हेल्लो दोस्तों, आज हम फिर से लौटे है एक नयी कहानी के साथ जिसे मेने अपनी आँखों से देखा है।
जी हां, मेरा नाम राहुल है और सभी जानते है की मेरी हिंदी सेक्स स्टोरी हमेशा सभी को बहुत पसंद आती है।
हाल ही में, मैंने अपनी विर्जिनिटी खो दी वो भी अपनी पड़ोस की आंटी को दबा के चोद के।
तो दोस्तों, वो आंटी ज्यादातर घर पर अकेली रहती थी क्योकि उसका पति एक ऐसी कंपनी में काम करता था जहा उसे कई बार रात में भी रुकना पढता था।
हमारा परिवार उस गली में हाल ही में शिफ्ट हुआ था और हम ज्यादा लोगो को जानते भी नहीं थे। हमारी सबसे पहले जान पहचान उन्ही आंटी से हुई थी।
पहले तो मेरी मम्मी ने उनसे बात करना शुरू किया लेकिन फिर बाद में मेरी भी उनसे बातचीत अच्छी हो गयी।
उन्होंने कई बार मुझे इशारे भी दिये लेकिन मैं समझ नहीं पाया।
जैसे जैसे समय बीतता रहा, मुझे उस गली के बारे में कई बाते पता चली।
मेरी पहचान वह कई लड़को से हुयी जो उस गली में काफी टीम से रह रहे थे।
तभी एक दिन मुझे एक ऐसे बात पता चली जिसमे मैरे रौंगटे खड़े कर दिए।
तो दोस्तों, कहानी ने यह एक बहुत बड़ा ट्विस्ट लिया जिसमे मुझे उन आंटी के बारे में एक ऐसे बात पता चली जिसके बाद मैं उनसे ज्यादा दूर नहीं पाया।
गली में पहले एक लड़का रहता था जिसका नाम नितिन था।
वो वैसे तो उम्र में मुझसे बड़ा था लेकिन उसने जो किया था वो मैं भी करने के लिए तैयार था।
नितिन हमारे वाले फ्लैट में पहले किराये पर रहता था वो एक बहुत अच्छी कंपनी में काम करता था जिसमे उसे हर शनिवार और रविवार की छुट्टी मिलती थी।
तो वो हर हफ्ते दो दिन ज़्यदातर घर पर ही बीताता था।
शुरुवात में तो वो शांत था क्योकि वो पुरे फ्लैट में अकेला रहता था।
कुछ महीने बीतने के बाद बातचीत आंटी जिनका नाम कविता है उनसे बढ़ गयी।
नितिन भी यह जानता था की आंटी ज्यादातर घर में अकेली रहती है।
उसने धीरे धीरे आंटी के घर में जाना शुरू कर दिया।
वो अपने हफ्ते के दोनों छुट्टी वाले दिन आंटी के घर में ही बिताता था।
वो दोनों एक दूसरे के साथ काफी फ्रैंक हो गए थे और एक दूसरे से काफी बाते भी शेयर करते थे।
तभी एक दिन, आंटी के पति को टूर की वजह से शहर से बहार जान पड़ा।
वो तीन दिन के लिए शहर से बाहर थे।
और कमाल की बात तो यह थी की वो शनिवार सुबह को घर से निकले थे तो नितिन को एक शानदार मौका मिला आंटी के साथ दिन और रात दोनों बिताने का।
नितिन ने सोच लिया था की वो दिन के साथ रात को भी आंटी के साथ ही रुकेगा।
जैसे ही आंटी ने अपने पति को अलविदा किया, उसके थोड़ी देर बाद ही आंटी के घर का दरवाज़ा बजा और जैसे ही आंटी ने दरवाज़ा खोला तो वह नितिन खड़ा था।
आंटी ने तब नितिन को इतना ध्यान से नहीं देखा था क्योकि अगर देखती तो हैरान हो जाती क्योकि नितिन का लंड भी खड़ा था और वो साफ़ साफ़ उसके पाजामे से दिख रहा था।
नितिन अंदर आया और बात करने के लिए उसके पति के बारे में पूछने लगा।
जब आंटी ने उसे बताया की वो तीन दिन के लिए घर से बहार रहेंगे तो नितिन के मन एक लड्डू सा फूटा।
नितिन रोज़ाना की तरह से कुछ अलग हरकते कर रहा था और बार बार आंटी को छूने की कोशिश कर रहा था।
आंटी भी उसके हरकते देख कर समझ गयी की आज यह आंटी को बजाने के लिए आया है।
अपने पति को अलविदा करने के लिए आंटी ने उसे एक बहुत लम्बा चुम्बन दिया था जिसकी वजह से आंटी की चुत में अभी भी खुजली हो रही थी।
और आंटी उस खुजली को मिटाना चाहती थी लेकिन वो तभी मिटती जब कोई उनकी चुत मारता वो भी बहुत तेज़।
वहीं दूसरी तरफ आंटी का फिगर पुरे मोहल्ले के लड़कों को उनकी तरफ खींचता था।
नितिन भी उन सब लड़को में से एक था।
लेकिन बस नितिन ही था जो उनके घर में कभी भी आ जा सकता था और उनसे खुल के बात करता था।
आंटी भी नितिन को अपना मानती थी और उससे खुल के बात कर लेती थी।
आंटी के सेक्सी बूब्स और मुलायम गुलाबी चुत किसी को भी उसके पीछे पागल कर दे।
लेकिन सभी ने सिर्फ उसके बूब्स देखे थे वो भी कपडे के ऊपर से।
तभी आंटी ने फैसला किया की वो नितिन के साथ कुछ भी करने के लिए तैयार है।
लेकिन आंटी उस पर इतनी जल्दी भरोसा नहीं कर सकता था क्योकि वो उसे बस तीन महीनो से ही जानती थी।
वही दूसरी तरफ, नितिन पलंग पर आराम से बैठा था और उसका एक हाथ उसके लंड पर था।
आंटी ने उसे देखा लेकिन नज़रअंदाज़ कर दिया।
आंटी उसके लिए पानी ले कर आ गयी और नितिन ने पानी पिया।
वो दोनों एक दूसरे से बात करने लग गए और नितिन बार बार कभी आंटी के गाल पकड़ता कभी उनके हाथ में हाथ रखता।