नई नवेली भाभी की कामुकता – 1

हैल्लो दोस्तों, में आज आप सभी लोगों को अपनी एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ,

जिसमें मैंने अपनी एक भाभी को अपनी चुदाई से संतुष्ट किया और उनकी प्यास को बुझाया,

वो दिखने में एकदम सेक्सी माल थी और मेरी नजर उनके ऊपर से हटने को कभी भी तैयार नहीं होती थी. पहली नजर में ही में उनको चोदने के सपने देखने लगा था.

अब में सबसे पहले अपना परिचय आप सभी से करवा देता हूँ, मेरे घर में मेरी माँ, पापा, में और मेरी एक बहन है, मेरी बहन की शादी हो गई है और अब में और मम्मी,

पापा हम तीनों रहते है. दोस्तों मैंने डॉक्टर बनने के लिए पेपर भी दिए,

क्योंकि में पढ़ने में बहुत होशियार था और आगे की पढ़ाई करने के लिए मुझे अपने गावं को छोड़ना पड़ा और में अपने परिवार के साथ शहर में रहने चला गया और इसलिए मेरा अपने गावं में आना जाना नहीं हो पता था.

एक दिन मेरे पास मेरी मौसी का कॉल आया तो उन्होंने मुझसे कहा कि बेटा तेरे भाई की शादी है

और तुझे जरूर आना है. फिर मैंने उनसे कहा कि ठीक है में आ जाऊंगा, लेकिन उस समय मेरे पेपर थे, इसलिए में पेपर छोड़कर नहीं जा सका.

फिर अपने भाई की शादी के ठीक दो साल बाद में अपने गावं चला गया, वहां पर मुझे पहली बार मेरी भाभी मिली और मौसी मिली, मौसी ने मुझे बहुत डांटा और उन्होंने मुझसे कहा कि तू शादी में नहीं आया.

मैंने उनको सॉरी बोला और मैंने उनको कहा कि पहले में अपनी भाभी को देख तो लूँ वो कैसी है?

और में उनसे मिलने गया तो वो उस समय घूँघट में बैठी हुई थी. मैंने देखा तो वो हंस गई वाह क्या मस्त फिगर था उनका,

उनकी उम्र करीब 26 साल और उनके फिगर का आकार 32-30-36 था, वो क्या मस्त माल थी?

उन्होंने मुझसे कहा आओ देवर जी अब अच्छे से मुझसे मिल लो और वो हंसने लगी.

मैंने भी मुस्कुराकर कह दिया कि हाँ अब हम बहुत अच्छे से मिलेंगे और वो दोबारा हंस पड़ी और हम लोग हंस हंसकर बातें करने लगे,

वो चाय बनाकर ले आई और हमने चाय पी और ढेर सारी इधर उधर की बातें की.

मैंने बातों ही बातों में उनको मजाक में बोल दिया कि भाभी आप तो बहुत सुंदर हो और दिखने में भी मस्त माल हो,

आप अब तक कहाँ थी? काश पहले मुझे मिली होती.

फिर वो मेरी यह बात सुनकर हंस गई और वो मुझसे बोली कि कोई बात नहीं है देवर जी,

अब चलो थोड़ी मजाक मस्ती आपके साथ भी हो जाएगी.फिर मैंने कहा कि अब आपको ले जाने से क्या फायदा अब आप यहीं पर रहो और कुछ घंटे बातें,

मजाक करते करते अब रात हो चली थी,

इसलिए बीच में मेरी मौसी से भी थोड़ी बात हुई और फिर रात का खाना खाने के बाद हम सबके सोने की तैयारी शुरू हो गई.

तब मैंने अपनी भाभी से पूछा कि भाई कहाँ है? तो भाभी ने थोड़ा उदास होते हुए मुझे बताया कि वो अपनी नौकरी के लिए शहर गये है और तीन चार महीने में कुछ दिनों के लिए आते है.

फिर कुछ देर बाद मौसी उठकर अपने कमरे में जाकर सो गई और वो जाते समय भाभी से बोली कि लाला का पूरा ख्याल रखना.भाभी ने मुझे उनकी शादी की एलबम दिखाई,

हमे नींद नहीं आ रही थी और फिर वो चाय बनाकर ले आई और हम लोग बातें करने लगे,

तब भाभी मुझसे कहने लगी कि देवर जी आप दिखने में बहुत अच्छे हो, आपकी शहर में करीब दस बीस गर्लफ्रेंड तो जरुर होगी?

तो मैंने भी मौके का फायदा उठाकर मुस्कुराते हुए उनसे कह दिया कि मैंने जब से तुमको देखा है,

में वो सब कुछ भूल गया हूँ. अब उन्होंने मुझे धीरे से धक्का दे दिया और वो मुझसे बोली कि चल हट बदमाश मुझसे झूठ बोलता है.

फिर मैंने कहा कि सच में और वो अब इधर उधर की बातें करने लगी.

फिर वो मुझसे पूछने लगी कि क्यों शहर में तो बहुत मज़े होंगे और वो मेरे साथ बिस्तर पर लेटी हुई थी,

लेकिन अब वो मुझसे से ज़्यादा चिपककर लेटी हुई थी और हमारे होंठ एक दूसरे के बहुत पास थे,

मुझे उनकी आखों में शरारत नजर आ रही थी, शायद वो मुझसे कुछ चाहती थी और में उस समय बरमूडा पहने हुए था और वो मेक्सी में थी.

कुछ देर बाद भाभी की उभरी हुई छाती और उनकी बातें सुन सुनकर मेरा 6 इंच का लंड तंबू बन गया था.

फिर कुछ देर बाद भाभी को नींद आने लगी थी और वो मुझसे बोली कि में अब सोने जा रही हूँ.

मैंने कहा कि आप भी यहीं मेरे पास सो जाओ, वैसे भी आप वहां पर अकेले सोओगी,

यहाँ पर आज मेरे साथ सो जाओ. फिर वो मुझसे बोली कि हाँ ठीक है में तुम्हारे पास ही सो जाती हूँ और वैसे भी अकेले में मुझे थोड़ा डर भी लगता है.

दोस्तों मैंने बहुत दिनों से किसी के साथ सेक्स नहीं किया था और कुछ देर पहले भाभी के बूब्स को देखकर मेरा लंड धीरे धीरे झटके देने लगा था,

में पूरी तरह से जोश में आ चुका था. फिर भाभी मेरे पास में सो रही थी और मुझे तो पता नहीं कब मेरा हाथ उनके बूब्स पर चलने लगा और में ऐसे ही उनके बूब्स को सहलाने लगा.

मैंने भाभी को किस भी किया, मुझे लगता है कि भाभी ज़्यादा गहरी नींद में सोती थी, इसलिए भाभी की तरफ से कोई भी हलचल नहीं हुई जिसकी वजह से मेरी हिम्मत बढ़ गई और मुझे आगे बढ़ने का मौका मिल गया.

फिर मैंने अब दोनों बूब्स को एक एक करके ज़ोर से दबाए, जिसकी वजह से उनके मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी, आहहहह स्स्ईईईईई और में समझ गया कि भाभी को भी अब मजा आ रहा है और वो नींद में नहीं है

बस सोने का नाटक कर रही है.फिर मैंने जल्दी से उठकर अंदर से दरवाजे की कुण्डी लगाकर दोबारा उनके पास में आकर लेट गया और अब मैंने उनकी मेक्सी को ऊपर किया

और में अब उनके गोरे गोरे पेट पर अपना एक हाथ फैरने लगा,

जिसकी वजह से उनको गुदगुदी हो रही थी, जो एक जागते हुए इंसान को होती है सोते हुए को नहीं, वो बार बार कांप रही थी और में उन्हें गरम करना चाहता था

कि वो मेरे साथ सेक्स करने की बात मान जाए, क्योंकि दोस्तों गरम लोहे पर चोट मारना ही ज्यादा ठीक रहता है

और में अब उनके तनकर खड़े निप्पल को ब्रा के ऊपर से दबाने लगा और बूब्स को पीने लगा,

जिसकी वजह से वो गरम होकर हल्की हल्की सी सिसकियाँ ले रही थी,

ऊओह्ह्ह सईईईईईइ आआहहहह.अब में उनकी गोरी पीठ पर हाथ घुमाने लगा, जो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी

और वो अब कसमसा रही थी और में धीरे धीरे उन्हें गरम करना चाहता था.

मैंने सही मौका देखकर उनकी ब्रा को खोल दिया और खींचकर तुरंत उनके जिस्म से अलग कर दिया,

लेकिन उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा और मैंने देखा कि उन्होंने पेंटी तो पहनी ही नहीं थी,

शायद वो खुद मुझसे आज अपनी चुदाई करवाना चाहती थी,

इसलिए उन्होंने पेंटी नहीं पहनी और चुपचाप सीधी लेटकर सोने का नाटक कर रही थी.

अब में उनकी हल्के बालों वाली प्यासी चूत को छूने लगा, उनकी चूत पर थोड़े बहुत भूरे रंग के बाल थे,

और थोड़ी उभरी हुई, लेकिन छूने पर महसूस हुआ कि बहुत गरम चूत थी.

अब मैंने उनके पैरों से लेकर उन्हें किस करना शुरू किया और अब में ऊपर की तरफ बढ़ते हुए चूत तक पहुंच गया और फिर चूत को भी किस करने लगा और नाभि,

बूब्स को भी चूमा. उसके बाद मैंने उनके होंठो को अपने होंठो से बंद कर दिया.

दोस्तों अब मैंने महसूस किया कि वो भी अब मेरा साथ दे रही थी और में अपनी जीभ को उनके मुहं में डाल रहा था और वो उसे चूस रही थी.

मैंने फिर अपने भी सारे कपड़े उतार दिए और तुरंत अपना लंड भाभी के हाथ में दे दिया,

पहले उन्होंने लंड को बहुत धीरे से डरते हुए पकड़ा, लेकिन फिर उसे महसूस करके ज़ोर से पकड़ लिया.

अब दोनों 69 पोजीशन में आ गए और मैंने बहुत धीरे से भाभी के कान में बोला कि भाभी में आपकी चूत को चूसता हूँ और आप मेरा लंड चूसो,

भाभी अभी भी सोने का नाटक कर रही थी.फिर मैंने जबरदस्ती भाभी का मुहं खोला और अपना लंड उनके मुहं में डाल दिया और फिर बहुत धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा और कुछ देर बाद में रुक गया और वो शुरू हो गई.

उन्होंने अब मेरे लंड को अपने मुहं से लगातार धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया,

वो अब लंड को बहुत मज़े लेकर चूस रही थी और उनकी गरम सांसो से मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे वो पूरी गरम हो चुकी है और उन्हें अब ज्यादा बर्दाश्त नहीं हो रहा है.

aage ki kahani bhaag 2 mei hogi

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