मकान मालिक की बड़ी बहु को पेला–2

कहानी के पहले भाग में आपने पढ़ा कि किस तरह से मैंने मेरे मकान मालिक की बड़ी बहु को सेट किया और फिर मौका मिलने पर उन पर चढ़ गया।अब कहानी आगे…………..

                              जैसे ही भाभीजी की चूत में मेरा लण्ड घुसा तो भाभीजी ज़ोर से चीख पड़ी– आईईईई मम्मी मर गईईईईई।आईईईईई।

                           तभी मैंने लंड बाहर निकाला और फिर से ज़ोर से मेरा लंड भाभीजी की चूत में ठोक दिया।मेरे लंड के इस झटके से भाभीजी को दिन में ही तारे नज़र आ गए और वो बुरी तरह झल्ला पड़ी।

              ” आईईईई अआईईई अआईईई मर गईईईई आईईईई ओह मम्मी।”

                               अब मैं भाभीजी को फोल्ड करके झमाझम चोदने लगा।मेरा लण्ड भाभीजी की टाइट चूत के परखच्चे उड़ाने लगा।मुझे भाभीजी को चोदने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।बहुत दिनों के वेट के बाद मेरे लण्ड को चूत नसीब हुई थी।आज तो मेरे लंड की लॉटरी लग चुकी थी।

               मैं ज़ोर ज़ोर से भाभीजी को पेल रहा था।भाभीजी बुरी तरह से चुद रही थी।

                        ” अआईईई आईईईईई ओह आह आईईईई धीरे धीरे चोद रोहित बहुत दर्द हो रहा है।आईईईई आईईईई मर गई आज तो।आह आह आह आह उन्ह आह आह ओह मम्मी।आईईईई आईईईई अआईईई।”

                                मैं गांड का पूरा जोर लगाकर भाभीजी की चूत में लंड अंदर बाहर कर रहा था।मेरा मोटा तगड़ा लण्ड भाभीजी की चूत फाड़ रहा था।दर्द के मारे भाभीजी पूरी पसीने में नहा चुकी थी।मैं भाभीजी की ज़ोरदार ठुकाई कर रहा था।

                   “आईईईई आईएईई आईईईई उन्ह आह आह आह आह आईईईई ओह मर गई।ओह रोहित आह आह आह आह आईईईई आईईईई।”

                                मैं बिना बोले भाभीजी की खतरनाक ठुकाई कर रहा था।मैं बहुत जोर जोर से भाभीजी की चूत में लंड पेल रहा था।फिर बहुत देर के झमाझम धक्कों के बाद भाभीजी की चूत में उबाल आ गया और उनकी चूत गरमा गरम पानी से भर गई।

अब मेरे लण्ड के हर एक झटके के साथ पच्छ पच्छ पच्छ पच्छ की ज़ोर ज़ोर से आवाज़े आने लगी।

                              भाभीजी पसीने में पूरी लथपथ हो चुकी थी।मैं आज मेरे लण्ड की पूरी प्यास बुझा लेना चाहता था।

                       “आह आह आह अआईईई आह आह उन्ह आह आह ओह रोहित धीरे धीरे डाल।बहुत दर्द हो रहा है।आह आह आह अआईईई।”

                      “भाभीजी आज तो कुछ मत कहो।बस मुझे जी भरकर चोदने दो।”

                        भाभीजी अब क्या कहती?वो चुप हो गई।मै भाभीजी की जबरदस्त ठुकाई कर रहा था।खचाखच धक्कों के बीच भाभीजी फिर से झड़ गई।मेरा लण्ड अभी भी भाभीजी की चूत में तूफान मचा रहा था।

               फिर बहुत देर की पेलमपेल के बाद मैं झड़ने वाला था।फिर मैंने भाभीजी की चूत में लण्ड ठहराया और फिर उनकी चूत को मेरे लण्ड के पानी से भर दिया।अब मैं भाभीजी के जिस्म से लिपट गया और थोड़ी देर भाभीजी से चिपके रहा।

                                  अब मैं उठा और भाभीजी की गांड के नीचे तकिया लगाकर उनकी टांगो को हवा में लहरा दिया।अब मैं कुत्ते की तरह भाभीजी की बहती हुई चूत को चाटने लगा।भाभीजी की चूत का नमकीन रस चाटने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।भाभीजी धीरे धीरे आहे भर रही थी।

                            ” उन्ह आह आह ओह उहह  आईईईईई उन्ह आह ओह उँह।”

                        मैं ताबड़तोड़ भाभीजी की चूत को चाट रहा था।मेरी जीभ भाभीजी की चूत में घूम रही थी।भाभीजी बेबस होकर बेड की चादर को मुट्ठियों में कस रही थी।फिर मैंने बहुत देर तक भाभीजी की चूत चाटी।अब मै भाभीजी की साड़ी उनके पेटिकोट से निकालने लगा लेकिन तभी भाभीजी ने मुझे रोक दिया।

मैं– अरे भाभीजी अब तो सबकुछ ही हो गया।फिर इतना क्यों शरमा रही हो।

भाभीजी– नहीं रोहित,ऐसे ही कर ले ना।

मैं– भाभीजी आज तो मैं आपको पूरी खोलकर पेलूंगा।

                   तभी मैंने भाभीजी के हाथों को दूर हटाया और तुरंत उनकी साड़ी खोलकर फेंक दी।अब मैंने तुरंत ही भाभीजी के पेटिकोट को खोला और भाभीजी को नीचे से पूरी नंगी कर दिया।

                      अब मैं फिर से भाभीजी पर चढ़ गया और उनके बलाउज को खोलने लगा तभी भाभीजी फिर से कसमसाने लगी लेकिन मैंने उनके बलाउज को खोल फेंका।अब भाभीजी के मोटे मोटे बोबे ब्रा के अंदर ही कैद थे।बस अब फिर क्या था।मैंने भाभीजी की ब्रा को भी उनके जिस्म से अलग कर दिया।

                             हाय!क्या अजब गजब नजारा था।जिस भाभीजी के बोबो की एक झलक पाने के लिए मैं तरसता था आज उन्ही भाभीजी के बोबो को मैं पूरा नंगा कर चुका था।ये मेरे लिये बड़े सौभाग्य की बात थी। भाभीजी पूरी नंगी होने के बाद बहुत ही ज्यादा सेक्सी लग रही थी।उनके जिस्म का अंग अंग चमक रहा था।

                   भाभीजी के नंगे बोबो को देखकर मेरे मुंह में पानी आ गया और मैं ज़ोर ज़ोर से भाभीजी के बोबो को मसलने लगा।

                           “आह!क्या मस्त रसदार बोबे थे भाभीजी के!मैं तो बुरी तरह से भाभीजी के बोबो को निचोड़ रहा था।भाभीजी की दर्द के मारे गांड फट रही थी।

                     “आईईईईई आईईईई उन्ह आह आह आह आईईईई मर गई।धीरे धीरे दबा रोहित।बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है।”

मैं– ओह भाभीजी दबाने दो।बहुत मज़ा आ रहा है।आह।बहुत ही गज़ब की माल हो आप।आह।

                         अब भाभीजी क्या करती!वो आहे भरती रही और मैं उनके बोबो को मसलता रहा।थोड़ी देर में ही मैंने भाभीजी के बोबो को मसल मसल कर लाल कर दिया।अब मैंने भाभीजी के बोबो को मुंह में लिया और उन्हें चूसने लगा।

                     आह!क्या गज़ब का टेस्ट था भाभीजी के बोबो में!मैं तो रगड़ रगड़ कर भाभीजी के बोबो को चूस रहा था।भाभीजी अब चुपचाप मेरे बालो को संवार रही थी।भाभीजी के बोबो को चूसने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।फिर मैंने बहुत देर तक भाभीजी के बोबो को चूसा।

                           अब मैंने भाभीजी को पलट दिया।अब भाभीजी की मखमली पीठ और सेक्सी गांड मेरे सामने थी।अब मै भाभीजी की चमचमाती हुई पीठ पर ज़ोरदार किस करने लगा।भाभीजी की पीठ पर किस करने में मुझे अलग ही मज़ा आ रहा था।मै भाभीजी के कंधों को भी चुम रहा था।भाभीजी आहे भर रही थी।

                         “उन्ह आह आह ओह उन्ह आह ओह उन्ह सिसस्ससस्स।”

                           अब मै भाभीजी की पीठ पर किस करता हुआ उनकी सेक्सी गांड पर आ गया और फिर भाभीजी के चुतड़ो पर ताबड़तोड़ किस करने लगा।अब भाभीजी इधर उधर हिलने लगी लेकिन मैंने भाभीजी को अच्छी तरह से दबोच रखा था। भाभीजी के गौरे चिकने चुतड़ो पर किस करने में मुझे जन्नत का सुख मिल रहा था।फिर मैंने भाभीजी की गांड पर बहुत देर तक किस किया।

                       अब मैंने भाभीजी को बेड से नीचे उतार लिया और भाभीजी से घोड़ी बनने के लिए कहा।तो भाभीजी नखरे करने लगी लेकिन फिर मैंने उन्हें घोड़ी बना ही दिया।अब मैंने भाभीजी की चूत में लण्ड सेट किया और फिर भाभीजी की कमर पकड़कर उन्हें झमाझम बजाने लगा।

                          ” आह आह आह आह आईईईई आहा आह आह धीरे धीरे डाल रोहित।आह आह आह आहा ओह मम्मी मर गई।आहा आह आह आह।”

मै–ओह भाभीजी बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है।आह आह आह।आज तो मैं आपकी चूत की ऐसी तैसी कर दूंगा।

                             ” उँह आह आह आह आईईईई आईईईई मर गई।बहुत बड़ा लण्ड है तेरा तो।आह आह आह आईईईई।”

मैं– भाभीजी बड़ा लण्ड ही तो मज़ा देता है।अब देखो आप।

                         भाभीजी के पास मेरी बात का कोई जवाब नहीं था।मैं भाभीजी को घोड़ी बनाकर बुरी तरह से उनकी ठुकाई कर रहा था।भाभीजी दर्द से बुरी तरह से चीख रही थी।मुझे भाभीजी को घोड़ी बनाकर पेलने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।मेरा लण्ड भाभीजी की चूत में पूरा घुस रहा था।

                       तभी थोड़ी देर बाद भाभीजी की चूत में से गाढ़ा माल नीचे बहने लगा।भाभीजी की चूत के रस में मेरा लंड भीग चूका था।मैं तो फुल मस्ती में आकर भाभीजी की चूत में लण्ड ठोके जा रहा था।

                      “आह उँह आह आह आईईईई आईएईई आह आह आहः ओह उन्ह आह आह आह आईईईई।”

मैं–ओह भाभीजी बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है।आह आह आह।

                         फिर मैंने बहुत देर तक भाभीजी को घोड़ी बनाकर पेला।अब मैं भाभीजी की गांड की गहराई को नापना चाहता था।अब मैंने भाभीजी की चूत में से लंड निकाला और उनकी गांड में सेट करने लगा।तभी भाभीजी मेरा इरादा जान गई और गांड मरवाने से मना करने लगी।

भाभीजी– रोहित यार प्लीज उसमे मत डाल।

                          “अरे भाभीजी,आप इतना क्यों डर रही हो?क्या भैया आपकी गांड नहीं मारते है क्या?”

भाभीजी–नहीं, मैं उन्हें नहीं मारने देती हूं।

                              ” तो फिर आज मैं आपकी गांड मार ही लेता हूं।”

भाभीजी– नहीं रोहित यार मत मार।इसके बदले चूत को खूब चोद ले।

                            “नहीं भाभीजी मैं तो अब गांड ही मारूँगा।”

                             तभी भाभीजी उठने की कोशिश करने लगी लेकिन मैंने उन्हें उठने नहीं दिया।अब मैं भाभीजी की गांड में लंड सेट करने लगा।भाभीजी बहुत ज्यादा नखरे कर रही थी।अब मैंने जोरदार धक्का लगाया और मेरा लंड फिसल गया।अब मैंने फिर से भाभीजी की गांड में लण्ड सेट किया और फिर से ज़ोरदार धक्का लगा दिया।अबकी बार मेरा लण्ड भाभीजी की गांड को फाड़ता हुआ पूरा का पूरा अंदर घुस गया।

                   लंड गांड में घुसते ही भाभीजी बुरी तरह से चिल्ला पड़ी।

भाभीजी– आईईईईई मर गईईईई।आईईईईई आईईईई ओह रोहित मैं मर जाऊंगी।बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है।आईईईईई आईईईई प्लीज बाहर निकाल ले तेरे लण्ड को।आईईईईई आईईईई।

                           मेरे लंड के एक ही शॉट में भाभीजी की हालत खराब हो चुकी थी।तभी मैंने भाभीजी की गांड में से लंड बाहर निकाल लिया।भाभीजी ने चैन की साँस ली लेकिन तभी मैंने फिर से भाभीजी की गांड में लण्ड ठोक दिया।भाभीजी फिर से बुरी तरह से चिल्ला पड़ी।

भाभीजी– अआईईई अआईईई आईएईई मर गई।आह आहा आहा आईईईई आईईईई आह आह आईईईई।

                            अब मैं भाभीजी की कमर पकड़कर उनकी कसी हुई गांड में फुल स्पीड में लण्ड ठोक रहा था।भाभीजी की गांड मारने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।भाभीजी दर्द के मारे बहुत बुरी तरह से करहा रही थी।

भाभीजी–आह आह आहा आईईईई आहा आह आईईईई मम्मी।आह आह मर गई।ओह रोहित।उन्ह आह आह आहा धीरे धीरे डॉलल्लल आह उन्ह आईईईई।

                         “ओह भाभीजी बहुत टाइट गांड है आपकी।आह बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है।”

                               अजब गजब नज़ारा था यारो जिस महिमा भाभी से मेरी कभी ठीक से बात भी नहीं होती थी आज उन्ही भाभीजी को मैं पूरी नंगी करके उनकी गांड मार रहा था।महिमा भाभीजी को बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था लेकीन चूत की आग ने आज उनको भी नंगी होने पर मजबूर कर दिया था।हम दोनों बिना किसी शर्म औऱ डर के अपनी आग शांत कर रहे थे।

                       मेरा लंड लगातार भाभीजी की गांड में अंदर बाहर हो रहा था।भाभीजी बेड को पकड़कर गांड मरवा रही थी।फिर थोड़ी देर की गांड ठुकाई के बाद भाभीजी की चूत में से गाढ़ा माल नीचे बहने लगा।भाभीजी फिर से झड़ चुकी थी।अब उनकी चीखे धीमी पड़ चुकी थी।

भाभीजी– उन्ह आह आह आह उन्ह आह आहा ओह रोहित बस आह आहा अब मत कर।

                        ” भाभीजी थोड़ी देर और ।बहुत मज़ा आ रहा है।”

                               मैं गांड हिला हिलाकर भाभीजी की गांड पेले जा रहा था।आज बहुत दिनों के बाद मेरे लंड को मौका मिल रहा था।फिर मैंने बहुत देर तक भाभीजी की गांड मारी।अब मैं भाभीजी को उठाकर वापस बेड पर ले आया।अब मै भाभीजी के रसीले बोबो को फिर से चूसने लगा।आह!कितने नरम और कितने रसदार थे भाभीजी के बोबे आह यारो बहुत मज़ा आ रहा था।

                         भाभीजी बिना किसी नखरों के मुझे बोबो का रस पिला रही थी।मैं सबड़ सबड़ कर भाभीजी के बोबो को चूस रहा था।

भाभीजी– रोहित जल्दी कर, अब बच्चे आने वाले है।

मैं– हां भाभीजी बस कर ही रहा हूँ।

                             फिर मैंने जल्दी जल्दी भाभीजी के बोबे चूसे और फिर वापस भाभीजी की चूत पर आ गया।अब मैंने तुरंत भाभीजी की टांगो को हवा में लहरा दिया और फिर उनकी चूत में लंड ठोक दिया।अब मैं फिर से भाभीजी को बजाने लगा।

भाभीजी– आईईईईई आह आह आह अआईईई उँह आह आईईई ओह उन्ह आह आहा आईईईई।

                            मेरा लण्ड फिर से भाभीजी की चूत में खलबली मचा रहा था।मैं भाभीजी को कसकर पेल रहा था।आज मेरा लण्ड भाभीजी की चूत की पूरी गहराई को नाप चूका था।भाभीजी को चोदने में मुझे जन्नत का मज़ा मिल रहा था।

भाभीजी– आईईईई आईईईई उन्ह आह आह आहा आईईईई उन्ह आह आह आईईईई।

                           इसी बीच भाभीजी फिर से झड़ गई।मेरा लंड फिर से भाभीजी के चूत रस में भीग चूका था।मैं बड़ी शिद्दत से भाभीजी को चोद रहा था।फिर बहुत देर के घमासान के बाद मेरा लंड भी झड़ने वाला था।अब मैं फुल स्पीड में भाभीजी को बजाने लगा।भाभीजी ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी।

                    “आईईईई आईईईई आईईईई आह आह आह आहा आईईईई।”

                          मैंने भाभीजी को खतरनाक धक्कों से बुरी तरह हिला डाला।फिर मैंने लण्ड का गरमा गरम माल भाभीजी की चूत में भर दिया और पसीने से लथपथ होकर भाभीजी से लिपट गया।

                              भाभीजी की लेकर आज मैं बहुत ज्यादा खुश था। भाभीजी भी आज बहुत खुश नज़र आ रही थी।पहली बार उन्होंने किसी दूसरे मर्द का लण्ड लिया था।फिर बहुत देर बाद हम दोनों उठे।

                          पुरे बैडरूम में हमारे कपडे बिखरे पड़े थे।अब भाभीजी उठकर कपडे ढूंढने लगी और पेंटी पहनने लगी। तभी मैंने भाभीजी के हाथ से पेंटी ले ली और खुद मैंने भाभीजी को पेंटी पहनाई।

                             अब मैंने भाभीजी को ब्रा पहनाकर पेटिकोट पहना दिया।अब भाभीजी ने खुद बलाउज पहन कर साड़ी पहन ली।मैं अभी भी भाभीजी के सामने नंगा ही खड़ा था।फिर मैंने भी कपडे पहन लिए।

मैं–बोलो भाभीजी कैसा रहा सफर?

भाभीजी–बहुत ही शानदार।मैंने तो कभी सोचा भी नहीं था कि तू मुझे इतना मज़ा भी दे सकता है।

मैं–अब तो आप ने खुद ही आज़मा लिया ना?

                           ” हां यार। बहुत मस्त तरीके से पेलता है तू। सच में खूब मज़ा आया। बससस्स ये बात अब किसी को पता नहीं चलनी चाहिए।”

                           ” चिंता मत करो भाभीजी। ये राज सिर्फ राज ही रहेगा।”

                              अब भाभीजी ने बेडशीट ठीक की और फिर बच्चो के लिए खाना तैयार करने लगी।थोडी देर बाद बच्चे स्कूल से आ गए।अब मैं फिर से मौक़ा मिलने का वेट करने लगा। भाभीजी बच्चो के साथ बिजी हो गई थी।फिर बहुत देर बाद बच्चे सो गए।अब मैं भाभीजी को दूसरे रूम में ले जाने लगा लेकिन भाभीजी की डर के मारे गांड फट रही थी।लेकिन मैं नहीं माना और भाभीजी को दूसरे रूम में ले गया।

                अब मैंने फटाफट से भाभीजी को बेड पर पटका और उनकी पेंटी निकाल फेंकी।अब मैं नंगा होकर भाभीजी की चूत में लंड डालकर फिर से उन्हें बजाने लगा।

भाभीजी–आह आह आह आहा आईईईई उँह आह आह आईईईई आह आहा अआईईई।

                  मैं भाभीजी को झमाझम चोद रहा था।भाभीजी को पेलने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।फिर थोड़ी देर के झमाझम धक्कों के बाद भाभीजी झड़ गई।फिर मैंने भाभीजी को बहुत देर तक बजाया और उनकी चूत को गरमा गर्म रस से भर दिया।

आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी मुझे मेल करके ज़रूर बताये– rohitwrong24@gmail.com

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