आंटी की बुर चाटी 👅

मैं जोर जोर से आंटी की बुर में अपनी जुबान घुमा रहा था। आंटी का बदन किसी गर्म तवे जितना तपने लगा। दोस्तों मेरा नाम राकेश है और मुझे बड़ी बड़ी सेक्सी औरतों का जिस्म चाटने चोदने का काफी दिल करता है। मैं 24 साल का पटना का लड़का हूँ जिसके दिल और दिमाग में बस चुदाई ही चलती है। 

दोस्तों कहानी का नाम आंटी की बुर चाटी पढ़के आप समज गए होंगे की मुझे क्या करना सबसे ज्यादा पसंद है। दोस्तों मुझे सोते हुए बस चुत ही चुत दिखती है। मेरा लिंग बार बार खड़ा हो जाता है और मेरी जानवर सी आंखे गीली चुत की तलाश करने लगती है। 

अगर आप भी कुछ मेरे ही तरह है तो आज अपनी मेरी Hindi Sex Stories जोरू पढ़नी चाहिए। इस कहानी के जरिए मैं आपको बताने जा रहा हूँ की चुत को कैसे चाटा जाता है और उसका स्वाद केसा होता है।  

बड़े थन वाली आंटी की बुर चाटी !!

मैंने पढ़ाई लइकाई सब छोड़ दी थी और बस घर पर बैठा लंड हिलाता था। जिंदगी बस ऐसे ही कट रही थी और मेरा भी काट रही थी। पिता जी घर आकर दिन रात ताने मरते। माँ बहन मुझे ऐसे देखती जैसे मैं कोई मुजरिम हूँ। सब यही चाहते थे की मैं कोई काम धंधा शुरू करू। पर दूसरी तरफ मेरे अंदर बस चुत चांटे की इच्छा थी। 

मैं किसी भी तरह सेक्स का आनंद लेना चाहता था। मुझे जवान, पतली और गोरी लड़किया पसंद नहीं थी। मुझे देसी, भरे शरीर वाली औरतें ज्यादा कामोत्तेजक लगती थी। मैं अक्सर बाजार जाकर वहा आती जाती औरतों को देखा करता। उनके बड़े हिलते स्तन और मटकती गांड देख मुझे मन ही मन कामुक कर देता। मेरा लिंग कडा होजाता जिसे मैं बार बार अपने हाथ से मसलता। 

किस्मत से एक दिन बाजार में मुझे ऐसा करते देख एक औरत ने देख लिया। वो पियाज लेने के लिए नीचे बैठी और उन्हें छाटने लगी। सब्जी वाले के ठीक पीछे खड़ा मैं आंटी के स्तनों को देखने लगा। मेरी नजर ठीक उनके बीच की दरार पर थी। 

स्तनों को देख मेरा लिंग कठोर हो गया और बाहर से दिखने लगा। आंटी की नजर मेरे लिंग पर गई तो वो मुस्करा उठी। उन्हें पता था की मेरी नजर उनके ही जिस्म पर है।  

आंटी ने अपने प्याज लिए और उठ कर चलती बनी। अब इतनी माल दार आंटी को मई ऐसे ही कैसे जाने देता। तो मैं भी उनके पीछे निकल पड़ा। मैंने सोचा आंटी का घर पता लग गया तो बस हर दिन उनके घर के आसपास ही घूमता रहुगा ताकि उनके उनके ढके जिस्म को अपनी नंगी आँखों से देख सकू। 

यही सोच कर मैं उनके पीछे निकल पड़ा। आंटी ने 3 से 4 और सब्जिया खरीदी और अपने घर को निकल पड़ी। कुछ ही दूर चलने के बाद उनका घर आ गया। उन्होंने दरवाजा खोला और अंदर जाने से पहले पीछे मुड़कर मुझे देखा। मुझे देख वो हल्का सा मुस्कुराई और अंदर चली गई। 

दोस्तों उन्हें उस वक्त दरवाजा ही बंद नहीं किया और वो अंदर चली गई। मैं बाहर खड़ा यही सोचा रहा की आंटी ने मुझे कोई इशारा तो नहीं दिया। आंटी का दरवाजा खोला वो इस बात का संकेत था की आंटी मुझे अंदर बुला रही है। 

मैं साहस जुटा कर अपना कदम आगे बढ़ाया और अंदर घुस गया। अंदर जाते ही मैंने आंटी को सोफे पर लेटा देखा। मुझे आंटी ने कहा “बाहर का दरवाजा बंद करदो !!”

बस दोस्तों उसके बाद तो मेरा लिंग बे वजह खड़ा हो गया। मैं जल्दी से दरवाजा बंद किया और अपना लंड पकड़ कर भाग कर वापस आया।  

अंदर आते ही आंटी ने न तो मुझ से मेरा नाम पूछा न पहचान। उन्होंने सीधा अपनी साड़ी और पेटीकोट उठाया और मुझे टांगे खोल कर देखने लगी। 

मैं खुसी से आगे बड़ा और आंटी की कच्छी उतार कर उनकी चुत चाटने लगा। इस तरह मैंने सेक्सी आंटी की बुर चाटी। मेरा खड़ा लिंग देख वो पहले ही गीली हो राखी थी। बस दोस्तों मैंने अपने दोनों हाथो से उनकी जांघो को खोला और अंदर की चुत पर अपनी जुबान लगाने लगा। 

आंटी की चुत काली थी और बड़ी सी थी। उसका स्वाद कुछ खास अच्छा नहीं था। अब दोस्तों वो कोई खाने की चीज तो है नहीं। ऊपर से अगर लंड खड़ा हो तो दिमाग में बस चुत ही होती है। 

मैं आंटी की बुर चाटता हुआ उसकी सुगंध लेने लगा। मुझे धीरे धीरे चुत का नशा होने लगा और लंड से पानी टपकने लगा। मैंने बुर चाटते हुए सामने देखा तो मुझे बस आंटी के दो बड़े बड़े पहाड़ जैसे स्तन दिख रहे थे। 

स्तनों के बीच में आंटी के रसीले होठ देख मुझे उनसे प्यार हो गया। ऐसा जिस्म और गर्म शरीर मैंने पहली बार महसूस किया। 

मैंने आंटी की बुर चाटते हुए अपने दोनों हाथ आगे बढ़ाए और दोनों स्तनों को उनकी चोटी के ऊपर से दबोच लिया। आंटी का ब्लाउज टाइट था और ऊपर से मैं स्तन दबोच रहा था। 

कुछ देर दबाने के बाद दोनों चूचिया भी खड़ी हो गई। मैं धीरे से ब्लाउज में हाथ डाला और आंटी के स्तनों को प्यार से छूने लगा। 

आंटी – अहह अहह उउह्ह्ह  !! बेटा !!

मैंने कहा – हम्म्म !! ह्म्मम्म्म्म !!

बस कुछ इसी तरह की आवाज निकाल कर मैं आंटी की बुर चाटता रहा और आंटी के भरे जिस्म को करीब से देखता और छूता रहा। 

कुछ देर बाद आंटी की चुत से रस निकलने लगा। मैं धीरे धीरे उसे अपने मुँह में भरता रहा और साथ ही उनके स्तनों को ब्लाउज के अंदर ही दबाता रहा। 

आंटी की बुर चाटी और ठन्डे हाथो से उनके स्तन दबोचे !!

मैं उनकी चुत चाट चाट कर बस रस मलाई निकालने ही वाला था की तभी आंटी ने अपने हाथ अपने स्तनों पर रखे और मेरे हाथो को पकड़ कर मुझ से अपने स्तन जोर से दबवाने लगी। 

मैंने ब्रा के ऊपर से काफी जोर से उनके स्तन मसलना शुरू कर दिया। जब मुझे मजा आने लगा तो मैंने अगले ही पल अपने ठन्डे हाथ ब्रा के अंदर घुसाए और आंटी के गर्म स्तनों को दबाना शुरू कर डाला। 

ठन्डे हाथ लगते ही आंटी के शरीर पर रोंगटे खड़े हो गए।

आंटी – अहह बेटा तेरे हाथ !!

मैं अपने ठन्डे हाथ आंटी के गर्म और नरम स्तनों पर लगा कर उन्हें भी गर्म करने लगा। आंटी की दोनों चोटियों पर कड़ी चूचिया थी जिन्हे मैं अलग अलग तरह से खींचे दबाने लगा। 

चुत चाट चाट कर मेरी जुबान थक गई पर जब आंटी की जांघो को थरथराते देखा तो मैं खुद को रोक न सहा। कभी मैं बुर को ऊपर ऊपर से चाटता तो कभी उसे खोल कर अंदर से। 

कभी मैं अपनी जुबान गोल गोल घुमाता तो कभी चुत को अपने होठों से चूसता। मैंने हर वो हत्कण्डा अपनाया जिस से आंटी अपनी चरम सीमा के करीब जा साके। 

मैं कुछ देर इसी तरह लगा रहा और मेरा लंड अपनी लम्बी लम्बी लार टपकने लगा और मुझे से कहने लगा की “भाई अब मुझे भी मजा लेने दे !!” 

पर दोस्तों मुझे चुत का नशा था मैं उसे चोदने का कम चाटने के ज्यादा ख्वाब देखता था। मैं इसी तरह लगा रहा और आंटी की अचानक सासे तेज हो गई। 

उन्होंने मेरा सर अपने दोनों हाथो से पकड़ा और मेरा मुँह अपनी चुत पर चिपका दिया। 

उसी वक्त उनकी चुत से सफ़ेद मलाई निकलने लगी। मैं लगातार मलाई को चाट कर साफ करता रहा और चुत को दुगनी तेजी से चूसता चाटता रहा। 

मैंने आंटी की बुर चाटी और उनकी सारी मलाई खा ली। 

आंटी को खुश करने के बाद मैं खड़ा हुआ और अपने लंड को खुश करने के लिए उसे चुत के अंदर घुसा दिया। 

आंटी सोफे पर अपनी सेक्सी टांगे खोल कर लेटी थी और मैं उनकी चुत पर थूक कर अपने लिंग को अंदर डालने लगा। दोस्तों आपका अपना बड़े लंड वाला दोस्त राकेश अपने सामने हाजिर है आंटी की बुर चाटी कहानी का दूसरा भाग लेकर।

जैसा की आपको पता है की पहले भाग में आंटी मुझे कैसे और कहा मिली। आंटी से मिलने के बाद मैंने उनकी बुर चाटी और उन्हें चोदने से पगले संतुष्ट कर दिया। अब उसके बाद की chudai ki kahani काफी ज्यादा सेक्सी होने वाली है इसलिए अपने लिंग को धीरे धीरे हिलाना दोस्तों। 

चुत की मलाई खाने के बाद मैं खड़ा हुआ और आंटी मुझे हस्ते हुए देखने लगी। मैंने आज तक कासी सारी चुदाई कहानी और sex story hindi font पढ़ी है जिसमे मर्द चुत और थूक लगा कर चोदता है। आज मुझे मौका मिला तो मैंने भी वही किया। मैंने आंटी की काली चुत पर थूका और अपने लिंग को अंदर डालने लगा। 

तभी आंटी ने मेरी छाती पर पैर रख कर मुझे रोक दिया। 

आंटी – नहीं मैं बस ओरल सेक्स करना चाहती थी अब ये ज्यादा हो रहा है बेटा !!

मैंने कहा – नहीं आंटी चुत तो मैं आपकी मारकर रहुगा। 

ये सुनकर आंटी खड़े हुई और मुझे हल्का सा धका देकर बोली ” नहीं तुमने सुना नहीं अब इतना ही काफी है मैं और नहीं करना चाहती। ”  

ये बोलकर आंटी मेरे लिंग को देखने लगी। मैं पिछले 40 मिनट तक आंटी की चुत चाट रहा था और उस दौरान मेरा लिंग अपनी लार टपका रहा था। 

बस आंटी उसी लम्बी टपकती लार को देख सेक्सी हो गई। मेरे लिंग के मुँह से लसलसी लार टपक रही थी। 

मेरा नसों से भरा कड़ा लिंग आंटी को काफी पसंद आया। उसे देख उनका मुँह बंद हो गया और वो वापस अपनी टांगे खोल कर सोफे पर लेट गई। 

आंटी की बुर चाटी और उसपर थूक कर चोदा !

उस वक्त मुझे अपने लिंग पर गर्व हुआ और मैं आगे बढ़कर आंटी की मलाईदार चुत पर थूका और अपने लिंग के टोपे को अंदर करने लगा। लिंग अंदर डाल कर मैंने आंटी की चुत का भरता बनाना शुरू कर डाला। 

लिंग अंदर जाते ही आंटी की आंखे मुझे प्यार से देखने लगी। मैं उन आँखों में अपनी आँखे डाल कर चुत में लंड डाल कर चोदने लगा। मेरा लंड सफेद मलाई दार चुत को चोद रही थी और मुझे काफी आनंद आ रहा था। 

चुत अंदर से और ज्यादा गर्म थी। चुत चोदते हुए मैंने आंटी के ब्लाउज को खोलना शुरू किया। मेरी आंखे आंटी की नरम छाती पर तिकी थी और कपकपाते हाथो से मैं उनके ब्लाउज को खोल रहा था। 

इस दौरान आंटी ने मेरे हाथो को पकड़ा और उन्हें सहलाना शुरू कर दिया। 

ब्लाउज उतारने के बाद मैंने दोनों स्तनों को ब्रा के ऊपर से खींच कर निकाला और दोनों खड़ी चूचियों को अपने होठो से चूसने लगा। 

काली काली और कड़ी चूचिया काफी नरम और गर्म थी। मुझे दोनों को चूसने में काफी ज्यादा आनंद आ रहा था। आंटी भी काफी मजे में थी और मैं चुदाई करते हुए पुरे मजे लेने लगा। 

कभी आंटी के स्तन दबाए तो कभी चुत चोदी। आंटी का शरीर पूरा चुदाई का माल था। उनका चेहरा भी काफी सुंदर और देसी थी। चुत चोदते हुए मैं थोड़ा सा आगे बड़ा और आंटी में सर को दोनों हाथो से पकड़ कर उनके होठो को चूमने लगा। 

अपने कूल्हे हिला हिला कर मैं अपने उनके बड़े होठो को अपने होठो के बीच दबा कर चूस रहा था। 

आंटी की चुत धीरे धीर अंदर के और गीली होने लगी और अगले ही पल बस एक बड़ी सी पानी की धार निकली जिसने मेरे लिंग को चुत से बाहर निकाल फेका। 

होठो को चूसने के बाद आंटी ने अपने मुँह से अपनी जुबान निकाली और मैं उसे चूसने लगा। दोस्तों इसी तरह मुझे काफी मजा आ रहा था। मैं लगातार उनकी जुबान को अपने होठो से चूस रहा था। 

आंटी की साडी लिपस्टिक और आँखों का काजल खराब हो गया। बालो की माँ चुद गई और चुत का भोसड़ा हो गया। चुत से अपनी निकालने के बाद मैंने अपने लिंग को वापस अंदर डाला और चुत को चोद कर पूरा आनंद लेने लगा। 

धीरे धीरे आंटी की चुत में दर्द और शरीर में बेचैनी बढ़ने लगी। वो धीरे धीरे छटपटाने लगी और मैं उन्हें जकड़ कर चोदता रहा। 

आंटी को दबोच कर मैंने उन्हें काफी चोदा और अपने लिंग को आनंद दिया।  

उनका बड़ा सा गर्म शरीर मुझे काफी आनंद दे रहा था। मेरे ठन्डे हाथ गर्म हो चुके थे और लंड का पानी निकलने वाला था। 

कुछ इसी तरह आंटी को धके लगते हुए मैंने अपना एक पैर सोफे पर रखा और खड़ा होकर आंटी की चुत में अपना लिंग मारता रहा। 

मैं एक पैर सोफे पर और एक पैर जमीन पर रख कर चुत में लंड फसा कर उठक बैठक लगाने लगा। मेरा लिंग सामने की जगह मुँह नहीं कर रहा था बल्कि वो नीचे की तरफ मुँह कर के चुत के अंदर फस था। 

इसी तरह मैं बस उठक बैठक लगाता हुआ चुत को चोदता रहा और पूरा आनंद लेता हुआ आंटी के शरीर को देखता रहा। आंटी भी मुझे दिखती रही और मुझे चोदता हुआ देख आनंद लेती रही। 

मैं भी आंटी को चुदता हुआ देखता रहा और बस मेरे लंड से लस्सी निकलने वाली थी। जैसे ही मेरा लंड जरूरत से ज्यादा कड़ा हो गया तो आंटी को पता लग गया की मेरा पानी निकलने वाला है। 

उन्होंने मुझे अपनी एक टांग से धका दिया और मैं नीचे नंगा गीर गया। मैं जैसे ही अपने चूतड़ों के बल नंगे फर्श पर गिरा मेरे लंड ने अपनी लस्सी छोड़ दी। लस्सी की धार फेश पर गिरी और उसकी कुछ बुँदे चुत के ऊपर। 

मेरे चूतड़ों की हड्डी दर्द करने लगी और मैं वही नंगा बैठा आंटी को गुस्से से देखता रहा और बोला “क्या हो गया आंटी जी !!!”

आंटी खड़ी हुई और मेरे कान के पास आकर अपनी सेक्सी आवाज में बोली “बस तू इसी लायक है तेरी इतनी औकात कहा की तू मेरे अंदर अपना झाड़े ! “

उसके बाद आंटी ने मेरे कपडे पकड़े और मेरे ऊपर फेक कर कहा “चल जा अब !!” 

मैं खड़ा हुआ और अपने कपड़े पहन कर आंटी के घर से निकल गया। 

बस उसी वक्त मैं आंटी का और दीवाना हो गया और मैंने अपने आप से ठान ली की अब तो मैं आंटी को जरूर चोदुँगा और उनके अंदर ही अपना झाडूगा। 

तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी आंटी की बुर चाटी। पर आंटी ने उस दिन के बाद मेरे साथ सेक्स करने से मना कर दिया। मैं कई बार और कई कई दिन तक उनके घर के बाहर उनका इंतजार करता रहा की कब वो मुझे अंदर आने को कहेगी पर ऐसा नहीं हुआ। अगर होता तो मैं आपको अपनी देसी कहानी का तीसरा भाग भी सुनाता।

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