सेक्सी साड़ी वाली लड़की की चुदाई

दिल्ली के रहने वाले किशु ने किया प्रिन्सी के साथ सेक्स। किशु ने अपनी सेक्स कहानी में बताया की जब उसके यहाँ नई पड़ोसन आई तो उसने क्या और कैसे किया। किशु ने अपने पड़ोस की साड़ी वाली लड़की की चुदाई करके ये साबित किया की मोहल्ले के लड़के ही नहीं बल्कि लड़कियां भी हरामी होती है।

उस दिन मेरे यहाँ नई पड़ोसन आई। वो लड़की काफी सुंदर थी और उसे अपनी कामुक माँ की तरह साड़ी पहने का शोक था। 

लड़की की उम्र करीब 23 साल थी। वो लड़की जवानी से भरी चुदाई का माल थी। 

बढ़ी और नरम छाती, पतली और गोरी कमर के साथ साथ मटकते कूल्हे देख मैं हर बार कामुक हो जाता। 

मैं कई बार घर के दरवाजे से उस साड़ी वाली लड़की को देकता। वो हर सुबह घर के बाहर झाडू मारती बस उसी पल मुझे उसके स्तन देखने का मौका मिल जाता। 

जब वो झाडू लगाने के लिए निचे झुकती तो मैं दरवाजे की जाली से उसके स्तन देख लंड पकड़ लेता। 

धीरे धीरे मैं उसे प्यार करने लगा। पर मैं प्यार उस से नहीं उसके कामुक शरीर से करता था। 

उस सेक्सी साड़ी वाली लड़की की चुदाई करने के लिए मैं उसे अपनी जान पेहचान कराने का तरीका खोजने लगा। 

उस सुबह जब वो झाडू लगाने आई तो मैं भी अपने घर से बाहर झाड़ी लगाने लगा। 

ऐसा मैंने करीब 3 दिन और किया और 4 दिन हमरी बात शुरू हो गई। 

बस इसी तरह कुछ एक हफ्ता हमारी दोस्तों चली और एक गंदे इशारे से वो मेरी प्रेमिका बन गई। 

मुझे जल्द से जल्द उसकी चुदाई करें थी इसलिए मैं उसके घर घुस गया। उस वक्त उसकी माँ सो रही तो और बाप काम पर गया था। 

प्रिन्सी – किशु यहाँ क्यों आये हो ? मम्मी घर पर है यहाँ से चले जाओ। 

मैंने प्रिन्सी का हाथ पकड़ा और उसे ऊपर के कमरे में ले गया। वह जाते ही मैं उसे चूमे लगा और वो मुझे धका देने लगी। 

मैंने कहा – तेरी माँ तो सो रही है कुछ नहीं होगा। 

मैंने किसी तरह उसको मनाया और उसे कामुक तरीके से छूता रहा। 

मैंने प्रिन्सी को गर्दन पर चूमना शुरू कर दिया और उसके स्तन दबोच कर दबाता रहा। 

मुझे ज्यादा चर्बी वाली औरते पसंद थी। इसलिए मैं अपनी नई भाभी की चुदाई भी  करना चाहता था। 

मैं अपनी पड़ोसन को कुछ ज्यादा नहीं जनता था पर मुझे उसकी गांड चोदने का मौका काफी आराम से मिल गया। 

मैंने प्रिन्सी को झुकाया और उसकी गांड में मुँह देकर गीली चुत सूंघने लगा। 

प्रिन्सी शर्माने लगी और मुझे धका देने लगी। पर मैंने हार नहीं मानी और उसकी साड़ी में हाथ दे कर उसकी चुत तक का रास्ता बनाने लगा। 

प्रिन्सी की कच्छी पसीने से गीली थे और उसके स्तनों के बीच भी काफी पसीना था। प्रिन्सी शर्माने लगी और मुझे जाने को बोलती रही पर मैं उसकी चुत रगड़ने लगा। 

मैंने उसका ब्लाउज खोला और उसके स्तन उछाल कर ब्रा के बाहर आ निकले। मैंने प्रिन्सी को गोद में लेटाया और उसके दोनों स्तनों की प्यार से मालिश करने लगा। 

जैसे ही मैंने उसके स्तन चूसना शुरू किया वो कामुक हो गई और अपनी चुत खुद ही सहलाने लगी। मेरे पास ज्यादा वक्त नहीं था क्यों की उसकी मां नीचे ही सो रही थी।

मैं जल्दी से अपनी पैंट से लोडा निकाला और अपने हाथ पर थूक कर उसे मसलने लगा। प्रिन्सी मेरा लंड देख कर आंखे चुराने लगी। 

लंड गिला हो जाने पर मैं बिस्तर पर लेटा और प्रिन्सी को अपनी साड़ी और पेटीकोट उठा कर लंड पर बैठने को कहा। 

प्रिन्सी अपनी चुत की मजबूरी की वजह से मेरी बात मान गई और अपनी कच्छी उतार कर मेरे लंड पर बेथ गई। 

लंड के चुत में घुसते ही प्रिन्सी सब कुछ भूल गई। अब बस वो मेरा लिंग महसूस कर रही थी और मैं उसके स्तनों को उछलता देख रहा था। 

प्रिन्सी ने अपने सुंदर केश खोले और अपनी असली अदा दिखाने लगी। मैंने अपने मोहल्ले की सबसे सेक्सी साड़ी वाली लड़की की चुदाई करनी शुरू कर दी। 

मैंने कई बार उसके स्तनों पर चाटे मारे और उसे नीचे खींच कर चूमा भी। उसके बाद मैंने उसकी साड़ी में हाथ डाला और उसके दोनों चूतड़ों को पकड़ कर ऊपर उठाया। 

मैंने प्रिन्सी की गांड हवा में उठाई और अपनी कमर हिला हिला कर चुत चोदता रहा। 

प्रिन्सी भी आपा खोने लगी और छिलने लगी। मैं तभी रुक गया और अपना रुमाल निकालने लगा। 

रुमाल से मैंने प्रिन्सी का मुँह बांधा और उसे चुप कर दिया। चुप होते ही मैंने प्रिन्सी को पैर खोल कर लेटाया और उसकी चुत चाटने लगा। 

मैंने पहली बार चुत से निकलते पानी का स्वाद लिया था। प्रिन्सी की चुत मीठी थी। 

चुत पर थूक गिरा कर मेने उसकी चुत में लंड देना शुरू कर दिया। मैं उसके ऊपर चढ़ कर अपनी गांड हिला हिला कर साड़ी वाली लड़की की चुदाई कर रहा था। 

तभी प्रिन्सी भी मुझे गेहरी सासे लेते हुए चूमने लगी। उसके मोटे होठ चूसे में मुझे मजा आने लगा। 

चूमते हुए हम एक दूसरे की जीभ भी चूसने लगे। 

प्रिन्सी – मैंने आज से हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ी थी। उस कहानी में जैसा हुआ था वैसा ही तुम मेरे साथ कर रहे हो। 

इस बात का मैंने कोई जवाब नहीं दिया और प्रिन्सी की साड़ी उठा और उसकी चुत गांड की माँ चोदता रहा। 

प्रिन्सी – अहह अहह मेरी गर्दन पर चूमो !

मैंने उसकी बात मानी और उसकी गर्दन पर अपने होठो से चुम्बा चाटी करता रहा। 

मैं अपनी कमर ऊपर उठा कर जोर से उसकी चुत और दे मारता तो प्रिन्सी चीला पड़ती और मुझे उसके मुँह पर हाथ रखना पड़ता। 

कुछ देर और चुदाई के बाद प्रिन्सी की चुत लसलसी हो गई और जब भी मैं उसकी चुत से लंड बाहर निकालता मेरे लंड से लम्बी लार टपकने लगती। 

ये देख मैं और कामुक हो गया और साड़ी वाली लड़की की चुदाई और जोरो से करने लगा। 

पर जैसे ही मैं अपनी चरम सिमा पर पंहुचा तो मैंने लिंग बाहर निकाला और प्रिन्सी के बाल खींच कर उसे घुटनो पर खड़ा कर दिया। 

उसके बाद प्रिकंय में खुद अपना मुँह खोला और बोली मुझे तुम्हारा माल चखना है। 

ये सिनकर मैं खुश हो गया और प्रिन्सी का मुँह तेजी से चोदने लगा। 

मुँह चुदाई करते हुए प्रिन्सी का काजल और लिपस्टिक सब खराब हो गया और वो रंडी दिखने लगी।

मुँह की चुदाई करने से प्रिन्सी का मुँह थूक और मेरे लंड के पानी के मिश्रण से भर गया। 

उसके लसलसे मुँह से मुझे जिंदगी का सबसे अच्छा आनंद मिलने लगा। और बस मेरा उसके मुँह में ही निकल गया। 

माल निकलते ही प्रिन्सी ने सारा कुछ अपने बिस्तर पर थूक दिया और खांसने लगी। 

मेरा लंड भी लटक कर लूला बन गया और गोटे दर्द करने लगे। इतनी जबरदस्त चुदाई से मैं कमर दुखने लगी और साड़ी वाली प्रिन्सी की जंघे अंदर से लाल हो गई। 

चुदाई करने के बाद मैंने प्रिन्सी को एक बार और चूमा और कपडे पहन कर वहां से भाग गया। ये थी मेरी पहली चुदाई की कहानी अगर मैं आपको कामुक करने में सफल रहा तो कमेंट में जरूर बताना।  

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