कहानी के पहले भाग में आपने पढ़ा कि किस तरह से महिमा भाभीजी के उनके पीहर जाने के बाद मैं चुत के लिए तरसने लगा था।तभी मैंने मेरे मकान मालिक की छोटी बहू यानि प्रतिभा भाभीजी को पटाया।फिर वो बड़ी मुश्किल से मेरा लंड लेने के लिये मानी। अब कहानी आगे………
अब भाभीजी ने जल्दी से हाथ धोये और बैडरूम में चल पड़ी। अब मैं भी भाभीजी के पीछे पीछे बैडरूम में आ गया। भाभीजी को चोदने के लिए मेरा लण्ड बुरी तरह से कुलबुला रहा था।
तभी मैंने भाभीजी धर को दबोचा और उनके होंठो पर धावा बोल दिया। अब मैं भूखे कुत्ते की तरह भाभीजी के होंठो को चूसने लगा। आह्ह! भाभीजी के होंठो को रगडने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।
मैं भाभीजी के होंठो को धुआंधार तरीके से चुस रहा था।अब तो भाभीजी को साँस लेने की फुर्सत नहीं मिल रही थी। आउच पुच्च ऑउच्च पुच्च पुच्च की आवाज़ों से पूरा बैडरूम गूंज उठा था।
अब मैं भाभीजी को धक्का देते हुए दिवार के सहारे ले गया और फिर भाभीजी को दिवार के सहारे सटाकर उनके होंठो को बहुत बुरी तरह से रगडने लगा। अब एक हाथ से मैंने भाभीजी के पल्लू को खीच डाला और फिर भाभीजी के टाइट बोबो को मसलने लगा।
आहा! बहुत ही टाइट बोबे थे भाभीजी के! अहा मुझे तो बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।अब मैं बुरी तरह से भाभीजी के बोबो को रगड़ रहा था। तभी मैंने दूसरा हाथ भाभीजी की चूत में घुसा दिया और फिर मैं भाभीजी के बोबो के साथ साथ भाभीजी की चूत को भी रगड़ रहा था।
आह! अब तो मेरी पांचों उंगलिया घी में थी।मैं भाभीजी को बहुत बुरी तरह से मसल रहा था। मुझे भाभीजी को मसलने में बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।मैं भाभीजी की चूत में ज़ोर ज़ोर से ऊँगली कर रहा था। भाभीजी की गरमा गरम चूत का मैं खूब मज़ा ले रहा था। अब मैं ज्यादा इंतज़ार नहीं कर सकता था।
अब मैंने भाभीजी को घोड़ी बनने का इशारा किया।अब भाभीजी बेड को पकड़कर घोड़ी बन गई। अब मैंने भाभीजी की साड़ी और पेटिकोट को उनकी कमर पर समेट दिया और फिर भाभीजी की पेंटी को खोलकर नीचे खिसका दिया। अब मैंने तुरंत भाभीजी की चूत के छेद में लंड रखा और फिर ज़ोर का धक्का लगा दिया।
अब मेरा लंड एक ही झटके में भाभीजी की चूत की दरारों को चौड़ा करता हुआ उनकी चूत के अंदर तक घुस गया। मेरे लंड के एक ही झटके में भाभीजी बहुत बुरी तरह से चिल्ला पड़ी।
“आईईईई मर गईईई अआहः आईईईईई ओह रोहित,,,,,, आहहह सिसस्ससस्स,,, उन्ह।”
भाभीजी की चूत में।घुसते ही मेरे लंड को बड़ी ठंडक मिली। आहा! मज़ा आ गया था आज तो यारो।प्रतिभा भाभीजी की चूत का टेस्ट ही अलग लग रहा था। अब मैं भाभीजी को दे दना दन बजाने लगा।आहा भाभीजी को बजाने में मेरे लंड को बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
भाभीजी घोड़ी बनकर बहुत अच्छी तरह से चुद रही थी।
” आईईईई आहा आह्ह आह्ह सिसस्ससस्स उन्ह आहा आहा ओह ओह आहा मर गईईई आह्ह अहह।”
मैं भाभीजी को घोड़ी बनाकर झमाझम चोद रहा था।मेरे।लंड को भाभीजी की चूत में बहुत ज्यादा आराम मिल रहा था। भाभीजी तो आज खुद को मुझे सौप चुकी थी।मैं भाभीजी की चूत में झमाझम लंड पेल रहा था।
” आह्ह अआहः अहह ओह आहा आहा आईईईई सिसस्ससस्स आहा उन्ह आह्ह आह्ह आह् ओह रोहित धीरे धीरे डाल।आह्ह अहह।”
” ओह भाभीजी आहा बहुत मज़ा आ रहा है।आहा आहा।”
तभी थोड़ी देर की धुआंधार ठुकाई के बाद भाभीजी पानी पानी हो गई।अब उनकी चूत से रस टपकता हुआ उनकी पेंटी पर गिर रहा था।मैं ज़ोर ज़ोर से भाभीजी को बजा रहा था। आज तो भाभीजी की चूत की खैर नहीं थी।मैं तो भाभीजी की चूत की धज्जियां उड़ा रहा था।
अआहः आह्ह आह्ह उन्ह आहा आहः मर गईईई आहा आह्ह ओह मम्मी।आह्ह आह्ह आहहह।”
“बोलो भाभीजी, अब तो मज़ा आ रहा है ना?” “उन्ह आ रहा है। लेकिन दर्द भी हो रहा है।”
” अब थोड़ा दर्द तो होगा ही भाभीजी”
मेरा लंड भाभीजी को चीखे निकालने पर मजबूर कर रहा था। भाभीजी बहुत बुरी तरह से ठुक रही थी। उनकी दर्द भरी चीखे पुरे बैडरूम में गुजं रही थी। फिर मैंने भाभीजी को बहुत देर तक घोड़ी बनाकर बजाया। अब मैंने भाभीजी को उठाकर बेड पर पटक दिया।
अब मैंने भाभीजी की पेंटी खोल फेंकी और उनकी चिकनी टांगो को खोलकर मेरे कंधो पर सवार कर लिया। अब मैंने फिर से भाभीजी की चूत में लंड सेट किया और फिर ज़ोरदार धक्का देकर लंड भाभीजी की चूत में पेल दिया।अब मैं भाभीजी को फिर से बजाने लगा। भाभीजी फिर से फड़फड़ाने लगी।
” अआह आहा अहह आईईईई सिसस्ससस्स आह्ह आहा उन्ह अहह आह्ह ओह आह्ह आहा।”
“ओह भाभीजी बहुत मस्त हो आप।आहा बहुत मज़ा आ रहा है।”
” ओह रोहित बहुत दर्द हो रहा है यार।बहुत बड़ा लंड है तेरा। आह्ह आह्ह आहा।”
“कोई बात नहीं भाभीजी ,बड़े लण्ड से चुदने का भी तो बड़ा ही मज़ा आता है।”
अब तो मैं मज़े ले लेकर भाभीजी को चोद रहा था।मेरा लंड झमाझम भाभीजी की चूत में अंदर बाहर हो रहा था। आज मेरे लण्ड को फिर से जन्नत मिल चुकी थी। तभी भाभीजी फिर से झर झर कांपने लगी और उनकी चूत फिर से पानी पानी से भर गई। भाभीजी पसीने में नहा चुकी थी। उनका बलाउज पसीने में भीग चूका था।
अब मैंने भाभीजी की टांगो को मेरे कंधो से नीचे उतार दिया और उनको फोल्ड कर दिया। अब मैं भाभीजी को पूरी तरह से मेरे नीचे दबाकर पेलने लगा। इस पोजीशन में भाभीजी को पेलने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। मेरा लंड भाभीजी की हालत खराब कर रहा था।
” अहह आह्ह सिससस्स आह्ह आह्ह सिसस्ससस्स आह्ह आह्ह आहा ओह उन्ह ,,बससस्स आहा आहा।”
अब मैं कहाँ रुकने वाला था।मैं तो भाभीजी को ताबड़तोड़ बजा रहा था। मेरा लण्ड भाभीजी की चुत की गहराई को अच्छी तरह से नाप रहा था। तब ही थोड़ी देर की ठुकाई के बाद भाभीजी फिर से पानी पानी हो गई। मेरे लंड का कहर अभी पर भी भाभीजी के ऊपर जारी था।
भाभीजी– उन्ह आहा आहा आहा सिससस्स आह्ह आह्ह आईईईई आहा आह्ह अआहः आह्ह।
मैं झमाझम भाभीजी क़ो चोदे जा रहा था।मुझे भाभीजी लो फोल्ड करकर बजाने में बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।अब मेरा लण्ड भी जवाब देने लग गया था। अब मैंने मेरे लण्ड की स्पीड बढ़ाई और फिर कुछ ही पलों में मैं पानी।पानी हो गया। अब मैं भाभीजी की चूत को भरकर भाभीजी के ऊपर ही ढेर हो गया।
फिर थोड़ी देर हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे। ताबड़तोड़ चुदाई से भाभीजी बहुत बुरी तरह से थक चुकी थी। उनका बहुत सारा पानी निकल चुका था। अब मैं वापस भाभीजी की चूत पर आ गया और उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगा दिया।
अब मैं भाभीजी की टांगो को फैलाकर उनकी चूत को चाटने लगा। भाभीजी की चूत सफ़ेद गरमा गरम पानी से लबालब भरी हुई थी।
मुझे भाभीजी के गरमा गरम रस को चाटने में बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। मै भूखे कुत्ते की तरह भाभीजी के पानी को पी रहा था। भाभीजी अब चुपचाप मेरे बालो को सहला रही थी।
” ओह सिससस्स आह्ह आह उन्ह सिसस्ससस्स ओह आह्ह।”
मैं भाभीजी की चूत का जमकर मज़ा ले रहा था। मुझे भाभीजी की चूत चाटने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
” उन्ह ओह,, आहहहह अहा आह्ह आह्ह सिसस्ससस्स उन्ह आह्ह आह्ह ओह उन्ह आहहह।”
मैं भाभीजी की चूत को सबड़ सबड़कर चाट रहा था।अब भाभीजी बहुत ज्यादा कसमसा रही थी।फिर मैंने बहुत देर तक भाभीजी की चूत चाटी।
अब मैंने भाभीजी की टांगो को मोड़ दिया और फिर भाभीजी की चूत में एकसाथ दो उंगलिया घुसा दी। अब मैं भाभीजी की चूत में उंगली करने लगा। अब भाभीजी फिर से कसमसाने लगी।
“आईईईई सिससस्स उन्ह अआहः आह्ह सिसस्ससस्स आह्ह आहा।”
अब मैं धीरे धीरे उंगलियों की स्पीड बढ़ाने लगा। अब मैं जल्दी जल्दी भाभीजी की चूत में ऊँगली करने लगा। अब भाभीजी दर्द से बुरी तरह से झल्लाने लगी। मुझे भाभीजी जी चूत सहलाने में बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।
भाभीजी– आहा आहहह आह्ह सिससस्स उन्ह आह्ह आह्ह धीरेरेरे,,,, धीरेरेरे ओह रोहित मरर्रर्र गईईईई। आह्ह।
मैं– ओह भाभीजी आज तो आपकी चूत को फाड़ डालूंगा।अआह।
मैं ज़ोर ज़ोर से भाभीजी की चूत की खुदाई कर रहा था।भाभीजी ही अब हालात खराब हो रही थी।वो अब टांगो को इधर उधर फेंक रही थी। भाभीजी को बहुत तेज़ दर्द हो रहा था।वो पसीने से लथपथ हो चुकी थी।
” ओह रोहित,अआहः आह्ह अआह मत करर्रर्र,, आहहह मर गईईई बहुत दर्द हो रहा है। आह्ह।”
मैं भाभीजी कहाँ सुनने वाला था।मैं तो भाभीजी की चूत की बखिया उदेड रहा था। तभी भाभीजी फिर से झड़ गई। मेरी उंगलिया भाभीजी के रस में भीग चुकी थी। अब मैंने फिर से भाभीजी का।पानी पीना शुरू कर दिया। अब भाभीजी राहत महसूस करने लगी। फिर मैंने बहुत देर तक भाभीजी की चूत चाटी।
अब मैंने भाभीजी की साड़ी खोल दी।फिर भाभीजी के पेटिकोट का नाडा खोल उसे भी खोल फेंका।अब भाभीजी नीचे से पूरी नंगी हो चुकी थी। अब मैंने एक बार फिर से भाभीजी की चूत में मेरा लण्ड फिट कर दिया और भाभीजी की टांगो को हवा में उड़ाकर फिर से भाभीजी को बजाने लगा।
“आह्ह आह्वः आह्ह आह्ह आईईईई आहा आह्ह ओह सिससस्स अआहः आह्ह।”
मैं– ओह भाभीजी बहुत बिंदास हो आप।आहा बहुत सेक्सी।
“आहा आहा सिससस्स आह्ह तु बहुत बड़ा खिलाडी निकला। पहले भाभीजी को बजाया और अब मुझे बजा रहा है।”
मैं– बड़ा खिलाडी बड़ा काम ही करता है भाभीजी।
मेरा लंड भाभीजी की चूत में झमाझम अंदर बाहर हो रहा था। भाभीजी को चुदने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।वो लपक लपककर मेरा लण्ड चूत में ले रही थी। मै भी लपक लपककर भाभीजी की चूत में लंड डाल रहा था।
“आह्ह आहा ओह आह आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह ओह आह्ह सिससस्स।”
फिर मैंने भाभीजी को बहुत देर तक ऐसे ही बजाया। अब मैंने भाभीजी के बलाउज के हुक खोल दिये और उनकी ब्रा को ऊपर सरकाकर भाभीजी के बोबो को कैद से बाहर निकाल लिया।अब भाभीजी के नंगे टाइट बोबो को देखते ही मेरा लंड आग बबूला हो गया और मैं भाभीजी के बोबो पर टूट पड़ा।
अब मैं भाभीजी के बोबो को ज़ोर ज़ोर से मुट्ठियों में भीचने लगा। अब दर्द के मारे भाभीजी की गांड फटने लगी। उन्हें बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था।
“आईईईई अआह आह्ह आह्ह बहुत दर्द हो रहा है यार।आह्ह धीरे धीरे दबा,,आईईईई आह्ह आह्ह।”
मैं– ओह भाभीजी अब मैं इन्हें कैसे धीरे धीरे दाबाउं? मैं तो इन्हें आज बहुत बुरी तरह से मसलूंगा।आह्ह ओह भाभीजी।
मैं भाभीजी के टाइट बोबो को बुरी तरह से मसल रहा था।भाभीजी के बोबो को मसलने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।
” ओह रोहित आह्ह आहा धीरेरेरे धीरेरेरे,, आहाहाह ओह मम्मी।”
थोड़ी देर में ही भाभीजी के बोबे लाल हो चुके थे। मैं भाभीजी के बोबो पर बुरी तरह से टूट पड़ा था।अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था तभी मैंने भाभीजी के बोबो को तुरंत मुंह में दबा लिया और फिर दे दना दन भाभीजी के बोबो को चूसने लगा। आहा! बहुत ही टेस्टी बोबे थे भाभीजी के! ।मैं तो भाभीजी के बोबे चुस चूसकर निहाल हो रहा था।
अब भाभीजी अच्छी तरह से मुझे बोबे चुस्वा रही थी। मैं बार बार में भाभीजी के बोबे को बाईट भी कर रहा था।
मैं– उन्ह आहा ओह उन्ह बहुत ही मज़ेदार है भाभीजी।
मैं झमाझम भाभीजी के बोबो को चुस रहा था। थोड़ी देर में ही भाभीजी के दोनों बोबे लाल हो चुके थे।मैं उन्हें रगड़ रगड़कर चुस रहा था।फिर मैंने बहुत देर तक भाभीजी के बोबे चूसे।
अब मैंने भाभीजी को पलट दिया और अब मैं पीछे से भाभीजी के ऊपर चढ़ गया।अब मैं भाभीजी के सेक्सी जिस्म पर किस की बौछार करने लगा। अब भाभीजी सिकुड़ कर सिमटने लगी।मैं भाभीजी की गौरी चिकनी पीठ और कंधो पर ताबड़तोड़ किस कर रहा था।
भाभीजी की मलाईदार पीठ पर किस करने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। इधर मेरा लण्ड भाभीजी की गांड में घुसने की कोशिश कर था। भाभीजी की चिकनी पीठ को किस करने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। फिर मैं किस करता हुआ भाभीजी की गांड पर गया और उनके सेक्सी चुतडो को बजाने लगा।अब भाभीजी फिर से सिस्कारिया लेने लगी।
” उन्ह आहा आह्ह आईईईई आह्ह आईईईई आहा आह्ह।”
मैं– ओह भाभीजी बहुत ही मस्त चूतड़ है। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है।
मैं भाभीजी के चुतडो को झमाझम बजा रहा था। भाभीजी लंबी लंबी साँसे लेते हुए बेड पर पड़ी थी। अब मैंने भाभीजी की गांड पर किस करना शुरू कर दिया। अब मै भाभीजी के चुतडो को किस कर करकर बाईट करने लगा।अब भाभीजी बिन पानी की मछ्ली की तरह तड़पने लगी।
अब मैं भाभीजी की गांड नापना चाहता था।अब मैंने भाभीजी से घोड़ी बनने का इशारा किया तो भाभीजी तुरंत घोड़ी बन गई।अब मै भाभीजी की गांड में लण्ड सेट करने लगा लेकिन तभी भाभीजी गांड को इधर उधर हिलाने लगी।
भाभीजी– यार रोहित प्लीज उसमे मत डाल।
मैं– भाभीजी जब तक गांड में लण्ड नहीं जाता है तब तक चुदाई का पूरा मज़ा ही नहीं आता है।
भाभीजी– नहीं यार मत डाल।बहुत दर्द होता है उसमें।
मैं– भाभीजी दर्द तो एकबार होगा लेकिन मज़ा भी बहुत आयेगा।
भाभीजी– यार मेरी जान निकल जाएगी।
मैं– अरे भाभीजी आप चिंता मत करो। कुछ नहीं होगा।
अब भाभीजी ने कुछ नहीं कहा। भाभीजी गांड मरवाने के लिए तैयार हो चुकी थी।अब मैं फिर से भाभीजी की गांड में लण्ड सेट करने लगा।अब मै लंड सेट करके भाभीजी की गांड में लंड सरकाने लगा तभी मेरा लंड भाभीजी की गांड में थोड़ा सा घुस गया। बस जिसमे ही भाभीजी चीख पड़ी।
भाभीजी– आईईईईई उन्हहः मर गईईई। ओह रोहित बहुत दर्द हो रहा है। आईईईई प्लीज बाहर निकाल ले यार।
भाभीजी की टाइट गांड में मेरा मोटा तगड़ा लण्ड बहुत भारी पड़ रहा था।अब मैं धीरे धीरे भाभीजी की गांड में लंड हिला हिलाकर गांड में जगह बना रहा था। फिर कुछ देर बाद मैंने ज़ोर का झटका दिया और मेरा लण्ड एक ही झटके में भाभीजी की गांड को फाड़ता हुआ उनकी गहराई में उतर गया।बस मेरे लंड के इसी झटके से भाभीजी बुरी तरह से चिल्ला पड़ी।
“आईईईई मर गईईईई आईईईई उन्हहःहः आईईईईई मम्मी, बहुत दर्द हो रहा है, आईईईई।”
तभी मैंने फिर से ज़ोर का झटका देकर भाभीजी की गांड में लण्ड ठोक दिया। अब तो भाभीजी बुरी तरह से हिल गई।उनको बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था। शायद पहले कभी भाभीजी की गांड में लण्ड नहीं गया होगा। अब मैं कसकर भाभीजी की गांड मारने लगा। भाभीजी बुरी तरह से चीख रही थी।
“आईईईई आईईईई आहाहा आह्ह आह्ह ओह मम्मी आहाहा आहाहा उन्ह आहाहा आह्ह सिससस्स ओह मर्रर्रर्र गईईई।”
मैं– ओह भाभीजी आहा बहुत मस्त गांड है आपकी।आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है।
” अआईईई आईईईई आहाहाह यहाँ मेरी जान निकल रही है।बहुत दर्द हो रहा है। आईईईई।”
मैं– दर्द तो होने दो भाभीजी। बिना दर्द के मज़ा भी नहीं आता है भाभीजी।
” आहाहा सिससस्स आह्ह आह्ह आह्ह।”
मेरा लंड भाभीजी की गाँड़ के परखच्चे उड़ा रहा था। भाभीजी की गांड में उतरकर मेरा लंड फूल मज़े कर रहा था। मै भाभीजी की चूत में ज़ोर ज़ोर से झटके मार रहा था। धीरे धीरे भाभीजी की चूत भोसड़ा बनती जा रही थी। भाभीजी की चीखे मुझे और ज्यादा उकसा रही थी। मेरा लण्ड जमकर भाभीजी की चूत मार रहा था।
भाभीजी– आह्ह आह्ह आहाहा सिसस्स उन्ह आह्ह आह्ह अआईईई आह्ह आह्ह।
तभी भाभीजी एकबार फिर से पानी पानी हो गई। उनकी चूत रस से लबालब भर चुकी थी। अब मेरे लण्ड के हरएक झटके के साथ पच्छ पच्छ पाछ पच्छ दचग की आवाज़े आने लगी।मेरा लण्ड फूल स्पीड में भाभीजी को बजा रहा था।फिर मैंने बहुत देर तक भाभीजी को इसी तरह से बजाया। भाभीजी बहुत बुरी तरह से चुद चुकी थी।अब मैंने भाभीजी से लण्ड चूसने के लिए कहा।
अब मैं बेड पर लेट गया और भाभीजी मेरे लंड के यहाँ आ गई।अब मैंने मेरी टांगे भाभीजी के कंधो पर रख दी।अब भाभीजी मेरे लण्ड को पकड़कर चूसने लगी।आहा! भाभीजी को लण्ड चुसाने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। भाभीजी धीरे धीरे अपनी स्पीड को बढ़ा रही थी।
मैं भाभीजी के बालो को सम्हाल रहा था।उनके लंबे काले बाल बार बार घनी घटा बना रहे थे। भाभीजी लबालब मेरे लण्ड को चुस रही थी। भाभीजी चुस चूसकर मेरे लण्ड को गीला कर चुकी थी।
मै– ओह भाभीजी आहा! बहुत मज़ा आ रहा है। अआहः बस ऐसे ही चुस्ती रहो।
अब मैंने भाभीजी की गर्दन पर मेरी टांगे फंसा दी। अब भाभीजी मेरी टांगो के घेरे में फंस चुकी थी। वो पूरी शिद्दत से मेरे लंड को चुस रही थी। फिर भाभीजी में बहुत देर तक मेरे लण्ड को चुसा।अब मैं उठ गया और बेड पर बैठ गया।अब मैंने भाभीजी को नीचे बैठकर मेरा लंड चूसने के लिए कहा। अब भाभीजी घुटनो के बल नीचे बैठ गई और मेरे लण्ड को चूसने लगी।
अब मैं फिर से भाभीजी के बालो को सम्हाल रहा था। भाभीजी फिर से मेरे लंड को पूरा गिला कर चुकी थी।
।अब मैंने फिर से भाभीजी को घोड़ी बनने के लिए कहा। भाभीजी बिना देर किये घोड़ी बन गई। ऐसा लग रहा था कि भाभीजी बहुत टाइम से मेरे लण्ड की प्यासी थी।आज वो उनकी प्यास को अच्छी तरह से बुझाना चाहती थी।
अब मैंने फिर से भाभीजी की चूत में लण्ड सेट किया और फिर ज़ोर का झटका देकर भाभीजी को चोदने लगा। भाभीजी फिर से सिसकारियां भरने लगी।
भाभीजी– आह्ह आहाहा आहा सिससस्स आह्ह आहः आहाहा उन्ह ओह आहा सिससस्स ओह।
” ओह भाभीजी, बस आहा बहुत मज़ा आ रहा है।आह।”
अबकी बार मैं भाभीजी को पूरी नंगी करके घोड़ी बनाकर चोद रहा था। भाभीजी पुरे मज़े लेकर चुद रही थी।
” आह्ह अआहः आहाहा आह्ह सिससस्स अआईईई उन्ह ओह बससस्स आहा आह्ह बसस्ससस्स। “
मैं– भाभीजी अभी तो बहुत टाइम बाकी है। आप बेफिक्र होकर मज़े लो।
तभी भाभीजी चुप हो गई। फिर मैंने बहुत देर तक भाभीजी को घोड़ी बनाकर बजाया।
चूत में लण्ड ठुकाई से भाभीजी बहुत बुरी तरह से थक चुकी थी। अब और लण्ड ठुकवाना भाभीजी की बस की बात नहीं थी।अब भाभीजी उठकर बेड पर लेट चुकी थी।अब मै फिर से भाभीजी की टांगे खोलने लगा तभी भाभीजी ने मुझे रोक दिया।
भाभीजी– यार रोहित बस ना।अब मत कर ना।
मैं– भाभीजी बस थोड़ी देर और।
तभी मैंने भाभीजी की चूत में लण्ड ठोक दिया और भाभीजी की टांगो को कंधो पर रखकर फिर से भाभीजी को बजाने लगा। आज मैं मेरे लण्ड की पूरी प्यास बुझाना चाहता था।मुझे तो भाभीजी को चोदने में बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। भाभीजी जैसी रिपचिक माल को चोदना मेरे लिए बड़े सौभाग्य की बात थी।
भाभीजी– आहाहा आहः आह्ह सिसस्स उन्ह आह्ह आह्ह सिससस्स आहहह।
मैं पूरी शिद्दत से भाभीजी को चोद रहा था। भाभीजी के दोनों बोबे बुरी तरह से उछल रहे थे। तभी कुछ देर में ही मैंने भाभीजी को चोद चोद कर भाभीजी का पानी निकाल दिया।अब मुझे भाभीजी को चोदते हुए बहुत देर हो चुकी थी। मेरा लण्ड भाभीजी की चूत का भोसड़ा बना चुका था।
अब मेरा लण्ड भी झटके खाने लगा था।तभी मैंने मेरे लण्ड की स्पीड बढ़ा दी।अब मैं भाभीजी को फिर से ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा।
भाभीजी– अआहः आह्ह सिससस्स आईईईई आईएईई सिससस्स आहाहा आहाहा आह्ह।
कुछ ही झटकों में भाभीजी बुरी तरह से झल्ला उठी। फिर कुछ ही पलों में मेरे लण्ड ने भाभीजी के भोसड़े में पानी भर दिया। अब मैं निढाल होकर भाभीजी के जिस्म से चिपक गया। तभी भाभीजी ने बाहो में भरकर मुझे सीने से लगा लिया।फिर बहुत देर बाद मैं भाभीजी से अलग हुआ।
आज भाभीजी को चोदकर मैं बहुत ज्यादा खुश था। आज भाभीजी ने मेरे प्यासे लण्ड को तृप्त कर दिया था। भाभीजी भी मेरे लण्ड से बहुत ज्यादा खुश नज़र आ रही थी।
भाभीजी– बहुत बुरी तरह से चोदा है तूने। मेरी तो हालात ही ख़राब हो गई।
मैं– भाभीजी, मज़ा ही धुआंधार चुदाई करने में आता है। तभी तो जिस्म की आग शांत होती है।
भाभीजी– हां ये बात भी सही है। वैसे लण्ड भी तो बहुत मोटा तगड़ा है तेरा।
मैं– हां भाभीजी, तभी तो फूल मज़ा आता है।आप चाहो तो फिर से मेरे लण्ड को खड़ा कर सकती हो।
भाभीजी– नहीं यार अब और नहीं। अब मेरे बस की बात नहीं है।और अभी घर का सारा काम भी तो करना बाकी है।
मैं– अरे भाभीजी काम वाम तो होता रहेगा। आप तो पहले मज़ा लो।
भाभीजी– नहीं यार। अब मुझे काम करना है।
भाभीजी फिर से चुदने में ना नुकुर कर रही थी। तभी मैंने भाभीजी को खींचकर मेरे लण्ड की तरफ ला दिया। अब मैंने भाभीजी के मुंह को मेरे लण्ड की तरफ झुका दिया।अब भाभीजी के पास कोई और रास्ता नहीं था। तभी भाभीजी फिर से मेरा लंड चूसने लगी।अब मेरा लण्ड फिर से फ़ॉर्म में आने लगा। फिर थोड़ी ही देर में मेरा लण्ड तनकर लोहे की रॉड बन गया।बस फिर क्या था!
अब मैंने भाभीजी को फिर से लेटा दिया और मेरे लण्ड ने भाभीजी की चूत पर फिर से धावा बोल दिया। अब मैं भाभीजी को फिर से बजाने लगा।
भाभीजी– आहा आईएईई आईएईई सिससस्स अआहः आहाहाह सिससस्स उन्ह ओह आह्ह।
मैं भाभीजी को दे दना दन चोद रहा था। मेरा लण्ड भाभीजी के भोसड़े में जमकर छलांगे मार रहा था।फिर थोड़ी ही देर में मेरे लण्ड ने भाभीजी का पानी निकाल दिया। उसके बाद मैंने भाभीजी को बहुत देर तक बजाया।फिर भाभीजी के भोसड़े को लण्ड के पानी से भर दिया।
जमकर ठुकाई के बाद भाभीजी बेड पर पड़ गई। अब तो उनसे उठना भी मुश्किल हो रहा था। भाभीजी बहुत देर तक बेड पर पड़ी रही।फिर बड़ी मुश्किल से भाभीजी उठी।अब भाभीजी ने पेंटी पहनकर ब्रा पहन ली। फिर भाभीजी में बलाउज पहनकर पेटिकोट पहन लिया।फिर भाभीजी साड़ी पहनकर रूम से बाहर चली निकल गई। अब मैंने भी कपडे पहन लिए।
अब कुछ देर बाद ही बच्चे स्कूल से आ चुके थे। अब भाभीजी अपने काम में बिज़ी हो गई।
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तभी मैंने भाभीजी धर को दबोचा और उनके होंठो पर धावा बोल दिया। अब मैं भूखे कुत्ते की तरह भाभीजी के होंठो को चूसने लगा। आह्ह! भाभीजी के होंठो को रगडने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।
मैं भाभीजी के होंठो को धुआंधार तरीके से चुस रहा था।अब तो भाभीजी को साँस लेने की फुर्सत नहीं मिल रही थी। आउच पुच्च ऑउच्च पुच्च पुच्च की आवाज़ों से पूरा बैडरूम गूंज उठा था।
अब मैं भाभीजी को धक्का देते हुए दिवार के सहारे ले गया और फिर भाभीजी को दिवार के सहारे सटाकर उनके होंठो को बहुत बुरी तरह से रगडने लगा। अब एक हाथ से मैंने भाभीजी के पल्लू को खीच डाला और फिर भाभीजी के टाइट बोबो को मसलने लगा।
आहा! बहुत ही टाइट बोबे थे भाभीजी के! अहा मुझे तो बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।अब मैं बुरी तरह से भाभीजी के बोबो को रगड़ रहा था। तभी मैंने दूसरा हाथ भाभीजी की चूत में घुसा दिया और फिर मैं भाभीजी के बोबो के साथ साथ भाभीजी की चूत को भी रगड़ रहा था।
आह! अब तो मेरी पांचों उंगलिया घी में थी।मैं भाभीजी को बहुत बुरी तरह से मसल रहा था। मुझे भाभीजी को मसलने में बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।मैं भाभीजी की चूत में ज़ोर ज़ोर से ऊँगली कर रहा था। भाभीजी की गरमा गरम चूत का मैं खूब मज़ा ले रहा था। अब मैं ज्यादा इंतज़ार नहीं कर सकता था।
अब मैंने भाभीजी को घोड़ी बनने का इशारा किया।अब भाभीजी बेड को पकड़कर घोड़ी बन गई। अब मैंने भाभीजी की साड़ी और पेटिकोट को उनकी कमर पर समेट दिया और फिर भाभीजी की पेंटी को खोलकर नीचे खिसका दिया। अब मैंने तुरंत भाभीजी की चूत के छेद में लंड रखा और फिर ज़ोर का धक्का लगा दिया।
अब मेरा लंड एक ही झटके में भाभीजी की चूत की दरारों को चौड़ा करता हुआ उनकी चूत के अंदर तक घुस गया। मेरे लंड के एक ही झटके में भाभीजी बहुत बुरी तरह से चिल्ला पड़ी।
“आईईईई मर गईईई अआहः आईईईईई ओह रोहित,,,,,, आहहह सिसस्ससस्स,,, उन्ह।”
भाभीजी की चूत में।घुसते ही मेरे लंड को बड़ी ठंडक मिली। आहा! मज़ा आ गया था आज तो यारो।प्रतिभा भाभीजी की चूत का टेस्ट ही अलग लग रहा था। अब मैं भाभीजी को दे दना दन बजाने लगा।आहा भाभीजी को बजाने में मेरे लंड को बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
भाभीजी घोड़ी बनकर बहुत अच्छी तरह से चुद रही थी।
” आईईईई आहा आह्ह आह्ह सिसस्ससस्स उन्ह आहा आहा ओह ओह आहा मर गईईई आह्ह अहह।”
मैं भाभीजी को घोड़ी बनाकर झमाझम चोद रहा था।मेरे।लंड को भाभीजी की चूत में बहुत ज्यादा आराम मिल रहा था। भाभीजी तो आज खुद को मुझे सौप चुकी थी।मैं भाभीजी की चूत में झमाझम लंड पेल रहा था।
” आह्ह अआहः अहह ओह आहा आहा आईईईई सिसस्ससस्स आहा उन्ह आह्ह आह्ह आह् ओह रोहित धीरे धीरे डाल।आह्ह अहह।”
” ओह भाभीजी आहा बहुत मज़ा आ रहा है।आहा आहा।”
तभी थोड़ी देर की धुआंधार ठुकाई के बाद भाभीजी पानी पानी हो गई।अब उनकी चूत से रस टपकता हुआ उनकी पेंटी पर गिर रहा था।मैं ज़ोर ज़ोर से भाभीजी को बजा रहा था। आज तो भाभीजी की चूत की खैर नहीं थी।मैं तो भाभीजी की चूत की धज्जियां उड़ा रहा था।
अआहः आह्ह आह्ह उन्ह आहा आहः मर गईईई आहा आह्ह ओह मम्मी।आह्ह आह्ह आहहह।”
“बोलो भाभीजी, अब तो मज़ा आ रहा है ना?” “उन्ह आ रहा है। लेकिन दर्द भी हो रहा है।”
” अब थोड़ा दर्द तो होगा ही भाभीजी”
मेरा लंड भाभीजी को चीखे निकालने पर मजबूर कर रहा था। भाभीजी बहुत बुरी तरह से ठुक रही थी। उनकी दर्द भरी चीखे पुरे बैडरूम में गुजं रही थी। फिर मैंने भाभीजी को बहुत देर तक घोड़ी बनाकर बजाया। अब मैंने भाभीजी को उठाकर बेड पर पटक दिया।
अब मैंने भाभीजी की पेंटी खोल फेंकी और उनकी चिकनी टांगो को खोलकर मेरे कंधो पर सवार कर लिया। अब मैंने फिर से भाभीजी की चूत में लंड सेट किया और फिर ज़ोरदार धक्का देकर लंड भाभीजी की चूत में पेल दिया।अब मैं भाभीजी को फिर से बजाने लगा। भाभीजी फिर से फड़फड़ाने लगी।
” अआह आहा अहह आईईईई सिसस्ससस्स आह्ह आहा उन्ह अहह आह्ह ओह आह्ह आहा।”
“ओह भाभीजी बहुत मस्त हो आप।आहा बहुत मज़ा आ रहा है।”
” ओह रोहित बहुत दर्द हो रहा है यार।बहुत बड़ा लंड है तेरा। आह्ह आह्ह आहा।”
“कोई बात नहीं भाभीजी ,बड़े लण्ड से चुदने का भी तो बड़ा ही मज़ा आता है।”
अब तो मैं मज़े ले लेकर भाभीजी को चोद रहा था।मेरा लंड झमाझम भाभीजी की चूत में अंदर बाहर हो रहा था। आज मेरे लण्ड को फिर से जन्नत मिल चुकी थी। तभी भाभीजी फिर से झर झर कांपने लगी और उनकी चूत फिर से पानी पानी से भर गई। भाभीजी पसीने में नहा चुकी थी। उनका बलाउज पसीने में भीग चूका था।
अब मैंने भाभीजी की टांगो को मेरे कंधो से नीचे उतार दिया और उनको फोल्ड कर दिया। अब मैं भाभीजी को पूरी तरह से मेरे नीचे दबाकर पेलने लगा। इस पोजीशन में भाभीजी को पेलने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। मेरा लंड भाभीजी की हालत खराब कर रहा था।
” अहह आह्ह सिससस्स आह्ह आह्ह सिसस्ससस्स आह्ह आह्ह आहा ओह उन्ह ,,बससस्स आहा आहा।”
अब मैं कहाँ रुकने वाला था।मैं तो भाभीजी को ताबड़तोड़ बजा रहा था। मेरा लण्ड भाभीजी की चुत की गहराई को अच्छी तरह से नाप रहा था। तब ही थोड़ी देर की ठुकाई के बाद भाभीजी फिर से पानी पानी हो गई। मेरे लंड का कहर अभी पर भी भाभीजी के ऊपर जारी था।
भाभीजी– उन्ह आहा आहा आहा सिससस्स आह्ह आह्ह आईईईई आहा आह्ह अआहः आह्ह।
मैं झमाझम भाभीजी क़ो चोदे जा रहा था।मुझे भाभीजी लो फोल्ड करकर बजाने में बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।अब मेरा लण्ड भी जवाब देने लग गया था। अब मैंने मेरे लण्ड की स्पीड बढ़ाई और फिर कुछ ही पलों में मैं पानी।पानी हो गया। अब मैं भाभीजी की चूत को भरकर भाभीजी के ऊपर ही ढेर हो गया।
फिर थोड़ी देर हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे। ताबड़तोड़ चुदाई से भाभीजी बहुत बुरी तरह से थक चुकी थी। उनका बहुत सारा पानी निकल चुका था। अब मैं वापस भाभीजी की चूत पर आ गया और उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगा दिया।
अब मैं भाभीजी की टांगो को फैलाकर उनकी चूत को चाटने लगा। भाभीजी की चूत सफ़ेद गरमा गरम पानी से लबालब भरी हुई थी।
मुझे भाभीजी के गरमा गरम रस को चाटने में बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। मै भूखे कुत्ते की तरह भाभीजी के पानी को पी रहा था। भाभीजी अब चुपचाप मेरे बालो को सहला रही थी।
” ओह सिससस्स आह्ह आह उन्ह सिसस्ससस्स ओह आह्ह।”
मैं भाभीजी की चूत का जमकर मज़ा ले रहा था। मुझे भाभीजी की चूत चाटने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।
” उन्ह ओह,, आहहहह अहा आह्ह आह्ह सिसस्ससस्स उन्ह आह्ह आह्ह ओह उन्ह आहहह।”
मैं भाभीजी की चूत को सबड़ सबड़कर चाट रहा था।अब भाभीजी बहुत ज्यादा कसमसा रही थी।फिर मैंने बहुत देर तक भाभीजी की चूत चाटी।
अब मैंने भाभीजी की टांगो को मोड़ दिया और फिर भाभीजी की चूत में एकसाथ दो उंगलिया घुसा दी। अब मैं भाभीजी की चूत में उंगली करने लगा। अब भाभीजी फिर से कसमसाने लगी।
“आईईईई सिससस्स उन्ह अआहः आह्ह सिसस्ससस्स आह्ह आहा।”
अब मैं धीरे धीरे उंगलियों की स्पीड बढ़ाने लगा। अब मैं जल्दी जल्दी भाभीजी की चूत में ऊँगली करने लगा। अब भाभीजी दर्द से बुरी तरह से झल्लाने लगी। मुझे भाभीजी जी चूत सहलाने में बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।
भाभीजी– आहा आहहह आह्ह सिससस्स उन्ह आह्ह आह्ह धीरेरेरे,,,, धीरेरेरे ओह रोहित मरर्रर्र गईईईई। आह्ह।
मैं– ओह भाभीजी आज तो आपकी चूत को फाड़ डालूंगा।अआह।
मैं ज़ोर ज़ोर से भाभीजी की चूत की खुदाई कर रहा था।भाभीजी ही अब हालात खराब हो रही थी।वो अब टांगो को इधर उधर फेंक रही थी। भाभीजी को बहुत तेज़ दर्द हो रहा था।वो पसीने से लथपथ हो चुकी थी।
” ओह रोहित,अआहः आह्ह अआह मत करर्रर्र,, आहहह मर गईईई बहुत दर्द हो रहा है। आह्ह।”
मैं भाभीजी कहाँ सुनने वाला था।मैं तो भाभीजी की चूत की बखिया उदेड रहा था। तभी भाभीजी फिर से झड़ गई। मेरी उंगलिया भाभीजी के रस में भीग चुकी थी। अब मैंने फिर से भाभीजी का।पानी पीना शुरू कर दिया। अब भाभीजी राहत महसूस करने लगी। फिर मैंने बहुत देर तक भाभीजी की चूत चाटी।
अब मैंने भाभीजी की साड़ी खोल दी।फिर भाभीजी के पेटिकोट का नाडा खोल उसे भी खोल फेंका।अब भाभीजी नीचे से पूरी नंगी हो चुकी थी। अब मैंने एक बार फिर से भाभीजी की चूत में मेरा लण्ड फिट कर दिया और भाभीजी की टांगो को हवा में उड़ाकर फिर से भाभीजी को बजाने लगा।
“आह्ह आह्वः आह्ह आह्ह आईईईई आहा आह्ह ओह सिससस्स अआहः आह्ह।”
मैं– ओह भाभीजी बहुत बिंदास हो आप।आहा बहुत सेक्सी।
“आहा आहा सिससस्स आह्ह तु बहुत बड़ा खिलाडी निकला। पहले भाभीजी को बजाया और अब मुझे बजा रहा है।”
मैं– बड़ा खिलाडी बड़ा काम ही करता है भाभीजी।
मेरा लंड भाभीजी की चूत में झमाझम अंदर बाहर हो रहा था। भाभीजी को चुदने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।वो लपक लपककर मेरा लण्ड चूत में ले रही थी। मै भी लपक लपककर भाभीजी की चूत में लंड डाल रहा था।
“आह्ह आहा ओह आह आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह ओह आह्ह सिससस्स।”
फिर मैंने भाभीजी को बहुत देर तक ऐसे ही बजाया। अब मैंने भाभीजी के बलाउज के हुक खोल दिये और उनकी ब्रा को ऊपर सरकाकर भाभीजी के बोबो को कैद से बाहर निकाल लिया।अब भाभीजी के नंगे टाइट बोबो को देखते ही मेरा लंड आग बबूला हो गया और मैं भाभीजी के बोबो पर टूट पड़ा।
अब मैं भाभीजी के बोबो को ज़ोर ज़ोर से मुट्ठियों में भीचने लगा। अब दर्द के मारे भाभीजी की गांड फटने लगी। उन्हें बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था।
“आईईईई अआह आह्ह आह्ह बहुत दर्द हो रहा है यार।आह्ह धीरे धीरे दबा,,आईईईई आह्ह आह्ह।”
मैं– ओह भाभीजी अब मैं इन्हें कैसे धीरे धीरे दाबाउं? मैं तो इन्हें आज बहुत बुरी तरह से मसलूंगा।आह्ह ओह भाभीजी।
मैं भाभीजी के टाइट बोबो को बुरी तरह से मसल रहा था।भाभीजी के बोबो को मसलने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।
” ओह रोहित आह्ह आहा धीरेरेरे धीरेरेरे,, आहाहाह ओह मम्मी।”
थोड़ी देर में ही भाभीजी के बोबे लाल हो चुके थे। मैं भाभीजी के बोबो पर बुरी तरह से टूट पड़ा था।अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था तभी मैंने भाभीजी के बोबो को तुरंत मुंह में दबा लिया और फिर दे दना दन भाभीजी के बोबो को चूसने लगा। आहा! बहुत ही टेस्टी बोबे थे भाभीजी के! ।मैं तो भाभीजी के बोबे चुस चूसकर निहाल हो रहा था।
अब भाभीजी अच्छी तरह से मुझे बोबे चुस्वा रही थी। मैं बार बार में भाभीजी के बोबे को बाईट भी कर रहा था।
मैं– उन्ह आहा ओह उन्ह बहुत ही मज़ेदार है भाभीजी।
मैं झमाझम भाभीजी के बोबो को चुस रहा था। थोड़ी देर में ही भाभीजी के दोनों बोबे लाल हो चुके थे।मैं उन्हें रगड़ रगड़कर चुस रहा था।फिर मैंने बहुत देर तक भाभीजी के बोबे चूसे।
अब मैंने भाभीजी को पलट दिया और अब मैं पीछे से भाभीजी के ऊपर चढ़ गया।अब मैं भाभीजी के सेक्सी जिस्म पर किस की बौछार करने लगा। अब भाभीजी सिकुड़ कर सिमटने लगी।मैं भाभीजी की गौरी चिकनी पीठ और कंधो पर ताबड़तोड़ किस कर रहा था।
भाभीजी की मलाईदार पीठ पर किस करने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। इधर मेरा लण्ड भाभीजी की गांड में घुसने की कोशिश कर था। भाभीजी की चिकनी पीठ को किस करने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। फिर मैं किस करता हुआ भाभीजी की गांड पर गया और उनके सेक्सी चुतडो को बजाने लगा।अब भाभीजी फिर से सिस्कारिया लेने लगी।
” उन्ह आहा आह्ह आईईईई आह्ह आईईईई आहा आह्ह।”
मैं– ओह भाभीजी बहुत ही मस्त चूतड़ है। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है।
मैं भाभीजी के चुतडो को झमाझम बजा रहा था। भाभीजी लंबी लंबी साँसे लेते हुए बेड पर पड़ी थी। अब मैंने भाभीजी की गांड पर किस करना शुरू कर दिया। अब मै भाभीजी के चुतडो को किस कर करकर बाईट करने लगा।अब भाभीजी बिन पानी की मछ्ली की तरह तड़पने लगी।
“आहाहाह उन्ह आहाहाह आहहह सिससस्स उन्ह आह्ह आह्ह।”
मै भाभीजी की गांड पर ताबड़तोड़ किस कर रहा था।मुझे तो बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।फिर मैंने बहुत देर तक भाभीजी की गांड पर किस किये। मेरे थूक से भाभीजी की गांड पूरी गीली हो चुकी थी। इधर मेरा लंड भाभीजी की गांड की गहराई नापने के लिए बेकाबू हो रहा था।
अब मैं भाभीजी की गांड नापना चाहता था।अब मैंने भाभीजी से घोड़ी बनने का इशारा किया तो भाभीजी तुरंत घोड़ी बन गई।अब मै भाभीजी की गांड में लण्ड सेट करने लगा लेकिन तभी भाभीजी गांड को इधर उधर हिलाने लगी।
भाभीजी– यार रोहित प्लीज उसमे मत डाल।
मैं– भाभीजी जब तक गांड में लण्ड नहीं जाता है तब तक चुदाई का पूरा मज़ा ही नहीं आता है।
भाभीजी– नहीं यार मत डाल।बहुत दर्द होता है उसमें।
मैं– भाभीजी दर्द तो एकबार होगा लेकिन मज़ा भी बहुत आयेगा।
भाभीजी– यार मेरी जान निकल जाएगी।
मैं– अरे भाभीजी आप चिंता मत करो। कुछ नहीं होगा।
अब भाभीजी ने कुछ नहीं कहा। भाभीजी गांड मरवाने के लिए तैयार हो चुकी थी।अब मैं फिर से भाभीजी की गांड में लण्ड सेट करने लगा।अब मै लंड सेट करके भाभीजी की गांड में लंड सरकाने लगा तभी मेरा लंड भाभीजी की गांड में थोड़ा सा घुस गया। बस जिसमे ही भाभीजी चीख पड़ी।
भाभीजी– आईईईईई उन्हहः मर गईईई। ओह रोहित बहुत दर्द हो रहा है। आईईईई प्लीज बाहर निकाल ले यार।
भाभीजी की टाइट गांड में मेरा मोटा तगड़ा लण्ड बहुत भारी पड़ रहा था।अब मैं धीरे धीरे भाभीजी की गांड में लंड हिला हिलाकर गांड में जगह बना रहा था। फिर कुछ देर बाद मैंने ज़ोर का झटका दिया और मेरा लण्ड एक ही झटके में भाभीजी की गांड को फाड़ता हुआ उनकी गहराई में उतर गया।बस मेरे लंड के इसी झटके से भाभीजी बुरी तरह से चिल्ला पड़ी।
“आईईईई मर गईईईई आईईईई उन्हहःहः आईईईईई मम्मी, बहुत दर्द हो रहा है, आईईईई।”
तभी मैंने फिर से ज़ोर का झटका देकर भाभीजी की गांड में लण्ड ठोक दिया। अब तो भाभीजी बुरी तरह से हिल गई।उनको बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था। शायद पहले कभी भाभीजी की गांड में लण्ड नहीं गया होगा। अब मैं कसकर भाभीजी की गांड मारने लगा। भाभीजी बुरी तरह से चीख रही थी।
“आईईईई आईईईई आहाहा आह्ह आह्ह ओह मम्मी आहाहा आहाहा उन्ह आहाहा आह्ह सिससस्स ओह मर्रर्रर्र गईईई।”
मैं– ओह भाभीजी आहा बहुत मस्त गांड है आपकी।आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है।
” अआईईई आईईईई आहाहाह यहाँ मेरी जान निकल रही है।बहुत दर्द हो रहा है। आईईईई।”
मैं– दर्द तो होने दो भाभीजी। बिना दर्द के मज़ा भी नहीं आता है भाभीजी।
” आहाहा सिससस्स आह्ह आह्ह आह्ह।”
मेरा लंड भाभीजी की गाँड़ के परखच्चे उड़ा रहा था। भाभीजी की गांड में उतरकर मेरा लंड फूल मज़े कर रहा था। मै भाभीजी की चूत में ज़ोर ज़ोर से झटके मार रहा था। धीरे धीरे भाभीजी की चूत भोसड़ा बनती जा रही थी। भाभीजी की चीखे मुझे और ज्यादा उकसा रही थी। मेरा लण्ड जमकर भाभीजी की चूत मार रहा था।
भाभीजी– आह्ह आह्ह आहाहा सिसस्स उन्ह आह्ह आह्ह अआईईई आह्ह आह्ह।
तभी भाभीजी एकबार फिर से पानी पानी हो गई। उनकी चूत रस से लबालब भर चुकी थी। अब मेरे लण्ड के हरएक झटके के साथ पच्छ पच्छ पाछ पच्छ दचग की आवाज़े आने लगी।मेरा लण्ड फूल स्पीड में भाभीजी को बजा रहा था।फिर मैंने बहुत देर तक भाभीजी को इसी तरह से बजाया। भाभीजी बहुत बुरी तरह से चुद चुकी थी।अब मैंने भाभीजी से लण्ड चूसने के लिए कहा।
अब मैं बेड पर लेट गया और भाभीजी मेरे लंड के यहाँ आ गई।अब मैंने मेरी टांगे भाभीजी के कंधो पर रख दी।अब भाभीजी मेरे लण्ड को पकड़कर चूसने लगी।आहा! भाभीजी को लण्ड चुसाने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। भाभीजी धीरे धीरे अपनी स्पीड को बढ़ा रही थी।
मैं भाभीजी के बालो को सम्हाल रहा था।उनके लंबे काले बाल बार बार घनी घटा बना रहे थे। भाभीजी लबालब मेरे लण्ड को चुस रही थी। भाभीजी चुस चूसकर मेरे लण्ड को गीला कर चुकी थी।
मै– ओह भाभीजी आहा! बहुत मज़ा आ रहा है। अआहः बस ऐसे ही चुस्ती रहो।
अब मैंने भाभीजी की गर्दन पर मेरी टांगे फंसा दी। अब भाभीजी मेरी टांगो के घेरे में फंस चुकी थी। वो पूरी शिद्दत से मेरे लंड को चुस रही थी। फिर भाभीजी में बहुत देर तक मेरे लण्ड को चुसा।अब मैं उठ गया और बेड पर बैठ गया।अब मैंने भाभीजी को नीचे बैठकर मेरा लंड चूसने के लिए कहा। अब भाभीजी घुटनो के बल नीचे बैठ गई और मेरे लण्ड को चूसने लगी।
अब मैं फिर से भाभीजी के बालो को सम्हाल रहा था। भाभीजी फिर से मेरे लंड को पूरा गिला कर चुकी थी।
।अब मैंने फिर से भाभीजी को घोड़ी बनने के लिए कहा। भाभीजी बिना देर किये घोड़ी बन गई। ऐसा लग रहा था कि भाभीजी बहुत टाइम से मेरे लण्ड की प्यासी थी।आज वो उनकी प्यास को अच्छी तरह से बुझाना चाहती थी।
अब मैंने फिर से भाभीजी की चूत में लण्ड सेट किया और फिर ज़ोर का झटका देकर भाभीजी को चोदने लगा। भाभीजी फिर से सिसकारियां भरने लगी।
भाभीजी– आह्ह आहाहा आहा सिससस्स आह्ह आहः आहाहा उन्ह ओह आहा सिससस्स ओह।
” ओह भाभीजी, बस आहा बहुत मज़ा आ रहा है।आह।”
अबकी बार मैं भाभीजी को पूरी नंगी करके घोड़ी बनाकर चोद रहा था। भाभीजी पुरे मज़े लेकर चुद रही थी।
” आह्ह अआहः आहाहा आह्ह सिससस्स अआईईई उन्ह ओह बससस्स आहा आह्ह बसस्ससस्स। “
मैं– भाभीजी अभी तो बहुत टाइम बाकी है। आप बेफिक्र होकर मज़े लो।
तभी भाभीजी चुप हो गई। फिर मैंने बहुत देर तक भाभीजी को घोड़ी बनाकर बजाया।
चूत में लण्ड ठुकाई से भाभीजी बहुत बुरी तरह से थक चुकी थी। अब और लण्ड ठुकवाना भाभीजी की बस की बात नहीं थी।अब भाभीजी उठकर बेड पर लेट चुकी थी।अब मै फिर से भाभीजी की टांगे खोलने लगा तभी भाभीजी ने मुझे रोक दिया।
भाभीजी– यार रोहित बस ना।अब मत कर ना।
मैं– भाभीजी बस थोड़ी देर और।
तभी मैंने भाभीजी की चूत में लण्ड ठोक दिया और भाभीजी की टांगो को कंधो पर रखकर फिर से भाभीजी को बजाने लगा। आज मैं मेरे लण्ड की पूरी प्यास बुझाना चाहता था।मुझे तो भाभीजी को चोदने में बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। भाभीजी जैसी रिपचिक माल को चोदना मेरे लिए बड़े सौभाग्य की बात थी।
भाभीजी– आहाहा आहः आह्ह सिसस्स उन्ह आह्ह आह्ह सिससस्स आहहह।
मैं पूरी शिद्दत से भाभीजी को चोद रहा था। भाभीजी के दोनों बोबे बुरी तरह से उछल रहे थे। तभी कुछ देर में ही मैंने भाभीजी को चोद चोद कर भाभीजी का पानी निकाल दिया।अब मुझे भाभीजी को चोदते हुए बहुत देर हो चुकी थी। मेरा लण्ड भाभीजी की चूत का भोसड़ा बना चुका था।
अब मेरा लण्ड भी झटके खाने लगा था।तभी मैंने मेरे लण्ड की स्पीड बढ़ा दी।अब मैं भाभीजी को फिर से ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा।
भाभीजी– अआहः आह्ह सिससस्स आईईईई आईएईई सिससस्स आहाहा आहाहा आह्ह।
कुछ ही झटकों में भाभीजी बुरी तरह से झल्ला उठी। फिर कुछ ही पलों में मेरे लण्ड ने भाभीजी के भोसड़े में पानी भर दिया। अब मैं निढाल होकर भाभीजी के जिस्म से चिपक गया। तभी भाभीजी ने बाहो में भरकर मुझे सीने से लगा लिया।फिर बहुत देर बाद मैं भाभीजी से अलग हुआ।
आज भाभीजी को चोदकर मैं बहुत ज्यादा खुश था। आज भाभीजी ने मेरे प्यासे लण्ड को तृप्त कर दिया था। भाभीजी भी मेरे लण्ड से बहुत ज्यादा खुश नज़र आ रही थी।
भाभीजी– बहुत बुरी तरह से चोदा है तूने। मेरी तो हालात ही ख़राब हो गई।
मैं– भाभीजी, मज़ा ही धुआंधार चुदाई करने में आता है। तभी तो जिस्म की आग शांत होती है।
भाभीजी– हां ये बात भी सही है। वैसे लण्ड भी तो बहुत मोटा तगड़ा है तेरा।
मैं– हां भाभीजी, तभी तो फूल मज़ा आता है।आप चाहो तो फिर से मेरे लण्ड को खड़ा कर सकती हो।
भाभीजी– नहीं यार अब और नहीं। अब मेरे बस की बात नहीं है।और अभी घर का सारा काम भी तो करना बाकी है।
मैं– अरे भाभीजी काम वाम तो होता रहेगा। आप तो पहले मज़ा लो।
भाभीजी– नहीं यार। अब मुझे काम करना है।
भाभीजी फिर से चुदने में ना नुकुर कर रही थी। तभी मैंने भाभीजी को खींचकर मेरे लण्ड की तरफ ला दिया। अब मैंने भाभीजी के मुंह को मेरे लण्ड की तरफ झुका दिया।अब भाभीजी के पास कोई और रास्ता नहीं था। तभी भाभीजी फिर से मेरा लंड चूसने लगी।अब मेरा लण्ड फिर से फ़ॉर्म में आने लगा। फिर थोड़ी ही देर में मेरा लण्ड तनकर लोहे की रॉड बन गया।बस फिर क्या था!
अब मैंने भाभीजी को फिर से लेटा दिया और मेरे लण्ड ने भाभीजी की चूत पर फिर से धावा बोल दिया। अब मैं भाभीजी को फिर से बजाने लगा।
भाभीजी– आहा आईएईई आईएईई सिससस्स अआहः आहाहाह सिससस्स उन्ह ओह आह्ह।
मैं भाभीजी को दे दना दन चोद रहा था। मेरा लण्ड भाभीजी के भोसड़े में जमकर छलांगे मार रहा था।फिर थोड़ी ही देर में मेरे लण्ड ने भाभीजी का पानी निकाल दिया। उसके बाद मैंने भाभीजी को बहुत देर तक बजाया।फिर भाभीजी के भोसड़े को लण्ड के पानी से भर दिया।
जमकर ठुकाई के बाद भाभीजी बेड पर पड़ गई। अब तो उनसे उठना भी मुश्किल हो रहा था। भाभीजी बहुत देर तक बेड पर पड़ी रही।फिर बड़ी मुश्किल से भाभीजी उठी।अब भाभीजी ने पेंटी पहनकर ब्रा पहन ली। फिर भाभीजी में बलाउज पहनकर पेटिकोट पहन लिया।फिर भाभीजी साड़ी पहनकर रूम से बाहर चली निकल गई। अब मैंने भी कपडे पहन लिए।
अब कुछ देर बाद ही बच्चे स्कूल से आ चुके थे। अब भाभीजी अपने काम में बिज़ी हो गई।
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