राणा जी ने अपनी भाभी की चुदाई की और अपने बड़े भाई को ये साबित किया की उनकी बीवी रंडी है। राणा जी ने अपना नाम तो बता दिया पर वो कहा के रहने वाले है ये नहीं बताया। उनका भाई काफी सीधे साधे इंसान थे जिनका फयदा उनकी बीवी उठा रही थी। अपने बड़े भाई की आंखे खोलने के लिए राणा जी को जंगल मे भाभी की चुदाई करनी बड़ी।
मेरी भाभी रंडी है ये मुझे तब पता लगा जब मैने उन्हें अपने प्रेमी के साथ दारू गटकता देखा। भाभी हर हफ्ते किसी दूसरे आदमी के साथ चुदाई करती और अपनी गांड चुत में अलग अलग आदमियों का माल भरवाती।
मेरा भाई काफी सीधा था। वो अपनी बीवी से काफी प्यार करता था पर उसे नहीं पता था की वो उसके काम पर जाने के बाद क्या करती है। जब मेने उसे बताया तो मुझे मारने लगा। उस वक्त मैंने अपने भाई से बोला की मैं भाभी को रंगे हाथ पकड़ कर दिखने वाला हूँ।
तो अपनी बात साबित करने के लिए मैं भाभी को कामुक मजरों से देखने लगा। भाभी को चुदाई और गांड की पिलाई करवाना पसंद था। उनका शरीर किसी रंडी खाने से कम नहीं था। हर हफ्ते उनके स्तनों पर नए निशान होते थे और गांड इतनी मरवाती थी की खाट और बैठा या सोया नहीं जाता था।
भाभी को चुदाई के लिए मनाने के लिए उनसे गन्दी बाते करने लगा। उन्होंने अपनी कच्छी सूखने के लिए डाली थी जिसे मैंने चुरा लिया।
कच्छी चुराने के बाद मैं भाभी के सामने उसे सूंघने लगा और भाभी हैरानी से मुझे देखने लगी।
भाभी – देवर जी ये क्या कर रहे हो !
मैंने कहा – भाभी जी नशा कर रहा हूँ।
मेरा ये काम देख भाभी मुस्कुरा उठी और मुझे चुदाई की नजरो से देखने लगी। मुझे उनकी कच्छी से चुत के पानी की खुशबू आने लगी और मेरा लिंग खड़ा होने लगा।
भाभी ने मेरे हाथ से कच्छी छीनी और कहा बस बस आज के लिए इतना काफी है और मटक कर चली गई। और मैं पीछे से उनकी गांड देखता रह गया।
पर मैने हार नहीं मानी और उनके पीछे पीछे रसोई में चला गया।
मेने कहा – भाभी जी आज मैं भी आपके साथ खाना बनता हूँ।
भाभी – मुझे पता है तुम क्या करना चाहते हो। मुझे कल खेत में मिलना तब बात करेंगे।
अगले दिन मेने अपने भाई को बता दिया की भाभी ने मुझे खेत में बुलाया है तो वो वही आकर भाभी का चुदकड़ रूप देख ले।
भाभी को पटाना तो काफी आसान था। अगले दिन जब मैं भाभी से खेत मैं मिला तो मेने उनकी चुदाई की पूरी तैयारी कर ली।
भाभी – अब बताओ देवर जी जो अपने कल किया वो क्या था ?
मैंने कहा – आपकी चुत की प्यास थी भाभी जी।
भाभी – अच्छा ? वैसे कितना अपनी निकल सकते हो मुझ में से?
मैंने कहा – जब तक आपकी चुत सुख न जाये उतना।
ये सुन भाभी ने अपना मटका निचे रखा और ब्लाउज से स्तन निकाल कर कहा पहले इन्हे तो खाली कर दे।
मेरा भाभी को चोदने का कोई इरादा नहीं था पर भाई अभी तक यहाँ नहीं पंहुचा था और भाभी के मोटे स्तन देख मेरा उनकी चुदाई करने का मन बन गया।
खेत में कुछ लोग काम कर रहे थे इसलिए मैं भाभी को खींच कर पास के जंगल में ले गया।
जंगल में मेने भाभी को एक चट्टान पर बिठाया और मजे से उनके स्तनों को सहलाने लगा।
भाभी ने अपना पलु सर से हटाया और अपने मोटे होठो से मुझे चूमने लगी।
भाभी को कई सारे मर्दों ने चोदा था इसलिए मैं उन्हें छूना भी नहीं चाहता था पर जब कोई औरत सामने अपनी चुत फैला कर बैठी हो तो उसे कौन छोड़ देगा।
मैंने भाभी को कमर से पकड़ा और उन्हें चुने लगा। मैंने अपनी देसी भाभी की देसी चुदाई शुरू कर दी। मुझ से और रहा नहीं गया और मेने भाभी का पेटीकोट उठाया और भाभी को जंगल में खड़ा खड़ा चोदने लगा।
भाभी एक पैर पर कड़ी थी और उनका दूसरा पैर मेरे कंधे पर था। मैं अपनी कमर हिला कर भाभी को चोदने लगा और भाभी जी मेरी आँखों में देखती रही।
चुदाई के दौरान भाभी के मुँह से अहह तक नहीं निकली। उनकी चुत पूरी घिसी हुई थी और छेद भी काफी बड़ा था।
भाभी को दर्द देने के लिए मेने अपना लंड उनकी गांड में गुसा दिया और भाभी को मजा सा आने लगा।
भाभी की गांड का छेद काफी बड़ा था पर चुत से तो अच्छा ही था। भाभी को एक पैर पर खड़ा कर मैं उन्हें चोदने लगा।
और साथ मैं एक हाथ से उनके स्तन भी दबा दबा कर मजे लता रहा।
भाभी – साले अगर असली मर्द का बच्चा है तो और चोद मुझे !!
मैंने कहा – मुझे पता है भाभी जी कितनो के लंड लिए है अपने।
भाभी – क्या मतलब?
उसके बाद मैंने भाभी को गोद में उठाया और उन्होंने अपने पैर मेरी कमर पर लपेट लिया। फिर मैं भाभी को उछाल उछाल कर उनकी गांड चोदने लगा।
भाभी मुझे चूमते हुए उछलने लगी और उनकी बड़े बड़े दूध मेरी छाती पर रगड़ खाने लगे।
मुझे जंगल मे भाभी की चुदाई करने में काफी मजा आने लगा तो भाभी की तरह मैं भी उस पल का आनंद लेने लगा। कभी मैं भाभी की गांड चोदता तो कभी उनकी चुत में ऊँगली करता।
भाभी काफी सेक्सी थी और उन्हें चुदाई कैसे करने है सब पता था। जब मैं चरम सिमा तक पहुंचा तो मैने भाभी को नीचे बिठाया और उनके हाथ में अपना लिंग थमा दिया।
भाभी मेरा माल पानी पीने के लिए भूखी थी और वो मेरा लंड ऐसे हिलने लगी जैसे कोई गाये का दूध निकाल रहा हो।
उन्होंने मेरे लिंग की हर जगह से मालिश की और मेरे लंड को पूरा कड़क कर दिया।
भाभी के एक चूसे से मेरे लंड के टोपे से सफ़ेद माल निकल गया और भाभी लंड मुँह में लेकर पीने लगी।
तभी हमें खोजते खोजते भाई वहा आगया और उसने मुझे भाभी के मुँह में लंड देता देख लिया।
ये देख वो हैरान रह गया और मेने भाभी की पूरी चुदाई की। भाई को वहा देख भाभी समझ गई की मेने उन्हें फसा दिया।
गुस्से में भाभी ने मेरे गोटे पकड़े और उन्हें नीचे खींचने लगी और मैं चिलाने लगा।
उसके बाद भाभी ने मेरे लंड पर जोर से चूसा मारा और लंग पर चाटे मारने लगी।
भाई घुसे में घर चला गया और भाभी मेरे लंड पर चूसे चाटे मारने लगी।
उन्हें लगा की मुझे दर्द हो रहा हो गए पर मुझे काफी मजा आने लगा।
ये थी मेरी हिंदी सेक्स स्टोरी अगर आपको मेरी जंगल मे भाभी की चुदाई कहनी अच्छी लगी तो कमेंट जरूर करना।
उसके बाद भाई ने उस रंडी को छोड़ दिया और नई शादी कर ली। पर रंडी भाभी तो रंडी थी इसलिए वो मुझे फ़ोन कर कर के चुदाई के लिए बिलाती रही और मैं उन्हें जंगल में चोदता रहा।