मैं कबीर अग्रवाल फिर से १ नयी स्टोरी लेके तैयार हु आपके लिए.ये स्टोरी तब की है जब मैं एक गांव में जॉब करता था. गांव ज्यादा बड़ा नहीं था तो लगभग सबसे मेरी जानपहचान हो गयी थी. मेरा स्वाभाव अच्छा था इसलिए सब मेरी इज्जत करते थे. उस गांव में एक लड़की रहती थी उसका नाम शिवानी था. दिखने में सामान्य थी दुबली-पतली थी. रंग गोरा था और बूब्स उसके छोटे थे. उसकी ऐज २३ साल के आस पास थी लेकिन बूब्स अभी किसी स्कूल की antarvasnastory2.in लड़की जितने थे छोटे छोटे. मेरा घर गांव की बहार की साइड था. मैं जब भी कही जाता या दुकान पे लेने कुछ जाता तो उसका घर बिच में पड़ता था. आते जाते अक्षर उसके घर के बहार उसे बैठा हुआ देखता था. वह भी पहचानती थी तो कभी कबर बात भी कर लिया करती थी. और स्माइल भी करती थी. मैं अपने काम से अक्षर पास की सिटी में जाता रहता था .एक दिन ऐसे ही किसी सिटी में जा रहा था तो शिवानी भी तैयार होक कही जाने के लिए खड़ी थी. वह शायद ऑटो या बस की वेट कर रही थी.साथ में उसकी माँ खड़ी थी.मैं बाइक पे जा रहा था तो मुझे देख के उसकी माँ ने हाथ से रुकने का इशारा किया .मैंने उसके पास बाइक रोका तो शिवानी की मम्मी ने मुझसे पूछा कहा जा रहे हो तो मैंने बताया के सिटी में जा रहा हु. तो उन्होंने कहा के शिवानी को भी लेके जाओगे क्या. मैंने है बोल दिया तो शिवानी मेरे पीछे बैठ गयी. उसने ब्लू सलवार कुरता पहना था. मेक उप किया था तो आज मस्त दिख रही थी.मैंने बाइक स्टार्ट की तो उसकी माँ ने बोला के आते टाइम हो सके तो शिवानी को लेते आना. मैंने बोला के अगर दोनों का टाइम एडजस्ट हुआ तो लेते आऊंगा.हम जहा जा रहे थे वह सिटी गांव से करीबन २ घंटे की दूरी पे थी. गांव से थोड़ा आगे आके शिवानी ने बात स्टार्ट की. हम ऐसे ही नार्मल बात कर रहे थे. मैंने शिवानी से पूछा के सिटी में क्यों जा रही हो तो उसने बताया के कुछ शॉपिंग करनी हे और पारलर में भी जाना हे. तो मैंने बोला के तुम तो अच्छी ही दिखती हो पारलर जाने की क्या जरुरत हे. तो वह शर्मा गयी और पहले उसने थैंक यू कहा फिर बोला के उसे वैक्स करना हे और १ दिन बाद किसी शादी में भी जाना हे तो थोड़ा चेहरा भी चमकना हे.तो मैंने कहा चमकाने की क्या जरुरत हे लड़के तो इस चेहरे पे भी फ़िदा हो जायेंगे.तो उसने कहा आप तो नहीं हुए अभी तक.मैं ये सुन के चौंक गया.मैंने पूछा क्या मतलब तो उसने कहा के वह तो कबसे मुझसे लाइन मरती हे लेकिन मैं ही उसे नोटिस नहीं करता हु.तो मैंने बताया के मेरी शादी फिक्स हो चुकी हे और मैं इन चक्कर में नहीं पड़ता.तो शिवानी ने कहा के शादी फिक्स हुयी हे तो क्या हुआ हम GF BF तो बन सकते हे. जरुरी नहीं हे के शादी करे.मैंने पूछा ऐसा नहीं होता.तो उसने कहा के उसे मैं जब तक शादी न करू तब तक GF बना लू फिर शादी के बाद मैं अपने रस्ते वह अपने रस्ते.ऐसे ही बातो बातो में सिटी आ गयी.शिवानी को जहा जाना था वह उतर दिया. और मैं आगे जाने लगा तो शिवानी ने कहा के गांव जाते टाइम ले जाना मैंने अपना टाइम बता दिया तो उसने बी कहा के वह तब तक फ्री हो जाएगी.फिर उसने कहा के वापिस आओ तब तक सोच लेना GF बनाना हे या नहीं.मैंने ओके कहा और फिर वह से चला गया. फिर पुरे टाइम मैं उसके प्रपोजल के बारे में सोचता रहा. फिर मैंने बी सोचा के उसे सिर्फ GF B Fबनना हे तो उसमे क्या प्रॉब्लम हे. वैसे भी १ साल में तो मैं यहाँ से जाने वाला ही हु.और वैसे भी बहोत दिन हो गए थे किसी लड़की से सेक्स करके सोचा इस से ही माझे ले लेंगे.फिर return में मैंने उसे haa बोल दिया. पारलर से आने के बाद तो वह और मस्त लग रही थी बस उसका फिगर ही पतला था वार्ना गांव के सब लड़के उसके पीछे ही पड जाते.मैं हां बोला तो वह पीछे से मुझसे चिपक गयी. उसके छोटे छोटे बूब्स मेरे पीठ पे लगने लगे. उसके एहसास से मेरा लंड खड़ा हो गया.मुझे बहोत माझा आ रहा था. उसने बोला के उसे किश करनी हे तो मैंने जंगल में साइड में बाइक कड़ी की और थोड़ा झाड़ियों के पीछे चले गए.उसने जैसे ही मेरे होठ पे अपने होठ रखे मुझे बहोत ही मस्त फील होने लगा मैंने उसे कास के पकड़ लिया. करीबन २० मिनट्स हमने किश किया. उस दरमियान मैंने उसके छोटे छोटे बूब्स भी दबाये. फिर हमे ख्याल आया के शाम का टाइम हे तो कोई आ सकता हे तो हम गांव की और जाने लगे.शिवानी बहोत खुश थी. हमने नंबर तो सुबह ही एक्सचेंज कर लिए थे. उसे उसके घर के पास ड्राप कर के मैं अपने घर आ गया.आते हे रूम में जेक सब कपडे निकल के शिवानी के नाम की मुठ मर दिया. फिर सो गया.अब हमारी बात डेली फ़ोन पे होने लगी. गांव छोटा था तो अकेले में ऐसे मिल नहीं सकते थे. मैं कभी उसके घर जाता तो चुपके से किश कर लेते या बूब्स या गांड दबा देता.अब हम दोनों को सेक्स करना था लेकिन मौका नहीं मिल रहा था.एक दिन शिवानी का कॉल आया के उसने आज रात को उसकी भाभी और भाई का सेक्स देखा हे तो उसे आज कैसे भी करके सेक्स करना ही हे. उसे बहोत मन कर रहा हे.मैंने उसे बोला तो कैसे करे तो उसने बताया के सिटी में उसकी फ्रेंड रहती हे. आज अकेली हे तो उसके घर पे कर सकते हे. उसने उस से बात कर ली हे बस शिवानी को सिटी जाने का बहाना बनाना हे कोई. तो मैंने पूछा उसकी फ्रेंड को कोई प्रॉब्लम तो नहीं होगी. तो उसने बोला के नहीं वह मैरिड हे और उसका हस्बैंड आउट ऑफ़ स्टेट गया हे किसी काम से ३ दिन के लिए. तो मैंने ओके बोला. और कॉल काट दिया.आधे घंटे में शिवानी का कॉल आया के १० मिनट में मिस कॉल करू तब निकलना.मैंने ओके बोला और तैयार होक बैठा. जैसे ही उसका मिस कॉल आया मैं निकला. शिवानी वही पे कड़ी थी आज बी उसकी मम्मी साथ में थी.मुझे देखते ही उसकी मम्मी ने हाथ से बाइक रुकाई मेरी और बोला के सिटी जा रहे हो तो शिवानी को लेते जाओ. मैंने है बोल दिया जैसे ही जाने को निकले तो उसकी मम्मी बोला के आते टाइम लेते आना वापिस. तो मैंने बोला के लेते तो आ जाऊंगा लेकिन आज मुझे आने में लेट हो जायेगा अँधेरा हो सकता हे आते आते.तो उन्होंने कहा के कोई बात नहीं आपके साथ आएगी तो कोई प्रॉब्लम नहीं आप लेते आना. मैंने ओके बोला.और हम बाइक पे सिटी की और चल दिए. थोड़े दूर जाते ही शिवानी मुझसे चिपक गयी. मैंने पूछा क्या बहाना बनाया तो उसने बोला के उसकी फ्रेंड की गॉड भराई हे ऐसा बोला. आज मैंने बहोत तेज़ बाइक चलायी हमें जल्द से जल्द सिटी पहोचना था. सिटी पहोचते ही मैंने मेडिकल से कंडोम ले लिया और कुछ नास्ता लेके उसकी फ्रेंड के घर पहोच गए. उसकी फ्रेंड का घर भी सिटी के बहार की साइड ही सोसाइटी में था. उसका घर २ मंझिला घर था. काफी बड़ा घर था.हमने बेल्ल बजायी तो उसकी फ्रेंड ने दरवाजा खोला हम अंदर आये उसने हमे बैठने को कहा. उसकी फ्रेंड का नाम श्रुति था. उसने गाउन पहना हुआ था सिल्की गाउन में बहोत सेक्सी लग रही थी. एकदम भरा हुआ बदन , उभरे हुए नितम्ब और बूब्स गोरा रंग एकदम पटाखा माल थी बिलकुल शिवानी के विपरीत.मेरा तो मन उसे चोदने का करने लगा. लेकिन अभी तो जिसके लिए आये थे उसके साथ करना ही ठीक था वार्ना क्या पता दूसरे के बदले पहला लड्डू भी खाने से रह जाये.श्रुति ने हमे पानी दिया फिर चाय का बोलके बनाने जाने लगी तो मैंने उसे नास्ते का पार्सल दिया जो साथ लेके आया था. फिर हम तीनो ने साथ बैठ के चाय नास्ता किया.और यहाँ वह की बात करने लगे. फिर श्रुति ने बोला के चलो अब मैं आपको आपके रूम में छोड़ देती हु आप वह आराम से पूरा दिन एन्जॉय करना कोई काम हो तो मुझे कॉल करना मैं कमरे में ही लेके आ जाउंगी आप आज बस माझे करो. ऐसा बोलके एक नॉटी स्माइल के साथ आँख मार दी. फिर हमे वह अपने दूसरे मंझिल पे बने कमरे में लेके गयी. हम जैसे ही अंदर गए कमरे में मस्त खुसबू आने लगी. उसने फिर शिवानी को कहा के जा मेरी जानेमन आज इस बिस्तर पे तू भी अपनी चुत खुलवा ले. जहा मैंने भी अपना खुलवाया था पहली बार.इतना बोल के उसने फिर से नॉटी स्माइल की और दरवाजा बंद कर के चली गयी.उसके जाते ही हमे भी अंदर से दरवाजा बंद कर दिया. दरवाजा बंद करते ही शिवानी ने मुझे जोर से हुग किया फिर अपने होठ मेरे होठ पे रख के किश करने लगी.मैं भी उसका किश में पूरा साथ देने लगा. आह क्या मस्त होठ थे शिवानी के. बहोत माझा आ रहा था. मैं उसके होठो को पूरा मुँह में मुँह दाल के चूसने लगा. जैसे इमरान हासमी फिल्मो में चुस्त हे. बहोत देर तक किसिंग चलती रही .फिर हम अलग हुए शिवानी ने मेरे कपडे उतरने चालू किये. एक एक करके उसने मेरे सरे कपडे उतर दिए. सिर्फ अंडर वियर को छोड़ के. फिर मैंने भी शिवानी के कपडे उतरे ब्रा पंतय रहने दी. शिवानी ने मुझे बिस्तर पे लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ के मेरे पुरे बदन पे किश करने लगी. होठो से चालू किया फिर मेरी छाती पेट सब जगह किश करने लगी. वह बहोत एक्सिट हो रही थी. उसने मेरी चड्डी भी निकल दी. चड्डी हटने के साथ ही मेरा लंड अब उसके सामने था. उसने थोड़ी देर मेरे लंड को हाथ में लिया , उसके छोटे छोटे हाथो में लंड मस्त लग रहा था. फिर मैंने कहा मुँह में ले लो तो उसने धीरे धीरे अपने मुँह में लिया. पहले उसे ठीक से चूसा नहीं जा रहा था लेकिन फिर मस्ती से चूसने लगी. मुझे बहोत आनंद मिल रहा था. मैं सातवे आसमान में था. अब पूरा लंड मुँह में लेके अंदर बहार करने लगी.मुझे वैसे भी कब की एक्ससिटेमेंट हो ही रही थी तो अब कण्ट्रोल नहीं हो रहा था. मेरा निकलने वाला था. तो मैंने उसे बताया तो वह ऊपर से हैट गयी.लेकिन फिर भी पिचकारी चुत ही गयी.थोड़ा उसके मुँह पे लगा बाकि मेरे और उसके शरीर पे लगा.थोड़ी देर हम ऐसे ही पड़े रहे फिर बाथरूम में जेक साफ करके वापिस आये.अब मैंने शिवानी को बिस्तर पे लेटाया.उसने येलो कलर की पंतय पहनी थी और ब्रा रेड कलर की थी. गांव में ऐसे मिस मैचिंग हो जाता हे.मैंने उसके होठो पे किश करना स्टार्ट किया. फिर गर्दन पे करते करते उसकी ब्रा उतर दी.अब उसके बूब्स जोकि छोटे छोटे थे मेरे सामने थे. मैंने उनको बरी बरी मुँह में लेके चूसने लगा. उसके आधे बूब्स तो मेरे मुँह में ही आ जाते थे. लेकिन कड़क थे तो बहोत माझा आ रहा था.शिवानी अपने हाथो से चद्दर भैस रही थी. अब मैंने उसकी नाभि पे किश करना स्टार्ट किया फिर उसकी पंतय पे किश करते करते पंतय हटा दी.वाह्ह्ह्हह्ह. क्या मस्त चिकनी छोटी सी चुत थी. भले ही फिगर के मामले में शिवानी पीछे हो लेकिन चुत उसके जैसी किसीकी नहीं देखि थी. थोड़ी सी फूली हुयी , गोरी लेकिन गुलाबी शादी में बिना बाल की एकदम चिकनी.मैं तो टूट पड़ा उसकी चुत पे. मैं बहोत देर तक उसकी चुत छत्ता रहा. उसकी चुत में अंदर तक जीभ डालके चाट रहा था. शिवानी बिलकुल मदहोश हो गयी थी. आह आह करके अजीब आवाज़ निकल रही थी और बिस्तर को भींचे जा रही थी. इसी बिच उसने २ बार पानी छोड़ दिया था. बहोत देर चुत की चटाई के बाद शिवानी से रहा नहीं गया तो उसने बोला अब जल्दी लंड अंदर डालो प्ल्ज़. तो मैं भी तैयार हो गया. बैग में से कंडोम निकलने लगा तो शिवानी बोली बिना कंडोम के छोड़ो. मैं पहली बार बिना कंडोम के छोड़ना चाहती हु. तो मैंने बोला दर्द होगा तो उसने बोला वह रेडी हे.फिर मैं बी तैयार हो गया. लेकिन फिर भी उसकी चुत छोटी थी तो सोचा तेल या क्रीम लगा दू. लेकिन कमरे में कोई बी क्रीम या तेल नहीं था. तो श्रुति को फ़ोन किया तो उसने बोला अभी आती हु देने. मैंने शिवानी के शरीर पे चद्दर डाली और खुद पास ने पड़ा टोलिया लपेट के दरवाजे के पास गया उतने में श्रुति ने दरवाजा खटखटाया तो मैंने खोला.उसने क्रीम दी बोला इसे कही भी लगाना दर्द बहोत काम होगा. और मुझे घूर के देखने लगी. मैंने थैंक्स बोला और दरवाजा बंद किया. जबतक दरवाजा बंद हुआ श्रुति मेरे जिस्म को घूरती रही.दरवाजा बंद कर के मैं शिवानी के पास आया. उसके ऊपर से चद्दर हटा दी. फिर अपनी ऊँगली में बहोत से क्रीम लेके शिवानी के चुत पे लगाने लगा. थोड़ी ऊँगली से चुत के अंदर तक लगायी. शिवानी से अब रहा नहीं जा रहा था उसने बोला अब जल्दी डालो.मैंने थोड़ी क्रीम लेके अपने लंड पे लगायी. फिर शिवानी को बोला अपने पेअर फेलाओ. उसने अपने पेअर फैलाये. फिर उसको बोला थोड़ी चुत को अपने हाथ से दोनों तरफ से पकड़ के खोलो उसने ऐसा ही किया. मैंने अपने लंड का टोपा उसकी चुत पे रहा धीरे से धक्का दिया तो थोड़ा सा अंदर घुसा शिवानी की आह निकल गयी .मैंने बोला निकलू undefined उसने बोला नहीं दाल दो जो होगा देखा जायेगा.तो मैंने भी जोर से धक्का लगाया क्रीम और चुत की चटाई की वजह से चुत एकदम गीली हो गयी थी तो एक ही झटके में लंड पूरा अंदर घुस गया.शिवानी की चीख निकल गयी. वह उसके आँशु निकलने लगे बिस्तर पे छटपटाने लगी. मैंने फिर से पूछा निकलू क्या undefined तो उसने दर्द भरी आवाज़ में बोला नहीं अब दाल ही दिया हे तो आगे बढ़ो. जो होना होगा सेह लुंगी.उसकी बात सुन के मुझे भी जोश आ गया .मैं धीरे धीरे लंड अंदर बहार करने लगा. उसे दर्द हो रहा था. उसने मेरी पीठ को जोर से भींच लिया था. कुछ देर ऐसे ही धक्के लगता रहा. फिर उसका दर्द थोड़ा काम हुआ. तो मैंने स्पीड बढ़ा दी. अब उसे भी थोड़ा माझा आने लगा था. वह भी निचे से गांड उठा के साथ दे रही थी. अब मेरे हाथ उसके छोटे बूब्स पे थे. मैं उन्हें मसल रहा था और साथ में चुत में लंड से पेलम पिलाई भी कर रहा था. शिवानी ने मुझे छोड़ के चद्दर को पकड़ लिए था. जोर से चद्दर को भींच रही थी. और जोर जोर से मुँह से सिसकारियां निकल रही थी साथ में कभी कभी आह ओह्ह्ह जैसे आवाज़ भी कर रही थी. हमारी चुदाई मस्त चल रही थी. मुझे उसकी छोटी सी चुत में लंड के घिसाव से एक अलग ही आनंद आ रहा था.अब मैंने उसे बिस्तर के किनारे पे लाया और फिर उसे गॉड में उठा के खड़ा हो गया.उसने अपने दोनों पेअर से मेरी कमर को पकड़ लिया.मेरा लंड उसकी चुत में ही था.मैं अब उसे खड़े खड़े गॉड में उठा के चोदने लगा. सामने लगे बड़े से आईने में जब खुद को देखा के मैं नंगा खड़ा हु गॉड में नंगी शिवानी हे और उसे चोदे जा रहा हु. ये देख के और जोश आ गया. अब जोर जोर से धक्के दे रहा था. इसी बिच शिवानी ने पानी छोड़ दिया. उसका पानी मेरे पैरो से होते हुए निचे गिर रहा था.अब मेरा भी निकलने वाला था तो उसे फिर से बिस्तर पे लिटाया. और जोर जोर से धक्के लगाने लगा.शिवानी ने पहले ही बोला था पानी अंदर लेना हे तो मैंने पूरा पानी उसकी चुत में भर दिया.कुछ देर उसके ऊपर ही रहा फिर उसके बाजु में लेट गया.२० मिनट तक दोनों लेते रहे फिर मैं खड़ा हुआ देखा तो बिस्तर पे वीर्य के साथ खून भी गिरा था. थोड़ा खून फारस पे भी गिरा था जब खड़े खड़े चुदाई कर रहे थे.मैंने शिवानी को देखा उसके चेहरे भी दर्द भी था और एक चुदाई की संतुष्टि की ख़ुशी भी थी. वह भी कड़ी हुयी और बाथरूम जाने लगी तो उस से ठीक से चला नहीं जा रहा था.तो मैं उसे गॉड में उठा के बाथरूम ले गया. दोनों ने बाथ लिया फिर बहार आ गए. और कपडे पहने ने लगे दोनों ने सिर्फ चड्डी ही पहनी थी की दरवाजे पे श्रुति ने नॉक कियातो मैंने ऐसे ही खोल दिया श्रुति हमे देखती ही दही फिर अंदर आ गयी. उसने नज़ारा देखा रूम का तो समझ गयी के कैसी रही चुदाई.तब तक शिवानी ने पुरे कपडे पहन लिया थे. मैंने भी कपडे पहन लिए. फिर हम तीनो ने मिल के रूम को ठीक किया. और निचे आ गए.श्रुति ने खाना लगाया. तीनो ने खाना खयाफिर श्रुति किचन में सफाई कर रही थी तो मैंने शिवानी को बोला १ बार और करते हे. तो वह बोली नहीं बहोत दर्द हो रहा हे. फिर कभी करेंगे.मैं भी मान गया. तब तक ४ ही बझे थे शाम के. उस टाइम मुझे एक कॉल आया बॉस का तो मुझे अर्जेंट एक काम पटना था. तो मैंने बोला शिवानी को के तुम बैठ मैं ३० मिनट में एक काम पटके आता हु. तो उसने ओके बोला. मैं काम पता के वापिस आया तो श्रुति ने बताया के शिवानी को कॉल आया था वह घर के लिए निकल गयी. उसी टाइम एक बस जाती हे तो वह उसे बस में बैठा के अभी आयी.और शिवानी ने बोला हे के वह घर पे बोलेगी के जाते टाइम बाइक की भेष के साथ टक्कर हो गयी थी तो वह गिर गए थे इसलिए ठीक से चल नहीं प् रही हे. तो मुझे भी कोई पूछे तो यही बताना हे.मैं अब जाने लगा तो श्रुति ने बोला रुको थोड़ी देर चाय पाइक जाना. हम दोनों ने चाय पि.श्रुति मुझे ही घूर रही थी. उसने गाउन पहना था. अंदर ब्रा नहीं पहनी थी इसलिए निप्पल्स साफ़ उभर कर दिख रहे थे.श्रुति ने बोला के उसे भी सेक्स करना हे.मैं तो रेडी ही था.लेकिन उसे बोला के शिवानी को बुरा पागेगा.तो श्रुति बोली उसे बताएँगे ही नहीं तो कैसे बुरा लगेगा.मैं रेडी हो गया.मुझे तो वैसे भी मन कर ही रहा था एक और राउंड का.मैंने श्रुति को बहो में ले लिया और जोर जोर से किश करने लगा. श्रुति भी पूरा साथ दे रही थी. वह तो ऐसे किश कर रही थी जैसे मुझे खा ही जाएगी.मैं उसे उठा के ऊपर कमरे में ले जा रहा था तभी श्रुति का कॉल आया.उसने कॉल पे बात कर के काट दिया.उसने बताया के उसकी जेठानी और जेठ आ रहे हे ३० मिनट्स में.मैंने बोला अब क्या करे.उसने बोला फटाफट चुत ही छोड़ दो. फिर कभी शांति से चुदाई करेंगे अभी बस चुत छोड़ दो.मैंने उसे वही हॉल में सोफे पे झुकाया और पीछे से उसका गाउन उठा दिया. अपना पंत और चड्डी निचे कर के लंड निकल के उसकी चुत में पीछे से दाल दिया.उसकी चुत पहले से ही गीली थी और खुली हुयी थी तो एक ही झटके में अंदर घुस गया.उसे थोड़ा दर्द हुआ लेकिन ज्यादा नहीं.अब मैं पीछे से उसे छोड़ रहा था. हॉल में थप थप की आवाज़ आने लगी. पीछे से मैं जोर जोर से धक्के लगा रहा था.वह मोअन करने लगी. अब मैं उसे फुल स्पीड में चोदने लगा. उसने भी पूरा साथ दिया. १५ मिनट में पानी निकलने वाला था तो उसे बोला कहा निकलू.? उसने अंदर बोला तो मैंने सारा पानी अंदर निकल दिया.फिर उसने घूम के लंड को मुँह में लेके चाट चाट के साफ़ कर दिया. उसने बोला माझा आया. लेकिन पूरा माझा फिर कभी लेंगे.उसने कहा जब भी सिटी में आओ कॉल करना. मैंने भी है बोला और उसने नंबर लेके गांव की और निकल गया.उसके बाद तो जब तक वह रहा श्रुति की हर हफ्ते में १-२ बार चुदाई करता था. उसकी एक फ्रेंड से भी उसने सेक्स करवाया था.और शिवानी को उसके बाद सिर्फ ३ बार और सेक्स किया. क्यों की उसके लिए मौका मिलना आसान नहीं था. तो दोस्तों कैसी लगी मेरी कहानी. मुझे जरूर बताना