नमस्कार मेरे दोस्तों मेरा नाम है पवन है और मैं आपको अपनी अब तक सबसे सेक्सी कहानी सुनाने जा रहा हूँ जिसका नाम हैं होटल में चुदाई! मेरी उम्र 24 साल है और ये घटना दिसंबर की हैं! ये कहानी मेरी और मेरी दोस्त मेहरु की हैं जो की एक मुस्लिम परिवार से थी!
मैं दिखने मैं अच्छा खासा हूँ, रंग साफ़ कद 5 “9! मेहरु दिखने में एक दम माल थी, रंग थोड़ा गेहू टाइप लेकिन साफ़ था! उसके बूब्स ज्यादा बड़े नहीं थे पर जितने थे उतने में कहर डा रहे थे! उसकी कमर पतली थी और गांड मस्त भरी हुई थी!
हम दोनों एक इंस्टिट्यूट में मिले थे, मैं बहुत शांत लड़का था किसी से बोलता नहीं था! मैं शक्ल से शरीफ दीखता हूँ पर हु नहीं! पुरे इंस्टिट्यूट में मैं सबसे मुश्किल वाला कोर्स कर रहा था, और मेहरु का अलग ग्रुप था वो भी अच्छा कोर्स कर रहे थे!
मेहरु और उसके ग्रुप को मेरे बारे में पता चला की मैं सबसे मुश्किल वाला कोर्स कर रहा हूँ! तो वो लोग मुझे ज्यादा देखने लगे! मैं जानकर कोने में बैठता था, क्युकी एक तो मैं अकेला था कोर्स वाला और ऊपर से मेरे वंहा कोई दोस्त नहीं था!
मैडम आती मुझे पढ़ाती और फिर उनको पढ़ाती, मेरा आचरण बहुत अच्छा था! मैडम मुझे बहुत पसंद करती थी! मेहरु को मेरा अकेले रहने अच्छा नहीं लगता था इसलिए उसने अपने दोस्त के संग मिलकर मुझसे बात करि! मैंने भी उनसे अच्छे से बात करी और उन सबको मैं काफी पसंद आया!
हमारी दोस्ती अच्छी हो गयी पर कहि न कही मेहरु को मेरा अकेलापन दीखता था उसे महसूस होता था की मैं अंदर से अकेला हूँ! एक दिन बारिश हो रही थी, मेहरु अकेले इंस्टिट्यूट आयी थी! मैं भी आ गया था फिर हम दोनों को मैडम ने साथ में बिठा दिया! मैडम ने हमे पढ़ाया और फिर वो भी चली गयी , मेहरु भीगी हुई थी उसे ठंड लगरी थी! तो मैंने अपने बैग से टॉवल निकला जो मैं बारिश में लाता था और उसे देदिया!
वो बहुत खुश हुई और उसने खुद को को साफ़ कर दिया, फिर मैंने उसे अपनी जैकेट देदी ताकि उसे ठंड लगे! वो मुझसे बहुत इम्प्रेस हो गयी पर अब भी उसे ठंड लगरी थी! मेरी मैडम से अच्छी बनती थी तो मैंने उनसे रिक्वेस्ट करके दो चाय मंगवा दी! मेहरु को चाय बहुत पसंद करती थी तो वो मुझसे बहुत ज्यादा इम्प्रेस हो गयी! हमने साथ बैठ के चाय पी और बहुत सारी बाते और हसी मजाक भी!
हमने नंबर लेलिया और रात भर बाते करने लगे! पता नहीं कब ये दोस्ती बहुत गहरी हो गयी और हम एक दूसरे के बिना नहीं रह सके! मेहरु ने एक दिन मुझे घूमने के लिए बुलाया, हम दोनों गए घूमने और हम खूब मस्ती करि! ठण्ड का मौसम था बारिश से हम फिर भीग गए तो सामने एक होटल था मेहरु ने मुझे वंहा चलने को कहा!
हम होटल चले गए बारिश को एक घंटे से ज्यादा हो गया था, इसलिए हमने रूम लेकर खाना खाने का सोचा जो मेहरु ने बनाया था! होटल में जाकर हमने अपनी जैकेट और स्वेटर निकाल कर टांग दी! हमने चाय मंगवाई और खाना गरम करने के लिए होटल वालो को देदिया! खाना खाकर हम थोड़ा बाते करने लगे!
मेहरु बहुत भीग गयी थी तो मैंने उसे अंदर जाकर चटॉवल से गीले शरीर को साफ करने को कहा! वो चली गयी बाथरूम में उसने पुरे कपड़े उतार कर खुदको पोछना शुरू कर दिया ! तभी अंदर से आवाज आयी अरे पवन मैं पहनूंगी क्या? हम दोनों को इतना ख्याल नहीं आया की दूसरे कपड़े तो हैं नहीं! तो मैंने उसे अपने जैकेट देदी जो गीली नहीं थी, तो उसने बोलै अरे पवन बाबा ऊपर से जैकेट और निचे से क्या पह्नु! तो मैंने मजाक में उसे तौलिया बाँड्ने को कहा!
कुछ देर बाद दरवाजा खुलता है और वो टॉवल लपेट कर बहार आती हैं और टॉवल उसने अपने बूब्स से लेकर जांघो तक बांधा हुआ था! उसके ऊपर जैकेट पहले तो उसे देखकर मेरी दड़कन बढ़ गयी और फिर वो बहार आके अपने सारे कपड़े पंखे के निचे सुखाने लगी! दड़कन दुगना हो गयी जब मैंने देखा की वो अपनी ब्रा और पैंटी भी सूखा रही हैं मतलब तोलिये के निचे उसने कुछ नहीं पहना था!
सर्दी का समय था मैं बिस्तर में घुसा हुआ था तो वो भी बिस्तर में घुस गयी! पहले हम चुपचाप रहे लेकिन कुछ देर बाद मेहरु बोली की उसे टांग पर ठंड लगरी हैं प्लीज इन्हे अपने पेरो से दबाओ ना! मैंने धीरे से उसके पैर के ऊपर अपने पैर रख दिए! वो मेरे बहुत पास थी हम दोनों के हाथ आपस में एक दूसरे को छू रहे थे!
वो बार बार कुछ न कुछ बोलती और मेरी तरफ देखकर हस्ती, मैं भी हां में हां मिला देता और उसकी तरफ देखकर हस्ता! उसके बाल खुले और गीले थे, ऊपर से हम इतने करीब, ऊपर से उसने सिर्फ टॉवल बांध रखा था और बार बार मुस्कुराना! बारिश लगातार हो रही थी दो घंटे से हम दोनों रजाई गरम कर चुके थे फिर मैं उसकी तरफ अपने सीधे हाथ को सर पर टिका कर लेता हुआ था! वो सीधी लेटी हुई थी और अभी भी मेरे पैर उसके ऊपर थे! आगे पढ़ें होटल रूम में दोस्त की चुदाई भाग – 2 में!