में नील मेरी उम्र 19 साल है यह मेरी पहली कहानी है। यह कहानी मेरी दीदी की है उसका नाम रचना है। उसकी उम्र 28 साल है और वो इतनी सेक्सी है की क्या बता वू। उनका रंग दूध सा सफेद है उनके स्तन 32 के है एकदम नारंगी जैसे लगते है मन करता है की पकड़ के चूस लूं और उनकी लचीली कमर 28 की है। उनकी तरबुच जितनी बड़ी गांड़ 36 की है। वो चल ती है तो पूरा मोहल्ला देखता है। जब वो कालेज में थी तो उनके बूब्स इतने बड़े नहीं थे लेकिन जब से नर्स की नोकरी ज्वाइन की है तब से वो सेक्सी हो गई है।
तो चलो दोस्तो बदन के दर्शन तो हो गए अब कहानी की तरफ आते है।
गर्मी की छुटिया सुरू हो गई थी और हर बार की तरह इस बार भी में अपने बड़े मामा के घर रहने आ गया अभी करीब शाम के 5 बजे थे। में मामा मामी से मिला और मुस्कान दीदी(उम्र 25 साल) से मिला(रचना दीदी की छोटी बहन) वो बीएड की डिग्री कर रही है।
मेने रचना दीदी के बारे में पूछा उन्होंने बताया की वो तो ड्यूटी पर गई है वो तो रात को आयेगी दीदी नर्स है तो इसलिए उनकी ड्यूटी चेंज होती रहती है आज उनकी इवनिग ड्यूटी थी। वो शाम को 8 बजे बस में घर आती है और उन्हें बस स्टेशन पर लेने जाना पड़ता है। वो घर से करीब 8 किलो मीटर दूर है।
यूं तो मामा उन्हें लेने जाते है पर आज में आ गया था तो में उन्हें लेने चला गया। में स्टेशन पर उनका वाइट करने लगा कुछ देर में उनकी बस आई अंधेरे का समय था तो बोहोत ज्यादा भीड़ थी बस पूरी भरी हुवि थी। रचना दीदी बाहर उतरी उन्होंने सफेद शर्ट पहना हुवा था और नीचे जींस गर्मी की वजह से उन्हें बहुत पसीना हूवा था वो पसीने से भीग गई थी उनके सफेद शर्ट से उनकी पिंक ब्रा दिख रही थी जो उनके गोरे चिकने बूब्स को संभाले हुवे थे।
उनके मुंह से पसीना की बूंद उनके गले से होते हुवे उनके बड़े बड़े चूचों की तरफ जा रहा था। वो बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी कुछ देर तो उन्हें में देखता ही रहा। मेरा तो उन्हें ऐसे देख के ही निकल जायेगा ऐसा लग रहा था।
हम काफी समय के बाद मिल रहे थे लगभग एक साल हो गया पिछली बार जब में मामा के घर आया था तब उनके फाइनल ईयर होने की वजह से उन्हें वेकेशन नही मिला था और उन्हें हॉस्टल में ही रुकना पड़ा था।
उन्होंने मुझे देख लिया और मेरी तरफ आने लगी मेरे पास आके एक एकदम से गले लग गई मेने ये सोचा नहीं था की वो ऐसा करेंगी। लेकिन उनके बूब्स मेरे सीने से चिपक गए। मन तो कर रहा था की वही पर उनके चूचों को दबादु और चूस डालू पर मेने अपने मन को रोक लिया।
फिर हम अलग हुवे और बाते करते करते कब घर पोहोच गए पता ही नही चला। वो फ्रेश हुवी और फिर हम ने खाना खाया। और फिर सोने के लिए चले गए।
हम जब भी मिलते है हम तीनो गैलरी में सो जाते है। आज भी वैसे ही सो गए। में लेटा था मेरे बगल में रचना दीदी और उनके बगल में मुस्कान दीदी। रचना दीदी ने एक पीले कलर की tshirt और सफेद कलर का शॉर्ट्स पहना हुवा था उन्हें कंफर्टेबल हो कर रहना पसंद है। हाय वो क्या कयामत ढा रही थी।
लगभग रात के 1 बजे होंगे मेरी नींद खुली मेने देखा की वो एकतरफा सोई हूवी थी उनकी t-shirt ढीली होने की वजह से उनके बूब्स थोड़े से दिख रहे थे मेने उनकी t-shirt और खिसका ने की कोशिश की पर में असफल रहा। में जितने बूब्स दिखरहे थे उन्हें देख कर हिलाने (हस्तमैथुन) लगा। चांद के प्रकाश से उनके गोरे दूध से सफेद बूब्स चमक रहे थे। और कुछ देर मे में छड गया।
कभी कभी उनको देख के लगता था की पक्का वो किसी से चुदती होगी वरना अचानक से उनकी बूब्स और गांड़ इतने बड़े कैसे हो सकते है। लेकिन दूसरे ही पल लगता है की वो तो कितनी मासूम और भोली है।
अगले दिन सुबह में आराम से उठा। में उठा और सीधा बाथरूम की तरफ भागा बोहोत तेज पेशाब लगी थी। दरवाजा बंद था पर कुंडी नही लगी थी तो में सीधा घुस गया में जैसे ही अंदर घुसा वहा पर देखा की मुस्कान दीदी नहा रही थी। और उन्होंने सिर्फ ब्लू कलर की पेंटी पहनी हुवी थी। जिसमे उनकी गांड़ फिट भी नही हो रही थी। उनका बदन थोड़ा सा सावला था। उनके चूचे काफी बड़े थे। वो उनपर साबुन लगा रही थी।
उन्होंने जैसे ही मुझे देखा अपने आप को तौलिए से ढक लिया और मुझ पर साबुन फेक कर जोर से चिलाई निकलो यहासे। मेरी तो गांड़ फट गई पता नही अब मेरे साथ क्या होगा। दीदी को नंगी देखना मेने तो सिर्फ उन्हें सपनो में कल्पना करके ही नंगी देखा है कभी सोचा नहीं था उनके दर्शन हो जायेंगे। अब तो मेरा मन उन्हें पूरी नंगी देखने का भी हो रहा था। उनकी तो पक्का ब्राउन चूत होगी।
पर मेने वो सब भुलाकर जब वो बाहर आई तो मेने जैसे तैसे हिम्मत जुटा कर उनसे माफी मांगली। उन्होंने भी मुझसे माफी मांगी क्युकी वो कुंडी लगाना भूल गई थी।
वैसे मुस्कान दीदी भी कम नहीं है। हा थोड़ी पतली सी है पर उनके बूब्स और गांड़ भी बोहोत ही निखरे हुवे है। वैसे उनका तो बॉयफ्रेंड है इसलिए मुझे लगता है वो तो पक्का चुदती होंगी।
में भी उनकी चीख निकलवाना चाहता था अपने नाम से।
कितना मजा आयेगा जब में उनकी गांड़ मार रहा हु और उसी समय वो फोन पे अपने बॉयफ्रेंड से बात कर रही हो।
ये सब सोचने के बाद जब में नहाने गया तो उनकी नाम की मुठ मार ली। इतना ज्यादा चिक निकला की फर्श पर हर और सिर्फ चिक ही चिक हो गया।
लगभग दोपहर हुवि थी मामी ने मुझे कहा की तेरे मामा खेत में गए हुवे है उनके लिए खाना लेकर जाना है में खाना देने जाने के लिए रेडी होगया वैसे भी बोहोत बोर हो रहा था में थोड़ी देर में चलते–चलते खेत में पोहौच गया मामा कही दिख नही रहे थे।
उनके खेत के बगल में उन्होंने एक पक्का मकान बनाके रखा है ताकि रात को खेत में आए तो आराम कर सके ।
में मकान के पास गया वहा कुछ आवाजे आ रही थी कोई मादक सिसकारी ले रहा था में समझ गया कि यह चूदाई हो रही है में मकान के पीछे की तरफ गया जहा एक खिड़की खुली हुवि थी। मेने देखा की एक औरत को मामा चोद रहे थे ध्यान से देखा तो पता चला की ये तो रूपा आंटी थी ये मेरे मामा की पड़ोसन है। में देख के चोक गया मेने सोचा नहीं था रूपा आंटी इस तरह किसी से चूदवा रही होंगी। मेने फोन में वीडियो रिकॉर्ड कर लिया। ताकि जरूरत पड़ने पर में इसका इस्तेमाल कर सकू।
वो क्या चुद रही थी एकदम रण्डी की तरह वो बोहोत ही मादक आवाजे निकाल रही थी। उनके बूब्स तो हवा में झूल रहे थे। उनकी चूत पर बाल साफ दिख रहे थे लगता है उन्हें सेव करना पसंद नहीं। में मन ही मन में सोचने लगा की यार क्या मस्त माल है एक बार चोदने को मिल जाए तो माझा आ जाए।
कुछ देर में उनकी चूदाई समाप्त हुवि और रूपा आंटी ने अपने आप को साफ किया और लाल कलर की पेंटी थी जो उन्होंने पहनी और उन्होंने ब्रा पहन न कहा तो मामाजी ने रोक लिया उन्होंने उन्हें बिना ब्रा के ही ब्लाउज पहना दिया। और ब्रा को रिवॉर्ड समझ कर रख लिया।
और फिर वो ब्लू साड़ी पहन कर वहा से चली गई
में थोड़ी देर बाद मामा को खाना देने चला गया ताकि उन्हें पता ना चल जाए की में उन्हें और रूपा आंटी को चूदाई करते हुवे देख रहा था।
(रूपा आंटी मामा के घर से थोड़ी ही दूरी पर रहती है उनके पति नोकरी नही करते और उनकी दो बेटी है बड़ी बेटी खुशी(उम्र 22 साल) और छोटी नीलम(उम्र 19 साल)। तो पूरे घर को वो अकेले ही काम करके चलती है। वैसे वो दिखने में थोड़े सावले रंग की है पर उनके बूब्स 34 के होंगे और गांड़ 36 की होगी उनकी चाल बहुत लुभावनी है। किसी भुड्डे का लंड भी उसे देख के खड़ा हो जाये।)
फिर में घर आ गया और में मोबाइल पे टाइम पास कर ने लगा तभी एक ऐड आई वो ऐड एक स्पाई कैमरे की थी मेने उसे खोला वो काफी सस्ता था 1 दिन में डिलीवरी हो जायेगी ऐसा लिखा था।
उसे देखकर मुझे आइडिया आया और मेने वो स्पाई कैमरा मंगवा लिया। कल रात के बाद में रचना दीदी की पूरी सेक्सी बॉडी देखना चाहता था।
इस तरह रात हो गई रात को खाना खाने के बाद हम सोने चले गए आज रचना दीदी ने टाइट शॉर्ट पहना हुवा था जिसमे साफ नजर आ रहा था की उन होने पेंटी नहीं पहनी है उनकी गोल मटोल गांड़ मेरे सामने थी में उसे देख कर शांत हो गया। अब तो मेरा बोहोत ज्यादा मन हो गया था की उन्हें नंगी देखू बस मुझे कल तक का वाइट करना था। इस तरह पता नही कब रात गुजर गई।
अगली सुबह जब में उठा तो सब लोग अपने अपने काम में निकल गए थे। रचना दीदी की भी आज से सुबह की ड्यूटी थी तो वो निकल गई थी वो अब शाम को ही आएंगी।
में थोड़ा सा गेम खेला और फिर गांव के पास नदी है वहा चला गया था। पहले अक्सर नदी पर नहाने आते थे में रचनादिदी, नीलम, खूसी और मुस्कानदीदी। और वहा पर बोहोत सारी लड़कियां और लड़के नहाने आते है।
आज भी आए हुवे थे एक लड़की ने तो t-shirt के अंदर ब्रा ही नहीं पहनी थी उसकी गीली t-shirt उसके बूब्स को दिखा रही थी उसके गोल मटोल बूब्स काफी उभरे हुवे थे। वहा पर और भी लड़कियां थी किसी के चूचे बड़े थे किसी के छोटे किसी की गांड़ बड़ी थी इस तरह व्यू का मझा लेने के बाद में घर आ गया।
करीब 3 बजे पार्सल वाले का फोन आया में पार्सल लेने गया में बोहोत ज्यादा एक्साइटेड था कैमरे को लगाके अपनी बहन को पूरी नंगी देखने के लिए।
पार्सल लाने के बाद मेने स्पाई केमेरा बाथरूम में लगा दिया उसको कुछ इस तरह लगाया कि पूरे बाथरूम को देख सकू और वो किसी को दिखाए भी न दे और उसके साथ फोन कनेक्ट कर लिया अब बस शाम तक दीदी का इंतजार करना था और उनके पूरे मखमली बदन का दर्शन हो जायेगा।
और उनके साथ–साथ मुस्कान दीदी के भी दर्शन कर लूंगा।
रात को 8 बजे दीदी आई और फ्रेश होने के लिए बॉथरूम में चली गई में भी मोबाइल में देखने लगा। उन्होंने पीले कलर का कुर्ता निकाला और फिर धीरे से अपना जींस निकाला। उन्होंने नीले रंग की ब्रा और पेंटी पहन रखी थी। वा क्या नजारा था उनके नारंगी जैसे बूब्स उछल से रहे थे सायद वो आजाद होना चाहते थे। फिर दीदी ने ब्रा और पेंटी भी निकाल दी उनके बूब्स उछल कर बाहर आ गए उन्हें देखकर मेरा मन उन्हें चूसने का करने लगा। उनकी चूत कुछ ज्यादा ही गुलाबी कलर की दिख रही थी ध्यान से देखने पर पता चला की उन्होंने गुलाबी कलर का वाइब्रेटर अपनी चूत में घुसाए हुवे था। मेने सोचा नहीं था मेरी बहन में इतनी हवस भरी हुवी होगी की वो पूरे समय उनकी चूत में वो वाइब्रेटर लेकर घूम रही थी।
दीदी ने वाइब्रेटर धीरे से निकाला और एक उंगली उनकी चूत में डाली और फिर उन्होंने उस उंगली को निकला और उसे अपनी मुंह से चूसने लगी। उन्होंने अपने दूसरे हाथ को धीरेसे अपने मुलायम चूचों पर फिराने लगी। ये नजार बोहोत ही सानदार था एक हाथ से वो अपने चूचों को मसल रही थी तो दूसरे हाथ से वो अपनी मुलायम गुलाब की पंखुड़ियों की तरह खिली हुवि चूत में उंगली कर रही थी।
कुछ देर उंगली करने के बाद जब उनकी चूत पूरी तरह गीली हो गई तब वो उठी और एक नल के पास गई जोकि लंबा और गोल था। वो झुकी और वो नल को अपनी चूत में धीरे से लेकर अपनी चूत चोदने लगी वो धीरे–धीरे आगे पीछे हो रही थी। उनके बूब्स हवा में उछल रहे थे।
कुछ देर के बाद वो झड़ गई उनके चूत का सारा पानी फर्श पर बह रहा था। और फिर कुछ समय बाद वो नहाते हुवे अपने संतरे को दबाने लगी।
दीदी को इस तरह देखने के बाद मेरा मन कर रहा था की भले ही मुझे कुछ भी करना पड़े में अब तो रचना दीदी को चोद कर ही रहूंगा।
आगे की कहानी में पढ़े की किस तरह मेने रचना दीदी को मनाया और उनकी गांड़ और चूत में अपना लंड डाला।
में अपेक्षा करता हु की आपको कहानी पसंद आई होगी इसका दूसरा भाग में जल्द ही लिखूंगा। अगर आपको कहानी पसंद आई हो तो प्लीज रिप्लाई करे और बताए की मेरी कहानी कैसी लगी। Gmail-(h6994661@gmail.com) ताकि मेरा मनोबल बढ़े।
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