पड़ोसी के साथ मस्त चुदाई

हेलो दोस्तों आपका स्वागत है। मेरा मान मिली हैं। में ३० साल की हूँ। मैं दिल्ली में रहती हूँ। ये कहानी मेरी और मेरे पडोसी कपिल की हैं। आपको बता दू की कपिल बहुत सुन्दर सेक्सी लड़का हैं उसके बाल घुंगराले हैं।

मेरी शादी हो रखी हैं और मेरी एक लड़की हैं मेरा पति डॉक्टर हैं परन्तु वह उस में रहता हैं। मेरे पति को उस गए हुए ५ साल हो गए हैं और मेने पिछले ५ साल में सेक्स नहीं किया था।

जैसा की हर लड़की की एक जरुरत होती हैं उसी तरह मेरी भी जरुरत अब मेरे सबर का बाँध तोड़ने लगी थी। आपको बता दू की हमारे घर में सामने वाले घर में कपिल नाम का लड़का रहता था।

वो मुझे रोज देखता था पहले मैं उसे नजर अंदाज करती थी परन्तु अब मुझे भी उसमे दिलचस्पी आने लगी थी। वो दिखने में सुन्दर था उसकी बॉडी भी अछि थी और वो पहले से ही मेरे साथ बोम बाम करने की सोच रहा था।

एक दिन मेने उसे घर पर बुलाया और उसे पूछा की तुम मुझे इस तरीके से क्यों देखते हो मुझमे ऐसा क्या हैं जो तुम मुझे ताड़ते रहते हो। उसने मुझे कहा आपका फिगर और आपके गुब्बारे देख के मेरा नुनु खड़ा हो जाता हैं।

में उसकी बात को सुनकर हैरान हो गई वो एंटनी साफ़ साफ़ मुझे बोलै उसमे न कोई सरम और न ही कोई डर था। मेने उससे पूछा तुम मुझसे क्या चाहते हो। उसने कहा मैं आपके साथ सेक्स करना करना चाहता हूँ।

मैं उसे मन मन में बोली में भी तुम्हारे साथ कहती हु पर अभी ऐसे कुछ नहीं बोल सकती। उसकी साफ़ साफ़ बाते मेरे दिल को भा गई। फिर उसने मुझसे पूछा आपकी क्या राय हैं इस मामले में मेने उसे एक थपड लगाया और उसे बोलै की तुम्हे बात करने की तमीज नहीं हैं। तुम्हे सरम नहीं हैं की बड़ो से किसी बाते की जाती हैं।

फिर कपिल को थोड़ा डर लगा और उसने अपना सर सरम से निचे झुका लिया। मेने उससे बोलै की अपने घरवालों का नंबर मुझे दो में उन्हें बताती हु की तुमने मुझसे बतमीजी की अब कपिल की तो डर के मारे हालत पतली होने लगी वो मुझसे माफ़ी मांग रहा और बोलै आइंदा से में आपको ऐसे नहीं देखा करूँगा।

मैंने उससे जाने के लिए कहा और जाने से पहले मेने उससे उसका नंबर ले लिया। अब मेरे मन में उसके लिए रात में सपने आने लगे और में मन मन मुस्कुराते रहती थी। एक दिन मेरा मन बहुत ही ज्यादा सेक्स करने का हो रहा था मैंने कपिल को को फ़ोन लगाया और उससे अपने घर आने को कहा।

वो डर डर कर घर पर आ तो गया लेकिन उसकी हिमत मुझे आँख उठके देखने की नहीं हो रही थी। मेरा तो इतने समय के बाद सबर का बांध टूट गया था मेने उसका कॉलर पकड़ा और उसे अपनी और खींचा वो जैसे ही मेने उसे खींचा वो सीधा मेरे बड़े बड़े गुब्बारे से टकराया।

पर कपिल को लगा उससे कोई गलतो हो गई हैं वो तुरंत मुझे सॉरी बोल पड़ा। उसकी सॉरी सुनते ही मेरे मुँह से हसी छूट गई और मैं जोर जोर से हसने लगी। वो मुझे देखा और बोलै आपको क्या हुआ।

उसके इतने बोलते ही मेने उसके होठो को पापी ले ली और करीबन २ मिनट तक उसके होतो और उसकी जीभ से अपनी जीभ को टकराते रही। मेने महसूस किया की कपिल का नुनु खड़ा होकर मेरी टांगो से डकरा रहा था।

मेने उसे हल्का सा पीछे किया और उसके नूनू की और देखने लगी उसका नुनु बहुत ही बड़ा था करीबन 7 inch का तो होगा। मेरे तो उसके नुनु को देखके होश उड़ गए। इतना बड़ा तो मेरे पति का भी नहीं था जितना कपिल का था।

अब में उसके नुनु के के साथ खेलने के लिए तड़प रही थी। मेने उसका पजामा निचे किया उसके नुनु में से हल्का हल्का गंधा पानी सा निकल रहा था। में समझ गई की उसके मेरे साथ सेक्स करने का कितना मन कर रहा था।

को अपने हाथ में लिया लिया और उसे चूमा देने लगी और बोली तेरे लिए तो में कितना तड़प रही हूँ। मैने पिछले 5 साल से तुम्हारे दर्शन नहीं किये और अब तो तुम मेरे पास ही रहोगे में रोज तुमसे मिला करुँगी।

मैं खड़ी हुई और उसके नुनु को को हिलाते हिलाते उसे किश करने लगी। उसका नुनु अब पूरी तरह से कड़क हो चूका था। मेने उसे अपने बेड पर ढाका दिया और उसके सारे कपडे उतार दिए।

में अपने घुटनो के बल उसकी तागो के बिच बेथ गई और उसके नुनु को कसने लगी। उसने मुझे खड़ा किया और उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे सारे कपडे उतार दिए। फिर उसने मेरी टांगो को खोला और मेरे (चु#) को चाटने लगा मुझे मजे आने लगे।

वैसे भी मैं पहले से ही बहुत कामुक हो राखी थी। तो अगर कपिल मेरे (चु#) पर हाथ हाथ भी लगता पूरी तरह से पागल हो जाती। अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था मेने उसका नुनु अपनी (चु#) में घुसाने को कहा उसके मेरी (चु#) के ऊपर थूका और उसे रगड़ा और धीरे धीरे से अपना नुनु मेरी (चु#) के अनादर घुसाने लगा।

जैसे ही उसने मेरी (चु#) के अनादर अपना नुनु पूरा घुसाया मेरी तो चीख निकल गई (आऊऊछह) वो जितनी आराम से अपना नुनु अंदर बहार करता मेरा उतना ही दर्द होता और मजा आता।

ऐसे करते हमें करीबन 10 मिनट तक चलता रहा हमने कई पोज़ try किये। अब कपिल का भी निकलने को हो रहा था मैंने उसका नुनु अपने मुँह में लिए और उसे चूसने लगी उसने मुझे बोलै मेरा माल निकलने वाला हैं।

तुम अपने मुँह से बहार निकाल सकती हो पर मैने अपने मुँह में उसका गाढ़ा माल अपने मुँह में ले लिया और मसे पि गई। फिर हम दोनों थोड़ी देर हम ऐसे ही लेते रहे और फिर मेने उसे वापसी घर भेज दिया और उसे बोली की अब तो हम ऐसे ही मिलते रहेंगे और में तुम्हे बुलाती रहूंग़ी।

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