राजमहल 1 पार्ट 15

लेखक – सीमा सिंह

आगे की कहानी

और वरुण ने चंदन की शीशी सीमा को दिखाते हुए बोला कि जुबेर भाई ने मुझे बताया था कि तुम्हे चंदन की खुस्बू बहुत ज्यादा पसंद है।

सीमा शरमा कर मुस्कुराने लगी थी, वरुण ने अपने हाथ से सीमा के हाथ को पकड़ कर अपनी ओर खींचने लगा और वो भी उसका साथ देते हुए उसकी ओर जा रही थी।

वरुण ने उसको पलंग के नीचे खड़ा कर दिया था और खुद घुटनो के बल बैठ कर एक उंगली को हल्की सी तेल से गीली कर ली और उसे उसकी गांड़ में घुसाने लगा।

जब सीमा कसमसाई तो अंदर आधी ऊँगली डाल कर ऊँगली से ही चोदने लगा और हल्का हल्का कर के पूरी ऊँगली डाल दी।

अब वो अच्छे से उंगली को घुमा रहा था और फिर और तेल लेकर दो उसके बाद तीन ऊँगली को अंदर घुमाई ताकि लंड के लिए जगह बन जाये।

जब वो अपनी तीन उंगलियों से गांड़ को चौड़ा कर रहा था तो सीमा आह्ह्ह्ह्ह् आह्ह्ह आह्ह्ह किये जा रही थी, तो वरुण ने पूछा कैसा लग रहा है मेरी पत्नी को ?

सीमा बोली पूछो मत स्वामी, बहुत अच्छा लग रहा है, सच में तुम बहुत अच्छे हो, आप दोनों जैसे पतियों को पाकर तो में सच में धन्य हो गई हूं।

आजह्ह आह्ह्ह डाल दो मेरी पतिदेव , आज अपनी अर्धांगनि की गांड चोद दो, चोद दो मेरी प्यासी गांड को आआह्हह आह्हह्ह  आह आअह्ह आह्ह्ह्ह।

उसको उसने पलंग पर झुका दिया, जिससे सीमा पलंग पर अपना कोहनी रख कर झुक गई जिससे उसकी गांड ऊपर की ओर हो गई।

फिर वरुण ने सीमा की गांड़ के छेद के दर्शन किए, और मन ने सोचने लगा कि क्या मस्त गांड है इसकी, और लग रहा दो छोटे पहाड़ पीछे की ओर उठे हुए हैं।

अब वो अपने मुंह से जीभ निकालकर उसकी गांड को फैला के गुलाबी छेद को चाटने लगा, साथ में दोनों कूल्हों को मसलने लगा।

सीमा पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी, तो उसने अपने एक हाथ आगे करके सीमा की चूत को भी सहलाने लगा, जैसे ही चूत को अपने हाथ में लिया, वो बुरी तरह से कांप गई।

सीमा कहने लगी अब न तड़पाओ पतिदेव, तो वो खड़ा होकर अपना मोटा लंड सीमा के गांड पर रख के रगड़ने लगा जिससे उसकी बेचैनी और बढ़ गई।

तभी उसने कहा यह तो सूखा है, पहले इसे गीला कर लेता हूं और उस पर तेल लगा लिया और सीमा को देखा, तो वो आगे झुक के अपने चूतड़ उठा कर बिल्कुल तैयार थी गांड चुदवाने को।

उसने भी अपना लंड गांड के छेद पर रखा और एक हाथ से कमर को पकड़ा और एक हाथ से लंड को, थोड़ा दबाया तो वो हल्का सा कसमसाई।

फिर एक ज़ोर का झटका दिया अपनी कमर को हिलाकर उसने तो उसके लंड का सुपाड़ा अंदर चला गया था, जैसे ही सुपाड़ा अंदर गया तो चिल्लाई।

आईईईईई  मर्रर्रर्रर्र गईईईई ओह आईईईईई आईईईईई बहुत दर्द हो रहा है, और वो बोली आराम से स्वामी मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ।

वरुण का लंड अपनी खूबसूरत पत्नी की गांड में था, क्या कसी हुई गांड थी, उसने और ज़ोर नहीं लगाया, उतने में ही से वो लंड को गांड से निकलता और डाल देता आहिस्ता आहिस्ता।

जब सीमा को आराम मिलने लगा था तो हल्का हल्का चोदने लगा और थोड़ा ज़ोर लगा के थोड़ा सा धीरे अंदर कर देता अपने लंड को।

थोड़ी ही देर के बाद उसका आधा लंड उसकी गांड में था, वो लंड को आगे पीछे कर रहा था, वरुण को मस्त मज़ा आ रहा था, वो भी मस्त होकर चुदवा रही थी,

सीमा बोली बहुत अच्छे से करते हो, आःह्ह्ह आःह्ह्ह  आअह्ह अह्ह्ह और अच्छे से चोदो,बहुत मज़ा आ रहा है, आईईईईई आईईईईई आईईईई और डालो अंदर।

उसने एक ज़ोर का धक्का मारा तो और लंड अंदर हो गया,तो सीमा चीखी पर खुद को शांत करने लगी, वो भी रुक कर उसको आराम देने लगा, अब हल्का हल्का फिर से चुदाई करने लगा।

कुछ पल बाद वरुण पूरे लंड बहार निकालता फिर डाल देता, जिससे उन दोनों को बहुत मज़ा आने लगा था, वरुण पूरे जोश में था तो ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा।

सीमा भी मस्त होकर अपने चूतड़ हिला हिला के चुदवाने लगी, ऐसा लग रहा था कि उससे ज्यादा मज़ा उसे ही आ रहा है।

उसने अपना लंड उसकी गांड से निकाला और खुद पलंग पर ऊपर आकर पीठ के बल लेट गया, सीमा को अपने ऊपर आने को कहा।

सीमा पलंग के ऊपर आ गई, और लंड के ऊपर अपने दोनों पैर उसकी कमर के अगल बगल रख के अपने गांड के छेद को उसके लंड पर टिका दिया।

सीमा खुद ही धीरे धीरे लंड को अंदर करने लगी, क्या हसीं नज़ारा था, उसकी पत्नी खुद ही उसके लंड को अपनी मदहोश कर देने वाली गांड में अंदर ले रही थी और वो ये सब देख रहा था।

काश समय यही रुक जाता, सीमा उसके लंड को अपनी गांड में डाल चुकी थी, चेहरा उसका बिल्कुल लाल हो गया था, क्या खूबसूरत लग रही थी सीमा।

फिर वरुण ने सीमा की कमर को नीचे से पकड़ कर जोर जोर से धक्का देने लगा, और वो भी ऊपर से अपने नितम्बों को ऊपर नीचे करते हुए मजे से चुदने लगी।

उसके ऊपर नीचे होने से उसके छोटे छोटे वक्ष उछलने लगे, इस तरह सीमा बहुत सुन्दर दिख रही थी, वरुण ने उसके वक्ष को पकड़ के दवाना चालू कर दिया।

सीमा की सिसकारियां निकल रही थी आईईईईई आईईईईई आईईईई आईईईईई आईईईईई और वो नीचे से कूल्हे उठा उठा कर उसकी गांड को चोदे जा रहा था।

फिर उसने अपने एक हाथ की उंगली से सीमा के चूत के दाने को सहलाना चालू कर दिया था, और दूसरे हाथ से अभी भी वक्ष को मसल रहा था।

इससे सीमा की उत्तेजना बड़ गई और पूरे जोश में उससे चुदवाए जा रही थी क्यूंकि उसने अपनी धक्कों की गति और बढ़ा दी थी।

कुछ देर उन दोनों ने इसी अवस्था में चुदाई का आनंद लिया और जब सीमा थक गई तो वो बगल में पेट के बाल लेट गई और वो पलंग से नीचे गया और शीशी उठा ली।

और पलंग पर आकर अपनी दो उंगली से उसके गांड़ के छेद के अंदर तक तेल को पहुंचाने में लग गया था, और उसके बाद बहुत सारा तेल अपने लंड पर लगाया।

फिर वो उसके ऊपर आ गया और नितंंबो(चूतड़ों) को फैला के लंड को छेद पर रख दिया, और एक ही झटके में पूरा लंड अंदर तक डाल दिया ।

सीमा की गांड में क्यूंकि पूरे लंड और गांड़ के अंदर तक तेल लगा होने के वजह से लंड बिना रुकावट के एक ही बार में चला गया था।

जैसे ही लंड एक ही बार में अंदर गया तो सीमा की चीख बाहर निकल गई थी उउउउह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआ ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह मर गईईईईई।

वो रुक गया और सीमा के गालों, गर्दन और कंदो को चूमने लगा और उसके मुंह को गुमाया तो सीमा ने खुद ही उसके होठों पर अपने होठों को रखकर चूमने लगी थी।

जब वो शांत हुई तो वरुण पूरा ज़ोर में उसे चोदने लगा, पूरे कक्ष में सीमा की सिसकारियां गूंज रही थी आईईईईई आईईईर्र सिसस्ससस्स उँह ओह सिसस्ससस्स आह्।

अब वरुण ने अपना पूरा शरीर सीमा के शरीर से चिपका लिया था और नीचे से अपने कूल्हे उठा उठा कर उसे चोदे जा रहा था।

उन दोनों के शरीर एसे चिपके हुए थे कि हवा भी उनके बीच में से नही निकल सकती थी जिसके कारण कुछ ही देर में वो दोनों पसीने से तर हो चुके थे।

थोड़ी देर ऐसे चोदने के बाद बिना लंड बाहर निकाले उसे घुटनों के बल कर दिया और उसका मुंह आधा गुमाकर उसके घुटनों के पास में कर दिया।

जिससे उसके नितम्ब ऊपर की ओर आ गए थे इसके बाद वरुण ने अपने पास में रखी चंदन की शीशी को उठा लिया था।

और वरुण ने अपना लंड को सीमा की गांड़ से बाहर को निकाला तो गांड का छेद खुला हुआ दिख रहा था तो  उसने चंदन के तेल से उसे भर दिया।

सीमा की गांड पर अपना लंड रख के एक ही बार में जड़ तक डाल दिया और फिर पूरा लंड बाहर निकलता और फिर से जड़ तक अन्दर डाल देता।

वरुण सीमा को लगातार एसे ही चोदे जा रहा था ऐसा लग रहा था हर धक्के पर ही वह झड़ जायेगा, फिर भी वो अपने आप को काबू में किये हुए था।

हर धक्के पर सीमा के मुंह से हल्की सी तेज चीख बाहर को निकल जाती थी, वरुण उसकी कमर पकड़ के चोदे जा रहा था।

ऐसा लग रहा था कि वरुण कभी भी झड़ सकता है तो उसने अपनी गति को और तेज़ कर दिया था, लगातार चोदने से उसकी हालत ख़राब हो रही थी।

और कुछ ही पल बाद उसने एक झटके के साथ लंड को अंदर ही रोक दिया था और उसके लंड ने अंदर ही झटके मार मार कर अंतिम बून्द तक अपना पानी गिरा दिया।

फिर उसने अपना लंड बाहर को निकाल कर पलंग पर लेट गया और सीमा भी उस की ओर पीठ करके लेट गई थी।

वरुण ने देखा कि सीमा की गांड़ से तेल और बीरे दोनों का मिला हुआ पानी बाहर आने लगा था, और कुछ ही देर में वो दोनों नींद के आगोस में चले गए।

उस दिन के बाद से राजकुमार जुबेर और राजकुमार वरुण अपनी पत्नी सीमा को सात दिन में एक ही बार चोद पा रहे थे।

क्योंकि वह दोनों अपने राज्य के पुनर्निर्माण के कार्य में बहुत व्यस्त रहने लगे थे जैसे वरुण राज्य के कामों में पूरा ध्यान दे रहा था।

वहीं दूसरी तरफ जुबेर का पूरा ध्यान नई सेना को प्रशिक्षण और किस तरह दूसरे राज्य से और ज्यादा ताकतवर बन सके उस में लगा था।

इन दोनों वजहों से वह सीमा को ज्यादा समय नहीं दे पा रहे थे, सब लोग उनकी लगन से बहुत खुश थे राज्य में दोनों के कामों की बहुत प्रशंसा हो रही थी।

बड़ी रानी शकुंतला और बड़ी और छोटी रानी ने एक दिन सीमा की दासी पायल को अपने पास बुलाया और उससे पूछा किस सीमा की जीवन में क्या चल रहा है।

क्योंकि जिस दिन उन्हें पता चला कि जुबेर सीमा की गांड मार चुका है, उस दिन के बाद से इस विषय पर उन्होंने जानकारी लेना छोड़ दिया।

इसलिए वो पायल से आज पूरे दो महा बाद वह यह सब पूछ रही थी उन तीनों की जिंदगी में क्या क्या चल रहा है।

राजकुमार जुबेर और वरुण सीमा को सही से प्यार कर रहे हैं या नहीं, तो पायल ने बताया कि एक सप्ताह में दोनों एक एक बार ही सीमा के पास आते हैं।

क्योंकि उन्हें सीमा से मिलने का समय ही नहीं है जो रोज उनके साथ सो सकें, जब रानी शकुंतला को इस बारे में पता चला तो भी काफी नाराज हुई।

और उन्होंने पायल को वहां से जाने के लिए कहा, और उसके बाद उसने बड़ी और छोटी रानी की ओर देखा और डांटते हुए कहा।

कि महल में इतना कुछ चल रहा है तुम्हें खबर भी नहीं है किस राज्य को पुत्र देने वाली रानी प्यार के लिए तरस रही है।

वहा से सब के जाने के बाद रानी शकुंतला ने ये सब राजा संतोष को बताया तो संतोष ने उन्हें सुझाव दिया कि हमें क्या करना चाहिए इसीलिए उन्होंने कल सुबह सबको अपने कक्ष में बुलाया।

सब के कक्ष में आने के बाद राजा संतोष ने कहा कि हम सब चाहते हैं कि दोनों राजकुमार अपनी नई पत्नी के साथ कुछ समय के लिए चंदन वाटिका में चले जाएं।

इस निर्णय पर किसी ने कुछ नहीं कहा क्योंकि सब जानते है कि दोनों राजकुमार सीमा की वो चुदाई नही कर पा रहे है जो हर शादीशुदा नारी का हक है।

जिसके फलस्वरूप इस राज्य को कोई नन्ना शहजादा या शहजादी मिल सके, तीन दिन बाद तीनों मृग(हिरण) वाटिका के लिए निकले और एक दिन बाद मृग वाटिका पहुंच गए।

राजमहल एक कहानी यहीं समाप्त होती है इसके आगे का भाग राजमहल दो में आएगा आप मेरा प्रोत्साहन बढ़ाते रहिए मैं आपको नई नई कहानियां प्रस्तुत करती रहूंगी

आप मेरे साथ बने रहिए और इस राजमहल कहानी पर किसी भी प्रकार की राय देने के लिए आप मेल पर मुझसे संपर्क कर सकते हैं.

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