राजस्थान के वेलाराम ने बस में सफर करते करते ही एक अनजान औरत के साथ सेक्स कर लिया। अब उनकी किस्मत अच्छी थी या वो औरत पहले से उसे जानती थी ये तो कहानी पड़ कर ही पता लगेगा। वेलाराम ने अपनी देसी सेक्स कहानी में ये बताया की उस औरत का शरीर काफी सुडौल था जिसे देख वो बस में ही कामुक हो गए। आगे जो हुआ वो वेलाराम ने अपनी कहानी में काफी कामुक तरीके से बताया है।
मेरा नाम वेलाराम है। मैं राजस्थान का रहने वाला 23 साल का हट्टा-कट्टा, 5.5 फुटिया, रौबदार युवक हूं। और ये है मेरी भाभी की चुदाई कहानी जिसका नाम है बस में मिली दीपा डार्लिंग उमेद है आपको अच्छी लगेगी।
मैं गाँव में रहता हूं लेकिन मेरी दुकान शहर में है। इसलिए मुझे हर दिन बस में बैठकर शहर जाना पडता है।
एक दिन मैं शहर जाने के लिए बस में चढ़ा तो बस में बहुत भीड़ थी और लोग एक
दूसरे से चिपककर खडे थे। मैं जगह बनाता हुआ पीछे जाकर खडा हुआ।
मेरे आगे एक 30 साल की औरत लहंगा साड़ी पहने खडी थी। उसकी मस्त 38′ की गांड देखकर मेरा जी ललचा गया।
मुझे मोटी गांड वाली लडकियाँ और औरते बहुत पसंद है।
उनकी गांड का उभार और गोलाई देखकर मेरा लंड पिंजरे मै कैद पक्षी की तरह फडफडाने लगता है।
मैं उस औरत के पीछे जाकर खडा हो गया और उसके कूल्हों को ध्यान से देखने लगा।
मेरा लंड तन गया था और उसकी गांड से रगड खाने के लिए बेताब हो रहा था।
तभी बस में भीड के कारण धक्का मुक्की होने लगी और मुझे उस सेक्सी औरत से चिपकने का मौका मिल गया।
मै उससे सटकर खडा हो गया और लंड उसकी गांड पर लगा दिया।
क्या मस्त चिकनी और मुलायम गांड थी। मैं उसकी गांड पर लंड दबाने लगा।
मुझे तो जन्नत का एहसास हो रहा था। जब उसने कोई विरोध नही किया तो मैं लंड उसकी गांड पर रगडने लगा। मेरे पूरे शरीर मे जैसे करंट दौड गया। वासना के मारे मेरे शरीर मे झनझनाहट होने लगी और मेरा लंड फौजी के डंडे की तरह तन गया।
उसकी गांड पर लंड के स्पर्श ने मेरी हवस जगा दी थी और मैं उसे चोदने के लिए व्याकुल हो रहा था। और उसकी गांड की दरार पर लंड रगडते हुए दबे स्वर मे कामुक आहे भर रहा था।
बस में ज्यादा भीड होने की वजह से किसी को मेरी हरकत का पता नही चल रहा था।
वो औरत भी मेरी शरारत का मजा ले रही थी और गांड लंड पर दबा रही थी। मेरे बडे लंड के रगड खाने से उसकी भी चुदास जाग गई थी।
बस मे जब भी कभी धक्का या ब्रेक लगता वो अपनी गांड जोर से मेरे लंड पर दबाती और मै भी उसकी गांड पर लंड दबाकर उसी भाषा में जवाब देता।
अब मैंने उसकी कमर पर हाथ फिराने चालू कर दिये। क्या मस्त चिकना बदन था उसका, एकदम संगमरमर जैसा।
मैंने दोनो हाथ आगे ले जाकर उसके मम्मो पर रख लिये। गोल,चिकने और रसीले मम्मे थे जिनका साइज करीब 36′ का होगा।
मैं उसके मम्मे दबा रहा था और वो कामुक आहे भर रही थी।
मेरा लंड लोहे की छड़ की तरह कडक हो गया था इसलिए मैं जोर जोर से उसकी गांड पर धक्के लगाने लगा। मेरा वीर्य छूटने की कगार पर आ गया था।
मैं उसके बूब्स मसलते हुए आँखे बंद करके दनादन धक्के मार रहा था तभी मेरे शरीर मे झुरझुरी होने लगी। मुझे परमानंद का अहसास होने लगा।
मैंने उसके शरीर को बाँहो में भींच लिया और मेरे लंड ने पानी छोड दिया।
इतना सारा माल निकला की मेरा पूरा पैंट भीग गया और उसका लहंगा भी गांड की दरार पर थोडा भीग गया।
झडने के कारण मेरी वासना शांत हो गयी थी लेकिन उसकी चुदाई की प्यास अभी बाकी थी। इसलिए उसने पीछे हाथ लाकर मेरा लंड सहलाना शुरू कर दिया।
पाँच मिनट तक सहलाने के बाद मेरा लंड फिर से तैयार होने लगा। मैं भी उसके शरीर पर हाथ फिरा रहा था और आगे हाथ ले जाकर उसकी चूत भी मसल रहा था।
जिससे वो गर्म हो गयी और लंड चूत मे लेने के लिए तडपने लगी। मेरा लंड भी उसके दबाने से एकदम टाइट हो गया था।
अब मैने पीछे से उसका लहंगा चूतडो तक उठा दिया और पैंटी नीचे सरका दी। फिर उसको कमर से थोडा झुका दिया जिससे उसकी चूत मेरे लंड के सीध में आ गयी।
अब मैंने अपने पैंट की चैन खोलकर अंडरवियर में से लंड बाहर निकाला और उसकी चूत के छेद पर रख दिया। और उसकी कमर पकडकर एक धक्का मारा।
मेरे लंड का सुपाडा चूत मे घुस गया। उसने आह्ह्ह्ह्ह उम्म्म्म्म्म्ह्ह
करके एक सेक्सी आवाज निकाली।
मैं उसके ऊपर झुका और गाल पर चुम्मी देते हुए लंड घुसाने लगा।
उसे थोडा दर्द हुआ लेकिन मैं उसे प्यार से चूमता रहा और पूरा लंड अंदर पेल दिया।
और धीरे धीरे चोदने लगा। क्या मस्त गर्म और चिकनी चूत थी!
आह आह आहा उह्ह उम्मह्ह करके मै धक्के लगाते हुए लौड़ा अंदर बाहर करने लगा।
वो भी दांत भींचकर मादक आहें निकालते हुए चुदाई का आनंद ले रही थी।
मैं उसके बूब्स मसलते हुए गाल पर चूमने लगा और चोदना जारी रखा।
मैंने उसके कान में कहा-क्या नाम है आपका?
वो बोली-दीपा।
मै-मजा आ रहा हैं न दीपा डार्लिंग।
वो कुछ नही बोली,बस मुस्कुराकर मेरे गाल पर चुम्मी दे दी।
मैं उसकी गांड को मसलते हुए दनादन धक्के मार रहा था।
उसकी चूत से पच्च पच्च्च पच्च्च्च की आवाजे आ रही थी।
और दीपा धीमे धीमे आह्ह उह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह्ह उम्म्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ह करके
मजा ले रही थी।
बस में सभी लोग चिपककर और दूसरी तरफ मुँह किए खडे थे इसलिए किसी को भी हमारे कारनामे के बारे में पता लगना मुश्किल था।
हम दोनो चुदाई का भरपूर आनंद ले रहे थे। मैं घपाघप लंड पेलकर दीपा की सेक्स प्यास बुझा रहा था।
मेरा लंड उसकी बच्चेदानी से टकरा रहा था।
अब दीपा की उत्तेजना बढ गयी थी और वो अपनी चूत को सिकोड रही थी जिससे मेरा लंड अंदर दब जाता था। इससे मुझे मजा तो बहुत आता था पर धक्के नही मार
सकता था।
जब वह चूत की सिकुडन कम करती तो मैं फिर से लंड अंदर बाहर करने लगता।
अब दीपा का कामरस निकलने वाला था।
उसे झुरझुरी होने लगी और उसने जोर से चूत सिकोडकर एक लंबी आह भरी।
वो झड गयी और उसके योनिरस ने मेरे चुदाई के प्यासे लंड को नहला दिया।
दीपा के रस में नहाकर मेरा लंड और भी उत्तेजित हो गया। उसका सुपाडा तो गेंद की तरह फूलने लगा था।
अब मैंने दीपा डार्लिंग की कमर में हाथ डालकर कसकर पकड लिया और धक्के लगाने की रफ्तार तेज कर दी।
पानी निकल जाने के कारण दीपा को लंड अंदर बाहर होने से गुदगुदी हो रही थी।
वो आईईईईई उह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह इह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
उम्म्म्म्म्माह्ह्ह्ह्हा आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह करके गुदगुदी भरी आहे निकाल रही थी।
और मैं धक्के पर धक्के लगाते हुए दीपा की रसीली चूत का मजा ले रहा था।
मेरे सपनो की रानी दीपा डार्लिंग मेरी बाँहो में थी और मेरा लंड उसकी चूत में था।
मुझे सचमुच वो आनंद मिल रहा था जिसका मैंने कभी सपना देखा था।
मैं उसके माँसल,मखमली और चिकने बदन को दबाते और सहलाते हुए लंड से उसकी चूत की गहराई नाप रहा था।
करीब दस मिनट तक मैंने दीपा की चिकनी चूत मारकर भरपूर मजा लिया फिर मेरा लंड पानी छोडने की कगार पर आ गया।
आखिर मेरा चूत का प्यासा लंड बेचारा कब तक दीपा डार्लिंग की चूत की चिकनाई और गर्मी को बर्दाश्त कर सकता था।
मैंने दीपा के शरीर को जोर से भींचकर पकड लिया और कान में कहा-मेरा माल निकलने वाला है…आह्हा..
वो बोली-मेरे अंदर ही निकाल दो अपना गर्मागर्म माल और मेरी प्यासी चूत को पिलाकर उसकी प्यास बुझा दो मेरे चोदू राजा…आह्ह्ह्ह्ह……
मै उसके मुँह से इतनी कामुक बात सुनकर और ज्यादा बेकाबू हो गया और मेरे पूरे शरीर में मजेदार मीठी झुरझुरी होने लगी।
मैं कूल्हे हिला हिलाकर चूत मार रहा था और लगभग चरमसीमा तक पहुँच ही गया था।
आनंद के अतिरेक से मेरी आँखे बंद हो गयी और मेरा पूरा शरीर मीठी गुदगुदी और मस्ती से भर गया।
और मेरे लंड ने दीपा की चूत मे पिचकारी मार दी। उसकी चूत मेरे माल से भर गयी और बाहर रिसने लगी।
मेरा गर्म रस अपनी चूत मे महसूस करके उसे भी संतुष्टि का एहसास हुआ और मुस्कुराकर मेरी तरफ देखने लगी।
मैंने भी उसके रसीले होंठों पर प्यार से किस किया और चूत देने के लिए धन्यवाद बोला।
फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसकी गांड पर घिसने लगा जिससे सुपाडे पर लगा माल भी साफ हो गया।
मैं उसकी गांड भी चाटना और चोदना चाहता था पर इतने सारे लोगो के बीच ये मुमकिन नही था। और फिर दो बार झडने के कारण लंड भी तैयार होने मे समय लगेगा।
इसलिए मैंने दीपा की गांड फिर कभी चोदने का मन बनाया और अपनी इच्छा उसके कान में बतायी।
उसने मुझसे मेरा मोबाईल नंबर लिया और कहा कि जब कभी घर मे अकेली होऊंगी तो तुम्हे फोन करके बुला लूंगी।
फिर हम दोनो ने अपने कपडे ठीक किए। थोडी देर बाद जब मेरा स्टॉप आया तो मैं दीपा को बाय कहकर उतर गया।
दोस्तो,बस की भीड में सेक्स करने का मजा ही अनूठा होता है। आप चाहे घर,होटल या किसी भी जगह पर सेक्स करो,आपको वो मजा नही आएगा जो बस की भीड
के बीच हिचकोले खाते हुए चुदाई करने में आता है।
तो आप भी कभी अपनी पत्नी या गर्लफ्रेंड के साथ ऐसा करके मजा लीजिए।
लेकिन हाँ,भूलकर भी आप मेरी तरह किसी अजनबी औरत के साथ ऐसा मत कीजिए।
मेरी तो किस्मत अच्छी थी इसलिए वो औरत मान गयी। या आप इसे मेरी काल्पनिक हिंदी सेक्स कहानी भी मान सकते है।
लेकिन हो सकता है आप ऐसा करने से किसी झंझट में फँस जाओ!!
इसलिए सिर्फ कहानी का लुत्फ उठाईये और पढने के बाद एक बार मुठ मारकर पानी
निकाल लीजिए, जिससे कहानी पढने के कारण आपके दिमाग मे आई गंदगी बाहर निकल
जाएं।
कहानी पसंद आये तो मेल करके बताना।
Velaramji637@gmail.com