21 दिन लॉकडाउन में दोस्त के घर पर जन्नत भाग 2

हेलो दोस्तों इस कहानी में मैं आपको बताउंगी की उन 21 दिन में मैंने और सार्थक ने एक रूम में कैसे मजे करे।  जैसा की आपको पता ही हैं की सार्थक सिगरेट तो पिता ही था। 

सार्थक ने  लोखड़ौन के 2 दिन मुझसे बोला चलो आज हम पार्टी करते हैं उसने मुझसे पूछा की तुम ड्रिंक करती हो तो मैंने उसे जवाब दिया की नहीं मैंने आज तक ड्रिंक नहीं की पर में इस समय तुम्हारे साथ टॉय जरूर कर सकती हूँ। 

फिर उसने किसी को पोन किये और उसने 4 बीयर मंगवा ली।  दिखने में तो मुझे अच्छी लग रही थी पर मैंने अभी तक इसे टेस्ट नहीं किया था। हम दोनों रूम में बैठ गए फिर सार्थक ने बीयर की बोतल खोल दी मैंने उसमे से एक घूट ही मारी मुझे वह बहुत कड़वी लगी।  तो सार्थक बोला कोई नहीं ये ऐसीही होती हैं।

  ऐसा हम हर 2 दिन छोड़के पिने लहे अब मुझे सार्थक के साथ रहते हुए 18 दिन हो चुके थे।  एक रात हम दोनों ने ज्यादा पी ली थी उस दिन हम दोनों का एक दूसरे पर काबू नहीं था।  हम दोनों उठे और बेड़ पर जा कर साथ में ही लेट गए।  अब में करवट बदल रही थी तो मेरा मुँह सार्थक के मुँह से जा टकराया।

हम दोनों शर्मा रहे थे पर मुझे पता नहीं क्या हुआ मेने उसके होठो को चूम लिया।  फिर सार्थक से कहा रुका जा रहा था।  वो तो पहले से ही मेरे साथ मजे करना चाह रहा था।  फिर सार्थक मेरे ऊपर लेट गया और मेरी गर्दन पे चूमने लगा मेरी तो सिसकारियां सी छूट रही थी।  हम दोनों को एक दूसरे के ऊपर कोई कंटोरल नहीं था। Antarvasna

साथक में मेरे बाल पकडे और धीरे धीरे निचे की तरफ चूमने लगा।  उसने मेरी टीशर्ट फाड़ दी और मेरे चूचो को मसनलने लगा।  सार्थक ने मेरे चूचे अपने मुँह में दबा कर मेरे निपल्स को काटने लगा।  में तो झड़ने को होने लगी।  हम उस दिन इतने में ही रुक गए थे।  अब 20वा दिन था और 21वे दिन की मेरी ट्रैन थी।

20दे दिन सार्थक उदास होकर बैठा हुआ था तो मेने उससे पूछ क्या हुआ तुम उदास क्यों हो तो वो बोला अब कल तो तुम चले जाओगे में फिर से अकेला हो जाऊंगा।  मैं फिर नहाने चली गई और जब उसके सामने बहार आई तो में सिर्फ एक टॉवल में उसके सामने आ गई मेने उसे बोला।

सार्थक आज मेरा तुम्हारे साथ आखरी दिन जरूर हैं पर ये दिन हम दोनों का सबसे अच्छा दिन जाना चाहिए ताकि हम इसे याद रखे।  मैं उसके सामने आई और अपना टावल निकाल दिया मैंने कुछ नहीं पहन रखा था।  जब उसने मुझे नागा देखा तो उसकी आखे फटी की फटी रह गई।

वो खड़ा हुआ और सीधे मेरे चूचो को अपने हाथो में ले लिया और उनको सहलाने लगा और वो थोड़ा और निचे आया और मेरे पेट को चूमने लगा। 

मैंने उसे खड़ा किया और उसका पजामा निचे किया उसका पजामा निचे करते ही उसका लंड मेरे मुँह पर लगा उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हो चूका था उसका लंड करीबन 7 इंच का होगा। 

मैंने उसके लंड को हिलना सुरु किया फिर मेने उसे मुँह में ले लिया।  मैं थोड़े मिंट तक उससे चुस्ती रही। फिर सार्थक ने मुझे खड़ा किया और बेड़ पर लिटा दिया। उसने मेरी टांगों को छोड़ा किया और उनके बिच में बैठ के मेरी चूत को चाटने लगा। 

कुछ देर चाटने के बाद उसने मेरी चूत में अपने लंड को घुसाने के लिए मेरी चूत के ऊपर रगड़ने लगा।  उसने रगड़ते रगड़ते  एकदम से मेरे अंदर घुसा दिया मेरी एकदम से आवाज छूटी आह मेने बोलै सार्थक को आज तो तुम मेरी चूत को फाड़ ही दोगे।  वो अपने पुरे जोश से  मेरी चूत में अपने लंड को अंदर बहार करने लगा ऐसा कुछ देर तक चलता रहा।

फिर उसने चूत में से अपने लंड को बहार निकाला और मेरे मुँह में दे दिया उस दिन तो ऐसा लग रहा था की आज का दिन ख़तम ही ना हो कुछ देर करने  के बाद  उसका लंड ढीला सा पड़ने लगा। और मेरा भी पानी निकलने को होने लगा।  उसका निकलने से पहले उसकी रफ़्तार और भी तेज हो गई।

उसने एकदम से अपना लंड चूत से बहार निकाला और मेरे मुँह पे अपनी वीर्य की पिचकारी मार दी।  फिर वो मेरे ऊपर ही किश करके मेरे ऊपर ही लेट गया हम काफी देर तक ऐसे ही लेटे रहे फिर ऐसा उस दिन हमने करीब करीब 4 से 5 बार किया और फिर हम सो गये।  

तो दोस्तों ये थी मेरे लॉकडाउन में दोस्त के घर पर जन्नत भाग 2 की पूरी कहानी आशा हैं की आपको यह कहानी पढ़के मजा जरूर आया होगा।  

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