छत पे सेक्स का मेला

Hi  मैं कबीर अग्रवाल एक और नयी कहानी लेके हाजिर हु. ये कहानी मेरे एक दोस्त की हे. जो लड़की हे. उसने मुझे ये कनही भेजी थी.आगे की कहानी उसी की जुबान में.ही मेरा नाम आकांशा हे और मैं गुजरात के वड़ोदरा से हु. मेरी शादी हो चुकी हे लेकिन ये कहानी मेरे शादी के पहले की हे. ये कहानी मेरी एक और कजिन सिस्टर कुसुम और हमारे भुआ के लड़के कबीर के बिच की हे. कुसुम , कबीर और मैं तीनो एक ही आगे के हे. और बचपन से साथ में बहोत रहे हे. बचपन में जब भी वेकेशन होता था तो हम तीनो एक साथ ही वेकेशन स्पेंड करते. साथ में खेलते मस्ती करते. अब साथ में रहते रहते अंदर से तीनो एक दूसरे को पसंद करते थे.

लेकिन रिश्ते में भाई बहन लगते थे इसलिए कभी किसी की फीलिंग्स बहार नहीं आती थी. हम जब खेलते मस्ती करते तो कभी कभी कबीर का हाथ हमारे बूब्स या पीछे छू जाता तो अंदर कुछ कुछ होने लगता था.कबीर भी हमारे बूब्स को घूरता रहता था.जब हम 10th में आये तब हमे सेक्स में पता चल गया था के कैसे होता हे. मैं और कुसुम एक ही साथ पढ़ते थे तो हमारी सहेलिया हमे इस बारे में बता दिया था.हमने भी इस बारे में जब पढ़ा तो हमारे अंदर भी अब सेक्स के बारे में ख्याल आने लगे थे. मैं तो अब ऊँगली भी करने लगी थी अकेले में.कबीर गांव में रहता था और वही पढता था.मेरी और कुसुम की 10th थी तो साथ में स्टडी करते थे. एक बार हम स्टडी कर रहे थे दिन में. घर पे कोई नहीं था हम दोनों ही थे.तब कुसुम ने ऑनलाइन स्टोरी दिखाई जिसमे हर तरह की स्टोरी थी. हम ये देख के बहोत एक्सीटेंड हो गए.अपनी चूत  को कपड़ो के ऊपर से रुब्ब करने लगे.

फिर कुसुम को क्या हुआ पता नहीं मुझे पकड़ के जोर से किश करने लगी. मुझे भी माझा आने लगा मैं भी उसका साथ देने लगी. बहोत ही माझा आ रहा था. फिर दोनों अलग होक एकदूसरे को आँखों में आँख डालके देखने लगे. फिर जैसे एकदूसरे को सहमति दे दी के अब कुछ ज्यादा करते हे.कुसुम ने मुझे बिस्टेर पे लेता दिया और मेरे सरे कपडे उतर दिए. मैं थोड़ी सावली थी लेकिन बहोत सेक्सी दिखती थी और अभी भी दिखती हु.कुसुम मेरे ऊपर आ गयी. और मुझे चूमने लगी. पहले माथे को फिर गालो को फिर हाथो को. फिर मेरे बूब्स को चूमने लगी. फिर निप्पल्स को मुँह में लेके चूसने लगी. मेरी हालत ख़राब होने लगी.फिर उसने मेरी चूत  पे मुँह रख के चूत  को जोर जोर से चूसने लगी. ये पहली बार था कोई और मेरी चूत  को छू रही थी. फिर अपनी जीभ को अंदर डालके छोड़ने लगी. मैं ज्यादा कण्ट्रोल नहीं कर पायी. मेरा पानी निकल गया. जिसे कुसुम ने अपनी जीभ से चाट क साफ़ कर दिया.और मेरे पास लेट गयी. कुसुम अभी भी कपडे पहने हुयी थी.फिर कुसुम ने कहा के उसने कल पहली बार रियल चुदाई देखि थी तो बहोत मन कर रहा हे चुदाई का. मैंने पूछा किसकी देखि. तो उसने कहा के मामा  और मामी  की. कल शादी के बाद पहली बार यहाँ आये थे. रात को जब मैं पानी पिने उठी तो उनके रूम से आवाज़ आ रही थी. मैंने खिड़की से देखा तो अंदर दोनों चुदाई कर रहे थे. मामी  दर्द से तड़प रही थे फिर भी खुश लग रही थी.

मामा  का मोटा लंड मामी  की चूत  में आगे पीछे हो रहा था और मामी  माझे से चुद रही थी. मुझसे ज्यादा सहन नहीं हुआ तो अपने रूम में जेक नंगी होक जोर जोर से चूत  में ऊँगली करने लगी. जब तक पानी नई निकला ऊँगली करती रही.कुसुम की बाटे सुनके मैं और तड़प गयी. कुसुम को मैंने पूरा नंगी कर दी. कुसुम के बूब्स मुझसे ज्यादा बड़े थे और चूत  भी गोरी और गुलाटी थी. मैं कुसुम पे चढ़ गयी उसका पूरा बदन चूमने लगी. कुसुम के निप्पल चूस चूस के लाल कर दिए.फिर कुसुम की गुलाबी चूत  पे टूट पड़ी. बहोत हो मस्ती से उसकी चूत  की चुसाई चल रही थी. और कुसुम ज्यादा देर नई टिक पायी उसका पानी निकल गया. दोनों कुछ देर ऐसे ही नंगे पड़ी रही.फिर कपडे पहन लिए. अब जब भी मौका मिला एकदूसरे की चूत  चट्टी ऊँगली करती , किसिंग करते बूब्स चूसते और कभी कभी ककड़ी अपनी चूत  में डालती.अब हम दोनों को रियल लंड लेने का मन करने लगा. लेकिन किसका ले जिस से कही बदनाम न हो जाये.तब कुसुम बोली कबीर का लेते हे.तब मैं बोली वह भाई लगता हे. तो कुसुम बोली आज कल ऐसे कजिन भाई बहन बहोत होते हे जो सेक्स करते हे.मैं बोली वह नहीं मन तो. वह बोली वह जरूर मानेगा. उसने बोलै उसने कबीर को बहोत बार लंड हिलाते देखा हे और उसका लंड भी बड़ा हे.

मने पूछा कब देखा था. तो बोली बहोत बार देखा हे. लास्ट बार जब उसके घर गयी थी तब अपने रूम में हिला रहा था वह भी आकांशा तेरा नाम लेके. तब मैं बोली है उसके अगले दिन ही मैं वह से आयी थी. उसदिन कबीर ने मेरी गांड देख ली थी. जब मैं झुकी थी तो स्कर्ट पहना था और चड्डी नई तो उसने देख लिया था. इसलिए शायद मेरा नाम लेके हिला रहा था.फिर कुसुम ने बोलै ५ दिन बाद वह यहाँ आएगा तब उसे रोज बूब्स गांड दिखा के करते हे. फिर कुछ दिन बाद वह हमारे यहाँ रहने आया. तो हम दोनों जान बुझ के अपने बूब्स गांड उसे दिखते. कबीर भी बहोत घूरता दोनों के बूब्स गांड को. फिर बाथरूम में चला जाता जब कण्ट्रोल नहीं होता था तब.हम तीनो कुसुम के घर पे टेरेस पे सोते थे. कुसुम की चची भी वह सोती थी तो मौका नहीं मिलता था के कबीर से कुछ बात करे या कुछ करे.एक दिन मेरे घर वाले सभी बहार गए थे घर पे हम तीनो ही थे.घर वाले शाम को आने वाले थे तो आज पूरा दिन था हमारे पास और हम ये मौका खोना नहीं चाहते थे.

मैंने और कुसुम ने आज नक्की कर ही लिया के आज कैसे भी कर के कबीर से चूत  छुडवानी ही हे.कबीर हॉल में बैठ के टीवी देख रहा था तो मैंने कुसुम को बोलै तुम्हारे बूब्स ज्यादा बड़े हे तुम उसके सामने पोछा मार के बूब्स दिखाओ.कुसुम ने बड़े गले वाला टी-शर्ट पहना था. उसने बाथरूम में जेक पोछा लिया उसके पहले अपनी ब्रा निकल दी. फिर पोछा लगाने लगी. अब पोछा लगते लगते कबीर के सामने आयी. झुक के पोछा लगा रही थी. तो उसके लगभग पुरे बूब्स दिख रहे थे.कबीर भी अपनी नज़र कुसुम के बूब्स पे टिकाये हुआ था.अब उसका लंड खड़ा होने लगा जो उसके पेण्ट में से साफ़ नज़र आ रहा था. कबीर का हाथ भी उसके लंड पे रगड़ने लगा. मैंने एकदम टाइट लेग्गिंग्स पहनी थी. फिर मैंने भी अंदर जेक अपनी पंतय उतर दी और लेग्गिंग्स पहन के किचन में जेक कबीर को आवाज लगायी कुछ काम हे कर के.कबीर का लंड वैसे भी खड़ा ही था. मैंने उसे किचन में ऊपर से २ डिब्बे निकलने को कहा उसने निकले फिर वह जाने लगा तो मैंने उसे बोलै रुका वापिस रखना भी हे.तो वह वही खड़ा हो गया. अब मैं उसके आगे आके निचे ऐसे झुक के कुछ ढूंढ़ने लगी तो के मेरी गांड उसके खड़े लंड पे लगे.अब मैं जानबूझ के उसके लंड पे बिना पंतय की गांड रगड़ ने लगी. लेग्गिंग्स बहोत पतली थी तो उसे मेरी मुलायम गांड महसूस होने लगी तो उसका लंड एकदम टाइट हो गया.फिर उसे कण्ट्रोल नई हुआ तो वह बाथरूम की और जाने लगा.

तभी कुसुम ने उसे बोलै बाथरूम में मत जाना सभी बाथरूम में एसिड डाला हे तो साफ़ करने के बाद जाना.ये सब हमने प्लान के तहत किया था. हमे पता था के उसे कण्ट्रोल नई होगा तो हिलने जायेगा. लेकिन बाथरूम में हम पकड़ नई पाएंगे तो बाथरूम जाने का रास्ता ही बंद कर दिया. ताकि वह कमरे में जाये.और वह सीधा कमरे में गया वह जेक लंड बहार निकालके हिलने लगा.हम भी फटाफट वह गयी. कमरे का दरवाजा बंद था. लेकिन उसमे दो खिड़की थी. जिसमे से एक पीछे की खिड़की ख़राब थी वह खुल सकती थी तो हमने वह जेक खिड़की खोल दी.पहले तो चुपके से हिलाते हुए वीडियो बनाया ताकि जरुरत पड़े तो इस्तेमाल कर सके.कबीर का पानी निकले उसके पहले हमने दरवाजे पे नॉक किया. तो कबीर ने फटाफट कपडे पहन के दरवाजा खोला. पसीने में हाफ रहा था वह. हम आगे अपना प्लान अप्लाई करे उसके पहले किसीने घर के मैं गेट की बेल्ल बजायी.हमने कबीर को दरवाजा खोलने भेजा और हम दोनों ने फटाफट अपने अंदर के कपडे पहन लिए ताकि कोई मेहमान या और कोई हमे उस हालत में न देखे.जब हम हॉल में आये तो देखा क्व पापा क्व कुछ मेहमान आये थे ६ लोग थे.

इतने में पापा का फ़ोन आया के उनको बिठाके कुछ चाय नास्ता कराओ तब तक वह आते हे.मैं और कुसुम दोनों उदास हो गयी हाथ में आया मौका चला गया. मन ही मन में उन गेस्ट को गाली दे रहे थे.फिर ऐसे ही पूरा दिन गुजर गया.रात को हम कुसुम के घर सोने गए. तब हम तीनो एक्सीटेंड थे. बूत कुछ कर नहीं प् रहे थे.हम टेरेस पे इस तरह सोते थे सबसे पहला बिस्टेर कुसुम की चची का था उनसे थोड़ा दूर मेरा और कुसुम का था. फिर हमने थोड़ा गैप रख के कबीर का था.रात को मैंने गाउन पहना था और कुसुम ने भी गाउन पहना था. कबीर ने शार्ट पहना था और बनियान पहना था.चची चाचा के साथ बात कर रही थी फ़ोन पे और और कबीर मूवी देख रहा था.मैंने कुसुम को बोलै आज कुछ करते हे जो होना होगा देखा जायेगा.कुसुम ने बोलै तू तरय कर पहले. मैंने ओके बोलै.फिर हमने कबीर को बोलै हमे भी मूवी देखनी हे , तो उसने बोलै के आ जाओ.

हम दोनों कबीर के दोनों तरफ सो के मूवी देखने लगे. हम पहले तो थोड़ा ऐसे लेते के कुछ टच न हो. फिर हम थोड़ा उसके नज़दीक सरक के मूवी देखे. हम ऐसे लेते थे के उसके हाथ की कोहनी हमारे बूब्स को टच करे.अब धीरे धीरे कबीर का ध्यान मूवी से हैट के हमारे बूब्स पे जा रहा था.उसका हाथ की कोहनी मेरे बूब्स को ज्यादा प्रेस कर रही थी. तो मैं और उसके करीब सरक गयी. इतने में चची अपनी जगह आके सो गयी.फिर कुसुम को मैंने इशारा किया तो वह भी नींद का बहाना कर के सो गयी.फिर मैं कबीर से और चिपक गयी. अब वह मेरे बूब्स को और प्रेस करने लगा.मैंने भी उसके लंड पे ऐसे हाथ रखा जैसे लगे के मूवी देखते अनजाने में रखा हो.एकदम तम्बू बना हुआ था उसका लंड शार्ट में. मैंने हलके से दबा दिया तो कबीर को पता चल गया के मैं क्या चाहती हु.कबीर ने अपना हाथ मेरे बूब्स पे रख दिया. अंदर ब्रा पहनी नहीं हे ये उसे हाथ रखते हे पता चल गया.धीरे धीरे मेरे बूब्स दबाने लगा. मैं भी उसके शार्ट के ऊपर से लंड को सहलाने लगी. अब वह जोर जोर से मेरे बूब्स दबा रहा था. मैं मोअन करने लगी.फिर उसने गाउन के ऊपर के बटन्स खोल के अंदर हाथ दाल के बूब्स दबाने लगा.

इस वजह से और एक्सीटेंड होने लगी. मैंने आँखे बंद कर ली. फिर उसने मेरी गाउन को थोड़ा ऊपर कर के अंदर हाथ दाल के चूत  को सहलाने लगा.चूत  पे एक भी बाल नहीं था आज सुबह फिर से साफ़ की थी मैंने और कुसुम ने.फिर मैंने आँखे खोल के देखा चची को वह दूसरी तरफ मुँह कर के सो रही थी.लग रहा था के नींद में हे.कुसुम को देखा तो वह चुपके से हमे देख दही थी.कबीर अब अपनी ऊँगली मेरी चूत  में करने लगा. इस से मैं और एक्सीटेंड होने लगी. मैंने कबीर का शार्ट निचे कर दिया और पतली से चद्दर उसके ऊपर ले ली ताकि चची उठ जाये तो उसे पता न चले के हम क्या कर रहे हे. मैंने उसका लंड हाथ में लिया और आगे पीछे करने लगी. उसका लंड एकदम सख्त हो गया था. जैसे कोई बम्बू हो.कबीर ने मेरे पास आके कहा दीदी अंदर डालना हे. वह मुझे दीदी कहता था. और कुसुम को कुसुम.मैंने कहा दाल दो लेकिन मेरा पहली बार हे तो तकलीफ होगी अंदर जायेगा के नहीं.कबीर बोलै रुको मैं आता हु. ऐसा बोल के निचे गया कपडे ठीक कर के.तब तक कुसुम मेरे पास आयी बोली क्या हुआ. मैंने बोलै अंदर डालने के लिए कुछ जुगाड़ करने गया हे.वापिस वह आये उसके पहले कुसुम वापिस अपने जगह चली गयी.कबीर वापिस आके मेरे पास सो गया. हमने चद्दर ऊपर दाल दी. कबीर ने मेरी गाउन ऊपर कर के मेरी चूत  पे कुछ लगाया.मैंने पूछा क्या लगाया तो उसने बोलै बॉडी लोशन हे इस से आसानी होगी.उसने बहोत सारा लोशन मेरी चूत  पे लगाया अब मेरी चूत  एकदम चिकनी हो गयी जिस से अंदर आसानी से चला जायेगा.उसने फिर लंड पे भी लोशन लगाया फिर मुझे सीधा लेता के गाउन और ऊपर किया और पेअर फैलाने को कहा.मैंने पेअर फैला दिए और कबीर मेरे ऊपर आया और अपना लंड मेरी चूत  पे सेट कर के धीरे से धक्का लगाया तो बहोत सारा लोशन और गीली चूत  की वजह से आधा अंदर गया.मुझे हल्का सा दर्द हुआ लेकिन मैंने मुँह में कपडा दबा रखा था इसलिए चीख निकल न पाए.

फिर और और जोर दिया तो पूरा अंदर घुस गया.ऐसा लगा के चूत  में किसीने रोड घुसा दी हो.मुझे कुछ ज्यादा दर्द हुआ.लेकिन मैंने आवाज़ नहीं की.अब कबीर धीरे धीरे मेरे अंदर लंड के धक्के लगाने लगा.दर्द हो रहा था लेकिन धीरे धीरे माझा आने लगा. अब मैं मदहोस होने लगी कबीर लगातार चूत  में लंड आगे पीछे कर रहा था. और साथ में मेरे बूब्स भी दबा रहा था.मैंने देखा कुसुम हमे देख रही थी साथ में अपनी चूत  में ऊँगली भी कर रही थी.उसकी चची अभी भी दूसरे तरफ ही मुँह कर के सो रही थी.कबीर ने अब स्पीड बढ़ा दी मैं भी निचे से अपनी गांड उठा के उसका साथ दे रही थी.फिर कबीर बोलै के दीदी मेरा निकलने वाला हे कहा निकलू.मैंने अंदर ही निकलने को कहा.कुछ और देर में दोनों एक साथ डिस्चार्ज हो गए.फिर कबीर मेरे बाजु में सो गया.मेरी चूत  से उसका गरम वीर्य बहार निकल रहा था.कबीर बोलै के उसे बहोत माझा आया. दीदी आप बहोत सेक्सी हो आपके साथ सेक्स कर के माझा आया.मैंने कहा मुझे भी माझा आया.मैंने बोलै मेरा पहला सेक्स था. मैं तो आज दिन में ही तुमसे छोड़ना चाहती थी लेकिन तभी गेस्ट आ गए वार्ना दिन में ही चुदाई कर लेते.कबीर बोलै तभी आप अपनी गांड बूब्स चूत  दिखा रही थी.कबीर बोलै अब उसे सोना हे तो मैंने कहा अभी तो कुसुम की बरी हे वह आएगी तुम्हारे लंड का माझा लेने.कबीर बोलै सच में. वह आप दोनों तो बहोत चालू निकली.तो मैं बोली चालू नहीं सब लड़कियों का मन करता हे सेक्स करने का.

अब बहार किसी और से सेक्स करे तो रिस्क रहती हे लेकिन तुम तो घर के हो तो इसमें रिस्क काम थी और घर की बात घर में ही रहेगी. फिर मैंने कबीर को किश किया और अपनी जगह आके कुसुम को बोलै तुम जाओ मैंने सब बता दिया कबीर को.फिर कुसुम कबीर के पास चली गयी. मैं लेते लेते उन्हें देख रही थी उन्होंने चद्दर ओढ़ राखी थी इसलिए ठीक से दिख नहीं रहा था पर पता चल रहा था के कौन क्या कर रहा हे.कुछ समय बाद उन दोनों का काम निपट गया तो कुसुम मेरे पास आके सो गयी.मैंने पूछा कैसा रहा एक्सपीरियंस. तो कुसुम बोली बहोत माझा आया. सबसे ज्यादा माझा तो जब उसने चूत  में लंड डाला तब आया. मैंने पूछा दर्द हुआ क्या? तो कुसुम बोली थोड़ा सा हुआ. मैंने कहा मुझे तो अभी भी हो रहा हे. कुसुम ने तब बताया के वह ककड़ी अंदर तक डालती थी इसलिए चूत  में आसानी से घुस गया था. कबीर भी बोलै के आकांशा दीदी की चूत  ज्यादा टाइट थी मेरे मुकाबले.मैं खुश हुयी ये बात सुन के. अब रोज रात को हम ऐसा करते थे.

बूत ध्यान रखते थे के आवाज़ न हो वार्ना चची को पता चल सकता था.अब हम चाहते थे के कभी खुल के सेक्स करे तीनो साथ में लेकिन मौका मिल नहीं रहा था.इसी बिच एक दिन कुसुम बहार गयी हुयी थी तो रात को वह नहीं थी तो मैं टेरेस पे न जेक निचे ही रूम में सोई उस दिन. लेकिन गर्मी बहोत थी तो आधी रात को मैं ऊपर सोने गयी.मैंने सोचा चुपके से जेक कबीर को सरप्राइज दूंगी. लेकिन वह जेक मैं सरप्राइज हो गयी. वह देखती हु के चची अपनी साड़ी ऊपर कर के पेअर फैला के लेती हुयी हे और कबीर उसके ऊपर चढ़ के उन्हें घपाघप छोड़ रहा था. मैं वह चुपके से देखने लगी. चची आठ ाः कर रही थी. कबीर भी स्पीड बढ़ा के छोड़ रहा था. चची बोली आज बहोत दिन बाद माझा आया हे. फिर कबीर का पानी निकल गया तो वह साइड में आके सो गया.
चची उठ के सीडी की साइड आ रही थी. तो मैं थोड़ा निचे जेक वापिस ऊपर आने लगी. चची मुझे देख के चौक गयी. पूछा क्या हुआ मैंने कहा गर्मी बहोत लग रही थी तो ऊपर आयी. फिर मैं भू ऊपर आके सो गयी.दूसरे दिन चची बहोत खुश लग रही थी. मैंने कबीर को भी नहीं बताया के मैंने उसे चची के साथ देखा था रात को.चची को मैंने पूछा आज चाचा आने वाले हे क्या जो इतने खुश लग रही हो. तो चची बोली नहीं बस ु ही खुश हु.मैंने कहा लगता हे रात को कबीर ने अच्छा माझा दिया .तो चची दर गयी. मैंने कहा डरिये मत हम भी उसका लंड लेते हे. चची ने पूछा हम मतलब और कौन.?तो मैंने कहा मैं और कुसुम.चची बोली कबीर ने तो घर में ही चूत  ढूंढ ली. तो मैंने कहा कबीर ने चूत  नहीं हमने लंड ढूंढ लिया.फिर चची को पूछा अचानक कैसे आप कबीर से सेक्स किया.तो चची बोली चाचा से कॉल पे सेक्सी बाटे की तो एक्सीटेंड हो गयी. तभी देखा के कबीर भी चादर के अंदर लंड पकड़ के हिला रहा था.तो मैंने जेक उसे पकड़ लिया और सीधा मुँह में ले लिया.

फिर आगे का तो तुमने देखा ही हे.फिर चची ने बताया के उसने अपनी एक फ्रेंड के हस्बैंड के साथ भी शादी के बाद सेक्स किया था. फिर रात को कुसुम भी आ गयी थी. टेरेस पे हम ४ लोग थे. मैं कुसुम चची और कबीर.हमने टेरेस का दरवाजा बंद कर दिया.हमारे टेरेस ऐसा था के हम क्या कर रहे हे कोई देख नहीं सकता था. क्यों की हमारे एरिया में सबसे ऊँचा हमारे ही टेरेस था.दरवाजा बंद कर के हम चारो साथ में बैठ गए चची बोली के हम सब आज का प्रोग्राम चालू करे उसके पहले सब लोग बताओ के किस किस ने कितनो के साथ सेक्स किया हे. सबसे पहले मुझे बताने को कहा गया तो मेरा तो एक ही था कबीर के साथ तो मैंने बता दिया. फिर कुसुम ने बताया के उसने कबीर के आलावा १ बॉय फ्रेंड के साथ १ बार किया था और एक बार और १ बार गांव में भी १ लड़के के साथ किया था. मतलब ३ लोगो के साथ किया था. फिर कबीर ने बताया के उसने हम तीनो के साथ किया उसके पहले अपने गांव में २ आंटी के साथ किया था.फिर चची ने बताया के शादी के पहले ५-६ लोगो के साथ किया था और शादी के बाद चाचा के आलावा अपनी एक फ्रेंड के हस्बैंड के साथ और एक इंस्ट्राग्राम के फ्रेंड के साथ किया था.ये सुनके कुसुम बोली क्या बात हे चची जी आप ने तो सबसे ज्यादा लंड लिए हे.

इतना बोलके कुसुम ने चची की चूचियों के कपड़ो के ऊपर से हे पकड़ लिया.चची भी आह भरके बोली है मेरी चुड़क्कड़ भतीजी लेकिन लगता हे मेरे आगे में आते आते तू मुझसे ज्यादा लंड ले लगी. उसको देख के कबीर भी एक्सीटेंड ही गया उसने मुझे पकड़ के चूमना स्टार्ट कर दिया. कुछ देर में हम चारो बिलकुल नंगे हो गए. चची के बूब्स सबसे बड़े थे फिर कुसुम के फिर मेरे तीनो एकदूसरे को चुम रहे थे. कभी मैं कुसुम के बूब्स चुस्ती कभी चची के , कभी चची मेरे कभी कुसुम के ऐसे ही कुसुम भी कर रही थी. फिर कुसुम ने मुझे निचे लेता दिया और मेरी चूत  चाटने लगी , वही चची कुसुम की चूत  चाट रही थी निचे लेट के कबीर कहा पीछे रहने वाला था उसने मेरे मुँह में लंड दे दिया.ऐसे ही बरी बरी से हम एक दूसरे की चूत  चाटने लगे. चची ने बहोत जोर जोर से मेरी चूत  चाट के पानी निकल दिया , फिर कुसुम का निकला. चची की चूत  सबसे ज्यादा चूड़ी हुयी चूत  थी. उनका अभी भी नहीं निकला था तो कबीर ने चची को निचे लेता के उनकी चूत  में लंड पेह दिया.मैं और कुसुम पास ने लेट के देख रहे थे के कैसे चची आह आह कर के कबीर का लंड ले रही थी. और अपनी गांड उठा उठा के लंड ले रही थी.चची बहोत गोरी थी. उनको चुड़ते हुए देखने का बहोत माझा आ रहा था.आखिर में काभिर ने चची का पानी निकल दिया.

और अंत में वह भी उनकी चूत  में झाड़ गया.फिर कुसुम की बरी थी. कुछ देर ऐसे ही पड़े रहने के बाद चची मेरी चूत  और बूब्स चूसने लगी और दूसरी तरफ कुसुम कबीर का लंड चूसने लगी.अब हम दोनों ६९ की पोजीशन में आ गए और एक दूसरे की चूत  चाटने लगे.चची की चूत  में से कबीर के वीर्य की खुशबु आ रही थी.दूसरी तरफ कबीर ने कुसुम को घोड़ी बनाया और उसने कुसुम की चूत  में पीछे से लंड दाल दिया.और घपाघप कुसुम को छोड़ने लगा.कुसुम की गांड बड़ी थी जैसे जैसे जोर से छोड़ रहा था वैसे वैसे थप थप की आवाज़ आने लगी.कुसुम बहोत मस्ती में चुद रही थी. दूसरी तरफ मैं चची के बड़े बड़े बूब्स को चूस रही थी बहोत माझा आ रहा था. मैंने चची को पूछा के आपके बूब्स इतने बड़े कैसे हे. तो चची बोली के जब वह स्कूल में थी तब से बहोत लोगो ने दबाया था. लोग कही भू मौका मिलता दबा लेते और मैं दबाने देती.बस और ट्रैन में तो कोई भीड़ का फायदा लेके बूब्स छूटे तो मैं और उनके पास हो हटी. और लेस्बियन सेक्स भी बहोत किया हे तो उस वजह से भी हे.

चची ने बताया के उनकी भाभी के साथ भी लेस्बियन सेक्स बहोत सेक्स किया था उनको चची के बूब्स बहोत पसंद थे तो बहोत चुस्ती थी.तभी कुसुम की जोर से आह निकल गयी और इसी बिच कबीर झाड़ गया. और कुसुम की चूत  गीली कर दी.चची ने मुझे छोड़ा और कुसुम की चूत  चाटने लगी. जो वीर्य से भरी पड़ी थी.मैं भी चची की चूत  कहते जा रही थी.फिर चची ने कबीर के लंड को मुँह में लेके चूसना चालू किया.इधर कुसुम भी कड़ी हो गयी और मेरी बूब्स चूसने लगी.चची ने कबीर का लंड चूस चूस के फिर खड़ा कर दिया.अब मेरी बरी थी लंड लेने की मेरी चूत  पहले से ही बहोत गीली हो चुकी थी.कबीर ने मुझे सीधा लेता दिया और अपना लंड मेरी चूत  पे सेट कर के जोर का धक्का लगाया और मेरी चूत  में घुसा दिया.एक साथ पूरा लंड अंदर घुसा तो मुझे दर्द होने लगा.फिर भी मैं मोअन कर रही थी और मस्ती से लंड ले रही थी.अब कबीर दो बार पहले झाड़ चूका था इसलिए अब जल्दी झड़ने वाला नहीं था.लगातार कबीर जोर जोर से शॉट लगा रहा था. इधर हर झटके के साथ मुझे बहोत बझा आ रहा था.

फिर कबीर ने मुझे घोड़ी बनाया और पीछे से चूत  में लंड दाल के छोड़ने लगा.उसके शॉट के साथ मेरे नितम्ब पे उसका बदन जब लगता तो थप थप की आवाज़ आ रही थी.मैं उलटी झुकी हुयी थी इस वजह से मेरे बूब्स भी हर शॉट के साथ हवा में आगे पीछे हो रहे थे.मैं अपने होश में नहीं थी.कुसुम और चची क्या कर रहे हे मुझे पता नहीं था मैं तो बस आँखे बंद कर के चुदाई का माझा ले रही थी.कबीर और मेरा राउंड काफी लम्बा चला. लेकिन अंत में वह मेरे अंदर झाड़ गया.फिर हम वही निढाल हो के लेट गए.चची ने इस बार मेरी चूत  को चाट चाट के साफ़ कर दी.उसके बाद हम चारो सो गए.उस रात के बाद तो हर रात जब तक वेकेशन था तब तक सेक्स का पूरा खेल चला.वेकेशन के बाद कबीर गांव चला गया उसके बाद चची ने एक आदमी सेट किया जो हम तीनो को कभी कभी छोड़ता था.जैसे मौका मिलता वैसे कभी अकेले तो कभी तीनो एक साथ सेक्स करते थे उसके साथ.कबीर भी कभी आता तो ग्रुप सेक्स कर लेते थे.और लेस्बियन सेक्स तो रोज का चलता ही था.

Leave a Comment