Bhabhi Ki Chudai Katha

दोस्तों मैं रंजीत आप सबो के लिए एक बढ़िया सा चुदाई की कहानी लेकर आया हूँ।इस कहानी को पढ़ कर आपको भी चोदने का मन करेगा। दोस्तो इस कहानी में कैसे मैन अपनी पड़ोस की शशिकला भाभी को चोदा।

ये मेरी पहली कहानी है, आसा करता हूँ कि आपको पसंद आएगा।

मैं एक छोटे से परिवार से हू, मेरे पापा झारखंड में रहते हैं और मम्मी मैं दो बहनें और एक छोटा भाई गाँव में ही रहते है मेरी एक बहन की शादी हो चुकी है मैं और एक बहन और भाई कुँआरे हैं।

ये कहानी मेरे परोस में रहने वाले एक भैया की पत्नी की है।

अर्थात मेरी भाभी की है।

मेरा घर भाभी के घर से थोरी दूरी पर ही है।

मेरे पड़ोस की भाभी एक दम काजल राघवानी जैसी है।

क्या गजब की पटाखा है।उसका फिगर देख कर किसी का भी चोदने का मन करेगा। दोस्तो में उनके घर आता जाता था तो भाभी को गलत निगाह से ही देखता था।

लेकिन मौका नहीं मिलता था।

ऐसे ही समय बीतता गया और उनकी ननद की शादी फिक्स हो गया।और देखते देखते शादी का दिन भी आ गया।

हमारे घर से सभी लोग उनके घर रात को गए ।मैं भी उनके घर गया ।सब लोग अपने अपने काम मे बिजी थे।रात को सभी लोग कुर्सी लगा कर शादी देखने लगे, भाभी मेरे बगल में आकर बैठ गई और मेरा मोबाइल मंगा तो मैं अपना मोबाइल उनको दे दिया।कुछ देर मोबाइल चलाने के बाद भाभी बोली कि आपके मोबाइल में ब्लूफिल्म नही है क्या।

भाभी के मुँह से ये बात सुन कर मैं तो दंग रह गया।फिर मैं बोला कि नही ये सब मैं नहीं रखता हूं।

थोड़ी देर बाद वो यहां से उठकर चली गई।शादी सम्प्पन हो गया ।और मै सुबह उनके घर से अपने घर आकर सो गया।

उस दिन के बाद से मैं भाभी के नाम से मुठ मारने लगा और सोचने लगा कि कैसे भाभी को चोदू।पर हिम्मत नहीं हो पाता था।

एक दिन मैं अपने घर पे बैठा था और भाभी के बारे मे सोच रहा था कि कैसे भाभी को चोदू, तभी अचानक मुझे शादी वाले रात की बात याद आया कि भाभी ने मुझसे ब्लूफिल्म के बारे मे पूछा था , तो मेरे दिमाग में एक तरकीब आया कि क्यों ना एक बार भाभी को ब्लूफिल्म दिखाया जाए , तो मैं सीधे मोबाइल दुकान पर गया और दुकानदार से अपने मोबाइल में कुछ ब्लूफिल्म Sunny Leone वाली डलवाया और फिर अपने घर आया। और साम होने का इंतजार करने लगा। फिर साम को भाभी के घर गया ,घर जाने पर भाभी ने बोला कि कैसे कैसे आना हुआ देवर जी ,तो मैं बोलै की की बस आपकी याद आई तो चला आया। इस पर भाभी थोड़ा हँसी ।भाभी उस समय खाना बनाने की तैयारी कर रही थी, तो मैं उनके बगल में स्टूल लगा कर चूल्हे के पास बैठ गया और भाभी से थोड़ा हँसी मजाक करने लगा।

दोस्तो उस समय  मेरी फटी परी थी कि कही मैं भाभी को ब्लूफिल्म फिल्म दिखाऊ और कही भाभी गुस्सा हो गई तो 

बहुत बदनामी हो जायेगा, पर डरते डरते मैने भाभी से बोला कि भाभी जी आपको कुछ दिखाना चाहता हूँ, तो भाभी बोली कि क्या दिखाना चाहते है जी आप । तो मैं अपना मोबाइल निकाल कर उसमें ब्लूफिल्म लगा दिया और उनके आगे कर के बोला कि देखिये ये आपके लिए लाया हूँ।

भाभी ने जैसे ही नजर उठाया और ब्लूफिल्म देखा और बोली ये सब मुझे पसंद नहीं है आप ये बन्द कीजिए।

इस पर मैं तुरंत भाभी से बोला कि शादी वाले दिन तो आप ने ही बोला था कि मुझे ब्लूफिल्म देखना है तो उस दिन नही था और आज जब है तो आप नही देख रही है। मुझे इतना बोलने के बाद भाभी ने कुछ नहीं कहा और चुप चाप सर नीचे कर के सब्जी काटने लगी। और मैं वैसे ही मोबाइल अपने हाथ मे लिए उनके आगे ही रखा ।

ब्लूफिल्म चल रहा था और उसमें से आह उह आह उह की आवाज निकल रहा था।तो मैं थोड़ा आवाज को कम कर दिया क्यों कि उसकी छोटी ननद अपने कमरे में पढ़ाई कर रही थी। वो आवाज केवल मैं और भाभी ही सुन पा रहे थे।

फिर भाभी सब्जी काट कर ब्लूफिल्म देखने लगी ।

दोस्त इधर ब्लूफिल्म देख कर मेरा लण्ड एक दम से टाइट हो गया था। और मेरे पैन्ट में खड़ा हो गया था। ये नजारा भाभी ने भी अपनी तिरछी नजर देख लिया था। इधर मेरा बुरा हाल हो रहा था। थोड़ी देर देखने के बाद मैंने हिम्मत करके भाभी से बोला कि भाभी बुरा ना मानो तो एक बात बोलू तो भाभी बोली की बोलिए, तो मैं बोला कि भाभी मैं आपके साथ ये सब करना चाहता हूँ सिर्फ एक बार भाभी प्लीज । तो भाभी तुरंत गुस्सा हो गई और बोली कि आपसे मुझे ये उम्मीद नहीं थी । मैं आपके भैया के अलावा किसी और के साथ नहीं कि हु मैं आपके भैया को धोखा नहीं दे सकती हूँ जी और आप अभी यहां से चले जाइये ।

ये सब सुन कर मैं डर गया और थोड़ी देर चुप रहा और फिर बोला की भाभी इसमें कोई धोखा देने वाली बात नहीं है, ये सब आपके और हमारे बीच ही रहेगा इसमें कोई तीसरे को पता भी नहीं चलेगा। और मैं डेली डेली थोड़ी ही ना कह रहा हूँ जी जब आपका मन करेगा तब ही ये सब होगा।ये सब सुन कर भाभी चुप रही वो कुछ नहीं बोली।

मैं और वो वैसे ही ब्लूफिल्म देख रहे थे, मैं हिम्मत करके भाभी के ब्लाउज के ऊपर डरते डरते अपना हाथ रखा तो भाभी ने मेरा हाथ को नीचे कर दिया फिर से मैं अपना हाथ

उनके ब्लाउज के ऊपर रख कर ऊपर से ही दबा दिया। इस बार भाभी मेरी तरफ देखने लगी लेकिन मैं अपना हाथ वही पे रखे हुए था और धीरे धीरे दबाता रहा। थोड़ी देर बाद भाभी बोली ये सब यहाँ नही होगा आप बाहर गाय वाले घर मे जाइये मैं उसमे आती हु। इतना सुन कर मुझे खुसी का ठिकाना ही नहीं रहा। और मैं उठ कर बाहर गाय वाले घर मे आके खरा हो गया । वहाँ बहुत अंधेरा था तो मैं चुपचाप खरा रहा , और मुझे डर भी लग रहा था। थोड़ी देर बाद भाभी एक बाल्टी लेकर बाहर वाले कल पर आई और वहाँ बाल्टी को रख दिया और इधर उधर देखा और फिर गाय वाले घर मे आई जहाँ मैं खरा था, जैसे ही भाभी वहां आई मैं उनको कस कर अपने पाजा मे पकर लिया जिसके कारण मेरा लण्ड उनकी बुर से जा टकराई , क्योंकि मेरा लण्ड बहुत टाइट हो चुका था। भाभी ने मुझे तुरंत अपने से अलग किया और बोली कि नही ये आज नही हो सकता है।

इस बात पर मैं तुरंत ही बोल की भाभी क्यों नही हो सकता। तो भाभी बोली कि आज सिर्फ कमर के ऊपर जितना कुछ करना है कर लो पर मैं अपनी बुर को आज नही दे सकती।

इतना सुन कर मैं बोलै की ठीक है जैसी आपकी मर्जी कहकर उनका चूची ब्लाउज के ऊपर से ही दोनों हाथों से कस कर पकर लिया और कस कस के दबाने लगा।

फिर उन्हें किस करने लगा । थोड़ी देर बाद भाभी ने मेरे हाफ पैंट मे अपना हाथ डाल दिया और मेरा लण्ड को पकड़ कर आगे पीछे करने लगी । पर मुझे दिक्कत हो रहा था तो मै अपना पैन्ट की चैन खोल कर अपना लण्ड को बाहर निकाल दिया तो मुझे आराम मिलने लगा।

उसके बाद मैं भाभी की ब्लाउज को खोल दिया, भाभी ने अन्दर चोली नही पहनी थी , मैं भाभी की दोनों चुचियो को खूब दबा रहा था, और अपने मुँह से उनकी चुची को खूब पी रहा था। ये सब करते करते हमे करीब करीब आधा घंटा हो गया था तो भाभी बोली कि आप अभी जाओ मैं कल आपको दिन में फोन करूँगी क्यों कि आपके भैया के आने का समय हो गया है , तो मैं बोला कि भाभी आप मेरे खरे लण्ड पर धोखा दे रही हो अब बताओ कि मैं क्या करूँ। ये बात सुन कर भाभी हँसने लगी। और बोली की आज की रात इनतजार कर ली फिर मैं आपको काल बुलाऊंगी तो आजाना । और इतना कह कर जाने लाई तो मैं भाभी से बोला कि भाभी अगर आप आज अपनी बुर को चोदने नहीं दोगी तो कम से कम दूर से ही दिखा तो दीजिए। तो भाभी ने अपने दोनों हाथों से अपनी सारी और पेटिकोट ऊपर उठा दिया दोस्तो क्या बताऊँ नजारा था , फिर मैं भाभी से बोला कि अब अपनी पैंटी तो निकालिये तो भाभी ने अपने एक हाथ से सारी और पेटीकोट को पकड़े रहा और एक हाथ से अपनी पैंटी को निकाल दिया। ये देख कर मेरा लण्ड और  करक हो गया। दोस्तो भाभी की गजब की बुर थी जी कर रहा था कि अभी ही चोद दु । थोड़ी देर बाद भाभी ने सारी और पेटीकोट को नीचे कर दिया तो मैं उनके ही सामने मुठ मारने लगा । मुठ मार कर फिर अपना लण्ड को अंदर किया फिर भाभी ने थोड़ा पानी जमीन पर गिरा दिया जाय मेरा लण्ड का पानी गिरा था और अपने पैरों से मिला दिया ताकि अगर कोई अंदर जाए तो मालूम नही पर। और फिर एक किश भाभी को कर के वापस लौट आया अपने घर।

दूसरे दिन मैं फ्रेश होकर इन्तजार करने लगा कि कब भाभी का फोन आये और मैं उनके पास जाऊ।

करीब 10 बजे भाभी का फोन आया कि आप आजाईये 

क्यों कि भैया अपनी दुकान पर जाचुके थे, उनकी कॉपी किताब की थी , और घर से करीब करीब पांच किलोमीटर दूर था तो वो रात के 9 बजे या 10 बजे के आसपास ही आते थे। और भाभी की ननद स्कूल जा चुकी थी वो चार बजे के करीब आती थी। मैं भाभी के घर गया तो भाभी ने झट से मेन दरवाजा को बंद कर दिया और पीछे वाला दरवाजा को भी चेक कर लिया कि वो भी बंद है कि नहीं। फिर जैसे ही भाभी मेरी तरफ मुरि की मैने भाभी को अपनी बाहों में कस कर पकर लिया जैसे ही में भाभी को अपनी बाहों में पकरा की मेरा 8″ इंच का लण्ड जो कि पूरा टाइट था भाभी की बुर से जा टकराया और फिर मैं भाभी को किस करने लगा । किश कर रहा था और अपने हाथों से भाभी की चुची को दबा रहा था। ये सब खरे खरे करते हुए हमलोगो को काफी समय हो चुका था। तो मैं भाभी को उनके पलंग पे ले गया और फिर भाभी की सारी को खोल दिया भाभी मेरे सामने सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थी ।दोस्तो क्या फिगर था भाभी की उस दी तो मैं नही देख पाया था पर आज उनको देखा तो मैं एक दम से पागल हो गया और फिर भाभी की ब्लाउज को खोल दिया मैन ब्लाउज को खोला तो देखा कि भाभी ने चोली नही पहनी थी, फिर मैं भाभी की पेटीकोट का डोरी को खोल दिया जैसे ही डोरी खुला की भाभी की पेटीकोट नीचे गिर गया। भाभी क्या कयामत लग रही थी वो सिर्फ नेभी ब्लू की पैंटी में थी।

अब मेरे से बर्दास्त नहीं हो रहा था तो मैं झट से भाभी की पैन्टी को निकाल दिया और फिर अपने सारे कपड़े भी निकाल कर नंगा हो गांव भाभी ने मेरे 8इंच के लण्ड को देखा तो बोली कि हाय दइया आपका तो आपके भैया से भी बहुत बड़ा और मोटा है। मैं देर ना करते हुए सीधे भाभी के बुर पे अपना लण्ड सेट किया और भाभी के मुह पे अपना एक हाथ रख दिया ताकि भाभी कही जोर से चिल्ला ना सके और कोई सुन ना ले । फिर उसके बाद मैंने एक झटका दिया और मेरा आधा लण्ड भाभी के बुर में चला गया और जैसे ही मेरा लण्ड भाभी की बुर में गया तो भाभी जोर से चिल्लाने लगी मगर मैं अपने हाथों से भाभी की मुह को दबाये रखा और कुछ देर वैसे ही रुका रहा । भाभी की आखों से आंसू बह रहे थे ।थोड़ी देर रुकने के बाद दूसरा झटका दे मारा तो मेरा पूरा लण्ड भाभी के बुर में चला गया और भाभी तेजी से मेरे हाथों को अपने दांतों से काटने लगी फिर भी मैं अपना हाथ नहीं हटाया। और वैसे ही  भाभी के ऊपर लेटा रहा फिर मैंने थोड़ी देर बाद अपना हाथ हटा लिया और अपना लण्ड भाभी के बुर में जोर जोर से अंदर बाहर करने लगा । उसके बाद भाभी मेरे से बोली कि आप हमारी जान लोगे क्या थोड़ा आराम आराम से चोदो देवर जी।लेकिन मैं कह आराम से चोदने वाला था मैं और जोर जोर से भाभी की बुर को चोद रहा था। मुझे और शशिकला भाभी को चुदाई करते करते 12 बज गए थे और मेरा माल निकलने वाला था तो मै भाभी से पूछा कि भाभी कहा माल गिरा दु तो भाभी बोलू की आप मेरे बुर के अन्दर ही गिरा दो क्या पता कि ये काम कर जाए और मुझे फायदा हो जाये । तो मैं अपना स्पीड और बढ़ा दिया फिर थोड़ी देर बाद भाभी के बुर के अन्दर ही अपना सारा माल गिरा दिया और वैसे ही उनके ऊपर लेटा रही, उसके बाद मैं अपना लण्ड को भाभी के बुर से निकला और भाभी के मुँह में दे दिया और भाभी भी लेटी लेटी ही मेरे लण्ड को चूस रही थी थोड़ी देर बाद मेरा लण्ड फिर से टाइट हो गया तो मैं भाभी से बोला कि भाभी आप पलंग से नीचे आ जाइए तो भाभी नीचे आगई फिर मैंने भाभी को पलंग के किनारे को पकर कर आगे की तरफ झुकने को कहा फिर भाभी आगे की तरफ झुक गई तो मैंने अपने लण्ड पे थोड़ा थूक लगाया और भाभी की गाड़ की छेद को फैलाया और अपना लण्ड को भाभी के गाड़ में घुसा दिया , जैसे ही भाभी के गाड़ में मेरा लण्ड घुसा भाभी जोर से चिल्लाई तो मैं बोलै की भाभी आप जोर से मत चिल्लाईये क्यों को कोई सुन लेगा। तो भाभी रट हुए बोली कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है तो मैं बोला कि थोड़ी देर दर्द होगा फिर बाद में मजा आएगा। उसके बाद मैं भाभी की गाड़ मारने लगा । गाड़ मारते मारते मुझे समय का पता नहीं चला कि कब 1 बज गया। जब मैं शशिकला भाभी से बोला की भाभी 1 बज गए है तो भाभी बोली कि थोड़ा जल्दी जल्दी करो प्लीज क्योंकि 2 बजे बहुत सारी लड़कियां सिलाई सीखने आएंगी । उसके पहले ये सब खत्म कर लेना चाहिए। तो मैं बोला कि ठीक है कह कर तेजी से शशिकला भाभी की गाड़ मारने लगा उसके बाद मैं उनको फिर से सीधा किया और पलंग पे लेटा दिया पैर नीचे लटका कर। फिर मैं अपना लण्ड शशिकला भाभी के बुर में अपना लण्ड घुसा के कस के चोदने लगा और चोदते चोदते मैं शशिकला भाभी के बुर में ही अपना माल गिरा दिया । शशिकला भाभी मेरे चोदाई से बहुत खुश थी।

थोड़ी देर बाद शशिकला भाभी और मैं उनके ही आंगन में एक साथ नहाये फिर मैंने शशिकला भाभी को किस किया और अपना कपड़ा पहना और भाभी से बोला कि थोड़ी देर में आता हूं देखने की आपके यहाँ कैसी कैसी लड़किया आती है सिलाई सीखने। फिर मै अपने घर आ गया। करीब 1घंटा बाद वह गया तो मैंने देखा कि सारी लड़किया सिलाई सिख रही हैं। उनमें से एक लड़की खूब सुन्दर थी तो मैं उसको देखता ही रह गया, फिर मैंने भाभी को बाहर बुलाया और उनसे पूछा कि उसका क्या नाम है तो भाभी ने बताया कि उसका नाम कामनी है । तो मैं भाभी से बोला कि सेटिंग कीजिये ना तो भाभी बोली कि थोड़ा समय लगेगा क्यु की वो अभी नई नई आ रही है दोस्तो ये कहानी मैं अगले कहानी में बताऊंगा की कैसे भाभी की मदद से कामनी की बुर को चोदा तब तक के लिए नमस्कार,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

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