प्रतिभा भाभीजी की दीदी को बजाया-2 – Antarvasnastory2.in

 तभी मुझसे रहा नही गया और मैं दीदी की गौरी चिकनी टांगो को किस करने लगा। आहह दीदी की सेक्सी टांगो को किस करने मे मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। अब दीदी कसमसा रही थी। 

               “आहा सिससिस् ओह्ह् आहाह”

          मैं दीदी की टांगो को जमकर किस कर रहा था। तभी मैं दीदी की मख्खन जैसी जांघो पर पहुँच गया और उनकी जांघो पर झमाझम किस करने लगा। अब दीदी और ज्यादा कसमसाने लगी। 

             ” ओह्म सिसस् अह्हा ओहह मम्मी। “

            दीदी अब पागल सी होकर बेडशीट को मुट्टियो मे भीच रही थी। मै दीदी को पिघला रहा था। अब मैं दीदी की चूत् की भीनी भीनी खुशब् से पागल सा होने लगा। 

                 दीदी पसीने मे भीगने लगी थी। अब मेरे लंड से रहा नही जा रहा था। तभी मैने दीदी की चुत मे लंड सेट कर दिया और फिर दीदी को  मेरी बाहों में कसकर दबा लिया। अब मै दीदी को कसकर चोदने लगा। दीदी फिर से मेरे लंड के तूफान मे उड़ने लगी। 

                          ” आह्ह आह्ह आह्ह ओह रोहित आह्ह बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है। आह्ह सिससस्स।”       

             ”  आज तो मेरे लण्ड की लॉटरी लग गई दीदी। बहुत मज़ा आ रहा है आपको पेलने में।”

                  ” आहाह ओह्ह आईईइ बसस् ऐसे ही बजाता रहे। बहुत मज़ा दे रहा है तेरा लंड आहहा “

                  मैं गांड हिला हिलाकर दीदी की चूत में लंड ठोके जा रहा था।   मेरा लण्ड दीदी की चूत में तगडी धक्कमपेल पेल कर रहा था। मैं दीदी को बजाये जा रहा था। दीदी को कसकर चोदने मे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मेरा मोटा तगडा लंड दीदी की चूत मे लगातार अंदर बाहर हो रहा था। 

                   ” आहाह आह ओहह सिसस् ओह्ह् रोहित। “

                 दीदी जमकर चुद रही थी। तभी दीदी ने मेरी टीशीर्ट उतार फेंकी। अब दीदी मुझे बाहो मे भर लिया और उनके कटिले नाखूनो को मेरी पीठ पर रगड़ने लगी। 

                ”   आहाह ओह्ह ओह्ह आहहह ओह्ह्ह मम्मी। “

                      ” ओहह् दीदी आहाहा बहुत मज़ा आ रहा है। “

                तभी तबदतोड् ठुकाई से दीदी का पानी निकल आया। दीदी फिर से पसीने मे नहा चुकी थी।  फिर मैने बहुत देर तक दीदी को ऐसे ही बजाया। अब मैने दीदी को पलट दिया।

                       अब दीदी का मस्त रसमलाई सा जिस्म मेरे सामने था। दीदी की गौरी चिकनी गजराई पीठ और उनकी सेक्सी गांड को देखकर मेरा लंड तूफान मचाने लगा। दीदी चुपचाप उल्टी पड़ी हुई थी। अब मुझसे रहा नही गया। 

                    अब मैं दीदी के ऊपर चढ़ गया और उनके बालों को एक तरफ हटाकर की गर्दन पर किस करने लगा। दीदी की गर्दन पर किस करने मे मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।  दीदी को मैं जमकर रगड़ रहा था। 

                 अब मैने दीदी का ब्लाउज और ब्रा को खोल फेंका। अब मैं दीदी को पूरी नंगी कर चुका था। अब मै दीदी के कंधो  पर ज़ोरदार किस करने लगा।इधर मेरा लण्ड अब दीदी की गांड में घुसने के लिए दबाव बनाने लगा। दीदी बुरी तरह से मेरे नीचे दबी हुई थी। मैं दीदी कंधो पर किस करते हुए उनके कानो को चूमने लगा। तभी दीदी बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी।

                        ” ओह सिससस्स उँह रोहित।”

                              दीदी बेचने होती जा रही थी। अब मै दीदी की मखमली पीठ पर किस करने लगा। तभी दीदी गद्दे को  मुट्ठियों में कसने लगी।  मुझे दीदी की शानदार मख़मली गजराई पीठ पर किस करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।  मेरे थुक से दीदी की पीठ पूरी गीली हो चुकी थी।  फिर मैं तुरंत दीदी की गांड पर आ गया  और फिर दीदी की सेक्सी गांड पर ज़ोरदार किस करने लगा।

                   ” ओह दीदी बहुत ही मस्त शानदार गांड है। आह्ह मज़ा आ जायेगा।”      

                           अब मैं दीदी  के मस्त सेक्सी चुतडो पर ताबड़तोड़ किस करने लगा। तभी दीदी को गुदगुदी होने लगी। और दीदी  गांड को इधर उधर हिलाने लगी। लेकिन मैं तो दीदी के ऊपर बुरी तरह से टूट पड़ा था।

                            दीदी  के चुतड़ो पर किस करने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। दीदी के चिकने और गोल गोल चूतड़।मुझे बहुत ज्यादा मज़ा दे रहे थे।  इधर मेरा लण्ड दीदी की गांड में घुसने के लिए तड़पने लगा था लेकिन मै दीदी की गांड मारने से पहले उन्हें घोड़ी बनाकर पेलना चाहता था।

                अब मैने मामीजी से घोड़ी बनने के कहा। तभी दीदी बिना कोई नखरे किये बेड पर घुटने टेककर घोड़ी बन गई। अब मै दीदी के चूत के छेद में लण्ड सेट करने लगा। अब मैने ज़ोर से धक्का लगाया और मेरा लंड फिर से दीदी की चूत फाड़ता हुआ पूरा अंदर घुसस्स गया। 

                       ” आईईईई मम्मी। मरर्रर्र गईईईई।बहुत दर्द हो रहा है यार। उन्हह।”  कोई बात नहीं दीदी।

                            अब मै मामीजी की कमर पकड़ कर दीदी को दे दना दन बजाने लगा। दीदी को अब घोड़ी बनाकर पेलने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। दीदी जमकर लंड ले रही थी।

                          ” आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह आह्ह। धीरेरे,,,, धीरेरेरे।

                            “ओह मेरी घोड़ी,, आहहह आह्ह बहुत ज्यादा  मज़ा आ रहा है तुझे बजाने में। बहुत मस्त माल है तू।”

                               मेरा  झमाझम दीदी की चूत की सैर कर रहा था। दीदी घोड़ी बनकर मेरा लंड ले रही थी। मै भी घोडा बनकर दीदी की चूत में जमकर लंड पेल रहा था। दीदी को घोड़ी बनाकर पेलने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। मेरे लंड के हर एक झटके से दीदी बहुत बुरी तरह से हिल रही थी।  तभी दीदी का पानी निकल गया और दीदी का चिकना जिस्म पसीने में भीग गया।

                            “आह्ह आहाः अहह आहाहा सिसस्ससस्स उन्ह आह्ह आहाहाह आहाहा आह्ह ओह………उन्ह।”

                        ” ओह दीदी आह्ह बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है।”

                   मेरे लंड के झटकों से दीदी की चूत से पानी निकलकर गद्दे पर टपकने लग गया था। मै दीदी को खूब जमकर बजा रहा था। मै गांड हिला हिलाकर दीदी की चूत में लंड डाल रहा था।

                           अब मेने दीदी  की कमर को छोड़ दिया और दीदी  के बालो को पकड़ लिया। अब मैं दीदी के बाल पकडकर जमकर बजाने लगा।

                        ” ओह आह्ह आहाः आह्ह  आईईईई सिससस्स।”

                          दीदी को भी चूत आग बुझाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।  मैं दीदी  की चूत में झमाझम  लण्ड ठोके जा रहा था। दीदी भी घोड़ी बनकर बुरी तरह से चुद रही थी। तभी एकबार फिर से दीदी का पानी निकल गया।

                        ” आह्ह आह्ह आह्ह ओह रोहित अब थोड़ी देर रुक जा यार। बहुत थक गई हूं।”    

                    “अभी तो बजाने दो दीदी। “

                       फिर थोड़ी देर की तबड़तोड़ ठुकाई के बाद  अब मेरा लण्ड भी झड़ने वाला था। तभी मैंने दीदी को वापस गद्दे पर पटक दिया और तुरंत दीदी की टांगे खोलकर चूत में लण्ड ठोक दिया। अब मै दीदी को ताबड़तोड़ बजाने लगा।

                ” आईईईईई आईईईई सिससस्स आईईईई आईईईई”

                       तभी थोड़ी देर की झमाझम के बाद मैने दीदी की चूत में लण्ड रोक दिया। तभी दीदी की चूत मेरे लण्ड के पानी से लबालब भर गई। अब हम दोनों ही बुरी तरह से झड़ चुके थे। फिर हम दोनों बहुत देर तक ऐसे पड़े रहे। 

 अब मैं थोड़ी देर बाद फिर से शुरू हो गया और फिर दीदी के मस्त रसीले बोबो को चूसने लगा। दीदी के रसीले बड़े बड़े बोबे चूसने मे मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। 

             ” ओहह दीदी बहुत रस् भरा है इनमे तो। “

         ” हाँ रोहित। खूब चुस। “

          मै झमाझम दीदी के बोबो का रस पी रहा था। दीदी अब बिना किसी झिझक के बोबे चुस्वा रही थी। मै दीदी के बोबो का जमकर मज़ा ले रहा था। इधर मेरा लंड फिर से लोहे की रॉड बन रहा था। 

             “ओह्ह् सिसस् आहाह ओहह रोहित। “

           दीदी बहुत ज्यादा अकड रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे दीदी के बोबे बहुत टाइम से किसी ने चूसे नही है। दीदी बहुत ज्यादा आतुर हो रही थी। मै दीदी के बोबो को चूसे जा रहा था। फिर मैंने बहुत देर तक दीदी के बोबे चूसे। 

                        अब मैं दीदी के मक्खन जैसे पेट पर किस करते हूए उनकी चुत पर पहुँच गया। मैने दीदी की गांड के नीचे एक तकिया लगा दिया।

                       अब मैं दीदी  की चूत में उंगलिया पेलने लगा। दीदी की चूत भट्टी की तरह जल रही थी। अब मै दीदी की चूत में आग लगाने लगा। तभी दीदी कसमसाने लगी।

                                “उन्ह ओह सिसस्ससस्स ओह आहाहाह सिसस्ससस्स ऊँह ओह  रोहित। धीरे धीरे करर्रर्र आह्ह।”

                                ” ओह  करने दो दीदी। आह्ह बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है।बहुत आग लगी है आपकी चूत में।आज सारी आग बुझा दूंगा।”

                               मैं ज़ोर जोर से दीदी की चूत में उंगलिया पेल रहा था। दीदी बिन पानी की मछली की तरह तड़प रही थी। वो गद्दे को मुट्ठियों में भीच रही थी। गद्दा बार बार सिकुड़ रहा था।

                          “उन्ह ओह सिसस्ससस्स आह्ह ओह साले ,,,धीरेरेरे ,,, धीरेरे।”

                                मै दीदी  की चूत में ज़ोर ज़ोर से उंगलिया पेल रहा था। दीदी दर्द से तड़प रही थी। मुझे दीदी की चूत सहलाने। मे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। दीदी दर्द से बुरी तरह से झल्ला  रही थी। 

                “ओह्ह्ह आहा सिसस् आहहा ओह्ह्ह्”

           मै दीदी की रसिली चूत मे उंगलिया पेले जा रहा था।  तभी दीदी खुद को नहीं रोक पाई पाई और उनका  पानी निकल गया।तभी मेने दीदी की चूत पर मुँह रख दिया और दीदी की बहती हुई चूत का पानी पीने लगा।

                                दीदी अब मुझे उनकी चूत पर दबाने लगी। मैं दीदी की चूत को चाट रहा था।

                               ” ओह मम्मी। मर गई। “

            मै दीदी का नमकिन रस् चाट रहा था। फिर मैंने मौसी की चूत की बूंद बूंद को चाट लिया। पानी निकलते ही मौसी बुरी तरह से नसते नाबुत हो गई थी। अब मेरा लंड फिर से दीदी को बजाने के लिए तैयार था।  Antarvasna

                       अब मैंने फिर से दीदी की टांगे खोल दी और फिर दीदी की    की चूत में लण्ड दाग दिया। अब मैं दीदी  को फिर से बजाने लगा।

                 ” आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह सिससस्स ओह “

           ” ओह्ह दीदी आपकी खूबसूरती चखने मे बहुत मज़ा आ रहा है। बहुत ही मजेदार खूबसूरती है आपकी। “

                ” आहाह ओहह सिस्स् चख आराम से। “

                  ” हाँ दीदी। बहुत मज़ा आ रहा है। “

                                   मैं दीदी को खचाखच बजा रहा था। अब मेरा लण्ड दीदी की चूत को भोसड़ा बनाने में लगा हुआ था। दीदी टांगे हवा में लहरा कर झमाझम चुद रही थी। मेरा लंड दीदी की खूबसूरती चखने मे लगाहुआ था। 

                 ” आह्ह सिसस आहाहा आराम से चोद तेरी दीदी को। “

             ” ओहह् दीदी मैं तो जमकर ही बजाऊंगा आपको। “

             तभी दीदी चुप हो गई। मै दीदी की चूत मे दे दना दन् लंड पेले जा रहा था। दीदी जमकर लंड ले रही थी। तभी दीदी की चूत फिर से पानी से लबालब भर गई। फिर  मैंने दीदी को खूब बजाया।

                              अब मैं दीदी के ऊपर चढ़ गया और दीदी के मुंह को खोलकर लंड पेलने की कोशिश करने लगा। लेकिन दीदी मुँह खोलने को तैयार नही हो रही थी।  मै  बार बार कोशिश कर रहा था लेकिन दीदी मान नही रही थी। 

               ” दीदी क्या कर रही हो आप? खोलो ना मुंह “

             ” नही ”      अरे यार दीदी अब नखरे मत दिखाओ। जल्दी खोलो यार। “

                   फिर बड़ी मुश्किल से दीदी ने मुंह खोला। अब मैंने दीदी के मुंह मे लंड सेट् कर दिया और फिर दीदी के ऊपर झुककर दीदी के मुँह मे लंड पेलने लगा।     

                “आह्ह दीदी आहह बहुत मज़ा आ रहा है।  आह। “

                मै गांड हिला हिलाकर दीदी के मुँह मे लंड पेल रहा था। मै दीदी के मुँह को बजाए जा रहा था। दीदी के मुंह को बजाने मे मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। 

                    ” ओह्ह दीदी आहा बहुत ठंडक मिल रही है मेरे लंड को। आहाह। “

                   फिर मैने बहुत देर तक दीदी के मुंह मे लंड पेला। अब मैं दीदी के उपर से नीचे उतर आया।  अब दीदी  मेरे ऊपर चढ़ गई। अब दीदी मेरे ऊपर चढ़कर हमला करने लगी। वो मेरे होंठों को बुरी तरह से चूसने लगी। अब दीदी भूखी शेरनी बन चुकी थी। मैं दीदी को आज उनकी भूख मिटाने का पूरा मौका दे रहा था।

                  अब बैडरूम फिर से ऑउच्च पुच्च ऑउच्च पुच्च की आवाज़ों से गूँज रहा था। दीदी मेरे होंठो को बुरी तरह से खा रही थी।

              दीदी ताबड़तोड़ किस कर रही थी। फिर वो कुछ ही देर में मेरी चेस्ट पर आ गई और फिर शेरनी की तरह टूट पड़ी। 

                  अब दीदी ताबड़तोड़ मेरी चेस्ट पर किस कर रही थी। वो बीच बीच में मेरी चेस्ट पर बाईट भी कर रही थी। दीदी को किस करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।

            “ओह आह्ह सिसस्स ओह दीदी। आहा।”

              मै दीदी के बालो को सम्हाल रहा था। फिर दीदी किस करती हुई मेरे लंड पर पहुँच गई। अब दीदी ने मेरे लण्ड को पकड़ा और उसे मसलने लग गई।

            दीदी मुस्कुरा रही थी। ” बहुत ही वजनदार हथियार है तेरा तो। “

                    ” हा दीदी। तभी बहुत मज़ा देता है मेरा हथियार। “

                    ” हां यार। मज़ा तो खूब देता है। “

                  दीदी मुस्कुराती हुई मेरे लण्ड को मसल रही थी। दीदी को मेरा लण्ड मसलने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। वो मेरे लण्ड को मसल मसल कर लाल कर चुकी थी।

                           अब दीदी में छपाक से मेरे लंड को मुँह में भरा और फिर झमाझम मेरे लण्ड को चूसने लग गई।

           “उँह ओह  आहहह बहुत अच्छा लग रहा है। आह्ह आह्ह।”

                           दीदी मेरे लण्ड पर कहर बनकर टूट पड़ी थी। वो लबालब मेरे लण्ड को चुस रही थी। दीदी को मेरा लंड चूसने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। तभी मेने मेरी टांगे दीदी के कंधों पर रख दी। अब दीदी मेरे लंड को पूरा ले चुकी थी।वो ज़ोर ज़ोर से मेरे लंड को झटका दे रही थी।

               ओह साली,,, आह्ह ओह और चुस।आह्ह। बहुत बड़ी खिलाडी है तू।”

                         दीदी के बाल मेरे लंड को ढक को ढक चुके थे। दीदी लबालब लंड को चुस रही थी। दीदी मेरे मोटे तगड़े लंड से बहुत ज्यादा खुश नज़र को रही थी। दीदी ज़ोर ज़ोर से मेरे लंड को चुस रही थी।

                     ” अहाहा सिस्सस् ओह्ह दीदी बहुत मज़ा आ रहा है। ”   

                फिर दीदी ने बहुत देर तक मेरे। लंड लंड को चूसा। अब दीदी मेरे लंड के ऊपर बैठ गई और दीदी ने मेरे लंड को चूत मे  फंसा लिया और दीदी उछल उछल कर चुदने लगी।

           “ओह आहाहाह आहाहा उँह सिसस्ससस्स ओह साले हरामी। आहाहाह आह्ह।”

         ”  ओह साली  आह्ह बहुत ज्यादा मज़ा रहा है।””

                      दीदी उछल उछल कर चुद रही थी। दीदी के हर झटके के साथ ही उनके बोबे ज़ोर ज़ोर से हिल रहे थे। दीदी को मेरे ऊपर चढ़कर चुदाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। वो लपक्क्कर लंड ले रही थी।

          ” उँह ओह सिसस ओह्ह् साले कुत्ते। आह्ह।”

            ” ओह्ह् साली आहहा बहुत मज़ा आ रहा है। “

                      दीदी जोर जोर से झटके मार रही थी। दीदी की चुदास को देखकर लग रहा था कि दीदी की ताबड़तोड़ ठुकाई हुए कई साल बीत चुके थे। आज दीदी मेरे साथ पूरी खुल चुकी थी। वो फूल स्पीड में चूत में लंड ले रही थी।

              ” आहा सिससस्स आह्ह ओह साले। आह्ह सिससस्स आह्ह। ओह।”

                “ओह दीदी। बहुत मज़ा आ रहा है। आहा।”

फिर बहुत देर के बाद दीदी हांफने लगी और दीदी का पानी निकल गया। अब दीदी मुझसे लिपट गई। दीदी बुरी तरह से थक चुकी थी।।

                       फिर थोड़ी देर बाद  अब मैने दीदी को वापस बेड पर पटक दिया और फिर से दीदी की टांगो को कंधों पर रखकर दीदी की चुत में लंड ठोक दिया। अब मै दीदी को फिर से ताबड़तोड़ तरीके से चोदने लगा।

                    ” ओह  आह्ह सिसस्ससस्स आह्ह ओह साले हरामी।”

                   ” बहूत पेलूंगा आज तो आपको।”

                      “पेल ले साले।”

             मै दीदी को जमकर बजा रहा था। दीदी भी लंड ठुकवाने मे  पीछे नही हट रही थी। तभी मैने दीदी को फोल्ड कर दिया। अब मैं खड़ा होकर दीदी की चूत में दे दना दन लण्ड पेल रहा था।

                  ” आह्ह आहा ओह सिसस्स आह्ह मरर्रर्र गईईई।”

             ” ओह दीदी बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है। आह्ह।”

                           दीदी की टाँगे उनके सिर की ओर मुड़ी हुई थी।दीदी ने खुद टाँगे पकड़ रखी थी। मै ताबड़तोड़ दीदी को बजा रहा था। मेरा लंड एकदम सीधा मामीजी की चूत के पर्दे फाड़ रहा था।

                      ” ओह सिससस्स  धीरेरे धीरेरेरे रोहित। आह्ह मेरी चूत फट जायेगी।”

                ” फटने दो दीदी। ये फाडने के लिए ही तो होती है।”

                          तभी दीदी चुप हो गई वो समझ चुकी थी कि आज मुझे रोकना उनके बस की बात नहीं है। मै दीदी की ज़ोरदार ठुकाई कर रहा था।दीदी की चूत और मेरे लण्ड के घमासान से बेड चुड चुड करने लगा था।

                ” आह्ह आहा ओह सिसस्स आह्ह “

             ” ओह्ह् दीदी आहाहा बहुत मज़ा आ रहा है। “

                    तभी ताबड़तोड  ठुकाई से  दीदी की चूत में तूफान आ गया और वो पानी पानी हो गई।अब मेरा लण्ड दीदी की झील में डुबकी लगा रहा था।दीदी फिर से पसीने से नहा चुकी थी।

                ” आह्ह आह्ह सिसस्स आह्ह ओह रोहित।”

            फिर मैने दीदी को बहुत देर तक ऐसे ही फोल्ड करके बजाया। दीदी बहुत ज्यदार थक चुकी थी। अब मैं बेड से नीचे उतर आया और फिर दीदी की टांगे पकड़कर उन्हे नीचे खीच लिया। 

                   अब मैने दीदी को नीचे बैठा दिया और फिर दीदी के मुँह मे लंड सेट् कर दिया। अबकी बार दीदी ने बिना कोई नखरे। किये चुपचाप लंड सेट करवा लिया। अब मैं दीदी के सिर को पकड़कर उनके मुँह मे जमकर लंड पेलने लगा। 

                 ” अहह सिस्सस् ओह्ह् दीदी बहुत मज़ा आ रहा है। “

             अब मै दीदी के मुँह में घपाघप लण्ड पेल रहा था। मै दीदी बालों को पकड़कर उनके मुँह की जमकर ठुकाई कर रहा था। दीदी सकासक मेरे लंड को ले रही थी।

                      ” उन्ह उन्ह उन्ह सिससस्स उन्ह उन्ह।”

           ” ओह मेरी प्यारी दीदी आह्ह आह्ह ओह ओह।”

           मै गांड हिला हिलाकर दीदी के मुँह मे लंड पेले जा रहा था। दीदी। आराम से मुंह मे लंड ठुकवा रही थी। मै दीदी के मुंह को जमकर चोद रहा था। फिर मेने बहुत देर तक दीदी के मुँह में लंड पेला।

                 अब मैंने दीदी से घोड़ी बनने के लिए कहा। तभी दीदी तुरंत घोड़ी बन गई। अब मैं दीदी की गांड के सुराख़ में लण्ड सेट करने लगा तभी दीदी उछल पड़ी और गांड मरवाने से मना करने लगी।

                    ” रोहित यार मैं गांड मे नही डलवाउंगी। “

           ” दीदी जब आपने चूत मे ही डलवा लिया तो फिर गांड मे भी डलवा ही लो। “

              ” नही यार मैं गांड मे कुछ नही करने दूँगी। इसके बदले चाहे तो तु चूत मार ले। “

            ” दीदी चूत तो मै फाड़ चुका। अब तो मै आपकी गांड ही फ़ाडुंगा। “

          तभी मैने फिर से दीदी को घोड़ी बना दिया। दीदी की तो गांड मरवाने से पहले ही बुरी तरह से गांड फट रही थी। 

                 अब मैने मामीजी की गांड में लण्ड सेट करने लगा। 

               “यार आज तू मेरी फाड़कर रख देगा। “

              ” देखते है आपकी गांड मे। कितना दम है? 

                तभी मैने ज़ोर का झटका देकर दीदी की गांड में लंड पेल दिया। मेरा लण्ड एक ही झटके में दीदी की गांड फाड़ता हुआ पूरा अंदर घुस गया। तभी दीदी ज़ोर से चिल्ला पड़ी।

                          आईईई मम्मी मर्रर्रर्रर्र गाईईई। आईईईईई आईईईईई मम्मी। आईईईईई आईईईईई।

                           मेरा लण्ड दीदी  की गांड में बुरी तरह से फंस गया था। तभी मैने लण्ड बाहर निकाला और फिर से दीदी  की गांड में लंड ठोक दिया। अबकि बार मेरा मोटा तगड़ा लण्ड दीदी की गांड में पूरा अंदर तक घुस  चूका था। तभी दीदी फिर ज़ोर से चीख पड़ी।

                          ” आईईईईई मम्मी। “

                             अब मै दीदी  की कमर पकड़ कर उनकी की गांड में झमाझम लण्ड ठोकने लगा। आहाः!  दीदी की गांड मारने में मुझे बहुत ही ज़्यादा मज़ा आ रहा था।  मेरा लण्ड फूल स्पीड में दीदी की गांड नाप रहा था। दीदी घोड़ी बनकर गांड मरवा रही थी।

                              ” आहाहाह आह्ह आहाहा आईईईई आईईईई। बहुत दर्द हो रहा है यार। आईईईईई आईईईई धीरे धीरे डाल। आह्ह आहहह।”

                          ओह डालने दो।दीदी आहा क्या मस्त गांड है आपकी। आज तो मै आपकी  खूब  गांड  मारूँगा।

                               मैं दीदी  की गांड में फूल स्पीड में लण्ड पेल रहा था। दीदी बहुत बुरी तरह से करहा रही थी। दीदी का हाल बेहाल हो रहा था। मै मस्ती से दीदी की गांड मार रहा था। मेरा मोटा तगडा लंड दीदी की गांड के परखचे उडा रहा था। 

                        “आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह सिसस्ससस्स आह्ह आह्ह ओह रोहित। धीरे धीरे……..आईईईईई आईईईई ओह मम्मी।”

                 ” आह्ह्  बहुत ही मस्त टाइट गांड है। ओहह् दीदी बहुत मज़ा आ रहा है। अहाहा। “

                 मैं ताबड़तोड  दीदी की गांड मे लंड पेल् रहा था। दीदी की मदमस्त गांड मारने मे मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।  तभी दीदी का जिस्म अकड़ने लगा और फिर दीदी का पानी निकल गया। अब दीदी  का पानी चूत से  फर्श पर पड़ने लगा।

                        “आह्ह आह्ह आह्ह ओह आईईईईई आईईईई अआहः आह्ह आह्ह ओह मर्रर्रर्रर्र गईईईई मम्मी। आईईईईई आईईईईई।”

               ” हाय क्या मस्त गांड है आपकी। अहहा मज़ा आ गया। “

                  फिर मैंने दीदी की बहूत देर तक गांड मारी। 

                        गांड फड़वाने के बाद दीदी बहुत बुरी तरह से थक चुकी थी। उनकी शक्ल देखने लायक थी। दीदी चुपचाप बेड पर पड़ गई। अब मैं भी बेड पर आ गया। अब दीदी मे और ज्यादा लंड ठुकवाने की ताकत नही बची थी। 

                  ” रोहित तूने तो मेरी फाड़ दी। “

          ” वो तो फटनी ही थी दीदी। बहुत टाइट गांड थी आपकी। लेकिन या मैंने उसके सुराख को ढीला कर दिया है। “

                ” हाँ यार। मेरी गांड का छेद टाइट तो बहुत था। अच्छा हुआ तूने आज इसको फाड़ दिया। “

                ” हां दीदी। “

               अब मेरा लंड फिर से दीदी की फाड़ने के लिए बेताब हो रहा था। अब मैने   अब मैंने दीदी की चूत मे लंड फीट कर दिया और फिर दीदी की चूत मे लंड ठोककर फिर से दीदी की चूत की धज्जिया उड़ाने लगा। दीदी फिर से मेरे लंड के घमसान मे उड़ने लगी। 

             ” आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह उन्ह सिसस्ससस्स आह्ह।”

                    मैं गाँड़ हिला हिलाकर दीदी को ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था। मेरे लंड के झटकों से दीदी के आम बहुत बुरी तरह से हिल रहे थे।

                     ” उन्ह सिससस्स आह्ह ओह रोहित बससस्स ऐसे ही बजा। आह्ह आह्ह।”

                  ” हां दीदी। बजा रहा हूँ।”

               ” आहह आहाह सिसस बहुत आराम मिल रहा है।”

           मैं दीदी को जमकर बजा रहा था। दीदी भी मस्ती में डूबकर मेरा लण्ड ले रही थी। मै दीदी को झमाझम बजाये जा रहा था। तभी दीदी का पानी निकल गया।

                ” ओह्ह रोहित। सिसस्ससस्स।”

               मै दीदी को बजाए जा रहा था।  फिर मैंने  को बहुत देर तक दीदी को बजाया। अब मेरा माल भी गिरने वाला था। अब मेने दीदी को कसकर दबाया और फिर दीदी की चूत  को गर्म माल से भर दिया।

                     अब मैं पसीने से लथपथ होकर। दीदी से लिपट गया। आज मैं दीदी की खूबसूरती का स्वाद चखकर बहुत ज्यादा खुश था। दीदी भी मुझसे ठुकवाकर बहुत ज्यादा खुश थी। मै आज दीदी के अंग् अंग को हिला चुका था। 

                   ” ओह्ह् रोहित। बहुत मस्त ठुकाई की है तूने। मज़ा आ गया। “

              ” तो फिर इस मजे का क्या इनाम दोगी आप? “

            ” इनाम? अब तूने मेरा सबकुछ तो ले लिया है। अब जो तेरी जो मर्ज़ी हो वो मांग लेना। “

                 ” टाइम आने दो। मै इस मस्त ठुकाई का इनाम तो लूंगा आपसे। “

             ” हाँ, हाँ ले लेना। “

                  “बहुत ही मस्त हथियार है यार तेरा। बहुत मज़ा देता है। “

            ” हाँ दीदी। ये सबको ही बहुत मजे देता है। बस मजे लेने वाली दमदार होनी चाहिए। “

             ” हां यार तेरे लंड को लेने वाली तो दमदार ही होनी चाहिए। अगर हल्की फुलकी ने तेरा लंड ले लिया तो तु उसकी जान निकाल देगा। “

               ” हां दीदी। ये मेरा लंड है ही ऐसा। “

                 ” चल यार अब उठते है। बहुत देर हो गई है। अभी तो पता नही प्रतिभा मेरे बारे मे क्या क्या सोच रही होगी? “

            ” अरे आप बिंदास रहो। उनकी तरफ से आपकों कोई दिक्कत नही आएगी। “

                     तभी दीदी उठी और कमरे मे तीतर बितर पड़े कपड़ो को इकठ्ठा करने लगी। मै दीदी के  नंगे मदमस्त जिस्म को ताड रहा था। उनकी गांड फिर से मेरे लंड मे आग लगा रही थी। 

                    अब दीदी ने तुरंत चड्डी पहनकर ब्रा पहन ली। फिर दीदी ने पेटीकोट ब्लाउज पहनकर साड़ी पहन ली। मै नंगा ही पड़ा था। अब दीदी बेडरूम से बाहर जाने लगी। तभी मैने दीदी का हाथ पकड़ लिया। 

             रुको दीदी, चल जाना। “

        तभी दीदी मुस्कुराने लगी ” अब क्या है। सबकुछ तो कर लिया तूने। “

             ” अभी मेरे लंड की प्यास बुझी नही है दीदी। “

                तभी मैने दीदी को बाहों मे कस लिया और फिर दीदी के बोबो को मसलते हुए दीदी को बुरी तरह से रगड़ने लगा। अब दीदी फिर से गांड फड़वाने के लिए बेताब हो रही थी। 

                   तभी मैंने दीदी को बेड के सहारे घोड़ी बना दिया। अब मैंने तुरंत दीदी की चड्डी को नीचे सरकाया और फिर दीदी की गांड मे लंड सेट कर दीदी की झमाझम गांड मारने लगा। दीदी फिर से मेरे लंड के कहर को झेल रही थी। 

                ” अहह आहाहा आहहा ओह्ह सिस्सेस्स आईई मम्मी। “

                     ” ओह्ह् दीदी। ”    

               मै दीदी की कमर पकड़कर उनकी गांड मे  ताबड़तोड लंड सरका रहा था। दीदी उनकी गांड मे जमकर लंड ले रही थी। उन्हे गांड की ठुकाई करवाने मे बहुत मज़ा आ रहा था। 

                     ” ओह्ह्ह अहाह सिस् अहाहा। ”   

               तभी धुंआधार ठुकाई से दीदी का पानी निकल गया। मेरा लंड दीदी की गांड की सवारी कर रहा था। फिर मैंने दीदी की बहुत देर तक गांड ठुकाई की। 

                      दीदी फिर से बहुत बुरी तरह से ठुक चुकी थी। अब दीदी खड़ी हो गई और उन्होंने चड्डी पहनकर साड़ी को फिर से एडजेस्ट किया। दीदी के चेहरे पर सुकून नजर आ रहा था। अब दीदी बेडरूम से बाहर निकल गई। 

                  कुछ देर बाद मै भी बेडरूम से बाहर आ गया। भाभीजी का बेडरूम पूरा गंदा हो चुका था। उनकी बेडशीट और फर्श पर दीदी के पानी के धब्बे नज़र को रहे थे। 

                        अब दीदी और भाभीजी किचन मे थी। दोनो बहने आराम से बातें कर रही थी जबकि दीदी थोड़ी देर पहले ही उनकी गांड और चूत दोनो फडवा कर आई थी। इस बात का वो ज़रा भी एहसास नही होने दे रही थी। 

              ” मै बेडरूम की सफाई कर आती हूँ। “

                  तभी भाभीजी बेडरूम की सफाई करने निकल गई। तभी दीदी मुस्कुरा पड़ी। 

            ” कमीने बहुत बुरी तरह से पेला तूने। मेरी गांड और चूत दोनो मे जलन लग रही है। “

            ” आप हो ही इतनी खूबसूरत कि आपकी ज़ोरदार ठुकाई तो होनी ही थी। “

                 ” सच मे तेरा लंड बहुत कमाल का है। “

             ” आपकी गांड भी बहुत कमाल की है दीदी। “

            दीदी आज मुझसे ठुकवा कर बहुत ज्यादा खुश थी। दीदी की लेकर मेरे लंड की बल्ले बल्ले हो चुकी थी। 

  मेल् करके बताए आपको कहानी कैसी लगी 

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