नमस्कार दोस्तो मैं राजकुमार एक बार फिर हाजर हूं अपनी नयी कहानी के साथ के ये कहानी मेरी और मेरी बहन के साथ हुई चुदाई की है और ये सबक सिखाने वाली है कि वक्त इंसान को कहाँ से कहाँ पहुंचा देता है तोह कहानी के तरफ़ आते हैं मेरे परिवार में हम 4 लोग हैं पापा 49 साल माँ 45 साल फिर मैं 23 साल फिर मेरी बहन 20 साल हम लोग लखनऊ में रहते है!
एक दिन गाउँ से हमारे दूर के काका जी आये wo बहुत दिन बाद आये थे तो उन्हे देखकर पापा भी बहुत खुश हुए पापा ने उनका सम्मान किया और अंडर बुला लिया और नास्ता बेगैराह कारबाया तभी काका जी बोले की ओमकार मुझे तुमसे कुछ चाहिए तब पापा ने कहा कि काका जो भी चाहो मांगो सब तुम्हरा ही है तो काका बोले की मुझे तुम्हारा बेटा राजकुमार चाहिए मेरी बेटी को अपने घर की बहु बनाले इस पर पापा बोले की ये तो बहुत खुसी की बात है मै तयार हूं राजकुमार तुम्हार हुआ!
घर मै सब खुश थे मा पापा बहन और खासकर मै काका और पापा ने एक तारीख तय कर ली आखिर वो दिन भी आ गया जिस दिन बारात जानी उस दिन सबने राजी खुशी मुझे दुल्हा बनाया और बारात लेकर चल दिये शाम तक बारात काका के गाउँ पहुँच गयी सब मेहमहनो ने खाना खाया सब खुश थे तभी आधी रात में हमे जानकारी मिली की बहु किसी के साथ भाग गयी है काका आये और आकर उन्होंने पापा के पैर पकड़ लिया और कहा की ओमकार मुझे माफ कर दो पापा ने कहा कि इस मै तुम्हारी क्या गलती है आखिर बारात लौटने को हुयी कहां हम बहु लेने गए थे कहाँ खाली हाथ लौट रहे थे!
खैर पापा ने जैसे तैसे अपने आप को संभाल लिया और गाड़ी वापस चल दी मगर किस्मत मे कुछ और ही लिखा था गाड़ी कोई 10 km chali होगी नरौरा डेम के पास पापा की तबियत खराब होने लगी हमने बारात को घर की तरफ भेज दिया और हम जल्दी से हॉस्पिटल की तरफ गाड़ी को भगयआ हम हॉस्पिटल पहुंचे वहाँ जाकर पापा को एडमिट किया चेकअप के बाद Docter बोला की हार्ट अटैक है मै घबरा गया मैंने जल्दी से घर फोन किया मा को बताया माँ बोली मै घर से निकल गयी हूं मुझे पहले ही पता लग गया था तुम्हारे पापा के बारे मे हॉस्पिटल में मै मेरी बहन और कुछ रिस्तेदार बराती थे Docter ने इलाज शुरू किया करीब 5 घंटे बाद मम्मी भी आ गयी मम्मी ने पूँछआ की क्या हो रहा है मैंने बताया कि अन्डर opration चल रहा है !
करीब 20 मिनट बाद Docter आया बाहर और सॉरी बोलकर चला मम्मी रो निकली मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि पापा अब इस दुनिया में नही रहे हैं हम पापा की डेथ बॉडी लेकर घर चल दिये शाम तक घर पहुँच गए और फिर अगले दिन हमने पापा का अंतिम संस्कार किया हर रिस्तेदार यही कह रहा था कि ओमकार को अपनी बेइज्जत की बजह से दिल का दौरा पढा हमारा भी रो रो कर बुरा हाल था मेरी तो समझ ही नहीं आ रहा था कि ये सब अचानक हुआ क्या पर होनी को कोन ताल सकता हैं पापा की जाने के बाद कुछ दिन तो लोगो का आना जाना लगा रहा पर धीरें धीरें लोग आना कम हो गया!
अब घर की पूरी जिम्मेदारी मेरे ऊपर आ गयी थी मैं सुबह दुकान पर जाता और शाम को आता ऐसे ही दिन गुजरते गए और आज पापा को गए 1 साल हो गया था पर आज भी मेरी शादी नही हुई थी मम्मी ने कहा भी कयी रिश्तो के लिए पर मैं डर ही इतना गया था कि मैंने किसी भी रिस्ते के लिए हाँ नही की मगर मैं भी इंसान ही हूँ मेरी भी जरूरत है और इसी जरूरत की बजह से पता ही नहीं चला की कब मैं अपनी बहन से प्यार करने लगा उसका भी कोई रिस्ता आता तो मैं उसे भी कुछ ना कुछ बहने से माना कर देता और मैं अपनी बहन की हर छोटी बड़ी जरूरत का ख्याल रखता!
एक दिन मेरी बहन बोली की भाई जबसे पापा गए हैं तुम तो हँसना ही भूल गए हो मैंने कहा नही ऐसी कोई बात नही है तो वो बोली की भाई मैं कही बाहर घूमने जाना चाह ती हूँ मम्मी ने भी हा कह दी है भाई plzz मना मत करना मैं भी काफि दिन से कही गया नही था तो मैंने पूँछआ की कहां जाओगी वो बोली हम जयपुर चलते हैं मैंने कहा कि मैं भी पहले मम्मी से पूँछ लूँ ये कह कर मैं मम्मी के रूम में पूँछ ने चला गया जैसे ही मैंने मम्मी का रूम खोला तो मेरे पैर बही जम गए मम्मी अन्डर रूम मैं बिना कपढो के बैठी है और अपनी दोनों टांग को खोल कर अपनी टांग के बीच कुछ क्रीम लगा रही थी मैं उस क्रीम को देख कर समझ गया की ये झांट साफ कर ने की है मम्मी अपनी झांट साफ कर रही थी!
मम्मी मुझे देख कर एक दम चोंक गयी और अपने आप को छुपा ने लगी मैं भी सॉरी बोला और वापस आ गया बाहर बहन इंतजार कर रही थी मुझे देख कर बोली की मम्मी ने क्या कहा मैंने कहा की मम्मी बोली मैं आती हूं और थोड़ी देर बाद मम्मी बाहर आ आ गयी मम्मी थोड़ा नर बस थी जब वो आयी तो मैंने नॉर्मल होते हुए कहा की ये जयपुर घूमने जाना चाह ती है आप की इजाजत चाहिए मम्मी ने कहा कि कोई बात नही बेटा आराम से जाना और अपना ध्यान रखना मैं भी खुश हो गया और पैकिंग करके मैं और मेरी बहन हम दोनों शाम को बस से जयपुर चल दिये!
मैं तो पहले से ही अपनी बहन से प्यार करने लगा था तो मैंने ये गोल्डन चानस समझ कर पहले ही फैसला कर लिया था की कैसे भी करके मैं अपनी बहन को इस ट्रिप पर चोदना है इसलिए सबसे पहले मैंने एक छोटा स्लीपर पर लिया ताकि हम दोनों में कुछ शुरू रात हो और हुआ भी बही छोटे स्लीपर की बजह से वो मुझ से चिपक कर लेती करीब 20 मिनट बाद बस् चल पड़ी और हम दोनों आपस मे बाते कर ने लगे करीब आधे घंटे बाद वो बोली की भाई आप सादी क्यो नहीं कर रहे हैं तो मैंने उससे कहा की सुमन तू तो जानती है की इस सादी की बजह से मैं अपने पिता को खो दिया तब वो बोली की भाई जरूरी तो नही की हर बार ऐसा हो मैंने कहा कि मैं नही जानता मैं बस इतना जानता हूँ की जिस पर मुझे इतना यकीन हो जाएगा की ये धोका नही देगी मैं सादी को हाँ कह दूंगा इस पर वो बोली की ऐसी लड़की कहाँ से लायी जाए मैं ने कहा की जिस दिन uparwale की मर्जी होगी उस दिन मुझे मिल जाएगी तब वो भी चुप गयी और मैं उस को अपने से चिपका कर लेट गया बस को चलते हुए 2 घंटे हो गए थे मुझे भी नींद नही आ रही थी क्यो की एक तो जवान लड़की मेरी बाहों मे थी दूसरी मम्मी की क्रीम लगी चुत मेरी आंख में घू म रही थी यही सब सोंच ते हुए मेरा 8 इंच लम्बा लंड खुद खड़ा हो गया अब मैं करबट
लेकर सुमन की तरफ घूम गया मैं जैसे ही सुमन की तरफ घुमा उसका चहरा मेरे सामने था उसकी साँस मेरे चेहरे पर महसूस हो रही थी मैंने हल्के से एक हाथ उसकी कमर पर रखा और अपने होठों से उसके होंठों पे एक किस किया और अपने हाथ को उसकी कमर से हल्के हल्के नीचे ले गया तभी वो हिली थोड़ा सा मैं रुक गया मैं ने थोड़ा वेट किया और कसकर उसको अपने से चिपका लिया मैं बहुत हल्का एक पजामा पहने हुए था और सुमन ने भी हल्की सी एक कैप्रि पह न रखी थी जब मैं ने उसको अपने से चिपकाया तो उसकी चचीयां मेरे सीने से चिपक गयी और मेरा लैंड उसकी चुत पर सीधा लगने लगा !
अब मैं ऐसे ही लेता रहा और बस के हिच कोलो से मेरा लंड सुमन की चुत पर रगड़ कर रहा था हम दोनों के अंग महीन कपड़े के अन्डर से एक दूसरे को किस कर रहे थे तभी थोड़ी देर बाद मैंने हल्के से अपना पजामा नीचे कर दिया अब मेरा लंड आजाद था अब तो लंड खूब अच्छी तरह सुमन की चुत की घिसाई कर रहा था मैंने महसूस किया की सुमन की साँस तेज चल रही थी मगर बोल कुछ नहीं रही थी इससे मुझे थोड़ी और हिम्मत मिली तो मैंने अपने होंट आगे सुमन के होंठ पर रख दिया और एक हाथ हल्के से सुमन की कप्रि के अपर से उसकी चुत पर रख दिया और हल्के हाथ से सह लाने लगा ऐसा लगा की जैसे मेरा हाथ भीग गया हो मै समझ गया की ये जाग रही है मगर बोल नही रही है!
तभी किसी ढाबे पर बस रुकी मैं जल्दी से सीधा हुआ और उठ गया और मैंने सुमन को उठा या सुमन ऐसे उठी जैसे सो रही हो हम नीचे उतरे और आकर दो चाय मंगाई तभी सुमन बोली की भाई जैसी लड़की तुम चाह रहे हो की वो तुम्हे धोका ना दे वैसी लड़की है एक मेरी नज़र में मैं एक दम बोला की कोन है वो बोली तुम जानते हो उसको उसकी उम्र 21 साल है उसके सीने 32 के है कमर 36 की हैं मैंने कहा कि कोन है ये बता पहलीय क्यो बता रही है तो कहा कि बता देगी उसके बाद चाय आ गया हमने चाय पी और बस मैं आकर लेट गए बस चल पड़ी इस बार थोड़ी ही देर में मुझे नींद आ गयी और आँख सुबह जयपुर जाकर खुली!
हम बस से उतर कर बाहर निकले रूम देखने थोड़ी ही देर में हमे एक hotel मै रूम मिल गया रूम मैं जाकर हम फ्रेश हुए aur खाना मांग बया खाना खाकर सुमन बोली की भाई मैंने आपसे एक बात छुपा ई है मैं पूँछ आ क्या तो बो बोली एक लड़की जो मैं रात बता रही थी उसको भी मैंने बुला लिया है और उसकी बजह से ही मैं जयपुर आयी हूँ तब मैंने कहा कि सुमन कोन है कहा कि है तुमने मुझे बिना बताए ऐसे कैसे बुला लिया तो सुमन बोली की भाई तुम जल्दी जाकर पहले नास्ता लाओ बो जब तक आ रही है और मुझे पता है कि वो तुम्हे बहुत पसंद आएगी!
मैं ना चाहते हुए भी बाहर नास्ता लाने चला गया जब रूम पर वापस आया तो डोर नोक किया सुमन ने खोला बोली भाई भाभी आ चुकी हैं मैं ने कहा थिएक है मिल लेता हूं तो उसने कहा कि नही पहले तुम्हे अपनी आँख पर कप डा दालना पढ़े गा उसने मेरे आँख बंद कर दी और मुझे लड़की दिखाने ले gayie तभी बोली की भाई अब आप आँख खोलो मैं ने जब आँख खोली तो मैं शीसे के सामने खड़ा था और शी से मैं सुमन खड़ी थी तब बो बोली की भाई इस लड़की पर तुम भरोसा कर सकते हो क्या मैं ने कहा कि हा इस पर जान से ज्या दा भरोसा है तो बो बोली ki भाई इस से सादी करोगे तो मैं ने कहा की ये कैसे हो सकता हैं मम्मी कैसे माने गी तब सुमन बोली की ये सब मम्मी का ही प्ला न है वो तुमको देखती थी कि तुम सर्फ मुझे छोड़ कर हर लड़की से किनारा करते हो तो उन्होंने मुझे कयी दिन मनाया की अपने भाई की खातिर मानजा मै ने भी तुम्हारे आँख में अपने लिया चाहत देखी और हा कर दी अब तुम बताओ तुम्हे सुमन मंजू र है मैं ये सुनकर आगे बड़ा और सुमन को अपनी बहो मै ले लिया और अपने होंठ सुमन के होंठ पर रख दिये!
मैं पा ग्लो की तरह सुमन के होंठ चुस ने लगा आ ह्ह आवबआ ह्ह ह्ह ह्ह ह्ह आ आ ह्ह aaaaaaaaaaaaaa hhhhhhhhhhh aahhhhh oooooohhhhhh तभी मै ने सुमन की T-shirt और पजामा उतार दिया अब मैं सुमन को बेड पर लेकर लेट गया और होंटों से होंठ चुस ने लगा और एक हाथ से सुमन की चु ची या दबा ने लगा ahhhhh aaaaaa sssssss ooooooooooo hhhhhhhhhhhhh shhhh सुमन शसकरियां निकाल ने लगी अब एक हाथ मैं ने सुमन की बिल कुल साफ चुत पर रख दिया और उंगली सुमन की चुत मैं चलाने लगा सुमन की चुत पानी छोड़ रही थी सुमन के दु ध पीने के बाद मैं नीचे सुमन की चुत की तरफ गया तो देखा की सुमन की चुत से अमर त निकल रहा था मैं प्यासे कुत्ते की तरह उस अमर त को पीने लगा और अपनी जीभ सुमन की चुत मैं घुमाने लगा सुमन aaaaaaaa भाई aaaaaaaa मेरी जान ooooooohhhhhhhhhhhhh hsssssssss aaaaaaaassssssssssssdhhhhhhhhhhh aaaahhhh aaaaaahhhhhhhhhh kkkkkkkk sssssssssdd kar रही थी जितना मैं जीभ को उसकी चुत मैं घुमाता वो उतना ही तरफ ती तभी उसने मेरा भी पजामा उतार दिया और मेरे लैंड को एक बार मैं ही अपने मुँह में भर लिया आवाह aaaaahhhh दोस्तों मैं बता नही सकता की क्या मजा था तुम खुद सोंच ओ एक भाई जीभ बहन की चुत मैं हो और भाई का लंड बहन के मुँह में हो तो क्या मजा होगा उस समय यकीन मानो बहन की चुत से मीठी इस दुनिया में दूसरी कोई चीज हो ही नही सकती अब सुमन भी कमर उठा कर अपनी चुत मेरी मुँह में डाल रही थी अब तक सुमन का दो बार पानी निकल गया था जो की मैंने चाट कर साफ कर दिया था अब सुमन बोली की भाई मैं तरफ कर मर जाऊँ गी अब रहा नही जा रहा मेरे भाई मेरे पति अपनी प्यरी बहन की चुत मै अपना लंड डाल दो plzz भय्या डाल दो तभी मैंने भी मौके को समझा और उठकर सुमन के नीचे एक तकिया रखा ताकि उसकी चुत और भी खुलकर सामने आ गयी अब मैं अपने लंड को सुमन की चुत पर घिसने लगा तभी सुमन चिल्ला चिल्लाकर कहा बहन छोङ gaandu कल रात से खाली लैंड घिस रहा है अंडर डाल मादर चौध अंडर दाल तो मैंने कहा की मादर चौध तो नही हूं तब सुमन बोली घर क्या देख कर आया था मा टांग खोली पढ़ी थी साले वो मा की चुत नही थी क्या मैं हैरान गया मतलब तोह सुमन बोली की मा ने तुम्हे गरम करने के लिए घर से निकलने से पहले ही अपनी चुत दिखा दी थी ताकि तुम गरम हो जाओ और मेरी चुत ले सको अब देर मत करो मेरी चुत मैं लंड डालो मै ने भी अपना लंड सुमन की मासूम गुलाबी चुत पर रखा और एक झटका लगा दिया मेरा आधा लंड एक बार मै ही घुस गयासुमन की चीख निकल गयी मैं ने अपने होंठ सुमन के होंठ पर रख दिया और प्यार से चुस ने लगा करीब 5 मिनट बाद जब मेरी बहन को कुछ आराम हुआ तो होंठ अपने होठों मै दवा के मैं ने एक झटका और लगा दिया मुझे ऐसा लगा जैसे मेरा लंड चीन की दीवार को तोड़ ता हुआ अन्डर घुस गया हो सुमन कराह उठी आह मम्मी मर गयी मुझे बचा लो मैं भी ऐसे ही बिना हिले पढ़ आ रहा थोड़ी देर बाद जब सुमन को आराम हुआ तो मैं ने हल्के हल्के अपना लंड आगे पीछे करना शुरू किया अगले 10 मिनट में ही सुमन मेरा पुरा साथ देने लगी अब मैं बुलेट ट्रैन की स्पीड में अपना लैंड उसकी बुर मै गाचा गाच अंडर बाहर करने लगा और सुमन जोर जोर से शसकरियां भरने लगी और चीखने लगी भाई चो दो मुझे फाड़ दो मेरी चुत इसका भरता बना दो आह आह आह आह ऊह ओह ओह ओह आह मेरे भाई चो द दो मैं तुम्हारी हु जिंदगि भर तुम्हारी रहूँगी मैं उस चो दी की तरह नही जो बारात बाले दिन भाग जाऊंगी मैं जिंदगि भर अपने भाई को चुत देती रहूँगी मैं हमेसा अपने भाई का लैंड लेती रहूँगी आह भाई आह भाई बताओ क्या तुम अपनी सुमन से सादी करोगे बताओ क्या तुम अपने बच्चों के पापा और मामा बनोगे आह भाई पुरा घुसेड़ दो ओह भाई मैं गयी मैं गयी मेरा होने बाला है और इसी के साथ सुमन ने अपनी चुत से पानी का कुआ बह दिया सुमन के पानी छोङ न के बाद चार पांच dhakkon के साथ ही मेरे लंड ने पानी का फव्वरा छोङ दिया और मैं सुमन की चुत मैं ही अपना लंड डाले ढेर हो गया एक घंटे बाद मैं हटा सुमन बाथरूम मे गयी उसके पीछे ही मैं भी चला गया बाथरूम मे मैं ने देखा की सुमन अपनी चुत धो रही थी उसे इस हालात में देख कर। मेरा लंड एक बार फिर खड़ा हो गया और मैं सुमन से कहा की मैं हमेसा से तुम्हारी गाँड़ से बहुत प्यार करता हूँ तब सुमन ने कहा की यहाँ सिर्फ चुत मार लो घर चल के जो चाहो मार लेना दोस्तों हम पांच दिन जयपुर मैं रुके और हमने वहाँ सिर्फ और सिर्फ चुदाई की लगतार पांच दिन चुद ने के बाद जब हम वापस आये तो सुमन की चाल ही बदल गयी थी हम जब घर पहुंचे तो दरवाजा हमने खत खटाय आ दरबजा मम्मी ने खोला मुझे और सुमन को देखकर मम्मी बोली की मेरी बहु और बेटा और बेटी दामाद तुम दोनों आ गए ये सुनकर सुमन सारमा गई और हंस कर बोली सिर्फ यही रिस्ते नही है अभी तो भाई मेरे पति तुम्हारे दामाद और तुम्हारे पति मेरे पापा मैं तुम्हारी बहु और तुम मेरी सास और तुम मेरी सौ त सब बनोगी तो दोस्तों अगली कहानी मैं बताऊंगा की कैसे मैंने मम्मी को चोद आ और कैसे मैं ने मम्मी और सुमन से सादी की और सबसे जरुरी ये जो लड़की मेरी बारात में धोका देकर भाग गयी थी उसके यार ने जब उसको धोका दिया फिर मैंने उसकी चुत फाड़ कर कैसे बदला लिया इस के कयी पार्ट आएंगे तो दोस्तों कहानी कैसी लगी मुझे कमेंट में बताए और धन्यबाद Antarvaasna