राजस्थान की तड़पती हुई मौसम और जवानी

मेरा नाम बिनोद है मैं पुणे का रहने वाला हूँ।ये साईट का मई लम्बे अर्शे से पाठक हु .मैं अभी एक बहुत बड़ी कंपनी में मेनेजर के पद पर हूँ।मेरा कद काठी 6 फीट के आसपास  है,चौड़ा सीना और मस्कुलर बोडी, रंग गोरा और दिखने में आकर्षक हूँ।मैं आपको अपनी जिन्दगी की सबसे पहली चुदाई के बारे में बताने जा रहा हूँ।

बात उस समय की है जब मैं ऑफिस के काम से राजस्थान गया हुआ था। वहाँ मुझे कंपनी ने रहने के लिए एक होटल में कमरा दिया था। मेरा ऑफिस वहाँ से कुछ सामान्य दूरी पर था।मुझे वहाँ से लेने के लिए कंपनी से गाड़ी आती थी, जिसमें मेरे अलावा और दो औरत थे।एक का नाम नेहा था और दूसरी का नाम सुलोचना था। नेहा दिखने में सनी लियॉन जैसी दिखती थी, कद लगभग 5’2” गोरा बदन, बड़े-बड़े बूब्स और पीछे की तरफ उठी हुई उसकी गांड एकदम क़यामत ढाती हुई।

दोनों ही मुझसे पद में छोटे थी।नेहा एकदम बिंदास लड़की थी, वो लोगों से बेधड़क बातें करती थी, पर पता नहीं क्यों वो मुझसे दूर-दूर रहती थी।फिर मुझे मेरे ऑफिस के एक चपरासी ने बताया कि लोग उससे मेरे नाम से छेड़ते हैं.. उसे मेरा नाम लेकर बुलाते हैं।वो भी शरमा कर चली जाती है।जब मैंने चपरासी से उसके स्वभाव के बारे में पूछा तो उसने बताया- यह लड़की किसी को घास नहीं डालती, पर पता नहीं क्यों वो आप पर इतना फ़िदा है?मैं यह सब सुन कर चुप हो गया।एक दिन उसने सबको अपने घर पर बुलाया और मुझे भी घर पर आने के लिए मैसेज किया।हम सभी लोग उसके घर गए तो मालूम हुआ कि उसका जन्मदिन है।हम लोगों को इसका दुःख हुआ कि हम सब खाली हाथ उसके घर आ गए, पर कर भी क्या सकते थे।उसका बर्थ-डे केक कटा, हम लोगों ने खाना खाया और बाद में हम चलने के लिए निकले तो मैंने उससे पूछा- तुम्हें जन्मदिन का क्या तोहफा चाहिए ?तो उसने कहा- बस आपके साथ इस रविवार को कुछ पल अकेले बिताना चाहती हूँ, अगर आपको कोई तकलीफ ना हो तो।

मैंने भी ‘हाँ’ कर दी।अगले रविवार को वो अपने पापा की कार लेकर मेरे होटल के पास आई और मुझे कॉल किया कि मैं नीचे आपका इंतज़ार कर रही हूँ।मैं नीचे गया तो उसे देखते ही रह गया, वो गजब की क़यामत लग रही थी।उसने लाल रंग टॉप और नीली जीन्स पहनी थी, साथ में एक स्कार्फ भी लिया हुआ था।वो मुझे एक समुद्र के किनारे पर ले गई। वो बहुत ही सुन्दर जगह थी वहाँ पर बहुत सारे लोग अपने-अपने परिवार के साथ थे।इतने में वहाँ उसके कुछ दोस्त और सहेलियाँ भी आ गईं वे सब अपने-अपने प्रेमियों के साथ थे।वे सब उससे बोलने लगीं- यार, तेरे वो तो बड़े स्मार्ट हैं।तो उसने उनको चुप रहने का इशारा किया और मेरा परिचय कराया- ये मेरे दोस्त हैं।उसके बाद हम साथ-साथ बीच पर घूमने लगे। अब वो मेरे साथ काफी घुलमिल गई और मुझसे बार-बार मस्ती करने लगी।शाम 7.30 पर हम लोग वहाँ से निकले, रास्ते में जोरों से बारिश चालू हो गई। तेज हाबा के साथ सामने कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था।मैंने उससे कहा- गाड़ी एक तरफ रोक दो, तेज हवा रुकने के बाद हम आगे बढ़ेंगे।अब 8.15 हो गया, पर तूफ़ान जरा भी बंद नहीं हुआ, तो मैंने कहा- यहाँ इस तरह रुकना ठीक नहीं है।उसने धीरे-धीरे गाड़ी आगे बढ़ाई तो आगे कुछ दूरी पर एक होटल था।हमने वहाँ रुकना उचित समझा और गाड़ी पार्क करने के बाद हमने जैसे ही होटल में कदम रखा तो होटल मैनेजर ने हमारा स्वागत किया और हमने वहाँ पर कमरा लिया।

संयोग से उसके पास एक ही कमरा खाली था। वेटर ने हमें हमारा कमरा दिखाया, जिसमे सिर्फ एक ही बिस्तर था।हमने खाना मंगाया और बातें करने लगे। बातों-बातों में उसने पूछा- आप की कोई गर्ल-फ्रेंड है क्या?मैंने भी मजाक में कह दिया- तुम हो ना मेरी गर्लफ्रेंड।वो शरमा गई।

फिर मैंने कहा- मेरी आज तक की जिन्दगी में तुम पहली लड़की हो जिससे मैंने दोस्ती की है, इस हिसाब से तो तुम ही मेरी गर्ल-फ्रेंड हुई ना?इतना सुनते ही वो जोर-जोर से हँसने लगी।

मैंने पूछा- क्या हुआ?तो उसने कहा- कुछ नहीं।इसी तरह अब 11 का वक्त हो गया, पर तूफान रुकने का नाम नहीं ले रहा था।उसने अपने घर पर फोन करके बता दिया कि वो अपनी सहेली के यहाँ पर है, जैसे ही तूफान रुकेगा वो आ जाएगी।तो उसके पापा ने कहा- नहीं… तू सुबह ही आना।फिर हम लोग सोने के लिए जाने लगे।मैंने कहा- मैं नीचे कालीन पर सो जाता हूँ तुम बिस्तर पर सो जाओ।तो उसने कहा- नहीं या तो दोनों ऊपर सोयेंगे या नीचे.. क्योंकि उसे अकेले डर लगता है।उसके बोलने पर हम दोनों बिस्तर पर सो गए।रात को मुझे एहसास हुआ कि कोई एकदम मुझसे चिपक कर सो गया है और उसका हाथ मेरे ऊपर है।मैंने देखा तो पता चला के वो नेहा का हाथ है।मैंने इस घटना को संयोग समझा और मैं फिर से सो गया।

रात को मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि नेहा नींद में अपनी जीन्स के अन्दर हाथ डालकर कुछ कर रही थी।जब मैंने बिस्तर में देखा, तो मेरा सफ़ेद पानी बिस्तर में लगा था. तो मैंने जल्दी से कपड़े से बिस्तर को साफ़ कर दिया और मैंने अपने लंड को भी साफ़ किया. नेहा सोई हुयी थी क्या मस्त गांड थी.. एकदम सफ़ेद… मोटी – मोटी और गोल – गोल. मैं देखता रहा और मैंने अपने नीचे देखा, तो मेरा लंड एकदम टाइट हो गया था. मेरे पायजामे में तम्बू बन गया था. जब वो उठी तो पूरी नंगी गांड दिखी मुझे. 

वो देखती रही, कि मैं उसका नाम लेकर झड़ रहा हु. फिर मैंने अपने लंड को बिस्तर से निकाला और देखा कि मेरा लंड पूरी तरह से मेरे वीर्य से भर गया था. वो मुझसे बिना कुछ कहे वापस सो गयी और मुझे तो पता ही नहीं चला, कि वो कब ये सब हो गया मई नींद के घोर में था. अचानक नेहा का हाथ ,एरा लैंड के पास आया  वो कहने लगी, तूम मेरा नाम बार – बार क्यों ले रहा था. मैं कुछ नहीं बोला. नेहा ने कहा – क्या हुआ विनोद .तुम सपना देख रहो हो क्या ?उसके हाथो के स्पर्श से मेरा लैंड फिर खरा हो गया और नेहा देख लिया मैंने नेहा से कहा ; नेहा मुझे तुमसे बोहोत प्यार है ,तुम मुझे बोहत पसंद हो  दो ना…

वो मेरे लंड को बार – बार घुर रही थी और सोचने लगी. मैंने फिर उनके मम्मे एक हाथ से पकड़ लिए और वो कहने लगी – ये क्या कर रहे हो? मैंने कहा – प्लीज नेहा .. वो हट कर पीछे होने लगी. मैंने उस को पकड़ लिया और अपने लंड पर उनका हाथ लगवा दिया. उन्होंने हाथ पीछे हटा दिया और मैंने नेहा की चूत पर हाथ रख दिए और उसको मसलने लगा. नेहा अपने आप को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन सब बेकार था. मैंने उसके बूब्स के दानो को मसलना शुरू कर दिया था और चूत को. वो धीरे – धीरे गरम होने लगी और वो भी अब मेरा साथ देने लगी थी. मैंने उस को बेड पर लिटा दिया और जीन्स सूट पहना हुआ था. मैंने पहले उनका सूट उतार दिया और सीधे बूब्स के दर्शन हुए. नेहा ने गरमी के कारन ब्रा नहीं पहनी हुई थी. मैं उस पर टूट पड़ा और उसके बूब्स पर.. वो अहः अहहाह अहहाह ऊओअओअओअ करके चिला रही थी. मैंने धीरे – धीरे नेहा की जीन्स उतार दी और नेहा ने जल्दी से पेंटी भी उतार दी.फिर मैं चूत को टच किया. पहली बार किसी चूत को टच किया था और मैं लिप किस करने लगा था. उन्हें किस नहीं करना आता था अच्छी तरह से. फिर मैं नीचे गया और मैं उनके पेट को किस करने लगा. फिर मैं नीचे और गया और उस की चूत पर अपनी जुबान लगाई, तो वो कहने लगी – ये क्या कर रहे हो? ये गन्दी होती है. तो मैने कहा – नेहा  ये क्या तुम्हारी पहली बार कर रही हो? तुम देखती जाओ. कितना मज़ा दूंगा, कि याद रखोगी फिर मैं उस की चूत को चाटने लगा. वो कहने लगी और मेरे सर को उसकी चूत में दबाने लगी अपने हाथो से. फिर मैंने अपनी एक ऊँगली डाल दी और आगे – पीछे करने लगा. कुछ देर बाद वो कांपने लगी और मेरे मुह में ही झड़ गयी. मैंने उनका सारा का सारा पानी पी लिया और वो बहुत खुश थी और कहने लगी – क्या बात है!

फिर मैंने कहा – नेहा मेरा लंड मुह में डालो. वो नहीं मानी. फिर मैंने उसकी टाँगे अपने कधो पर रख ली. फिर अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा. नेहा  कहने लगी, जल्दी डालो… मैं लंड पर थूक लगाया और चूत पर टिका कर धक्का लगाया. तो मेरा लंड फिसल गया और फिर उसने  अपने हाथो से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत के निशाने पर रखा और मैंने फिर धीरे से धक्का लगाया. तो मेरा लंड आधा गया चला गया. नेहा: अहः अहहाह अहहाह करने लगी. फिर मैंने जोर से एक और धक्का मारा और मेरा सारा लंड अन्दर चला गया. फिर मैंने उन्हें चोदना शुरू कर दिया और कुछ देर बाद हाहाहा अहहाह अहहाह अहहाह निकलने लगी.नेहा की कामुक सिसकियो के बीच मैं उनकी चूत में महसूस किया, कि वो झड़ चुकी थी. फिर मैंने उन्हें और भी जोर से चोदना शुरू कर दिया. मेरा भी निकलने वाला था और मैंने बोला – रानी बोलो, कहाँ निकालना है? वो बोली – अन्दर ही निकाल दो. फिर मैंने अपने लंड को जोर – जोर से अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया. नेहा के मुह से कामुक सिस्कारिया निकल रही थी आहाहा अहः अहहाह ऊहोहोह ऊऊओ अहहहः… मेरे लंड बहुत जोर से उनकी चुदाई कर रहा था और बहुत तेजी से अन्दर बाहर जा रहा था. कुछ देर जोरदार चुदाई करने के बाद, मैं उनकी चूत में ही झड़ गया. फिर हम कुछ देर ऐसे ही पड़े रहे और फिर हमने साफ़ किया और हमने कपड़े पहने और फिर मैं कहा – आओ नेहा कुछ दिखा दू. मैंने अपना पीसी ओन किया और नेहा को ब्लूफिल्म दिखाने लगा. नेहा बड़े ही गौर से ब्लूफिल्म देख रही थी और जिस तरीके से वो दो किस कर रहे थे. नेहा हसने लगी. मैंने हर विडियो दिखाए सेक्स के नेहा को और हर पिक जो भी मेरे पीसी में थी. फिर से गरम हो गयी और हमने जल्दी से कपड़े उतारे और मैंने उनको लंड चूसने को बोला.

इस बार वो मान गयी और जब नेहा ने इस बार मेरे लंड को अपने मुह में रखा, तो मुझे लगा कि मैं जन्नत में पहुच गया हु. क्या मस्त चूस रही थी बिलकुल लालीपॉप की तरह. क्या बताऊ यारो… कितना मज़ा आ रहा था. वो मेरे लंड को चूस रही थी. फिर मैंने उसकी गांड को मसलना शुरू कर दिया. मैं नेहा के चुतड को चूमने लगा. वो बोलने लगी.. गांड नहीं चाटोगे? मैंने कहा नहीं. फिर मैं नीचे लेट गया और उसको मैंने अपने ऊपर आने को कहा. गांड के होल में मैंने अपने लंड को लगाया और धीरे – धीरे मेरे लंड के ऊपर होकर नीचे बैठने लगी. मेरा लंड मोटा होने की वजह से अन्दर नहीं जा रहा था. बार – बार साइड में फिसल गया था. मैंने फिर से ट्राई किया और इस बार लंड चला गया .

पूरा रात भर चुदाई करके सुबह को ठाक के एकदूसरे से लिपट कर सो गया .और 11 बाजे सुबह को उठा .तब नेहा के फ़ोन में उसकी पिताजी का 10 मिस्कल था ,हम दोनों जल्दी कपडे पेहेनके तैयार होगेये ,और उधर से निकल आये.वोह राजस्थान की एक तड़पती हुई रात था .

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