दिल्ली की मानवी को मजबूरन एक भिखारी के साथ सेक्स करना पड़ा। अब वो मजबूरी क्या थी ये तो कहानी पड़ कर ही पता चलेगा। मानवी ने अपनी कहानी में बताया की कैसे भिखारी ने मौका देख गांड मारी और उसके लिंग में कितना दम था।
आपने आज तक कई सारी हिंदी सेक्स कहानियाँ पड़ी होगी। पर अब जो आप पढ़ने वाले है उस से आपके लंड और चुत से पानी टपकने लगेगा। मेरा नाम मानवी है और आज मैं अपनी चुदाई एक भिखारी से करवाने वाली हूँ।
एक दिन मैं अपने दोस्तों के साथ बाहर घूमने गई थी। मैं दिल्ली में रहती थी और मेरे घर वाले मुझ पर काफी पाबंदी लगा कर रखते थे। पर एक दिन अपने पापा से जिद कर के मैं रात को अपने दोस्तों के साथ फिल्म देखने चली गई।
अब हुआ क्या दोस्तों के आठ टाइम का पता नहीं लगा और रात के 11 बज गए। मेरे सारे दोतो अपने अपने घर चले गए और मैं भी अपने घर जाने लगी।
अचानक रस्ते में कुछ बदमाश लोग मेरा पीछा करने लगे। मैंने उस दिन टाइट जीन्स और छोटा कटा हुआ टॉप पहन रखा था जिस वजह से मुझे देखने वाले हर लड़के का लंड खड़ा हो गया।
मेरी छाती भारी और भरी हुई थी साथ ही मेरी गोरी और पतली कमर सबको दिख रही थी। लोग मेरे पीछे से मेरी गांड देख रहे थे।
मेरा कामुक शरीर देख वो गुंडे भी मेरी चुदाई के सपने देखने लगे। उन्हें देख मैं डर कर वहा से भागने लगी। अब भागते भागते मैं थक गई पर वो लड़के अपनी बाइक पर थे।
मुझे पास में ही एक भिखारी की झुग्गी झोपडी मिली जहा मैंने छुपने का सोचा। वो झोपडी गन्दी थी और कम रोशनी होने की वजह से मुझे लगा अंदर कोई नहीं होगा।
मैं जल्दी से अंदर जाकर छुप गई। उसके बाद वो लड़के मुझे ढूंढते हुए वहां आए और कुछ देर कहा वहा देखने लगे।
मैं उस वक्त झुग्गी में छुपी थी तभी पीछे से किसी गंदे भिकारी ने मुझे दबोच लिए। वो अँधेरे में मेरे चेहरे को देखने लगा और अपनी गन्दी सासे मेरे ऊपर छोड़ने लगा।
अब न मैं बाहर जा सकती थी न अंदर रह सकती थी वो लड़के वही खड़े हो कर कुछ बाते करने लगे और उन्होंने बीड़ी पीना शुरू कर दिया।
अंदर भिखारी मेरे मुँह को चूमने लगा और मैं उसे धका देती रही। उस भिखारी के कपडे फ़टे थे। उसकी बड़ी और बदबूदार दाढ़ी भी थी। उसने मुझे अपनी बाहों में जकड़ा और अपना खड़ा लिंग मेरी जांघो के अंदर फसा और उसे रगड़ने लगा।
मैं बस किसी तरह उसे सहन करने लगी पर वो काफी हवसी थी उसने मेरे क्रॉप टॉप में हाथ घुसाया और मेरे दुध पकड़ लिया।
उसके गर्म और खड़े लंड से मेरी चुत नम हो गई और मेरे स्तन भी टाइट होने लगे। धीरे धीरे मेरा चुदाई का दिल करने लगा और मैं उसे अपने शरीर को छूने देने लगी।
तब तक वो लड़के भी चले गए थे और मैं भिखारी के साथ चूमा चाटी का मजा लेने लगी।
थोड़ी देर बाद वो भिखारी उठा और उसने झोपडी में एक मोमबत्ती जला डाली। मोमबत्ती जलते ही मेरी पहली नजर उसके बड़े लिंग और गई।
उसका लिंग मोटा और बड़ी बड़ी नसों से भरा था साथ ही उसके गोटे नीचे लटक रही थे। उसका लिंग मर्दाना था जिस वजह से मैं उसे देखती रह गई।
भिखारी मेरे पास आया और उसने मेरी जीन्स उतारनी शुरु करदी। उसी वक्त मैंने अपने टॉप में से स्तन बाहर निकाले और उन्हें दबाने लगी।
भकारी मेरे स्तन देखता हुआ आगे बढ़ा और उन्हें हैरानी के साथ देखने लगा। उसने मेरी छाती पर हाथ रखे और दोनों को दबाते हुए मेरी निप्पल चाटने लगा।
मैंने अपना एक हाथ नीचे किया और उसका लिंग पकड़ कर उसे हिलाने लगी तो दूसरी तरफ उसने मेरी चुत में ऊँगली करना शुरू कर दिया।
जब मेरी चुत से पानी निकलना शुरू हुआ उसे अपने लंड का टोपा मेरी चुत पर रखा और उसे रगड़ने लगा। उसका लंड ऊपर से काफी बड़ा थे और गर्म भी उस उसकी की रगड़ के एहसास की वजह से मेरी चुत ने झड़ना शुरू कर दिया।
अब माल निकलने के बाद मैं तेज सासे लेने लगी तभी भिखारी ने भिखारी ने मौका देख गांड मारी। उसने अपना लंड मेरी चुत की जगह मेरी गांड के अंदर घुसा डाला।
मेने आज से पहले कभी गांड के छेद से सेक्स नहीं किया थे। उसका लिंग मेरी गांड के लिए काफी बड़ा था। लंड अंदर जाते ही भिखारी भी तेज सासे मेरे मुँह पर छोड़ने लगा।
हम दोनों पसीने पसीने हो गए और उसकी बड़ी से दाढ़ी मेरी नरम छाती को छूती रही।
भिखारी मेरी चुत पर जोर जोर से धके मारने लगा और मुझे मजा आने लगा। गांड में एक अलग सा एहसास हो रहा था। उसका लिंग मोटा और गर्म था। वो चोद मेरी गांड रहा था और गीली मेरी चुत हो रही थी।
मेरी चुत से रिस्ता पानी देख उसने मेरी चुत में ऊँगली करना शरूर कर दिया।
एक भिखारी के साथ उसके झोपड़े में मुझे जानत का मजा आ रहा था। मुझे उस भिखारी से मानो प्यार हो गया हो।
उसके गोटे मेरी गांड पर जोर जोर से लग रहे थे और मुझे काफी मजा आ रहा था।
एक छोटी झोपडी पर काले अँधेरे में सेक्स करके मुझे लंड का नशा हो गया। मैंने आज तक अपने बॉयफ्रेंड को अपने शरीर को छूने नहीं दिया और अब मेरा शरीर के भिखारी चोद रहा है।
अंत में उसने मुझे कस कर गले लगाया और मेरे स्तनों में मुँह दे दिया। उसके बाद वो अपनी कमर हिला हिला कर अपना लंड मेरी गांड के और अंदर धकेलने लगा।
उसकी मर्दानगी और जोर देख मेरी चुत ने फिरसे पानी झाड़ दिया और उसने अपने लंड का लसलसा सफ़ेद पानी मेरी गांड के अंदर छोड़ दिया।
चुदाई के बाद हम दोनों थक गए और मैं उसकी झोपडी में नंगी ही सो गई। करीब सुबह के 4 बजे मेरी नंद खुली। अपने आप को नंगा देख मैं डॉ गई।
उसके बाद जो हुआ कुछ अच्छा नहीं हुआ। जो मैं घर गई तो पापा और मम्मी की मार लगी।
उस भिखारी से गांड मरवाने के बाद मुझे काफी शर्म और खुद पर गुस्सा आ रहा था। पर अंदर ही अंदर मुझे मुझे पता था की मुझे काफी मजा आया है इसलिए आज मैं अपनी अपनी ये सेक्स कहानी भिखारी ने मौका देख गांड मारी सुना रही हूँ।