कैसे हो जवानों? उम्मीद करता हूँ कोरोना काल में आप सब ठीक होंगे! दोस्तों आज मैं आपको अपने पड़ोस की कहानी बताने जा रहा हूँ!
मेरा नाम रवि है और मैं आज आपको अपने पड़ोस की रहने वाली एक औरत की कहानी सुनाने जा रहा हूं उस औरत का नाम है संतोष!
संतोष दो बच्चो की माँ थी और करीब 30 साल की थी! उनका घर और हमारा घर आमने सामने था! तो दिवाली का समय था तो मैंने आजतक आपने घर की सफाई नहीं करी थी!
इस बार दिवाली पर घर वाले गांव चले गए और मुझे घर की सफाई करने के लिए बोल दिया! तो मैंने वही किया सफाई शुरू पहले निचे वाले कमरों की फिर ऊपर अपने कमरे की!
अपने कमरे की सफाई करते समय ऐसा लग रहा था जैसे किसी और का घर हो!
क्युकी कभी परदे नहीं खोले थे मैंने और खुस से खिड़किया साफ़ नहीं करी थी!
एक तो मैं पहले निचे वाले रूम में रहता था अब ऊपर शिफ्ट हूँ!
तो सफाई करते करते जब मैंने खिड़की जो की ऊपर की तरफ थी खोली तो मुझे वंहा से संतोष का बाथरूम की ऊपर वाली खिड़की साफ़ दिख रही थी!
जैसे हर बाथरूम में एक खिड़की होती है हवा जाने के लिए ऐसे उनकी भी थी!
पर उनके बाथरूम से कोई हमारे घर की तरफ देखे तो बंद खिड़की ही दिखती होगी!
पर मुझे अपनी खिड़की से बाथरूम साफ़ दिख रहा था!
फिर मेरे मन में खुराफाती चीजे आने लगी, कमरे की सफाई करते करते रात हो गयी और मैं सो गया!
सुबह उठा तो खुराफाती दिमाग चालू मैंने खिड़की से देखा तो बाथरूम की लाइट जली हुई थी!
सब साफ़ दिख रहा था ऐसा लग रहा था मानो कोई आने वाला है या जा चूका!
थोड़ी देर बाद संतोष बाथरूम में आयी और अपने कपड़े उतार कर नहाने लग गयी!
सुबह सुबह हसीं बदन देखकर मेरे तो वैसे ही खड़ा था और उन्हें देखकर ज्यादा खड़ा हो गया!
क्या खूबसूरत बला थी वो शरीर से अपने कपड़े अलग करे जो मानो एक करंट से दौड़ पड़ा हमारे शरीर में!
कहने को वो दो बच्चों की माँ थी पर बदन उसके पूरा फिट था! उसके बूब्स मोटे थे , फिगर उसका चब्बी था और गांड तो बहुत मस्त थी!
नहाने के बाद मैं ये क्या देखता हूँ, संतोष जी अपने साथ कुछ लेकर आयी हैं काला काला सा!
ये क्या देख रहा हूँ मैं वो डिलडो(सेक्स टॉय) हैं और वो अपनी चूत में अंदर बहार कर रही हैं!
मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा मैं ये क्या देख रहा हूँ, वो लगातार जोर जोर दे डिलडो अंदर ले रही थी और उन्हें बहुत मजा आ रहा था!
वो अपने बूब्स पकड़ रही थी खुद को सेहला रही और पागलो की तरह डिलडो अंदर बहार करने में लगी थी!
कुछ देर बाद उन्होंने ऐसा करना बंद करदिया शायद उनका पानी निकल गया होगा!
उन्होंने फटाफट कपड़े पहने और चली गयी! अब ठीक हर सुबह इसी समय वो आती और रोज डिलडो लेकर बाथरूम में डिलडो से सेक्स करती!
अब मुझे ये समज नहीं आ रहा था की पति रोज घर आता हैं और फिर भी ये रोज बाथरूम में ये सब!
इतना तो समज आ गया था की उन्हें संतुष्टि नहीं मिलती!
अब मेरा रोज का हो गया था तो एक दिन मैंने उनको नंगा देखकर मुठ मारने का सोचा! बाकि दिन तो मैं सावधानी से उन्हें खिड़की से देखता था पर आज मुठ के चक्कर में मैं ये भूल गया की मैंने हलकी सी खिड़की खोली हुई थी!
वो खिड़की मैंने रात को हवा आने के लिए खोली और सुबह मुठ के चककर में भूल गया!
बस मुठ मरते मारते कब मेरा ध्यान हटा और कब उन्होंने मुझे देख लिया ये पता ही नहीं चला!
जब मैंने उन्हें देखा तो वो मुझे गुस्से से देखकर फटाफट कपड़े पहनने लगी! मैंने घबरा कर खिड़की बंद करदी!
मेरे होश उड़ गए कुछ समज नहीं आया की क्या करू, टिंग टोंग दरवाजे की घंटी बजी! मैंने गेट खोला और बोला अरे संतोष जी आप यंहा, बस मेरी फट गयी, आज तो मैं गया!
संतोष ने कहा आपके घरवाले है बेटा घर पर, मैंने घबरा कर बोला नहीं हैं! संतोष ने बोला वो मेरा लैपटॉप में दिक्कत है सोचा एक बार दिखा देती हूँ!
मैंने कहा जी देख लेता हूँ, उन्होंने कहा अंदर आ जाऊ मैंने कहा हां आ जाये!
बस जैसे ही मैंने दरवाजा बंद करदिया वैसे ही उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और खींचकर सोफे पर बिठा दिया!
उन्होंने कहा कबसे चलरा हैं ये सब कोई फोटो वीडियो तो नहीं ली मेरी, ब्लैकमेल करेगा बता!
मैंने कहा अरे अरे आराम से मैंने झूठ बोला की दिवाली की सफाई करि तो आज सुबह खिड़की खोलकर देखा तो आप दिखे!
मैंने उन्हें अपना फ़ोन भी दिखा दिया की आप फ़ोन देखलो कुछ मिले तो बताना, उन्होंने देखा तो उसमे कुछ नहीं था!
उन्होंने मुझे देखा और कहा सच बोलरे हो न! मैंने कहा हां सच बोल रहा हूँ मैं, और मेरी क्या गलती आप इतनी खूबसूरत हो की मैं आपको देखता रह गया!
और संतोष जी आप ही बताओ आपकी जगह वो कल्लो की मम्मी नहाती तो मैं क्या खिड़की खोलता?
मेरी बात सुनकर वो हस्स पड़ी और बोली ये सब दोबारा न हो, तो मैंने कहा ठीक हैं नहीं होगा!
उसके बाद मैंने पूछा की आपका नाम संतोष हैं पर आप संतोष नहीं है अपनी सेक्सुअल जिंदगी से!
उन्होंने मुझे बोला तुम्हे कैसे पता मैंने कहा आपका डिलडो ये बात साबित करता हैं! उन्होंने कहा हां यार वो मिनट से ऊपर नहीं जा पाते, तो मेरी हस्सी छूट गयी!
उन्होंने मुझे गुस्से देखा, तो मैंने कहा की यंहा आधे घंटे से आपको देखकर हिला रहा हूँ मेरा तब नहीं निकला उनका दो मिनट में! वो हेरान होकर बोली आधा घंटा फिर भी नहीं निकला!
मैंने कहा हां मेरा ऐसा ही ही बहुत देर में निकलता हैं, तो उन्होंने झट से मेरा लंड पकड़ लिया और बोला इसे बहार निकालो! मुझे क्या था मैंने निकाल दिया, मेरे लंड का साइज देखकर वो चोंख गयी अरे बाप रे इतना बड़ा!
उन्होंने कहा देखो अब जो होने वाला है वो बात हम दोनों के बिच रहे! मैंने कहा ठीक हैं और उन्होंने मेरा लंड भूखी शेरनी की तरह चूसना शुरू करदिया! ओह्ह क्या मजा आ रहा था चुस्सा तो बहुत अच्छे से मारती है वो!
थूक लगाकर अच्छे से गिला करदिया फिर अपने पाजामे का नाड़ा ढीला करके थोड़ा सा निचे किया और मेरे लोडे पर बैठ गयी! हम सोफे पर ही चुदाई करने लगे उसकी मोटी गांड मेरी जंगो पर थप थप कर रही थी!
मैंने उसका सूट ऊपर करा और उसकी नंगी गोरी कमर पर हाथ फेरा!
वो बार बार मेरे लंड पर उछल रही थी और अब मैं उनके बूब्स और निप्पल दबा रहा था!
उनकी छाती से लेकर उनके पेट से होकर उनकी चुत पर हाथ फेर रहा था और अब मैंने उन्हें लिटा दिया! टाँगे उठाई उनकी और लंड चूत में पेल दिया और जबरदस्त चुदाई करदी!
बहुत देर हो चुकी थी उनकी चूत से दो बार पानी आ गया था और मेरा भी निकलने वाला था!
उनके चेहरे पर दर्द और संतुष्टि एक साथ दिख रही और वो चुद रही थी! आखिर में मेरा माल निकल गया वो भी उनकी चूत में, तो उन्होंने कहा घबरा मत नसबंदी करवा रखी हैं मैंने! बस उस दिन के बाद जब भी मौका मिलता हम चुदाई करते हैं!