ब्रो फक सिस स्टोरी मेरी ममेरी बहन की चुदाई की है. वह हमारे घर रहने आई थी. बातों बातों में उससे सेक्स की बातें होने लगी और एक दिन चुदाई के लिए हम दोनों होटल में गए.
दोस्तो, मैं सागर!
आप तो जानते ही हैं कि मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ और मुझको सेक्स के बारे में कितना कुछ पता है. मैं अपनी सगी बहन को और पड़ोस में रहने वाली अपनी चचेरी बहन को चोद भी चुका हूँ.
उम्मीद करता हूँ कि आप लोगों को पहले की तरह मेरी इस ब्रो फक सिस स्टोरी को पढ़ने में बहुत मजा आएगा.
यह सेक्स कहानी आज से दो साल पहले शुरू हुई थी.
मेरी ममेरी बहन शालू 19 साल की है और मैं 25 साल का हूँ.
शालू का कोई सगा भाई नहीं है. उसके लिए मैं ही इकलौता भाई हूँ जो उससे राखी बंधवाता हूँ.
मेरी बहन बहुत ही ज्यादा खूबसूरत और सेक्सी है.
वह अभी बहुत मासूम है और उसको प्यार मोहब्बत सेक्स आदि के बारे में कुछ ख़ास पता नहीं था.
मेरी सगी बहन और चचेरी बहन आजकल अपनी सीए की कोचिंग लेने के लिए दिल्ली गई हुई थीं.
वे दोनों वहीं पर तीन महीने तक रहने वाली थीं.
उनकी अनुपस्थिति में मेरे लंड का हाल बुरा हो गया था और मैं आजकल सिर्फ मुठ मारकर अपना काम चला रहा था.
उन्हीं दिनों मेरे मामा की लड़की शालू लखनऊ रहने आ गई थी और मम्मी ने उसे यहीं रह कर पढ़ने के लिए रोक लिया था.
पहले पहल तो मुझे उसके बारे में कुछ भी ख्याल नहीं आया.
पर एक दिन वह अपने कपड़े बदल रही थी, तब मैंने उसे ब्रा पैंटी में देख लिया था.
उसकी मादक जवानी देख कर मेरे लंड में हरकत होने लगी थी.
अब मेरा लक्ष्य अपनी इस बहन की सील तोड़ चुदाई करने का तय हो गया था.
एक दिन की बात है, मेरी बहन शालू जल्दी जल्दी में कॉलेज जाने की तैयारी कर रही थी.
मेरी इस बहन के पास भी टच वाला मोबाइल था और मेरे पास भी था.
शालू जब स्कूल जाने के लिए रेडी हुई, तो वह जल्दबाज़ी में अपने रूम से निकली और नीचे जाने लगी.
जैसे ही वह मेरे कमरे के सामने से निकली, मैं भी अपने कमरे से निकल रहा था और उसके कमरे की तरफ उसे देखने ही जा रहा था.
उसी वक्त अचानक से वह मुझसे टकरा गई.
उसके दूध मेरे सीने से टकराए और वह गिरने को हुई.
मैंने उसी वक्त अपने हाथ का सहारा देकर उसे पकड़ा और उसी वजह से मेरे होंठ उसके होंठों से टकरा गए.
वह ‘सॉरी भैया.’ बोल कर मेरे हाथों से अलग हुई और गांड मटकाती हुई नीचे चली गई.
उसका यह नाजुक सा स्पर्श मेरे लौड़े में आग लगा गया था.
अब मेरे दिमाग़ में वही सीन बार बार आ रहा था.
शायद मेरी बहन को भी यह लम्हा याद आ रहा होगा. क्योंकि जवान जिस्मों में बहुत जल्द आग लगती है और एक बार आग लग गई तो बिना बुझाए चैन ही नहीं पड़ता है.
मैंने सोचा कि शायद मुझे ही याद आ रही होगी, उसको नहीं.
पर जब वह शाम को घर आई तो मुझसे नज़रें नहीं मिला रही थी.
उस वक्त तक मम्मी अपनी जॉब से लौट कर नहीं आई थीं और पापा तो देर रात तक ही लौट कर आते थे.
मैंने उससे पूछा- शालू क्या हुआ तुझको, तू ऐसी गुमसुम क्यों है?
मेरी बहन ने मेरी आंखों में देखा और वह कुछ शर्माती हुई बोली- भैया आपको कुछ याद नहीं क्या? हम दोनों आपस में सुबह कैसे टकराए थे!
मैंने कहा- हां मुझे बहुत अच्छे से याद है … पर इसमें कोई बात नहीं है शालू, ऐसा तो होता रहता है.
शालू ने कहा- होता तो है, पर ऐसा थोड़े ही होता है कि होंठ से होंठ भी लग जाएं.
उसने यह बात बहुत धीमी आवाज में कही थी लेकिन मैंने सुन ली थी.
मैंने उसकी तरफ देखा और उसकी मनोदशा भाँपने की कोशिश की कि यह क्या चाहती है!
मैंने उसे टटोलने के लिए कहा- कोई बात नहीं यार, यह सब तो आजकल सामान्य है. वंदना तो मुझे जानबूझ कर ही टकराती रहती है.
यह कह कर मैं चुप हो गया और उसका रुख देखने लगा.
मैंने शालू से अपनी सगी बहन वंदना की चर्चा छेड़ कर उसे उकसाने की भी कोशिश की थी.
वह मेरी तरफ देखने लगी और बोली- अच्छा, वंदना दीदी आपसे जानबूझ कर टकराती हैं?
मैंने कहा- हां तो क्या हुआ? वह तो बिस्तर में भी मुझे नहीं छोड़ती है. लड़ती रहती है और उस वक्त तो समझो हम दोनों के बीच क्या कुछ नहीं टकरा जाता था!
वह शर्मा गई और धीमे से बोली- अच्छा, बिस्तर में भी दीदी अपना सब कुछ आपसे लड़वा देती हैं?
मैंने कहा- हां … और तुम्हें सच बताऊं तो वह अपनी सारी बातें भी मुझसे शेयर करती है कि उसका ब्वॉयफ्रेंड उसके साथ क्या क्या करता है.
अब मामला काफी खुल चुका था.
शालू शर्मा कर अपने कमरे में भाग गई.
फिर रात को मैंने अपनी बहन को मैसेज किया- हाय!
उधर से भी जबाव आया- हाय!
‘मुझे नींद नहीं आ रही है!’
‘क्यों?’
‘सुबह की बात याद आ रही है!’
बहन बोली- मुझे भी न जाने क्या हो रहा है!
मैंने कहा- शालू एक बात बोलूँ?
‘हाँ बोलो न भाई?’
‘क्या हम दोनों दोस्त बन सकते हैं?
तो शालू बोली- हां, हम दोनों दोस्त बन सकते हैं.
मैंने कहा- ओके तो आज से हम दोनों पहले दोस्त हैं और बाद में कुछ और!
बहन ने कहा- ओके, पर भैया हम दोनों दोस्त क्यों हुए हैं?
मैंने कहा- अगर दोस्त बन कर रहेंगे तो हमें इस बात का बुरा नहीं लगेगा कि हम लोग एक दूसरे को किस कर चुके हैं.
बहन बोली- अच्छा तो तुम दोस्त बनकर मुझे रोज किस करने वाले हो क्या?
मैंने कहा- नहीं, पर कभी ऐसा हुआ तो कम से कम हम दोनों को ही बुरा नहीं लगेगा … और किसी को शर्म भी नहीं आएगी.
उसने कहा- हां ये तो है.
इसी तरह हम दोनों कुछ देर बात करते रहे और दोस्ती के लिए राज़ी हो गए.
मैं अब अपनी बहन से पूरी पूरी रात चैट करने लगा.
जब वह स्कूल जाती तो भी हम एक दूसरे से चैट करते रहते थे.
हमारी दोस्ती कब प्यार में बदल गई, कुछ पता ही नहीं चला.
हम दोनों एक दूसरे को वेज नॉनवेज चुटकुले भी भेजने लगे.
कभी वह भी मुझे सेक्सी चुटकुले भेज देती थी.
एक दिन हम दोनों मैसेज ही मैसेज में इतना ज्यादा खुल गए और चुदाई की बातें करने लगे कि हम दोनों के बीच लंड चूत ही कहना रह गया था.
उस दिन मैंने उससे कहा- यार, आज कुछ ज्यादा ही हो गया.
वह हंसने लगी.
मैंने कहा- मेरा पैंट गीला हो गया.
वह बोली- क्यों?
मैंने कहा- दही गिरने से गीला हो गया.
वह बोली- मेरी भी मलाई टपक गई.
मैंने कहा- उंगली से चाट लो.
वह कुछ देर बाद बोली- मलाई खट्टी है.
मैंने कहा- मेरा दही तो पहले से ही खट्टा है. चाटना चाहोगी?
वह बोली- हां जब अपनी मलाई चाट ली, तुम्हारा दही भी खा लूँगी.
मैंने कहा- उसके लिए तुमको मेरी कुल्फी चूसना पड़ेगी!
वह हंस कर बोली- तुम्हारी कुल्फी से दही निकलता है या मावा?
मैंने कहा- एक बार चूस कर देखो … फिर खुद ही जान जाओगी कि क्या निकलता है.
वह बोली- हां हां चूस लूँगी यार … ऐसी भी क्या बात है. मैं कोई डरती थोड़े ही हूँ!
उस दिन की बातचीत से हम दोनों के बीच के सारे पर्दे खुल गए थे. ब्रो फक सिस स्टोरी तैयार थी.
बस अब लंड चूत चुदाई आदि शब्दों का खुल कर प्रयोग होना बाकी रह गया था.
अब हर वक़्त हम दोनों एक दूसरे को केवल नॉनवेज मैसेज ही भेजा करते थे.
मेरी ममेरी बहन को भी इस सबमें मज़ा आने लगा था.
मैं सोचता था कि पहले मैं अपनी इस बहन से एक बार ‘आई लव यू …’ सुन लेता तो कितना मज़ा आता.
फिर तो अपनी कमसिन बहन को चोदने में मज़ा आ जाता.
मेरी बहन भी शायद यही सोचती थी कि किस तरह से भाई उसको आई लव यू बोल दे, तो वह भी अपने बड़े भाई का बड़ा लंड ले लेती.
एक दिन मैंने अपनी बहन को गूगल से एक लंड का फोटो डाउनलोड करके भेज दिया.
बहन बोली- ये क्या है?
मैंने कहा- है तो यह लंड, लेकिन इसे कुल्फी भी कहते हैं.
वह बोली- ओके … पर यह किसका लंड है!
जब उसने खुल कर लंड कहा, तो मैंने पलट कर कहा कि पता नहीं यह लंड किसका है, पर तुम्हारी चूत के लिए सही लग रहा है!
मेरी बहन बोली- हट … किसी और का लंड तुम मुझे क्यों भेज रहे हो?
मैंने कहा- तो क्या अपना काट कर भेज दूँ? अबे यार मोबाइल में व्हाट्सैप पर आया था, तो तुझे भेज दिया. यदि बुरा लगा हो तो मना कर दे, आगे से लंड नहीं भेजूँगा?
वह हंसने लगी और बोली- अच्छा तो आगे से क्या भेजोगे?
मैंने कहा- आगे तो लंड ही है. पीछे का आइटम भेजूँगा तो पता नहीं तुझे अच्छा लगेगा या नहीं?
बहन ने हंस कर कहा- अरे यार मेरा मतलब ये नहीं है कि क्यों भेजा. मैं यह कह रही हूँ कि किसी दूसरे का लंड मुझे क्यों भेजा. दूसरे का देख कर मुझे क्या करना. पर हां इतना बड़ा होगा तो अच्छा लगेगा.
मैंने कहा- इतना बड़ा लंड किसका होगा, तो क्या तुझे अच्छा लगेगा? वैसे ऐसा तो हर किसी का होता है.
बहन ने पूछा- तुम्हारा कितना बड़ा है?
मैंने कहा- इतना है कि तुम बर्दाश्त नहीं कर पाओगी.
बहन बोली- क्यों … जितना बड़ा फोटो में है, मैं तो उससे भी बड़ा लंड ले सकती हूँ.
मैंने बोला- कैसे?
बहन ने कहा- लड़कियों की चूत में लचीलापन और गहराई बहुत होती है. उसी वजह से तो दो इंच की चूत में से इंसान का बच्चा निकल आता है.
भाई ने कहा- अरे वाह तुम तो बड़ी ज्ञान की बात कर रही हो. एकाध दिन मेरे कमरे में आओ.
बहन बोली- घर में नहीं, बाहर कहीं का प्रोग्राम बनाओ.
मैंने कहा- होटल में चलें?
बहन बोली- हां होटल में ठीक रहेगा.
मैंने चारबाग के पास एक होटल में एक कमरा बुक किया और बहन को लेकर आ गया.
कमरे में आकर मैंने बहन से कहा- दिखा अपनी चुत!
बहन ने कहा- हां हां क्यों नहीं, मैं आई ही हूँ चुदने के लिए … तुम अपना लंड तो दिखाओ!
मैंने झट से अपना लंड निकाला.
बहन नंगी हो चुकी थी, वह लंड देख कर घबराती हुई बोली- ओ तेरी ये क्या है?
मैंने कहा- लंड है.
वह डर गई और बोली- नहीं, मैं नहीं कर पाऊंगी. तुम्हारा तो सच में बहुत मोटा है!
मैंने कहा- उस दिन तो बड़ी बातें चोद रही थीं कि चूत बड़ी लचीली होती है. उसमें से बच्चा भी निकल आता है. अब क्या हुआ!
इसी तरह की बातों के बाद वह मेरे साथ मस्ती करने लगी.
उसने मेरे लंड को भी चूसा और चुदने के लिए चित होकर लेट गई.
मैंने उसकी टांगों को फैलाया और चूत चाटने लगा.
फिर मैंने उसकी दोनों टांगों को ऊपर किया और अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया.
सच में मेरा लंड उसकी चूत में इतना टाइट घुसा था कि उसको दर्द होने लगा था.
मैंने उसके दर्द की चिंता न करते हुए उसकी धकापेल चुदाई चालू कर दी.
वह भी चुदाई का मजा लेने लगी.
कुछ ही देर में पहली चुदाई पूरी हो गई.
ब्रो फक सिस के बाद अब उससे उठा भी नहीं जा रहा था.
मैंने उसको एक दर्द निवारक दवा खिलाई और कुछ देर बाद दुबारा से बहुत देर तक पेला.
फिर हम दोनों घर आ गए.
अब शालू की चूत मेरे लंड को प्यार करने लगी है.
वह रोज रात में मेरे लंड को अपनी जवानी का नशा करवाने लगी है.
मैंने उसकी गांड भी चोद ली है.
अब तो वह किसी भी तरफ से लंड ले लेती है.
उसकी चूत में किसी अफ्रीकन का मोटा लंड भी घुस सकता है.
अपनी ममेरी बहन की चूत को मैंने भोसड़ा बना दिया है.
अब अगला प्लान उसकी चूत और गांड को एक साथ दो लंड से चोदने का है.
कोई साथी मिलते ही उसकी सैंडविच चुदाई करूंगा और आपको उसकी सेक्स कहानी लिखूँगा.
आप मुझे मेल करके बताएं कि आपको ब्रो फक सिस स्टोरी कैसी लगी.
धन्यवाद.
gdhananjay045@gmail.com