विधवा चाची की जबरदस्त चुदाई

नमस्कार दोस्तो ये मेरी जीवन में घटी एक सच्ची घटना है। जिस में मेरी विधवा चाची चूद गई। मैं आकाश सिंह बिहार के एक प्रसिद्ध जिला से हु,मेरी चाची का नाम रीना है जो 38 साल की है उनकी एक बेटी भी है 16 साल की रानी। पति के देहांत के बाद वो शहर अपने सास ससुर के पास आ गई । उनके ससुर सरकारी जॉब से 8 साल पहले  रिटायर है सो वो घर पर ही रहते है । मेरा उनके यहां पहले से आना जाना है सो उन्हें कोई मदद की जरूरत होता तो मुझे फोन लगा दिया करते।
एक दिन अचानक चाची के ननद का तबियत खराब हो गया सो उनके सास ससुर उनकी बेटी को लेकर उनके ननद के यहां नवादा जिला चले गए। साथ ही साथ हम को अपने यहां ही रहने को बोले जब तक वो लोग वापस ना आ जाए। मैं उन लोग को रेलवे स्टेशन छोड़ अपने घर पर मां को बोला और अपना कुछ सामान लेकर चाची के घर आ गया
रात में हम और चाची खाना खाकर टीवी देखने लगे । चाची बीच बीच में किचन का भी कुछ काम कर रही थी । वो नाइटी पहनी हुई थी जिस में उनका चूची का निप्पल और गान्ड का दरार चलने पर साफ पता चल रहा था। कुछ देर में टीवी पर किसिंग वाला सीन चलने लगा तो चाची अपने रूम में सोने चली गई मैं भी टीवी बंद कर सोने चला गया। 
नींद आंखों से दूर ही रहा बार बार चाची का मटकता गान्ड और चूची आंखों के आगे घूम रहा था ।चाची का रूम बंद था मैं बाथरूम गया वहां उनका ब्रा और पैन्टी देख अंदर अजीब खलबली मचा । मैं ब्रा और पैन्टी सूंघा मस्त गंध आ रहा था मैं दोनो चीज लेकर अपने रूम में आकर उनका पैन्टी अपने लन्ड पर रख कर मुठ मारने लगा और ब्रा सूंघने और चवाने लगा। उनकी पैन्टी में मुठ मारने की खुशी में में गेट बंद करना भूल ही गया । अचानक गेट पर नजर गया तो चाची ना जाने कब से वहा खड़ी होकर सब देख रही थी
मैं शर्मा कर अपने लन्ड पर कंबल डाल लिया।चाची मेरे पास आकर कंबल हटाकर बोली बउआ जी जब हम है ही तो मेरी ब्रा और पैन्टी क्यों खराब कर रहे हो ,यह बोलते हुए मेरा लन्ड पर अपना मुंह लगा दीअपने दोनो हाथों से आड़ सहलाते  हुए लन्ड चूसने लगी। मैं तो हवा में उड़ रहा था भाई ,5 मिनट में ही मेरा लन्ड उल्टी कर दिया जो चाची अपने मुंह में लेकर गटक गई।
फिर क्या था मैं भी जोश में उनकी  नाइटी फाड़कर उनकी चूची पीने लगा,वो जोर जोर से मेरा सिर अपनी चूची पे दबाने लगी। मैं सोच भी नही सकता था की गांव की गवार मेरी चाची इतनी गदराई माल हैं और चुदाई के बारे में इतनी जानकार हैं। चाची पूरी नंगी हो ही चुकी थी ,अब वो दोनो टांग रण्डी की तरह फैलाकर चूत चाटने को बोली। मैंने मना किया तो बोली ,अरे बउआ जी यही तो स्वर्ग का रास्ता है चलिए मूंह लगाइए। मुझे उनको चोदना था सो मन मारकर मैं उनकी चूत चाटने लगा वो सिसकारियां भरने लगी । चूत पर एक भी बाल नही था शायद सेविंग की थी। कुछ देर बाद ही उनकी चूत से पानी जैसा निकाला जिसका स्वाद नमकीन था और वो शान्त हो गई।अब मेरा लन्ड फिर से तनकर खड़ा हो चुका था और मैं चाची की चुदाई के लिए और इंतजार नहीं कर सकता था ।सो मैं अपना लन्ड उनकी चूत पर रगड़ने लगा।चाची चाची जोर जोर से सिसकते हुए बोली अब क्या जान लीजिएगा ,डाल दीजिए इसे चूत में बहुत दिनो से प्यासी मेरी चूत को अपने लन्ड से फाड़ दीजिए। आह…. ऊ.. आह आह उई उई मां…चाची की उत्तेजना को समझ मैं अपने लन्ड का टोपा उनकी चूत पर रख धक्का मारा लेकिन लन्ड घुसा नही।चाची तड़प कर बोलीं ।आह,,बउआ जी 16 साल से बंद है चूत ,लन्ड पर तेल लगा कर धक्का मारिए। फिर क्या था मैंने पास पड़े बोतल से खूब सारा तेल अपने लन्ड पर लगा कर फिर से चाची के बूर पर लौड़ा सेट कर पूरे ताकत से धक्का मारा ,आधा लौड़ा चाची के बूर में घुस गया।वो दर्द बर्दास्त ना कर सकी और चिलाई मैंने उनका मुंह बंद कर लन्ड को वही रोक कर उनकी चूची पीने लगा।थोड़ा रुका और दूसरे झटके में ही पूरा का पूरा लौड़ा चाची के बूर में उतार दिया वो छटपटाने लगी
अब वो मुझ से लिपट गई और और अपने ऊपर खींचने लगी।में भी लौड़ा उनकी चूत में आगे पीछे करने लगा। उनको चोदते हुए इतना मजा आ रहा था कि जैसे चूत मैं लन्ड देने से ज्यादा मजा किसी चीज में नहीं हैं।कुछ ही देर बाद चाची एकदम से गांड़ उठा उठा कर चुदने लगी पर रूम उनकी सिसकी और कराह से गूंजने लगा।मैं पूरे स्पीड में उनकी चूत बजा रहा था और मेरा लौड़ा अपना गर्म वीर्य उनकी चूत में छोड़ दिया।वो उठी और हंसकर बोली बउआ जी मेरा चूत अभी पानी नही छोड़ा।
वो फिर से मेरा लौड़ा मुंह में लेकर चूसने लगी कुछ देर बाद ही लौड़ा फिर से खड़ा होगा वो झट से मेरे लौड़े पर बैठ कर कूदने लगी लगभग 10 मिनट तक कूदने के बाद जोर जोर से हाफते हुए मेरे ऊपर लेट गई मेरा लौड़ा उनकी चूत के पानी से नहा रहा था वो झड़ चुकी थी।पर मेरा लौड़ा अभी भी खड़ा था
अब मेरी बारी थी मैं  हंसा और बोला मेरी बूर वाली चाची अभी तो लौड़ा खड़ा है ।फिर उनको कुतिया बनाकर चोदा ,लौड़ा था की पानी छोड़ ही नहीं रहा था। ठंडी के समय में भी चाची पूरा पसीना से भीगी हुई थी उनको गोद में उठा कर भी पेला । लास्ट मैं उनको चित कर उनका दोनो पैर अपने कंधे पर रख कर लौड़ा उनकी चूत में धुआधार पेलना शुरू किया वो मछली के जैसे छटपटा रही थी लेकिन मैं रुका नहीं । मैं पागल की तरह उनकी बूर में धक्का मार रहा था और और पूरे जोश में उनको कुतिया रण्डी साली छीनार पता नही क्या सब बोल रहा था ।चाची चिल्ला रही थी और उनकी चूत पानी भी छोर रहा था लेकिन चुदाई के जोश में सब अनसुना कर उनको चोदे जा रहा था 15,20 झटकों के बाद मेरा लन्ड उनकी बूर में अपना माल छोड़ा और मैं निढाल होकर उनके ऊपर ही लेट गया
रात 12बजे नींद खुला तो दोनो आदमी वैसे ही नंगा था। मैं उनकी चूत को देखा वो पूरा सूज गया था और खून भी निकला हुआ था ।इतने में फिर मेरा लौड़ा तनकर खड़ा हो गया ,में चाची को किस कर उनकी चूची मसलने लगा वो कराह उठी और बोली बउआ जी  चूची बूर सब दर्द कर रहा है आप के चाचा के देहांत के बाद पहली बार चूदी हूं।आप ऐसे जानवर के तरह चोदे है चूची बूर का कचूमर निकल गया।हम बोले मेरी रण्डी चाची ये लौड़ा कैसे शांत होगा। वो बोली प्लीज बउआ जी कल जितना होगा चोद ली जिएगा।। में बोला एक शर्त पर कल से आप को जब तक आप की बेटी नही आयेगी आप को नंगी रहना होगा और गांड़ भी मरवाना होगा वो बोली अच्छा मेरे लौड़े वाले राजा ।और लौड़ा चूस कर मुठ मार दी
दोस्तो कैसे लगी मेरी और चाची की चुदाई बताना और जब तक  चाची की सास ससुर नही आए तब तक हम उसको कैसे कैसे और कहा  कहा चोदा ।मेरा मन भर गया तो अपने 2 ,3 दोस्तो से भी चुदवाया।अगले भाग मैं बताऊंगा।

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