. अब में उस की चूत को चूसे जा रहा था और ज़ोर-ज़ोर से चूस रहा था, चाट रहा था और वो पागल हो रही थी और छटपटा रही थी और मेरे सर को ज़ोर से अपनी चूत में घुसा रही थी.

फिर मैंने भी अपनी स्पीड तेज़ कर दी और अपनी ३ उंगलियाँ उस की चूत में डालकर चुदाई भी शुरू कर दी. अब तो बस उसने मचलना शुरू कर दिया और अब उस की चूत इतना पानी छोड़ रही थी कि मेरा मुँह पूरा गीला हो गया था. अब में उस की चूत का पानी पिए जा रहा था और अब में काफ़ी देर तक सुस्मिता का चूत को चाटता रहा, अब वो 2 बार झड़ चुकी थी, लेकिन में बस नहीं कर रहा था. फिर जैसे ही मुझे लगा कि अब वो फिर से झड़ने वाली है. फिर मैंने अपना मुँह हटा दिया और खड़ा हो गया. फिर मैं अपने लंड को सहलाने लगा. मेरा लंड 6 इंच लम्बा है और थोड़ा मोटा है. फिर मैंने सुस्मिता को अपने क़रीब खींचा और अपना लंड उस की चूत पर रखकर रगड़ना शुरू कर दिया. फिर वो झट से मौन करने लगी और बोलने लगी कि जल्दी से मुझे चोदो ह ह्म्‍म्म्म ह ऊहह. फिर मैंने अपना लंड उस की चूत के छेद पर रखकर पेल दिया और उस की एक टांग को उठाकर धक्के मारने शुरू कर दिए.

मैंने लंड को पकड़ा और उसकी चूत में लंड डाला, काफ़ी टाईट चूत थी उसकी. में धीरे-धीरे धक्के मार रहा था और वो भी धीरे-धीरे मधहोश हुये जा रही थी. उसकी चूत एकदम साफ थी.मैंने पूछा कि बड़ी चिकनी है तेरी चूत.. तो वो बोली सुबह-सुबह तेरे लिए ही साफ की है.. वरना कल तो बालों से भरी हुई थी. अब मैंने धक्को की स्पीड बड़ा दी. वो कहने लगी कि चूत के बाहर झड़ना,वरना कहीं बाद में गड़बड़ ना हो जाये. में इतनी ज़ोर-ज़ोर से धक्के मार रहा था कि साला लंड अंदर ही झड़ गया.वो एकदम उठी और भागी और मूतने लगी. में बाहर खड़ा हो कर उसे मूतते हुए देख रहा था.मैंने कहा कि इतनी जल्दी क्या थी मूतने की, तो सुस्मिता बोली ताकि बाद में ज्यादा गड़बड़ ना ह, वो खड़े होकर मेरे पास आई और मेरे लंड को पकड़कर बोली.. अब तो भूख मिट गई होगी तुम्हारी लंड की. मैंने उसके दोनों बूब्स पकड़ लिए और दबाने लगा. पहला सेक्स किये हुये हमे ३० मिनट ही हुए थे और में दूसरे राउंड के लिये तैयार था. में उसके पीछे गया और उसके बूब्स बहुत ज़ोर से दबाने लगा. उसके निप्पल रगड़ने में तो बहुत ही मज़ा आ रहा था. उसके बूब्स भी एकदम तन गये थे.अब मैंने उसे आगे की और झुकाया और पीछे से लंड उसकी चूत में प्रवेश कराया. जैसे जैसे लंड अंदर जा रहा था वैसे वैसे उसकी सिसकियाँ तेज हो रही थी. में धक्के पर धक्के मारे जा रहा था और वो सिसकियाँ लेती जा रही थी. लगभग 15 मिनट के बाद लंड झड़ने को तैयार था और इस बार मैंने लंड उसके बूब्स पर झाड़ दिया.

अब करीब 8 बजे थे,अभी तक घर में कोई बापस लौटा नहीं था.और मई और सुस्मिता अपने काम में बिजी थे.मुझे चुदाई करके बोहोत भूख लग गया था. मैंने उससे कुछ नाश्ता बनाने को कहा और उसने ब्रेड-आमलेट बना दिया. मैंने वो खा लिया और अब 9 बज चुके थे.. मैंने उससे पूछा कि तुम क्या खाओगी? तो वो बोली जो तुम खिलाओ. मैंने कहा कि जेम रोल बनाकर खिलाता हूँ.. वो बोली कि ये क्या है? मैंने कहा थोड़ा इन्तजार करो.. में किचन में गया और 2 मिनट बाद वापस आया. मैंने अपने लंड को पेपर से ढक रखा था.. वो बोली क्या है दिखाओ? मैंने पेपर हटाया और वो देखकर वो ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगी. मैंने अपने लंड पर जेम और बटर लगा रखा था. मैंने कहा कि नाश्ता तैयार है खा लीजिये.. वो हंसते हुए लंड को हाथ में लेकर चाटने लगी और फिर चूसने लगी.. क्योंकि हम 2 घंटे में ३ बार पहले ही सेक्स कर चुके थे.. इसलिये लंड अब जल्दी नहीं झड़ा. उसने आराम से लंड को चाटा और चूसा.. लेकिन लंड नहीं झड़ा.

अब फिर से बारी थी उसे चोदने की.. एक बार उसे डॉगी स्टाइल में चोदना था. वो डॉगी स्टाइल में बैठ गई.. फिर मैंने लंड चूत में ना डालकर उसकी गांड में डाल दिया.. अरे क्या ग़ज़ब का टाईट छेद था, मज़ा आ गया.. लेकिन उसकी तो चीख निकल गई. मैंने कहा कि कुछ देर सहन कर लो फिर मज़ा आयेगा. २० मिनट चोदने के बाद लंड को उसकी गांड में ही झाड़ दिया. अब हम नहाकर कुछ देर बाहर घूमने मार्केट में गये. मैंने उससे कहा कि घर पहुँचकर और भी स्टाईल ट्राई करेंगे,तो वो मुस्कुराने लगी.

उसदिन बोहोत देर के बाद हमारे घर वाले आये,और मई थक्के अपने रूम में सो गया था और सुस्मिता रात को अपने घर चली गयी थी ,सुबह मुझे बेहेन पूछने लगी ,”भैय्या सुस्मिता आई थी क्या ,काल ?” मैंने बोला ,”नहीं तो .”वोह बोली अजीब लड़की है काल मुझे कुछ जरुरी पेपर लेके देने वाली थी ,exam बोहोत करीब है .पर मई बता नहीं पाया ,की असली exam तो उसने काल ही मेरे साथ दे दिया था ,और जिसमे वोह पूरी तरीके से पास थी .

धन्यबाद ……………

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