मेरी पहली चुदाई की दास्तान – 2

नमस्कार दोस्तो।
कहानी के अगले भाग में आप सभी का स्वागत है।

अभी तक आपने कहानी में पढ़ा है कि जवानी में कदम रखते ही कैसे मधु अपने आप पर काबू नही रख पाई।

अपने बदन की गर्मी को शांत करने के लिए वो किशोर के नजदीक आई।

किशोर उससे उम्र में बड़ा होने के साथ साथ शादीशुदा मर्द था, और मधु अभी नई उम्र की गदराई हुई जवान लड़की।

तो चलते हैं कहानी में आगे और जानते हैं कि किस तरह से किशोर ने मधु की जवानी की प्यास बुझाई और किस तरह मधु चुदाई की इतनी दीवानी हो गई की वो कई लोगो के साथ बिस्तर गर्म करने लगी।


दोस्तों मैं जबसे किशोर से मिलकर आई और जबसे उसने मुझे चूमा था तब से उस वक्त को याद करते हुए मेरी चड्डी से पानी निकल जाया करता। मेरी चड्डी दिन में कई बार अपने आप ही गीली हो जाती थी। उस चुम्बन वाली घटना को काफी दिन हो गए थे मगर मुझे किशोर से मिलने का कोई मौका नहीं मिल रहा था।

स्कूल जाते समय भी मेरी सहेलियां साथ में होती थी । स्कूल के रास्ते में ही उसका खेत पड़ता था जहाँ पर हम दोनों एक दूसरे को देख लिया करते थे। दिन ऐसे ही गुजर रहे थे और करीब एक महीने बाद मेरी दोनो सहेलियां कुछ दिन के लिए स्कूल से छुट्टी ले ली।बस यही मौका मुझे मिल गया और मैने एक खत के माध्यम से किशोर को बताया की मैं स्कूल अकेली जाऊँगी इसलिए रास्ते मे मुझे मिल लेना।

वो भी शायद ऐसे ही मौके के इंतजार में था। अगले दिन मैं स्कूल के लिए तैयार हुई और घर से सुबह सुबह निकल गई। गाँव के बाहर रास्ते में किशोर अपनी सायकल लेकर  खड़ा हुआ था, उसने मुझे अपनी सायकल पर बैठाया और अपने खेत की तरफ चल दिया। उसके खेत में एक घर बना हुआ था और हम दोनों वही चले गए।

कमरे के अंदर एक बिस्तर बिछा हुआ था और उस घर के आगे और पीछे दोनो तरफ दरवाजा था।किशोर ने आगे की तरफ ताला लगा दिया और पीछे के दरवाजे से अंदर आ गया ।ऐसा उसने इसलिए किया ताकि किसी को पता न चले कि हम लोग घर के अंदर थे।


किशोर ने मुझसे मेरा स्कूल बैग लेकर किनारे रख दिया और मेरा हाथ पकड़कर मुझे अपनी बाहों में खींच लिया। मैं भी उसके सीने से चिपक गई और किशोर बिना रुके मेरे होठो को चूमने लगा। मैं भी उसका साथ देते हुए अपनी जीभ निकालने लगी। मुझे चूमते हुए उसने मेरी सलवार कमीज दोनो ही निकाल दी और अपने भी कपड़े निकाल दिए।

मैं बस ब्रा और चड्डी में ही थी और किशोर भी केवल चड्डी में। खड़े खड़े ही हम दोनों एक दूसरे के बदन से चिपक कर एक दूसरे को चूमते सहलाते रहे। किशोर मेरी चड्डी के अंदर हाथ डालकर मेरे बड़े बड़े चूतड़ को सहलाता और दबाता जा रहा था। मेरे उभरे और कठोर दूध किशोर के सीने से चिपक कर दबे जा रहे थे। धीरे धीरे मैं गर्म होती जा रही थी मेरी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था।

किशोर भी मुझे बेइंतहा चूमता जा रहा था। मेरे अंदर शर्म जैसे थी ही नहीं, मैं अपने आप को किशोर को सौप चुकी थी । किशोर का लंड भी चड्डी के अंदर तनकर खड़ा हो गया था और मेरे पेट में नाभि को सहला रहा था। लंबाई में मैं किशोर से कम ही थी और किशोर मुझसे लंबा होने के साथ साथ काफी हट्टा कट्टा मर्द था। किशोर अपने दोनो हाथों से मेरी पीठ कमर के साथ साथ चूतड़ को सहलाये जा रहा था।फिर धीरे से उसने मेरी ब्रा के हुक को खोल दिया और मेरी ब्रा निकाल कर अलग कर दी।

मेरे दोनो दूध अब आजाद हो गए थे। किशोर ने झुककर मेरे एक निप्पल को अपने मुँह में भर लिया और दूसरे दूध को अपने हाथों से सहलाते हुए हल्के हल्के दबाने लगा। मुझे जिंदगी में पहली बार ऐसा मजा मिल रहा था, मेरे मुंह से अपनेआप ही आवाज निकली ऊऊउफ़्फ़फ़फ़फ़फ़फ़ ऊऊईईईईईई मममममममम्मम आआआआह ऊऊऊऊऊऊऊऊऊ। उसके हाथों में मेरा एक दूध पूरी तरह से समा नहीं रहा था, उसके कठोर हाथों से दबते हुए मेरा दूध दर्द करने लगा और दूसरे दूध को वो अपनी खुरदरी जीभ से ऐसे चाट रहा था कि निप्पल बिलकुल तन गया था।

उसके मुंह की लार मेरे गोरे गोरे दूध पर फैल गई थी। उसने बारी बारी से दोनो निप्पल को बड़े प्यार से चूमते हुए दोनो हो दूध को जमकर दबाया। उसको शायद मेरे बड़े बड़े दूध ज्यादा ही पसंद आ रहे थे। मैं भी उसके सर को अपने दोनो हाथों से जकड़ कर अपने दूध पर दबाती जा रही थी। मेरा पूरा बदन उसके चूमने से कांपने लगा। मुझे बेइंतहा मजा आ रहा था। पहली बार किसी मर्द का स्पर्श पाकर मेरा रोम रोम खिल उठा था। मेरे जिस अंग पर उसका हाथ पड़ता वहाँ के रोमे अपने आप खड़े हो जा रहे थे।


उसे मेरे दूध चूमने और मसलने में इतना मजा आ रहा था और वो इतने जोश में आ गया था कि मेरी गाँड़ पकड़ कर मुझे अपने तरफ इतनी जोर से दबा लिया था कि मुझे दर्द होने लगा।काफी देर तक वो मेरे दोनो दूध के साथ मजे लेता रहा। मैं बहोत ज्यादा गर्म औऱ जोश में आ गई थी मेरी चड्डी आगे की तरफ़ से पूरी तरह से गीली हो चुकी थी।आज इतने दिनों की मेरी मुराद पूरी हो रही थी। जिस चुदाई के बारे में सोचा करती थी आज वो मुझे मिल रही थी।

मेरा पहला अनुभव ही था मगर मेरे अंदर की प्यासी औरत पूरी तरह से जाग उठी थी। मैं इतनी गर्म हो गई थी कि पूरा कमरा मेरी कामुक शिष्कारी से गूंज रहा था। करीब आधे घंटे तक मेरे दूध को निचोड़ने के बाद किशोर ने मुझे अलग किया और मुझे पास में बिछे बिस्तर पर लेटा दिया और तुरंत मेरे ऊपर आ गया। मेरे ऊपर आते ही उसने मेरी जांघों की तरफ से मुझे चूमना शुरू किया।

मेरी मोटी मोटी चिकनी जांघो को सहलाते और चूमते हुए मेरी चड्डी के ऊपर से ही मेरी चूत को चूमा और फिर मेरे पेट के पास आकर मेरी गहरी नाभि में अपना जीभ डालकर चूमने लगा। मैं बिन पानी की मछली की तरह बिस्तर पर मचलती रही । उसने मेरे पेट, कमर, दूध, मेरे गालों पर चुम्मन की झड़ी लगा दी। उसके बाद वो मेरी चड्डी को अपने दोनो हाथों से नीचे की ओर सरकाने लगा। 

अब मैंने अपने दोनो हाथों से अपने चेहरे को ढक लिया उसने पहली बार मेरी चूत के दर्शन किये। और अपना एक हाथ उसपर रखकर हल्के से सहलाया। मैं अपना चेहरा ढके हुई थी और वो अपना मुँह मेरी चूत पर लगा दिया। मैंने ऐसा नहीं सोचा था कि वो ऐसा करेगा उसे बिलकुल भी गंदा नही लग रहा था, और उसके चूमने चाटने से मेरा मजा कई गुना बढ़ गया और मैं जैसे हवा में तैरने लगी।

जैसे जैसे वो मेरी चूत चाटता जा रहा था मेरी चूतड़ अपने आप उछलने लगी । कसम से दोस्तो इतना मजा आ रहा था जिसके बारे में मैं न कभी सोची थी और न वैसा अनुभव बयान कर सकती हूं। उसको मेरी चूत चाहते लगभग 10 मिनट हुए थे कि मेरा पूरा शरीर अकड़ने लगा आँख अपने आप ही बंद हो गई, मैंने दोनो हाथों से चादर को कसके पकड़ ली। ऐसा लग रहा था जैसे शरीर मे कुछ बड़ा होने वाला था पूरे शरीर मे अंदर से उथलपुथल मच गई, मुझे समझ नहीं आ रहा था कि ये हो क्या रहा है, मेरे शरीर को अकड़ता देख किशोर ने अपने जीभ की रफ्तार तेज कर दी और तेजी से मेरी चूत को फैलाकर चाटने लगा।

अचानक से ही मेरे शरीर से लावा फूट पड़ा और पहली बार मैं झड़ गई। ये मेरी जिंदगी का पहला मौका था जब वो सुख मुझे मिला था।रुक रुक कर मेरी चूत से धार निकलती रही और किशोर उस सारे पानी को चाटता गया। कुछ समय के लिए मेरा पूरा शरीर शांत हो गया और मैं शांति से लेटी हुई थी। मगर किशोर मेरी चूत चाटता ही जा रहा था।मुश्किल से 5 मिनट में ही मैं दुबारा गर्म हो गई थी, और अब ऐसा लग रहा था कि किशोर जल्दी से मेरे अंदर समा जाए।

मेरी भावनाओं को किशोर ने भांप लिया था, वो सच मे चुदाई का एक माहिर खिलाड़ी था। उसने अपनी चड्डी निकाल दी और पहली बार मैंने किसी मर्द के लंड के दर्शन किये।बिलकुल काला मोटा औऱ करीब 6 इंच लंबा किसी काले नाग की तरह वो मेरी आँखों के सामने था। किशोर ने अपने लंड को सहलाते हुए आगे पीछे किया और उसका बड़ा सा गहरे गुलाबी रंग का सुपाड़ा बाहर निकल आया।

मैं बड़े गौर से उसके लंड को देखे जा रही थी। उसने मेरे दोनो घुटनो को पकड़ा और फैलाते हुए मेरे ऊपर लेट गया। उसका लंड बिलकुल मेरी चूत के ऊपर आ गया। मैं किशोर से लंबाई में कम थी इसलिए मेरा चेहरा उसके सीने से चिपक गया। किशोर ने अपने एक हाथ से लंड को चूत पर सेट किया और फिर दोनो हाथों को मेरी पीठ के नीचे लेजाकर मुझे कसकर जकड़ लिया। अब किशोर ने अपनी कमर से हल्का हल्का दवाव देना शुरू किया ।

मुझे पूरा अहसास हो रहा था कि लंड का सुपाड़ा मेरी चूत की लाइन को फैला रहा है और अब वो चूत के छेद के पास आ गया था।उसके बाद जैसे ही सुपाड़ा छेद में जाने को हुआ मुझे ऐसा लगा जैसे कोई रेजर ब्लेड से मेरी चूत को खोल रहा हो बडा अजीब दर्द हुआ।किशोर बहोत ही आराम से लंड डाल रहा था धीरे धीरे मेरी चूत का छेद खुलना शुरू हुआ।

जैसे ही सुपाड़ा छेद में घुसा मेरा दर्द बढ़ने लगा और मेरे पैर कांपने लगे किशोर भी जोर लगा रहा था मगर लंड अंदर नही जा रहा था ।फिर किशोर अपने सुपाडे को ही अंदर बाहर करने लगा, कुछ समय बाद जब मेरी चूत ज्यादा गीली हो गई तब उसने मेरे कान में कहा


थोड़ा दर्द सहना मेरी जान उसके बाद मजा आएगा।इतना कहने के बाद उसने मेरी पीठ दोनो हाथ से थाम ली और मुझे जकड़कर एक जोरदार धक्का लगा दिया।

ऊऊईईईईईई माआआआआआआआ।।।।मर गईईईईईईईईईईईईईईई ।।।।आआआआआआआआहहहहहहहहह।।।छोड़ो छोड़ो नहीइईईई इईईई आईईईई माआईईईईईई।।।उसका लंड चूत को चीरता हुआ मेरे अंदर तक चला गया था।इतना दर्द हो रहा था कि बयान करना मुश्किल है। चूत में लंड पूरी तरह से धस गया था हवा तक नही जा सकती थी।

मेरा पूरा बदन पसीने से भीग गया, मेरे दोनो पैर जोर जोर से कांपने लगे। मैं रोई जा रही थी मगर किशोर ने लंड बाहर नही निकाला।काफी समय तक वो लंड डाले हुए मेरे ऊपर लेटा रहा। इसके बाद उसने हल्के हल्के आधा लंड बाहर निकाला और धीरे धीरे अंदर कर दिया। इस तरह वो कई बार किया। अब मेरा दर्द शांत होना शुरू हो गया और मेरी चूत वापस से पानी छोड़ने लगी।

अब उसने भी अपनी रफ्तार तेज करनी शुरू कर दी और मेरी चीख कामुक आवाज में बदल गई। अब मुझे अच्छा लगने लगा, किशोर ने भी मुझे ढीला छोड़ दिया। अब उनसे अपने दोनो हाथ बिस्तर पर टिका लिए और धीरे धीरे मुझे चोदने लगा। मेरी आँख बंद होने लगी और मैं चुदाई का मजा लेने लगी। उसने झुककर मेरे होठो को चूमा और बोला 


अब मजा आ रहा है न। मैं अपना सर हिला कर आँख बंद किये हुए जबाव दी। अब उसने रफ्तार बढ़ानी शुरू कर दी और जल्द ही पूरा पलंग जोर जोर से हिलने लगा। मेरी चूत इतनी गीली हो गई थी कि बहोत ही गंदी आवाज निकलने लगी।
पोछ पोछ पोछ पोछ फच फच फच।


हम दोनो भी आआआआह आआआआह आआआआह की आवाज निकाल रहे थे। मुझे मेरी पहली चुदाई का मजा और किशोर को मेरी कसी हुई चूत का मजा मिल रहा था। करीब 10 मिनट की जोरदार चुदाई के बाद मेरा बदन फिर से वैसे ही अकड़ने लगा। मैं समझ गई कि मैं झड़ने वाली हूँ। मेरा सीना अपने आप ऊपर उठ गया और मेरा चेहरा ऊपर हो गया और मैं झड़ गई। कुछ धक्कों के बाद किशोर भी अपना गर्म गर्म वीर्य मेरे अंदर ही निकाल दिया।

हम लोग काफी समय तक वैसे ही लेटे हुए थे।दोनो के बदन पसीने से भीग चुके थे। फिर किशोर मुझसे अलग हुआ और बगल में लेट गया। मैंने उसके लंड को देखा तो उसमे चारो तरफ झाग ही झाग लगा हुआ था। मैं उठी और अपनी चड्डी तलाश करने लगी।मैंने भी बैठे बैठे अपनी चूत देखी उसमे भी बहोत सारा झाग और उसमे हल्का खून लगा हुआ था। मैंने अपनी चड्डी से चूत को साफ किया। और जैसे ही मैने अपनी चड्डी पहननी चाही किशोर ने मेरा हाथ पकड़ लिया और लेटे लेटे ही मुझे अपनी बाहों में खींच लिया।उसने मुझे अपने ऊपर लिटा लिया और मेरी पीठ सहलाते हुए बोला।


अभी इतनी जल्दी क्या है तुमको।।आज तो स्कूल भी नहीं जाना है।अब तो शाम तक तुम मेरे पास ही रहोगी, फ़िर कपड़े पहनने की जरुरत क्या है।

ऐसा बोलते हुए उसने मेरे चूतड़ को दोनो हाथों से दबाना शुरू कर दिया। उसने मेरे होठो को चूमना शुरू कर दिया और दोनो हाथों से मेरी गाँड़ फैला कर अपनी एक उगली से मेरी गाँड़ के छेद को रगड़ने लगा। उसके बाद वैसे ही मुझे अपने ऊपर लिटाये हुए अपनी उगली मेरी चूत में डाल दी और हल्के हल्के अंदर बाहर करने लगा। कुछ ही पल में मैं एक बार फिर से गर्म हो चुकी थी और उसका लंड भी दुबारा खड़ा हो गया। वैसे ही मुझे अपने ऊपर लिटाये हुए उसने अपना पूरा लंड मेरी चूत में पेल दिया। और नीचे से धक्के लगाने लगा।

बहोत देर तक ऐसे ही चोदने के बाद उसने मुझे घुटनों पर आने के लिए कहा और मैं अपने घुटनो पर होकर घोड़ी बन गई। वो मेरे पीछे आकर मेरी चूत में अपना पूरा लंड डाल दिया। उस पोजिशन में मेरी चूत और भी टाइट लग रही थी। उसने दनादन धक्के लगाना शुरू कर दिया और उसके धक्के लगाने से मेरे चूतड़ से फट फट की जोरदार आवाज आने लगी। सारा कमरा हमारी चुदाई की आवाज से गूंज उठा। मैं झुकी हुई चुदाई करवा रही थी और उस पोजीशन में मेरे दोनो दूध नीचे लटक रहे थे।

उसने अपने दोनो हाथ आगे करते हुए मेरे दोनो दूध को अपने हाथों में भर लिया और जोर से दबाते हुए मेरी जोरदार चुदाई करने लगा। उसके बाद उसने मुझे अपनी गोद में लेकर मेरी चुदाई की । उस बार हमारी चुदाई करीब आधे घंटे तक चली। और फिर हम दोनो ही झड़ कर बिस्तर पर लेट गए। इसी तरह शाम के 4 बजे तक उसने मुझे 4 बार चोदा और फ़िर स्कूल के बंद होने के समय के साथ ही मैं वहाँ से निकलकर घर आ गई।

मैं अपनी पहली चुदाई से इतना थक चुकी थी कि घर आकर मैंने खाना खाया और चुपचाप सो गई।।अगली सुबह जब मेरी नींद खुली तो मेरी चूत में काफी दर्द था।बाथरूम में जाकर जब मैने देखा तो चूत काफी सूजी हुई थी।उस दिन मैं स्कूल भी नहीं गई और सारा दिन आराम करती रही।


उसके बाद दोस्तो हम दोनो का मिलना जारी रहा। जब भी हम दोनो को मौका मिलता हम चुदाई का पूरा मजा लेते।अगर हम दोनो को कुछ देर का भी समय मिल जाता जैसे की नदी के पास या स्कूल जाते या आते समय तो जल्दी से नीचे से चड्डी सरका कर चुदाई कर लेते।


कुछ ही दिन में मैं चुदाई की इतनी आदि हो गई थी कि रात में घर वालो के सोने के बाद मैं अकेली ही घुपते हुए उसके खेत चली जाती और रात भर उसके साथ रहती और सुबह होने के पहले वापस घर आ जाती। हम दोनो का प्यार बस चुदाई तक ही सीमित रह गया था, हम दोनों एक दूसरे से चुदाई के लिए बेताब रहते थे। जल्द ही उसने मेरी गाँड़ भी चोद डाली। शायद ही ऐसा कोई आसान बचा होगा जिसमें हम लोगो ने चुदाई न कि हो।किशोर ने मुझे बताया कि उसकी बीबी चुदाई में बिलकुल ठंडी थी और उसको चुदाई में कोई भी दिलचस्पी नहीं थी, इसलिए उसे मैं ही पसंद आती थी क्योंकि मैं उसका भरपूर सहयोग करती।


दोस्तो ये थी मेरी पहली चुदाई की कहानी मगर अभी कहानी खत्म नही हुई है किशोर से चुदाई करवाने की मुझे इतनी बुरी लत लग गई थी कि उसके कारण ही मेरे साथ एक बार ऐसी घटना घट गई कि मुझे दूसरे लोगों से भी चुदना पड़ गया।ये कहानी मैं आपको अगले भाग में बताऊंगी। कैसे मेरी जिंदगी में वो घटना घटी की मुझे एक साथ तीन लोगों ने मिलकर चोदा और उसके बाद जब तक मेरी शादी नही हुई तब तक मैं लगभग रोज किसी न किसी से चुदती ही रही।

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