मजे – लूट लो जितने मिले भाग-4

खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला

फिर हम फ्रेश होने चले गए.< बाथरूम में जाकर मैंने मिरर में देखा कि मेरे सीने पे उसके नाखूनों के और उसके पूरे जिस्म पे मेरे दांतों के निशान बने थे. मैंने सारा से पूछा कि क्या वह अब भी इमरान के पास जाना चाहती है? उसने मुझसे पूछा- क्या आप चाहते हो? मैं इमरान के पास चली जाऊं? मैंने कहा- नहीं!

सुबह मौलवी साहब को बुलाया गया. उन्होंने रवायत बताई. जिसके मुताबिक़ मैं सारा को तीन तलाक देकर उसकी इमरान से शादी का रास्ता साफ़ कर सकता हूँ. मैंने कहा- इमरान को बुलवाइए … मैं उससे बात करूँगा … फिर कोई फैसला करूंगा.

इमरान आया और उसकी छोटी बहन भी साथ आयी. वह लगभग अठारह साल की होगी. बहुत हसीन और कमसिन थी. उसके बड़े बड़े चूचे थे और बड़ी मस्त गांड थी. उसका नाम दिलिया था.

इमरान गिड़गिड़ाने लगा, अपनी गलती मानने लगा. मैंने उसको अलग ले जाकर पूछा तो उसने बताया कि वह इलाज कराने को तैयार है.

मैंने कहा- तुम्हें अपना इलाज करना पड़ेगा … अगर तुम ठीक हो जाओगे तो ही मैं सारा को तलाक़ देकर तुमसे शादी करवाऊंगा. वो राजी था.

फिर मैंने कहा- शरीयत के हिसाब से सारा को तलाक़ देने के लिए तुम्हें सजा भी मिलेगी.

वह बोला- जो सजा आप दोगे, मैं मानूंगा!

मैं बोला- पर अगर तब तक सारा को मेरा बच्चा हो गया तो फिर तलाक़ नहीं दूंगा.

वह फिर गिड़गिड़ाने लगा. मैं सारा की जवानी को याद करते हुए इमरान के मजे ले रहा था. सारा के पहले शौहर इमरान की बहन दिलिया को देख मेरा मन अब फिर बेईमान हो गया था.

मैंने कहा- ठीक है, दिलिया की शादी मुझसे कर दो. इमरान झट से मान गया

इसके बाद इमरान ने खाला और मामू से बात की. ये बात फिर अब्बा हज़ूर और अम्मी के पास गयी और उन्होंने भी इजाजत दे दी. मेरा निकाह दिलिया से तय हो गया.

रात भर की जबरदस्त चुदाई या ठुकाई जो मर्जी कह लीजिये सारा की चूत सूज गयी थी और दिन भर थोड़ा लंगड़ा कर चल रही थी तो उसे दवाई दिलवाई.

अब्बू अम्मी ने कहा सारा का तो क्योंकि हलाला का मसाला था इसलिए उन्होंने चुपचाप निकाह करने की इजाजत दे दी थी पर अब मेरा निकाह और वलीमा की दावत धूम धाम से करना चाहते थेl इसलिए बातचीत कर फैसला हुआ निकाह हैदराबाद में ही किये जाए क्योंकि वही सुविधा रहेगी इसलिए मुझे जल्दी लौट आने को कहा और मैंने वापिस हैदराबाद जाने की बात की.

ख़ाला बोली, “कुछ दिन रुक जाओ, लोग तो हनीमून मनाने कश्मीर आते हैं। तीनों बीवियों से सुहागरात मना लो, फिर चले जाना।”

तो मैंने कहा अब अब्बू अम्मी और घर के लोग जल्द ही मेरी दुल्हनों से मिल कर वलीमे की दावत देना चाहते हैं इसलिए हमे जल्द से जल्द निकलना होगा और इस पूरे घटनाक्रम में शाम और फिर रात हो गयीl मैं वापिस हैदराबाद जाना चाहता था पर अब कोई फ्लाइट नहीं थीl

तो ख़ाला बोली अच्छा कल चले जाना तो तय हुआ बाकी दुल्हनों की सुहागरात हैदराबाद में ही होगी और आज फिर मुझे सारा के साथ ही रहना था .

जैसे ही रात हुई मामू ने मुझे बुलाया और कहा कल रात जो चीखने चिल्लाने की आवाज़ आयी थी वह नवाबी तेहज़ीब के मताबिक सही नहीं हैं जो भी करो नज़ाकत को देख कर करो . सारे नौकर नौकरानी सुनते है और बातें बाहर जा सकती हैl

मैने सर झुका कर आदाब कियाl अब इस बात का असर थोड़ा उल्टा हुआ, क्योंकि हमारे यहाँ है गांड मारने का रिवाज l

मैंने सोचा आज इसकी गांड ही मारूंगा और गांड मारने के ख्याल भर से मेरा लंड टनटना गयाl मै कमरे में अपनी दुल्हन के पास पहुंचा तो देखा की वह सो रही थी .

गोरी सारा चूड़ीदार और कुरता में थी और उसे थकी हुयी सोते देख मुझे उस पर प्यार आया और धीरे से मैंने उसकी गोरी पेशानी चुम ली . मेरे स्पर्श से वह जग गयी और बड़े प्यार से बोली तुम कब आये आमिर मेरी आँख लग गयी थी .

मैंने पूछा आपा आपकी तबीयत कैसी है आज आप ठीक से चल नहीं प् रही थी . मैंने प्यार से उनके गुलाबी होंठो को चूमते हुए पुछा क्या आपको अच्छा नहीं लगा वह धीरे से बोली अच्छा तो लगा मजा भी बहुत आया पर दर्द बहुत हुआ और उन्हों मेरे होंठो को चुम लिया आराम से करो न मेरे राजा मैं पूरी तुम्हारी हूँ.

शरमाते हुए उसने कहा अपनी दुल्हन और आपा को बड़ी बेरहमी से किया ,ऐसा भी करते है कोई , कल रात तुमने बहुत तंग किया. देखो कैसे सूज गयी है. और मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चुत पर रख दिया. उसने पैंटी भी नहीं पहनी थी चुत एकदम सूजी हुई थी मैंने प्यार से चुत सलवार की ऊपर से ही को सहलाया फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी.

फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा. मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा और वह झड़ने लगी और मेरे हाथो को उनके चूक गीली गीली लगने लगी. मैंने उनकी चुत को ऊपर से हो चूमा और बोला आज इसे थोड़ा आराम देता हूँ उसके बाद मैंने अपने हाथो के उसके मोमे दबाने लगा और तभी उनका निप्पल मुझे कड़ा सा महसूस हुआ तो मैंने अपनी उंगलियों से निप्पल को खींचा को आपा कराह उठी आआह मेरे राजा धीरे बहुत दुख रहे हैं. मैंने निप्पल को किस की और फिर उनके ओंठो को चूमा.


मैंने रूम में जाकर पहली सारा को किस किया उसके कपडे निकाले और सारा को लण्ड पकड़ा दिया और कहा- “अब चूसोl”

सारा मेरे लौड़े को चूसने लगी। दो मिनट में मेरा लौड़ा टनटना का पूरा तैयार हो गया। सारा पलंग पर जाकर लेट गई, और अपनी दोनों टांगों को फैला दिया। मुझे देखकर हँसी आ गई।

मैंने उसको कहा- “मैं अब तुमको आगे से नहीं पीछे से चोदूंगाl”

सारा सुनकर घबरा गई। हाथ जोड़कर बाली- “प्लीज ! आप वहां मत करिए मैंने सुना है वह बड़ा दर्द होता है l”

मैंने कहा- “सुनो। मैं तमको जैसा कहें वैसा करोl मेरा मूड खराब मत करो समझी?”

मैंने जब गुस्से से कहा तो वो डर गईं।

मैंने उसको कहा- “चलो एक काम करो, कोई तेल लेकर आओl”

उसने कहा- “सामने खिड़की के पास से उठा लीजिएl”

मैंने सारा को कहा- “तुम घोड़ी बन जाओl”

उसने एक बार फिर मिन्नत की तो मुझे तरस आ गया और मैंने कहा अच्छा फिर लेट गया और बोला चलो मेरा लंड चूसो l और मैं उसका सर पकड़ कर अपने लन्ड पर रगड़ने लगा ।

सारा ने जोर लगाने की कोशिश कीl मगर मेरे आगे उसकी एक न चली उसके होंठ न चाहते हुए भी मेरे लन्ड पर फिर रहे थे। मुझे अच्छा लगा रहा था और मेरा लंड अकड़ रहा थाl

एक मिनट बाद सारा को भी अच्छा लगने लगा,और उसने भी जोर लगाना बंद कर दिया।

तभी मैंने उसके बाल जोर से खींचे तो उसका मुँह खुल गया। जैसे ही मुँह खुला वैसे ही मैंने अपना लण्ड अन्दर करके उसका सर अपने लण्ड पर दबा लिया।

मेरे लण्ड ने मुँह में अपना आकार बढ़ाना शुरू कर दियाl सारा छटपटा उठीl गूँ गूँ करती हुई हाथ-पांव पटकने लगीl मगर मैंने उसे नहीं छोड़ा!

मेरा लण्ड मुँह से होते हुए गले तक चला गया है।सारा की आँखों से आंसुओं की धार निकल पड़ी। वो मेरी जाँघों पर पंजे मार रही थीl नाखून गड़ा रही थीl मगर मुझ पर इसका कोई असर न हुआ। उल्टा मैंने उसका सर जोर से दबा दिया ।

सारा ने हाथ जोड़ लिए और मुझे लण्ड निकालने के लिए विनती वाली नजरों से देखा।

मैं सारा से बोला l जैसे बोलूँगाl वैसे ही करेगी न?

सारा ने तुरंत आँखों से हामी भरी। मैंने सारा का सर छोड़ दियाl

सारा बिस्तर पर गिर पड़ी, और एक दमे के मरीज की तरह हांफ रही थी।

इतने में मैं बोला हाँl अब सारा पूरी कुतिया लग रही है।

फिर मैं उसके दोनों हाथ फैला कर उनके ऊपर अपने घुटने रख कर सारा के सीने पर बैठ गया और कहा- अब लण्ड को चाटो ।
मेरा हलब्बी लण्ड देख कर सारा की आँखें फ़ैल गईं।

मेरा करीब आठ इंच लंबा और तीन इंच मोटा कालाl लौकी जैसा लण्ड, सारा मुँह पर रखा हुआ था।
सारा लण्ड देख के हक्की-बक्की थी।

मैं बोला – चाट इसे जल्दी नहीं तो फिर मुँह में डालू क्या ।

सारा ने जल्दी से जीभ निकाल कर लण्ड चाटना शुरू कर दिया।

मैं बोला – हाँl अब तू पूरी कुतिया बनी।

सारा रोती जा रही थी और लंड चाटती जा रही थी, उसके दोनों हाथ मेरे पैरों के नीचे दबे हुए थे।

बीच बीच में मैं लण्ड को पकड़ कर सारा के चेहरे पर मार देता था , उसके गोरे गालों पर मेरा भारी लण्ड मुक्के की तरह पड़ रहा था।

फिर मैंने कहा अब खड़ी हो जाओ और अपने पैरो को ढीला कर दिया और उसे पकड़ कर किश किया और उसके स्तनों को मसल दिया l

फिर मैंने सारा को कहा- “अब तुम मेरे ऊपर आ जाओ और मेरे लण्ड पर अपनी चूत रखकर बैठ जाओl” ये सोच कर के गांड बची लाखो पाए सारा फट से मेरे ऊपर आ गई। उसने अपने नाजुक हाथ से मेरा लौड़ा पकड़ा और अपनी चूत के मुंह पर लगा दियाl

और हल्का सा दबाया। मैं तो इसी माके की इंतजार में था। जैसी ही सारा ने अपनी चूत को मेरे लण्ड पर दबाया, मैंने नीचे से जोर का धक्का मारा।

सारा को शायद इसकी उम्मीद नहीं थी, इसलिए उसने एक जार की चौख मारी- “उईईई मर गईl” मैंने उसकी कमर को कस के पकड़ रखा था। वो उठ नहीं पाई। एक मिनट तक लण्ड पूरा उसकी चूत में घुसा रहा।

फिर मैंने उसकी गाण्ड के नीचे हाथ रखकर उसको ऊपर उठाया और कहा- “अब मेरे लौड़े पर उछल-उछलकर इसको अपनी चूत में अंदर-बाहर करती रहोll

सारा ने हल्के-हल्के ऊपर-नीचे होना शुरू कर दिया।

मैंने सारा में कहा- “अगर हर बार में पूरा लण्ड अंदर नहीं लिया तो मैं नीचे से फिर धक्का मारूंगाl”

सुनते ही सारा ने कहा- “नहीं नहीं प्लीजll आप मत करनाl”

में मुश्कुरा पड़ा। मैं जानता था अब वो सही से लौड़ा खायेगी। फिर मैंने सारा से कहा- “मेरे मुँह में अपने हाथ से पकड़कर अपनी चूची चुसवाओl”

उसने मेरे मुँह में अपनी चूची लगा दी। मैं उसकी चूची चूसने लगा। अब मेरा लण्ड सारा की चूत में फिसल फिसल के जा रहा था। क्योंकी सारा की चूत अब पानी छोड़ रही थी। फिर सारा की चूत संचुकन करने लगी . ये अनोखा अनुभव मुझे पहली किसी चुदाई में नहीं हुआ था ..

सारा ने कहा- “अब आप मेरे ऊपर आ जाइएl”

मैंने कहा- “ऐसे नहीं, पहले तुम मुझे कहाँ की- ‘प्लीज मेरे ऊपर आकर मेरी चूत मारोl”

सुनकर सारा शर्मा गईं। मैंने जरा जोर से कहा सारा !

सारा ने हल्के से कहा- “मेरी जान मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे चोदोl”

मैंने कहा- “ऐसे नहीं,जोर में बोलो साथ वाले कमरे में सुनाई देना चाहिए l”

सारा ने अब जोर से कहा- “मेरी जान मेरे ऊपर चढ़कर मुझे चोदोl”

ये सुनकर मेरा जोश और बढ़ गया। मैंने सारा को नीचे कर दिया और उसकी चूत में अपना लण्ड अंदर-बाहर करने लगा। मैंने सारा से कहा- “अब तुम भी नीचे से अपनी चूत को उठा-उठाकर चुदवाओ”l

सारा को अब मजा आ रहा था। वो अब नीचे से अपनी चूत उठा रही थी। ऐसा करने में उसकी चूत दो बार झड़ गई। उसने अपनी आँखों को बंद कर लिया और उसके चेहरा पर स्माइल दिखने लगी। 5 मिनट ऐसे ही चलता रहा। सारा ने मेरी पीठ पर अपने नाख़ून गड़ा दिए थे। चुदाई में इसका पता नहीं चला। पर अब इसका एहसास होने लगा था। मैं सारा के ऊपर से उठने लगा, पर उसने मुझे अपनी बाहों में कसकर दबा लिया।

सारा की चूत फिर संचुकन करने लगी और लंड चूसने लगी और मैं झड़ गया. फिर मैंने अपना सारा जोर लगाकर 10-15 शाट में सारा की चूत में माल झाड़ दिया।और चूत ने जैसे मेरे लंड को चूस चूस का निचोड़ दिया ..

मैंने कहा- “क्या हुआ?”

सारा ने कहा- “प्लीजll ऐसे ही लेटे रहिए ना l”

फिर सारा ने कहा देखो मेरी चूत की तुमने क्या हालत कर दी है और मुझे अब नींद भी आ रही हैll

मैंने अपने मोबाइल में 5 बजे का अलार्म लगा दिया और सारा से कहा- ” अलार्म बजते ही मेरा लौड़ा मुँह में लेकर चसना शुरू कर देना। पांच बजे का अलार्म लगया है अगर पहले उठ जाओ तो चूस कर मेरा लौड़ा खड़ा करोगी तो मैं उठ जाऊँगा समझी या नहीं?”

सारा ने सिर हिला दिया।

कहानी आगे जारी रहेगी.

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