नया जीवन भाग-4

हेलो फ्रेंड्स है कैसे है आप सभी लोग, उम्मीद करता हूँ आप सब ठीक होंगें… कहानी आपको पसंद आ रही होगी.. । यदि आपने कहानी के पिछले भाग नहीं देखें है तो आप उन्हें पहले पढ़ ले आपको कहानी समझने में आसानी होगी और अधिक मज़ा आएगा..। तो चलिए कहानी शुरू करते हैं…

रात में हम सब ने डिनर किया और अपने रूम में चले गए…

अपने रूम में पहुँच कर मैंने धीरज से बात की…

मैं- सुनिये..! मुझे थोड़े पैसे चाहिए थे… कल मैं स्नेहा के साथ शॉपिंग पे जा रही हूँ..।

धीरज- हाँ जरूर..! ये तो अच्छी बात है।

फिर उसने लॉकर से 20,000 रुपये निकाल के दिये…

मैं- ये तो बहुत ज्यादा है और मेरे पास पहले के भी पैसे हैं..।

धीरज-रख लो.. ! तुम मेरी वाइफ हो .. मेरे पैसों पे तुम्हारा पूरा हक़ है । तुम जैसे चाहो वैसे इन पैसों को यूज़ कर सकती हो..। तुम 

खुश रहोगी तो मैं भी खुश रहूँगा..।

फिर मैंने पैसे लिए और अपने पर्स में रख दिये…। फिर हम सो गए…

मैं मन में सोच रहा था, कि सभी लोग मेरा कितना ख़्याल रखते हैं.. मुझसे प्यार करते हैं… मुझे भी लाइफ में आगे बढ़ना होगा.. कब तक मैं खुद को यूँही कोसता रहूँगा..। ऐसे में मैं कभी खुश नहीं रह पाऊंगा..। मुझे खुश रहना है और अपनी आगे लाइफ एन्जॉय करनी है तो मुझे मेरे अतीत को भूलना होगा कि मै एक लड़का था.. अब मेरा ये नया जीवन है.. किस्मत ने मुझे एक मौका दिया मुझे एक और लाइफ जीने का ..। हो सकता था मैं उसी दिन मर जाता लेकिन भगवान मुझे एक और जिंदगी दी… मैं ऐसे ऐसे ही बर्बाद नहीं कर सकता… एक प्रकार से मैं भाग्यशाली हूँ कि एक ही जीवनकाल में मैं पुरूष और महिला की लाइफ जी सकता हूँ.. जितना भी पुरूष के रूप में जीना था वो मैं जी चुका..अब मैं एक महिला हूँ..मुझे ख़ुशी से अपनी ज़िंदगी जीनी है और इसके मुझे इसे अपनाना होगा कि मै अब एक औरत हूँ और मुझे औरत के नज़रिये से सोचना होगा..। तब जाकर मैं अपनी लाइफ एन्जॉय कर सकता हूँ, मुझे पूरी तरफ से अपने दिल से आत्मा से ये मानना होगा कि मैं एक औरत हूँ और मैं इससे ख़ुश हूँ मुझे खुद पर गर्व होना चाहिए कि मैं महिला हूँ..। अब से ये बात मन से निकाल देता हूँ कि मैं कभी लड़का था..कल से महिला के रूप में आपने आप को पूर्ण समर्पित कर दूंगा।

ये सब सोचते सोचते मुझे कब नींद लग गयी पता नही चला..।

अगले दिन सुबह उठा और सब काम करके दोपहर मैं स्नेहा के साथ शॉपिंग करने एक मॉल पे गए। वहाँ जाके स्नेहा.. बोली- मम्मी आप हमेशा साड़ी में ही रहती है कभी मैंने आपको सूट, सलवार कमीज़ मैं नहीं देखी..। मुझे आपको वो ट्राय करना चाहिए। उसमे आप काफ़ी यंग और खूबसूरत लगेंगीं…।

मैं- मैंने पिछले 20-25 साल से ये सब नहीं पहना है मुझे थोड़ा अजीब लगेगा..। और तुम्हारे पापा को  परेशानी हो सकती है. ।

स्नेहा- नहीं मम्मी आप बहुत अच्छी लगोगी.. और पापा को कोई परेशानी नहीं होगी वो उल्टा आप के इस रूप को देख के खुश हो जायेंगे..और ज्यादा प्यार करेंगे।

मैंने स्माइल किया और बोला- ठीक है , ट्राय करते हैं ।

फिर स्नेहा कुछ सलवार सूट सेलेक्ट करी फिर मैं उनको ट्राय करने ट्रायल रूम गया। ये सब जवान लड़कियों के पहनने वाले सलवार सूट थे… मैंने पहली सूट पहना और बाहर आके स्नेहा को दिखाया..।

स्नेहा देख के शॉक्ड हो गयी और बोली- वॉव मम्मी..! आप कितनी ब्यूटीफुल लग रही हो..

मैं शरमाया और बोला कुछ भी..! मैं तो ओल्ड हो गयी हूँ कहां सुंदर लगूंगी..।

स्नेहा- नहीं मम्मी..! आप खूबसूरत और यंग लग रही हो..

मुझे स्नेहा से तारीफ सुनके अच्छा लग रहा था..। फिर मैं दोबारा ट्रायल रूम में गयी और इस बार दूसरी ड्रेस ट्राय करा ये पीछे से बैकलैस थी..।  फिर बाहर आया..।

स्नेहा- नाइस मम्मी..! इसमें आप और भी सुंदर लग रही हो…

मैं- सच्ची..!

स्नेहा- हाँ मम्मी..। चलो अब कुछ वेस्टर्न ड्रेस करते हैं.. मुझे बहुत इक्षा हैं आपको वेस्टर्न ड्रेस में देखने ।

मैं- ये कुछ ज्यादा हो जाएगा स्नेहा..!

स्नेहा- ओ कम ऑन मॉम…कुछ ज्यादा नहीं होगा आजकल सभी पहनते हैं..।

मैं- तुम इतना बोल रही हो तो.. ठीक है ट्राय करते हैं..।पहले मैं चेंज करके आती हूँ..!

स्नेहा- अरे मम्मी..! आप फिर से पुरानी मम्मी मत बन जाओ..आप ऐसे ठीक लग रही हो…चलो मेरे साथ आप…

मैं पहली बार सूट में ऐसे पब्लिक एरिया में घूम रहा था.. मुझे थोड़ा अजीब लग रहा था…।

फिर हम वेस्टर्न ड्रेस काउंटर पे गए..। वहाँ एक लड़की थी..जो मॉल में काम करती थीं.. उसने मुझे गौर से ऊपर से नीचे तक देखी और स्नेहा से बोली- आपकी सिस्टर पर ये सूट काफी अच्छा लग रहा है।

स्नेहा और मैं एक दूसरे को देखकर हँसे…। और मैंने उस लड़की को थैंक्यू बोला..।

स्नेहा- मैंने बोली था मम्मी..! आप मेरी जैसी लगती हो.. । और हँसने लगे….

फ़िर स्नेहा बोली- क्यू न..मम्मी ..! मैं आपको घर के बाहर, जब हम दोनों बस होंगे.. !  आपको दीदी कहकर बोलूँगी.. कैसा रहेगा..! मज़ा आएगा न.. हम दोनों बढ़िया फ्रेंड्स की तरफ एक साथ घूमेंगे.. मज़े करेंगे.. ! क्या बोलती हो आप..।

मुझे स्नेहा का आईडिया इंटरेस्टिंग लगा… और अंदर एक एक्साइटमेंट की फ़ीलिंग आयी..।

मैं- हमें कोई प्रॉब्लम तो नहीं होगी न..

स्नेहा- कोई प्रॉब्लम नहीं होगी.. ये बात सिर्फ हम तो दोंनो को पता रहेगी..आपको..को भी एक मेरी जैसी क्यूट फ़्रेंड मिल जाएगी..  मान जाओ न प्लीज बहुत मज़ा आएगा..।

मैं- ठीक है।

स्नेहा- ये हुई न बात… अब आप घर से बाहर मेरी प्यारी दीदी कम फ्रेंड..। तो चले हम नई ड्रेस ट्राय करते हैं..फिर स्नेहा ने कुछ वेस्टर्न ड्रेस सेलेक्ट करी और हम फिर से ट्रायल रूम आ गए .. मैंने सबसे पहली ड्रेस ट्राय करा.

मैं बाहर आया और स्नेहा को आवाज दी..।

स्नेहा- सचमें आप एक दम कॉलेज गर्ल लग रही हो.. आपको तो मेरे साथ कॉलेज चलना चलिए..दीदी..।

मैं- चुप पागल लड़की.. मेरी उम्र चली गयी कॉलेज पढ़ने की..।

स्नेहा- हाँ , लेकिन सीरियसली आप अच्छी लग रही हो..

फिर मैं अंदर गया और दूसरी ड्रेस ट्राय करा.. अब तक सबसे मॉडर्न ड्रेस थी जो मैं ट्राय कर रहा था.. इसमें मुझे अजीब लग रहा था लेकिन मैं स्नेहा का रिएक्शन देखना चाहता था.. तो मैं बाहर आ गया…

स्नेहा- गॉर्जियस , लवली..! दीदी… ! लुकिंग सो हॉट..!

मुझे शरम आ रही थी लेकिन स्नेहा के कॉम्प्लिमेंट अच्छे लग रहे थे..!

इसके बाद स्नेहा बोली – अब आप पुरानी साड़ी नही पहनोगी..यदि आपको साड़ी पहननी ही है तो आपके मैं नई साड़ी सेलेक्ट कर देती हूँ आप इनको पहनना.. ।

इसके बाद स्नेहा ने कुछ साड़ी सेलेक्ट कर दी ..फिर हम अंडरगारमेंट्स वाले सेक्शन में गए वहाँ हमने अलग अलग टाइप की ब्रा खरीदी जो बैकलैस और अन्य टाइप की ड्रेस के साथ कंफ़र्टेबल हो..।कुछ पैंटीज भी लिए..और हमने थोड़ा मेकअप का सामान लिया..।

स्नेहा बोली-  मुझे बहुत जोर से भूख लग रही है..आप ये सूट ही पहने रहो.. । हम किसी रेस्टोरेंट चलते हैं..।

फिर हमने कपड़ो की पेमेंट करी.. हमारा बिल 17,000 पहुँच गया था..। हमको पता ही नही चला इतना सारा समान हमने ले लिया..। फिर हम रेस्टोरेंट के लिए निकल गए..।

वहाँ पर स्नेहा ने कुछ ऑर्डर किया.. और हमने खाना शुरू किया… 

थोड़ी देर बाद स्नेहा को किसी ने आवाज़ लगायी- हैलो स्नेहा..!

स्नेहा- हेलो सर..!

फिर वह हमारे पास आया..। और बोला- कैसी हो तुम..? आजकल कॉलेज कम आती हो..!

स्नेहा- हाँ सर..! वो एक्चुअली मेरी मॉम की थोड़ी तबियत खराब हो गयी थी… इसलिये मैं कॉलेज नहीं आ पा रही थी…

सर- अच्छा.. अब तबीयत कैसी है तुम्हारी मॉम की..।

स्नेहा- ठीक है सर  अभी..!

मैंने भी सर को गौर से देखा तो याद आया.. मैंने भी कई बार इसको कॉलेज में जो स्नेहा की क्लास में पढ़ाता था..। लगभग 30 साल का हैंडसम प्रोफेसर…!

स्नेहा मेरी और देखी और सर से बोली- सर ये मेरी बड़ी बहन है रश्मि…!

मैंने रश्मि की बात सुनके चौक गयी ये सर को मेरा इंट्रो बहन के रूप में बता रही है… आगे दिक्कत हो सकती है..।

फिर सर ने मेरी और देखा और बोले- हाय रश्मि..! मैं मेरा नाम सुजीत है।

मै- हाय सर..! मेरा नाम रश्मि है..।

सर- मैंने पहले आपको कभी इधर देखा नहीं…!

स्नेहा बोल पड़ी- दीदी टीचर है एक स्कूल में पढ़ाती है ज्यादातर बिजी रहती हैं..!

सर- अच्छा..! मैं भी एक टीचर हूँ स्नेहा के कॉलेज में पढ़ाता हूँ..।

ठीक है स्नेहा  मैं अब चलता हूँ ..थोड़ा काम है कॉलेज में मिलते हैं बाय स्नेहा, बाय रश्मि..!

हम दोनों सुजीत को बाय करें और वो चला गया..!

उसके जाने के बाद हम हँसने लगे मैं स्नेहा से बोला- तुम पूरी पागल हो स्नेहा..! सर से क्यों झूठ बोला.. बाद में दिक़्क़त हो सकती है तुमको..!

स्नेहा- वो सब छोड़ो.. बाद का बाद में देख लेंगे यार.. अभी तो आपको मज़ा आया न..

मैं- हाँ, मज़ा तो आया..

स्नेहा- देखे न… सर भी आपको मेरी बहन ही समझे.. आप टेंशन मत कोई दिक्कत नहीं होगी..।

फिर हम घर आ गए…दीपक सोफ़े पर ही बैठा था.. उसने मुझे मुड़के देखा और सर घुमा लिया फिर वो एक झटके से मुझे मुड़के देखा.. वो शॉक्ड जो गया…और बोला- मम्मी ये आप हो…?

स्नेहा बोल पड़ी- नहीं ये मेरी दीदी है.. और हँसने लगी..

दीपक- सीरियसली मैं आपको पहचान नहीं पाया .. पहली नज़र में मुझे लगा स्नेहा अपनी कोई फ्रेंड को लाई हैं… आप बहुत यंग लग रही हो मम्मी…और खूबसूरत भी….।

स्नेहा- ओ हेलो … मिस्टर.. मेरी दीदी से फ़्लर्ट मत करो…!

दीपक- इतनी खूबसूरत लड़की सामने हो फ़्लर्ट करना तो बनता है ना जी…

मैं- चुप हो जाओ तुम दोनों..! बहुत बदमाश हो गए हो…!

फिर थोड़ी देर में धीरज भी घर आ गया..

धीरज तो मुझे देख के हक्का-बक्का रह गया…उसका मुँह खुला का खुला रह गया…

स्नेहा- पापा..! मुँह तो बन्द कर लो…

सब हँसने लगे…

फिर सबने खाया और अपने रूम में सोने चले गए…।

अगली सुबह जब मैं उठा तो सब लोग मेरे आजू बाज़ू खड़े थे… जैसे ही आंख खोली … सभी मिलके बर्थडे सॉन्ग गा रहे थे- हैप्पी बर्थडे टू यू….. हैप्पी बर्थडे टू यू… हैप्पी बर्थडे डिअर मम्मी…!

सभी ने मुझे विश किया और कहा आज मेरा जन्मदिन हैं…!

शाम को सभी ने मिलकर मेरा बर्थडे सेलिब्रेट किये..! आज मैं बहुत खुश था , रश्मि बनने के बाद ये पहला मौका था जब मैं इतना ज्यादा खुश था बहुत अच्छा फील हो रहा था…।

धीरज ने मुझे एक स्मार्टफोन गिफ़्ट किया..! (एक्सीडेंट में रश्मि का फ़ोन टूट गया था…) । फिर हमने साथ में कुछ फोटोज क्लिक  करी..।

आगे कहानी जारी रहेगी.. आपको कहानी कैसी लग रही हैं मुझे mkb3390@gmail.com पर जरूर बताये..!

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