सोफे पर बड़ी गांड वाली आंटी की चुदाई

इंदौर के रहने वाले विहान ने अपने पड़ोस की आंटी के साथ लिया सेक्स का मजा। आंटी नटखट थी और काफी सेक्सी भी जब विहान ने उनकी मोटी गांड देखी तो वो कामुक हो कर उसकी चुदाई करने लगा। और आंटी तो नटखट थे ही इसलिए उन्होंने भी पुरे मजे लिए। विहान ने अपनी कहानी “बड़ी गांड वाली आंटी की चुदाई” से हमें ये सीख दी की एक जवान लड़का किसी भी उम्र की औरत को आकर्षित कर सकता है बस हिम्मत, इरादा और लोडा मजबूत होना चाहिए।

मैं ज्यादातर अपने घर में ही रहता था क्यों की मुझे बाहर जाना आना पसंद नहीं था। मैं बस कॉलेज से घर और घर से कॉलेज जाता था। 

न कोई लड़की थी न ज्यादा दोस्त। मैंने जिंदगी का कभी मजा नहीं चखा क्यों की घर वाले वित्तीय संकट में रहते थे।  इस वजह से पिता मुझे पैसे ही नहीं देते थे और पैसे के बिना मैं लड़की घुमा भी नहीं सकता था। 

मैंने कभी सेक्स नहीं किया था पर मेरे घर के पास वाली आंटी ने मुझे वो सुख दिया जो मुझे आज तक कोई नहीं दे पाया था। 

उस दिन मैं हर रोज की तरह कॉलेज से वापस आ रहा था तभी रासे में आंटी मिल गई जो मेरी मम्मी की अच्छी दोस्त थी। 

आंटी – अरे विहान बच्चे कैसे हो ? मैं तुम्हारे ही घर जा रही थी तुम्हारी मम्मी से मिलने। 

मैंने कहा – नमस्ते आंटी मैं ठीक हूँ। मैं भी घर जा रहा था। 

आंटी – अच्छा तुम कॉलेज से आये हो अभी। 

उसके बाद आंटी मेरे साथ घर की और जाने लगी। जाते जाते हमने कुछ बाटे की और हम घर पहुंचे। 

पर घर पर ताला लगा था और अंदर कोई नहीं था। तभी साथ वाले मकान से मेरा दोस्त निकला और उसने मेरे हाथ में घर चाबी दे कर कहा तेरी मम्मी सब्जी लेने गई है मुझे चाबी देने को कहा था। 

अब आंटी घर के सामने थी तो मैंने उन्हें कहा की मम्मी बस आती ही होगी आप अंदर चलिए। 

अंदर जा कर मैंने आंटी को चाय पिलाई और हम बाते करने लगे। वो मुझे काफी पका रही थी पर जब उन्होंने कामुक बाते की तो मुझे भी मजा आने लगा। 

आंटी मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछने लगी तो मुझे अजीब लगा। आंटी बातो बातो में मुझे गंदे इशारे कर रही थी जो मैं समझ रहा था। 

नाश्ते के बाद मैंने आंटी को हाथ धोने के लिए बाथरूम में भेज दिया। उस वक्त मैंने उन्हें गन्दी नजरो से देखा और मुझे उनकी मोटी गांड दिखी। 

पीछे से आंटी माल दिख रही थी और चलते हुए उनके कूल्हे मटक रहे थे इसलिए मैं कामुक हो गया। 

मुझे लगा आंटी मेरे साथ वासना का खेल खेलना चाहती थी और मैं समझ नहीं पाया। इसलिए मैं उनके पीछे गया और बाथरूम में उसे चिपक गया। 

मैंने आंटी को पीछे से गले लगाया और अपनी कमर हिला कर उनकी गांड पर अपना लंड मारने लगा। 

आंटी – अरे ये क्या कर रहे हो तुम छोड़ो मुझे !

मैं डर गया और मुझे लगा की आंटी को मैंने गलत समझा था। मैं उनसे पीछे हटा और सीधा खड़ा हो गया। 

पर आंटी की नजर मेरे खड़े लिंग पर पड़ गई और वो उसे देख मुस्करा रही थी। 

मुझे याद है जब मैंने पड़ोस के अंकल और भोजपुरी आंटी की चुदाई देखी थी उस दिन के बाद से मुझे बड़ी उम्र की ओरतो में यौन रुचि होने लगी थी। इस लिए आंटी को देख मैं लिंग चुदाई के लिए खड़ा था। 

आंटी मेरे पास आई और मेरी जीन्स के ऊपर से लिंग को दबाने लगी। 

आंटी – क्या बात है काफी उत्साहित हो रहे हो बेटा ?

मैंने कहा – आप हो इसलिए मुझे होना बड़ा। 

उसके बाद आंटी ने मेरा हाथ पकड़ा और वापस लेजा कर सोफे पर मुझे खड़ा कर दिया। 

मैंने अपनी जीन्स उतारी और आंटी मेरे लिंग के साथ खेलने लगी। वो कभी उसे जोर से हिलती तो कभी प्यार से चाटती। उन्हें देख कर लग रहा था की वो काफी बड़ी रंडी रही होगी अपनी जवानी में। 

इसे पहले मेरा माल निकल जाये मैं आंटी को रोक दिया और उन्हें खुद के कपडे उतारने को कहा। 

आंटी – अच्छा अब ये भी मैं ही करू ? जब मैं जवान थी तो चुदाई करने के लिए मेरा पति जोश में मेरे कपडे फाड़ देता था और तुम। 

मैं चुप चाप नीचे उतरा और आंटी की सलवार खोल दी। सलवार खोल कर आंटी की मोटी गांड देख मैं बोखला गया। 

तभी आंटी ने पीछे हाथ किया और मेरे बाल पकड़ कर मेरा सर अपनी गांड में दे दिया। 

मैं उनकी गांड मजे से चाटने लगा और उनकी योनी सो चूमने लगा। मैंने पहली बार किसी औरत की गांड चाटी थी जिसमे मुझे काफी आनंद आने लगा था। 

अब आंटी की चुत भी नम होने लगी इसलिए मैं खड़ा हुआ और आंटी को सोफे के सहारे झुका कर खड़ा कर दिया। 

आंटी अपनी दोनों टंगे खोल कर खड़ी मेरे लंड का इंतजार करने लगी। मैं पीछे से आंटी को चूमा और छटके से अपना लिंग उनकी योनी में दे मारा। 

लिंग अंदर जाते ही मैं आंटी की गर्म और मुलायम योनी का मजा लेने लगा। बड़ी गांड वाली आंटी की चुदाई करते हुए मेरे पैर कापने लगे और शरीर पर रोंगटे खड़े हो गए। 

आंटी को मजा आ रहा था तो वो उल्टा मेरे ही लंड पर अपनी मोटी गांड मारने लगी। हम दोनों के निजी अंंग एक दूसरे से रगड़ खा रहे थे और मुझे काफी मजा आने लगा था। 

जल्द ही आंटी की चुत से चिपचिपा पानी टपकने लगा। आंटी की चुत से निकलती लार मुझे और उत्साहित करने लगी और फिर उनकी गांड में मुँह दे कर सारा रस चाटने लगा। 

अपने पड़ोस की badi gand wali aunty ki chudai कर के मुझे वो ख़ुशी मिली जो मुझे आज तक नहीं मिली थी। मैं हस्ते हस्ते आंटी की गांड में लंड देता रहा और उनको अन्तर्वासना की संतुष्टि देने लगा। 

वासना से भरी आंटी अपनी चुत देते हुए पीछे मुड़ी और मुझे चूमने लगी। आंटी के मोटे होठ और बड़ी आंखे उस पल को और भी ज्यादा कामुक बना रही थी। 

चुदाई करते हुए मैं उनका सूट तार कर पीछे से दोनों स्तन दबाने लगा। आंटी के स्तन तो बड़े थे ही साथ ही उनके काले निपल्स भी काफी बड़े और लम्बे थे। 

मैं पूछे से उनकी चुदाई करता हुआ उनके स्तनों पर कभी झापड़ मारता तो कभी उनकी चूची उलटे सीधे तरीके से मसलता। 

आंटी का मेरी ही उम्र का एक बेटा भी था पर उन्हें उस दौरान कोई शर्म नहीं थी। 

चुदाई करते हुए मैने आंटी को सोफे पर लेटाया और उनकी एक टांग उठा कर चोदने लगा। 

आंटी – अहह ऊह अहह अब अच्छा अच्छा …….  लग रहा है !!

आंटी की जांघ काफी मस्त थी। उनकी जांघ मैं गले लगा कर अपने लंड को चुत में धकेले जा रहा था। 

उनके स्तन मेरे धको से आगे पीछे हिल रहे थे और काफी सेक्सी लग रहे थे। 

आंटी की पतली कमर और मोटी गांड देख किसी का भी लंड खड़ा हो जाता। 

चुदाई करते करते मैं आगे झुका और आंटी से स्तन भी चूसने लगा। चूस चूस कर स्तन लाल हो जाने पर आंटी अपनी चरमोत्कर्ष तक जा पहुंची। 

और उनकी चुत से पानी निकल पड़ा।  आंटी गर्भवती न हो जाये इसलिए मैंने अपना लिंग बाहर निकला और आंटी के ऊपर चढ़ कर उनके स्तनों के बीच रगड़ने लगा। 

नरम चुचो के बीच लंड रगड़ कर मैं चरम सीमा तक जा पहुंचा। मैंने अपना सारा माल के मुँह पर लबेड दिया।  

तो कैसी लगी ये अतरंगी आंटी सेक्स कहानी ? मुझे कमेंट करके जरूर तना। चुदाई के बाद मम्मी के आने से पहले ही आंटी घर से चली गई और मैं नहाने। 

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