कजिन सिस पोर्न कहानी में पढ़ें कि मैं मौसी के घर शादी में गया तो उनकी जवान बेटी मुझसे ज्यादा ही घुल मिल रही थी. रात को वो मेरे साथ सोई और …
अंतर्वासना प्रेमियों को नमस्कार.
मेरा नाम अभय सिंह है, मेरी उम्र बाईस साल है.
मेरी लम्बाई 6 फुट की है और मेरे लौड़े का आकार काफी मस्त है. ये सात इंच लम्बा और ढाई इंच मोटा है. ये किसी भी लड़की की चूत फाड़ने के लिए काफी है.
आज पहली बार मैं अपनी सच्ची सेक्स कहानी आप सबके सामने लिख रहा हूं.
मैं आशा करता हूं कि आप सब इस कजिन सिस पोर्न कहानी का आनन्द लेंगे.
यह घटना आज से एक साल पहले की है जब मेरी मौसी के बड़े बेटे की शादी थी.
मैं अपने परिवार समेत गुजरात गया था.
हम सब शादी के दो दिन पहले ही पहुंच गए थे. वहां हम लोग रात को करीब आठ बजे पहुंचे.
हमें लेने मौसा जी अपनी गाड़ी लेकर स्टेशन आए थे.
उनके साथ हम सब घर गए, सबसे मुलाक़ात हुई. फिर सबने खाना आदि खाया और आपस में इधर उधर की बातें करने लगे.
आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि मेरी मौसी का एक बेटा है, जिसका नाम कप्तान है और एक बेटी है, जिसका नाम रेनू है.
रेनू की उम्र 22 साल है और वो एक सेक्सी फिगर की मालकिन है. उसके चूचों की साइज बत्तीस इंच की है. वो काफी सेक्सी लड़की है. उसे देखकर किसी का भी लौड़ा सलामी देने लगेगा.
हालांकि उसके लिए मेरी ऐसी हवस भरी कोई भावना नहीं थी लेकिन वक्त को कुछ और ही मंजूर था.
हम सबको बातें करते हुए काफी समय हो गया था. मौसी ने हम सबके सोने के लिए बगल में ही एक फ्लैट किराए पर लिया था, तो हम सबको सोने के लिए वहां जाना था.
रेनू सभी को लेकर उधर आ गई थी.
उधर नीचे दो कमरे थे और एक हॉल था.
ऊपर की मंजिल पर तीन कमरे थे. ऊपर के कमरों में कुछ मेहमान पहले से ही रुके हुए थे. हम लोगों को नीचे के कमरों में सोना था.
मैं हॉल में ही फर्श पर ही गद्दा बिछाकर कर लेट गया.
सोफे पर ठीक से सोने में दिक्कत होती तो मैं नीचे ही लेट गया था.
थोड़ी देर बाद रेनू सबको सोने का का कह कर बाहर आ गई.
मैंने उसे देखा तो समझा कि शायद ये अपने घर वापस जा रही होगी.
मगर वो मेरे बगल में अपने सोने के लिए कम्बल लेकर आ गई और लेट गई.
मुझे थोड़ा सा अजीब लगा. मैंने सोचा कि उसको यहीं सोना होगा.
वैसे भी शादी के घर में यही होता है कि जिसको जहां जगह मिली, वो उधर लेट जाता है.
वो लेटते ही आंखें बंद करके सोने लगी. मैंने भी उसे डिस्टर्ब नहीं किया.
रेनू थक कर जल्दी ही सो गई थी. वो मेरे सीने पर हाथ रखकर सो चुकी थी.
सब सो चुके थे लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी. मैं अपना फोन चलाने लगा.
कुछ देर के बाद मुझे नींद आने लगी, तो मैं भी सोने लगा.
कुछ समय बाद मैंने महसूस किया और देखा तो रेनू मुझसे चिपकी हुई थी.
उसके ऊपर से कम्बल हट गया था.
जनवरी की रात थी, तो थोड़ी ठंड ज्यादा थी. मैंने रेनू को कम्बल ओढ़ाया और सो गया.
सुबह उठा, तो वो मेरे बाजू में नहीं थी.
मम्मी ने कहा- हम सब आज शादी के लिए शॉपिंग करने जाने वाले हैं. उठ जा और जल्दी से नहा ले.
मैंने हां कहा और नहा कर तैयार हो गया.
मैं चाय नाश्ता करने के लिए बैठा ही था कि बाजू में रेनू अपना कप लेकर आ गई.
मैंने मुस्कुरा कर उसकी तरफ देखा.
वो भी मुस्कुरा दी.
रेनू ने मुझसे पूछा कि रात को नींद अच्छी आई?
मैंने कहा- हां.
वो फिर से मुस्कुरा दी.
मैंने उसकी मुस्कुराते देखा तो पूछा- क्यों, क्या हुआ?
उसने बात को टाल दिया और बोली- कुछ नहीं. क्या मुस्कुरा नहीं सकती?
मैं कुछ नहीं बोला.
फिर हम सब शॉपिंग करने चले गए.
वो मेरे साथ ही गाड़ी में मुझसे चिपक कर बैठी थी.
उसके बदन की गर्मी से मुझे एक अजीब सा सुकून मिल रहा था. antarvasna
वो भी मेरी गोद में अपना हाथ रख कर बैठी थी जिससे मेरे लंड को कुछ कुछ हो रहा था.
अब लंड को तो कुछ समझ में आता नहीं है कि ये किसका हाथ है और कब खड़ा होना चाहिए या कब नहीं होना चाहिए.
मेरा लंड कड़क होने लगा.
लंड की सख्ती का अहसास रेनू को भी होने लगा.
उस वक्त मेरी हालत अजीब सी हो गई थी. न तो साला लंड बैठने को राजी था और न ही रेनू अपना हाथ हटा रही थी.
मैं कसमसा रहा था और उससे कह भी नहीं पा रहा था कि अपना हाथ हटा लो. आजू बाजू गाड़ी में सब लोग बैठे थे.
खैर … जैसे तैसे शॉपिंग हुई और वापसी में भी वो जानबूझ कर मेरे साथ चिपक कर ही बैठी.
वापसी में उतरते समय उसने मेरे लंड को पकड़ कर ऐसे मसल दिया जैसे उसने उतरने के लिए किसी चीज का सहारा लिया हो.
मेरे लंड से टीस सी उठी. मैंने उसकी तरफ दर्द भरी नजरों से देखा और वो आंख दबाती हुई नीचे उतर गई.
रात को वो फिर मेरे पास सोने आई. हम दोनों ने काफी देर तक बातें की.
उसने पूछा- कॉलेज कैसा चल रहा है?
मैंने कहा- ठीक चल रहा है.
फिर उसने पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मुझे अजीब लगा, मैंने कहा- क्यों पूछ रही हो?
उसने कहा- ऐसे ही … सबकी होती है, तो तुम्हारी भी होगी!
मैंने कहा- नहीं, अभी तो कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.
उसने फिर से मुस्कुरा दिया.
मैंने पूछा- क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है?
उसने कहा- नहीं, मैंने घर वालों के डर से अभी तक किसी लड़के से दोस्ती नहीं की है.
मैंने कहा- इतनी खूबसूरत लड़की का बॉयफ्रेंड नहीं है, ये थोड़ा अजीब है.
उसने पूछा- मैं तुम्हें कैसी लगती हूं?
मैं कहा- जैसे हीरोइन!
वो मुस्कुराने लगी.
उसके बाद उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और कहा- तुम भी मुझे अच्छे लगते हो.
इसी तरह की बात करते हुए हम दोनों सो गए.
रात को मेरी नींद खुली, तो मैंने देखा कि उसका हाथ मेरे अंडरवियर में था और वो मेरे लंड को आगे पीछे कर रही थी.
इस वजह से मेरा लंड तन कर लोहे की रॉड जैसा हो गया था.
मैंने भी अपना हाथ उसके मम्मों पर रख दिया और दबाने लगा.
उसके बाद मैंने उसकी ब्रा के अन्दर हाथ डाल दिया और उसकी चूचियों को दबाने लगा.
उसकी चूचियां काफी बड़ी थीं.
उसके बाद मैंने अपना हाथ उसके पैंटी में डाल दिया और उसकी चूत की फांकों में एक उंगली को घुसा दिया.
वो सिहर उठी.
क्या रसीली चूत थी, पानी से एकदम भीग गई थी.
उंगली चलाने में भी एकदम मलाई जैसी मुलायम लग रही थी.
उसकी चुत पर हल्के हल्के बाल थे जो उसकी चूत को और भी खूबसूरत बना रहे थे.
चूत में उंगली करने से वो एकदम से खुल गई और मुझे किस करने लगी.
उसकी चुदास भड़क गई थी और मेरा भी उसे चोदने का मूड बन गया था.
मैं भी उसके चूचों को चूसने लगा और दबाने लगा.
कुछ ही देर में वो एकदम गर्म हो चुकी थी.
उसके बाद हम दोनों ने अपने अपने सारे कपड़े उतार दिए.
मैंने कहा- लंड को अपने मुँह में लेना चाहोगी?
वो झट से तैयार हो गई और अपना मुँह लौड़े के पास करके लेट गई.
उसने मेरे लंड को पकड़ा और अपने मुँह में ले लिया.
वो मेरे लंड को मुँह में आगे पीछे करने लगी, इससे मैं तो सातवें आसमान पर था.
कुछ ही देर में उसने लंड को चूस चूस कर लाल कर दिया था.
थोड़ी देर बाद मैंने कहा- मैं झड़ने वाला हूं.
उसने कहा- राजा अपना माल मेरे मुँह में ही गिरा दो, मुझे पीना है.
मैंने सारा वीर्य उसके मुँह में झाड़ दिया. वो किसी बिल्ली की तरह मेरे वीर्य को मलाई समझ कर खा गई और लंड को चाटने लगी.
उसके बाद मैंने उसे वापस अपने सीने से लगाया और उसके होंठों को चूमने लगा.
वो भी मेरा साथ देने लगी.
उसने कहा- अब और मत तड़पाओ, चोद दो मुझे!
वो एकदम गर्म हो चुकी थी.
उसकी चूत डबल रोटी के जैसे फूल गई थी.
मैंने उसकी टांगों के बीच में आ गया और टांगों को फैला कर अपनी जीभ को उसकी चूत के बीचों-बीच रख दिया.
उसकी चूत से एक अलग ही खुशबू आ रही थी.
मैं चूत को चूसने लगा.
अब वो ऐंठने लगी.
मैं भी कभी उसकी चूत को काटता, तो कभी चूत के छेद के अन्दर जीभ डालने लगता.
उसने भी मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत से सटा लिया था.
थोड़ी देर चूत चटवाने के बाद वो झड़ गई और उसका सारा पानी मेरे मुँह में चला गया.
मैंने भी सारा पानी चाट लिया और उसकी चूत को साफ़ कर दिया.
उसके बाद मैंने उसकी चूत पर थोड़ा थूक लगाया और लौड़े को अन्दर डालना चाहा.
लेकिन जैसे ही मैं झटका मारता, लंड फिसल जाता.
ऐसा दो तीन बार हुआ क्योंकि उसकी चूत एकदम कसी थी.
ये देखकर वो हंसने लगी.
मैंने भी मन में सोचा कि इस बार तो लंड को अन्दर डाल कर ही रहूंगा.
मैंने फिर से चूत पर थोड़ा थूक लगाया और लंड के सुपाड़े को छेद पर रख कर जोर से झटका मारा.
इस बार आधा लंड सीधा उसकी चूत को चीरता हुआ अन्दर घुस गया.
मुझे लगा कि मेरा लंड किसी आग की भट्टी में घुस गया हो.
वो चिल्लाने की कोशिश करने लगी.
तो मैंने अपने होंठों से उसके होंठों को दबा दिया.
वो छटपटाने लगी.
मैं थोड़ी देर के लिए रूक गया.
वो कहने लगी- प्लीज़ बाहर निकालो मेरी जान निकल जाएगी, मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
लेकिन मैंने उसकी एक ना सुनी, लंड को चुत में अड़ाए पड़ा रहा. antarvasnastory2.in
थोड़ी देर बाद वो शांत हुई, तो मैं भी लंड को अन्दर बाहर करने लगा.
अब उसे भी मजा आ रहा था.
वो कामुक सिसकारियां निकालने लगी- आ आह आह … ओह आ और तेजी से चोदो … आह आह मजा आ रहा है.
मैं भी तेजी से लंड को अन्दर बाहर करने लगा.
मैंने कहा- अभी लंड आधा ही गया है.
उसने कहा- तो पूरा डालकर चोदो ना!
मैंने एक तेजी से झटका लगाया और पूरा लंड उसकी चूत में समा गया.
करीब पंद्रह मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था.
मैंने देखा, तो वो दुबारा से झड़ गई थी. मैंने कहा कि मैं झड़ने वाला हूं, माल कहां गिराऊं?
उसने कहा कि माल को अन्दर ही गिरा.
कुछ तेज झटकों के साथ मेरा माल उसकी चूत में समा गया.
मैं भी ढीला होकर उसके ऊपर लेट गया और उसके होंठों को चूसने लगा.
वो बोली- अभय आई लव यू.
मैंने भी उसको ‘आई लव यू टू.’ कहा.
उस रात हमने तीन बार ताबड़तोड़ चुदाई की, जिसमें एक बार उसको कुतिया बना कर मैंने उसकी गांड भी मारी.
अगले दिन शादी थी. उसके बाद मैं पांचवें दिन वापस आ गया.
अब हम दोनों की फोन पर बातें होने लगीं और फ़ोन पर ही सेक्स करने लगे.
अब जब भी हम दोनों मिलते हैं, तो चुदाई ज़रूर करते हैं.
तो मित्रो, आप सबको कैसी लगी मेरी मौसेरी बहन के साथ चुदाई?