एक भिखारन ने मेरी हवास मिटाया

एक भिखारन ने मेरी हवास मिटाया

प्रेषक : रुस्तम 

हेल्लो दोस्तो, कैसे है आप लोग? ये कहानी कुछ साल पहेली की है जब मई इंजीनियरिंग पड़ता था और अकेले एक रूम लेके रहेते था। मेरी जिंदगी ऐसे ही जा रही है, कोई भी माल नहीं था कि मैं भी उसके साथ कुछ चुदाई करता लेकिन जल्द ही वह मौका आ गया।

एक दिन मैं और मेरा दोस्त उसके मारुति गाड़ी से शाम के 3 से 6 बजे की फिल्म देखकर आ रहे थे। फिल्म का नाम था “जिस्म”। आप सब जानते ही है कि यह कैसी फिल्म है। फिल्म देखकर मन कर रहा था कि कोई लड़की होती तो बस। शहर से आते हुए एक सुनसान रास्ते से गुजर रहे थे। Hindi Sex story कुछ दूरी पर एक औरत अपने सर को झुकाकर बैठी थी। मुझे लगा कि वह बीमार है। हमने गाड़ी रोक कर जा कर देखा तो वह रोने लगी। वह एक गन्दी सी साड़ी पहने हुई थी। बाल उसके बिखरे हुए थे। उसकी उम्र 45 से 50 तक की होगी।

मैंने कहा- क्या हुआ? वह बस रोये जा रही थी। काफी पूछने पर बोली- मैं मरना चाहती हूँ बेटा। मेरे बेटे ने मुझे घर से निकाल दिया है। कई दिनों से मैं भीख मांगकर खा रही हूँ। आज तो मुझे किसी ने भीख में भी कुछ नहीं दिया। भूख से पेट दर्द कर रहा है। मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि मैं कहाँ जाऊँ। मुझे उस पर दया आ गई।

मैंने कहा- मेरे साथ मेरे घर चलिए। मैं आप को खाना खिलाता हूँ ।

वह मान गयी। मैंने उसे सहारा देकर गाड़ी में बैठाया। मेरा दोस्त गाड़ी चला रहा था। मैंने एक सेब उसे निकाल कर दिया, वह खाने लगी फिर पानी पी कर उसे कुछ आराम महसूस हुआ। उसे नींद आने लगी। वह बैठे बैठे ही सोने लगी। जब वह सो रही थी तो उसका पल्लू उसके कंधे से सरक कर नीचे गिर गया तो मेरी नज़र उसकी चुचियों पर जा टिकी। मैं न चाहते हुए भी बार बार चुचियों को देख रहा था। मुझे लगा कि उसे घर ले जाना ठीक नहीं है। हम दोनों मिल कर उसे कहीं और ले जाना ठीक समझा।

कुछ दोस्तों ने मिलकर एक कमरा किराए पर ले रखा था जिसमें हम सब डांस-प्रक्टिस करते थे। वह कमरा आबादी से कुछ दूर था। क्योँकि म्यूजिक की आवाज़ से लोगों को तकलीफ होती थी। वहाँ केवल दो कमरे थे, एक किचन। किचन का सामान कोई ख़ास नहीं था। कभी कभी हम सब कुछ पार्टी भी वहां मना लेते थे।

किराये के घर के पास गाड़ी रोकते ही मेरे दोस्त ने उसे उठने को कहा। मैंने उसे उठाया और घर के अन्दर चलने को कहा। घर में पहुँचते ही उस औरत ने कहा- अरे तुम्हारे घर में तो कोई भी नहीं है desi sex story

हमने उसे बताया- यह किराये का घर है यहाँ कोई नहीं रहता है।

वह थोड़ा घबराई और कमरे के अन्दर चली गयी। मेरा दोस्त गाड़ी पार्क करने अपने घर चला गया। कुछ देर बाद मेरे मोबाइल पर मेरे दोस्त का फ़ोन आया कि वह नहीं आ सकता है। मैंने किचन में कुछ बनाया और उसे भी खिलाया। खाना खाना के बाद मुझे आशीर्वाद देते हुए धन्यवाद किया। जब मैंने उसके परिवार के बारे में पूछा तो वह कहने लगी- मेरे बेटे ने मुझे घर से निकाल दिया हैं। मेरे पति के मरने के बाद मेरे बेटे और बहू ने दोनों मिलकर सताना शुरू कर दिया था। साडरी बातें कहते कहते वह रोने लगी। जब मैंने उसके सर पर हाथ रखा तो वह एकाएक मुझसे लिपटकर रोने लगी। मैंने भी उसे पकड़ लिया। उसके चूचियां मेरे सीने से दब रही थी। यह महसूस करके मेरा लण्ड खड़ा होने लगा था। मैं वासना में बहने लगा। धीरे धीरे उसे अपनी और खींचते जा रहा था। मुझे ऐसा लग रहा था कि अब मैं उसमें समां जाऊंगा। वह पीछे हटने की कोशिश करने लगी। पर मैं उसे कस कर जकड़े हुए था।

वह कह रही थी- नहीं बेटा, मुझे छोड़ दो, मुझे दर्द हो रहा है।

पर मैं उसे वासना भरी नजरों से देखे जा रहा था। वह अब सब कुछ समझने लगी थी। वह छूटने की नाकाम कोशिश कर रही थी। मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था। मैंने अपने होंठ उसके सूखे होंठों पर रखे और जोरदार किस करने लगा था। लम्बी किस के बाद अपनी जीभ से उसके जीभ को चाटे जा रहा था। कुछ समय बाद उसकी छटपटाहट कम हुई। पर मैं उसकी जीभ को चाटे जा रहा था। धीरे धीरे उसकी गर्दन और उसकी चुचियों को कपड़ों के ऊपर से ही चाटने लगा था।

Porn story in hindi वह मदहोश होती जा रही थी। वह बस खड़ी खड़ी मेरी हरकत देखे जा रही थी। मैंने किस करते करते उसकी साड़ी और पेटीकोट को खोल दिया था। जैसे ही मैंने उसके बुर पर हाथ लगाया तो वह मचल गयी। उसके बुर पर बड़े बड़े बाल थे। मैंने एक ऊँगली उसके बुर में डालना चाहा पर पर आसानी से अन्दर नहीं जा रही थी क्योंकि उसकी बुर एकदम सूखी थी। उसके ब्लाउज को खोलकर उसकी चुचियों को चाटने लगा। एकाएक उसने मेरे लण्ड को पकड़ लिया। मैंने फट से अपने सारे कपड़े खोल दिए। वह मेरे लण्ड को पकड़ कर सहलाने लगी। फिर अपने मुंह में लेकर चाटने लगी। हम दोनों ६९ के पोजीशन में आकर एक दूसरे के अंगों को चाटने लगे। वह मेरे लण्ड को जोर-जोर से चाटे जा रही थी और कह रही थी- २ साल के बाद मुझे लण्ड चाटने को मिला है, आज तो खूब चाटूंगी।

सूखी बुर को गीली बनाने के लिए बहुत चटाई करनी पड़ी। काफी देर के बाद उसके बुर ने धीरे धीरे पानी छोड़ना शुरू कर दिया था। उधर मेरा भी छूटने वाला था। मैं उठा और उसे लिटाकर अपना गीला लण्ड उसकी बुर पर रखा और उसे अन्दर डालने की कोशिश करने लगा। उसने अपने पैरों से मेरी कमर को जकड़ लिया। मैंने लण्ड डालना शुरू किया पर उसे कुछ नहीं हो रहा था। मैंने एकाएक लण्ड को पीछे लाकर जोरदार धक्का दिया जिससे मेरा लण्ड उसके बुर में पूरा चला गया। वह थोड़ा छटपटाई और उसकी चीख भी निकली bhikharan ki chudai kahani

मैंने चोदना शुरू किया तो वह औरत बोली- जरा जोर से बेटा ….. और जोर से … और जोर से करो। फाड़ दो मेरी बुर को। मैं पूरी ताकत लगाकर उसे चोदने लगा। मेरा लण्ड काफी तेजी से उसकी बुर में अन्दर-बाहर हो रहा था। वह मुझे अपने पैरों से मेरी कमर को जकड़ कर अपनी ओर खींच रही थी। उसके झड़ने के बाद मैं भी झड़ कर उसके ऊपर लेट कर सो गया।

रात को मेरी नींद खुली तो देखा कि वह औरत मेरे लण्ड को जोर जोर से चाट रही है। लण्ड खड़ा होते ही वह उस पर अपनी बुर रखकर बैठ गई। लण्ड उसकी बुर में सांप सा चला गया। वह उछल-उछल कर चुदवाने लगी और झड़ गई। करीब 3:30 बजे उसे उठाया और जाने को कहा। वह कपड़े पहन कर जा ही रही थी कि 4 बजे मेरा दोस्त वहां आ गया। मैंने उसे सारी बात बताई। उसने उस औरत को पकड़ कर लिटाया और अपना काला लण्ड उसकी बुर में एक ही बार में डाल दिया। उस औरत के मुंह से चीख निकल गई। मेरा दोस्त का लण्ड मेरे लण्ड से काफी बड़ा है।

चुदाई के बाद मेरे दोस्त ने उसे 500 रूपये दिए और

उसे वृद आश्रम में छोड़ दिया जंहा उसे थोड़ा बहुत काम करना पड़ता और खाना और रहने को मिलता!

बिच में समय मिलता हैं तो उनका हाल पूछ लेते हैं और वो आज भी हमसे चुदवाने के लिए त्यार रहती हैं और हम भी मोके पर चौका मार देते हैं!

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