चूत और लण्ड के सभी खिलाड़ियों को मेरा प्रणाम।मैं रोहित एकबार फिर से आप सबके बीच में एक नई कहानी लेकर हाज़िर हूँ। मैं 22 साल का नौजवान लोंडा हूँ। मेरा लण्ड 7 इंच लंबा है जो किसी भी चूत के पंख फाड़ सकता है। मेरा लण्ड जिस किसी भी चूत में घुसता है तो फिर उसे जमकर बजाता है।
मैं गांव में रहकर पढाई कर रहा था और साथ में चूत का आनंद भी भरपूर ले रहा था। फिर मुझे कोचिंग करने के लिए सिटी मे आना पड़ा और फिर यहाँ आकर मुझे हमारे दूर के रिश्तेदार के antarvasna यहाँ रूम मिल गया। फिर मैंने मकान मालिक की बड़ी बहु को सेट कर लिया और उन्हें खूब बजाया।
फिर मैंने मकान मालिक की छोटी बहू यानि प्रतिभा भाभीजी को भी पटा लिया। अब मै दोनों भाभीजी का मज़ा ले रहा था।
प्रतिभा भाभीजी लगभग 34 साल की हॉट सेक्सी बिंदास माल है।वो एकदम गौरी चिकनी है। उनका जिस्म बहुत ज्यादा चमकदार है। प्रतिभा भाभीजी के बोबे लगभग 34 साइज के है। उनके बोबे एकदम कसे हुए है। मैंने भाभीजी के बोबो को खूब जमकर मसला था और भाभीजी के बोबो को चूसकर उनका पूरा मज़ा लिया था।
भाभीजी की चिकनी कमर लगभग 32 साइज की है। भाभीजी की कमर के नीचे भाभीजी की मस्त बिंदास गांड लगभग 32 साइज की है।उनकी गांड भी एकदम कसी हुई है। भाभीजी की गांड के उभार को देखकर कोई भी लण्ड मसलने पर मजबूर हो जाये। मैंने भाभीजी की गांड में जमकर लण्ड पेला था। महिमा भाभीजी के मायके से वापस आने के बाद मै उनको बजा चूका था लेकिन प्रतिभा भाभीजी को बजाने का मौका नहीं मिल रहा था। इधर महिमा भाभीजी को पता चल गया था कि मै उनकी अनुपस्तिथि में प्रतिभा भाभीजी को चोद चूका हूँ।
प्रतिभा भाभीजी को बजाये हुए बहुत टाइम हो गया था। अब मेरा लंड भाभीजी की चूत के लिए कुलबुला रहा था लेकिन घर में सबके होते हुए मुझे भाभीजी को बजाने का मौका नही मिल रहा था।
तभी एक दिन छत पर भाभीजी से मेरी बातचीत हुई।
” भाभीजी मेरा लंड आपके के लिये बहुत ज्यादा तड़प रहा है। प्लीज कुछ जुगाड़ करो ना।”
” देख रोहित अब भाभीजी वापस आ चुकी है और अपना रिश्ता उनके वापस आने तक ही था। मैंने तो तुझे तेरी ज़रूरत के लिए चूत दे दी थी।”
” जब आपने पहले ही चूत दे दी तो अब क्यों नहीं?”
” रोहित यार ये अच्छा नही लगता। तू एक ही घर में हम दोनों को चोद रहा है। और अगर इस बारे में भाभीजी को पता चल गया तो हम दोनों देवरानी जेठानी के रिश्ते में भी फर्क पड़ेगा।”
तभी मैं मन में ही सोचने लगा अब आपको क्या बताऊँ भाभीजी कि आपकी भाभीजी तो आपके बारे में सब कुछ जान चुकी है। अब ज्यादा सोचने में कोई फायदा नहीं है।
” अरे भाभीजी कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मैं टाइम टाइम से आप दोनो को चोदता रहूँगा।”
” नहीं यार रोहित ये अच्छी बात नहीं है। तू अब सिर्फ भाभीजी को ही चोद।”
” उनको तो मै चोद चूका हूं। अब तो बारी आपकी है।”
” यार अब मैं नहीं चुदवा पाऊँगी।”.
तभी भाभीजी नीचे चली गई। अब मैं लण्ड मसल कर ही रह गया। अब मै भाभीजी को चोदने के लिए प्लान बनाने लगा। तभी एक दिन भाभीजी रात को छत पर बात कर रही थी। उस टाइम छत पर मै और भाभीजी ही थी।
तभी मेरे दिमाग में आईडिया आया और अब जैसे ही भाभीजी वापस जाने लगी तो मैने भाभीजी का हाथ पकड़कर उन्हें मेरे कमरे में खींच लिया।
तभी भाभीजी एकदम से डर गई।
” रोहित ये क्या कर रहा है यार? कोई देख लेगा?”
” कोई नहीं देखेगा भाभीजी। आप चिन्ता मत करो।
तभी मेने भाभीजी को दबोच लिया और उनके होंठो पर हमला बोल दिया। अब भाभीजी हाथ में मोबाइल पकडे हुए मुझे हटाने की कोशिश कर रही थी लेकिन मै उनके होंठो को चूसते हुए भाभीजी के बोबो को मसलने लगा।
ऑउच्च ऑउच्च पुच्च ऑउच्च ऑउच्च की आवाज़े कमरे में गूँजने लगी। भाभीजी अभी भी मुझे दूर हटाने की कोशिश कर रही थी। इधर मैं भाभीजी के जिस्म को रगड़ रहा था।
फिर मै भाभीजी के बोबो को बुरी तरह से दबाने लगा।
” सिससस्स आईईईई रोहित यार मत कर। जाने दे मुझे।”
” बसस्स थोड़ी देर रुक जाओ भाभीजी।”
” नहीं यार कोई आ जायेगा।” कोई नहीं आयेगा।
तभी मैंने भाभीजी के बोबो को मसल कर उन्हें गर्म कर दिया। अब मैंने भाभीजी को उठाकर चारपाई पर पटक दिया और झट से मेरा लंड बाहर निकाल लिया।
अब मै भाभीजी की चड्डी खोलने लगा तभी भाभीजी मुझे रोकने लगी। ” यार रोहित मत डाल अंदर। अभी मेरी ऐसी तैसी हो जायेगी।”
“नहीं होगी भाभीजी।”
तभी मेने भाभीजी की चड्डी खोल फेंकी।
” हूँ।” बस्स फिर क्या था! अब मैंने झट से भाभीजी की टांगो को फैलाया और तुरंत भाभीजी की चूत में लण्ड ठोक दिया।
” आईईईईई मम्मी।”
मेरा लंड एक ही झटके में भाभीजी की चूत के पेंदे में पहुँच चूका था।अब मै दे दना दन भाभीजी की चूत में लण्ड ठोकने लगा। तभी भाभीजी दर्द से मचलंने लगी।
” आईईईई आईएईई सिससस्स आह्ह आह्ह आह्ह ओह सिसस्स आह्ह आहाः आईईईई।”
” ओह मेरी प्यारी भाभीजी आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह अहा।”
मैं भाभीजी को ताबड़तोड़ चोद रहा था। मेरा लंड भाभीजी की चूत में तगड़ा घमासान मचा रहा था। तभी नीचे से किसी के आने की आवाज़ आई और भाभीजी झट से धक्का देकर खड़ी हो गई।
अब भाभीजी उनके पल्लू को ठीक करके तुरंत निकल गई। इस चक्कर में भाभीजी उनकी चड्डी पहनना ही भूल गई थी। मेरे लंड की प्यास अधूरी ही रह गई थी।
देखा तो भाभीजी की सास थी।
” क्या कर रही थी इतनी देर से”
” कुछ नहीं मम्मीजी फ़ोन पर बात कर रही थी।”
अब प्रतिभा भाभीजी उनकी सास के सामने ऐसे दिखा रही थी जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो। जबकि वो अभी अभी बहुत बड़े तूफान से टकराई थी।
खैर फिर भाभीजी भी नीचे चली गई और मुझे सारी रात लंड मसल कर ही गुजारनी पड़ी। फिर सुबह भाभीजी उनकी चड्डी लेने आई।
” रोहित वो मेरी चड्डी दे दे।”
” कौनसी चड्डी भाभीजी? मैंने तो आपकी कोई चड्डी नहीं देखी।”
” ज्यादा बेवकूफ मत बना। जल्दी से दे दे यार।मुझे और भी काम करना है।”
” सच में भाभीजी मेरे पास आपकी चड्ढी नहीं है।”
” यार मजाक मत कर। मेरी चड्डी रात को यही रही थी।”
” तो फिर अंदर आकर ढूंढ लो ना भाभीजी।”
अब भाभीजी अंदर आने से डर रही थी। भाभीजी को अच्छी तरह से याद था कि अगर वो अंदर आई तो फिर से उनकी चूत में मेरा लंड घुस सकता है। अब भाभीजी बार बार मुझसे चड्डी मांग रही थी लेकिन मै उनको चड्डी दे नहीं रहा था।
तभी भाभीजी मेरे कमरे में आ गई और इधर उधर चड्डी ढूंढने लगी। तभी मौका देखा और भाभीजी को आज फिर से चारपाई पर पटक दिया। भाभीजी कल की तरह फिर से फड़फड़ाने लगी।
” रोहित पागल हो गया क्या तू यार। सब यही है।”
” होने दो भाभीजी।”
तभी मैंने भाभीजी की टाँगे खोल दी और उनकी चड्डी को खोलने लगा।
” कमीने एक चड्डी तो तू मेरी पहले से ही नहीं दे रहा है और अब इसको को भी खोल रहा है।”
” अरे भाभीजी, पहले एकबार आप अच्छे से चुदवा तो लो फिर आपकी चड्डी मिल जायेगी।”
तभी मैने भाभीजी की चड्डी खोल दी और झट से भाभीजी की चूत में लण्ड सेट कर ज़ोर से झटका मार दिया। तभी सुबह सुबह मेरा लण्ड दन दनाता हुआ भाभीजी की चूत में घुस गया।
” आएईईईईई ओह कमीने।”
अब मैं भाभीजी को दे दना दन चोदने लगा। मेरा लण्ड भाभीजी की चूत के फूल स्पीड के घमासान मचा रहा था। भाभीजी बार बार फड़फड़ा रही थी।
” आईईईईई सिससस्स आह्ह आहा सिससस्स आह्ह यार रोहित बससस्स हो गया। कोई आ जायेगा।”
” पहले एकबार भाभीजी आपका पानी तो निकालने दो।”
” अरे यार,,,,, तू मरवाएगा मुझे।”
भाभीजी की डर के मारे गाँड़ रही थी। मैं भाभीजी की चूत में ताबड़तोड़ लण्ड पेल रहा था।भाभीजी चड्डी लेने के चक्कर में फिर से चूत में लण्ड ठुकवा बैठी थी।
तभी थोड़ी देर की खचाखच ठुकाई में भाभीजी का पानी निकल गया। अब भाभीजी मुझे धक्का देकर तुरंत खड़ी हो गई और फ़टाफ़ट से चड्डी पहनने लगी।
” अब जल्दी से मेरी कल की चड्डी दे दे।”
” ओह भाभीजी आपने तो सुबह सुबह मज़ा दे दिया। ये लो आपकी चड्डी।”
अब भाभीजी ने बलाउज को ठीक करके चड्डी को छुपाते हुई चली गई। अब मेरे लण्ड को आराम मिल चुका था। सुबह सुबह ही मेरा लण्ड भाभीजी की चूत का स्वाद चख चूका था।
अब ऐसे ही तीन चार दिन निकल गए लेकिन प्रतिभा भाभीजी को चोदने का मौका नहीं मिल रहा था। अब एकदिन भाभीजी की सास बाहर गई हुई थी। घर पर दोनों भाभीजी और मैं ही था। तभी मैने सोचा इस मौके का फायदा उठाया जाए।
अब मै तुरंत नीचे चला गया। महिमा भाभीजी हॉल में साफ सफाई कर रही थी और प्रतिभा भाभीजी सामने ही किचन में बर्तन धो रही थी। तभी मैं प्रतिभा भाभीजी के पास पहुँच गया। भाभीजी को चोदने के लिए मेरा लण्ड बहुत ज्यादा उतावला हो रहा था।
अब मै प्रतिभा भाभीजी से चिपकने लगा और उनकी गाँड़ पर हाथ फेरने लगा।
” रोहित क्या कर रहा है यार भाभीजी यही है।”
” तो होने दो ना उन्हें।कोई प्रॉब्लम वाली बात नहीं है। भाभीजी भी तो मेरा लण्ड ले रही है ना।”.
” अरे लेकिन मै तो अब भाभीजी के सामने तेरा नहीं ले सकती ना। वैसे भी अपनी बात भाभीजी के आने तक की हुई थी।”
” बात तो हुई थी लेकिन अब मेरा लण्ड नहीं मान रहा है। उसे तो फिर से आपकी चूत में जाना है।”
” नहीं मेरी चूत तो अब तेरा लेने को तैयार नहीं है।”
” भाभीजी बड़ी मुश्किल से तो मौका मिला है। अब आप इस मौके को बर्बाद मत होने दो। मुझे तो आपको चोदना ही है।”
” अरे यार पागल हो गया है क्या तू? भाभीजी के सामने ही मुझे चोदेगा क्या?”
” हाँ भाभीजी।”
तभी मैंने भाभीजी को दबोच लिया और उनके बोबो को मसलते हुए मै भाभीजी की गाँड़ में मेरा लण्ड रगडने लगा। तभी भाभीजी कसमसाने लगी।
” रोहित मरवाएगा क्या यार। भाभीजी ,,,,,,,
” भाभीजी चोदने दो यार। अब ज्यादा मत तड़पाओ।”
तभी मैंने भाभीजी के बोबो को ज़ोर से मसल दिया। भाभीजी एकदम से सिरसिरा उठी।
” आह्ह सिसस्ससस्स “
” रोहित मत कर यार। रहने दे।फिर कभी कर लेना।”.
” भाभीजी, मैं तो आज ही करूँगा।” antarvasna story
तभी मैंने भाभीजी को खींचकर मेरी तरफ पलट लिया और मैंने भाभीजी के होंठो को लपक लिया। अब मै भाभीजी के होंठो को चुसने लगा। तभी भाभीजी मुझे दूर हटाने की कोशिश करने लगी।
इधर महिमा भाभीजी हॉल में काम करती हुई सबकुछ देख रही थी।मै प्रतिभा भाभीजी के होंठो को चुस रहा था।
तभी प्रतिभा भाभीजी मुझे धक्का देकर हॉल में आ गई।अब मै भी भाभीजी के पीछे पीछे हॉल में आ गया और अब मै भाभीजी का हाथ पकड़कर उन्हें बैडरूम में ले जाने लगा।
तभी भाभीजी शर्म के मारे लाल होने लगी। मैं उनकी जेठानी के सामने ही भाभीजी को चोदने के लिए अंदर ले जा रहा था।
तभी भाभीजी मुस्कुरा रही थी ” रोहित ये क्या हो रहा है आज तुझे।”
” अभी आप अंदर चलकर सब देख लेना।”
तभी भाभीजी मेरे साथ बैडरूम में खिंची चली आई। सामने ही बड़ी भाभीजी का बेडरूम।खुला था। मैंने भाभीजी को तुरंत अंदर ले लिया।इधर महिमा भाभीजी सबकुछ देखकर अपने काम में लगी होने का नाटक कर रही थी जबकि उनके सामने ही उनकी देवरानी अंदर जा चुकी थी।
तभी मैंने प्रतिभा भाभीजी को बेड पर पटक दिया और मैं झट से भाभीजी के ऊपर चढ़ गया। अब भाभीजी मुझे दूर हटाने की कोशिश करने लगी।
” रोहित नहीं यार।मत कर।”
तभी मेने भाभीजी के होठो को मेरे होंठो से सील कर दिया और भाभीजी के होंठो का रस पीने लगा। भाभीजी अभी भी चुदाई करवाने के मूड में नहीं लग रही थी।मैं भाभीजी के होंठो को बुरी तरह से चुस रहा था।
उधर बड़ी भाभीजी हॉल में पोछा लगा रही थी। बैडरूम का पूरा गेट खुला हुआ था। महिमा भाभीजी उनकी देवरानी का पूरा नज़ारा आराम से देख रही थी।
मैं छोटी भाभीजी का चुदने का मूड बना रहा था लेकिन भाभीजी उनकी जेठानी के सामने चुदाने में शरमा रही थी।
अब मै भाभीजी को किस करता हुआ उनकी चड्डी खोलने की कोशिश करने लगा तभी भाभीजी मेरे हाथ को पकड़कर उनकी चड्डी बचाने की कोशिश करने लगी।
अब हमारे बीच में भाभीजी की चड्डी को।लेकर खींचतान होने लगी। भाभीजी उनकी चड्डी खोलने नहीं दे रही थी और मैं उनकी चड्डी को खोलने के लिए लालायित हो रहा था।
तभी मैं भाभीजी की चड्डी को खिंचता हुआ उनके घुटनो तक ले आया।अब भाभीजी ने कसकर चड्डी पकड़ ली। इधर मैं भाभीजी के होठो को चुस रहा था।
तभी मैंने भाभीजी को ज़ोर से झटका दिया और भाभीजी की पकड़ से उनकी चड्डी निकल गई। बससस्स फिर क्या था! मैंने झट से भाभीजी की टांगो से उनकी चड्डी निकाल फेंकी। भाभीजी उनकी चड्डी को पकड़ते ही रह गई।
भाभीजी पोछा लगाती हुई गेट के सामने आ चुकी थी जहाँ से वो सारा नज़ारा आराम से देख रही थी। तभी छोटी भाभीजी की चड्डी बड़ी भाभीजी के सामने जा गिरी।
अब भाभीजी क्या कहती! भाभीजी ने उनकी देवरानी की चड्डी एक तरफ रख दी। अब चड्डी खुलते ही छोटी भाभीजी की बोलती बंद हो चुकी थी। अब मेने फ़टाफ़ट से मेरा पाजामा खोलकर लण्ड बाहर निकाल लिया।
अब मै झट से भाभीजी की टांगो में आ गया और उनकी टांगो को खोलने लगा।
” रोहित यार भाभीजी के सामने ही मरवाएगा क्या? मै नहीं करने दूँगी।”
” जब भाभीजी को ही एतराज़ नहीं है तो फिर आपको क्यों एतराज़ है?”
” नहीं यार मैं नहीं चुदूँगी। अच्छा नहीं लग रहा है।”
” अभी चुत में लण्ड घुसाते ही सब अच्छा लगेगा।”
मैं भाभीजी को बहुत समझाने की कोशिश कर रहा था लेकिन भाभीजी उनकी टाँगे खोलने के लिए तैयार नहीं हो रही थी। तभी मैने झटका देकर भाभीजी की टाँगे खोल दी। अब भाभीजी की चूत मेरे लण्ड के सामने आ चुकी थी।
अब मै भाभीजी की चुत में लण्ड सेट करने लगा।
” रोहित यार मत डाल अंदर।”
” भाभीजी अब कुछ मत कहो। बसस्स अब देखती जाओ।”
“नहीं यार मत डाल ना। मैं शर्म के मारे मर जाऊंगी। तू भाभीजी के सामने ही मुझे चोद रहा है।”
” तो क्या हुआ भाभीजी! वो भी तो आपकी चुदाई का मज़ा लेगी।”
” यार बुरी फंस गई आज तो मै।”
तभी मैंने भाभीजी की चूत में लण्ड सेट कर ज़ोर से धक्का लगाया और मेरा लण्ड एक ही झटके में भाभीजी की चूत में जा उतरा। तभी भाभीजी की चीखे निकल गई।
“आईईईईई मम्मी। मर्रर्रर्रर्र गईईई।”
अब तो भाभीजी उनकी जेठानी के सामने शर्म से लाल हो चुकी थी। अब मै भाभीजी की दे दना दन ठुकाई करने लगा। आज बहुत दिनों के बाद भाभीजी को आराम से चोदने का मिल रहा था। मै ताबड़तोड़ भाभीजी की चूत में लण्ड पेल रहा था।
“आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह ओह मम्मी। उन्हह बहुत दर्द हो रहा है यार।धीरे धीरे चोद तेरी भाभी को।”
” आज तो कुछ मत कहो भाभीजी। आज तो मै आपको जमकर ही बजाऊंगा।”
” ओह मम्मी मर्रर्रर्रर्र आज तो मै।आह्ह आह्ह आईईईईई सिससस्स आह्ह ओह आईईईई।”
मैं आज भाभीजी को उनकी जेठानी के सामने ही चोद रहा था। महिमा भाभीजी अच्छे से उनकी देवरानी की दर्द भरी चीखे सुन रही थी। मै ताबड़तोड़ भाभीजी की ठुकाई कर रहा था।
” आह्ह आह्ह ओह रोहित। थोड़ा धीरे धीरे चोद। आह्ह आईईईई आईईईईई आह्ह आहा।”
” ज़ोर ज़ोर से ही चोदने दो भाभीजी। तभी तो मज़ा आता है।”
अब भाभीजी भला क्या कहती! वो अब सारी शर्म छोड़कर चुपचाप चुत में लण्ड ठुकवा रही थी। तभी ताबड़तोड़ ठुकाई से थोड़ी देर में ही भाभीजी की चूत में तूफान आ गया और भाभीजी का पानी निकल आया।
अब मेरा लंड भाभीजी की झील में कूद कूदकर नहाने लगा। मेरा लंड भाभीजी की झील में पूरा डूब रहा था।
” आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आह्ह मर्रर्रर्र गईईई। धीरे,,,,, धिरेरे,, आहा आह।”
पानी निकलते ही भाभीजी का बलाउज पसीने में बुरी तरह से भीग चूका था। मै भाभीजी की चूत में झमाझम लण्ड पेले जा रहा था।इधर भाभीजी की जेठानी आराम से उनकी देवरानी को चूदते हुई देख रही थी।
तभी मेने भाभीजी को फोल्ड कर दिया और अब मै खड़े होकर भाभीजी की जमकर ठुकाई करने लगा।
” आईएईई आईईईई आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आह्ह आह्ह मर्रर्रर्र गईईई ओह मम्मी।”
” ओह भाभीजी आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है।”
“अआईईई बहुत दर्द हो रहा है कमीने। आह्ह धिरेरेरे,,, धीरररे।”
मेरा लण्ड खूंखार बनकर भाभीजी की चूत में तबाही मचा रहा था।मै भाभीजी को फोल्ड कर झमाझम चोद रहा था। मेरा लण्ड एकदम सीधा भाभीजी की चूत में घुस रहा था।
” आह्ह आह्ह आह्ह ओह मम्मी। आहा आह्ह सिसस्ससस्स आह्ह।”
मैं आज मौके का जमकर फायदा उठा रहा था। बड़ी भाभीजी छोटी भाभीजी की चीखे सुनते हुए काम कर रही थी। मैं ज़ोर ज़ोर से छोटी भाभीजी को बजा रहा था।
” ओह रोहित बसस्ससस्स,,, अब मेरी कमर दर्द करने लग गई है यार।”
” अभी तो चोदने दो भाभीजी।”
तभी भाभीजी कुछ नहीं कह पाई। मैं भाभीजी की ताबड़तोड़ ठुकाई कर रहा था। भाभीजी फोल्ड होकर बुरी तरह से चुद रही थी। फिर ताबड़तोड़ धक्कमपेल से भाभीजी की चूत के उबाल आ गया और उनका पानी निकल गया।
” आह्ह आह्ह आहा सिससस्स आहा ओह रोहित। मर्रर्रर्र गाईईई।”
फिर मैंने भाभीजी की बहुत देर तक ताबड़तोड़ ठुकाई की। अब मैंने भाभीजी को वापस नॉर्मल कर दिया।
” ओह कमीने इतनी बुरी ठुकाई करते है क्या यार! मेरी जान ही निकाल दी तूने तो।”
” खतरनाक ठुकाई करने में ही तो मज़ा आता है भाभीजी।”
” हां ठीक है लेकिन अब गेट तो बंद कर ले।भाभीजी सब देख रही है।”
” देखने दो भाभीजी को भी। कोई दिक्कत नहीं है।”
तभी भाभीजी आगे कुछ नहीं कह पाई।अब मैंने भाभीजी के बलाउज के हुक खोल दिए और भाभीजी की ब्रा को ऊपर खिसकाकर उनके टाइट बोबो को बाहर निकाल लिया। भाभीजी की ब्रा और बलाउज गीली हो चुकी थी।
” ओह भाभीजी बड़े दिनों के बाद आपके बोबो के दर्शन हुए हैं।”
तभी मैं भाभीजी के बोबो पर टूट पड़ा और उन्हे मुट्ठियों में भर भरकर बुरी तरह से कसने लगा। तभी दर्द के मारे भाभीजी की गाँड़ फटने लगी।
” ओह आहाहा सिसस्ससस्स आईईईई आह्ह धीरे धीरे दबा रोहित। सिसस्ससस्स आह्ह बहुत दर्द हो रहा है।”
” होने दो भाभीजी आह्ह, बहुत मज़ा आ रहा है। आज तो Hindi sex story मै इन्हें बुरी तरह से निचोड डालूँगा।”
भाभीजी दर्द से बुरी तरह से झल्ला रही थी।मै ज़ोर ज़ोर से भाभीजी के बोबो को निचोड रहा था। भाभीजी बेड की चादर को मुट्ठियों में कस रही थी।
” हाय!क्या मस्त चुचे है भाभीजी आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है।”
“ओह मम्मी। आईईईई मर्रर्रर्र गईईई।”
इधर बड़ी भाभीजी आज उनकी देवरानी की चुदाई का लाइव टेलीकास्ट देख रही थी। फिर मेने थोड़ी देर में ही भाभीजी के बोबो को बुरी तरह से निचोड़ डाला।
अब मैं भाभीजी के बलाउज को खोलने लगा तभी भाभीजी फिर से नखरे करने लगी।।
” यार रोहित इसे तो मत खोल ना। तू ऐसे ही कर ले ना।”
” अब भाभीजी ये तो खोलना ही पड़ेगा।”
तभी मेने भाभीजी की ब्रा और बलाउज को उनके जिस्म से अलग कर फेंका।अब भाभीजी ऊपर से नंगी हो चुकी थी। अब भाभीजी के चेहरे का रंग उड चूका था।
तभी मेने भाभीजी के बोबो को लपक लिया और फिर सबड़ सबड़ कर भाभीजी के मस्त रसभरे बोबो को चूसने लगा।
” आह्ह! क्या मस्त टेस्ट का भाभीजी के बोबो का। आह्ह! मज़ा आ गया था यारो।”
मैं झटके मार मारकर भाभीजी के बोबे चुस रहा था। आज बहुत दिनों के बाद मुझे भाभीजी के बोबे चूसने के लिए मिले थे। मैं भाभीजी के बोबो को बढ़िया तरीके से लपक रहा था।
” ओह रोहित उन्ह आहा सिसस्ससस्स आह्ह।”
” ओह भाभीजी बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह। आज तो पूरा रस पी जाऊंगा। आह्ह।”
” हूँ, चुस ले अच्छे से।”
अब तो भाभीजी भी उनके चूचो को निचोडने का ऑर्डर दे चुकी थी। मै भाभीजी के बोबे चूसने में पागल सा हो रहा था। भाभीजी आराम से मेरे बालो में हाथ डाल रही थी।
फिर मेने बहुत देर तक भाभीजी के बोबो को चुसा।
कोई भी भाभी, चाची आंटी दोस्ती करे