मकान मालिक की बड़ी बहु के साथ घपाघप -1

चूत और लंड के सभी खिलाड़ियों को मेरा प्रणाम। मैं रोहित एकबार फिर से आप सबके बीच में एक नई कहानी लेकर हाज़िर हूँ। मैं 22 साल का नौजवान लौंडा हूं। मेरा लंड 7 इंच लंबा है antarvasna जो किसी भी चूत को उसकी गहराई में जाकर नाप सकता है। मेरे लण्ड को चूत का रस पीने का बहुत ही ज्यादा शौक है।

                             मुझे अक्सर शादीशुदा माल बहुत ही ज्यादा पसंद है। मेरे लंड को शादीशुदा माल को बजाने में बहुत ही ज्यादा मज़ा आता है। वैसे फ्रेश चूत भी बहुत ही मज़ेदार होती है लेकिन मेरे लण्ड ने अभी तक फ्रेश चुत का स्वाद नहीं चखा है।

                             मैं गांव में रहकर पढ़ाई के साथ साथ मेरी पडोसी भाभियों का भी खूब मज़ा ले रहा था।मेरे लण्ड के तो मज़े ही मज़े थे। फिर मुझे कोचिंग करने के लिए शहर आना पड़ा।फिर यहाँ आने के बाद मैंने मेरे मकान मालिक की बड़ी बहु यानि माहिमा भाभीजी को मेरे लंड के नीचे ला दिया था। अब भाभीजी को बहुत बढ़िया तरीके से बजा रहा था। भाभीजी भी टाइम टाइम से मेरा लंड ले रही थी।

                    महिमा भाभीजी मेरे मकान मालकिन की बड़ी बहु है। महिमा भाभीजी लगभग 40 साल की है।वो दिखने में एक अच्छी कासी मस्त बिंदास माल है।जब मैंने उन्हें पहली बार चोदा था तो मैंने भाभीजी के सेक्सी जिस्म को अच्छी तरह से नापा था। भाभीजी बहुत ही अच्छे व्यवहार वाली लेडी है।वो हमेशा अपने काम में बिजी रहती है। भाभीजी साड़ी से अपने जिस्म को अच्छी तरह से ढककर रखती है।

                        भाभीजी के रसदार माल 34 साइज के है।उनके बोबे बहुत ही शानदार है। भाभीजी हमेशा अपने बोबो को अच्छी तरह से ढककर रखती है।मैंने भाभीजी के बोबो को चूसकर खूब मज़ा लिया था।

                             भाभीजी की चिकनी कमर लगभग 32 साइज की है।भाभीजी का चिकना गौरा पेट किसी के भी लण्ड की हालत खराब कर सकता है।भाभीजी की शानदार जानदार गांड लगभग 34 साइज की है।भाभीजी के चूतड़ बहुत ही ज्यादा चिकने है।मैंने भाभीजी की गांड मारकर बहुत ही ज्यादा मज़ा लिया था।

                     सबकुछ अच्छा चल रहा था लेकिन।फिर भाभीजी के पापा की तबियत खराब होने के कारण भाभीजी को उनके मायके जाना पड़ा।

                      अब मै चूत के लिए तरसने लगा था। फिर मेरी ज़रूरत को  समझते हुए महिमा भाभीजी की देवरानी यानि प्रतिभा भाभीजी ने मेरे लण्ड को चूत दे दी। अब मै मस्ती से प्रतिभा भाभीजी को बजा रहा था। मैंने मेरी पिछली कहानी “मकान मालिक की छोटी बहू जमकर चुदी” मे आपको बताया था। 

                       फिर कुछ दिन बाद महिमा भाभीजी उनके मायके से लौट आई। वो उदास लग रही थी। उनका चेहरा मुरझाया हुआ था। इसी बीच भाभीजी से मेरा हाय हेल्लो ही हो पाया।

                  अब मैं भाभीजी को चोदने के लिए तरसने लगा था लेकिन घर में उनकी सास के होते हुए भाभीजी को चोदना मेरे लिए मुश्किल था। मै भाभीजी की लेने के लिए तड़प रहा था। 

                   अब एक दिन भाभीजी की सास की तबियत खराब हो गई। तभी प्रतिभा भाभीजी उनकी सास को हॉस्पिटल दिखाने ले गई। अब घर में महिमा भाभीजी और मैं ही था।

             अब मै तुरंत भाभीजी के बैडरूम में पहुँच गया। भाभीजी अलमारी में कपडे सेट कर रही थी। फिर भाभीजी ने मुझे देखते ही काम छोड़ दिया और मुझे बैठाकर वो भी मेरे साथ बैठ गई।अब मैं उनके पिताजी के हालचाल जानने लगा।

                  भाभीजी उनके पिताजी और घर परिवार के बारे में बता रही थी। मैं भाभीजी के पास के ही बैठा था। तभी भाभीजी को देखकर मेरा लंड लोहे को रॉड बनने लगा। अब मेने भाभीजी का हाथ पकड़ लिया।

              ” भाभीजी आप चिंता मत करो। सब ठीक हो जायेगा।”

               ” हाँ रोहित उम्मीद तो ये ही है।”

          ” उम्मीद पर ही दुनिया कायम है भाभीजी।”

               तभी मैंने भाभीजी के कंधे पर हाथ रख दिया और भाभीजी को मुझसे चिपकाने लगा। भाभीजी बिलकुल चुप थी। भाभीजी मुझसे बातें किये जा रही थी। मैं अब धीरे धीरे हाथ को आगे बढ़ाते हुए उनके बोबो को टच करने लगा। तभी भाभीजी सिहरने सी लगी।

               ” रोहित अभी नहीं। मै बहुत दुखी हूं।”

         “भाभीजी ये सब तक चलता रहेगा। आप ऐसे कब तक भूखी रहोगी। चूत तो लंड मांगती ही है।”

                ” अभी ये सब करना मुझे अच्छा नहीं लग रहा है यार।”

              ” भाभीजी अगर आप करने दोगी तो सब अच्छा लगेगा।मैं तो आपको चोदने के लिए कब से तड़प रहा हूँ? बहुत प्यासा हूँ भाभीजी। अब आप और ज्यादा मत तड़पाओ।”

              ” मैं तेरी भावना समझ रही हूँ। लेकिन मैं मजबूर हूँ यार।”

           ” अब आपको चुदवाने में कौनसी मज़बूरी है यार? भैया ने भी तो आपको रात को चोदा ही होगा ना?”

              तभी भाभीजी चुप हो गई। अब उनके पास मेरी बात का कोई जवाब नहीं था।

            “भाभीजी अभी मौका है। घर में अपने अलावा कोई नहीं है। फिर आपकी सास और प्रतिभा भाभीजी आ जायेगी तो मौका नहीं मिल पायेगा।”

              तभी मैंने भाभीजी की साड़ी का पल्लु उनके बलाउज पर से हटा दिया। तभी भाभीजी साड़ी के पल्लु को वापस सही करने लगी।

             ” भाभीजी रहने दो यार।आप मेरी भी तो हालत समझो ना। मैं आपको चोदने के लिए बहुत तड़प रहा हूँ। अब तो आपको चुदवाना ही पड़ेगा।”

                  ” रोहित तेरी बात सही है लेकिन अभी मेरा मूड सही नहीं है।”

                ” भाभीजी आप चोदने तो तो। मूड तो सब ठीक हो जायेगा।”

                  तभी मैंने भाभीजी की साड़ी का पल्लु वापस हटा दिया। अब भाभीजी के बोबो का उभार देखकर मेरा लंड बुरी तरह से तन गया। अब मै धीरे धीरे भाभीजी के बोबो पर हाथ फेरने लगा।

                ” भाभीजी आह्ह बहुत प्यास लगी है।आज तो आपका रस पीकर ही रहूँगा।”

                  अब भाभीजी चुप हो गई। तभी मैंने मौका देखकर भाभीजी के बोबो को ज़ोर से दबा दिया। तभी भाभीजी सिहर उठी।

            ” सिसस्ससस्स आह्ह।”

             ” रोहित यार रहने दे। मत कर ना।”

            “करने दो भाभीजी”

            अब भाभीजी चूत में लंड ठुकवाने के लिए तैयार थी। बस वो थोड़े से नखरे दिखा रही थी।तभी मेने भाभीजी को मेरे पास खिंचा और फिर मैंने भाभीजी के होठो को लपक लिया।

                 अब मै भाभीजी के होठो को चूसते हुए उनके बोबो को दबाने लगा। भाभीजी  अब भी नखरे दिखा रही थी। मै उनके होंठो की लिपस्टिक को बुरी तरह से चुस रहा था। अब बैडरूम में ऑउच्च ऑउच्च पुच्च ऑउच्च की जोर ज़ोर से आवाज़े आने लगी थी।

                   तभी मैंने भाभीजी को बेड पर पटक दिया और मैं झट से भाभीजी के ऊपर चढ़ गया। अब मै फिर से भाभीजी के होठो को रगडने लगा। मैं भाभीजी के जिस्म के ऊपर था। भाभीजी अभी भी चूत बचाने की कोशिश में लगी हुई थी। इधर मेरा लण्ड आज भाभीजी की चूत फाडने के मूड में था। मै भाभीजी को बुरी तरह से रगड़ रहा था।

                  फिर मै भाभीजी के चिकने गले पर ज़ोरदार किस करने लगा।अब भाभीजी मॉम की तरह पिघलने लगी। वो बेड शीट को मुट्ठियों में कसने लगी।

             ” आह्ह सिसस्ससस्स आहा ओह उँह सिससस्स आह्ह उन्ह।”

                  मैं झमाझम भाभीजी के गले पर किस कर रहा था। तभी भाभीजी पिघलकर पानी हो गई और उन्होंने मेरी टीशर्ट खोल फेंकी।अब भाभीजी आतुर होकर मुझे बाहो में कसने लगी।

              ” ओह रोहित आहा सिससस्स आह्ह उन्ह सिससस्स आहा। बहुत खुजली मची है मेरी चूत में। आह्ह सिससस्स।”

            “ओह भाभीजी आप चिंता मत करो। आज पूरी खुजली मिटा दूंगा।”

                फिर मेने किस करके भाभीजी को बुरी तरह से पिघला दिया। अब मैंने फ़टाफ़ट से भाभीजी के बलाउज के हुक खोल दिए और फिर उनकी गुलाबी ब्रा को ऊपर सरका कर भाभीजी के मस्त बोबो को बाहर को निकाल लिया।

                 भाभीजी के मस्त चूचो को देखते ही मेरी आँखों में चमक आ गई।

               ” आह्ह!भाभीजी के इन चूचो के लिये तो मै कब से तड़प रहा था। बहुत दिनों के बाद आज मुझे भाभीजी के चुचो के दर्शन हुए हैं।”

                  तभी मैं भाभीजी के बोबो पर टूट पड़ा और फिर जोर ज़ोर से उन्हें भीचने लगा। तभी भाभीजी की दर्द के मारे गाँड़ फटने लगी।

            ” उन्ह आह्ह सिससस्स आहा आईईईईई सिसस्ससस्स।”

              ” ओह भाभीजी आह्ह!मैं तो कब से आपके चूचो के लिए तड़प रहा था। आह्ह!”

                ” ओह रोहित थोड़ा धीरे धीरे दबा। आह्ह।”

         ” ओह भाभीजी दबाने दो। बहुत दिनों के बाद तो मौका मिला है। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है। बहुत ही मस्त बोबे है आपके।”

               अब भाभीजी बेचारी क्या करती! उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। अब मै।मेरी मर्ज़ी से भाभीजी के बोबो को दबा रहा था। भाभीजी दर्द से करहा रही थी।

        ” ओह आह्ह सिसस्ससस्स आहा उन्ह ओह मम्मी।”

                  फिर मैंने भाभीजी के बोबो को बुरी तरह से निचोड डाला। अब मैंने भाभीजी के बोबो को मुँह में दबाया और फिर भाभीजी के बोबो को रगड़ कर चूसने लगा।

              ” उन्ह आहा सिसस्स आहा।”

             मैं भाभीजी के बोबो को सकासक चुस रहा था। आज मै बहुत दिनों की तड़प को मिटाना चाहता था। Hindi sex stories भाभीजी आराम से मुझे उनके बोबो का रस पिला रही थी। मै भाभीजी के बोबो को झांझोड़ कर चुस रहा था।

               ” ओह रोहित आह्ह बहुत अच्छा लग रहा है। आह्ह। चुस मेरे बोबो को। आह्ह ज़ोर ज़ोर से।”

                   अब मै झटके दे देकर भाभीजी के बोबो को चुसने लगा। अब भाभीजी को काम वासना भड़क चुकी थी। वो जमकर उनके बोबो को चुस्वा रही थी।”

              ” ओह आहा सिससस्स ओह रोहित अच्छे से रगड़ कर चुस। आह्ह।”

                ” हां भाभीजी।”     

             भाभीजी कभी मेरे बालो को सहला रही थी तो कभी वो मेरी पीठ को पर हाथ घुमा रही थी। बहुत दिनों के बाद भाभीजी के बोबे चूसने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। फिर मैंने भाभीजी के खजाने को बुरी तरह से चुस डाला।

                     अब मै तुरंत भाभीजी की चूत पर आ गया और भाभीजी की टाँगे उठाकर मेने भाभीजी की चड्डी खोल दी। फिर मैंने भाभीजी की चड्डी को उनके मुँह पर फेंक दी।

              ” लो भाभीजी अब इसे आपकी गाँड़ में रख लो।”

             अब भाभीजी भला क्या कहती! उनकी चूत भी अब तो लण्ड लेने के लिए तड़प रही थी। अब भाभीजी ने चड्डी को एक तरफ रख लिया।

                अब मेने पाजामा खोलकर मेरे लंड को बाहर निकाल लिया। मेरा लण्ड फुफकार मारता हुआ बाहर निकला। वो तो कब से भाभीजी को चोदने के लिए तड़प रहा था।

                      अब मैंने भाभीजी की टांगो को फैला दिया और फिर उनकी चूत के खाँचे में लंड सेट करने लगा। अब मैंने भाभीजी की टांगो को पकड़ा और फिर ज़ोर से लंड ठोक दिया।

               तभी मेरा लण्ड एक ही झटके में दन दनाता हुआ भाभीजी की चूत में घुस गया। चूत में लंड घुसते ही भाभीजी बुरी तरह से चीख पड़ी।

           ” आईईईई मम्मी। मर्रर्रर्र गईईई।”

            अब मै भाभीजी की टाँगे पकडकर उनकी झमाझम ठुकाई करने लगा। आज बहुत दिनों के बाद मेरे लण्ड को भाभीजी की चूत मिल रही थी। मेरा लण्ड भाभीजी की चूत में तगड़ा घमासान मचा रहा था। भाभीजी दर्द से करहा रही थी

             ” आह्ह आह सिससस्स आहा उन्ह सिससस्स आहा ओह आईईईई।मरर्रर्र गईईई। बहुत भारी लग रहा है तेरा लौड़ा।”

            ” मेरा लोडा तो वो ही है लेकिन भाभीजी आपकी चूत सिकुड़ गई है। इसलिए दर्द ज्यादा हो रहा है।”

             ” हाँ रोहित। तुझसे चुदे हुए भी तो बहुत टाइम हो गया ना यार।”

                 ” हां भाभीजी। अब आप चिंता मत करो।मैं दो चार दिन में ही आपकी चूत को सेट कर दूंगा।”

                  ” हां कर देना यार।”

              मैं गाँड़ हिला हिलाकर भाभीजी की ताबड़तोड़ ठुकाई कर रहा था। भाभीजी का चिकना जिस्म लगातार पसीने से लथपथ होने लगा था। मै भाभीजी की जमकर ले रहा था।

             ” आह्ह आह्ह आहा अआईईई आह्ह सिससस्स आह्ह ओह रोहित।”

            ” ओह भाभीजी आज मेरे लंड को बहुत ठंडक मिल रही हैं। आहा।”

                 सामने ही दिवार पर लगी तस्वीर में भाभीजी भाईसाहब के साथ मुस्कुरा रही थी और आज मेरे लंड के नीचे भाभीजी दर्द से झल्ला रही थी। भाईसाहब ने भी कभी नहीं सोचा होगा कि मै उनकी स्वीटहार्ट को उन्ही के बेड पर इस तरह से बजाऊंगा।

 मैं ज़ोर ज़ोर से भाभीजी को पेल रहा था।भाभीजी बुरी तरह  से पानी पानी हो रही थी। आज मेरा लण्ड भाभीजी पर कहर बनकर टूट रहा था। मै घपाघप भाभीजी की ठुकाई कर रहा था। आज मुझे भाभीजी की ठुकाई करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था

                “ओह भाभीजी आह्ह! बहुत तड़पा है मेरा लण्ड। आहा।”

           “मेरी चूत भी बहुत तड़पी है यार लेकिन मैं क्या करती? मैं मजबूर थी।”

             ” अब तो आपको खूब चोदुगा भाभीजी।”

           “हाँ चोद ले मेरे सैया। अब मैं कोई नखरे नहीं करुँगी।”

                फिर बहुत देर के झमाझम धक्कों के बाद भाभीजी की चूत में उबाल आ गया और उनकी चूत गरमा गरम पानी से भर गई।

                   अब मेरे लण्ड के हर एक झटके के साथ पच्छ पच्छ पच्छ पच्छ की ज़ोर ज़ोर से आवाज़े आने लगी।

          ”  सिससस्स आहा उन्ह सिससस्स आह आह ओह मम्मी।आईईईई आईईईई अआईईई।”

                                मैं  अभी भी गांड का पूरा जोर लगाकर भाभीजी की चूत में लंड अंदर बाहर कर रहा था।मेरा मोटा तगड़ा लण्ड भाभीजी की चूत फाड़ रहा था।दर्द के मारे भाभीजी पूरी पसीने में नहा चुकी थी।मैं भाभीजी की ज़ोरदार ठुकाई कर रहा था।

                 “आईईईई आईएईई आईईईई उन्ह आह आह आह आह आईईईई ओह मर गई।ओह रोहित।”

                     भाभीजी की जबरदस्त ठुकाई कर रहा था।खचाखच धक्कों के बीच भाभीजी फिर से झड़ गई।फिर मैंने बहुत देर तक भाभीजी की जमकर ठुकाई की।

              अब मैंने भाभीजी की साड़ी उनके पेटीकोट में से निकाल दी और फिर भाभीजी के पेटिकोट को भी खोल फेंका। अब भाभीजी नीचे से पूरी नंगी हो चुकी थी। नंगी होते ही भाभीजी की गोरी चिकनी जांघे मेरे लंड के सामने थी।

                        अब मेने फिर से भाभीजी की चूत में लंड रखा और फिर से भाभीजी की ताबड़तोड ठुकाई करने लगा। भाभीजी फिर से दर्द से करहाने लगी।

               ” आहा सिससस्स आह्ह ओह सिससस्स उन्ह आह्ह आईईईई आईईईईई।”

                    अब मै भाभीजी को बाहों में कसकर अच्छी तरह से चोद रहा था। भाभीजी की टाँगे हवा में लहरा रही थी। मै उनकी रसीली चूत में दे दना दन लण्ड ठोक रहा था।

             ” आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह ओह रोहित । उन्ह आहा ओह सिससस्स।”

              ” ओह भाभीजी। आपकी चूत में मेरे लण्ड को बहुत ठंडक।मिल रही है। आह्ह। बहुत मज़ा आ रहा है।”

                 ” उन्ह आह्ह ओह रोहित खूब चोद तेरी भाभीजी को। आह्ह बहुत अच्छा लग रहा है। आईईईईई मै तो मैं ही तेरे लण्ड के लिए तरस रही थी।”

             ” ओह भाभीजी आप बताती तो सही।।मैं तो आपको चोदने के लिए आपके पीहर में ही आ जाता।”.    

                    मैं ताबड़तोड़ भाभीजी की चूत में लंड पेल रहा था। भाभीजी जमकर मेरा लंड ले रही थी।अब भाभीजी ने उनकी टांगो से मुझे फंसा लिया।लगातार ताबड़तोड़ ठुकाई से भाभीजी पसीने में भीग रही थी। 

               ” ओह रोहित गईईई मैं तो।”

            और तभी भाभीजी की चूत में खालबली मच गई और उनकी चूत पानी से लबालब भर गई। मैं तो भाभीजी को जमकर ठोक ठोक कर बजा रहा था। भाभीजी भी अब जमकर लंड ठुकवा रही थी। वो अब सारे दुःख दर्द को भूल चुकी थी। antarvasna story

             ” आह्ह आहा सिससस्स आह्ह ओह उन्ह ओह मम्मी। आहा सिससस्स आह्ह।”

              ” ओह भाभीजी आहा आज तो आपकी चूत का भोसड़ा बना दूंगा। आहा।”

                   फिर मैंने भाभीजी को बहुत देर तक ऐसे ही पेला। अब मैंने भाभीजी को ऐसे के ऐसे ही उठाया और मेरे ऊपर ले लिया। तभी भाभीजी समझ चुकी थी कि उन्हें क्या करना है।

                 अब भाभीजी गाँड़ उछाल उछाल कर मेरा लंड लेने लगी।

           ” आह्ह आहा आह्ह सिससस्स आह्ह आहा ओह सिससस्स आह्ह।ओह मेरे सैया।”

               अब भाभीजी की काम वासना लगातार बढ़ती जा रही थी। वो अब चुदककड बनती जा रही थी। भाभीजी बहुत टाइम से चुदी नहीं थी तो ये सब तो होना ही था।

             ” ओह रोहित आह्ह आह्ह मज़ा आ रहा है। आह्ह आहा। तेरा लण्ड कमाल का है।”

             ” हाँ मेरी रानी। जमकर चुद।”

             भाभीजी ज़ोर ज़ोर से झटके मार रही थी।तभी भाभीजी पसीने में भीगने लगी। अब भाभीजी को उनके जिस्म पर अटके हुई ब्लाऊज़ ब्रा बहुत भारी लग रहे थे। तभी भाभीजी ने दोनों को उतार फेंका।

           ” आह्ह आहा ओह मेरे सैया आह्ह बहुत दिनों के बाद आज तेरा लण्ड मिला है। आहा बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है। आह्ह।”

             ” मुझे भी बहुत मज़ा मिल रहा है मेरी जान।”

             भाभीजी के झटकों से उनके बड़े बड़े बोबे बहुत बुरी तरह से हिल रहे थे। तभी भाभीजी रुकने सी लगी।

           ” ओह मम्मी। गईईई मैं तो।”

              तभी भाभीजी का पानी निकल गया और बुरी तरह से थक कर मुझसे लिपट गई। फिर मैंने भाभीजी को वापस नीचे ला दिया। अब मैंने फिर से भाभीजी की टाँगे खोल दी और फिर उनकी रसीली चूत में लंड ठोक दिया।

               अब मै फिर से भाभीजी को दे दना दन ठुकाई करने लगा। भाभीजी फिर से मेरे तूफान में उड़ने लगी।

            ” आह्ह आह ओह सिससस्स आह्ह आह्ह ओह मेरे सैया। आह्ह आह्ह।”

           ” ओह मेरी जान। आह्ह आज तो तुझे खूब बजाऊंगा। आहा।”

                “बजा ले मेरे सैया।”

              फिर मैंने भाभीजी को ठोक ठोक कर उनका पानी निकाल दिया। मेरे लंड का जोश अभी भी बहुत भारी था। मै भाभीजी की जबरदस्त ठुकाई कर रहा था। फिर मेने भाभीजी को बहुत देर तक बजाया।

                  अब मैंने भाभीजी से लंड चूसने के लिए कहा। अब भाभीजी उठी और मेरे लंड को मसलने लगी।

            ” ओह रोहित, बहुत ही तगड़ा हथियार है तेरा।”

              ” ये हथियार आपके लिये ही तो है भाभीजी।”

           ” प्रतिभा को नहीं दिया क्या तूने तेरा हथियार?”

              तभी मैं चौंक गया। मुझे अंदाज़ा भी नहीं था कि भाभीजी यहाँ तक भी सोच लेगी। फिर मुझे भाभीजी से कहना ही पड़ा।

            ” भाभीजी मैं आपसे झूठ तो नहीं बोलूंगा। प्रतिभा भाभीजी को मैने मेरा लंड दे तो दिया लेकिन भाभीजी ने बहुत मुश्किल से मेरा लण्ड लिया।”.   

             ” अच्छा! ऐसा क्यों? वो तो आराम से ले लेती ना। यहाँ तुम्हारे दोनों के अलावा कोई नहीं था।”

          ” अरे वो आपकी वजह से बहुत ज्यादा डर रही थी। बोल रही थी कि तू भाभीजी को चोदता है और मैं तुम दोनों के बीच में दिवार नहीं बनना चाहती। फिर बहुत समझाने के बाद चुदी भाभीजी।”

               “मैं तो पहले से ही अच्छी तरह से जानती थी कि तू बिना चूत के इतने दिनों तक नहीं रहेगा और प्रतिभा को ही पटायेगा।”

              ” हाँ भाभीजी फिर मुझे यही सही लगा।”

         ” चल अच्छा है। इस बहाने तूने प्रतिभा को चोद लिया।अब हमें चुदाई करने में ज्यादा दिक्कत नहीं होगी।”

                “हाँ भाभीजी।”

              अब भाभीजी सकासक मेरे लंड को चूसने लगी। अब भाभीजी की चुदास लगातार बढ़ रही थी। वो घपाघप मेरा लंड चुस रही थी। मै भाभीजी की काली घनी जुल्फों को संवार रहा था।

           ” ओह भाभीजी आहा! बहुत अच्छा लग रहा है। अहा ऐसे ही मेरे लण्ड को मज़ा दो।”

                  भाभीजी ज़ोर ज़ोर से मेरे लण्ड को झटका दे रही थी। तभी मेने भाभीजी के कन्धो पर मेरी टाँगे रख दी।

           ” ओह भाभीजी खूब मस्ती से चुसो। आह्ह।”

              भाभीजी झमाझम मेरा लंड चुस रही थी। वो मेरे लण्ड को चुस चूसकर गिला कर चुकी थी। तभी मेरे लंड का पानी बाहर निकलने को तैयार हो गया। अब मेने भाभीजी के सिर को पकड़कर उनके मुंह को ज़ोर से दबा दिया।

                 तभी भाभीजी उनके मुंह को हटाने की कोशिश करने लगी।लेकिन मैं उनके मुंह को दबाये रहा। फिर मेरे लंड का पानी निकल ही गया। अब बेचारी भाभीजी क्या करती!

                 वो अब चुपचाप मेरे लंड का पानी पीने लगी। फिर मेने बहुत देर बाद भाभीजी को छोड़ा।

            ” कमीने मुँह में क्यों निकाला? चूत में ही निकाल देता ना।”

            ” आपको पानी पिलाए हुए बहुत टाइम हो गया था ना। इसलिए मैंने सोचा आपको पानी पिला ही दू।”

               अब भाभीजी फिर से मेरे लण्ड को पकड़कर मसलने लगी।

            ” प्रतिभा को चोदने में मज़ा तो आया ना?”

     “हाँ भाभीजी। वो भी आपकी तरह ही एकदम मस्त बिंदास है। खूब मज़ा दिया प्रतिभा भाभीजी ने भी।”

            ” हाँ वो है तो मस्त ही। वैसे एकबार मेरा भाई भी उसे चोदने की कोशिश कर चुका है लेकिन तब वो चुदाने के लिए तैयार नहीं हुई थी।”

               “अच्छा!”   

      “हाँ रोहित। लेकिन तूने तो उसको चोद ही दिया।”

           “हाँ भाभीजी।”

           फिर भाभीजी में मेरे लंड को मसल मसल कर खड़ा कर दिया।  अब मैंने भाभीजी को पटक दिया और मैं भाभीजी के ऊपर चढ़ गया।

कहानी जारी रहेगी………..

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