जैसा की आपने पिछली कहानी में पढ़ा की मेरी अम्मी ने मेरे दो दोस्तों के साथ रिश्ते बना लिए हैं और कैसे बनाये उन्होंने मुझे बताया! जैसे उन्होंने हमे पकड़ा तो उन्होंने हमे समझाया बेफिजूल मन में सपने बुनकर मुठ मारने से अच्छा हैं असल में चुत मारो!
दोनों दोस्त घबरा गए और बोले माफ़ करदेना वो उन्होंने अम्मी को नंगा देख लिया था तो अम्मी बोली सजा तो तुम्हे मिलेगी कमरे में आ जाना बताता हु!
मेरी मां पूरी नगी लेटी थी। और सोनी मां की चूत चाट राह था। मैने पहली बार मां को इस हालत में देखा था।
जैसा की आपने पिछली कहानी में पढ़ा की मेरी अम्मी ने मेरे दो दोस्तों के साथ रिश्ते बना लिए हैं और कैसे बनाये उन्होंने मुझे बताया!
जैसे उन्होंने हमे पकड़ा तो उन्होंने हमे समझाया बेफिजूल मन में सपने बुनकर मुठ मारने से अच्छा हैं असल में चुत मारो!
दोनों दोस्त घबरा गए और बोले माफ़ करदेना वो उन्होंने अम्मी को नंगा देख लिया था तो अम्मी बोली सजा तो तुम्हे मिलेगी कमरे में आ जाना बताता हु!
दोनों दोस्त थोड़ा घबरा कर अंदर गए और देखा की अम्मी नंगी पड़ी हैं और वो घबरा गए!
उन्होंने बोला ये सब क्या हैं आंटी तो अम्मी ने बोला में बहुत साल से प्यासी हु! तुम्हे मेरी प्यास बुझानी पड़ेगी!
दोनों दोस्त मना करने लगे लेकिन अम्मी ने आखिर में बोला अगर नहीं किया तो वो सैफी को सब बता देंगी की उसके दोस्त मुझे नंगा देखकर मुठ मार रहे थे!
अब रमेश और रजनीश के पास दूसरा कोई रास्ता नहीं था और अम्मी को नंगी देखकर वैसे ही उनके अंदर हवस भर गयी थी!
मां का गोरा शरीर बड़े बाड़े बूब्स और बडी गांड़ देख कर लंड भी खडा हो गया।
मम्मी नीचे लैट कर रमेश के बाल पकड़ कर चूत चटवा रही थी। और रजनीश भी मम्मी की चूत मे उंगली करते हुऐ चूत चाट रहा था और बीच बीच में ममी की जांघो को चाट राह था। फिर रजनीश ऊपर आकर मम्मी को किस्स करने लगा।
मम्मी ने उसके हात अपने बुब्स पर रखे और रजनीश के बाल पकड़ कर किस्स करने लगे। रमेश मम्मी के बूब्स दबाते हुऐ मम्मी के चूस रहा था। फिर मम्मी के गालों और गर्दन को पागलों की तरा चाटने लगा।
तभी ममी ने रमेश नीचे लेटने को बोलो और अब मम्मी उसके पैरो के पास गई और उसका काला और करीब 9 इंच लंबा लंड अपने हाथो में पकड़ कर मुंह में लेने लगी। मम्मी ने जेसे ही लंड मुंह में लिया वो सिसकरिया लेने लगा। मम्मी लंड चूसे लगी। मम्मी लंड को मुंह से बाहर निकाल कर उसपर थूकती और फिर चूसती तभी रजनीश ने मम्मी के बाल पकड़े और सर लंड पर दबाकर सिसकारी लेने लगा।
पूरा लंड मम्मी के मुंह में था और सफेद पाना भी निकल रहा था। मम्मी ने लंड मुंह से निकाला मम्मी के मुंह में उसका स्पर्म था पर लंड से और निकल राह था। तो ममी ने पूरा पानी पिया और झूल कर फिर उसको लंड चूसने लगी और चाट कर साफ किया।
रमेश का लंड अब ढीला हो गया था। फिर मां रजनीश लंड के ऊपर बैठ कर लंड को चूत की छेद में डाला और बैठ गई।
और ऊपर नीचे होने लगी। रजनीश भी फूल मजे से मम्मी की चूत लेने लगा। रमेश निछे से धक्के मारने लगा।
मम्मी उठ कर लेट गई।
मम्मी:- रमेश ऊपर आ कर लंड डाल और जोर से करना
रमेश :- ठिक है।
दोनों बारी बारी अम्मी को चोद रहे थे! अब रमेश ने मम्मी की चूत मे लंड डाल दीया और जोर से चोदने लगा। मम्मी ने उसे अपने ऊपर कस कर पकड़ा और पैरो से उसकी क़मर जकड़ ली। रमेश क़मर हिलाकर ममी को चोद राह था। ऐसा लग रहा था जेसे कोई काला बछड़ा सफेद भैंस को चोद रहा हो।
रजनीश मम्मी को किस्स करने लगा।
मम्मी:- आहा आहा आहा जोर से आहा आहा उह अहा जोर से और ढोडी आहा देर
कुछ देर बाद मम्मी ने इसकरिया तेज करते हुऐ पानी छोड़ दीया। अब रजनीश चोद रहा था। मम्मी की काली चूत से पानी भी निकल रहा था। पूरे रूम में पच पच की आवाज आ रही थी
रजनीश ने लंड बाहर निकाला और और मम्मी के मुंह के पास गया। मम्मी ने लंड को चूसना स्टार्ट किया। उसको लंड हिलाने लगी
मम्मी:- कैसा लगा रजनीश मजा आया
रजनीश :- बहोत मजा आया।
मम्मी:- तेरे लंड का सूपड़ा तो पूरा लाल हो गया।
पानी निकलने वाला हो तो बताना
रजनीश :- अभि जल्दी नही निकलेगा पानी। पहली बार जल्दी निकल गया अब वक्त लगेगा ।
मम्मी:- जल्दी किसको है। मेरा बेटा 11 बजे आएगा तब तक तो निकल जायेगा ना।
रमेश:- आंटी मैने कभी आप जैसी औरत नहिं देखी
मम्मी:- मतलब कैसी हु मै बता जरा
रमेश:- बाहोत खूबसूरत हो। बड़े बाड़े बूब्स बड़ी गांड़ पूरा गोरा बदन है आपका एसा लगता है सर से लेकर पाव तक आप को चाटू।
मम्मी:- अच्छा! तो मेरे चूत पर पानी लगा है चाट
फिर रमेश चूत को चाटने लगा।
चूत पर मम्मी का पनी लगा था पूरा चाट गया।
रजनीश:- आप की गांड़ चाटी
मम्मी:- सच में
रजनीश:- हां
मम्मी उलटा लेट गई और गांड़ फैलाकर रजनीश छेद चाटने लगा। मम्मी के कूल्हे कभी बाड़े थे उसे फैलाकर पूरी नाक अंदर घुसेड़ दी फ़िर छेद पर थूक कर चाटने लगा।
और गांड़ में एक उंगली डाल कर अंदर बहर करने लगा।
मम्मी को थोड़ा दर्द हो रहा था। तभी उसने उंगली बाहर निकाल कर मम्मी को दिखाई।
रजनीश :- आन्टी गांड़ को थोड़े फैलाओ
मम्मी:- दर्द होता है धिरे डालना।
इतना बोल कर मम्मी ने अपने हात पिछे करले गांड़ फैलाई और रजनीश ने धीरे लंड गांड़ के छेद में डालने लगा।
लंड जैसे ही अंदर जाने लगा मम्मी तिलमिला उठी।
मम्मी:- धिरे धीरे आहा धिरे मर गई
फिर रजनीश ने पूरा लंड अंदर एक ही झटके में डाल दीया।
मां के मुंह से चीख निखली।
मम्मी के आंखों से आंसू भी निकल रहे थे।
मम्मी:- बेटा बाहर निकाल जल्दी दर्द हो रहा है।
रजनीश मेरे मां के ऊपर लेटा था
रजनीश:- थोड़ी देर रुको आंटी मै धक्के नही दूंगा अभी
आप को अब दर्द नही होंगा।
रमेश थोड़ी देर वो मम्मी के ऊपर ही रहा और बालो को साईड करके गर्दन को चूमने लगा। फिर अपने एक हात मम्मी के छाती के निचे घुसा कर बूब्स दबाने लगा..
कुछ देर बाद रजनीश धक्के देना स्टार्ट कर दीया और मम्मी दर्द भरी सिसकारिय लेने लगी।
रजनीश:- आंटी मजा आ रहा है
मम्मी:- दर्द हो रहा है। आज ज्यादा जोर से मत चोदना
रजनीश :- नही करुंगा जोर से।
कुछ देर बाद रमेश क़मर हिलाकर मम्मी की गांड़ मारने लगा..
दुबला पतला ल़डका मेरी मम्मी के ऊपर लेट कर गांड़ मार रहा था!
कुछ देर बाड रमेश ने मम्मी की कमर पकड़ कर ऊपर उठाई और मम्मी घुटनों के बल घड़ी बन गई।
रमेश का लंड अब गांड़ मे था। रमेश कूल्हों को फैलाकर गंद के बीच लंड पर थूक रहा था। फिर धक्के देना स्टार्ट किया। उसके हर धक्के पर मम्मी के मुंह से अहा आहा की सिसकरीय निकल रही थी। मम्मी के कूल्हे पर थप्पड़ मारने लगा। तो मम्मी और जोर से सिसकर्यां लेने लगी।
रजनीश ने एक हात चूत पर रख कर चूत मसलने लगा।
कुछ देर बाद मम्मी के पीठ को पकड़ कर चिपक गया और रूक गया रमेश पानी छोड़ दीया था
रजनीश मम्मी को लेटने को कहा। मम्मी वैसे ही लेट गई और वो मम्मी के ऊपर लेट कर लंड अंदर दबाए रखा
और मम्मी की पीठ चूमने चाटने लगा।
रमेश मम्मी के बागल में लेट गया मम्मी भी अब सीधा होकर लेट गई और बाजू में पड़ी नाईटी से पसीना पोछने लगी।
मम्मी:- 4 साल बाद आज मैने लंड का सुख पाया वो भी जवान लंड
रमेश :- आन्टी अब तो रोज ऐसे खुश कर सकता हु।
बस सैफी को आप संभाल लेना।
मम्मी:- उसको पता नही चलना चाहिए..
रजनीश :- आप को कैसे पता चला कि मैं आपको चोदना चाहता हु।
मम्मी:- औरतों को पता चल जाता है । जब मैं पोछा मार रही थी तब तू मेरे बूब्स को घूर रहा था।
कितने बार मैने तुमे आंखें सेकने का चांस दीया।
रजनीश :- आप के बूब्स देख कर ही खडा हो जाता है मेरा।
मम्मी:- मैने तुमे एक बार मौका भी दीया था। मुझे लगा तुम आओगे पर तुम आएं ही नही। अच्छा हुआ इस बार मैं खुद ही आ गई तेरे पास
रजनीश :- कब मौका दीया आपने
उस दिन मै पूरा नंगा होकर नहा रही थी। तू बाहर से सब देख रहा था।
रजनीश:- आप को पता था के मै देख रहा हु। और आपने पेटीकोट बाहर रखा था
मम्मी:- तुमारे लिए ही तो पूरा नगा हुई थी। सोचा पेटीकोट मांगुगी तो तुम भी अंदर आओगे।
रजनीश :- मुझे पता होता ये मेरे लिऐ हो रहा है तो मै आ जाता।
रजनीश मम्मी के बूब्स को दबा कर चूस रहा था। तभी रजनीश मोबाइल निकाल कर रमेश बूब्स चूसते हुऐ रिकॉर्ड कर रहा था। मम्मी अपने बालो को ठिक करने लगी थी।
तभी रमेश मम्मी की चूत चाटते हुऐ रिकॉर्ड करने लगा।
मम्मी के हाथ मे मोबाइल दे कर चूत चाटने हुऐ रिकॉर्ड करने को बोला और मम्मी भी रिकॉर्ड करने लगी।
रमेशतो पहले जड़ चूका था कहि सैफी न आ जाये तो रजनीश भी ताबड़तोड़ चुदाई करने लगा कबि गांड में डालता तो कभी चुत में
!
कुछ देर बाद उन्हें सैफी के आने की आहट हुई तो रमेश ने जल्दी में सारा स्पर्म चूत में गिरा दिया और फटाफट दोनों कपडे पहनने लगे!
रजनीश:- चड्डी रहने दो मेरे पास रात को आप की यादा आएं तो मैं क्या करू।
फिर अम्मी ने उन्हें अपनी पैंटी देदी और फिर फटाफट कपडे पहने कर नार्मल बात करने लगे!
सैफी आया और थका हुआ था तो आकर सो गया और इतने में सब बारी बारी नहाकर चुप चाप अपने रूम में आकर साफ़ सफाई करदी और सैफी को कुछ पता नहीं लगने दिया!
और ऐसे चुदाई का सिलसिला सालो तक चलता रहा!